अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में भर्ती हल्द्वानी, नैनीताल निवासी 56 वर्षीय महिला की शुक्रवार तड़के ब्रेन हैमरेज के कारण मौत हो गई। हालांकि पांच दिन पहले कराई गई कोरोना वायसर जांच में महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। मगर एम्स प्रशासन ने ब्रेन स्ट्रोक की समस्या से गंभीर रूप ग्रसित महिला की मौत की वजह ब्रेन ब्लीड बताई है। इस दौरान महिला की मौत के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया।
महिला की मौत को कोरोना की वजह से प्रदेश में पहली मौत की तरह प्रसारित किया जाने लगा। आखिरकार एम्स प्रशासन ने सामने आकर महिला की मौत का कारण स्पष्ट किया। शुक्रवार को यहां जारी मेडिकल बुलेटिन में एम्स प्रशासन ने हल्द्वानी, नैनीताल निवासी 56 वर्षीय महिला की मौत की पुष्टि की है। एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने बताया कि बीते माह 22 अप्रैल को ब्रेन स्ट्रोक की बीमारी से ग्रसित इस महिला को एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसका उपचार चल रहा था। महिला की 27 अप्रैल को कोरोना वायरस की जांच भी की गई थी, जिसमें वह पॉजिटिव पाई गई। उन्होंने बताया कि उक्त महिला की शुक्रवार सुबह मृत्यु हो गई है। निदेशक एम्स ने महिला की मौत की वजह ब्रेन ब्लिड की समस्या से होना बताया है। उन्होंने बताया कि उच्च रक्तचाप की वजह से इस महिला के ब्रेन के ऐसे हिस्से में जहां पर शरीर का सारा सिस्टम कंट्रोल होता है, वहां पर स्ट्रोक की वजह से ब्रेन ब्लिड की समस्या थी, जिसकी वजह से उसकी मौत हुई है। उन्होंने बताया कि हालांकि महिला कोरोना पॉजिटिव थी, मगर उसे सबसे बड़ी समस्या अत्यधिक ब्लड प्रेशर के कारण ब्लिडिंग थी, साथ ही महिला को निमोनिया व यूरिन इंफेक्शन भी था, गंभीर बीमारियों और अधिक उम्र की वजह से शुक्रवार को उसकी मृत्यु हो गई।
एम्स से पहले नैनीताल और फिर बरेली में भर्ती रही थी महिला
एम्स ऋषिकेश के संकायाध्यक्ष (अस्पताल प्रशासन) प्रो. यूबी मिश्रा ने बताया कि नैनीताल निवासी 56 वर्षीया महिला बीती 22 अप्रैल को एम्स में भर्ती हुई थी। जिसे ब्रेन स्ट्रोक की शिकायत थी। यह महिला नैनीताल में पहले बृजलाल अस्पताल फिर स्वामी विवेकानंद अस्पताल में भर्ती थी, जहां इसका स्ट्रोक का उपचार चल रहा था। वहां से महिला श्रीराम मूर्ति हॉस्पिटल बरेली रेफर किया गया था। श्रीराममूर्ति अस्पताल से महिला 22 को एम्स ऋषिकेश के लिए रेफर किया गया था।
उन्होंने बताया कि उक्त दोनों अस्पतालों से प्राप्त रिपोर्ट में महिला रोगी का कोरोना का टेस्ट भी हुआ था, लेकिन वहा महिला की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। एम्स में भर्ती इस महिला को 27 अप्रैल को फीवर आया था, जिसके कारण इसका संस्थान में कोरोना का टेस्ट किया गया। जिसकी रिपोर्ट बीते मंगलवार पॉजिटिव आई थी।
प्राइमरी कांट्रेक्ट में आए सभी लोगों होंगे क्वारंटीन
एम्स में संकायाध्यक्ष (अस्पताल प्रशासन) प्रो. यूबी मिश्रा ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव पाई गई महिला के प्राइमरी कांटेक्ट में आए लोगों की जांच चल रही है। स्वामी विवेकानंद अस्पताल नैनीताल व श्रीराममूर्ति अस्पताल बरेली में इस महिला के संपर्क में करीब 50 लोग आए थे। बताया कि इस बाबत महिला जिन अस्पतालों में भर्ती रही है, वहां भी इसकी जांच चल रही है। उन्होंने बताया कि संस्थान में इस महिला के प्राइमरी व सेकेंड्री कांटेक्ट में आए करीब 70 से 80 स्टाफ को क्वारंटीन किया गया है।
अन्य बीमारियों का भी किया जा रहा इलाज
एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि एम्स संस्थान लगातार सभी तरह के गंभीर रोगियों के इलाज में जुटा हुआ है। चाहे मरीज कोरोना पॉजिटिव, कोरोना निगेटिव अथवा किसी भी अन्य तरह की बीमारी से ग्रसित हो। उन्होंने बताया कि संस्थान में सभी तरह के सुरक्षात्मक उपाय बरते जा रहे हैं। ऐसा नही है कि एम्स में कोरोना पॉजिटिव केस आ गए हैं तो अन्य बीमारियों का इलाज बंद कर दिया गया हो।