सीएम ने दिए जमरानी बांध परियोजना के कार्यों को दिसम्बर 2028 तक पूर्ण करने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना और सौंग बांध पेयजल परियोजना के कार्यों में और तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के तहत होने वाले कार्यों को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जाए। जमरानी बांध परियोजना के कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य जून 2029 तक रखा गया है, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इसे दिसम्बर 2028 तक पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं। सौंग बांध परियोजना को भी निर्धारित अवधि मार्च 2030 से पहले पूर्ण करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना

लगभग रू. 3808 करोड़ लागत की इस योजना के तहत 150.6 मी. ऊंचे बांध का निर्माण, 42.92 किमी लम्बी नहर का पुनर्निर्माण एवं 21.25 किमी लंबी नई नहर का निर्माण कार्य किया जाना है। इस परियोजना के तहत हल्द्वानी शहर एवं उसके समीपवर्ती क्षेत्रों की भविष्य की लगभग 10.50 लाख आबादी के लिए 117 एम.एल.डी. पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। इस परियोजना में बनने वाली 09 किमी. लम्बी झील से एक नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित होगा तथा लगभग 57 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन होगा।

सौंग बांध पेयजल परियोजना
लगभग रू. 2492 करोड़ लागत की इस योजना के तहत 130.60 मी. ऊंचे बांध का निर्माण एवं 1.5 मी. व्यास की 14.70 किमी. लम्बी जल वहन प्रणाली का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा 85 किमी. जल वितरण प्रणाली एवं 150 एम.एल.डी. जल शोधन संयंत्र का निर्माण भी इस परियोजना के तहत किया जाना है। इससे भविष्य में देहरादून शहर एवं उपनगरीय क्षेत्रों की वर्ष 2053 तक अनुमानित लगभग 10.65 लाख की जनसंख्या के लिए 150 एम.एल.डी. ग्रेविटी से पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की जाएगी। इस बांध निर्माण से बनने वाली 3.5 किमी. लम्बी झील को एक नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जायेगा।

बैठक में प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, सचिव एस.एन.पाण्डेय, युगल किशोर पंत, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमन एवं अपर सचिव बंशीधर तिवारी मौजूद थे।

सीएम ने दो लोकतंत्र सेनानियों को पेंशन देने का अनुमोदन किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद पौड़ी गढ़वाल के वि०ख० यमकेश्वर के अन्तर्गत ग्राम मौन, नीलकण्ठ में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र टाईप ए की स्थापना हेतु मानकों में शिथिलीकरण किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री ने राज्य अतिथि गृह ऑफिसर्स ट्रांजिट हास्टल, रेसकोर्स में पूर्व में स्वीकृत कार्यों के अतिरिक्त अन्य कार्य रिनोवेशन/स्ट्रैन्थनिंग के कार्य हेतु 295.12 लाख की धनराशि स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री ने जनपद रुद्रप्रयाग की रुद्रप्रयाग शाखा के अन्तर्गत बनियारी जवाहर नगर पेयजल योजना हेतु नलकूप निर्माण एवं तत्संबंधी कार्यों हेतु 308.12 लाख की धनराशि स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री ने किया लोकतंत्र सेनानी पेंशन अनुमन्य किये जाने का अनुमोदन

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी उधमसिंह नगर की संस्तुति के क्रम में सावित्री कुशवाहा पत्नी स्वर्गीय लक्ष्मी नारायण तथा जिलाधिकारी नैनीताल की संस्तुति के क्रम में हरीश कुमार अगरवाल को रु० 20,000/- प्रतिमाह लोकतंत्र सेनानी पेंशन अनुमन्य किये जाने हेतु अनुमोदन प्रदान किया है।

रूद्रप्रयाग में हुई वाहन दुर्घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सीएम ने मृतकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों और यात्रियों से पर्वतीय मार्गों पर यात्रा के दौरान विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है। आज रूद्रप्रयाग में हुई वाहन दुर्घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री ने मृतकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि घायलो को त्वरित चिकित्सा सहायता दी जा रही है और लापता लोगों की खोजबीन के लिए एसडीआरएफ और प्रशासन की टीमें सक्रिय रूप से जुटी हुई हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रशासन एवं परिवहन विभाग को निर्देश दिये है कि पर्वतीय क्षेत्रों में संचालित सार्वजनिक वाहनों की लगातार जांच सुनिश्चित की जाए। खतरनाक मोड़ों और ढलानों पर चेतावनी संकेतकों की व्यवस्था दुरुस्त की जाए तथा आवश्यक स्थलों पर सुरक्षा रेलिंग एवं पैराफिट सुनिश्चित किए जाएं। प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि मौसम पूर्वानुमानों को ध्यान में रखते हुए यात्रा मार्गों की स्थिति की निगरानी करें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि आगामी समय में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने हेतु दीर्घकालिक सुरक्षा उपायों की कार्य योजना तैयार की जाए।

सीएस ने जताई पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति पर गहरी चिन्ता

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में राष्ट्रीय नार्काे समन्वय पोर्टल (एन्कॉर्ड) की बैठक ली। मुख्य सचिव ने प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति पर गहरी चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने युवाओं पर नशे के बढ़ते प्रकोप पर काबू करने के लिए कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए डीएम एसएसपी को महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।

मुख्य सचिव ने नशे की बिक्री को रोकने के लिए प्रवर्तन को बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नशे को रोकने के लिए पुलिस विभाग को कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने इसके लिए एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह को नशे के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने हेतु पूरी छूट देते हुए सिंगल पॉइन्ट नोडल अधिकारी नामित किया। उन्होंने कहा कि नशे की जड़ों को काटने के लिए उन्हें जो भी आवश्यकता है, उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि नशे के लिए बने इस ईको सिस्टम को तोड़ने के लिए पूरे प्रदेश में एक साथ अभियान चलाया जाए, जिसमें प्रत्येक सम्बन्धित विभाग को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को ड्रग इंस्पेक्टर को भी इस अभियान में शामिल किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि डिमांड और सप्लाइ की चौन को तोड़ने में प्रत्येक अधिकारी को अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभानी होगी। सही तरीके से काम नहीं कर पा रहे अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय की जाए।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक अपने जनपदों में शिक्षण संस्थानों और हॉस्टल आदि के प्रमुखों से वार्ता कर उन्हें अपने संस्थानों में मेडिकल टेस्ट करने हेतु राजी करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए उपकरण एवं टेस्ट मैटीरियल की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग की ओर से की जाएगी। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को भी इसमें सहयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने विद्यार्थियों का मेडिकल टेस्ट कराए जाने हेतु लगातार अभियान चलाए जाने की बात कही।

मुख्य सचिव ने वृहद स्तर पर राज्य एवं जनपदों में जागरूकता अभियान संचालित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए गृह विभाग, सूचना विभाग, उच्च शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग को एक दिन निर्धारित करते हुए वृहद स्तर पर जागरूकता अभियान संचालित किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि जागरूकता गतिविधियों में सोशल मीडिया एवं सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर को भी शामिल किया जाए। प्रदेश भर में लगातार इस प्रकार के जागरूकता अभियान संचालित किए जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण एवं जिला स्तरीय समन्वय समिति की प्रत्येक माह बैठकें आयोजित करायी जाएं। उन्होंने प्रदेश में संचालित हो रहे सरकारी नशा मुक्ति केन्द्रों एवं मानसिक स्वास्थ्य केन्द्रों की क्षमता बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उपयोग में नहीं आ रहे सरकारी भवनों को भी नशा मुक्ति एवं मानसिक स्वास्थ्य केन्द्रों के रूप में संचालित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रायवाला में ओल्ड एज होम के लिए बनाए गए भवन सहित अन्य तैयार हो चुके भवनों में अगले एक माह में नशा मुक्ति केन्द्र शुरू किए जाएं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जनपदों में खाली पड़े सरकारी भवनों की रिपोर्ट तैयार कर शासन को उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिए, ताकि इन भवनों में आवश्यकता के अनुसार अन्य जनहित के कार्य शुरू किए जा सकें।

मुख्य सचिव ने प्रदेश में संचालित हो रहे प्राईवेट नशामुक्ति केन्द्रों का भौतिक निरीक्षण किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो प्राईवेट संस्थान मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं, उन पर नियमानुसार कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि नशे की गिरफ्त में आ चुके युवाओं को सकारात्मक गतिविधियों से जोड़े जाने की आवश्यकता है, ताकि वे जल्दी से जल्दी अपनी नशे की लत को छोड़ सकें।

मुख्य सचिव ने कहा कि एनसीसी, एनएसएस और महिला मंगल दलों को भी नशे के खिलाफ लड़ाई में शामिल किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में वार्षिक हेल्थ चौकअप को बढ़ावा दिया जाए।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, डॉ. आर. राजेश कुमार, डॉ. रंजीत सिन्हा, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डॉ. वी. मुरूगेशन, आईजी लॉ नीलेश

मुख्यमंत्री ने नरेन्द्र कुमार मित्तल, रणजीत सिंह जुयाल सहित 10 लोकतंत्र सेनानियों को किया सम्मानित

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव का उत्तराखंड आगमन पर स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य के वन सम्बंधित मामलों का तत्परता से निस्तारण हो रहा है। उत्तराखण्ड को केंद्र सरकार का हर संभव सहयोग एवं मदद प्राथमिकता पर मिल रही है।

लोकतंत्र सेनानी हमारे महानायकः मुख्यमंत्री

लोकतंत्र सेनानियों को नमन करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज हमें लोकतंत्र की रक्षा करने वाले महानायकों को सम्मानित करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। भारतीय लोकतांत्रिक इतिहास में आपातकाल का कालखंड हमेशा एक काले अध्याय के रूप में अंकित रहेगा। यह फैसला हमेशा की तरह देश को अपनी जागीर समझने वाले एक परिवार की हठधर्मिता और तानाशाही रवैए का परिणाम था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपातकाल में भारतीय संसद को बंधक बना लिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता पर सेंसरशिप थोप दी गई और न्यायपालिका की गरिमा तार-तार कर करोड़ों देशवासियों के मौलिक अधिकारों को रौंद दिया गया। आपातकाल के उन काले दिनों में सत्ता के नशे में चूर तत्कालीन सरकार ने सभी विपक्षी नेताओं, सैंकड़ों पत्रकारों सहित हर उस आवाज का निर्ममता से दमन किया जो लोकतंत्र की रक्षा के लिए उठ रही थी। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचल कर पूरे देश को एक खुली जेल बना दिया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नमन है लोकतंत्र के रक्षकों को, जिन्होंने जेल की कालकोठरियों को अपनी तपस्या की तपोभूमि बना लिया और लोकतंत्र के दीप को बुझने नहीं दिया। उस समय लोकनायक जयप्रकाश नारायण, श्रद्धेय नानाजी देशमुख, श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी, आदरणीय लालकृष्ण आडवाणी, जॉर्ज फर्नांडीज और चंद्रशेखर जी जैसे असंख्य लोकतंत्र सेनानियों ने आपातकाल लगाने के तानाशाही सरकार के उस निर्णय के विरुद्ध हुए आंदोलन को दिशा देने का काम किया। जेल की चारदीवारी में बंद रहते हुए भी इन नेताओं ने युवाओं के भीतर लोकतंत्र के प्रति चेतना जाग्रत करने का कार्य किया। उस समय आदरणीय अटल जी ने कई कविताओं के माध्यम से युवाओं को प्रेरित करने का कार्य किया। तानाशाही सरकार के दमन के खिलाफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और जनसंघ सहित अनेकों सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने भी अपनी पूरी शक्ति से लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए आंदोलन चलाया। इस आंदोलन को देशभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्र-छात्राओं का भी भरपूर समर्थन प्राप्त हुआ और धीरे-धीरे ये आंदोलन एक राष्ट्रव्यापी जनक्रांति में बदल गया।

उत्तराखंड के सपूतो ने भी लोकतंत्र बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की पुण्य भूमि पर भी ऐसे अनेक सपूतों ने जन्म लिया, जिन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए अदम्य साहस का परिचय देते हुए उस जनक्रांति में अग्रणी भूमिका निभाई थी। बागेश्वर के चंद्र सिंह राठौर ने शिक्षक रहते हुए छात्रों में लोकतंत्र के प्रति आस्था जाग्रत करने का कार्य किया जिसके लिए उन्हें कई यातनाएं झेलनी पड़ी, यहां तक कि अपनी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा, जिसे 32 वर्ष के संघर्ष के बाद वे दुबारा प्राप्त कर सके। पौड़ी के गोविंद राम ढींगरा को भी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से संबंध रखने के लिए जबरन जेल में डाल दिया गया था। उत्तराखंड के प्रत्येक जिले में ऐसे सैंकड़ों उदाहरण हैं जिन्होंने लोकतंत्र को पुनर्स्थापित करने हेतु अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

लोकतंत्र का महत्व समझने के लिए आज के युवाओं को आपातकाल का इतिहास जानना होगा- सीएम धामी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं आपातकाल के समय भूमिगत रहकर लोकतंत्र की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभा रहे थे। यही कारण है कि उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों के योगदान और आपातकाल के काले अध्याय से आने वाली पीढ़ियों को अवगत कराने हेतु 25 जून को “संविधान हत्या दिवस” के रूप में मनाने की शुरुआत की। प्रधानमंत्री ने आपातकाल की घटनाओं का उल्लेख करते हुए 1978 में “संघर्षमां गुजरात” नामक एक किताब भी लिखी थी। कल ही गृहमंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री के आपातकाल के दौरान के संघर्ष पर लिखी एक नई पुस्तक “द इमरजेंसी डायरीज” का भी विमोचन किया। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस पुस्तक और संविधान हत्या दिवस के माध्यम से भारत की नई पीढ़ी भी ये जान सकेगी कि किस तरह आपातकाल के दौरान संविधान को रौंदा गया और लोकतंत्र की आत्मा को निर्ममता से कुचला गया।

लोकतंत्र सेनानियों का हित और कल्याण हमारी प्राथमिकता- सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व और मार्गदर्शन में हमारी सरकार लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान हेतु पूर्ण रूप से संकल्पित होकर कार्य कर रही है। प्रदेश भर में आपातकाल के विरुद्ध हुए इस महान आंदोलन के बारे में हमारी युवा पीढ़ी को जागरूक करने के उद्देश्य से विभिन्न प्रदर्शनियों का आयोजन भी किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लोकतंत्र की शक्ति और नागरिकों की लोकतंत्र के प्रति आस्था को और अधिक मजबूत किया जा सके। हमारी सरकार आपकी प्रत्येक समस्या के समाधान हेतु पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। हम राष्ट्र के प्रति आपके अतुलनीय योगदान को जन-जन तक पहुंचाने हेतु प्रतिवर्ष इसी प्रकार लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान कार्यक्रम आयोजित करते रहेंगे। इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल हमारे प्रदेश के युवाओं को लोकतंत्र का महत्त्व समझाने में सहायक सिद्ध होंगे बल्कि उन्हें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति और अधिक सजग बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के हमारे “विकल्प रहित संकल्प” को पूर्ण करने हेतु हमें एक नई शक्ति और ऊर्जा प्रदान करेंगे।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, राज्य सभा सांसद महेंद्र भट्ट एवं बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

सीएम हेल्पलाइन 1905 में 180 दिन से अधिक समय से लंबित शिकायतों के समाधान के लिए चलेगा विशेष अभियान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सीएम हेल्पलाइन 1905 में 180 दिन से अधिक समय से लंबित शिकायतों के समाधान के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। 06 माह से अधिक लंबित शिकायतों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि प्रकरणों का समयबद्धता से निस्तारण नहीं करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अनावश्यक रूप से जन शिकायतें फोर्स क्लोज न किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि सीएम हेल्पलाइन को राज्य की बेस्ट प्रैक्टिस में लाने के लिए और प्रभावी प्रयास किए जाएं।

सचिवालय में सीएम हेल्पलाइन 1905 के समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एक दिन पूरे राज्य में तहसील दिवस का आयोजन किया जाए। मुख्यमंत्री तहसील दिवस के दिन किसी एक जनपद में औचक रूप से प्रतिभाग करेंगे। इसी तरह एक दिन पूरे राज्य में थाना दिवस का आयोजन भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जन समस्याओं के शीघ्र निस्तारण के लिए जनता दर्शन, तहसील दिवस और बीडीसी का नियमित आयोजन किया जाए। पुलिस और प्रशासन द्वारा मिलकर अतिक्रमण और वेरिफिकेशन अभियान और प्रभावी रूप से चलाए जाएं। प्रत्येक जनपद में दो-दो गांवों को आदर्श ग्राम बनाने की दिशा में तेजी से कार्य किए जाएं, इसके लिए सभी जनपदों में शीघ्र नोडल अधिकारी बनाए जाएं।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में जहां भी बिजली के पोल और ट्रांसफार्मर की स्थिति खराब है, उन्हें शीघ्र बदला जाए। सभी ट्रांसफार्मरों का सेफ्टी ऑडिट भी किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं कम वोल्टेज और बिजली के तार लटकने की समस्या न आए, ऐसे प्रकरण पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने सभी प्राधिकरणों से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों के घरों के नक्शे पास करने में पेंडेंसी न हो। उन्होंने कहा कि सबसे पहले टीबी मुक्त होने वाले तीन जनपदों को सम्मानित किया जाएगा।

सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतों के निस्तारण में अच्छा कार्य करने पर मुख्यमंत्री ने परिवहन, कृषि, समाज कल्याण, आबकारी एवं ऊर्जा विभाग की सराहना की। लोक निर्माण विभाग, भू-विज्ञान और खनन, राजस्व, गृह एवं वित्त विभाग को शिकायतों के निवारण में और तेजी लाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए। सीएम हेल्पलाइन में पेयजल, स्ट्रीट लाइट के रख-रखाव, जल जीवन मिशन के तहत कनेक्शन, बिजली कटौती और बिजली के बिल से संबंधित शिकायतें अधिक आ रही हैं।

मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान सीएम हेल्पलाइन के शिकायतकर्ताओं से बात भी की। उत्तरकाशी के उपेन्द्र सिंह रावत की पेयजल लाइन की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को एक सप्ताह के अंदर उनकी समस्या का समाधान करवाने के निर्देश दिए। हरिद्वार से आलम ने स्ट्रीट लाइट से संबंधित शिकायत की थी, उनकी समस्या का समाधान हो चुका है। देहरादून के हृदेश नेगी ने कहा कि उनकी पुलिया के निर्माण संबंधी शिकायत पर कार्य शुरू हो चुका है। चमोली के गौरव नौटियाल की पेयजल संबंधी शिकायत का भी समाधान हो चुका है। नैनीताल से देवेंद्र ने कम वोल्टेज की शिकायत का भी समाधान किया जा चुका है।

बैठक में उत्तराखंड अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, डीजीपी दीपम सेठ, सचिवगण, अपर सचिवगण, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष और वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

धामी की अभिनव पहलः 40 वरिष्ठ आईएएस अफसरों ने गोद लिए गांव

गांवों का कायाकल्प होने से विकसित प्रदेश और विकसित राष्ट्र का सपना साकार किया जा सकता है। उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के सुदूरवर्ती गांवों के चतुर्दिक विकास का बीड़ा उठाया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को अपनी प्रथम नियुक्ति स्थल को गोद लेने का जिम्मा सौंपा गया है। योजना के तहत अधिकारियों ने गोद लिए गांवों के विकास के लिए काम करना शुरू कर दिया है। कई अधिकारियों ने गांवों में रात्रि प्रवास के ग्रामीणों के जनजीवन और उनकी समस्याओं को करीब से समझा है। अधिकारियों की ओर से कार्ययोजना बनाए जाने के बाद प्रदेश सरकार गांवों के विकास के लिए अभियान चलाकर काम करेगी।

बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से भारतीय प्रशासनिक सेवा के ₹8700 या इससे अधिक ग्रेड-पे के अधिकारियों को अपने प्रथम नियुक्ति के कार्य क्षेत्र को गोद लेने की अपेक्षा की गई थी। इसी आधार पर राज्य के 40 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने अपनी प्रथम नियुक्ति स्थल को गोद लिया है। 20 मई 2025 को मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की ओर से इस आशय का आदेश भी जारी कर दिया गया था।

सभी अधिकारियों से अपने प्रथम नियुक्ति स्थल क्षेत्र में हुए बदलावों पर टिप्पणी की अपेक्षा की गई थी। कहने का अर्थ यह है कि आज वहां विकास में कितनी तेजी आई है। गांव के सामाजिक और आर्थिक विकास में सीएसआर या अन्य संसाधनों के इस्तेमाल से कैसे सुधार लाया जा सकता है। जिला योजना, राज्य सेक्टर और वित्त आयोग से मिलने वाली धनराशि के शत प्रतिशत सही उपयोग की कार्ययोजना भी अधिकारियों को तैयार करनी है।

मुख्यमंत्री धामी की अपेक्षा के अनुसार वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। अधिकारियों की ओर दूरस्थ गांवों के विकास की योजना तैयार किए जाने से गांवों का योजनाबद्ध तरीके से विकास हो सकेगा। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और स्वयंसेवी संगठनों का सहयोग भी अधिकारियों को मिल रहा है।

डीएम चमोली ने सीएम के निर्देश पर राजेश के परिजनों को हर संभव मदद का दिया आश्वासन

चमोली जनपद के क़ौब गांव निवासी राजेश के पंजाब में उत्पीड़न के मामले का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संज्ञान लिया है। उन्होंने मामले में जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी को युवक के परिजनों से संपर्क कर हर संभव मदद करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिलाधिकारी चमोली ने पंजाब के तरनतारन जनपद के जिलाधिकारी से संपर्क कर राजेश की हर संभव मदद की बात कही है।

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि मामले जहां जिलाधिकारी तरनतारन ने राजेश की हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। जिलाधिकारी चमोली ने पंजाब के नवा शहर में निवास कर रही राजेश की बहन से भी संपर्क कर हर संभव मदद के लिए आश्वस्त किया है। साथ उन्होंने बताया कि मामले उत्पीड़न करने वाले तबेला संचालक के विरुद्ध तरनतारन थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है।

यह है मामला
बीती बुधवार को लंबे समय बाद राजेश का पंजाब की एक सामाजिक संस्था के कार्यकर्ताओं के साथ बात करने का वीडियो वायरल हुआ। जिसमें वह अपना घर चमोली के कौब बता रहा है। साथ ही उसने बताया कि वह सालों से तबेले में काम कर रहा है। जहां मालिक की ओर से उसका उत्पीड़न किया जा रहा है। जिसका संज्ञान लेते हुई मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के के निर्देश पर जिला प्रशासन ने मामले में कार्रवाई की है।

मानसून सत्र में आएगा लोकतंत्र सेनानियों के कल्याण व हित में अधिनियमः सीएम

सीएम धामी ने लोकतंत्र सेनानियों की मुद्दों के तत्परता से निस्तारण के लिए शासन स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि लोकतंत्र सेनानियों के कल्याण व हित में मानसून सत्र में अधिनियम लाने की तैयारी की जाए। मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि की प्रक्रिया सरल बनाने के निर्देश दिए है। उन्होंने अधिकारियों को लोकतंत्र सेनानियों की समस्याओं के शीघ्र निस्तारण के लिए कहा। सीएम ने संबंधित सचिव को लोकतंत्र सेनानियों को तत्काल प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है।

सीएम धामी ने कहा कि हमारी सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों को प्रतिमाह मिलने वाली सम्मान निधि को बढ़ाने का फैसला लिया था, जिसे आने वाले समय में और बढ़ाया जाएगा। हमारी सरकार लोकतंत्र सेनानियों की प्रत्येक समस्या के समाधान हेतु पूर्णतः प्रतिबद्ध है। हम राष्ट्र के प्रति आपके अतुलनीय योगदान को जन-जन तक पहुंचाने हेतु प्रतिवर्ष लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान कार्यक्रम आयोजित करते रहेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपातकाल लगाए जाने के 50 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित संविधान हत्या दिवस 2025 पर मुख्यमंत्री आवास में लोकतंत्र सेनानियों व उनके परिवारजनों का स्वागत एवं अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री धामी ने आपातकाल में मीसा एवं डीआईआर बंदियों के साथ संवाद किया।

समस्त लोकतंत्र सेनानियों को नमन करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जिन्होंने आपातकाल के अंधकारमय कालखण्ड में भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा हेतु अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया, उन्हें सम्मानित करना अत्यंत गौरव का अवसर है। लोकतंत्र सेनानियों ने जेलों की काल कोठरियों में रहकर भी लोकतंत्र के दीप को बुझने नहीं दिया। यह लोकतंत्र प्रहरियों के तप, त्याग और अटूट संकल्प का ही परिणाम है, जिसके कारण भारत के प्रत्येक नागरिक के मन में लोकतंत्र के प्रति एकनिष्ठ आस्था विद्यमान है।

आपातकाल संविधान की आत्मा को कुचलने का प्रयास

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में 25 जून 1975 का दिन हमेशा एक काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा। 50 वर्ष पूर्व इसी दिन देश पर आपातकाल थोपा गया था और संविधान की आत्मा को कुचलने का प्रयास किया गया था। और यह सब एक व्यक्ति की हठधर्मिता और तानाशाही रवैए का परिणाम था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी को चुनावी भ्रष्टाचार का दोषी ठहराते हुए उनकी लोकसभा सदस्यता को निरस्त कर दिया गया था। सत्ता छिन जाने के भय से 25 जून की रात को भारत जैसे महान लोकतांत्रिक देश में आपातकाल की घोषणा करवा दी गई। भारतीय संसद का गला घोंट दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को बंधक बना लिया गया और न्यायपालिका की गरिमा तार-तार कर लाखों देशवासियों के मौलिक अधिकारों को रौंद दिया गया। आपातकाल के उन काले दिनों में सत्ता के नशे में चूर तत्कालीन सरकार ने सभी विपक्षी नेताओं, सैंकड़ों पत्रकारों सहित हर उस आवाज का निर्ममता से दमन किया जो लोकतंत्र की रक्षा के लिए उठ रही थी। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचल कर पूरे देश को एक खुली जेल बना दिया गया था। मीसा और डीआईआर जैसे काले कानून को थोपकर हज़ारों लोकतंत्र समर्थकों को जेलों में ठूंस दिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपातकाल के दौरान लोकनायक जयप्रकाश नारायण, श्रद्धेय नानाजी देशमुख और श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जैसे महान नेताओं ने जेलों में रहते हुए भी लोकतंत्र के प्रति युवाओं में चेतना जाग्रत करने का कार्य किया। सत्ता के दमन का प्रतिकार करते हुए देशभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने तानाशाही के विरुद्ध सड़कों पर उतरकर लोकतंत्र के पक्ष में जनजागरण प्रारंभ कर दिया। दिल्ली, बनारस, इलाहाबाद, पटना, जयपुर, पुणे, बेंगलुरु जैसे कई शहरों के अनेकों शैक्षणिक संस्थानों से शुरू हुआ विरोध धीरे-धीरे राष्ट्रव्यापी जनक्रांति में बदल गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सहित अनेकों सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने भी अपनी पूरी शक्ति से लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए आंदोलन चलाया। हजारों युवाओं ने जेल जाना स्वीकार किया, यातनाएँ सही, लेकिन अन्याय के आगे सिर नहीं झुकाया।
आपातकाल के काले अध्याय से आने वाली पीढ़ियों को अवगत कराना जरूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1977 के उस आम चुनाव में देश की जनता ने पहली बार किसी गैर कांग्रेसी सरकार को चुनकर लोकतंत्र की नई सुबह का सूत्रपात किया। भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई के बाद वो दूसरी सबसे बड़ी जनक्रांति थी जिसने भारत को सत्ता के एकाधिकार से मुक्ति दिलाने का कार्य किया था। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं आपातकाल के समय भूमिगत रहकर लोकतंत्र की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभा रहे थे। यही कारण है कि उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों के योगदान और आपातकाल के काले अध्याय से आने वाली पीढ़ियों को अवगत कराने हेतु 25 जून को “संविधान हत्या दिवस” के रूप में मनाने की शुरुआत की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सत्ता को सेवा का माध्यम मानकर प्रत्येक व्यक्ति के कल्याण हेतु योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व और मार्गदर्शन में हमारी सरकार लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान हेतु पूर्ण रूप से संकल्पित होकर कार्य कर रही है। इसी क्रम में आज हमने आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, आज प्रदेश भर में आपातकाल के विरुद्ध हुए इस महान आंदोलन के बारे में हमारी युवा पीढ़ी को जागरूक करने के उद्देश्य से विभिन्न प्रदर्शनियों को आयोजित किया जा रहा है।

उत्तराखंड जैसे छोटे से राज्य में लिए जा रहे निर्णय देशभर के लिए आदर्श बन रहे

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड जैसे छोटे से राज्य में लिए जा रहे निर्णय देशभर के लिए आदर्श बन रहे। हम हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। राज्य में देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लाया गया है। एसडीजी रैंकिंग में हम प्रथम स्थान पर रहे है।

इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोशियारी, सचिव शैलेश बगौली, लोकतंत्र सेनानी कृष्ण कुमार अग्रवाल, प्रेम बड़ाकोटी, लोकतंत्र सेनानी स्व. बल्लभ भाई पांडेय की धर्मपत्नी शशी पांडेय तथा बड़ी संख्या में लोकतंत्र सेनानी और उनके परिजन मौजूद रहे।

साल 2027 में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगाः अग्रवाल

क्षेत्रीय विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने मोदी सरकार के 11 साल के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों की जानकारी दी। इस अवसर पर ऋषिकेश व वीरभद्र मंडल भाजपा के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

बैराज रोड स्थित कैंप कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में डॉ अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल के ये 11 साल आत्मनिर्भर और विकसित भारत की नींव के स्वर्णिम युग के रूप में जाने जाएंगे। पीएम मोदी ने वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत किया है और भारत को एक पहचान दी है।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस के 65 साल के शासन और अस्थिर सरकारों में आम लोगों का विश्वास उठ गया था और वैश्विक स्तर पर भारत की छवि को नुकसान पहुंचा था, पीएम मोदी ने पिछले 11 वर्षों में इसे बहाल किया है। कहा कि जिस ब्रिटेन ने भारत पर दो सौ सालों तक राज किया, उस ब्रिटेन को मोदी जी ने देश की आज़ादी के 75 साल के अमृत महोत्सव पर पछाड़ दिया।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि भारत का निर्यात कई गुना बढ़ा है। साल 2027 में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। देश में 3 लाख 80 हज़ार किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण 11 सालों में हुआ है। आज हम हर दिन कई किलोमीटर के हाईवे का निर्माण कर रहे हैं।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि नमो भारत, अमृत भारत, वंदे भारत से लेकर मेट्रो तक का बड़ा काम हुआ। किसानों के लिए सरकार ने बीज, खाद, सिंचाई, बीमा से लेकर हर मुद्दे पर काम किया है, उनकी आमदनी को कई गुना बढ़ाने का काम हुआ है।

इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष मनोज ध्यानी, सुरेंद्र कुमार, महामंत्री दीपक बिष्ट, नितिन सक्सेना, निखिल बड़थ्वाल, अनीता प्रधान, सुमन रावत, सीमा रानी, विपिन पंत, पवन गोयल, ज्योति पांडे, पिंकी धस्माना, रिंकी राणा, निवेदिता सरकार, गुड्डी कलूड़ा, ममता ममगाई, अविनाश भारद्वाज, राजेंद्र बिजल्वाण आदि उपस्थित रहे।