नई दिल्ली।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने एनडीए सरकार के कार्यकाल में पिछले वर्ष कोयला ब्लाकों की ऑन-लाइन नीलामी के पहले दो दौर में कमियां निकाली है। कैग का कहना है कि इनमें 11 ब्लाकों के मामले में जिस तरह कंपनी समूहों ने अपनी ज्वाइंट वेंचर्स या सब्सिडियरीज के जरिए कॉरपोरेट ग्रुप्स के एक से अधिक बोलियां पेश की थीं उससे यह भरोसा नहीं होता कि दो दौर की प्रतिस्पर्धा में संभावित स्तर हासिल हुआ है।
पहले दो चरणों में कुल 29 कोयला खानों की सफल नीलामी हुई थी। कोयला खानों की ऑनलाइन नीलामी पर कैग की संसद में पेश ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि इन नीलामियों में 11 कोयला ब्लॉक की में कंपनी समूहों ने अपनी सब्सिडियरीज कंपनियों या ज्वाइंट वेंचर्स के जरिए एक से अधिक बोलियां लगायीं। ऐसे में उसकी राय है कि हो सकता है इससे प्रतिस्पर्धा बाधित हुई हो।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आडिट में यह भरोसा नहीं जगा कि पहले दो चारों में 11 कोयला खानों की नीलामी में प्रतिस्पर्धा का संभावित स्तर हासिल हो गया होगा। इसके अनुसार ऐसे परिदृश्य में जबकि मानक टेंडर दस्तावेज (एसटीडी) के तहत संयुक्त उद्यम की भागीदारी की अनुमति दी जाती है और साथ ही ई नीलामी में भाग लेने वाली क्यूबी की संख्या सीमित की जाती है तो ऑडिट में यह कहीं आश्वासन नहीं मिलता कि पहले दो चरणों में नीलाम हुई उक्त 11 कोयला खानों की बोली के दूसरे चरण में प्रतिस्पर्धा का संभातिव स्तर हासिल किया गया था।
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महिलाएं आत्म निर्भर बनेगी तभी तो सवरेगा उत्तराखंड
महिलाएं आत्म निर्भर बनेगी तभी तो सवरेगा उत्तराखंड
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ‘‘मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजना’’ के तहत महिलाओं सम्मानित किया
देहरादून।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ‘‘मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजना’’ के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं व किशोरियों को सिलाई मशीनें व सहायता राशि प्रदान की। उन्होंने ‘हमारी कन्या हमारा अभिमान’ योजना के तहत भी चैक वितरित किए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि ‘‘मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजना’’ को महिलाओं का बहुत समर्थन मिला है। महिला सशक्त आजीविका योजना कोष स्थापित किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार 50 लाख रूपए देगी। हमें खुशी है कि योजना से बड़ी संख्या में महिलाओं को अपने पैरों पर खड़े होने में मदद मिली है। इस योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर महिलाएं आजीविका में आत्मनिर्भर हो सकती हैं। देहरादून में इसमें अच्छा काम हुआ है। देहरादून की बालिकाएं राज्य के लिए मापदंड स्थापित करेंगी।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि प्रतियोगिता के जमाने में हमें अपने उत्पादों की गुणवŸाा बेहतर करनी होगी। महिला स्वयं सहायता समूह इस दिशा में बहुत उत्साहवर्धेक काम कर रहे हैं। महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम न केवल उनकी आजीविका के लिए प्रशिक्षण की योजना संचालित कर रहे हैं बल्कि अब सरकारी खरीद के साथ इसे जोड़ रहे हैं। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक सरकारी विभाग अपने लिए आवश्यक सामानों की खरीद के लिए बजट का एक निश्चित प्रतिशत महिला स्वयं सहायता समूहों से खरीदने पर व्यय करें। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि महिला सशक्त आजीविका योजना कोष स्थापित किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार 50 लाख रूपए देगी। राज्य के प्रत्येक विधायक से इस कोष के लिए 1-1 लाख रूपए व सांसदो ंसे 5-5 लाख रूपए दिए जाने का अनुरोध करेंगे। इस कोष से महिलाओं के प्रशिक्षण के काम को और भी तेजी से बढ़ाया जाएगा।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि विकास समावेशी होना चाहिए। इसमें सभी वर्गों की भागीदारी होनी चाहिए। हमने एक दर्जन से भी अधिक प्रकार की सामाजिक कल्याण की पेंशनें प्रारम्भ कीं। पेंशन राशि को 400 रूपए से बढ़ाकर एक हजार रूपए किया। पेंशन लाभार्थियों की संख्या 1 लाख 74 हजार से बढ़कर 7 लाख से भी ज्यादा हो गई हैं। हमारी कन्या हमारा अभिमान योजना के तहत उन माताओं को सम्मान राशि प्रदान की जाती हैं जिनके दो कन्याएं हैं। महिलाओं की भर्ती के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उनको वार्षिक टर्नओवर पर 5 प्रतिशत बोनस दिया जा रहा है। साथ ही 5 हजार रूपए राशि से उनका बैंक खाता राज्य सरकार खुलवा रही है। केपिटल सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। ऊधमसिंह नगर में महिला उद्यमिता पार्क स्थापित किया जा रहा है। राज्य में परिवर्तन के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा।
कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि ‘‘मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजना’’ राज्य के पांच जिलों में संचालित की जा रही है। इसमें महिलाओं व किशोरियों को आजीविका के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। प्रशिक्षण के उपरांत उन्हें 50 हजार रूपए तक की परिसम्पŸिायां आजीविका के लिए प्रदान की जाती हैं। इसी योजना के तहत मद्रासी कालोनी, देहरादून की 100 महिलाओं को निस्बड के सहयोग से प्रशिक्षण प्रदान किया गया था। इसमें 64 महिलाओं को वस्त्र डिजाईनिंग व 36 महिलाओं को ब्यूटीशियन का प्रशिक्षण दिया गया।
इस अवसर पर केबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, विधायक राजकुमार, प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी, अपर सचिव विम्मी सचदेवा रमन, जिलाधिकारी देहरादून रविनाथ रमन आदि मौजूद थे।

200 करोड़ का सॉफ्ट लोन दे केन्द्र सरकार200 करोड़ का सॉफ्ट लोन दे केन्द्र सरकार200 करोड़ का सॉ200 करोड़ का सॉफ्ट लोन दे केन्द्र सरकार
सीएम हरीश रावत ने पीएम से मांगा सहयोग
देहरादून।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उत्तराखण्ड की चीनी मिलों के लिए केन्द्र सरकार से 200 करोड़ का सॉफ्ट लोन उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया है।
अपने पत्र में मुख्यमंत्री रावत ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि राज्य में 8 चीनी मिलें हैं जिनमें से 5 मिलें सार्वजनिक व सहकारी क्षेत्र की एवं 3 निजी क्षेत्र की हैं। राज्य में चीनी मिलों ने पिराई सीजन 2015-16 में कुल 28.37 लाख मीट्रिक टन गन्ने की पिराई की और 2.73 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन किया गया। इस सीजन में गन्ना किसानों का कुल देय भुगतान रू0 790.57 करोड़ था। राज्य सरकार द्वारा चीनी मिलों को साफ्ट लोन व विभिन्न प्रकार की रियायतें उपलब्ध करवाईं गईं। चीनी मिलों द्वारा रू0 573.71करोड़ का भुगतान किसानों को किया जा चुका है परंतु अभी भी रू0 216.86 करोड़ का भुगतान किया जाना बाकी है।
मुख्यमंत्री रावत ने पत्र में बताया है कि लगभग 1 लाख 75 हजार से अधिक गन्ना किसान उŸाराखण्ड की चीनी मिलों से जुड़े हुए हैं। पिछले पिराई सीजन में केन्द्र सरकार द्वारा जनवरी 2015 में लोन पैकेज घोषित किया गया था। राज्य सरकार द्वारा भी गन्ना किसानों व चीनी मिलों को गन्ना खरीद टैक्स, एन्ट्री टैक्स, गन्ना सोसाईटी कमीशन व मण्डी समिति टैक्स आदि में छूट दी गईं। परन्तु ये उपाय भी चीनी मिलों को उबारने व गन्ना किसानों के पूर्ण भुगतान के लिए पर्याप्त नहीं रहे।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि इस वित्तीय संकट के चलते गन्ना मिलें अपने मरम्मत व रख-रखाव कार्य करने में सक्षम नहीं रहेंगी, जिसका विपरीत प्रभाव अगले पिराई सीजन 2016-17 पर भी पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से उत्तराखण्ड की गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को सुनिश्चित करने के लिए रू0 200 करोड़ का सॉफ्ट लोन उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया।
सोना फिर चमका, 27370 रुपए प्रति दस ग्राम हुआ
नई दिल्ली । विदेश में तेजी का रुझान देखकर आभूषण निर्माताओं ने कीमती धातुओं में लिवाली की। इसके चलते सोने और चांदी में बुधवार को लगातार दूसरे दिन तेजी आई। इस दिन स्थानीय सराफा बाजार में पीली धातु 130 रुपये बढ़कर 27 हजार 370 रुपये प्रति दस ग्राम हो गई। बीते दिन भी यह 220 रुपये चमकी थी। इसी तरह औद्योगिक यूनिटों और सिक्का निर्माताओं के समर्थन से चांदी 250 रुपये और चढ़ गई। यह इस दिन 38 हजार रुपये प्रति किलो पर बंद हुई। बीते मंगलवार को यह सफेद धातु 850 रुपये उछली थी।
सिंगापुर के अंतरराष्ट्रीय सराफा बाजार में सोना सुधरकर 1196.95 डॉलर प्रति औंस पर बोला गया। चांदी भड़ककर 16.58 डॉलर प्रति औंस हो गई। इसका असर घरेलू बाजार की कारोबारी धारणा पर भी पड़ा। यहां सोना आभूषण के भाव 130 रुपये की बढ़त के साथ 27 हजार 200 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गए। आठ ग्राम वाली गिन्नी पूर्वस्तर 23 हजार 700 रुपये पर यथावत रही। चांदी साप्ताहिक डिलीवरी 1025 रुपये की उछाल के साथ 38 हजार 140 रुपये प्रति किलो बोली गई। चांदी सिक्का पिछले स्तर 56000-57000 रुपये प्रति सैकड़ा पर जस का तस बंद हुआ।