नगर पालिका मुनिकीरेती क्षेत्र में मेडिकल टीम ने मासिक धर्म से जुड़ी जानकारियां की साझा


नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती-ढालवाला द्वारा नगर क्षेत्र में संडे मेगा इवेंट कार्यक्रम के तहत सोर्स सेग्रिगेशन अलग करो अभियान चलाया गया। जिसमें नगर क्षेत्र में लोगों को घरो से निकलने वाले सूखे कूड़े को नीले कूड़े दान में डालने, गीले कूड़े को हरे कूड़ेदान में डालने एवं घरेलू परिसंकटमय कूड़े (सेनेटरी नैपकिन को अलग से देने हेतु) काले कूड़ेदान में डालने के लिए प्रेरित किया गया।

इस मौके पर मेडिकल की टीम के सहयोग से महिलाओं को मासिक धर्म के दिनों के दौरान स्वच्छता रखने एवम गरीब महिलाओ को मुफ्त सेनिटरी नेपकीन वितरित किये गए। मौके पर प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. जगदीश जोशी, डॉ श्रुति धुलिया, सफाई निरीक्षक भूपेंद्र पंवार, स्वास्थ्य लिपिक दीपक कुमार, रंजन कंडारी, जेबीबी टेक्नोक्रेट से प्रमोद, जतिन आदि उपस्थित रहे।

मेयर अनिता के प्रयासों से तीर्थनगरी में बनेंगे हाईटेक शौचालय

मेयर अनिता ममगाईं के प्रयासों की बदौलत जल्द ही ऋषिकेश में हाईटेक शौचालय बनने जा रहे है। यह हाईटेक शौचालय के प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को भी बल मिलेगा। मेयर अनिता ममगाईं के इस प्रयास को नगर के लोगों ने सराहना की है। इसके लिए नगर निगम ऋषिकेश के स्तर से जल्द ही निविदा प्रक्रिया शुरू होने जा रही हैं। मेयर अनिता ममगाई ने कहा कि अच्छे शौचालय देने का वाला वायदा उन्होंने चुनावी घोषणा पत्र में किया था। योजना को जमीनी धरातल पर लाने के लिए कार्य प्रारंभ हो गया है।

निगम की इस योजना को शहरी विकास निदेशालय ने स्वीकृति दी है। निगम ने निदेशालय को 229 सीट का प्रस्ताव दिया था जिसमें उन्होंने प्रथम चरण में 29 लाख रुपए रिलीज कर दिए हैं। स्वच्छ भारत मिशन के मद के द्वारा यह धनराशि दी जा रही है। उन्होंने बताया कि निगम द्वारा सभी टॉयलेट का एक सर्वे करवाया गया। उस सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर निदेशालय से धनराशि की मांग की गई थी जिसपर निदेशालय की स्वीकृति की मुहर लग चुकी है।

कहा कि भीड़-भाड़ वाले इलाके में शौचालय नहीं होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अब इस परेशानियों से लोगों को निजात मिलेगा। शौचालय पूरा हाइटेक बनेगा। इन्होंने बताया कि शौचालय के अंदर साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था रहेगी एवं इनका निर्माण फाइव स्टार होटलों के टॉयलेट की तरह किया जाएगा।

मेयर अनिता की अगुवाई में चला महा सैनिटाइजेशन अभियान

ऋषिकेश नगर निगम की प्रथम मेयर अनिता ममगाईं की अगुवाई में महासैनिटाइजेशन अभियान चलाया गया। नगर के बाजारों, नगरीय क्षेत्रों में चले इस अभियान की हर किसी ने प्रशंसा की। इस मौके पर मेयर अनिता ममगाईं ने नगर की जनता से इस महामारी से सतर्क रहने की अपील की।

मेयर अनिता ने अभियान में उतरी टीम को हरी झंडी दिखाई। नगर निगम ने कोरोना पॉजिटिव रोगियों के क्षेत्रों को संक्रमण से मुक्त करने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। फायर ब्रिगेड वाहन सहित ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रे मशीनों, जेटिंग मशीन और हैण्ड स्प्रे मशीनों की मदद से दिनभर नगर में सेनेटाइजेशन अभियान चला। शहर के तमाम बाजारों एवं महत्व क्षेत्रों में सैनिटाइजेशन कराया गया।

मेयर अनिता ममगाई ने बताया कि कि तीर्थ नगरी ऋषिकेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए निगम प्रशासन की ओर से सैनिटाइजेशन अभियान मैं पूरी ताकत झोंक दी गई है। उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों में कोरोना के पॉजिटिव रोगी सामने आ रहे हैं, उन क्षेत्रों में नियमित रूप से सोडियम हाइपोक्लोराइड का छिड़काव किया जा रहा है। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि वैश्विक महामारी कोरोनावायरस की चपेट में आकर कई लोगों को अकाल मौत का ग्रास बनना पड़ा है। पिछले एक पखवाड़े में ही कई अपनों को हमने खोया है। इस समय सर्तकता बेहद आवश्यक है। कोरोना के बड़ते कहर को देखते हुए सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें। सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें एवं बिना मास्क लगाये घरों से बाहर बिल्कुल न निकले। अभियान के दौरान पार्षद अजीत गोल्डी,घाट रोड़ व्यापार सभा के अध्यक्ष पवन शर्मा, क्षेत्र रोड अध्यक्ष राजेश भट्ट, सफाई निरीक्षक, धीरेंद्र सेमवाल, अभिषेक मल्होत्रा, सचिन रावत, प्रशांत कुकरेती, नरेश खैरवाल,महेंद्र, सुरेंद्र आदि शामिल थे।

बाल कलाकारों की मेयर अनिता ने की प्रशंसा, पुरस्कार देकर सम्मानित किया

निर्धन बच्चों में अपार प्रतिभाएं होती हैं, उन्हें संवारा जाए तो यह बच्चे नया मुकाम हासिल कर सकते है। इससे इनकी निर्धनता भी दूर होगी और दूसरों को सीख भी मिलेगी। मेयर अनिता ममगाईं ने यह बात निर्धन बाल कलाकारों को पुरस्कार देने के दौरान कही।

कबाड़ से जुगाड़ कार्यशाला में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले बच्चों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया। मेयर अनिता ममगाईं ने कहा कि यूएनडीपी के सहयोग से ट्रेंचिंग ग्राउंड के इर्द-गिर्द रहने वाले निर्धन बच्चों की प्रतिभा को आगे बढ़ाने के कार्यशाला आयोजित की गई थी जिसमें 70 बच्चों ने अपनी कला के टैलेंट को संवारा। इस दौरान उनके द्वारा खूबसूरत गमले बनाए गए जिन्हें रंगों से भी सजाया गया था। अब इन गमलों पर निगम प्रशासन द्वारा पौधे लगाकर उन्हें शहर के विभिन्न स्थानों पर लगाया जायेगा।

मुख्य सचिव ने दिये इन शहरों में पाॅलीथिन बंद करने के निर्देश

सचिवालय सभागार में आज मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के समक्ष प्रदेश के पांच शहरों देहरादून, ऋषिकेश, मसूरी, नैनीताल एवं हल्द्वानी को सन् 2020 तक प्लास्टिक मुक्त करने विषयक कार्य योजना का शहरी विकास विभाग द्वारा प्रस्तुतीकरण किया गया।
प्रस्तुतीकरण के दौरान अवगत कराया गया, कि विभाग द्वारा 50 माईक्रोन से कम मोटाई के प्लास्टिक थैलों को पूर्णतः प्रतिबन्धित करने का शासनादेश के अनुपालन में सख्ती से कार्रवाई की जा रही है तथा सिंगल यूज प्लास्टिक के विषय मेंं व्यापार मण्डल, स्कूली छात्र, समाचार पत्रों आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार लगातार किया जा रहा है। बताया गया, कि उत्तराखण्ड कूड़ा फेंकना एवं थूकना प्रतिषेध अधिनियम 2016 दिनांक 30-11-2016 के अंतर्गत अब तक 1560 चालान कर रू0 7.57 लाख का अर्थ दण्ड दोषियों से वसूला गया है। बैठक में बताया गया, कि उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नियमावली व प्रतिबंधित प्लास्टिक के प्रकार की सूची बनाई जा रही है। प्रस्तुतीकरण के दौरान बताया गया कि नगर निकाय क्षेत्र के अंतर्गत किसी भी प्रकार के प्लास्टिक व थर्माकोल से बनी थैलियां, पत्तल, ग्लास, कप, पैकिंग सामग्री इत्यादि का इस्तेमाल तत्काल प्रभाव से पूर्णतः प्रतिबंधित है।
प्रस्तुतीकरण के दौरान बताया गया, कि प्रथम चरण में प्रदेश के पांच शहरों देहरादून, ऋषिकेश, मसूरी, नैनीताल एवं हल्द्वानी में निर्धारित प्राविधान के तहत 4947 लोगों से चालान द्वारा अक्टूबर 2019 तक रू 58.13 लाख की वसूली की गई तथा 11 सितम्बर से 27 अक्टूबर, 2019 तक प्रदेश में चलाये गए ‘‘स्वच्छता ही सेवा‘‘ अभियान के अंतर्गत 35.76 मी0टन प्लास्टिक संग्रहण किया गया तथा 13.88 मी0टन प्लास्टिक रिसाईकिल किया गया। प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि देहरादून, ऋषिकेश, हल्द्वानी में प्लास्टिक काम्पेक्टर के लिए धनराशि जारी कर दी गई है तथा मसूरी में प्लास्टिक काम्पेक्टर उपलब्ध है एवं नैनीताल से संग्रहित प्लास्टिक का रिसाईक्लिंग कार्य हल्द्वानी में किया जायेगा। प्रस्तुतीकरण में यह भी बताया गया कि प्लास्टिक से ईंधन बनाने की योजना हरिद्वार में प्रस्तावित है, जिसके लिए शीघ्र ही आर0एफ0पी0 प्रकाशित की जा रही है।
बैठक में सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव वन अरविन्द सिंह ह्यांकी, अपर सचिव चन्द्रेश यादव सहित विभिन्न विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

व्यय वित्त समिति के तीन प्रस्तावों पर मुख्य सचिव ने दी स्वीकृति

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को बैठक आयोजित की गई। बैठक में व्यय वित्त समिति के तीन प्रस्तावों पर स्वीकृति प्रदान की गयी।
महाकुम्भ मेला 2021 के दृष्टिगत दीन दयाल पार्किंग से चण्डी देवी पुल तक गंगा नदी के दांये किनारे पर आस्था पथ के निर्माण की प्रस्तुत 2070.60 लाख रूपये की लागत की परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गयी।

शहरी विकास विभाग द्वारा प्रस्तुत एक अन्य कुम्भ मेला 2021 के अन्तर्गत वीरभद्र बैराज, ऋषिकेश से चण्डी घाट हरिद्वार तक 23.70 कि.मी. लम्बे मार्ग की सड़कों की मरम्मत व जीर्णोद्धार एवं सुदृढ़ीकरण कार्य की 1329.29 लाख लागत की परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गयी।

शहरी विकास विभाग द्वारा प्रस्तुत एक अन्य महाकुम्भ मेला 2021 के अन्तर्गत जनपद देहरादून के विकास खण्ड डोईवाला के अन्तर्गत ऋषिकेश में आस्था पथ का पुनरोद्धार, बाढ़ सुरक्षा के कार्य सम्बन्धित 1157.65 लाख की लागत की परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गयी। उक्त तीनों प्रस्तावों की संस्तुति राज्य योजना आयोग द्वारा भी की गयी है।

केन्द्र ने 16 शहरों के लिए 1400 करोड़ रुपये जारी किये

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के 16 शहरी क्षेत्रों के लिए 1400 करोड़ रूपए की योजना को स्वीकृति देने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के शहरी क्षेत्रों में अवस्थापना विकास खासतौर पर पेयजल, सीवरेज, ड्रेनेज, सड़क, ट्रांसपोर्ट, आई0सी0टी0 संबंधी काम तेजी से होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का उत्तराखंड पर विशेष ध्यान है। आल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, भव्य नई केदारपुरी, सहकारिता विकास परियोजना के बाद अब शहरी क्षेत्रों के लिये परियोजना को मंजूरी उत्तराखंड के विकास के लिए बड़ी देन है। राज्य सरकार भी नए भारत के अनुरूप नए उत्तराखंड के लिए पूरी गम्भीरता से काम कर रही है। देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम चल रहा है।
पहले चरण में 5 नगर निकायों के लिये 1400 करोङ की मंजूरी
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड के 16 मध्यम श्रेणी के नगर निकायों में विभिन्न अवस्थापना विकास कार्यों के लिए तैयार परियोजना ‘‘मध्यम श्रेणी के नगर निकायों में शहरी अवस्थापना विकास (अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेन्ट आफ सेकेन्डरी टाऊन)’’ के पहले चरण के लिये 1400 करोड़ रूपये (200 मीलियन अमेरिकी डालर) की मंजूरी भारत सरकार के आर्थिक कार्य विभाग (DEA) द्वारा दी गई है। पहले चरण में देहरादून के डोईवाला व विकासनगर पिथौरागढ़ के पिथौरागढ और ऊधम सिंह नगर के काशीपुर व रुद्रपुर में 24 x7 पेयजल, अपशिष्ट जल प्रबन्धन, बरसाती जल प्रबन्धन, शहरी सड़कें, यातायात और पार्किंग वैंडिंग जोन, सूचना संपर्क तकनीकी और ओपन स्पेस जैसे कार्य किए जायेंगे।

दूसरे चरण में 11 नगर निकायों के लिये भी 1400 करोड़ का प्रस्ताव
इसके अतिरिक्त दूसरे चरण में छः जिलों (चमोली, पौड़ी, चम्पावत, अल्मोड़ा, बागेश्वर, उधम सिंह नगर) के ग्यारह नगर निकायों (गोपेश्वर, जोशीमठ, श्रीनगर, टनकपुर, चम्पावत, अल्मोड़ा, बागेश्वर, किच्छा, खटीमा, जसपुर, सितारगंज) में भी 1400 करोड़ रूपये से समान कार्य किये जाने प्रस्तावित हैं।

पेयजल, सीवरेज, ड्रेनेज, सडक परिवहन, सूचना एवं संचार तकनीक के होंगे काम
परियोजना के अन्तर्गत प्रदेश के कुल 9 जिलों के 16 नगरों में पेयजल, सीवरेज, ड्रेनेज, सड़क, ट्रांसपोर्ट, आई0सी0टी0 आदि कार्य कुल दो चरणों में प्रस्तावित हैं। जिसकी अवधि 10 वर्ष रहेगी। जिसकी कुल प्रस्तावित लागत 2800 (400 मीलियन अमेरिकी डालर) करोड़ रूपये हैं। परियोजना के लिए केन्द्रांश तथा राज्यांश की 80ः20 की हिस्सेदारी रहेगी।

एआईआईबी से है वित्त पोषित
यह परियोजना एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक ( AIIB ) द्वारा वित्त पोषित है तथा परियोजना का नियमन/क्रियान्वयन शहरी विकास विभाग के अन्तर्गत गठित उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी ( UUSDA ) द्वारा किया जायेगा।

नागरिक सुविधाएं होंगी बेहतर
परियोजना के अन्तर्गत नगरों में स्वचालित स्काडा तकनीक के द्वारा चैबीस घंटे पानी की सुविधा प्राप्त होगी, घरों में पेयजल मीटर लगाये जायेंगे ताकि पानी के अपव्यय को कम किया जा सके। सुरक्षित, स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरणीय परिस्थितियों को बनाये रखने के लिए अपशिष्ट जल प्रबन्धन किया जायेगा। बरसाती पानी के प्रबन्धन हेतु विकास कार्य किये जायेंगे वहीं सड़कों व पार्किंग का निर्माण कर यातायात प्रबन्धन का कार्य भी किया जायेगा। छोटे फुटकर व्यापारियों के लिए वैन्डिंग जोन का निर्माण किया जायेगा। नियमित स्थानीय निकाय सुदृढ़ीकरण तथा सशक्तिकरण के लिए सूचना संचार तकनीकी का उपयोग किया जायेगा। इस सब अवस्थापना विकास कार्यों के फलस्वरूप नगरीय अर्थव्यवस्था में सुधार होगा तथा नागरिक विकास स्तर भी सुदृढ़ होगा।