मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई उत्तराखंड नागरिक उड्डयन की समीक्षा बैठक

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में उत्तराखंड नागरिक उड्डयन (सिविल एविएशन) की समीक्षा बैठक की गई।

बैठक में मुख्य सचिव ने प्रदेश में वर्तमान समय में हवाई सेवाओं के संचालन की वर्तमान स्थिति तथा हवाई कनेक्टिविटी के विस्तार से संबंधित एयरपोर्ट और हवाई पट्टी निर्माण व इसके विस्तार की प्रगति की जानकारी ली।

जिलाधिकारी देहरादून और उधम सिंह नगर द्वारा देहरादून और पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के कार्यों की प्रगति की जानकारी दी। मुख्य सचिव ने दोनों जिलाधिकारियों को एयरपोर्ट के विस्तारीकरण से संबंधित कार्यों को शीघ्रता से पूरा करने के निर्देश दिए।

उन्होंने जिलाधिकारी उधम सिंह नगर को एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए अधिग्रहित की जा चुकी भूमि को शीघ्रता से क्लियर करते हुए अग्रिम कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को एयरपोर्ट का नियमित ऑपरेशनल स्ट्रक्चर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। कहा कि एयरपोर्ट के समुचित संचालन के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से डेपुटेशन के माध्यम से जबकि अन्य एजेंसियों से आउटसोर्स के माध्यम से कार्मिकों की तैनाती की जाए।

मुख्य सचिव ने पिथौरागढ़ एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के संबंध में निर्देश दिए कि टनल की लोड बियरिंग कैपेसिटी की आईआईटी रुड़की अथवा इसी तरह के उच्च तकनीकी संस्थान से जांच कराएं।

मुख्य सचिव ने महानिदेशक युकाडा को राज्य में एयर कनेक्टिविटी के विस्तार से संबंधित किए जा रहे विभिन्न कार्यों की वर्तमान स्टेटस तथा भविष्य की योजनाओं का विस्तार पूर्वक विवरण अगली बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

इस दौरान सचिव एविएशन सचिन कुर्वे, महानिदेशक यूकाड़ा सोनिका व जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल सभागार में उपस्थित थे तथा जिलाधिकारी उधम सिंह नगर और पिथौरागढ़ वर्चुअल माध्यम से बैठक से जुड़े हुए थे।

मुख्य सचिव हर माह और मण्डलायुक्त प्रत्येक सप्ताह करेंगे यात्रा की तैयारियों की समीक्षाः सीएम

उत्तराखण्ड में 2026 में होने वाली नंदा देवी राजजात यात्रा की सभी तैयारियों में तेजी लाई जाए। भव्य नंदा राजजात यात्रा के आयोजन के लिए सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। यात्रा की बेहतर व्यवस्थाओं के लिए जनप्रतिनिधियों, नंदा राजजात यात्रा समिति के सदस्यों और हितधारकों के सुझाव लिये जाएं। ये निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल बैठक के दौरान अधिकारियों को दिये।

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि नंदा राजजात यात्रा के सफल संचालन के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाए। पिछली यात्राओं के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। यात्रा से संबंधित सभी पैदल मार्गों की अच्छी व्यवस्थाओं के साथ स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। यात्रा के पड़ाव पर श्रद्धालुओं को ठहरने की बेहतर व्यवस्थाओं के साथ ही भोजन और स्नान घरों की व्यवस्था के भी उन्होंने निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। यात्रा के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्रों में विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाए। यात्रा मार्ग पर दूरसंचार की व्यवस्थाओं के साथ डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम बनाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत यात्रा के दौरान हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाए। यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। मेडिकल कैंप और चिकित्सकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। यात्रा के दौरान हेली एम्बुलेंस की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नंदा राजजात यात्रा बरसात के समय होती है, इसके दृष्टिगत संक्रामक रोगों से बचाव के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किये जाएं। यात्रा के अधिकतम पड़ाव वन क्षेत्र में होने के कारण वन और पर्यावरण की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा जाए। श्रद्धालुओं के लिए टेंट की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नंदा राजजात से संबंधित लोक गीत और लोक कथाओं का अभिलेखीकरण भी किया जाए। पर्यटन विभाग द्वारा यात्रा के पड़ावों का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार भी किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नदां राजजात यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन और यातायात सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाए। पार्किंग स्थलों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। यात्रा मार्गों पर पेयजल, शौचालय अवं अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि वे प्रतिमाह नंदा राजजात यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करें। गढ़वाल और कुमांऊ आयुक्त भी प्रत्येक सप्ताह यात्रा से संबंधित तैयारियों की समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गढ़वाल और कुमांऊ के जिन क्षेत्रों से श्रद्धालु और डोलियां आती हैं, उन सभी क्षेत्रों में भी सड़क, पेयजल एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए।

उत्तराखण्ड में अगले साल होने वाली 280 किमी की ऐतिहासिक नंदा देवी राजजात यात्रा के भव्य आयोजन और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही है। 2027 में हरिद्वार में होने वाले कुंभ के लिए भी सभी तैयारियां की जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में नंदा देवी राजजात और हरिद्वार कुंभ का भव्य और दिव्य आयोजन किया जायेगा- पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड।

बैठक में राज्यसभा सांसद महेन्द्र भट्ट, विधायक बंशीधर भगत, अनिल नौटियाल, भूपाल राम टम्टा, सुरेश गड़िया, पार्वती दास, डॉ. मोहन सिंह बिष्ट, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, डीजीपी दीपम सेठ, सचिव शैलेश बगोली, सचिन कुर्वे, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पाण्डेय, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा एवं संबंधित जिलाधिकारी उपस्थित थे।

सीएस ने दिया दीर्घकालिक नीति को आकार देने और लागू करने में सरकारी अधिकारियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर जोर

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन एवं सेतु आयोग के सीईओ शत्रुघ्न सिंह ने विकसित उत्तराखण्ड विजन 2047 कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में प्रतिभाग किया।

कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कहा कि विजनिंग अभ्यास सभी सरकारी विभागों के लिए मुख्य प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह वर्तमान के लिए एक योजना नहीं है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक निवेश है। उन्होंने दीर्घकालिक नीति को आकार देने और लागू करने में सरकारी अधिकारियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सेतु आयोग, यूएनडीपी के साथ मिलकर इसके परिभाषित मापदंडों और मापने योग्य परिणामों को महत्त्वपूर्ण ढांचा प्रदान करेगा।

सेतु आयोग के सीईओ शत्रुघ्न सिंह ने एक व्यापक आर्थिक परिप्रेक्ष्य पेश किया। उन्होंने पूंजी निवेश, वैश्विक तकनीकी अपनाने और समावेशी विकास के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे उत्तराखण्ड के निम्न-मध्यम आय वाले राज्य से उच्च आय वाले राज्य में परिवर्तन की कुंजी बताया।

इस अवसर पर सचिव नियोजन डॉ. श्रीधर बाबू अद्दांकी ने विजनिंग अभ्यास के दौरान प्रतिभागियों की चर्चाओं को मार्गदर्शन और प्रोत्साहित करने के लिए मुख्य क्षेत्रों में विभिन्न बेंचमार्क प्रस्तुत किए।

यूएनडीपी के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य वर्ष 2047 तक प्रदेश को विकसित करने के लिए क्रॉस-सेक्टोरल कार्य समूहों द्वारा चिन्हित 218 से अधिक “सिग्नल्स – उभरते संकेतक और रुझान“ को संरचना और प्राथमिकता निर्धारित करना था। ये सिग्नल्स जलवायु परिवर्तन, बुनियादी ढांचा विकास, अर्थव्यवस्था और रोजगार, स्थानीय स्व-शासन को सशक्त बनाने, वित्त, सुरक्षा, शांति और न्याय जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कवर करते हैं, जो एक व्यापक और दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।

सीएम ने केंद्रीय मंत्री से किया पंप स्टोरेज परियोजनाओं के विकास के लिए रुपये 3800 करोड़ के वायबिलिटी गैप फंड का अनुरोध

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय ऊर्जा व आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात कर जल-विद्युत परियोजनाओं के विकास एवं प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत विशेष सहायता हेतु अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से ऋषिकेश-हरिद्वार क्षेत्र में विद्युत लाइनों को भूमिगत और स्वचालित करने का अनुरोध किया। साथ ही, राज्य के कुमाऊं और अपर यमुना क्षेत्र में जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण हेतु रुपये 4000 करोड़ के वाइबिलिटी गैप फंड के लिए आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने राज्य के दूरदराज और कठिन भू-भाग में पंप स्टोरेज परियोजनाओं के विकास के लिए रुपये 3800 करोड़ के वायबिलिटी गैप फंड की भी अनुरोध किया, जिससे इन क्षेत्रों में ऊर्जा उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जा सके और स्थानीय विकास को भी बढ़ावा मिले।

इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने पावर सिस्टम डेवलप फंड के तहत पिटकुल की दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं की डीपीआर की स्वीकृति का आग्रह करते हुए इन दोनों परियोजनाओं को 100 प्रतिशत अनुदान के साथ मंजूरी देने का भी अनुरोध किया। इन परियोजनाओं की लागत रुपये 1007.82 करोड़ है।

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री का प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत कमजोर आय वर्ग के लिए आवासीय इकाइयों के निर्माण को लेकर वर्तमान दिशानिर्देशों की व्यवहारिक चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार निजी भागीदारी मॉडल के अंतर्गत सफलतापूर्वक परियोजनाएं संचालित कर रही है, लेकिन एकमुश्त केंद्रीय अनुदान की व्यवस्था से परियोजनाओं का कैश फ्लो प्रभावित हो रहा है। मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि सरकारी भूमि पर लागू चरणबद्ध सहायता प्रणाली (जैसे 40ः40ः20) को निजी भूमि आधारित परियोजनाओं में भी लागू किया जाए।

मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि बैंकों, एनबीएफसी और अन्य वित्तीय संस्थानों को इस संबंध में स्पष्ट दिशा निर्देश दिए जाएं ताकि ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लाभार्थियों को सरलता से ऋण सुविधा उपलब्ध हो सके।

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) को मोदीपुरम मेरठ मार्ग से आगे हरिद्वार तक विस्तारित करने हेतु अनुरोध किया। इससे न केवल राज्य में यातायात की समस्या हल होगी, बल्कि शहरीकरण और समग्र आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर मंगलवार को पत्रकारों के लिए लगेगा स्वास्थ्य सुरक्षा कैम्प

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के क्रम में मंगलवार 17 जून को स्वास्थ्य और सूचना विभाग की ओर से पत्रकारों और उनके परिजनों की निःशुल्क स्वास्थ्य जांच के लिए, विशेष स्वास्थ्य सुरक्षा कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। इसमें राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा जांच के साथ ही परामर्श भी प्रदान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के पत्रकारों के स्वास्थ्य को लेकर संवेदनशीलता दिखाते हुए गत दिनों अधिकारियों को पत्रकारों के लिए विशेष मेडिकल कैम्प आयोजित करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग और सूचना विभाग के संयुक्त प्रयासों से मंगलवार को प्रातः 11 बजे से रिंग रोड स्थित सूचना निदेशालय में इस विशेष कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। कैम्प में स्वास्थ्य की सभी आवश्यक जांचें उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि पत्रकारों को समुचित चिकित्सकीय परामर्श एवं उपचार मिल सके।

निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि कैम्प में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. विवेकानंद सत्यावली, डॉ. अंकुर पांडे, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक कुमार, ईएनटी डॉ. नितिन शर्मा, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. शांति पांडे, हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अमर उपाध्याय, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. चित्रा जोशी, अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल जोशी, दंत रोग के डॉ. देवाशीष सवाई, डॉ. योगेश्वरी, सर्जन डॉ. दिनेश चौहान, यूरोलॉजिस्ट डॉ. मनोज विश्वास के साथ ही त्वचा और मानसिक रोग के विशेषज्ञों द्वारा भी पत्रकारों का स्वास्थ्य जांच करने के साथ ही परामर्श प्रदान किया जाएगा। हेल्थ कैम्प में लगभग 265 जांचें निःशुल्क की जाएंगी।

पत्रकार समाज के महत्वपूर्ण स्तंभ होते हैं। इसलिए उनका स्वस्थ होना बेहद ज़रूरी है। इसी क्रम में यह स्वास्थ्य कैम्प आयोजित किया जा रहा है। आगे भी समय-समय पर ऐसे स्वास्थ्य कैम्प आयोजित किए जाएँगे, ताकि पत्रकारों को निरंतर स्वास्थ्य लाभ मिल सके।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड।

प्रदेश की प्रमुख नदियों पर होंगे ‘नदी उत्सव’

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में शिक्षा व पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अभिनव पहल करते हुए दो महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के मेधावी टॉपर्स को एक दिन के लिए सांकेतिक जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक की भूमिका दी जाएगी। इस प्रेरणादायी कार्यक्रम का उद्देश्य मेधावी छात्रों को प्रशासनिक अनुभव देना, उनमें आत्मविश्वास जगाना और उच्च लक्ष्य की ओर प्रेरित करना है। यह योजना जल्द ही जिलों में लागू की जाएगी और इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने ‘नदी उत्सव’ आयोजित करने के निर्देश भी दिए हैं। राज्य की प्रमुख नदियों के नाम पर यह उत्सव जनसहभागिता के माध्यम से आयोजित किए जाएंगे। इस आयोजन का उद्देश्य नदियों की सफाई, स्वच्छता, पुनर्जीवन और संरक्षण को जन अभियान का रूप देना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की नदियां केवल जलस्रोत ही नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और जीवनशैली का हिस्सा हैं। ‘नदी उत्सव’ के माध्यम से आम जन को जल संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाएगा।

धामी सरकार की यह पहल न केवल मेधावी विद्यार्थियों को सम्मान देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की ओर भी एक सशक्त प्रयास है।

पीएम ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना में दिवंगतों को दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ने साइप्रस से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर केदारनाथ हेलीकॉप्टर दुर्घटना के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। प्रधानमंत्री ने इस दुखद घटना में दिवंगत हुए लोगों के प्रति गहरी संवेदना और शोक व्यक्त किया। मृतकों के परिजनों को इस दुख को सहने की शक्ति हेतु प्रार्थना की। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि घटना के बाद तत्काल उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई है। दुर्घटना के कारणों की गहन जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच समिति गठित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, बेहतर समन्वय और त्वरित कार्रवाई के लिए कमांड एंड कॉर्डिनेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी।

हेलीकॉप्टर दुर्घटना में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाईः सीएम

सोमवार तक चार धाम के लिए हेली सेवा पूर्ण रूप से बंद रहेगी। चार धाम में लगे सभी हेली ऑपरेटरों एवं पायलटों के उच्च हिमालय क्षेत्रों में उड़ान अनुभवों की जांच होगी एवं सभी हेली ऑपरेटरों के साथ बैठक के बाद ही पुनः हेली सेवा को सुचारु किया जाएगा। राज्य में अब हेली उड़ानों के बेहतर समन्वय और सुरक्षित संचालन के लिए देहरादून में एक कॉमन “कमांड एवं कोऑर्डिनेशन सेंटर“ की स्थापना की जाएगी, जिसमें डीजीसीए, आपदा विभाग, सिविल एविएशन, यूकाडा, हेली आपरेटर कम्पनी के अधिकारियों की तैनाती होगी। यह निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में हुई बैठक के दौरान दिए।

मुख्यमंत्री ने सचिव गृह उत्तराखंड की अध्यक्षता में एक समिति गठित किए जाने के निर्देश दिए। जिसमें डीजीसीए, यूकाडा, नागरिक उड्डयन विभाग भारत सरकार, ATC के प्रतिनिधि सदस्य के रूप में रहेंगे। यह समिति जन सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए मानक प्रचालन नियमावली का प्रारूप बनाएगी। समिति अपनी रिपोर्ट सितंबर माह से पूर्व प्रस्तुत करेगी। मुख्यमंत्री ने आगामी समय के लिए प्रदेश में हेली सेवाओं के संचालन के लिए सख्त एडमिनिस्ट्रेटिव एंड टेक्निकल एसओपी (administrative and technical Standard Operating Procedure) तैयार किए जाने के निर्देश भी दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग में दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर के संबंध में उच्च स्तरीय जांच के भी आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा जिस भी स्तर पर लापरवाही बरती गई है, उन्हें चिन्हित कर उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा आम जन के जीवन की रक्षा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। किसी भी कीमत में जिंदगियों के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हीं पायलटों को अनुमति दी जाएगी जिनका उच्च हिमालय क्षेत्रों में हेली उड़ाने का दीर्घकालीन अनुभव होगा। उन्होंने कहा डीजीसीए द्वारा निर्धारित गाइडलाइन को और सख्त बनाया जाए, जिसका अनुपालन शत प्रतिशत किया जाए। मुख्यमंत्री ने हिमालय क्षेत्रों में अधिक संख्या में मौसम पूर्वानुमान के अत्याधुनिक उपकरण लगाने के भी निर्देश दिए, जिससे मौसम की और सटीक जानकारी प्राप्त की जा सके। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग को दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों से संपर्क कर उनके पार्थिव शरीर को संबंधित राज्यों में भेजने की समुचित व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव नागरिक उड्डयन समीर कुमार सिन्हा, डीजीसीए (DGCA) के महानिदेशक फैज अहमद किदवई, सचिव शैलेश बगोली, सचिव सचिन कुर्वे, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, सीईओ युकाडा सोनिका, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) के अधिकारी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

सीएम धामी ने किया आगामी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में बढ़ चढ़कर प्रतिभाग करने का आग्रह

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एम.के.पी कॉलेज, देहरादून में आयोजित ’रन फॉर योगा’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने युवाओं, बुजुर्गों महिलाओं को भी योग के प्रति जागरूक करने के लिए गांधी पार्क से एम.के.पी कॉलेज तक पैदल मार्च भी किया।

मुख्यमंत्री ने सभी से आगामी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में बढ़ चढ़कर प्रतिभाग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा हमें मिलकर प्राचीन योग सभ्यता को जन जन तक पहुंचाना है। ऋषि मुनियों ने योग के माध्यम से शरीर, आत्मा और मन को एकीकृत करने की अद्भुत विद्या विकसित की है। योग संपूर्ण विश्व के लिए एक संजीवनी का कार्य करता है। योग से जीवन स्वस्थ और अनुशासित बनता है। आज दुनिया योग के प्रति आकर्षित हो रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा योग को दैनिक जीवन में अपनाकर शरीर और मन को स्वस्थ रखने के साथ ही समाज में भी सकारात्मकता लाई जा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था, जिसे पूरे विश्व ने अपनाया था। उन्होंने कहा उत्तराखंड योग, आयुष और अध्यात्म की भूमि है। राज्य सरकार, उत्तराखंड को योग और वेलनेस टूरिज्म का वैश्विक हब बनाने पर कार्य कर रही है । राज्य सरकार ने हाल ही में नई योग नीति को मंजूरी दी है। जिसके अंतर्गत राज्य में योग और ध्यान केंद्र विकसित करने पर अधिकतम 20 लाख तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहले से संचालित हो रहे योग केंद्रों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। योग, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने के लिए 10 लाख तक का भी अनुदान दिया जा रहा है। राज्य में योग और वेलनेस की अपार संभवानाएं हैं, जिस पर राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने सभी से अनुशासित और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने की अपील की।

इस अवसर पर विधायक खजान दास, भरत चौधरी, उपाध्यक्ष राज्य स्तरीय खेल परिषद हेमराज बिष्ट, सचिव आयुष दीपेंद्र चौधरी, अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे, प्रदीप जैन, जितेंद्र नेगी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

हेलीकॉप्टर संचालन को लेकर सीएम धामी ने दिए सख्त निर्देश, बनेगी सख्त एसओपी

राज्य में हाल में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलीकॉप्टर संचालन को लेकर कड़े निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हेली सेवाओं के संचालन के लिए सख्त एसओपी तैयार की जाए, जिसमें हेलीकॉप्टर की तकनीकी स्थिति की पूर्ण जांच और उड़ान से पूर्व मौसम की सटीक जानकारी लेना अनिवार्य किया जाए।

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जाए, जो हेली संचालन की सभी तकनीकी व सुरक्षा पहलुओं की गहन समीक्षा कर एसओपी तैयार करेगी। यह समिति यह सुनिश्चित करेगी कि हेली सेवाओं का संचालन पूरी तरह से सुरक्षित, पारदर्शी और निर्धारित मानकों के अनुसार हो।

इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि राज्य में पूर्व में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं की जांच के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति पूर्व में हुई हेली दुर्घटनाओं के साथ ही आज के हेली क्रैश की भी हर पहलू की गहनता से जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी। यह समिति प्रत्येक घटना के कारणों की गहराई से जांच करेगी और दोषी व्यक्तियों या संस्थाओं की पहचान कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की संस्तुति करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हेली सेवाओं का महत्व तीर्थाटन, आपदा प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं के लिए अत्यधिक है, इसलिए इनमें सुरक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जाएगी।