सीएम ने किया आईआईटी रूड़की द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आई.आई.टी रूड़की में सौर ऊर्जा पर आधारित ‘पेरोवस्काइट सोसाइटी ऑफ इण्डिया मीट-2023’ में खटीमा से वर्चुअल प्रतिभाग किया। उन्होंने आईआईटी रुड़की और पेरोवस्काइट सोसाइटी ऑफ इण्डिया की टीम को सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस सेमिनार के आयोजन के लिए बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत में वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों को बढ़ावा देकर ऊर्जा के क्षेत्र में पूर्ण सुरक्षा और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। आज रूड़की में ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की विकासवादी सोच पर आधारित सेमिनार का आयोजन हो रहा है। सौर ऊर्जा एवं अन्य वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से देश की प्रगति में भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री जी द्वारा निरन्तर मार्गदर्शन दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुकूल मौसम होने के कारण उत्तराखण्ड में सौर ऊर्जा से संबंधित परियोजनाएं विकसित करने की अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार सौर ऊर्जा के अपार संसाधनों के उचित प्रयोग से प्रदेश में “ऊर्जा क्रांति“ लाने के लिए प्रयासरत है। उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों में ऊर्जा संबंधी जरूरतों को पूर्ण करने हेतु सौर ऊर्जा अत्यंत प्रभावी साबित हो सकती है। सौर ऊर्जा का किफायती दरों पर उपलब्ध होना पहाड़ी व दुर्गम क्षेत्रों के निवासियों के लिए अत्यंत फायदेमंद हो सकता है। यही वजह है कि दुर्गम क्षेत्रों में सौर ऊर्जा का प्रयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को 2025 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। सरकार की प्राथमिकता है कि राज्य के प्रत्येक घर तक बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो। इसे पूर्ण करने के लिए राज्य सरकार प्रदेश में सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विज्ञान के क्षेत्र में रूचि रखने वाले महानुभाव सेमिनार के माध्यम से उत्तराखंड में सौर ऊर्जा के कुशल संचालन हेतु अपने बहुमूल्य सुझाव देंगे। उन्होंने कहा कि यह सेमिनार एक रोडमैप विकसित करने में मददगार साबित होगा। जिससे हम उत्तराखण्ड राज्य के साथ-साथ सम्पूर्ण भारतवर्ष में सौर ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग कर सकेंगे।

इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से विधायक रूड़की प्रदीप बत्रा, आई.आई.टी रूड़की के निदेशक प्रो. के.के. पन्त, सेमिनार के संयोजक प्रो. सौमित्र सतपति एवं विभिन्न प्रदेशों से आये वैज्ञानिक उपस्थित थे।

एक हजार गांवों में सोलर ऊर्जा से होगी विद्युत सप्लाई

उत्तराखंड के एक हजार गांवों को सोलर ऊर्जा से रोशन किए जाने के लक्ष्य पर काम शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बारे में प्रस्ताव कैबिनेट में पास कराने के लिए विभाग को तुरंत ड्राफ्ट बना कर देने को कहा है।
उत्तराखंड में सौर ऊर्जा उत्पादन की असीम संभावनाएं हैं। सरकार ने एक हजार गांवों में बंजर पड़ी पूरब मुखी जमीनों को चिन्हित भी कर लिया है। सरकार चाहती है कि इन गांवों में सौर ऊर्जा से ही विद्युत सप्लाई की जाए। धामी सरकार का मानना है कि इससे स्थानीय रोजगार के साथ-साथ सस्ती बिजली भी लोगों को मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने ऊर्चा सचिव को ये निर्देशित किया है कि एक हजार गांवों में सोलर ऊर्जा के प्रोजेक्ट को कैबिनेट में लाने के लिए उसका फाइनल ड्रॉफ्ट तैयार करे, ताकि इस पर सरकार इसे पास करके योजना को निर्धारित समय के साथ पूरा कराया जा सके। सौर ऊर्जा पॉलिसी को ड्राफ्ट करने का काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट उन स्थानीय लोगों को निवेश करने का मौका मिलेगा जो गांवों को छोड़कर अन्य स्थानों पर रह रहे हैं उनकी बंजर भूमि से आय भी होगी।

प्रधानमंत्री का मन की बात कार्यक्रम देशवासियों के लिए प्रेरणास्रोत-महेन्द्र भट्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम के 94वें एपिसोड पर भाजपा ऋषिकेश बूथ संख्या 11 और 12 के कार्यकर्ताओं द्वारा सुना गया। इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल भी मौजूद रहे।
रविवार को दून रोड स्थित एक होटल में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि पीएम ने छठ पर्व का जिक्र किया और प्रार्थना कि छठ मइया सबकी समृद्धि, सबके कल्याण का आशीर्वाद दें। उन्होंने कहा कि सूर्य उपासना की परंपरा इस बात का प्रमाण है कि हमारी संस्कृति, हमारी आस्था का, प्रकृति से कितना गहरा जुड़ाव है। इस पूजा के जरिए हमारे जीवन में सूर्य के प्रकाश का महत्व समझाया गया है। साथ ही ये संदेश भी दिया गया है कि उतार-चढ़ाव, जीवन का अभिन्न हिस्सा है. इसलिए, हमें हर परिस्थिति में एक समान भाव रखना चाहिए।
भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सूर्य उपासना के साथ-साथ ‘सौर ऊर्जा’ की बात की। कहा कि सोलर एनर्जी आज एक ऐसा विषय है, जिसमें पूरी दुनिया अपना भविष्य देख रही है और भारत के लिए तो सूर्य देव सदियों से उपासना ही नहीं, जीवन पद्धति के भी केंद्र में रह रहे हैं। भारत, आज अपने पारंपरिक अनुभवों को आधुनिक विज्ञान से जोड़ रहा है, तभी, आज हम, सौर ऊर्जा से बिजली बनाने वाले सबसे बड़े देशों में शामिल हो गए हैं। 
इस मौके पर मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु में कांचीपुरम और गुजरात के मोढेरा का भी जिक्र किया। कहा कि यहां ज्यादातर घर, सोलर पावर से बिजली पैदा करने लगे हैं, अब वहां के कई घरों में महीने के आखिर में बिजली का बिल नहीं आ रहा, बल्कि, बिजली से कमाई का चेक आ रहा है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में सदैव उत्तराखंड का जिक्र किया है। 94वें एपिसोड में गुरुनानक जयंती का जिक्र करते हुए केदारनाथ रोपवे का जिक्र किया और हेमकुंड गुरुद्वारा का भी उन्होंने उदाहरण दिया।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि मन की बात समाज से निकली हुई बातों पर आधारित होती है। प्रधानमंत्री मोदी के इस कार्यक्रम के जरिये देश को प्रेरणा मिलती है। युवाओं में नई ऊर्जा का संचार होता है। भविष्य की राह खुलती है। 
इस मौके पर प्रदेश सह मीडिया प्रभारी कमलेश उनियाल, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य संदीप गुप्ता, प्रदेश आईटी प्रभारी हिमांशु संगतानी, मण्डल अध्यक्ष दिनेश सती, बूथ अध्यक्ष 12 नरेंद्र रतूड़ी, कपिल गुप्ता, जितेंद्र अग्रवाल, रविन्द्र राणा, सरोज डिमरी, बृजेश शर्मा, महामंत्री सुमित पंवार, जयंत शर्मा, पार्षद शिव कुमार गौतम, प्रदीप कोहली, कविता शाह, गंभीर मेवाड़, मोनिका गर्ग, सरला अग्रवाल, सिमरन गाबा, राकेश पारछा, सुजीत यादव, उदिता गुप्ता, गुड्डी कलूड़ा, किशन मण्डल, रविन्द्र बिरला, राजू शर्मा, माधवी गुप्ता, रूपेश गुप्ता आदि सैकड़ो की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

ईमानदारी से हर क्षेत्र में कार्य करने की जरुरतः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश में स्वस्थ औद्योगिक वातावरण के सृजन हेतु समेकित प्रयासों के साथ ही ईमानदारी, पारदर्शिता एवं परस्पर विश्वास की भावना से कार्य करने पर बल दिया है। उन्होंने उद्यमियों से पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना पर भी ध्यान देने को कहा है, पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण के साथ ही सौर उर्जा के क्षेत्र में काफी संभावनाये हैं। सौर उर्जा के क्षेत्र में लगभग 800 करोड़ का निवेश इन क्षेत्रों में हुआ है। जबकि टाटा ग्रुप द्वारा भी प्रदेश में सौर ऊर्जा सहित अन्य क्षेत्रों में निवेश की इच्छा जतायी है।
श्रम विभाग एवं इंडस्ट्रीज ऑफ उत्तराखण्ड (आई.ए.यू.) के संयुक्त तत्वाधान में श्रम कानूनों एवं अग्नि सुरक्षा प्राविधानों में सुधार से सम्बन्धित कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों के अनुकूल वातावरण बनाये जाने के साथ ही श्रमिकों की समस्याओं का भी तत्परता से समाधान हो इसके भी प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने उद्यमियों को सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जा रही सुविधाओं तथा उनके व्यापक हित में लिये गये सुधारात्मक प्रयासों की जानकारी उन्हें उपलब्ध कराने के लिए ऐसे आयोजनों को सराहनीय प्रयास बताया।
मुख्यमंत्री ने उद्यमियों से पर्वतीय क्षेत्रों में सौर उर्जा, पर्यटन व खाद्य प्रसंस्करण से सम्बन्धित उद्योगों की स्थापना पर ध्यान देने की अपेक्षा करते हुए कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में जिन खेतों का उपयोग नहीं हो रहा है वहां पर 5 मेगावाट तक के सौलर प्लांट स्थानीय लोगों के लिये आवंटित किये जा रहे हैं। ये योजनायें स्थानीय लोगों की आपसी सहमति से ज्वाइंट वेंचर में भी स्थापित की जा सकती है। इन क्षेत्रों में फिल्मांकन की भी व्यापक संभावनाएं हैं। ग्रामीण आर्थिकी की मजबूती के लिये प्रदेश की न्याय पंचायत स्तर पर ग्रोथ सेंटरों की स्थापना की जा रही है। अब तक 82 ग्रोथ सेंटरों को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। स्थापित होने वाले ग्रोथ सेंटर न्याय पंचायतों में भविष्य की नई टाउन शिप विकसित करने तथा अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मददगार होंगे। इससे इन क्षेत्रों में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा तथा उनकी प्रोसेसिंग व माक्रेटिंग की भी व्यवस्था होगी। यहां पर अच्छे स्कूल व अस्पतालों की भी सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बेहतर कार्य संस्कृति विकसित कर जन समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। अधिकारी टीम भावना के साथ कार्य कर रहे हैं।
प्रमुख सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम एवं उद्योग मनीषा पंवार, ने कहा कि सिंगल विंडो के माध्यम से प्रदेश में श्रम कानूनों के लिये ऑनलाइन व्यवस्था का प्रावधान किया गया है एवं उद्योग विभाग लगातार प्रयासरत है कि उद्योगों को आ रही कठिनाइयों को निरन्तर दूर किया जाय। श्रम आयुक्त डा. आनन्द श्रीवास्तव ने बताया कि श्रम विभाग की वेबसाइट पर श्रम कानूनों के अन्तर्गत उद्यमियों के लिये ऑनलाइन व्यवस्था कर दी गयी है, इसके अन्तर्गत फैक्टरी एक्ट, बॉयलर्स एक्ट, कान्ट्रेक्ट लेवर रेगुलेशन एक्ट, उत्तराखण्ड दुकान एवं वाणिज्यिक अधिष्ठान अधिनियम, मोटर ट्रान्सपोर्ट वर्कर एक्ट एवं इन्टरस्टेट माइग्रेट वर्कर एक्ट, पंजीकरण, नवीनीकरण एवं वार्षिक विवरणी तथा निरीक्षण, रिपोर्ट आदि सभी प्रावधानों के लिये अब वेबसाइट के माध्यम से यह सारी सुविधायें उपलब्ध होगी।
इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड (आई.ए.यू.) के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया कि इस कार्यशाला में श्रम विभाग के द्वारा विभिन्न श्रम कानूनों, कारखाना तथा ब्वॉयलर अधिनियम में अभी हाल ही में हुये बदलावों को जिनका समुचित प्रचार प्रसार ना होने से उद्यमियों एवं व्यापारियों एवं अन्यों को इनकी जानकारी नहीं हो पाती है, इसी को दृष्टिगत रखते हुये इस जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया है ताकि उद्यमियों एवं व्यापारियों का इन बदलावों की समुचित जानकारी उपलब्ध हो सकें।
इस अवसर पर महानिदेशक उद्योग एल. फेनई, महानिरीक्षक अग्निशमन पुष्पक ज्योति, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल वरिष्ठ उपाध्यक्ष, इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड राजीव अग्रवाल, अनिल गोयल, राकेश ओबराय, अनिल गुप्ता के साथ ही उद्यमी एवं विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।