टमाटर के बाद अब प्याज की कीमतें भी रुलायेंगी

टमाटर की कीमतों के बाद प्याज की कीमतें भी आम आदमी को परेशान कर सकती है। पिछले एक महीने में प्याज की कीमतों में तीन गुना वृद्धि हुई है और आने वाले दिनों में ये कीमतें और भी बढ़ने का अनुमान जताया जा रहा है। इसके पीछे नासिक में प्याज की थोक मंडियों में प्याज की कीमतों में लगभग 80 प्रतिशत की बढ़ोतरी शामिल है। नासिक के लासलगांव मे प्याज के प्रति कुंतल दाम 1,240 रू से बढ़कर 2,340 रू प्रति कुंतल तक पहुंच गए हैं।
एशिया की सबसे बड़ी थोक सब्जी मंडी आजादपुर मंडी में पिछले एक महीने में प्याज की कीमतें तिगुनी हो चुकी हैं। व्यापारियों का कहना है कि सबसे अधिक प्याज नासिक से आता है। लेकिन इस बार ये प्याज बाढ़ग्रस्त इलाको में और दक्षिण भारतीय राज्यों में चला गया है। जिस वजह से वहां पर भी दाम बढ़ गए हैं और आने वाले वक्त में आम आदमी को प्याज की दोगुनी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

फसल का सीधा भुगतान अब खातों में आयेगा

उत्तराखंड में देहरादून सहित प्रदेशभर की 10 मंडियों में फसलों के दाम अब ऑनलाइन ही तय होंगे। क्योकि अब ये मंडियां राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) से जुड़ जाएंगी। देश की मंडियों को जोड़ने के लिए 14 अप्रैल, 2016 को ई-नाम की शुरुआत की गई थी। पहले चरण में राज्य की 5 मंडियों को आपस में जोड़ा गया था।
दूसरे चरण में देहरादून के अलावा रुड़की, विकासनगर, रामनगर, हल्द्वानी, खटीमा, जसपुर, टनकपुर, बाजपुर और मंगलौर मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जाएगा। राज्य सरकार ने इस संबंध में एक प्रस्ताव बनाकर केंद्रीय कृषि मंत्रालय को भेज दिया है।
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, देहरादून की निरंजनपुर सब्जी मंडी से 4,000 से ज्यादा व्यापारी और 10,000 से अधिक किसान जुड़े हुए हैं। मंडी के साथ ये लोग अब ई-नाम से भी जुड़ जाएंगे। ई-नाम के जरिए किसानों को उनके उत्पादों से संबंधित जानकारियां मोबाइल मैसेज के जरिए मिला करेंगी। इसके अलावा मंडी में आने वाले उत्पादों की जांच मंडी लैब में ही होगी और किसानों को फसल का सीधा भुगतान उनके खातों में आएगा।
दून मंडी समिति ने ई-नाम के लिए मंडी में सर्वर रूम भी तैयार कर लिया है। केंद्र से बजट मिलते ही निरंजनपुर मंडी ई-नाम से जुड़कर काम करना शुरू कर देगी। जिसका सीधा फायदा किसानों और व्यापारियों को मिलेगा।

11 करोड़ नकदी बरामद, आभूषणों की कीमत का आंकलन करने में जुटी टीम

कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री डीके शिवकुमार और उनके सहायकों पर कथित कर चोरी के मामले को लेकर उनके कई ठिकानों पर चल रही आयकर विभाग की तलाशी में अब तक 11 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी बरामद हुई है। गुजरात में राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर विधायकों को भाजपा के पाले में जाने से रोकने के लिए कांग्रेस के 44 विधायकों को बेंगलूरू के रिजॉर्ट में रखा गया और उनकी जिम्मेदारी शिवकुमार को दी गई। गुजरात राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल कड़े मुकाबले का सामना कर रहे हैं।
गुरुवार को लगातार दूसरे दिन भी कई ठिकानों पर छापेमारी जारी रही। आयकर अधिकारियों ने कई दस्तावेज, अकाउंट बुक्स और वित्तीय कागजात बरामद किए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी तक दिल्ली से करीब 8.33 करोड़ रुपये, बेंगलूरू से 2.5 करोड़ रुपये और मैसुर से 60 लाख रुपये बरामद किए गए हैं। अधिकारी ने कहा, ‘‘विभिन्न ठिकानों से अभी तक करीब 11.43 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं। कुछ ठिकानों पर तलाशी चल रही है।’’
उन्होंने बताया कि तलाशी के दौरान मिले कुछ आभूषणों की कीमत का आकंलन किया जा रहा है। अधिकारी ने कहा कि विभाग कुछ कथित बेनामी संपत्ति समेत रियल एस्टेट में निवेशों से संबंधित दस्तावेजों का विश्लेषण भी कर रहा है। विभाग ने कहा कि वह कथित कर चोरी और रियल एस्टेट, आभूषण और अन्य क्षेत्रों में बड़े गुप्त निवेश के मामले में शिवकुमार की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि विभाग सिंगापुर और अन्य देशों में उनसे जुड़े निवेशों की जांच भी कर रहा है। आयकर विभाग ने कर चोरी के मामले में शिवकुमार के 64 ठिकानों और संपत्तियों पर कल तलाशी ली थी जिससे राजनीतिक तूफान आ गया था। कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस शिवकुमार पर छापों के खिलाफ आज शहर में प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस ने केंद्र पर तानाशाही वाला रवैया अपनाने और लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया है। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले शिवकुमार वोक्कालिंगा समुदाय के प्रभावशाली नेता हैं और देश के सबसे अमीर मंत्रियों में से एक हैं।
वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव के लिए दायर किए गए हलफनामे में उन्होंने अपनी संपत्ति 251 करोड़ रुपये से ज्यादा की बताई थी। कांग्रेस आलाकमान से नजदीकी रखने वाले 55 वर्षीय शिवकुमार को पार्टी को मुश्किल से निकालने वाला माना जाता है। वह छह बार विधायक रहे हैं। उन्हें मुख्यमंत्री बनने की उनकी महत्वाकांक्षा के लिए भी जाना जाता है। रिजॉर्ट पर कल मारे गए छापे को लेकर संसद में भारी हंगामा हुआ तथा कांग्रेस ने इसे एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए अभूतपूर्व रूप से निशाना बनाने वाला बताया। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि भाजपा के खिलाफ आवाज को दबाने के लिए यह राजनीति से प्रेरित कार्रवाई है।

काश्तकारों को बड़ी राहत, जौनपुर विकासखण्ड में खुलेगा कोल्ड स्टोर

टिहरी जिले के जौनपुर विकासखण्ड के सकलाना क्षेत्र में काश्तकारों की नकदी फसल को बचाने के लिए एक कोल्ड स्टोर खोला जायेगा। यह निर्देश सचिव उद्यान डी सैंथिल पांडियन ने दिए है। सकलाना पट्टी के राजीव गांधी संसाधन परिषद मंज गांव में एकीकृत आजीविका मिषन की और से आयोजित कार्यषाला में उद्यान सचिव ने कहा कि योजना का मुख्य उद्देष्य काष्तकारों को आत्मनिर्भर बनाना है। कहाकि कृषि और उद्यान की उत्तराखण्ड में अपार संभावना है। बताया कि कृषि को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्र में सात बडे और चालीस छोटे बीज संग्रह केन्द्र और 170 रैन वॅाटर हार्वेस्टिग टैंकों का निर्माण किया जाएगा। किसानों को फसल बीमा की जानकारी देते हुए समूह के माध्यम से फल, सब्जी, जड़ी-बूटी उत्पादन को प्रोत्साहन देने और मिलने की बात कही। सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए सचिव उद्यान ने बताया कि शीघ्र ही प्रदेष में नर्सरी लागू की जा रही है।

पांच सौ का नोट दो और लाखों कमाओ

नोटबंदी के दौरान मार्केट से बाहर किए गए 500 रुपए के कई पुराने नोट एक लाख रुपए से भी ज्‍यादा कीमत में बिक रहे हैं। इन नोटों को ईबे.कॉम पर ऑनलाइन ऑक्‍शन में डाला गया है। ये नोट अपने खास लकी नंबर के चलते इतनी ऊंची कीमत पर बिक रहे हैं। सबसे ज्‍यादा कीमत 786 नंबर वाले नोटों की है। इस नंबर के 500 रुपए के एक नोट की कीमत तो 1 करोड़ रुपये लगाई गई। एक ओर तो सरकार ने 500 और 1000 रुपए के नोटों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है। सरकार ने इसके लिए एक नया कानून भी बनाया है। जिसके तहत आप पुराने 10 के नोट अपने पास रख सकते हैं। ज्‍यादातर लोगों ने ये 500 और 1000 के नोट बैंक में जमा भी कर दिए थे। अगर गलती से आप के पास कोई नोट बच गया है तो आप के पास लखपती बनने का सुनहरा मौका है।
शर्त ये है कि आपका यह नोट कुछ खास होना चाहिए। ऑनलाइन साइटों पर आप नजर डालें तो 500 रुपए के कई पुराने नोट बिकने के लिए डिस्‍प्‍ले किये गये हैं। ये नोट अपने खास नंबर जैसे 1234 या 420 या 786 के चलते ऊंची कीमत में बिक रहे हैं। 786 नंबर वाले 500 रुपये के नोटो की कीमत 1 करोड़ रुपये तक लगाई गई है। कुछ नोट 1 लाख रुपए के आसपास हैं। मार्केट में आए 500 रुपए के नए नोट भी सेल के लिए रखे गए हैं। आरबीआई की ओर से पहले से जारी किए गए नोट भी सेल पर रखे गए हैं। इसमें अशोक स्‍तंभ से जुड़ नोटों के अलावा 1 रुपए और 2 रुपए के वो नोट भी शामिल हैं जो अब बिकने बंद हो गए हैं।

राज्य में स्टार्टअप के लिए बेहतर वातावरणः त्रिवेन्द्र

देहरादून
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को नागपुर में राज्य में निवेश के सम्बन्ध में विदर्भ इण्डस्ट्रियल एसोसिएशन के सदस्यों के साथ बैठक की। उन्होंने विदर्भ इण्डस्ट्रियल एसोसिएशन के सदस्यों, पदाधिकारियों को अवगत कराया कि राज्य सरकार द्वारा उद्योगों की स्थापना तथा व्यवसाय के लिए सुगम वातावरण बनाने हेतु भारत सरकार की ’’ईज ऑफ डूईंग बिजनेस‘‘ के तहत सम्बन्धित विभागों विभिन्न स्तरों पर कठिनाईयों को चिन्हित कर दूर करने का प्रयास कर रही है। भारत सरकार की 2016 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड हिमालयी राज्यों में प्रथम स्थान एवं देश में प्रथम 10 राज्यों में शामिल है। राज्य ने सुधार क्षेत्रों में 10 में से 07 क्षेत्रों में शत प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ’’उत्तराखण्ड एकल खिड़की सुगमता एवं अनुज्ञापन व्यवस्था‘‘ लागू है। सिंगल विंडो सिस्टम के तहत प्राप्त आवेदनों के निस्तारण एवं निगरानी के लिए राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय प्राधिकृत समिति एवं जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला प्राधिकृत समिति का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि एकल खिड़की व्यवस्था के अन्तर्गत राज्य एवं जिला प्राधिकृत समिति सभी निर्णयों हेतु पूर्णतः सक्षम होंगी। 10 करोड़ रूपये तक की परियोजनाओं के प्रस्तावों पर जिला स्तर पर ही सभी स्वीकृतियां सुनिश्चित कराई जायेंगी। उद्यमियों की सुविधाओं हेतु उद्योग निदेशालय स्तर पर इन्वेस्टर फैसिलिटेशन सेंटर की स्थापना की गई है।
राज्य में स्टार्टअप के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने के लिए ’’उत्तराखण्ड राज्य के स्टार्ट-अप नीति-2017‘‘ बनाई गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य में पूंजी निवेश तथा रोजगार बढ़ाने के लिए एमएसएमई नीति स्वीकृत की गई है। बड़े उद्यमों हेतु अलग से ’’मेगा इण्डस्ट्रियल एण्ड इन्वेस्टमेंट पॉलिसी‘‘ तथा ’’मेगा टैक्सटाइल पार्क पॉलिसी‘‘ लागू की गई है। इसके अलावा एक्सकार्ट फार्म, काशीपुर में नालिज हब /प्रदूषण रहित उद्योग की स्थापना तथा भारत सरकार के सहयोग से सितारगंज में 40 एकड़ भूमि पार्क की स्थापना का कार्य चल रहा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने एसोसिएशन के सदस्यों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार की अपनी नीतियों के साथ-साथ निवेशकों के लिए संस्थागत सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार संस्कृति ग्राम विकसित करने के लिए योजना बना रही है जिससे पर्यटकों को राज्य की विशेषताओं, संस्कृति, रहन-सहन एवं पारम्परिक पोषाकों तथा शिल्प की झलक एक स्थान पर मिल सके।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य के कई क्षेत्रों में कलस्टर विकास की प्रबल सम्भावनाएं है। कृषि आधारित उद्योग, ईको-टूरिज्म, साहसिक खेलों, बागवानी, आरोग्य केन्द्र, औषधीय तथा सुगंधित पौंध आधारित उद्योग, फूलों की खेती, जैविक उत्पादों की खेती आदि की स्थापना से बडे पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकते है। विदर्भ इण्डस्ट्रियल एसोशियेशन द्वारा एग्रो, पर्यटन, प्लास्टिक तथा पैकेजिंग उद्योगों की स्थापना हेतु निवेश की इच्छा व्यक्त की। सीएम ने आश्वासन दिया कि सरकार उद्यमियों को हर संभव सहायता उपलब्ध करायेगी।
इस अवसर पर विदर्भ इण्डस्ट्रियल एसोशियेशन के अध्यक्ष अतुल पाण्डे तथा उपाध्यक्ष सुरेश राठी, मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार डॉ0 केएस पंवार, अपर निदेशक उद्योग एससी नौटियाल, विशेष कार्याधिकारी मुख्यमंत्री अभय रावत, अर्नस्ट एण्ड यंग के कन्सल्टेंट कनन विजय उपस्थित थे।

एनआईए ने पाकिस्तान से व्यापार बंद करने की सिफारिश की

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सिफारिश की है कि लाइन ऑफ कंट्रोल पर पाकिस्तान के साथ व्यापार बंद किया जाना चाहिए। एनआईए ने गृह मंत्रालय को भेजे अपनी सिफारिश में कहा है कि जम्मू कश्मीर के पुंछ और उरी से होने वाले व्यापार को तुरंत बंद किया जाना चाहिए क्योंकि सीमा पार व्यापार के बहाने पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए धन भेजते हैं। बता दें कि भारत पाकिस्तान के बीच अच्छे रिश्ते बहाल करने के लिए साल 2008 में उरी-पुंछ समेत कुछ जगहों से पाकिस्तान के साथ व्यावसायिक रिश्तों की शरूआत की गई थी। इस कदम का मकसद था कि जम्मू-कश्मीर के व्यापारी कम दूरी पर पाकिस्तान से बिजनेस कर सकें। लेकिन बाद में पता चला कि आतंकी और आतंकी समूह इस बिजनेस गतिविधि का इस्तेमाल आतंकी फंडिंग के लिए कर रहे हैं।
हाल ही में हुर्रियत के कुछ नेताओं को भी केन्द्रीय जांच एजेंसी ने टेरर फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसमें दूसरे अलगाववादी संगठन के नेता भी शामिल थे। इन नेताओं ने एक स्टिंग ऑपरेशन में स्वीकार किया था कि उन्हें हवाला के माध्यम से पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से फंडिंग मिल रही है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक, जम्मू एवं कश्मीर में सीमा पर व्यापार की आड़ में आतंकवाद और कश्मीर में हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है और इसके पीछे पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन और एजेंसियां काम कर रही हैं। एनआईए का मानना है कि पाकिस्तान ने पिछले कुछ समय में घाटी में हवाला के जरिए काफी धन पहुंचाया है।
भारत पाकिस्तान के बीच होने वाले व्यापार में 21 वस्तुओं की सूची तैयार की गई थी, जिनका व्यापार होना था। इनमें चमड़े का सामान, सूखे मेवे, सर्जिकल उपकरण, कपास, प्लास्टिक, सूखी सब्जियां, कृत्रिम फाइबर, टायर, अशुद्ध गहने, जस्ता, तेल के बीज और बुने हुए कपड़े जैसी चीजें शामिल थी। एक आंकड़े के मुताबिक रोजाना दोनों देशों के बीच 40 से 50 ट्रक सामान लेकर गुजरते हैं।

जेफ बेजोस ने माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट्स को पीछे छोड़ा

दुनिया की सबसे बड़ी ई कॉमर्स कंपनी अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस दुनिया के सबसे अमीर शख्स बन गए हैं। उन्होंने दशकों से इस खिताब को कब्जाए माइक्रोसॉफ्ट प्रमुख बिल गेट्स को पीछे छोड़ा दिया है। फोर्ब्स के मुताबिक, बेजोस की कुल परिसंपत्ति 90.6 अरब डॉलर तक पहुंच गई है, जो गेट्स की कुल परिसंपत्ति 90.1 अरब डॉलर से ज्यादा है।
गुरुवार को अमेजन डॉट कॉम के शेयरों में 1.6 फीसदी उछाल आया और उनकी संपत्ति दो अरब डॉलर ज्यादा बढ़ गई। इसी के साथ ही उन्होंने गेट्स को पीछे छोड़ दिया। गेट्स को माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक के तौर पर जाना जाता है। 61 वर्षीय गेट्स 2013 से ही दुनिया के सबसे अमीर शख्स बने हुए थे।
अमेजन ने हाल ही में दूसरी तिमाही के नतीजे पेश किए हैं। उसकी बिक्री 22 फीसदी बढ़ने के साथ 37 अरब डॉलर पार कर गई है। दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी अमेजन ने स्पेस कंपनी ब्लू ओरिजन समेत कई क्षेत्रों में अपने पांव पसारे हैं।

किताबें बेचने वाला आज सबसे दौलतमंद
कभी ऑनलाइन किताबों की बिक्री से कारोबार शुरू करने वाले बेजोस ने हाल ही में होल फूड मार्केट कंपनी को 13 अरब डॉलर में खरीदा है। जेफ बेजोस वाशिंगटन पोस्ट अखबार का भी वह संचालन करते हैं। भारत से लेकर मैक्सिको तक उनके कारोबार का विस्तार है। वह हाइपरलूप ट्रेन चलाने की परियोजना पर भी काम कर रहे हैं।

इंपोर्ट ड्यूटी घटने से सोने की कीमत में आ सकती है कमी

कम होते व्यापारिक घाटे के चलते केंद्र सरकार सोने की इंपोर्ट ड्यूटी घटाने का फैसला कर सकती है। वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। सोने पर आयात शुल्क घटाए जाने से स्थानीय मार्केट में कीमतें कम होंगी और मांग में इजाफा हो सकता है। बीते करीब 6 सप्ताह से सोने की कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर चल रही हैं। जून में पहली बार कीमतों में मामूली गिरावट के बाद अब एक बार फिर से इजाफे का दौर है।
1 जुलाई से गोल्ड ज्वैलरी पर सेल्स टैक्स बढ़ाने का फैसला लिए जाने के बाद सोने की स्मगलिंग बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में सरकार इस पर लगाम लगाने के लिए इंपोर्ट ड्यूटी कम करने का फैसला ले सकती है। भारतीय वाणिज्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रटरी मनोज द्विवेदी ने कहा, फिलहाल चालू खाता घाटे में सुधार हो रहा है और इंपोर्ट ड्यूटी घटाने का फैसला बजट में ही लिया जाना चाहिए था। कॉमर्स मिनिस्ट्री ने वित्त मंत्रालय से सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने का फैसला होना है। हालांकि यह साफ नहीं है कि मंत्रालय की ओर से कब यह फैसला लिया जाएगा। इस मामले पर वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। चालू खाता घाटे में सुधार के लिए केंद्र सरकार ने अगस्त, 2013 में गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी 10 पर्सेंट करने का फैसला लिया था।

200 रुपये के नोट बाजार में आने को तैयार

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पांच महीने पहले से ही 2000 के नोटों की छपाई बंद कर दी है। बैंक अब छोटे नोटों की छपाई पर जोर दे रहा है। इसके तहत आरबीआई के मैसूर प्रेस में 200 रुपये के नोटों की छपाई शुरू भी हो गई है। सूत्रों के अनुसार, अगले महीने करीब एक अरब रुपये मूल्य के 200 रुपए के नोट बाजार में आने की उम्मीद है। केंद्र सरकार की होशंगाबाद स्थित प्रेस यूनिट में सैंपल नोट की क्वालिटी और सिक्युरिटी फीचर चेक होने के बाद इन नोटों को कर्नाटक स्थित मैसूर और पश्चिम बंगाल स्थित सालबनी में आरबीआई की प्रिंटिंग प्रेस में मुद्रण के लिए भेज दिया गया है। इसके अलावा 500 रुपए के नोट की छपाई भी बढ़ा दी गई है। जब 200 रुपए का नोट बाजार में आएगा तो यह छोटे नोट की कमी को दूर कर देगा।
एक एटीएम मशीन में औसतन 10,000 के नोट होते हैं। अगर हम मान लें कि एटीएम में केवल 100 रुपये के ही नोट है तो इनकी संख्या और आपूर्ति बढ़ जाती है। मसलन, एटीएम मशीन में करीब 25000 करोड़ की अतिरिक्त नकदी पड़ी हुई है। 200 रुपये के नए नोट बाजार में आने से न सिर्फ रोजमर्रा के लेन देन में आसानी होगी बल्कि अतिरिक्त मांग और छोटे गुणांक के नोटों की सप्लाई में एक बैलेंस बनेगा।
साथ ही आरबीआई के पास एक प्रस्ताव भेजा गया है और सुझाव के अनुसार इन 200 रुपए के नोटों को बाजार में एटीएम के जरिए नहीं लाया जाएगा। ये नोट सीधे तौर पर बैंक की शाखाओं से मिलेगें। ऐसा करने से 2000 के नए नोट के बाजार में आने पर जो मुश्किलों का सामना करना पड़ा था, उनसे बचा जाएगा।