प्रदेश की भाजपा सरकार के राज में राज्य के व्यवसायी कर्ज में डूबे है, कर्ज न चुका पाने से उनके सामने कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है। नतीजतन वह आत्महत्या कर रहे है। सरकार भी उनकी कोई सुध नहीं ले रही है। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पत्रकार वार्ता के दौरान कही।
कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि देहरादून के ट्रांसपोर्टर बलवंत भट्ट की आत्महत्या को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं। इससे पहले ट्रांसपोर्टर प्रकाश पाण्डेय की आत्महत्या से भी सरकार ने सबक नहीं लिया।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों और ट्रांसपोर्टरों को हतोत्साहित कर रही है। सरकार को मृतकों के ऋणों के समायोजन का रास्ता निकालना चाहिए। उन्हें केंद्रीय बजट को लेकर पीएम मोदी पर हमला बोला।
कहा कि देश के लिए मोदी ने झुनझुना दिया है। बजट में उत्तराखंड को कुछ नहीं मिला। ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुधार पर भी केंद्र गंभीर नहीं है। केंद्र सरकार ने मनरेगा और पीएमजीएसवाई के धन में बढ़ोत्तरी नहीं की। ऐसे में गांव की तस्वीर कैसे बदलेगी।
कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में भी यही हाल है। इसमें भी दो हजार करोड़ की कमी कर दी गई। स्वच्छ भारत अभियान का बजट भी मोदी ने नहीं बढ़ाया। इसी तरह ग्रामीण पेयजल मिशन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के बजट में भी बढोत्तरी नहीं की गई।