वित्तीय अपराधों की रोकथाम को पुलिस और कमर्शियल बैंकों को एक साझा प्रोग्राम करने के निर्देश

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने नकली नोटों के मामलों को भी ई एफआईआर के माध्यम से दर्ज किए जाने हेतु परीक्षण पर प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। वित्तीय अपराधों की रोकथाम के लिए उन्होंने उत्तराखण्ड पुलिस अधिकारियों तथा कमर्शियल बैंकों के एक साझा ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करने के निर्देश दिए। एसीएस राधा रतूड़ी ने बैंकों को उत्तराखण्ड के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन रोकने तथा चारधाम यात्रा मार्ग में तीर्थ यात्रियों की वितीय सुविधाओं को पूरा करने में बैंक अहम भूमिका निभा सकते है। साथ ही राज्य में फाइनेशियल लिटरेसी बढ़ाने में बैंकों का सबसे महत्वपूर्ण योगदान है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा उत्तराखण्ड राज्य हेतु आयोजित बैंको की 17वीं राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा आरबीआई तथा बैंकों के सुरक्षा कर्मियों को अग्निशमन, सुरक्षा आदि में प्रशिक्षण एवं सहायता हेतु यथासंभव सहयोग किया जाएगा। उन्होंने बैंकों को भी निर्देश दिए कि बैंक अपने परिसरों में पूर्णतः सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था करे। बैंकों में करेंसी चेस्टस (मुद्रा की तिजौरियों) का नियमित फायर ऑडिट सुनिश्चित करवाया जाए। एसीएस श्रीमती रतूड़ी ने कहा कि समस्त बैंक शाखाओं व एटीएम की सीसीटीवी कैमरों के साथ ही सिक्योरिटी गेजेट्स जैसे बर्गलरी अलार्म विद ऑटो डायलर, फायर अलार्म, बायोमेट्रिक एक्सेस तथा टाइम लॉक की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने आमजन को नकली नोटों के प्रति जागरूक करने हेतु बैंकों को जनजागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए।

बैठक में बैंक अधिकारियों ने करेंसी चेस्टस, आरबीआई परिसरों तथा कोष के आवागमन के दौरान सुरक्षा हेतु डेडीकेटेड सुरक्षा बल बढ़ाये जाने का मुद्दा रखा। उन्होंने कहा कि राज्य में कुशल मुद्रा प्रबन्धन हेतु डेडीकेटेड सुरक्षा टास्क फोर्स का गठन अति आवश्यक है। गौरतलब है कि वर्तमान में राज्य में 17 करेंसी चेस्टस की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य पुलिस तथा 22 करेंसी चेस्टस की जिम्मेदारी बैकों द्वारा नियुक्त किए गए सुरक्षा गार्डाे द्वारा की पूरी की जा रही है।

बैठक में अपर सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल, आरबीआई सुरक्षा सलाहकार प्रभात रंजन, आरबीआई डा. इशान शुक्ला, सीजीएम एसबीआई दिल्ली सर्कल कल्पेश अवासिया, क्षेत्रीय निदेशक आरबीआई देहरादून ललिता विश्वनाथन सहित विभिन्न बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

35 हजार करोड़ के एमओयू धरातल पर, 15 हजार करोड़ की परियोजनाओं में उत्पादन शुरु

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित उत्तराखण्ड निवेशक सम्मान समारोह के दौरान निवेशकों को प्रतीक चिन्ह तथा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।

रिफॉर्म-परफॉर्म-ट्रांसफॉर्म के मंत्र के साथ आगे बढ़े
मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों ने उद्योग के क्षेत्र में प्रदेश को नया आयाम दिया है। प्रदेश की आर्थिकी व राजस्व को बढ़ाने में औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोगों का योगदान अमूल्य है। आप सभी हमारे ब्राण्ड अम्बेसडर है। उत्तराखण्ड योग, आध्यात्म एवं आयुष की भूमि है। उत्तराखण्ड औद्योगिक विकास की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। उद्योगों के लिए जैसा वातावरण उत्तराखण्ड में है, यह निवेशकों को उत्तराखण्ड की ओर आकर्षित करता है। जनवरी, 2020 से अब तक प्रदेश में 15 हजार करोड़ की परियोजनाओं में उत्पादन प्रारंभ हुआ है। कोरोना जैसी महामारी आने के बावजूद इतना निवेश प्रदेश में आना निश्चित ही बड़ी उपलब्धि है। इन्फ्रास्ट्रक्चर, नीति सुधार व सरलीकरण की दिशा में काफी काम किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश को एक नई पहचान मिल रही है। इन आठ सालों में भारत समृद्ध एवं शक्तिशाली बना है। प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है जिसका परिणाम आप सभी देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि उद्योगों के लिये अच्छी सड़क, रेल एवं हवाई कनेक्टिविटी का होना जरूरी है, इन क्षेत्रों में राज्य में तेजी से कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के युवाओं की क्षमता, समर्पण, कड़ी मेहनत और समझ में विश्वास दिखाने के लिए निवेशकों को धन्यवाद दिया और कहा कि जो परियोजनाएं शुरू की गई हैं, वे राज्य में नई संभावनाएं पैदा करेंगी और राज्य के आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने कहा कि हम “रिफॉर्म-परफॉर्म-ट्रांसफॉर्म“ के मंत्र के साथ आगे बढ़े हैं। हमने नीतिगत स्थिरता, समन्वय तथा व्यापार करने में सुगमता पर जोर दिया है। उन्होंने निवेशकों और उद्योगपतियों को यह कहते हुए आश्वस्त किया कि राज्य सरकार नीति, निर्णयों और सकारात्मक उद्देश्य के साथ विकास के काम करती है। हम सब आपके हर प्रयास में आपके साथ रहेंगे और हर कदम पर आपका साथ देंगे।
उद्योग मंत्री चन्दन राम दास ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना जब हुई तो हर किसी की कल्पना थी कि पहाड़ का पानी एवं जवानी पहाड़ के काम आये। यह तभी सम्भव हो सकता था जब उत्तराखण्ड में उद्योगों को तेजी से बढ़ावा मिले। 2018 में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इन्वेस्टर सम्मिट आयोजित किया गया, जिसके सफल परिणाम भी देखे गये। प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना होगा।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य तेजी से निवेश के लिये प्रमुख गंतव्य स्थल के रूप में विकसित हो रहा है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र कम पूंजी निवेश से अधिक उत्पादन एवं रोजगार सृजित कर सकता है। प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत की दिशा में राज्य आगे बढ़ रहा है।
सचिव उद्योग डॉ पंकज कुमार पाण्डेय ने अपने संबोधन में निवेशकों को बधाई दी और राज्य में भविष्य में अपने उद्योग के विस्तार के लिए उनका आवाहन किया। उन्होंने कहा कि सरकार नई नीतियों को लागू कर रही है और राष्ट्रीय गति शक्ति योजना बनाने के प्रधान मंत्री जी के दृष्टिकोण की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है।

इन्वेस्टर्स समिट के बाद 35 हजार करोड़ के एमओयू धरातल पर क्रियान्वित
राज्य ने 2018 में अपना पहला निवेश शिखर सम्मेलन ’डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड आयोजित किया था, जिसमें कई क्षेत्रों में 600 से अधिक निवेशकों द्वारा रूपये एक लाख चौबीस हजार करोड़ से अधिक के समझौता ज्ञापन/निवेश इच्छा पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए थे। हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों के कार्यान्वयन का नियमित रूप से अनुश्रवण किया गया। इसके परिणामस्वरूप रू. 35 हजार करोड़ से अधिक के एमओयू धरातल पर क्रियान्वित हो गए हैं। यह परियोजनाएं विभिन्न क्षेत्रों की हैं, जिनमें विनिर्माण, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन और ऊर्जा क्षेत्र सम्मिलित हैं।
राज्य सरकार ने आयोजित सम्मान समारोह में ऐसे निवेशकों को सम्मानित किया जिन्होंने 2020 के बाद अपना उत्पादन कार्य प्रारम्भ किया था। इस आयोजन में 68 निवेशकों को आमंत्रित किया गया था, जिसमें एमएसएमई एवं वृहद स्तर, दोनों क्षेत्रों के निवेशक सम्मिलित थे। आयोजन में निवेशकों ने अपने अनुभव साझा किए और राज्य में व्यापार करने में आसानी की सराहना की। उन्होंने उत्तराखण्ड में निवेश के लिए मैत्रीपूर्ण शान्त वातावरण की भी प्रशंसा की। इस अवसर पर निवेशकों ने कहा कि वे उत्तराखण्ड में और अधिक निवेश के लिए उत्साहित हैं।
इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण, आयुक्त उद्योग रोहित मीणा तथा निदेशक उद्योग एस. सी. नौटियाल, आर.जे. काव्य, प्रमुख उद्यमी एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में सीएम ने दिए टिप्स

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का आमजन तक पूरा लाभ पहुंचे, इसके लिए विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं के तहत लोन की प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रदेश के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा जो प्रयास किये जा रहे हैं, उनमें बैंको को भी अपेक्षित सहयोग करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में क्रेडिट-जमा अनुपात (सी.डी. रेशियो) कम होना चिंता का विषय है। इसको बढ़ाने के प्रयास किये जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन को सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत लोन लेने में समस्या न हो, इसके लिए सभी बैंकों को फार्म के सरलीकरण के साथ फार्म का फार्मेट भी एक तरह का हो, इस पर भी ध्यान देना होगा। लोन के लिए आवश्यक दस्तावेज एवं अन्य मानकों की जानकारी बैंको की शाखाओं में बोर्ड के माध्यम से भी दी जाएं। लोन के आवेदनों की अधिक समय तक पेंडेंसी खेदजनक विषय है। पेंडेंसी को रोकने के लिए आवेदन के बाद लोन स्वीकृत होने के लिए समय निर्धारित किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि अनावश्यक रूप से फार्म रिजेक्ट न हों। इसके लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों एवं बैंकर्स की भी जिम्मेदारी फिक्स की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 5 सालों में राज्य आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। जिसके लिए विभागों और बैंको को भी समन्वय से कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के तहत विभागों एवं बैंकों को जो लक्ष्य दिया जाता है, वो लक्ष्य न्यूनतम होता है। न्यूनतम लक्ष्य प्राप्ति के बाद आमजन को योजनाओं का कितना फायदा मिल पाता है, यह विभाग एवं बैंकों के लिए उपलब्धि होगी।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जनपदों एवं ब्लॉक स्तर पर बैंकर्स समिति की बैठक नियमित हो। ब्लॉक स्तर पर होने वाली बैठकों में मुख्य विकास अधिकारी भी जाएं। उन्होंने कहा कि हम आजादी के अमृतकाल में प्रवेश कर चुके हैं। आने वाले समय में देश हर क्षेत्र में तेजी करे, राज्य में हर क्षेत्र में प्रगति हो, इस दिशा में सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं की आमजन तक पूरी जानकारी हो और वे योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकें, इसके लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान भी चलाए जाएं।
इस अवसर पर वित्त मंत्री डा. प्रेमचन्द अग्रवाल, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सीजीएम एस.बी.आई कल्पेश कृष्ण कान्त, जी.एम एस.बी.आई अभय सिंह, सीजीएम नाबार्ड भाष्कर पंत, जीएम पीएनबी संजय कांडपाल, उत्तराखण्ड शासन के सचिवगण एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

उद्योग मंत्री ने भारत पिचेथोन और र्स्टाटअप कार्यक्रम का किया शुभारंभ

उद्योग मंत्री चन्दन राम दास ने विधानसभा कार्यालय में हेडस्टार्ट नेटवर्क फाउंडेशन एवं र्स्टाटअप उत्तराखण्ड के संयुक्त तत्वाधान में भारत पिचेथोन एवं र्स्टाटअप सितम्बर 2022 कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि हेडस्टार्ट नेटवर्क फाउंडेशन द्वारा भारत पिचेथोन कार्यक्रम सम्पूर्ण देश में 21 से भी ज्यादा शहरों में आयोजित किया जा रहा है जिसके अतंर्गत छोटे शहरों के स्टार्टअपस् को अपने बिजनेस को इन्वेस्टर्स के सामने प्रस्तुत करने का मौका प्रदान किया जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में भारत पिचेथोन का आयोजन गढ़वाल में 24 अगस्त 2022 को रूड़की एवं कुमांऊ में 27 अगस्त 2022 को अल्मोड़ा शहर में किया जायेगा। भारत पिचेथोन के शीर्ष तीन स्टार्टअपस् को हेडस्टार्ट के बेंगलुरू में होने वाले वार्षिक आयोजन में देश भर के अन्य स्टार्टअपस् के साथ प्रतिभाग करने का अवसर मिलेगा।
मंत्री ने कहा कि प्रदेश में हेडस्टार्ट नेटवर्क फाउंडेशन द्वारा स्टार्टअप सितंबर 2022 का भी शुभारम्भ हो गया है। स्टार्टअप सितंबर 2022 के अतंर्गत उत्तराखण्ड के प्रत्येक जिले में पूरे सितंबर माह स्टार्टअप से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा जिससे उत्तराखण्ड के युवाओं को स्टार्टअपस् से जुड़ी हुई जानकारियां प्राप्त हो सकेंगी।
बैठक में निदेशक उद्योग सुधीर चन्द्र नौटियाल, उप निदेशक उद्योग राजेन्द्र कुमार, विभागीय अधिकारी तथा हेडस्टार्ट नेटवर्क फाउंडेशन से उत्तराखण्ड चैप्टर लीड वरूण तिवारी उपस्थित रहे।

सरकार उद्योगों के अनुकूल वातावरण बना रही-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को गोल्ड प्लस ग्लास फैक्ट्री, थिथोला, रूड़की के शुभारम्भ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोल्ड प्लस ग्लास फैक्ट्री के शुभारम्भ की सभी को हार्दिक बधाई व शुभकामनायें दी। उन्होंने कहा कि चाहे कानून-व्यवस्था की स्थिति हो या अन्य, पूरे देश के अंदर उत्तराखण्ड में उद्योगों के लिये सबसे अनुकूल वातावरण है। अगर उद्योग बढ़ेंगे तो जीडीपी बढ़ेगी, बजट बढ़ेगा तथा युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। जो भी उद्योग स्थापित हों, उनमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से क्षेत्रीय लोगों को रोजगार मिलना चाहिये। उन्होंने सभी का आह्वान करते हुये कहा कि उत्तराखण्ड के विकास में सभी अपना पूर्ण सहयोग दें। यह देश का अमृत काल है। सभी को कर्मयोगी की तरह काम करना होगा तथा यह दशक उत्तराखण्ड का दशक है। उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में आगे रहेगा तथा 25वें स्थापना दिवस पर उत्तराखण्ड को देश के श्रेष्ठ राज्य के रूप में स्थापित करेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमने प्रदेश की राजधानी देहरादून में उद्योग जगत से जुड़े लोगों के साथ बैठक की, जिसमें उनकी जो भी समस्यायें थी, उनके बारे में विस्तृत विचार-विमर्श किया, जिसके फलस्वरूप हमने यह सुनिश्चित किया कि सरकार द्वारा उद्योगों को जो सुविधायें दी जा रही हैं, उनका भी सरलीकरण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण और सन्तुष्टि हमारा मूल मंत्र है। हमने संकल्प लिया है कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास तथा सबके प्रयास से उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनायेंगे। चारधाम यात्रा का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि अभी तक 30 लाख रजिस्टर्ड श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं तथा इस बार नया कीर्तिमान स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि जहां तक कांवड़ मेले का प्रश्न है,चार करोड़ से ज्यादा शिव भक्त कांवड़ मेले में आये, जो अपने आप में रिकार्ड है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज भारत हर क्षेत्र में विकास कर रहा है तथा समृद्ध, शक्तिशाली एवं दिशा देने वाला भारत बन गया है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये हरिद्वार सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि उत्तराखण्ड में हर तरह से उद्योगों के अनुरूप वातावरण है। उन्होंने कहा कि हम उत्तराखण्ड को 2025 तक आदर्श राज्य बनाना चाहते हैं, जिसे देखकर पूरा देश गौरव करेगा। डॉ निशंक ने प्रधानमंत्री के मेड इन इण्डिया, कौशल इण्डिया आदि का जिक्र करते हुए कहा कि आज पूरी दुनिया में हिंदुस्तान का माथा ऊंचा हो रहा है। अब पूरी दुनिया में मेड इन इण्डिया होगा। उन्होंने कहा कि आज भारत हर क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है।
इस अवसर पर रूड़की विधायक प्रदीप बत्रा, खानपुर विधायक उमेश कुमार, पूर्व विधायक कुंवर प्रणव चौम्पियन, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, पूर्व विधायक यतीश्वरानन्द, भाजपा नेता अनिल गोयल, फैक्ट्री के चेयरमैन सुभाष त्यागी, भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ जयपाल सिंह चौहान, जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ योगेन्द्र सिंह रावत सहित सम्बन्धित अधिकारी एवं पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।

उत्तराखंड के उत्पाद को अन्तरराष्ट्रीय बाजार में मिल रही मांग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से एपिडा के माध्यम से उत्तराखण्ड में उत्पादित आम की प्रथम खेप, शहद एवं राजमा के अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात हेतु भेजे जा रहे वाहनों का फ्लैग ऑफ किया। इस अवसर पर 1.5 टन आम, 28 टन राजमा एवं 80 टन शहद का अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए निर्यात किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एपिडा के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए राज्य के जो उत्पाद भेजे जा रहे हैं, यह सराहनीय पहल है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों की अन्तरराष्ट्रीय मार्केटिंग के लिए गुणात्मक वृद्धि होगी। उत्पादन को कैसे अच्छी मार्केटिंग मिले इस दिशा में सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे स्थानीय उत्पादों को अधिक से अधिक बढ़ावा मिले इसके लिए और अधिक प्रयासों की जरूरत है। राज्य में किसानों की आजीविका को बढ़ाने के लिए एवं आवश्यक सभी व्यवस्थाओं को और प्रभावी बनाने के लिए कृषि कलेण्डर भी बनाया गया है। उत्तराखण्ड के छोटे कृषकों की आर्थिकी को बढ़ाने के लिए कलस्टर के विकास हेतु, सहकारिता, कृषि एवं उद्यान विभाग के माध्यम से अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट से पूर्व कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ संवाद किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों की आय दुगुनी करने का जो संकल्प लिया है, उस संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने के लिए उत्तराखण्ड में राज्य सरकार द्वारा पूरे प्रयास किये जा रहे हैं। केन्द्र एवं राज्य सरकार की कृषि कल्याण से संबंधित योजनाओं को समाज के अंतिम पंक्ति के लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। 2025 में उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती मनायेगा, तब तक किसानों की आजीविका वृद्धि के लिए कृषि, उद्यान, सिंचाई एवं अन्य संबंधित विभाग पॉयलट प्रोजेक्ट के रूप में क्या कर सकते हैं, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। राज्य के रजत जयंती वर्ष पर सभी विभागों को कुछ ऐसे कार्य करने होंगे, जो देश एवं हिमालयी राज्यों के लिए मॉडल हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जल्द किसान प्रोत्साहन योजना लाई जायेगी।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केन्द्र सरकार द्वारा एवं मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जब राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती मनायेगा, तब तक कृषि एवं उद्यान के क्षेत्र में राज्य में उत्पादन दोगुना किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को उच्च गुणवत्तायुक्त पौध उपलब्ध कराने के लिए नर्सरी बनाई जा रही है।
सचिव कृषि शैलेश बगोली ने कहा कि राज्य के उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उत्पादों को अच्छा मार्केट मिले इस दिशा में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। उत्पादों के वैल्यू एडिशन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य से प्रथम बार राज्य के कास्तकारों द्वारा उत्पादित आम की चौंसा एवं लंगड़ा प्रजातियों के उच्च गुणवत्तायुक्त फलों का निर्यात दुबई को किया जा रहा है। किसान उत्पादक संगठनों द्वारा उत्पादित उच्च गुणवत्तायुक्त शहद का निर्यात संयुक्त राज्य अमेरिका को किया जा रहा है। राजमा के निर्यात को बढ़ावा देते हुए राज्य के कृषकों द्वारा उत्पादित उच्च गुणवत्तायुक्त राजमा का निर्यात भी संयुक्त राज्य अमेरिका को किया जा रहा है।
इस अवसर पर अपर सचिव कृषि रणवीर सिंह चौहान, निदेशक उद्यान डॉ. एच. एस. बवेजा, निदेशक कृषि गौरी शंकर, एपिडा के रीजनल हेड डॉ. सी.बी.सिंह, कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारी तथा कृषक गण उपस्थित रहे।

प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर, नीति सुधार व सरलीकरण में बहुत सुधार हुआ-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में राज्य स्तरीय उद्योग मित्र समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य में काम कर रहे उद्योग ही हमारे ब्रांड एम्बेसेडर है। राज्य सरकार द्वारा इन्वेस्टर्स फ्रेंडली वातावरण बनाने के लिए बहुत से सुधार किये गये हैं। इसी का परिणाम है कि पिछले एक वर्ष में 9 हजार करोड़ से अधिक का निवेश राज्य में हुआ है। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस में हम एचीवर्स की श्रेणी मे आए हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर, नीति सुधार व सरलीकरण में काफी काम किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर सम्भव नीतिगत व रेगुलेटरी सुधार करने के लिये तत्पर है। औद्योगिक क्षेत्रों में मैप एप्रूवल सीडा के माध्यम से कराए जाने की औद्योगिक एसोसिएशन के प्रतिनिधियों की मांग पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को इसका परीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये। एमएसएमई के तहत छोटे छोटे औद्योगिक प्लॉट के ट्रांसफर की प्रक्रिया को सरल किया जाए। मुख्यमंत्री ने प्लास्टिक रीसाइक्लिंग व वैकल्पिक औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहित करने की नीति बनाने के भी निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले में आवश्यकतानुसार लीसा डिपो बनाने का परीक्षण कर लिया जाए। सोलर पॉलिसी को रिवाइज किया जाए। इसके लिये उद्योगों से भी सुझाव लिये जाएं। बायोमास, इको टूरिज्म और आयुष क्षेत्र को बढावा देने के लिए जरूरी सुधार किये जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सभी के सहयोग से निवेश फ्रेंडली वातावरण बना रही है। जो भी सुझाव प्राप्त होते हैं उन्हें गम्भीरता से लिया जाता है। विभिन्न बैठकों, संवाद कार्यक्रमों में कुल 133 बिंदुओं पर सुझाव मिले थे, इनमें से 87 पर कार्यवाही हो चुकी है या निर्णय लिये जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में केंद्र सरकार के सहयोग से कनेक्टिविटी में काफी काम हुआ है। लगभग 30 हजार करोड़ से अधिक की सड़क परियोजनाओं पर काम चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने बैठक में उपस्थित उद्योग संगठनों के प्रतिनिधियों से हर घर झंडा अभियान में 13 से 15 अगस्त तक अपने घरों में तिरंगा फहराने की अपील की।

इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता, सिडकुल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हरेंद्र गर्ग सहित अन्य ने कहा कि पिछले एक साल में उद्योगों को बढावा देने के लिए काफी काम किया गया है। हमारे सुझावों को गम्भीरता से लिया जाता है। उन्होंने अपने अपने सुझाव भी दिये।
इस अवसर पर औद्योगिक विकास विभाग, सार्वजनिक उद्यम विभाग, एमएसएमई विभाग के महत्वपूर्ण शासनादेशों की संकलन पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।

बैठक में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, डॉ. धन सिंह रावत, धन सिंह रावत, मुख्य सचिव डॉ एस एस संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, आर मीनाक्षी सुन्दरम, डॉ पंकज कुमार पाण्डे, सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

कर चोरी करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सचिवालय में राज्य कर विभाग के साथ जीएसटी के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को स्पॉट वेरिफिकेशन ड्राइव जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए वेरिफिकेशन टीम की संख्या बढ़ाकर अभियान में तेजी लाते हुए पूरे प्रदेश में शुरू किया जाए।
मुख्य सचिव ने राज्य कर के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि ईमानदार करदाताओं को परेशान न किया जाए परन्तु कर चोरी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने अपने समानांतर इंटेलिजेंस सिस्टम विकसित कर टैक्स चोरी करने वालों की जानकारी देने वालों को पुरस्कृत किए जाने की बात कही। साथ ही साथ यह भी निर्देश दिये गये कि जिस अधिकारी के क्षेत्र में करापवंचन होता पाया जायेगा उसके विरूद्ध अनुशासनात्मक/दण्डात्मक कार्यवाही की जाय। सभी अधिकारियों की परफार्मेंस रिपोर्ट अधिकारीवार तैयार की जाय और ऐसे अधिकारी, जिनकी परफार्मेंस संतोषजनक नहीं पायी जाती है, के विरूद्ध भी कार्यवाही की जाय। मुख्य सचिव महोदय द्वारा यह भी निर्देश दिये गये कि विभाग की साप्ताहिक समीक्षा की जायेगी।
बैठक के दौरान आयुक्त कर डॉ. अहमद इकबाल ने विभाग में किये जा रहे कार्या के संबंध में प्रस्तुतिकरण दिया गया जिसमें बताया गया कि राज्य क्षे़त्राधिकार के अन्तर्गत कुल एक लाख बारह हजार करदाता पंजीकृत हैं, जिसमें से लगभग 35 हजार ऐसे करदाता हैं जो काफी समय से कोई कर जमा नही कर रहे हैं। आयुक्त कर द्वारा यह भी बताया गया कि मुख्य सचिव महोदय द्वारा पूर्व में दिये गये निर्देशों के क्रम में 7 जुलाई, 2022 से उपरोक्त व्यापारियों के सम्बन्ध में विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें आतिथि तक कुल चार हजार व्यापारियों की जांच करते हुए रू0 2.13 करोड़ की धनराशि जमा करवायी जा चुकी है। इसके अतिरिक्त कुछ व्यापारियों की गोदामों की जांच भी करवाई गयी है जिसमें रू0 2.25 करोड़ का माल जब्त किया गया है। उक्त कार्यवाही में व्यापार न करने वाली फर्मां पर पंजीयन निरस्तीकरण एवं अर्थदण्ड की कार्यवाही की जा रही है। यह भी अवगत कराया गया कि फर्जी आई0टी0सी0 लेने वाले 4 व्यापारियों के बैंक खाते भी सीज कर दिये गये हैं।

सरकारी विभाग जेम से ही खरीदेंगे सामान, शासनादेश जारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा शासन प्रशासन में पारदर्शिता व मितव्ययिता लाने के निर्देश पर उत्तराखण्ड के शासकीय विभागों एवं उनके अधीनस्थ संस्थाओं में भारत सरकार द्वारा विकसित गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस, जेम पर उपलब्ध सामग्री एवं सेवाओं को अनिवार्य रूप से खरीदने की व्यवस्था को लागू किया गया। सचिव वित्त सौजन्या द्वारा इसके लिये सभी विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं।
सभी विभागों को निर्देशित किया गया है कि राज्य के समस्त सरकारी विभागों, सार्वजनिक उद्यमों/निगमों/स्थानीय निकायों/स्वायत्तशासी संस्थाओं आदि में अधिक से अधिक सामग्री व सेवाओं के उपार्जन में ई-मार्केट प्लेस पोर्टल का उपयोग किया जाना है। इस हेतु भारत सरकार के सामान्य वित्तीय नियम, 2017 के नियम-149 (समय-समय पर यथासंशोधित) में निहित प्राविधानों के अनुरूप व्यवस्था प्रख्यापित की गई है।
जो सामग्री एवं सेवाएं जेम पोर्टल पर उपलब्ध है, उनका क्रय जेम पोर्टल के माध्यम से अनिवार्य रूप से किया जायेगा। जो सामग्री अथवा सेवायें जेम पर उपलब्ध नहीं है, उन के लिए उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली, 2017 (समय-समय पर यथासंशोधित) अथवा अन्य सुसंगत नियमों की व्यवस्था पूर्ववत् लागू होगी।
क्रेता विभागों से यह अपेक्षा की गयी हैं कि क्रय की जाने वाली सामग्री एवं सेवाओं की दरों के उपयुक्त होने को सुनिश्चित किया जायेगा।
सचिव वित्त सौजन्या ने बताया कि ळमड पोर्टल के उपयोग से शासकीय विभागों हेतु क्रय व्यवस्था को पारदर्शिता प्रतिस्पर्धा, निष्पक्षता तथा मितव्ययी बनाया जाना है, ताकि व्यय की जाने वाली धनराशि का अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके।
वित्त विभाग के शासनादेश द्वारा उत्तराखण्ड के शासकीय विभागों एवं उनके अधीनस्थ संस्थाओं में भारत सरकार द्वारा विकसित गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस, जेम पर उपलब्ध सामग्री एवं सेवाओं को अनिवार्य रूप से क्रय की व्यवस्था को लागू किया गया है। वर्तमान में 23 लक्ष्मी रोड, निदेशक कोषागार पेंशन एवं हकदारी उत्तराखण्ड के कार्यालय परिसर में स्थापित ई-प्रोक्योरमेंट सेल द्वारा जेम पोर्टल से सामग्री एवं सेवाएं अधिप्राप्त किये जाने की प्रक्रिया संबंधी आवश्यक सहयोग प्रदान किया जा रहा है। इस संबंध में किसी भी प्रकार की पृच्छा के समाधान/पोर्टल पर निविदा अपलोड किये जाने हेतु हेल्प लाईन न०- 8899890000 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
राज्य के समस्त सरकारी विभागों, सार्वजनिक उद्यमों/निगमों/स्थानीय निकायों/स्वायत्तशासी संस्थाओं के सम्बन्धित अधिकारियों को जेम पोर्टल से सामग्रियों एवं सेवाओं की अधिप्राप्ति किये जाने के लिए जागरूक किये जाने हेतु राज्य सरकार द्वारा गढ़वाल क्षेत्र में दिनांक 1 अगस्त, 2022 को राज्य कर विभाग, रिंग रोड, मुख्यालय, देहरादून पर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है तथा कुमांऊ क्षेत्र के अन्तर्गत भी यथाशीघ्र प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जायेगा।

राज्य के राजस्व संसाधनों में वृद्धि के लिये किये जाएं समेकित प्रयास-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में राज्य के आय के संसाधनों को बढ़ावा देने के साथ ही निवेश की संभावनाओं के संबंध में शासन के उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राज्य में जीएसटी कर संग्रह बढ़ाने के साथ राज्य के राजस्व संसाधनों में वृद्धि के लिये समेकित प्रयास किये जाएं उन्होंने इस सम्बन्ध में हिमाचल सहित अन्य पर्वतीय राज्यों द्वारा अपनायी जा रही व्यवस्थाओं का अध्ययन करने पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कर चोरी रोकने के लिये प्रभावी तंत्र विकसित करने पर ध्यान दिये जाने पर बल देते हुए राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के लाभार्थियों को आधार कार्ड से जोड़ने की व्यवस्था करने पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने जेम के माध्यम से प्रोक्योरमेंट किये जाने तथा सिंगल विंडो सिस्टम का व्यापक प्रचार-प्रसार करने एवं लैंड बैंक की स्थापना के लिये प्रभावी कार्य योजना तैयार किये जाने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी में सेक्टरवार बढ़ोतरी हो इसके प्रयास किये जाएं, अधिक से अधिक लोग रिटर्न भरने के लिये प्रेरित हो तथा सभी लोग क्रय सामग्री की रसीद लेने की आदत डाल सकें, इसके लिये ग्राहक प्रोत्साहन योजना की व्यवस्था बनाये जाने पर भी ध्यान दिये जाने की उन्होंने जरूरत बतायी। उन्होंने इंफोर्समेंट एवं इंटेलिजेंस सिस्टम की मजबूती तथा आईटी टीम की मजबूती पर भी ध्यान देने को कहा। इसके लिये आईटीडीए से भी मदद ली जा सकती है। उन्होंने कर चोरी को रोकने के लिये ऑडिट विंग को भी प्रभावी बनाये जाने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर कार्य संस्कृति तथा कार्य प्रणाली में सुधारात्मक कदम उठाये जाने से सभी विभाग आय के संसाधनों को बढ़ावा देने में मददगार बन सकते हैं। इसके लिये उन्होंने राज्य हित से जुड़ी नीतियों को अमल में लाये जाने पर भी बल दिया।
मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु को सिंगल विंडो सिस्टम के प्रभावी क्रियान्वयन तथा लैण्ड बैंक की स्थापना के संबंध में कार्य योजना तैयार करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में यदि बड़ी संख्या में बड़े होटल स्थापित हो जाए तो पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के साथ राज्य की आर्थिकी की मजबूती में यह बड़ा कदम होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का वातावरण उद्योगों के अनुकूल है, यहां श्रमिक असंतोष नहीं हैं। बेहतर कानून व्यवस्था होने के कारण राज्य में निवेश की राह प्रशस्त हो सकती है। इस दिशा में भी पहल की जानी होगी। एमएसएमई क्षेत्र के अंतर्गत उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये उद्योग मित्र की नियमित बैठक आयोजित किये जाने की भी बात मुख्यमंत्री ने की।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, एल. फैनई, सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, नितेश कुमार झा, राधिका झा, सौजन्या, बी.वी.आर.सी. पुरूषोतम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, हरि चन्द्र सेमवाल आदि उपस्थित रहे।