उत्तराखंड में अगले कुछ दिन के लिए मौसम विभाग ने जारी की एडवाइजरी

मौसम विभाग के मुताबिक उत्तराखंड के ज्यातादर इलाकों में बुधवार को हल्की से मध्यम बारिश और ऊंचे पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी हो रही है। राज्य में पश्चिमी विछोभ की सक्रियता से बारिश हो रही है। उत्तराखंड के प्रमुख हिल स्टेशनों पर बर्फबारी का अनुमान है।
उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली आदि में 25 से 2200 मीटर से ऊपरी इलाकों में इक्का-दुक्का इलाकों में बारिश बर्फबारी का सिलसिला जारी है। गुरुवार को बारिश बर्फबारी में कुछ कमी आएगी, लेकिन सात जनवरी को फिर से एक ओर पश्चिमी विछोभ की वजह से बारिश और बर्फबारी बढ़ेगी। आठ जनवरी को भी इसमें ओर भी तेजी आएगी। गढ़वाल क्षेत्र में बारिश बर्फबारी का अनुमान है। आठ को प्रदेश के अधिकत्तर इलाकों में बारिश होगी। नौ को मौसमी गतिविधि में कुछ कमी आएगी। हालांकि ऊंचे पर्वतीय इलाकों में भारी बर्फबारी हो सकती है। मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक, बर्फबारी के चलते ऊंचे इलाकों में सड़क मार्ग बंद हो सकते हैं। सैलानी खराब मौसम के मद्देनजर गर्म कपड़े अपने साथ रखें। मौसम विभाग ने आठ जनवरी को लेकर येलो अलर्ट भी जारी किया है।

उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी का दौर फिर शुरू

मौसम के करवट बदलते ही उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी का दौर फिर शुरू हो गया। चारधाम समेत नैनीताल व मसूरी की चोटियों पर हिमपात हुआ है। जबकि, प्रदेश के अधिकांश इलाकों में तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश ने ठंड बढ़ा दी है। औली और फूलों की घाटी में भारी हिमपात हुआ है। मौसम के बदले तेवरों ने प्रदेशभर में फिर कड़ाके की ठंड लौट आई है। तापमान के गोता लगाने और बर्फीली हवाएं चलने से ठिठुरन बढ़ गई है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार शनिवार को भी मौसम का मिजाज बदला हुआ रहने की संभावना है। अधिकांश इलाकों में बारिश और बर्फबारी के साथ ही ओलावृष्टि के आसार हैं।
शुक्रवार को उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में एक बार फिर भारी हिमपात हुआ। धनोल्टी के आसपास की पहाड़ियों पर सफेद चादर बिछ गई। इसके अलावा मसूरी में मूसलाधार बारिश ने ठंड में इजाफा कर दिया। वहीं, चंपावत में बारिश के कारण सुबह छह बजे टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वाला और बनलेख के पास चट्टान खिसककर सड़क पर आ गई। इससे मार्ग करीब पांच घंटे तक बंद रहा।
प्रदेश के अधिकांश शहरों में अधिकतम तापमान लुढ़ककर सामान्य से नीचे पहुंच गया है, जिससे दिन के समय भी ठिठुरन बनी रही। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के जम्मू एंड कश्मीर व हिमाचल पहुंचने के चलते उत्तराखंड में बादलों ने डेरा जमा लिया है। ऐसे में शनिवार को भी अधिकांश इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। मैदानी क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ ही ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की गई। केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह का हेलीकॉप्टर खराब मौसम के चलते देहरादून से उड़ान नहीं भर सका। केंद्रीय राज्य मंत्री को हवाई मार्ग से दून से श्रीनगर और उसके बाद गौचर जाना था। मौसम खराब होने के कारण उन्हें सड़क मार्ग से ही श्रीनगर जाना पड़ा।

चारधाम सहित हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी से एक बार फिर ठंड बढ़ी

उत्तराखंड में मौसम के मिजाज में कोई बदलाव नहीं देखने को मिला है। प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में एक बार फिर से हिमपात होने से ठंड में एकाएक बढ़ोत्तरी हुई है। चार धाम के साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिमपात से कड़ाके की ठंड जारी है। प्रदेश के आठ शहरों में न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से भी कम है। इतना ही नहीं अधिकतम तापमान भी सामान्य से पांच से सात डिग्री सेल्सियस कम बना हुआ है। देहरादून स्थित राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार शनिवार को प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी के आसार हैं, वहीं निचले इलाकों में बादल छाए रहेंगे और हल्की बूंदाबांदी भी संभव है।
उत्तराखंड में शीतलहर का असर बना हुआ हैं। मसूरी, चमोली के जोशीमठ और कुमाऊं के चम्पावत में पारा तीन डिग्री सेल्सियस से भी कम है। शीतलहर के असर को देखते हुए हरिद्वार और नैनीताल में शुक्रवार को एक से बारहवीं तक के स्कूलों में अवकाश रहा। वहीं देहरादून में स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि रविवार तक प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस) का प्रभाव बना रहेगा। बताया कि इस दौरान उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग व पिथौरागढ़ जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश व बर्फबारी हो सकती है।
गंगा घाटी में भारी हिमपात से ठंड का कहर अपने चरम पर है। हाल ये है कि भीषण ठंड के कारण झाला से लेकर गंगोत्री तक कई झरने और नाले जम चुके हैं। गंगोत्री में भागीरथी (गंगा) के जिस हिस्से में बहाव कम है वहां भी पानी बर्फ बन चुका है। शीतलहर के कारण हर्षिल घाटी और गंगोत्री में पेयजल संकट गहरा गया है। लोग पानी का इंतजाम बर्फ गलाकर कर रहे हैं। गंगोत्री में इन दिनों 55 और भैरवघाटी में 40 लोग रह रहे हैं। ठंड के कहर का सबसे अधिक असर 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में है। जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 65 किमी दूर गंगोत्री की ओर सुक्की टॉप गांव से लेकर गंगोत्री तक अपनी सुंदरता बिखेरने वाले 40 से अधिक झरने व नाले जम चुके हैं। हर्षिल घाटी के आठ गांवों के अलावा गंगोत्री को पेयजल आपूर्ति करने वाले पेयजल स्रोत जम गए हैं।
हर्षिल के लोगों का कहना है कि हर्षिल घाटी में पाइपों के अंदर पानी जम चुका है। ऐसे में लोगों को पीने के पानी के लिए बर्फ पिघलानी पड़ रही है। झाला और धराली के बीच जो छोटी नदियां गंगा में मिलती हैं, उनका पानी भी मुहाने पर जम चुका है। शीतलहर के कहर से बर्फ बने नाले और झरने पर्यटकों को रोमांचित कर रहे हैं। लेकिन, स्थानीय लोगों के लिए के लिए यह किसी सजा से भी कम नहीं है।

शीतलहर की चपेट में उत्तर भारत, कई जिलों में ठंड से मौत की खबर

पहाड़ों में लगातार हो रही बर्फबारी के चलते उत्तरी भारत शीतलहर की चपेट में है। ठंड से अब तक देशभर के विभिन्न जिलों में 25 लोगों की जान चली गई।
इनमें चंदौली में 6, हमीरपुर में 4, बांदा, बलिया व गाजीपुर में 2-2, वाराणसी, भदोही, जौनपुर, आजमगढ़, मऊ, चित्रकूट, महोबा, फतेहपुर व हाथरस में एक-एक की मौत हुई है। प्रदेश में बागपत में न्यूनतम तापमान 4.9, मुजफ्फनरगर में 5 और सहारनपुर 6 व वाराणसी में 8.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
फिलहाल ठंड से राहत के कोई आसार नहीं नजर आ रहे हैं। पूर्वांचल में बीते 24 घंटे में 15 लोगों की जान चली गई। चंदौली जिले में मजनू (5), इंद्रनाथ सिंह चैहान (62), लक्ष्मण यादव (65), रज्जन मौर्या (60), रामवृक्ष मौर्य (60) और वीरेंद्र माली (55) की ठंड से मौत हो गई।
गाजीपुर में चमेला देवी (68) व रेखा (6) और बलिया में शिव शंकर यादव उर्फ पेटू (70), उपेंद्र यादव (48) की मौत हुई है। इसके अलावा वाराणसी में सिताबुन (75), भदोही में राजनारायण गुप्ता उर्फ नबी (53), जौनपुर में सालिक राम (50) और आजमगढ़ में बालचंद (58) तथा मऊ में एक अज्ञात वृद्ध की भी मौत हो गई।
बुंदेलखंड के महोबा में रूपरानी (70), हमीरपुर में समर (7), गजराज यादव (75), फूलमती (85) व सुखदेई सिंह (90) की भी ठंड से जान चली गई। चित्रकूट में जगदीश प्रसाद, बांदा में दुर्गेश लोध (38) और झंडू (90) की मौत हुई है। उधर, फतेहपुर जिले के असोथर क्षेत्र के बेसढ़ी गांव निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक राजविभीषण राजपूत व हाथरस में अलीगढ़ रोड स्थित गांव तमनागढ़ी में एक बुजुर्ग की ठंड से मौत हो गई।
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होते ही बृहस्पतिवार को पहाड़ों पर फिर बर्फबारी का दौर शुरू हो गया जिससे उत्तर भारत में ठंड का प्रकोप बढ़ गया। उत्तराखंड के केदारनाथ, बदरीनाथ, तुंगनाथ, हेमकुंड साहिब, मद्महेश्वर समेत ऊंचाई वाले स्थानों व हिमाचल के रोहतांग और किन्नौर में हिमपात हुआ है। वहीं जम्मू लगातार तीसरे दिन धुंध की चपेट में रहा, शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में कई जगहों पर हल्की बर्फबारी या बारिश होने की संभावना है।
उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में बृहस्पतिवार दोपहर 12 बजे के बाद से हल्की बर्फबारी शुरू हो गई थी, जो शाम तक जारी रही। यहां पहले से छह फुट से अधिक बर्फ मौजूद है। उधर, चमोली जिले में 12-13 दिसंबर को हुई बर्फबारी के चलते अभी भी करीब 90 गांवों में विद्युत आपूर्ति ठप पड़ी है। वहीं सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने बृहस्पतिवार को नीती और माणा घाटियों को जोड़ने वाली सड़कों को वाहनों की आवाजाही के लिए सुचारु कर दिया है।
हिमाचल में ताजा बर्फबारी के चलते प्रशासन ने सैलानियों को सोलंगनाला जाने से रोक दिया है। रोहतांग दर्रा के साथ कुल्लू, लाहौल और किन्नौर की ऊंची पहाड़ियों में बृहस्पतिवार को रुक-रुककर बर्फबारी का दौर जारी रहा। खराब मौसम की वजह से गगल हवाई अड्डे में जहाज भी नहीं उतर पाए। वहीं हिमाचल में इस बार भी व्हाइट क्रिसमस की उम्मीद टूट गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 22 से 25 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान जताया है।
रिलकोट में बर्फबारी में फंसे जवान-पोर्टर सुरक्षित निकाले जाएंगेरू मुनस्यारी के रिलकोट में बर्फबारी के बीच फंसे आईटीबीपी के आठ जवानों और सात पोर्टरों को सुरक्षित निकालने की कोशिश शुरू हो गई हैं। आईटीबीपी ने रेलकोट में हैलीपेड तैयार कर लिया है। साथ ही एयरफोर्स अधिकारियों से फंसे जवानों और पोर्टरों को निकालने के लिए पत्र लिखा गया है।