मुख्यमंत्री ने की उद्योग विभाग की समीक्षा, स्वरोजगार से रोजगार पर किया फोकस

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उद्योग विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड इन्वेस्टर्स समिट के तहत हुए करारों की ग्राउंडिंग के लिए और तेजी से कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड के तहत हुए करारों की ग्राउंडिंग के लिए संबंधित विभागों द्वारा किये गये कार्यों का प्रस्तुतीकरण के माध्यम से पूरा ब्योरा देने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये। उन्होंने कहा कि औद्योगिक संस्थानों में राज्य के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर मिल सके, इसके लिए रोजगार मेलों के आयोजन किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियों और जिन नीतियों में संसोधन की आवश्यकता है, उनका प्रस्ताव जल्द लाया जाए। उन्होंने अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल पार्क, काशीपुर में बनने वाले इलेक्ट्रोनिक पार्क, सितारगंज में बनने वाले प्लास्टिक पार्क के लिए राज्य स्तर से होने वाली कार्यवाही को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये। राज्य में रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नई आई.टी.पॉलिसी को भी जल्द लाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। निर्यात संवर्द्धन के लिए डेडिकेटेड सेल बनाने के साथ देहरादून-ऋषिकेश में कन्वेंशन सेंटर की स्थापना के लिए भी शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।
बैठक में जानकारी दी गई कि उद्योग विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 13640 करोड़ के निवेश का लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक 28800 करोड़ का निवेश की ग्राउडिंग की जा चुकी है। इस वित्तीय वर्ष में अभी तक निवेश की ग्राउडिंग में 250 प्रतिशत वृद्धि हो चुकी है। मार्च 2024 तक 17200 करोड़ के और निवेश प्रस्तावों की ग्राउंडिंग का लक्ष्य है। जबकि 46 हजार रोजगार सृजन का लक्ष्य भी पूर्ण किया जा चुका है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के तहत राज्य में 215 यूनिट का रजिस्ट्रेशन हुआ है। जिसमें 5-5 गोल्ड और सिल्वर तथा 205 ब्रांज सेर्टिफिकेशन शामिल हैं। राज्य में 6180 एकड़ का लैंड बैंक बनाया गया है। राज्य में जिन परियोजनाओं पर कार्यवाही गतिमान है, उनमें एरोमा पार्क काशीपुर, प्लास्टिक पार्क सिंतारगंज, इलेक्ट्रोनिक पार्क काशीपुर, फूड पार्क कोटद्वार के निर्माण का कार्य गतिमान हैं। इसके साथ ही हरिद्वार में 200 करोड़ की लागत से 5 लाख स्क्वायर फीट में फ्लेटेड फैक्ट्री का निर्माण, पंतनगर और हरिद्वार में रेन्ट बेस एकमोडेशन के लिए 60 करोड़ की लागत 2 एकड़ में भवन निर्माण किया जायेगा। निवेशकों की सुविधाओं के लिए उद्योग विभाग द्वारा अनेक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री को सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय द्वारा राज्य को ओडीओपी के तहत राष्ट्रीय स्तर पर प्रदान किये गये द्वितीय पुरस्कार की शील्ड तथा प्रमाण पत्र सौंपा गया।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, विनय शंकर पाण्डेय, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

सतत विकास लक्ष्यों का नियमित रूप से अनुश्रवण करने के सीएम ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में नियोजन विभाग की समीक्षा करते हुए नियोजन विभाग के तहत कार्यरत विभागों एवं प्रकोष्ठों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने विकास से जुड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने तथा उनके प्रभावी अनुश्रवण तथा राज्य में बेहतर नियोजन प्रणाली, प्रभावी नीति निर्धारण एवं नवाचारों को प्रोत्साहन देने के लिए गठित स्टेट इंस्टीट्यूट इम्पावरिंग एण्ड ट्रांसफार्मिंग उत्तराखण्ड (सेतु) को प्रभावी बनाने के भी निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि नियोजन विभाग द्वारा सरकार की सभी योजनाओ की प्रभावी समीक्षा की जाए। राज्य के संसाधनों के कुशल और प्रभावी उपयोग के साथ विभागों के मध्य आपसी समन्वय, भागीदारी तथा नेटवर्किंग व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। उन्होंने सशक्त उत्तराखण्ड के अन्तर्गत राज्य की अर्थव्यवस्था को 05 वर्षों में दोगुना करने के प्रयासों, सतत विकास लक्ष्यों का नियमित रूप से अनुश्रवण करने के भी निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने पूर्व में सभी विभागों से एक-एक ऐसी योजना पर कार्य करने को कहा था, जो प्रदेश के विकास में गेम चेंजर साबित हो। इस संबंध में उन्होंने नियोजन विभाग को निर्देश दिये कि विभागों द्वारा इसके लिए किये गये प्रयासों का पूरा विवरण लेकर, रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। उन्होंने नीति आयोग द्वारा संचालित नवाचारी कार्यों के राज्य में प्रभावी क्रियान्वयन के भी निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, वित्तीय समावेशन और कौशल विकास तथा आधारभूत सुविधाओं के लिए नीति आयोग स्तर पर चयनित 06 आकांक्षी जनपदों और राज्य स्तर पर चयनित 09 आकांक्षी जनपदों में संचालित कार्यक्रमों एवं योजनाओं के नियमित अनुश्रवण के निर्देश भी दिये। मुख्यमंत्री ने राज्य में संचालित विभिन्न परियोजनाओं में उपयोग की जा रही सामग्री की गुणवत्ता का नियमित परीक्षण के भी निर्देश दिये, ताकि योजनायें गुणवत्तापूर्वक समय पर पूर्ण हो। बैठक में मुख्यमंत्री ने ‘‘परिवार पहचान पत्र उत्तराखण्ड/हमार कुटुम्ब’’ से संबंधित प्रगति की भी जानकारी ली।

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण समिति विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, नियोजन विभाग से मनोज पंत एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

आपदा मोचन तथा आपदा न्यूनीकरण निधि के प्रस्तावों को लेकर हुई बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में राज्य आपदा मोचन निधि एवं राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि के प्रस्तावों के अनुमोदन हेतु राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक आयोजित हुयी।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि समिति में प्रस्तावों के लाने से पूर्व जिला स्तरीय एवं राज्य स्तरीय मूल्यांकन समिति द्वारा प्रस्तावों की जांच अनिवार्य रूप से करा ली जाए। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर विभिन्न जनपदों द्वारा प्रस्तावों की स्वीकृति के लिए अलग-अलग प्रक्रियाएं अपनाई जा रही है। इसमें सुधार लाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी जनपदों से सुझाव मांगते हुए प्रस्तावों के अनुमोदन के लिए एक समान प्रक्रिया अपनाए जाने के निर्देश दिए।

शीतलहर को देखते हुए मुख्य सचिव ने जनपदों द्वारा आवश्यकता के अनुसार अतिरिक्त धनराशि के प्रस्ताव शासन को शीघ्र प्रेषित किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित समिति की बैठक में वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य में शीतलहर के प्रकोप से बचाव के लिए जनपद पौड़ी के लिए 15 लाख सहित बाकी 12 जनपदों को 10 -10 लाख (कुल ₹135 लाख) आबंटित कर कार्याेत्तर स्वीकृति सहित विभिन्न प्रस्तावों को स्वीकृति दी गयी।

इस अवसर पर सचिव रंजीत कुमार सिन्हा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जनपदों से जिलाधिकारी सहित शासन से अन्य वरिष्ठ उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

नशीले पदार्थों के प्रचलन को रोकने को एनडीपीएस एक्ट में करें कार्रवाईः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में राज्य स्तरीय एनसीओआरडी की बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि नशीले पदार्थों पर प्रभावी रोकथाम के लिए कार्ययोजना बनायी जाए। उन्होंने दवाइयों के रूप में नशीले पदार्थों के प्रचलन को रोकने के लिए भी एनडीपीएस एक्ट के तहत लगातार कार्रवाई किये जाने के निर्देश दिए। इसके लिए संयुक्त टीम बनाकर छापेमारी की कार्रवाई की जाय। हल्द्वानी और कोटद्वार में बनाये जा रहे नशा मुक्ति केन्द्रों की संचालन की शीघ्र कार्यवाही की जाए। उत्तराखण्ड के बोर्डर एरिया में नशीले पदार्थों की तस्करी को पूर्णतया रोकने के लिए सघन चेकिंग अभियान चलाया जाय।

मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान वर्चुअल माध्यम से जुड़े ‘नशा मुक्त शहर-नशा मुक्त गांव’ के अन्तर्गत चिन्हित 85 गांव/वार्ड के ग्राम प्रधानों और वार्ड मेम्बर को ‘जिंदगी को हां नशे को ना’ की शपथ भी दिलाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को ड्रग्स फ्री राज्य बनाने के लिए सभी विभागों को प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि इस अभियान में अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ा जाए। पुलिस, स्वास्थ्य, विद्यालयी शिक्षा, उच्च शिक्षा, समाज कल्याण विभाग और जनपद स्तर पर जिलाधिकारी ड्रग्स फ्री उत्तराखण्ड के लिए बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान भी चलायें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जेलों में ड्रग काउंसलिंग सेंटर बनाये जाएं। शिक्षा विभाग पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा और नशे के दुष्प्रभाव से संबंधित विषय शामिल करें। नशा मुक्ति के लिए जागरूकता के साथ ही नशीले पदार्थों की रोकथाम के लिए हर स्तर पर प्रयास किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस, प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों और उच्च शिक्षा विभाग नशा मुक्ति के लिए प्रभावी कार्ययोजना भी तैयार करे। सभी जिलाधिकारी यह प्रयास करें कि उनका जनपद सबसे पहले नशे से मुक्त हो। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति के लिए प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में सेल बनाने की आवश्यकता प्रतीत होती है, तो बनाये जाएं।

बैठक में शासन के अधिकारियों और जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा नशा मुक्ति के लिए अपने सुझाव दिये गये। इस अवसर पर विश्वविद्यालयों में ड्रग्स कंट्रोल क्लब बनाने, नशा मुक्ति के लिए ई.प्रतिज्ञा लेने, नशा मुक्ति अभियान में महिला स्वयं सहायता समूहों को जोड़ने, नशे को रोकने के लिए आधुनिक तकनीक के अधिकतम इस्तेमाल, विभिन्न माध्यमों से जागरूकता अभियान से सबंधित सुझाव दिये गये।

बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अभिनव कुमार, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, विशेष प्रमुख सचिव अमित कुमार सिन्हा, सचिव एच.सी. सेमवाल,डॉ. आर. राजेश कुमार, विजय कुमार यादव, विशेष सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल, अपर सचिव रंजना राजगुरू, निवेदिता कुकरेती, डीआईजी पी. रेणुका देवी वर्चुअल माध्यम से नारकोक्सि कंट्रोल ब्यूरो के डिप्टी डायरेक्टर जनरल ज्ञानेन्द्र सिंह, सभी जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे।

सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो को मजबूत बनाते हुए 15 दिन में मीटिंग कराए जाने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में सार्वजनिक उपक्रमों, निगमों, स्वायत्तशासी संस्थाओं के कार्य-कलापों का प्रभावी ढंग से अनुश्रवण एवं उनके कार्मिकों के अधिष्ठान सम्बन्धी विषयों के समाधान के सम्बन्ध में बैठक ली।

मुख्य सचिव ने कहा कि सार्वजनिक उद्यम एवं निगमों को 3 श्रेणियों में बांटा जाए। अच्छा प्रदर्शन कर मुनाफे में रहने वाले सार्वजनिक उपकर्म एवं निगम श्रेणी ‘ए‘ में, औसत प्रदर्शन करने वाले सार्वजनिक उपक्रमों, निगमों एवं स्वायत्तशासी संस्थानों को श्रेणी ’बी’ में और निम्न प्रदर्शन करने वाले सार्वजनिक उपक्रमों, निगमों एवं स्वायत्तशासी संस्थानों को ‘सी‘ श्रेणी में रखा जाए। अच्छा प्रदर्शन करने वाले निगम एवं संस्थानों को भत्तों आदि के लिए स्वतंत्रता दी जाएगी एवं अपने स्तर से निर्णय ले सकेंगे। ’बी’ और ’सी’ श्रेणी के सार्वजनिक उपक्रम एवं निगम आदि अच्छा प्रदर्शन कर निर्धारित मानदण्डों को पूरा कर श्रेणी ‘ए‘ में आ सकेंगे। इससे निगमों में प्रतियोगी भावना भी जागृत होगी और प्रदर्शन में सुधार आएगा।

मुख्य सचिव ने सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो को मजबूत बनाते हुए 15 दिन में मीटिंग कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सार्वजनिक उपक्रमों, निगमों, स्वायत्तशासी संस्थाओं के कार्य-कलापों का प्रभावी ढंग से अनुश्रवण एवं लक्ष्य आदि निर्धारित करने सम्बन्धी विषयों के समाधान हेतु केन्द्र सरकार द्वारा की गयी व्यवस्था को राज्य में भी लागू करने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, अरविन्द सिंह ह्यांकी, विनय शंकर पाण्डेय सहित विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों, निगमों, स्वायत्तशासी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

कॉफी टेबल बुक दि होली गंगा का सीएम ने किया विमोचन


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय परिसर में गढ़वाल मण्डल विकास निगम द्वारा स्थापित कैन्टीन का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जी.एम.वी.एन. द्वारा प्रकाशित कॉफी टेबल बुक ‘‘दि होली गंगा’’ का भी विमोचन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय परिसर में जी.एम.वी.एन. की कैन्टीन खुलने से सचिवालय कार्मिकों के साथ प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से सचिवालय आने वाले आगन्तुकों को भी जलपान व भोजन आदि की अच्छी सुविधा उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री ने जी.एम.वी.एन. को कैन्टीन के माध्यम से लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।

जी.एम.वी.एन. के प्रबंध निदेशक विनोद गिरी गोस्वामी ने मुख्यमंत्री को जी.एम.वी.एन. द्वारा संचालित कार्यकलापों की जानकारी दी।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी सहित जी.एम.वी.एन. के अधिकारीगण उपस्थित थे।

सिल्क्यारा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का सीएम ने लिया अपडेट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आज सचिवालय स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष में पहुंचकर उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट लिया तथा महत्वपूर्ण निर्देश दिए।

एसीएस राधा रतूड़ी ने सिल्क्यारा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की अद्यतन स्थिति एवं टनल में फंसे श्रमिकों की कुशलक्षेम की जानकारी ली। आपदा नियंत्रण कक्ष में सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को जानकारी दी गई कि ढही हुई सुरंग के 40 मीटर के लिए शॉटक्रेटिंग के साथ खुदाई का कार्य प्रगति पर है। बाएं और दाएं दोनों तरफ शीर्ष से 10 मीटर ऊपर गुहा बन गई है, सुरंग के साथ चिमनी का निर्माण शुरू हो गया है।
अतिरिक्त शॉटक्रीट मशीन को आरवीएनएल पैकेज-3 से कार्य स्थल पर स्थानांतरित किया गया है। प्राधिकरण अभियंता, टीम लीडर, आरवीएनएल से भूवैज्ञानिक निदेशक, एनएचआईडीसीएल के निदेशक (ए एण्ड एफ), निदेशक (टी) और कार्यकारी निदेशक (टी) और तथा सीजीएम, एनएचएआई के भू-तकनीकी विशेषज्ञों ने ढहने वाली जगह का समय-समय पर दौरा किया है। रात भर और उसके बाद सभी विकल्पों पर विचार किया गया तथा परिणामस्वरूप जो विकल्प कार्यान्वयन के अधीन है उसके तहत अंदर फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए हाइड्रोलिक जैक की मदद से 900 मिमी व्यास वाले एमएस स्टील पाइप को धक्का देना।

अधिकारियों द्वारा एसीएस रतूड़ी को जानकारी दी गई कि सुरंग के अंदर फंसे कार्यबल के पास पानी, भोजन, ऑक्सीजन, बिजली सभी उपलब्ध हैं, छोटे भोजन के पैकेट भी संपीड़ित हवा के साथ एक पाइप के माध्यम से सुरंग के अंदर भेजे गए हैं। श्रमिकों द्वारा खाद्य सामग्री प्राप्त होने की पुष्टि की गई है। श्रमिकों द्वारा बताया गया है कि वे सभी फंसे हुए श्रमिक सुरक्षित हैं। शुक्रवार सुबह 9ः30 बजे तक 22.0 मीटर पाइप पुशिंग का काम पूरा हो चुका है। पांचवें पाइप की पॉजिशनिंग का कार्य प्रगति पर है। स्टील पाइप को सफलतापूर्वक पुश करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा कार्य की प्रगति की निगरानी की जा रही है। एनएचआईडीसीएल के निदेशक (ए एंड एफ), निदेशक (टी), कार्यकारी निदेशक (पी) और बीआरओ, एनएचएआई, आरवीएनएल, राइट्स, भारतीय रेलवे, यूएसबीआरएल, इरकॉन, केआरसीएल, प्राधिकरण के इंजीनियर, मेसर्स नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड, एसजेवीएनएल के विशेषज्ञ और डिज़ाइनर मेसर्स बर्नार्ड बचाव अभियान की नज़दीकी निगरानी एवं श्रमिकों की जल्द निकासी के लिए साइट पर मौजूद हैं।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश हैं कि रेस्क्यू कार्यों में लगी सभी टेक्निकल एंजेसियों को शासन-प्रशासन एवं अधिकारियों द्वारा सभी आवश्यक सहयोग एवं सहायता ससमय उपलब्ध करवायी जानी चाहिए। एसीएस रतूड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बचाव कार्यों में लगी एंजेसियों और जिलाधिकारी उत्तरकाशी से निरन्तर अपडेट ले रहे हैं तथा कमिशनर गढ़वाल एवं आईजी गढ़वाल के निरन्तर सम्पर्क में हैं। मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हुई केंद्रीय एजेंसियों की टीम की हौसला अफजाई की है। केन्द्र सरकार के स्तर से भी रेस्क्यू ऑपरेशन की निरन्तर निगरानी की जा रही है तथा राज्य सरकार को पूरा सहयोग मिल रहा है।

एसीएस ने स्थानांतरण नीति को लेकर शासन ने कर्मचारी संगठनों से माँगे सुझाव

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्थानांतरण नीति को लेकर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने शुक्रवार को सचिवालय में प्रदेश के विभिन्न कर्मचारी/शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस दौरान कार्मिक, न्याय, वित्त विभाग के अधिकारियों समेत सभी संगठनों के प्रतिनिधियों ने नई स्थानांतरण नीति पर विचार विमर्श किया।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि कार्मिको के हितों को ध्यान रखने के साथ ही प्रदेश की जनता को बेहतर सुविधा मिले, इसी ध्येय के साथ नई स्थानांतरण नीति को लेकर सुझाव आमंत्रित किए जा रहे हैं।

अपर मुख्य सचिव ने कार्मिक विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में कई ऐसे स्थान हैं जो 15-20 साल पूर्व तक अति दुर्गम/दुर्गम की श्रेणी में थे एवं वर्तमान में सड़क एवं अन्य सुविधाओं की वजह से सुगम क्षेत्र में आ गये हैं ऐसे क्षेत्रों का पुनरीक्षण किया जाए। बैठक के दौरान जनपद कैडर, मण्डल कैडर और प्रदेश कैडर के कार्मिकों को एक बार सेवाकाल में गृह जनपद में तैनाती, पदोन्नति और स्थानांतरण में काउन्सलिंग कराने जैसे महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए। अपर मुख्य सचिव ने सभी कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों से लिखित सुझाव शासन को देने का भी अनुरोध किया है।

इस अवसर पर अपर सचिव वित्त डॉ. वी. षणमुगम , अपर सचिव कार्मिक डॉ ललित मोहन रयाल, अपर सचिव शिक्षा योगेन्द्र यादव, अपर सचिव न्याय रजनी शुक्ला, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर समेत विभिन्न कार्मिक संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।

मुख्य सचिव ने नाबार्ड से ऋण के लक्ष्यों को लेकर की बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में विभिन्न विभागों द्वारा नाबार्ड से ऋण के लक्ष्यों के सम्बन्ध में समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि स्वीकृत प्रस्तावों के सापेक्ष विभागों द्वारा डिस्बर्शमेंट की प्रगति संतोषजनक नहीं है। सभी विभागों को इसमें तेजी लाने की आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने नाबार्ड को भी प्रस्तावों की स्वीकृति में तेजी लाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों के सचिवों एवं विभागाध्यक्षों को ऋण वितरण एवं अदायगियों में तेजी लाने के लिए साप्ताहिक समीक्षाएं किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागों को वितरण और अदायगियों में आ रही समस्याओं का निवारण कर शीघ्र कार्यों को पूर्ण किया जाए। उन्होंने विभागीय सचिवों को आरआईडीएफ के अंतर्गत प्रस्तावों को विभागीय कैलेंडर से जोड़ते हुए स्वीकृति से लेकर डिस्बर्शमेंट तक निर्धारित समयसीमा में पूर्ण कराया जाए। उन्होंने प्रोजेक्ट कम्प्लीशन रिपोर्ट्स भी शीघ्र जमा कराए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि अच्छे प्रस्ताव लगातार तैयार कर प्रस्ताव वित्त को भेजे जाने के साथ ही डीपीआर नाबार्ड को भी भेज दी जाए, ताकि समय पर नाबार्ड की भी संस्तुति मिल सके। उन्होंने प्रत्येक सप्ताह और पाक्षिक रूप से प्रस्तावों की लगातार मॉनिटरिंग किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने पीएम गति शक्ति उत्तराखण्ड पोर्टल पर भी लगातार अपडेट किए जाने के निर्देश दिए।

बैठक में सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि नाबार्ड से लिए जाने वाले 1090 करोड़ के ऋण के लक्ष्य के सापेक्ष विभागों ने 907.93 करोड़ के प्रस्ताव नाबार्ड को भेज दिए हैं, नाबार्ड ने 501.20 करोड़ के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। शेष प्रस्तावों का परीक्षण प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि 900 करोड़ के डिस्बर्शमेंट के लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक विभागों द्वारा मात्र 273.82 करोड़ का डिस्बर्शमेंट किया गया है।

इस अवसर पर सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, एस.एन. पाण्डेय, अपर सचिव सी. रविशंकर एवं विनीत कुमार सहित विभागों के विभागाध्यक्ष एवं उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

एसीएस रतूड़ी ने राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल के संबंध में बुलाई बैठक

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के तर्ज पर उत्तराखण्ड में राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल (एसआईएसएफ) के गठन हेतु कार्ययोजना बनाने के सम्बन्ध में सचिवालय में होमगार्ड्स, विभिन्न औद्योगिक संस्थानों, बैंक अधिकारियों, सिडकुल, नागरिक उड्डयन विभाग तथा गृह विभाग के अधिकारियों की बैठक ली।

एसीएस राधा रतूड़ी ने प्रदेश में स्थित सभी बैंकों, एयरपोर्ट्स, हैलीपेड, औद्योगिक संस्थानों, सिडकुल, राज्य एवं केन्द्र सरकार के उपक्रमों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में सुरक्षा बलों की आपूर्ति से सम्बन्धित जानकारी गृह विभाग को जल्द प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के तर्ज पर राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल (एसआईएसएफ) गठन के निर्देश दिए हैं। इसके लिए राज्य में बैंकों को करेंसी चेस्ट की सुरक्षा एवं एयरपोर्ट्स, हैलीपेड, औद्योगिक संस्थानों, सिडकुल, राज्य एवं केन्द्र सरकार के उपक्रमों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए कितनी संख्या में सुरक्षा बलों की आवश्यकता होगी इसके सटीक आंकड़े जुटाना आवश्यक है। एसीएस ने कहा कि राज्य में बैंकों एवं औद्योगिक आस्थानों, हैलीपैड एवं सरकारी उपक्रमों की पुख्ता सुरक्षा के लिए एक उत्तरदायी एवं संवेदनशील सुरक्षा बल की नितान्त आवश्यकता है।

बैठक में उत्तराखण्ड होमगार्ड्स विभाग को एसआईएसएफ का कार्य दिये जाने के औचित्य पर भी विस्तृत चर्चा की गई। एसीएस ने सम्बन्धित अधिकारियों को उत्तराखण्ड होमगार्ड्स के प्रस्ताव का अध्ययन करने के निर्देश दिए हैं।

इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव सी रविशंकर, विशेष सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल, विम्मी सचदेवा एवं उत्तराखण्ड होमगार्ड्स विभाग, सिडकुल, नागरिक उड्डयन विभाग, गृह विभाग, विभिन्न औद्योगिक संस्थानों व बैंकों के अधिकारी उपस्थित थे।