पूर्व मंत्री अग्रवाल ने किया रक्तदाताओं को सम्मानित

विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर क्षेत्रीय विधायक व पूर्व मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने रक्तवीरों को सम्मानित किया। डा. अग्रवाल ने रक्तवीरों को समाज का सच्चा समाजसेवी बताया।

बैराज रोड स्थित कैंप कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में डा. अग्रवाल ने 100 बार रक्तदान कर चुके रक्तवीर सुशील छाबड़ा, 81 बार के लिये विशाल संगर और 75 बार के लिये अधिवक्ता अमित वत्स को पुष्प गुच्छ व अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह दिन मानवता का सबसे बड़ा दिन है। यह दिन उन सभी रक्तदाताओं के सम्मान में समर्पित होता है, जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की जान बचाने के लिए रक्तदान करते हैं।

डा. अग्रवाल ने कहा कि रक्त हमारे शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह जीवित रहने, अंगों को ऑक्सीजन पहुंचाने और संक्रमण से लड़ने का काम करता है। कहा कि शरीर में रक्त की कमी जानलेवा हो सकती है। इसी कमी को पूरा करने के लिए और किसी जरूरतमंद को रक्त का दान करने के लिए हर साल रक्तदान दिवस मनाया जाता है।

डा. अग्रवाल ने कहा कि रक्तदाता दिवस लोगों को रक्तदान के लिए प्रोत्साहित करने का दिन है, साथ ही रक्त का दान करने वाले दाता का आभार व्यक्त करने का मौका देता है। उन्होंने कहा कि अपने जीवनकाल में यदि ऐसा मौका किसी को भी मिले, तो अवश्य रक्तदान कर किसी व्यक्ति की जान बचाएं।

इस अवसर पर पूर्व मंडल अध्यक्ष अरविंद चौधरी, महामंत्री दीपक बिष्ट, रमेश शर्मा, रविंद्र कश्यप, राजू नरसिम्हा आदि उपस्थित रहे।
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डा. अग्रवाल ने दिए आपदा से निपटने के लिये इंतजाम करने के निर्देश
.ऋषिकेश। तहसीलदार चमन सिंह ने क्षेत्रीय विधायक डा. अग्रवाल से मुलाकात की। इस दौरान डा. अग्रवाल ने कहा कि वर्षाकाल के दौरान किसी भी प्रकार की आपदा, बाढ़ से निपटने के लिये तैयारियां व्यवस्थित रखे। कहा कि सभी कर्मचारियों के साथ एक बार मौका मुआयना भी करें, जिससे आपदा के दौरान राहत कार्यों की राह आसान हो।

सीएम ने मानसून को देखते हुए पुरानी एम्बुलेंस वाहनों को तत्परता से बदलने के निर्देश दिए

सीएम धामी ने मानसून के दौरान किसी भी भूस्खलन की आपात स्थिति के दौरान घटना स्थल पर 15 मिनट के भीतर अनिवार्यतः जेसीबी पहुंचाने के सख्त निर्देश लोक निर्माण विभाग सहित सम्बन्धित अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने तत्परता से राज्य का लैण्डस्लाइड मैप तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बरसात से पहले राज्य के सभी पुलों का सुरक्षा ऑडिट करते हुए सम्बन्धित सचिव को विशेषरूप से हल्द्वानी से कैंचीधाम, अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ रुट के पैच वर्क एवं राज्य के सभी पुलों की समीक्षा हेतु तत्काल निरीक्षण दौरा करने के निर्देश दिए हैं। मानसून सीजन एवं मेडिकल आपातकाल के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने पुरानी एम्बुलेंस वाहनों को तत्परता से बदलने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मेडिकल इमजेंसी जैसी स्थिति की दृष्टि से पिथौरागढ़ एक अतिरिक्त हैलीकॉप्टर की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने पिथौरागढ़ में हैलीपेड एवं एयपोर्ट निर्माण सम्बन्धित कार्यवाही को तीव्र करने के निर्देश जिलाधिकारी को दिए हैं। सीएम ने मानसून के दौरान जीर्ण शीर्ण विद्यालयों का चिन्हीकरण करते हुए इनमें विद्यार्थियों का पठन-पाठन बंद करवाते हुए तत्काल प्रभाव से शेल्टर की व्यवस्था करने के निर्देश शिक्षा विभाग एवं जिलाधिकारियों को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने अगले तीन दिनों में स्कूल, अस्पतालों, आश्रमों जैसे स्थलों संवेदनशील स्थलों का सुरक्षा की दृष्टि से वेरिफिकेशन करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने जलाश्यों की नियमित मॉनिटरिंग करते हुए नियमित रूप से सिल्ट हटाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार एवं उधमसिंह नगर जेैसे मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति के स्थायी समाधान एवं जल निकासी को लेकर विशेषज्ञ एंजेसी की सहायता से सर्वे करते हुए प्रभावी कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को बन्द सड़को की रियल टाइम जानकारी की नियमित रूप से एप एवं वेबसाइट पर अपडेट करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में सभी जिलाधिकारियों के साथ मानसून सीजन एवं आपदा प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।

राज्य में आपदा के रिस्पॉन्स एवं पूर्व तैयारियों के मामलों में अधिकारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए कि जनजागरूकता हेतु आपदा से सम्बन्धित टॉल फ्री नम्बर, सचेत एप आदि का समुचित प्रचार प्रसार किया जाए। उन्होंने सभी विभागों को आपदा के मामलों को शीर्ष प्राथमिकता पर लेते हुए टीम भावना एवं प्रभावी समन्वय से कार्य करने की नसीहत दी। इसके साथ ही उन्होंने एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ के जवानों की मदद हेतु स्थानीय लोगों को भी आपदा राहत एवं बचाव कार्यों में शामिल करने एवं प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी अस्पताल, स्कूलों, आश्रम सहित सभी संवेदनशील जगहों पर बिजली के खुले तारों को सुरक्षित कवर करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को तत्परता से मलबा हटवाने की कार्यवाही भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने आपदा के लिहाज से संवेदनशील सभी स्थानों में पर्याप्त मात्रा में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टुकड़ियों तैनात करने के निर्देश दिए। हेलीकॉप्टर सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री ने सभी हेलीपेडों में सुरक्षा के समुचित प्रबंध करने तथा हेलीपैडो का सेफ्टी ऑडिट करने को कहा। उन्होंने आपदाओं के दृष्टिगत पिथौरागढ़ जनपद में भी एक हेलीकॉप्टर तैनात रखने के निर्देश दिए। उन्होंने पिथौरागढ़ जनपद में एयरपोर्ट के विस्तार के कार्यों तथा प्रक्रिया को तेज करने तथा मेडिकल कॉलेज के कार्य को भी शीघ्रता से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए ताकि आपदा के समय पिथौरागढ़ जनपद के दूरस्थ क्षेत्र के लोगों को समुचित उपचार मिल सके। उन्होंने मानसून के दृष्टिगत गर्भवती महिलाओं का डेटाबेस बनाने और ऐसी महिलाएं जिनकी डिलीवरी अगले चार माह में होनी है उसके लिए अभी से प्रबंध करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने नैनीताल जनपद में गोला एप्रोच रोड के कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने तथा यदि इस काम के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता है तो शासन से उसकी मांग करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ चौकिया की पर्याप्त मात्रा में स्थापित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने जीर्ण शीर्ण स्कूल के भवनों की मरम्मत करने तथा 15 दिन के भीतर जिला शिक्षा अधिकारी से ऐसे स्कूलों की रिपोर्ट प्राप्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा के लिहाज से संवेदनशील ऐसे स्कूल भवन जो खतरे की जद में हैं, उनकी मरम्मत जल्द से जल्द की जाए।

चार धाम यात्रा को लेकर भी मुख्यमंत्री ने संबंधित जिलाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मौसम विज्ञान विभाग द्वारा इस वर्ष अधिक बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है, इसलिए यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और अत्यधिक बारिश या भूस्खलन के चलते यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक लिया जाए और स्थिति सामान्य होने के बाद ही आगे रवाना किया जाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न बांधो तथा जलाशय का भी निरीक्षण करने तथा इनमें जमा सिल्ट को निकालने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना अत्यंत आवश्यक है कि जलाशयों की भंडारण क्षमता कम ना हो। जलाशयों की भंडारण क्षमता कम होगी तो जिस उद्देश्य से जलाशय बनाए गए हैं उसकी पूर्ति नहीं हो पाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं को तो रोक नहीं जा सकता लेकिन अच्छी तैयारी और उचित प्रबंधन से उनके जोखिम को काम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आपदाओं का बेहतर तरीके से सामना करने के लिए यह आवश्यक है कि हम अपने अनुभवों से सीखे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे आपदा संवेदनशील राज्य में आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना करने के लिए समुदायों की भागीदारी तथा स्वयंसेवकों की एक संगठित तीन तैयार किया जाना नितांत आवश्यक है और सभी जनपद इस दिशा में जल्द से जल्द कार्य करते हुए कार्य योजना बनाएं। मुख्यमंत्री ने सभी रेखीय विभागों से आगामी मानसून के दौरान आपसी समन्वयी और सामंजस्य स्थापित करते हुए कार्य करने को कहा। साथी उन्होंने भूस्खलन संवेदनशील क्षेत्रों की मैपिंग करने तथा उनका डेटाबेस बनाने के निर्देश दिए ताकि प्रभावी तरीके से उनका ट्रीटमेंट किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कैंची बाईपास निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द सभी जगह से अनापत्ति लेने संबंधी सभी औपचारिकताओं को पूरा करते हुए सड़क निर्माण किया जाए। साथी उन्होंने क्वारब में भूस्खलन का जल्द से जल्द ट्रीटमेंट करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सभी हेल्पलाइन तथा टोल फ्री नंबरों का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए ताकि आकस्मिकता तथा आपदा की स्थिति में लोग तुरंत सहायता प्राप्त कर सकें।

बैठक में उपाध्यक्ष राज्य सलाहकार समिति आपदा प्रबंधन विनय कुमार रुहेला, मुख्य सचिव आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली एवं अन्य अधिकारी व वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।

सीएम धामी ने किया आईटीबीपी के हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान-2025 को हरी झंडी दिखाकर रवाना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) के हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान-2025 को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अहमदाबाद विमान दुर्घटना में दिवंगत हुए सभी यात्रियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। विमान दुर्घटना में दिवंगतों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आईटीबीपी के वीर जवानों, अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह अभियान न केवल साहस और संकल्प का प्रतीक है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों की सामरिक सुरक्षा और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी का 45 सदस्यीय दल इस अभियान के अंतर्गत उत्तराखंड से हिमाचल प्रदेश होते हुए लद्दाख तक लगभग 1032 किलोमीटर की कठिन यात्रा करेगा। यह अभियान न केवल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों की निगरानी सुनिश्चित करेगा, बल्कि धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों की पहचान तथा स्थानीय परंपराओं को प्रोत्साहित करने में भी सहायक सिद्ध होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि वीरभूमि उत्तराखंड से बड़ी संख्या में सेना और अर्धसैनिक बलों में सेवा करने वाले वीर जवान देश की रक्षा में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल, वर्ष 1962 से लगातार देश की सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ आपदाओं के समय भी राहत व बचाव कार्यों में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सशस्त्र बलों के सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से भारत ने एक बार फिर साबित किया कि देश की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख किया गया है, वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों को दी जाने वाली धनराशि में वृद्धि की गई है, और बलिदानियों के आश्रितों को सरकारी नौकरी में समायोजन की अवधि को दो वर्ष से बढ़ाकर पाँच वर्ष कर दिया गया है। वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों और पूर्व सैनिकों को सरकारी बसों में निशुल्क यात्रा, संपत्ति की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में छूट, और बेटियों के विवाह हेतु विशेष अनुदान जैसी योजनाएँ भी चलाई जा रही हैं।

आईजी आईटीबीपी संजय गुंज्याल ने कहा कि हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान के तहत आईटीबीपी का दल कुल 1032 किमी की दूरी तय करेगी। इसमें दल 27 घाटियों और 27 दर्रों को पार करेगा। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ ही वाइब्रेंट विलेज क्षेत्रों में एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि इस ट्रेकिंग रूट में कुल 84 वाइब्रेंट विलेज आयेंगे। इस दौरान अभियान दल द्वारा स्थानीय लोगों को 3.5 लाख फलदार पौधे भी वितरित किए जाएंगे।

इस अवसर पर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव गृह शैलेश बगौली, डीजीपी दीपम सेठ, आईजी आईटीबीपी गिरीश चन्द्र उपाध्याय एवं आईटीबीपी के जवान मौजूद थे।

बेसमेंट में पार्किंग न कराने वाले संस्थानों और संबंधित व्यक्ति पर सख्ती से होगी एनफोर्समेंट की कार्रवाई

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में आयोजित बैठक में जिला प्रशासन देहरादून तथा संबंधित विभागों द्वारा देहरादून शहर को व्यवस्थित और अधिक गतिशील बनाने से संबंधित शहर के मोबिलिटी प्लान को प्रस्तुत किया गया।

जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल ने शहर के मोबिलिटी प्लान से संबंधित कार्यों में अब तक हुई प्रगति से अवगत कराया तथा शहर की व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए भविष्य में किए जाने वाले कार्यों तथा दूरगामी प्लान से भी अवगत कराया।

मुख्य सचिव ने इस दौरान संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि शहर के सभी कमर्शियल संस्थाओं की बेसमेंट पार्किंग का शत – प्रतिशत उपयोग कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिए की जो भी संस्थान बेसमेंट में पार्किंग नहीं कराते उन पर सख्त एनफोर्समेंट की कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।

मुख्य सचिव ने शहर में सड़क और जंक्शन इंप्रूवमेंट के कार्यों में तेजी से प्रगति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला प्रशासन, लोक निर्माण विभाग, एमडीडीए, नगर निगम, परिवहन विभाग, पुलिस विभाग, उत्तराखंड जल संस्थान व जल निगम सभी विभागों को आपसी समन्वय से देहरादून शहर को अधिक गतिशील और सुव्यवस्थित बनाने के लिए स्पष्ट रोड मैप तैयार करने को कहा तथा प्रत्येक कार्यों को पूरा करने के लिए टाइमलाइन का निर्धारण सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने एमडीडीए को निर्देशित किया कि भवन निर्माण के मैप अप्रूवल में पार्किंग के बायलॉज का सक्ति से अनुपालन कराएं। इस दौरान बैठक में प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव पंकज पांडेय, एमडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी, अपर सचिव विनीत कुमार, नगर आयुक्त देहरादून नमामि बंसल सहित लोक निर्माण विभाग, परिवहन विभाग और संबंधी विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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वन पंचायतों में गैर प्रकाष्ठ वन उपज का विकास एवं हर्बल एवं एरोमा टूरिज्म प्रोजेक्ट की स्टेट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में उत्तराखंड की वन पंचायतों में गैर प्रकाष्ठ वन उपज का विकास एवं हर्बल एवं एरोमा टूरिज्म प्रोजेक्ट की स्टेट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक आयोजित की गई।

मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि हरिद्वार और उधम सिंह नगर जैसे जनपदों में जहां पर जड़ी बूटी उत्पादन की तो व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं लेकिन इन मैदानी जनपदों में वन पंचायत का अस्तित्व नहीं हैं इसीलिए इन जनपदों में ग्राम पंचायत के माध्यम से जड़ी – बूटी का उत्पादन प्रारंभ करें।

उन्होंने कैंपा फंड के माध्यम से भी निजी भूमि पर हर्बल उत्पादन की संभावना तलाशने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि हर्बल उत्पादन के संबंधित सभी डाटा की ळप्ै मैपिंग करें और इसके सभी स्तर के आंकड़ों का डिजिटलीकरण भी करें।

उन्होंने हर्बल उत्पादन से संबंधित फॉरेस्ट और नॉन फॉरेस्ट एक्टिविटीज का एफडीए (फॉरेस्ट डेवलपमेंट एजेंसी) से एग्जामिन कराने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने हर्बल उत्पादन से संबंधित जुड़े हुए लोगों का एल्टीट्यूड वाइज प्रशिक्षण दस्तावेज तैयार करने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि वन विभाग के अधीन वर्तमान समय में जो भी विभिन्न वनोत्पाद उपलब्ध हैं उनकी बेहतर मार्केटिंग और वैल्यू एडिंग करते हुए उसको भी स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और स्थानीय लोगों की जीविकोपार्जन का आधार बनाएं।

मुख्य सचिव ने मानसून की तैयारियों के संबंध में की समीक्षा बैठक

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने मानसून की तैयारियों के संबंध में सभी जनपदों के साथ समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मानसून अवधि में संभावित आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना करने के लिए सभी विभाग अपनी-अपनी तैयारियों को पुख्ता कर लें। यदि कुछ कार्य किए जाने शेष हैं तो समय पर उन्हें पूरा कर लें।

सचिवालय में आयोजित बैठक में दोनों मंडलों के आयुक्त तथा सभी जिलाधिकारियों ने बैठक में ऑनलाइन प्रतिभाग किया।

मुख्य सचिव ने कहा कि आपदाओं का सामना करने में जहां आपदा पूर्व तैयारी महत्वपूर्ण है, वहीं त्वरित रिस्पांस टाइम भी बेहद जरूरी है। जितना बेहतर हमारा रिस्पांस टाइम होगा, उतना ही प्रभावी तरीके से हम आपदाओं के दौरान राहत और बचाव कार्य करने तथा आम जनमानस को राहत पहुंचाने में सफल हो सकेंगे। उन्होंने आगामी मानसून सीजन के दौरान जलभराव की समस्या तथा अन्य आकस्मिकताओं से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल और चंपावत के जलभराव तथा बाढ़ प्रभावित इलाकों में मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए।

राज्य में चारधाम यात्रा भी चल रही है, ऐसे में सभी रेखीय विभागों का 24 घंटे अलर्ट पर रहना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव दल तथा विभिन्न विभाग यह सुनिश्चित करें कि किसी भी आपदा की स्थिति में उनकी टीम त्वरित गति से मौके पर पहुंचे और बिना समय गंवाए अपने-अपने कार्यों का निष्पादन करें।

बैठक में सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने आगामी मानसून सीजन को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग की तैयारियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में विभिन्न रेखीय विभागों के नोडल अधिकारियों की तैनाती हो गई है। उन्होंने बताया कि राज्य आपदा मोचन निधि तथा राज्य सेक्टर से पुनर्निर्माण और पुनर्प्राप्ति कार्यों के लिए और राहत एवं बचाव कार्यों के लिए 162 करोड़ की धनराशि जनपदों को जारी कर दी गई है। तैयारी और क्षमता विकास मद में प्रति जनपद एक-एक करोड़ रुपये जारी किए जाने की कार्यवाही गतिमान है। विभिन्न विभागों को भी धनराशि आवंटित की गई है।

नदियों की डिसिल्टिंग कराया जाना आवश्यक
मुख्य सचिव ने कहा कि मानसून अवधि में बाढ़ और जलभराव का एक प्रमुख कारण है, नदियों में सिल्ट का अत्यधिक मात्रा में जमा हो जाना। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों में नदियों की डिसिल्टिंग कराया जाना आवश्यक है। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वन क्षेत्र में डिसिल्टिंग करने में जिन भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, उनका शासन के साथ वार्ता कर समाधान निकालकर कार्यवाही की जाए।

आपदा प्रभावितों को सहायता जल्द दी जाए
मुख्य सचिव ने कहा कि आपदा के बाद जन सामान्य को राहत पहुंचाना शासन-प्रशासन की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने आपदा प्रभावितों को सहायता जल्द से जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। आपदा के बाद पुनर्निर्माण कार्यों को त्वरित गति से संचालित करने तथा नुकसान के आकलन के लिए पंचायत स्तर पर सर्वे टीम गठित करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने जिलाधिकारियों की मांग पर पर्याप्त एम्बुलेंस जनपदों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

धन की कमी नहीं पर दुरुपयोग न हो
मुख्य सचिव ने कहा कि आपदा संबंधी कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं है। सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि आपदा मद में जो भी धनराशि शासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है, उसका शत-प्रतिशत उपयोग किया जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि धन का किसी प्रकार भी दुरुपयोग ना हो।

मुख्य सचिव द्वारा जारी किए गए अन्य आवश्यक दिशा-निर्देशः
बाढ़ सम्भावित क्षेत्रों का चिन्हीकरण कर मौसम पूर्वानुमान के अनुसार ऐसे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरिक्षत स्थानों में विस्थापित किया जाए।
बाढ़ आदि की संभावना के दृष्टिगत पूर्व से ही राहत शिविरों/सुरक्षित स्थानों का चिन्हीकरण किया जाए।
बाढ़ की स्थिति में पर्याप्त संख्या में नाव, राफ्ट की व्यवस्था की जाए।
राहत शिविर में लोगों के खान-पान तथा उपचार की व्यवस्था की जाए।
पशुओं के लिये सुरक्षित स्थान का चयन तथा उनके समुचित चारे एवं उपचार की व्यवस्था हो।
मार्ग बंद होने पर तुरंत खोलने के लिए जेसीबी तथा अन्य संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
वैकल्पिक व्यवस्था के दृष्टिगत बैली ब्रिज का भण्डारण।
खाद्यान्न, पेट्रोल, डीजल, एलपीजी, सीएनजी का भण्डारण।
दूरस्थ क्षेत्रों में रास्ता बंद होने की स्थिति में स्थानीय दुकानदारों के पास आवश्यक वस्तुओं का भण्डारण सुनिश्चित किया जाए।
मानसून के दौरान होने वाली जल जनित संक्रामक बीमारियों के उचित प्रबंधन हेतु आवश्यक औषधियों का भण्डारण।
गर्भवती महिलाओं डाटा एकत्रित करना तथा इनके प्रसव हेतु समीपस्थ निजी/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का चिन्हीकरण किया जाए। बिजली तथा जलापूर्ति बाधित होने पर उपकरणों का समुचित भण्डारण।
बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, पंकज कुमार पाण्डेय, एसएन पाण्डेय, सी रविशंकर, धीराज गर्ब्याल, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, अनु सचिव ज्योतिर्मय त्रिपाठी आदि अधिकारी उपस्थित रहे।

उत्तराखंड को इस वित्तीय वर्ष अनटाइड फंड से 615 करोड़ रुपए की धनराशि मिलनी तय

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में पूंजीगत निवेश हेतु राज्य को विशेष सहायता के लिए योजना (SASCI – स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट) 2025- 26 की समीक्षा बैठक की गई। बैठक में SASCI स्कीम की टाइड और अनटाइड दोनों तरह के मद से संचालित विकास कार्यों पर व्यापक चर्चा की गई।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि भारत सरकार द्वारा निर्देशित सुधार कार्यक्रमों को तेजी से लागू करें ताकि इसके अंतर्गत विकास कार्यों के लिए प्राप्त होने वाली धनराशि का राज्य के हित में समुचित उपयोग किया जा सके।

उन्होंने खनन, परिवहन, शहरी विकास, आवास, वित्त, परिवहन, राजस्व, कृषि विभाग इत्यादि विभागों को एक सप्ताह में SASCI स्कीम के कार्यों का रोड मैप और कार्य योजना विद टाइमलाइन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

उन्होंने निर्देश दिए कि जो कार्य अधिक महत्व के हैं तथा जो कार्य शीघ्रता से पूरे किए जा सकते हैं ऐसे कार्यों को प्राथमिकता से लेना सुनिश्चित करें।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि जिन विभागों ने स्कीम के तहत विकास कार्यों को पूरा कर लिया है वे तत्काल उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें।

मुख्य सचिव ने खनन सेक्टर के रिफॉर्म के लिए खनन विभाग को निर्देशित किया कि माइनर मिनरल्स पॉलिसी निर्माण, दुर्लभ और परमाणु संयंत्र के लिए उपयोगी खनिज के सर्वे, स्टार रेटिंग सिस्टम तथा माइनर मिनरल्स ब्लॉक के ऑक्शन इत्यादि में तेजी से अग्रिम कार्रवाई करें।

उन्होंने परिवहन विभाग को EV द्वारा ओल्ड व्हीकल के प्रतिस्थापन, प्रदूषण रहित वाहन को बढ़ावा देने तथा सड़क सुरक्षा और नियंत्रण हेतु इलेक्ट्रॉनिक एनफोर्समेंट डिवाइसेज के उपयोग(ई-चालान जनरेशन, ऑनलाइन ई-चालान डिस्पोजल तथा ऑनलाइन ट्रैफिक मैनेजमेंट इत्यादि) से संबंधित सुधारात्मक कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए।

उन्होंने राजस्व विभाग और संबंधित विभागों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लैंड रिफॉर्म (लैंड रिकॉर्ड के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण) के कार्यों को तेजी से पूरा करने को निर्देशित किया। कहा कि डिजिटल क्रॉप सर्वे, वन कृषक आईडी तथा रेवेन्यू कोर्ट का डिजिटलीकरण इत्यादि का कार्य तेजी से पूरा करें।
उन्होंने वित्त और नियोजन विभाग को वित्तीय मैनेजमेंट का आधुनिकीकरण, डिजिटलीकरण और उसको पारदर्शी प्रक्रिया में लाने से संबंधित कार्यों को शीघ्रता से पूरा करने को निर्देशित किया। उन्होंने आधार बेस्ट डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) की प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिए।

नियोजन विभाग ने अवगत कराया कि इस वित्त वर्ष राज्य को अनटाइड फंड से 615 करोड़ रुपए की धनराशि प्राप्त होगी जबकि अन्य धनराशि की प्राप्ति विभिन्न विभागों द्वारा केंद्र सरकार द्वारा निर्देशित सुधारात्मक कार्यों की प्रगति पर निर्भर रहेगी।

बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु व आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव डॉ रंजीत कुमार सिंहा, शैलेश बगौली, रविनाथ रमन, पंकज कुमार पांडेय, डॉ आर राजेश कुमार, डॉ एस एन पांडेय व दीपक कुमार, अपर सचिव स्वाति भदोरिया, एमडी उत्तराखंड जल विद्युत निगम संदीप सिंघल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

सीएस की अध्यक्षता में हुई यूआईआईडीबी की बैठक

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में यूआईआईडीबी (उत्तराखंड इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड) की एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक आयोजित हुई।

बैठक में यूआईआईडीबी द्वारा संचालित ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित 25 परियोजनाओं पर व्यापक विचार विमर्श किया गया।

ऋषिकेश के विकास की ये महत्वपूर्ण परियोजनाएं रिवर राफ्टिंग डेवलपमेंट, डेवलपमेंट ऑफ़ पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस, आस्था पथ, पार्किंग डेवलपमेंट, संजय झील रि डेवलपमेंट, वाटर सप्लाई, चारधाम यात्रा मैनेजमेंट, स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज इंफ्रास्ट्रक्चर, सीवरेज इंफ्रास्ट्रक्चर, कांवड़ यात्रा मैनेजमेंट, भीड़ प्रबंधन, सड़क चौड़ीकरण, ब्रिज निर्माण, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, सैनिटेशन, घाटों के विस्तार और सौंदर्यीकरण से जुड़ी हुई हैं।

मुख्य सचिव ने परियोजनाओं की वर्तमान स्टेटस रिपोर्ट प्राप्त करते हुए इसकी प्रगति को तेजी से बढ़ाने के निर्देश दिए।

उन्होंने लोक निर्माण विभाग को नदियों के ब्रिज, सड़क चौड़ीकरण और क्रॉस रिवर ब्रिज निर्माण संबंधित कार्यों पर अग्रिम कार्रवाई के निर्देश दिए।

उन्होंने ऋषिकेश के रिवर राफ्टिंग प्रोजेक्ट को अंतरराष्ट्रीय राफ्टिंग सेंटर के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए।

संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर परियोजना से संबंधित जिस स्तर पर भी कार्य करना अपेक्षित है उसकी प्रगति में तेजी लाएं।

सभी निर्माण कार्यों में पब्लिक सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए तेजी से और पारदर्शिता से पूरा करने को निर्देशित किया।

मुख्य सचिव ने कांवड़ यात्रा मैनेजमेंट के दृष्टिगत महत्वपूर्ण साबित होने वाले देहरादून के माजरी ग्रांट और हरिद्वार के हरिपुर कलां को कनेक्ट करने वाले रूट का विस्तृत अध्ययन करने के निर्देश दिए। ताकि कांवड़ यात्रा और भी बेहतर तरीके से संचालित हो सके।

मुख्य सचिव ने परियोजना के डिजाइन और इंप्लीमेंटेशन को इस तरह से धरातल पर उतारने को कहा कि ऋषिकेश एक व्यवस्थित, जाम मुक्त, सुगम मोबिलिटी युक्त और बेहतर निकासी वाला शहर उभरकर सामने आए। कार्यों की प्रगति को बेहतर करने के लिए विभिन्न एजेंसियों और विभिन्न विभागों के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित किया जाए तथा शहर के लोकल्टी को आत्मसात करते हुए एकीकृत मॉडल पर कार्य करें।

बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, एल एल फैनई, आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, नितेश कुमार झा, सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर, पंकज कुमार पांडेय, चंद्रेश कुमार यादव, वी षणमुगम, डॉ आर राजेश कुमार, विनय शंकर पांडेय सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

हल्द्वानी में जू एण्ड सफारी के निर्माण कार्य में तेजी लाई जाएः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में वन्यजीव बोर्ड की 21वीं बैठक के दौरान वन विभाग के अधिकारियों को वनों के संरक्षण के साथ ही वन संपदाओं को लोगों की आजीविका से जोड़ने की दिशा में विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईकोलॉजी और ईकोनॉमी में संतुलन बनाते हुए आगामी 10 सालों के लिए विस्तृत प्लान करते हुए वन क्षेत्रों के आस-पास ईको-टूरिज्म की गतिविधयों को बढ़ावा दिया जाए। साथ ही मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को कम करने के साथ ही ऐसी घटनाओं में त्वरित मुआवजा वितरण के लिए डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया जाए।

मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिये कि हल्द्वानी में जू एण्ड सफारी के निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि वन विश्राम भवनों का रख-रखाव पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए राजस्व बढ़ाने के प्रयास किये जाएं। मुख्यमंत्री ने चौरासी कुटिया के जीर्णाेधार से संबंधित कार्यों में भी तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने नवाचार पर जोर देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड वनों की बहुलता वाला प्रदेश है, इसलिए वन संपदाओं को आर्थिकी से जोड़ने के प्रयास किये जाए, इसके लिए वन विभाग और वित्त विभाग बैठक करें। महासीर के संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किये जाएं।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में संरक्षित क्षेत्रों के अन्तर्गत एवं संरक्षित क्षेत्रों के 10 किमी. परिधि में आने वाले वन भूमि हस्तान्तरण एवं अन्य प्रकरणों पर कुल 25 निर्णयों पर अनुमोदन दिया गया। जिन्हें राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड को भेजा जायेगा। बैठक में श्री रूद्रनाथ यात्रा मार्ग को ई.डी.सी के माध्यम से संचालित किये जाने एवं केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग, गोपेश्वर के क्षेत्रान्तर्गत मिनी ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर की स्थापना के लिए भी सैद्धांतिक सहमति दी गई।

बैठक में जानकारी दी गई कि 20वीं बोर्ड बैठक से अब तक राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड द्वारा उत्तराखंड की महत्वपूर्ण 22 परियोजनाओं पर सहमति दी जा चुकी है। बैठक में जानकारी दी गई कि विगत 03 वर्षों में 75 हजार से अधिक बंदरों का बंध्याकरण किया जा चुका है। इस वर्ष 27 वन प्रभागों में 40 हजार बंदरों के बंध्याकरण का लक्ष्य रखा गया है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा गत बैठक में दिये गये निर्देश के क्रम में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटना के बाद प्रभागीय वनाधिकारी मौके पर पहुंचते हुए और पीड़ित परिवार को तत्काल अनुमन्य राशि प्रदान की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 19.55 करोड़ रूपये का मुआवजा प्रदान किया गया। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2024 के अन्तर्गत राज्य में चार नये ईको पर्यटन जोन प्रारंभ किये गये हैं।

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखण्ड जैव विविधता की दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। वन संपदाओं के सही उपयोग और इसे लोगों की आजीविका से जोड़ने की दिशा में निरंतर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें नये डेस्टिनेशन विकसित करने की दिशा में कार्य करने होंगे।

बैठक में विधायक बंशीधर भगत, दीवान सिंह बिष्ट, प्रमुख सचिव वन आर. के सुधांशु, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव आर.के. मिश्रा, सचिव बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, नीरज खैरवाल और संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

एक्सिस बैंक की नई शाखाओं के खुलने से सीमांत क्षेत्रों में आधुनिक बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार होगाः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए गुप्तकाशी एवं ज्योर्तिमठ में एक्सिस बैंक की नई शाखाओं का वर्चुअल शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री ने गुप्तकाशी एवं ज्योर्तिमठ में एक्सिस बैंक की नई शाखाओं के शुभारंभ पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इससे सीमांत क्षेत्रों में आधुनिक बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार होगा। यह कदम वित्तीय समावेशन के साथ क्षेत्रीय विकास को गति प्रदान करेगा। गुप्तकाशी और ज्योर्तिमठ दोनों ही चार धाम यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव हैं। इन स्थानों पर बैंक की शाखाएं खुलने से स्थानीय लोगों के साथ श्रद्धालुओं को भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा राज्य सरकार, प्रदेश में सभी बैंकों के आवश्यक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए हर संभव मदद करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्योर्तिमठ में भारत सरकार के सहयोग से 1700 करोड़ से भी अधिक की लागत से पुर्नावास की योजना का काम गतिमान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत, विकसित भारत के संकल्प को लेकर आगे बढ़ रहा है। यह संकल्प तभी पूरा होगा, जब अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को विकास की मुख्य धारा से जोड़ जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जन धन योजना, मुद्रा योजना, जैसी अनेक योजनाएं से देश के प्रत्येक नागरिक को बैंकिंग सेवा से जोड़ने का काम किया है। देश में 55 करोड़ से अधिक जनधन खाते खोले गए हैं। अब इन खातों के माध्यम से किसी भी योजना के लाभार्थियों का पैसा सीधे उनके खातों में पहुंच रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार वित्तीय समावेशन को सशक्त करने के लिए कार्य कर रही है। वित्तीय अनुशासन बनाने में देवभूमि उत्तराखंड दूसरे स्थान पर आया है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की सूची में हमारे प्रदेश का प्रथम स्थान आया है। राज्य सरकार का प्रयास है बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा जैसी सेवाओं हर नागरिक तक पहुंचे। राज्य सरकार ई गवर्नेंस, मोबाइल एप, डिजिटल सेवाओं को गांव गांव तक पहुंचा रही है। जिससे लोगों का जीवन आसान हो रहा है।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, विधायक बंशीधर भगत, डॉ. मोहन सिंह बिष्ट, आशा नौटियाल, एक्सिस बैंक के प्रबंध निदेशक अमिताभ चौधरी, अपर सचिव मनमोहन मैनाली मौजूद थे।

सचिवालय में हुई टिहरी झील एरिया डेवलपमेंट प्रोजेक्ट उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में एशियाई विकास बैंक सहायतित टिहरी झील एरिया डेवलपमेंट प्रोजेक्ट उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक आयोजित की गई।

बैठक में परियोजना निदेशक द्वारा टिहरी झील एरिया डेवलपमेंट प्रोजेक्ट से संबंधित चौथी एचपीसी बैठक के निर्देशों की अनुपालन आख्या प्रस्तुत की गई, साथ ही वर्तमान में गतिमान 19 उप प्रोजेक्ट की स्टेटस रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई।

मुख्य सचिव ने गतिमान निविदा प्रक्रिया से संबंधित प्रकरणों एवं उनकी वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी ली।

उन्होंने टिहरी लेक एरिया डेवलपमेंट के कार्यों टूरिज्म रोड, डेवलपमेंट आफ डोबरा चांटी पार्क, अपग्रेडेशन ऑफ तिवाड़ गांव, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट इत्यादि की प्रगति की जानकारी प्राप्त करते हुए संतोष व्यक्त किया और तेजी से कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि भविष्य में किसी भी प्रोजेक्ट का कंपलीट ग्राउंड सर्वे करने के पश्चात ही डीपीआर तैयार करें ताकि प्रोजेक्ट के सभी पहलू सम्मिलित हो जाए और प्रोजेक्ट की बाद में लागत में बढ़ोतरी की संभावना भी ना रहे।

उन्होंने निर्देशित किया कि बड़े और मेजर कार्यों को छोड़कर छोटे-छोटे काम के लिए कंसल्टेंसी सर्विसेज लेने से बचें। प्रोजेक्ट/उप प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि कार्य पूरा होने के पश्चात उसका नियमित तरीके से बेहतर संचालन भी होता रहे।

मुख्य सचिव ने टिहरी एरिया के डेवलपमेंट से संबंधित अब तक विभिन्न एजेंसी द्वारा समय-समय पर किए गए कार्यों का विवरण भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने सचिव पर्यटन को टिहरी झील और उसके आसपास के क्षेत्र को वर्ल्ड लेवल का टूरिस्ट हब डेस्टिनेशन बनाने के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाते हुए अगली बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

इस दौरान बैठक में प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे, सचिव वी. षणमुगम, परियोजना निदेशक/अपर सचिव अभिषेक रोहेला, वित्त निदेशक जगत सिंह चौहान, सहायक प्रोजेक्ट निदेशक राजेश पंत, सिविल इंजीनियर भवन एवं अवसंरचना कपिल कुमार सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।