शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर सीएम ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को गांधी पार्क, देहरादून में विजय दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। विजय दिवस पर मुख्यमंत्री ने भूतपूर्व सैनिकों, वीरांगनाओं को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह् देकर सम्मानित किया। विजय दिवस के अवसर पर आयोजित निबंध एवं कला प्रतियोगिता में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को भी मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि सैनिक आश्रितों को भर्ती पूर्व दिये जाने वाले प्रशिक्षण के दौरान भोजन व्यवस्था के लिए प्रतिदिन दी जाने वाली धनराशि 80 रूपये से बढ़ाकर 225 रूपये प्रति प्रशिक्षणार्थी की जायेगी। राज्य के गढ़वाल और कुमांऊ मण्डल में सैनिक आश्रित युवाओं को सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा 56 दिनों का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन भारतीय सेना के वीर जवानों के अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम का उत्सव मनाने का दिन है। 1971 का युद्ध अमानवीयता पर मानवता, दुराचार पर सदाचार और अन्याय पर न्याय की जीत का युद्ध था। आज ही के दिन वर्ष 1971 में पाकिस्तान के 93,000 से अधिक सैनिकों ने हमारे वीर बहादुर सैनिकों के समक्ष घुटने टेके थे। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, किसी भी सेना का यह सबसे बड़ा आत्मसमर्पण था। यह युद्ध भारत के वीरों के अटल संकल्प और बलिदान का प्रत्यक्ष उदाहरण था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की भूमि, देवभूमि होने के साथ-साथ पराक्रम और बलिदान की भूमि भी है। 1971 के भारत-पाक युद्ध में वीर भूमि उत्तराखंड के 255 जवानों ने भारत मां की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया था। इस युद्ध में अपने अदम्य साहस और पराक्रम का परिचय देने वाले प्रदेश के 74 सैनिक विभिन्न वीरता पदकों से सम्मानित हुए थे। ऐसे सभी वीरों के बलिदान की अमर गाथाएं आज भी हमारे युवाओं को प्रेरणा देने का काम करती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन के अनुरूप देहरादून में पांचवे धाम सैन्य धाम का निर्माण कार्य प्रगति पर है। यह धाम उन सभी वीरों को हमारी ओर से एक विनम्र श्रद्धांजलि होगी जिन्होंने अपने प्राणों की परवाह किये बिना तिरंगे की शान के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। यह सैन्य धाम आने वाली पीढ़ियों के लिए राष्ट्र आराधना के एक दिव्य प्रेरणा पुंज के रूप में कार्य करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जवानों का मनोबल तेजी से बढ़ा है। आज हमारे सैनिक अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं, उनकी सहायता और सुरक्षा के लिए विश्व स्तरीय उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। आज हमारे सैनिकों का मनोबल इतना ऊंचा है कि वो दुश्मन के घर में घुस कर उस पर कार्रवाई करने में समर्थ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्य सेवक के रूप में उनका प्रयास रहता है कि सैन्य परिवारों के लिए विशेष योजनाएं बने, जिससे एक सैनिक को युद्ध में लड़ते समय अपने परिवार की चिंता न हो। राज्य सरकार प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में सैनिकों और उनके परिवार को मिलने वाली सुविधाओं में वृद्धि करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड के वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को देय एकमुश्त अनुदान राशि में भी वृद्धि की है। जिसके तहत परमवीर चक्र से सम्मानित सैनिक को 30 लाख से 50 लाख, महावीर चक्र 20 लाख से 35 लाख, कीर्ति चक्र 20 लाख से 35 लाख, वीर चक्र और शौर्य चक्र 15 से 25 लाख और सेना गैलेंट्री मेडल 07 लाख से 15 लाख करने को मंजूरी दी गई। उत्तराखण्ड से द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों की वीरांगनाओं एवं वेटरन की पेंशन प्रतिमाह 8 हजार रूपये से बढ़ाकर 10 हजार रूपये की है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उनकी विधवाओं की प्रतिमाह पेंशन 21 हजार से बढ़ाकर 25 हजार की गई है।

मुख्यमंत्री ने विजय दिवस पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजय दिवस के अवसर पर भारतीय सेना, भूतपूर्व सैनिकों, एवं प्रदेशवासियों को बधाई दी है। उन्होने कहा कि भारत के सैन्य इतिहास में 16 दिसम्बर भारतीय सशस्त्र सेनाओं के साहस, समर्पण और बलिदान को याद करने का ऐतिहासिक दिन है। इस दिन भारतीय सैनिकों के साहस व बहादुरी के सामने नतमस्तक होकर पाकिस्तानी सेना के हजारों सैनिकों को आत्मसमर्पण करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा के लिए हमारे वीर सैनिक हमेशा तत्परता के साथ अपना योगदान देते है जिस पर हमें गर्व है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड, देवभूमि के साथ ही वीर भूमि भी है। यहां सदैव देशभक्ति व राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना रही है। देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों द्वारा किए गए सर्वाेच्च बलिदान को हमेशा याद रखा जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की रक्षा के लिए हमारे वीर सैनिक हमेशा तत्परता के साथ अपना योगदान देते हैं। देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों द्वारा किए गए सर्वाेच्च बलिदान को हमेशा याद रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि हमें अपने सैनिकों की वीरता पर नाज है और पूरा देश उनकी बहादुरी को नमन करता है।

वीरता चक्र से अलंकृत सैनिक और वीरागंनाओं को उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को गांधी पार्क, देहरादून में विजय दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने विजय दिवस पर भूतपूर्व सैनिकों, वीरांगनाओं को शॉल ओढ़ाकर एवं स्मृति चिन्ह् देकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि प्रदेश में शहीद द्वार/स्मारकों के निर्माण कार्य अब सैनिक कल्याण विभाग के माध्यम से कराया जायेगा, पहले यह संस्कृति विभाग के माध्यम से कराया जाता था। वीरता चक्र श्रृंखला से अलंकृत सैनिकों एवं वीर नारियों को उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा अनुमन्य होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजय दिवस को भारतीय सेना के वीर जवानों के अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम का दिन बताते हुए कहा कि आज ही के दिन 1971 में पाकिस्तान के 93,000 से अधिक सैनिकों ने हमारे वीर बहादुर सैनिकों के समक्ष घुटने टेक दिए थे। यह महान युद्ध भारत के वीरों के अटल संकल्प और बलिदान का प्रत्यक्ष उदाहरण था, जो कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किसी भी सेना का यह सबसे बड़ा आत्म समर्पण था। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की भूमि, देवभूमि होने के साथ पराक्रम और बलिदान की भूमि भी है। 1971 के भारत-पाक युद्ध में वीरभूमि उत्तराखंड के 255 जवानों ने भारत मां की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया था। युद्ध में अपने अदम्य साहस और पराक्रम का परिचय देने वाले प्रदेश के 74 सैनिकों को विभिन्न वीरता पदकों से सम्मानित कर देश स्वयं सम्मानित हुआ था। ऐसे सभी वीरों के बलिदान की अमर गाथाएं आज भी हमारे युवाओं को प्रेरणा देने का काम करती हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए मार्गदर्शन के अनुरूप राज्य में पांचवें धाम की नींव रखते हुए देहरादून में एक भव्य ‘सैन्य धाम‘ का निर्माण प्रारंभ किया है। यह स्मारक उन सभी वीरों को विनम्र श्रद्धांजलि है, जिन्होंने अपने प्राणों की परवाह ना करते हुए, तिरंगे की शान एवं राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया। यह सैन्य धाम आने वाली अनेकों पीढ़ियों के लिए राष्ट्र आराधना के एक दिव्य प्रेरणा पुंज के रूप में कार्य करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सेना को हर संभव सुविधा दी जा रही है। आज सैनिक अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं, उनकी सहायता और सुरक्षा के लिए विश्व स्तरीय उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बताया है। जिसके परिणाम स्वरूप इस साल चार धाम यात्रा में 46 लाख से अधिक श्रद्धालु आए। राज्य सरकार ने संकल्प लिया है कि राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर, आप सभी की सहभागिता से उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सैन्य परिवार में पैदा होने के कारण मैंने सैन्य परिवारों का संघर्ष एवं दुख-दर्द को नजदीक से देखा है। सैन्य परिवारों के लिए राज्य सरकार विशेष योजनाएं बना रही है, जिससे एक सैनिक को युद्ध में लड़ते समय अपने परिवार की चिंता न हो। राज्य सरकार ने सैनिकों या उनके आश्रितों को मिलने वाली अनुदान राशि बढ़ाने से लेकर शहीद सैनिकों के आश्रितों को राज्य सरकार के अधीन आने वाली नौकरियों में वरीयता के आधार पर नियुक्ति देने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार सैनिक विश्राम गृहों की संख्या बढ़ाने हेतुु भी प्रयासरत है। उत्तराखंड का संपूर्ण विकास राज्य सरकार की नीति ही नहीं बल्कि कर्तव्य है, और इस कर्तव्य का पालन करने हेतु हम संकल्पबद्ध हैं।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सेना के जवान हर स्थिति में देश की रक्षा हेतु मोर्चा संभाले बैठे हैं, उन्होंने कहा 1971 के भारत-पाक युद्ध में उत्तराखंड राज्य के कई जवानों ने भारत मां की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार सैनिकों के कल्याण हेतु दिन-रात कार्यरत है। लंबे समय से चली आ रही वन रैंक वन पेंशन की मांग प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में ही पूरी हुई। राज्य सरकार शहीदों के सम्मान में विशाल सैन्य धाम बनाने का कार्य कर रही है। साथ ही राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि सैन्य धाम के मुख्य द्वार का नाम उत्तराखंड के वीर सपूत एवं देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखा जाएगा।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजान दास, विधायक सविता कपूर, निदेशक सैनिक कल्याण (ब्रिगे.से.नि) अमृतलाल, पूर्व सैन्य अधिकारी एवं वीरांगनाएं मौजूद रहे।

सैनिक पुत्र को मुख्यमंत्री बनाना लोकतंत्र की महानता-मुख्यमंत्री

विजय दिवस पर मुख्यमंत्री आवास में आयोजित सैनिक सम्मान कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आए प्रत्येक पूर्व सैनिक के पास जाकर शॉल भेंट कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने सभी को विजय दिवस की शुभकामना देते हुए कहा कि वीर सैनिकों के सम्मान से देश का स्वाभिमान एवं सम्मान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सैनिक कभी भी पूर्व सैनिक नहीं होता वह सदैव वीर सैनिक ही रहता है। उन्होंने सैनिकों के सम्मान की इस परम्परा को आगे भी बनाये रखने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह लोकतंत्र की महानता तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं दल के नेतृत्व की शुभकामनाओं का प्रतिफल है कि एक सैनिक के बेटे को मुख्य सेवक के रूप में कार्य करने का अवसर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सैन्य बलों की मजबूती तथा उन्हें आवश्यक सुविधायें एवं साज सामान उपलब्ध कराने, वन रैंक वन पेंशन की सुविधा के साथ ही जवानों को गोली का जवाब तुरंत गोली से देने की छूट देकर सैनिकों को उनका वास्तविक सम्मान एवं श्रेय देने का कार्य किया है। आज हमारी सेना दुश्मन के घर जाकर उनका मुकाबला करती है। हमारी सशक्त एवं मजबूत सेना के कारण दुनिया में हमारे देश का हौसला बुलंद हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा सेना को दिये गये सम्मान की परम्परा का प्रतिफल है कि आज सभी सेना का सम्मान करने के लिये मजबूर हैं। आज भारत बदल रहा है। देश का स्वाभिमान बढ़ रहा है। उन्होंने स्वयं को सैनिक का बेटा व भाई बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन में अनुशासन सेना से सीखा है। सैनिकों के कल्याण के लिये जो भी जरूरी होगा उसके लिये वे सदैव तत्पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि देहरादून में शीघ्र ही भव्य सैन्य धाम का निर्माण किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने स्व. सी.डी.एस. जनरल विपिन रावत का स्मरण कर उन्हें नमन करते हुए कहा कि वे सैनिकों के कल्याण के हिमायती थे। स्व. विपिन रावत के साथ उन्होंने देहरादून लैंस डाउन, बनबसा एवं रानीखेत में पूर्व सैनिकों के कल्याण से संबंधित कार्यक्रम निर्धारित किया था। राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर उनसे हुई मुलाकात में भी सैनिकों से जुड़े कार्यक्रमों पर वार्ता हुई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का विजन है कि 2025 में अपना रजत जयंती वर्ष मनाते समय उत्तराखण्ड देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो, इसके लिये हम राज्य के समग्र विकास के प्रति प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में वर्ष 2013 की आपदा के बाद केदारनाथ पुनर्निर्माण का कार्य पूर्णता की ओर है। बद्रीनाथ के सौन्दर्यीकरण का कार्य भी गतिमान है। प्रधानमंत्री के सफल मार्गदर्शन में देश में हर वो कार्य पूर्णता की ओर अग्रसर है जो पहले मुमकिन नहीं लगते थे। आज काशी विश्वनाथ धाम अपनी दिव्यता का प्रदर्शन कर रहा है। राम मंदिर का निर्माण प्रगति पर है। कश्मीर से धारा 370 तथा 35 ’ए’ हटा कर देश से दो विधान दो निशान दो संविधान की परिपाटी को समाप्त कर देश का सम्मान बढ़ाया है।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड वीरों की भूमि है, सैनिकों की भूमि है। देश का हर पांचवा सैनिक उत्तराखण्ड से होता है। भारतीय सेना का सैनिक होना गर्व की बात है। आज देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों में सुरक्षित है। नरेन्द्र मोदी की सरकार और पुष्कर सिंह धामी की सरकार हर पल सैनिकों के हितों के लिए समर्पित है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सैनिकों की वन रैंक वन पेंशन की बङी मांग पूरी की। वे अपने त्यौहार बॉर्डर पर सैनिकों के बीच मनाकर उनका मनोबल बढ़ाते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की भावना के अनुरूप उत्तराखण्ड में दिव्य और भव्य सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है। इसमें शहीदों के घरों से पवित्र मिट्टी लाई गई है। यहां म्यूजियम होगा, लाईट व साउंड शो होगा। शहीद जसवंत सिंह और बाबा हरभजन के मंदिर बनेंगे। राज्य सरकार शहीद सैनिक के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी में समायोजित कर रही है। देहरादून में वार मेमोरियल बॉयज एंड गर्ल्स होस्टल बनाया है। हल्द्वानी में भी बनाया जाएगा। वीरता पदक से अलंकृत के लिए राशि में कई गुना वृद्धि की गई है। हमारी सरकार दिल से सेना और सैनिकों का सम्मान करती है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, से.नि. जनरल सब्बरवाल, ब्रिगेडियर के.जी बहल, कर्नल भण्डारी सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैन्य अधिकारी व सैनिक उपस्थित रहे।

भारत के सैन्य इतिहास में 16 दिसम्बर वीरता व पराक्रम का ऐतिहासिक दिन-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को विजय दिवस के अवसर पर गांधी पार्क देहरादून में शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा है कि भारत के सैन्य इतिहास में 16 दिसम्बर वीरता व पराक्रम का ऐतिहासिक दिन है।
मुख्यमंत्री ने देश की एकता एवं अखंडता के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले जवानों को नमन करते हुए कहा कि हमारे इन जवानों की वजह से सभी चैन की नींद सोते हैं। देवभूमि उत्तराखंड की सदैव देशभक्ति व राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा देश के सैनिकों का मनोबल बढ़ाने का कार्य किया है।
इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजानदास, जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आर राजेश कुमार भी उपस्थित रहे।