सांसदों को अपने अनुभवों का लाभ संगठन को दिलाने के मिले संकेत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन में राज्य के सांसदों के साथ प्रदेश के विकास से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया। सूत्रों के अनुसार, विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत संगठन के द्वारा शुरु किये जा रहे कार्यक्रमों पर चर्चा की गई। वहीं, राजनीति हालातों की जानकारी लेने के साथ ही सांसदों को उनके कार्य भी बताये गये। पार्टी सूत्रों की मानें तो संगठन ने सभी सांसदों को अनुभवों का लाभ दिलाने के निर्देश दिये है। वहीं, सांसदों के द्वारा अपने क्षेत्रों में सक्रियता बढ़ाने को भी कहा गया है। इस अवसर पर पार्टी के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, केन्द्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट, सांसद तीरथ सिंह रावत, अजय टम्टा, माला राज्य लक्ष्मी शाह, अनिल बलूनी, नरेश बंसल उपस्थित थे।

आज मोदी सरकार सिर्फ सत्ता की भूख मिटा रही है-प्रीतम सिंह

कांग्रेस ने देश के कई शहरों में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक होने को लेकर केंद्र सरकार पर जनता को ‘लूटने’ का आरोप लगाया और कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम की जानी चाहिए।

चुनावी मोड पर चल रहे उत्तराखंड में भी इसको लेकर सियासत गरमाई हुई है। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा 2017 में हुए चुनाव में सत्ता में बैठे लोगों ने उत्तराखंड के लोगों से वादा किया था कि यदि डबल इंजन सरकार आई तो हम महंगाई को कम करने का कार्य करेंगे, लेकिन हालात बद् से बदतर हैं और महंगाई चरम पर है। जहां पेट्रोल 100 रुपये के पार और डीजल भी 95 रुपये पर पहुंच चुका है। रसोई गैस भी 400 रुपये से 1000 रुपये तक पहुंच चुकी है। जिस तरह महंगाई बढ़ रही है, उससे गरीब का जीना दूभर हो गया है।

प्रीतम बोले आज मोदी सरकार सिर्फ सत्ता की भूख मिटा रही है और कमरतोड़ महंगाई से 140 करोड़ देशवासियों की आय लूटती जा रही है। आज देश में पेट्रोल 100 रुपये के पार, खाने का तेल 200 रुपये के पार, रसोई गैस 850 रुपये के पार…मोदी सरकार सिर्फ बहाने बना रही है।

प्रीतम सिंह ने आरोप लगाया, ‘‘ भाजपा सरकार ने ‘प्रजातंत्र की परिभाषा’ ही बदल दी है। जनता को महंगाई की आग में झोंककर आमजन की आमदनी को मोदी सरकार नोच रही है और बस, अपने धन्ना सेठ दोस्तों की सोच रही है। सच यह है कि ‘महंगाई डायन’ अब भाजपाइयों को ‘‘अप्सरा’’ सी नज़र आने लगी है।’’

प्रीतम बोले कांग्रेस-संप्रग सरकार से तुलना की जाए तो मोदी सरकार के सात साल के कार्यकाल में कच्चे तेल के दाम साल दर साल घटते गए और 140 करोड़ देशवासियों की जेब काटकर पेट्रोल-डीज़ल के दाम बढ़ते गए। उन्होंने कहा, ‘‘देश की जनता की ओर से मोदी सरकार को हम यही कहेंगे कि कीमतें कम करो या कुर्सी खाली करो।’’

कोरोना काल में प्रभावित महिला स्वयं सहायता समूहों की सहायता करेगी सरकार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों को और मजबूती दी जाएगी। समूहों को उनके उत्पादों की अच्छी कीमत मिल सके, इसके लिए जरूरी है कि मांग आधारित उत्पादन किया जाए। कोशिश की जाएगी कि समूहों का टाईअप बड़ी कम्पनियों से हो। मुख्यमंत्री, सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े महिला स्वयं सहायता समूहों से संवाद कर उनका फीडबैक ले रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूह बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। इन्हें और अधिक मजबूती दी जाएगी। इन समूहों को क्या समस्याएं आ रही हैं, उनके अनुसार राज्य सरकार और क्या कर सकती है, इसे जानने के लिए यह संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया।

बेहतर कीमत के लिए मांग आधारित उत्पादन
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों को उनके उत्पादों की बेहतर कीमत मिल सके, इसके लिए बाजार की मांग के अनुरूप उत्पादन किए जाने की जरूरत है। निजी बड़ी कम्पनियों के साथ समूहों के जाइन्ट वेंचर की सम्भावनाएं भी देखी जाएंगी। दीनदयाल अन्त्योदय-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य स्वरोजगार के माध्यम से समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्तियों को सशक्त करना है।

स्वरोजगार के लिए कैम्प लगाए जाएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी नौकरियां सीमित होती हैं, इसलिए राज्य सरकार का रिक्त पदों पर भर्ती के साथ ही लाखों लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने पर भी फोकस है। लोगों को बहुत बार औपचारिकताएं पूरी न होने के कारण बैंक से ऋण स्वीकृत नहीं हो पाता है। इन समस्याओं को देखते हुए हमने कैम्प लगाने के निर्देश दिए हैं जहां राज्य सरकार के अधिकारी और बैंक अधिकारी मौके पर ही फार्म आदि भरने और औपचारिकताएं पूरी करने में सहायता करेंगे।

कोरोना काल में प्रभावित महिला स्वयं सहायता समूहों की सहायता पर सरकार करेगी विचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में उद्यमियों के साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। राज्य सरकार विचार करेगी कि कोरोना काल में प्रभावित महिला स्वयं सहायता समूहों की किस प्रकार सहायता की जा सकती है। रक्षा बंधन तक इस संबंध में कुछ न कुछ निर्णय लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा देश में मुफ्त वैक्सीन, सबको वैक्सीन का अभियान शुरू किया गया है। राज्य सरकार उत्तराखण्ड में आगामी चार माह में शत प्रतिशत वैक्सीनेशन के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं से अपने आसपास के लोगों को वैक्सीन के प्रति जागरूक किए जाने का आह्वान किया।
कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के बैंक लिंकेज, वैल्यु एडीशन, प्रशिक्षण और गुणवत्ता सुधार पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। निर्धारित लक्ष्यों को समय से पूरा करना सुनिश्चित किया जाए।
अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने बताया कि दीनदयाल अन्त्योदय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन 13 जिलों के 95 विकासखण्डों में संचालित की जा रही है। 33 हजार से अधिक महिला स्वयं सहायता समूह इससे जुड़े हैं। लगभग 2.5 लाख महिलाएं इन समूहों की सदस्य हैं। प्रत्येक समूह को 10 से 15 हजार रूपए राशि का रिवाल्विंग फंड उपलब्ध करवाया जाता है।
इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों ने अपने समूह की गतिविधियों और समस्याओं की जानकारी देते हुए सुझाव भी दिए। कुछ महिला स्वयं सहायता समूहों ने मुख्यमंत्री को अपने उत्पाद भी भेंट किए।

राजस्व हानि रोकने में किया जाए तकनीकि का प्रयोग-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के वित्तीय प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने, आय के संसाधनों को बढ़ाने, राजस्व हानि रोकने के प्रयासों के साथ ही बजट के निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति हेतु कारगर प्रयासों की जरूरत बतायी है। राज्य से गरीबी, बेरोजगारी एवं पलायन से मुक्ति के लिये संतुलित एवं समावेशी विकास पर भी ध्यान देने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये है। राज्य की वार्षिक विकास दर, औद्योगिक विकास दर, कृषि एवं सम्बद्ध विकास दर को बढ़ाने के प्रयासों पर भी उन्होंने ध्यान देने को कहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, सचिव वित्त, वित्त के विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारियों के साथ राज्य की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की। सचिव वित्त श्री अमित नेगी ने व्यापक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राज्य की वित्तीय स्थिति आय-व्ययक आदि से सम्बन्धित विषयगत जानकारी मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। उन्होंने बताया कि राजय का इस वर्ष का बजट 58 हजार करोड़ है।
मुख्यमंत्री ने राज्य में आय के संसाधनों तथा पूंजी निवेश को बढ़ाने के प्रयासों पर बल देते हुए कहा कि कोविड 19 के दृष्टिगत वित्तीय स्थिति पर भी इसका प्रभाव पड़ा है। बावजूद इसके बेहतर वित्तीय प्रबंधन के द्वारा हमें इस स्थिति में सुधार लाने के प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने आय के संसाधनों को बढ़ावा देने वाली योजनाओं के क्रियान्वयन, राज्य के 70 प्रतिशत वन भूमि से वन उपज आदि को आय के संसाधनों से जोड़ने, खनन की व्यवहारिक नीति बनाने, कर राजस्व आदि पर ध्यान देने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जिन योजनाओं के लिये केन्द्र से वित्तीय मदद मिलनी है उनके प्रस्ताव तैयार किये जाए। उन्होंने उ0प्र0 से परिवहन, ऊर्जा एवं अन्य विभागों से सम्बन्धित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के भी निर्देश दिये।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, आनन्द वर्द्धन, अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते, प्रभारी सचिव वी षणमुगम, अपर सचिव अरूणेन्द्र सिंह चौहान, अमिता जोशी सहित कोषागार, ऑडिट, पेंशन स्टेट जी.एस.टी. स्टाम्प रजिस्ट्रेशन, रजिस्ट्रार सोसायटी आदि विभागों के उच्चाधिकारियों मौजूद रहे।

मुख्य सचिव ने साप्ताहिक प्रगति की समीक्षा करने के दिए निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस सन्धु की अध्यक्षता में उनके सचिवालय सभागार में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति, सीवरेज प्रबंधन, ठोस एवं तरल वेस्ट मैनेजमेंट, ग्राउंड वाटर मैनेजमेंट, सैनिटेशन इत्यादि से सम्बन्धित जल जीवन मिशन ग्रामीण और शहरी, अमृत योजना, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण व शहरी तथा नमामि गंगे परियोजना से सम्बन्धित कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
विभागीय अधिकारियों पेयजल निगम और जल संस्थान ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभिन्न सेक्टर से वित्त पोषित विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति और अद्यतन विवरण से मुख्य सचिव को अवगत कराया।
मुख्य सचिव ने पेयजल निगम, जल संस्थान और सम्बन्धित अधिकारियों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पेयजल, सीवरेज प्रबंधन, सैनिटेशन, तरल एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन निस्तारण से सम्बन्धित कार्यों की बेहतर गुणवत्ता बनाये रखते हुए तेजी से प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी ऐसी स्कीमों जिनकी अभी तक डीपीआर बनानी शेष है अथवा गतिमान है उनकी टाइमलाइन बनाते हुए तेजी से डीपीआर बनाने के निर्देश दिये। साथ ही उनकी साप्ताहिक प्रगति समीक्षा करने को कहा। उन्होंने पेयजल योजना की डीपीआर स्थानीय भौगोलिक स्थिति की लोकेशन को ध्यान में रखते हुए बनाने को तथा जल का वेस्टेज न्यूनतम हो और उसका अधिकतम सदुपयोग हो इस बात को भी ध्यान में रखने को कहा। मुख्य सचिव ने सभी तरह की योजनाओं में विकास कार्यों हेतु अवमुक्त धनराशि को तेजी से खर्च करते हुए भौतिक और वित्तीय प्रगति बढ़ाने को कहा।
नमामि गंगे परियोजना के कार्यों में भी उन्होंने तीव्र प्रगति बढ़ाने और कार्य की गुणवत्ता बेहतर रखने के निर्देश दिये। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज के सम्बंध में उन्होंने निर्देश दिये कि इसके अंतर्गत निर्मित किये गये व्यक्तिगत अथवा सामुदायिक शौचालयों में जहाँ-जहाँ पानी की कमी है वहाँ पर पानी की लगातार निर्बाध आपूर्ति बनाये रखें। अंत में सभी विभागों को आपसी समन्वय से कार्य करने को प्रेरित किया।
इस दौरान बैठक में सचिव पेयजल नितेश झा, अपर सचिव नितिन भदौरिया, उदयराज सिंह, मुख्य प्रबंधक जल संस्थान एस.के. शर्मा, अधिशासी अभियंता जल संस्थान नमित रमोला सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

बरसाती जल स्रोतों को र्पुनजीवित करेगी राज्य सरकार-चुफाल

प्रदेश के पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने पेयजल विभाग के अधिकारियों की बैठक लेते हुए निर्देश दिए कि बरसाती जल स्रोत द्वारा टैंक के माध्यम से जल संग्रह कर पेयजल हेतु उपयोग किया जाय।

पेयजल मंत्री ने कहा जल जीवन मिशन के तहत चलायी जाने वाली योजना के अतिरिक्त ग्राम पंचायत के माध्यम से पेयजल मद के योजना का उपयोग करने का निर्देश दिया। उन्होने कहा कि इस योजना के तहत ग्राम पंचायत के माध्यम से उन क्षेत्रों को चिन्हित कर लिया जाय जहां पेयजल की समस्या है अथवा पानी का स्रोत नही है। पंचायत के माध्यम से इस कार्य के लिए लगभग 300 करोड रूपये के बजट का उपयोग किया जायेगा।

पहाडी क्षेत्र में 8-10 किलोमीटर के बीच बहुत से स्थान है जहां जल स्रोत नही है या पेयजल की समस्या है। ऐसे क्षेत्रों में बरसाती जल स्रोत का उपयोग ढाई लाख लीटर क्षमता वाले टैंक में संग्रह कर साफ सफाई के बाद बरसात के बाद भी पेयजल हेतु उपयोग किया जायेगा।

बरसाती जल स्रोत का उपयोग परम्परागत रूप में भी किया जाता रहा है। इसकी लागत भी अत्यन्त कम आयेगी। ऐसे क्षेत्रों को भी चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है जहॉ पेयजल की मात्रा कम है।

बैठक में कहा गया कि जल जीवन मिशन की योजनाओं से सम्बन्धित डीपीआर अगस्त माह तक पूर्ण कर लिया जाय और टेण्डर इत्यादि करा कर सितम्बर से कार्य प्रारम्भ करा दिया जाय।

इस अवसर सचिव नितेश झा, अपर सचिव पेयजल नितिन भदौरिया, मुख्य महाप्रबन्धक जल संस्थान एस0 के0 शर्मा, मुख्य अभियन्ता विजय पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

नेता प्रतिपक्ष बोले- उत्तराखंड में आशाओं को उनका हक दिलायेगी कांग्रेस

उत्तराखंड में आशाओं का आंदोलन अब राजनीति रंग में रंगता जा रहा है। राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी खुलकर आशाओं के समर्थन में आ खड़ी हुई है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कांग्रेस आशाओं को उनका हक दिला कर रहेगी।

आपको बता दें आज राजधानी देहरादून में आशाओं ने अपनी मांगों को लेकर सीएम आवास कूच किया। पुलिस ने उन्हें हाथीबडकला में बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया। जिस पर पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच नोकझोंक भी हुई। आशा बैरिकेडिंग के पास ही धरने पर बैठ गईं।

नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा उत्तराखंड सरकार आशाओं से बहुत सारे काम ले रही है, लेकिन तीन साल से केंद्र व राज्य सरकार ने मासिक मानदेय में बढ़ोतरी नहीं की है। 10 हजार रुपये सम्मान राशि देने की घोषणा की थी, पर इस पर भी अमल नहीं किया गया।

नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने आशा कार्यकर्ताओं को राज्य कर्मचारियों की भांति समस्त सुविधा व मानदेय देने की मांग की। उन्होंने कहा आशाओं की अन्य मांगों स्वास्थ्य बीमा की परिधि में लाने, कार्य के दौरान मृत्यु होने पर आशा के परिवार को 50 लाख का बीमा और बीमार होने पर 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा, कोरोना काल में घर-घर जाकर अपनी जान जोखिम में डाल रहीं आशा कर्यकर्ता को सुरक्षा उपकरण और फ्रंटलाइन वर्कर की भांति सम्मान व मानदेय की मांगों को मानने के साथ 45 व 46 वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को लागू करना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा वह आगामी विधानसभा सत्र में आशाओं के मुद्दे को सदन में जोर शोर से उठाएंगे। कांग्रेस सत्ता में आते ही आशाओं की सभी मागों को पूरा करेगी।

मुख्यमंत्री ने आवास विहीन लोगों को राशन किट और मास्क वितरित किये

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रायपुर क्रासिंग, देहरादून में आवास विहीन लोगों को राशन किट एवं मास्क वितरित किए। यह राशन किट अक्षय पात्र फाउंडेशन के सौजन्य से उपलब्ध कराई हुई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आवास विहीन लोगों के लिए कोविड वैक्सीनेशन का शुभारंभ भी किया। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा झुग्गी झोपड़ी एवं मलिन बस्तियों में जाकर कोविड टीकाकरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आगामी चार माह में प्रदेश में शत प्रतिशत टीकाकरण किया जाएगा। प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक कोविड टीकाकरण के लिए लगातार कैंप लगाए जा रहे हैं। प्रदेश में टीकाकरण की गति में बहुत तेजी आई है। मलिन बस्तियों एवं झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले सभी लोगों का निर्धारित मानक के अनुसार टीकाकरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की संभावित तीसरी लहर के लिए राज्य सरकार की पूरी तैयारी है। कोविड के दौरान सामाजिक संगठनों, संस्थाओं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा भी जन सहयोग के लिए सरकार को अच्छा सहयोग दिया जा रहा है।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक खजान दास, उमेश शर्मा काऊ, जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आर राजेश कुमार उपस्थित थे।

कुटुम्ब पेंशन अब कहलाएगी सम्मान पेंशन-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नगर निगम टाऊन हॉल देहरादून में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा उनके उत्तराधिकारियों के प्रांतीय सम्मेलन तथा श्रद्धांजलि सभा में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारियों को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर घोषणा की कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों को दी जाने वाली कुटुंब पेंशन का नाम बदलकर सम्मान पेंशन किया जाएगा। हरिद्वार में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सेवा सदन बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के लंबे संघर्षों के परिणामस्वरूप भारत को आजादी मिली। देश की आजादी के लिए हमारे इन वीरों ने अपना सब कुछ समर्पित किया। 9 अगस्त 1942 की घटना भारत के इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है। अगस्त क्रांति की शुरुआत 9 अगस्त 1942 को हुई थी। भारत की आजादी में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। आज भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की आजादी के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। सेनानियों के आश्रितों को सरकार द्वारा हर संभव सहायता देने का प्रयास किया जाएगा। जिन उद्देश्यों के लिए देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी गई, आज उन उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। कुपोषण मुक्त भारत की दिशा में देश आगे बढ़ा है।
इस अवसर पर विधायक आदेश चौहान, मेयर सुनील उनियाल गामा, अशोक वर्मा, मथुरा दत्त जोशी, भारत भूषण विद्यालंकर, स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति से जितेन्द्र रघुवंशी, संतोष गोविल, राजकुमार अग्रवाल, शशांक गुप्ता, अवधेश पंत उपस्थित थे।

उत्तराखण्ड के 8.82 लाख किसानों के खाते में 176.46 करोड़ की राशि हस्तांतरित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 9,75,46,378 किसान परिवारों के खातों में 1,95,09,27,56,000 रूपए सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित किये। इनमें उत्तराखण्ड के 8.82 लाख किसानों के खाते में 176.46 करोड़ रूपए की राशि हस्तांतरित की गई है।

टिहरी के मशरूम उत्पादक सुशांत उनियाल से की बात
प्रधानमंत्री ने विभिन्न राज्यों के लाभार्थी किसानों से भी बात की और उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी ली। उन्होंने उत्तराखण्ड के टिहरी जिले के चंबा विकासखण्ड के सुशांत उनियाल से भी बात की। सुशांत, डिंगरी मशरूम उत्पादन इकाई के माध्यम से मशरूम उत्पादन का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें सरकारी योजनाओं से बहुत लाभ हुआ है। अपने मशरूम उत्पादन से आस पास के ग्रामीणों को भी जोड़ा है।

पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम आए- प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आती है, हमें इसे उलट करना है। सुशांत उनियाल जैसे युवाओं को देखकर लग रहा है कि अब पहाड़ की जवानी फिर पहाड़ के काम आ रही है। युवा जब खेती करता है तो बड़ा बदलाव आना निश्चित है। सरकार का प्रयास है कि शहरों और गांवों में सुविधाओं के भेद को कम करना है।

भारतीय कृषि को नई दिशा देनी है
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार देश अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। ये महत्वपूर्ण पड़ाव हमारे लिए गौरव का तो है ही, ये नए संकल्पों, नए लक्ष्यों का भी अवसर है। देश जब आज़ादी के 100 वर्ष पूरे करेगा, 2047 में तब भारत की स्थिति क्या होगी, ये तय करने में हमारी खेती, हमारे किसानों की बहुत बड़ी भूमिका है। ये समय भारत की कृषि को एक ऐसी दिशा देने का है, जो नई चुनौतियों का सामना कर सके और नए अवसरों का लाभ उठा सके।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने खरीफ हो या रबी सीज़न, किसानों से एमएसपी पर अब तक की सबसे बड़ी खरीद की है। कुछ साल पहले जब देश में दालों की बहुत कमी हो गई थी, तो देश के किसानों से दाल उत्पादन बढ़ाने का आग्रह किया था। उस आग्रह को देश के किसानों ने स्वीकार किया। परिणाम ये हुआ कि बीते 6 साल में देश में दाल के उत्पादन में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन के लिए 11 हजार करोड़ का निवेश
प्रधानमंत्री ने कहा कि खाने के तेल में आत्मनिर्भरता के लिए अब राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम का संकल्प लिया गया है। इस मिशन के माध्यम से खाने के तेल से जुड़े इकोसिस्टम पर 11 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया जाएगा। आज भारत कृषि निर्यात के मामले में पहली बार दुनिया के टॉप-10 देशों में पहुंचा है। कोरोना काल में देश ने कृषि निर्यात के नए रिकॉर्ड बनाए हैं। जम्मू-कश्मीर का केसर विश्व प्रसिद्ध है। सरकार ने ये फैसला लिया है कि जम्मू-कश्मीर का केसर देशभर में नाफेड की दुकानों पर उपलब्ध होगा।

सरकारी मंडियों को विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से मदद
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर में हो रहे बदलावों को अनुभव किया है। मोटे अनाज, मसाले, सब्जी, फलों, ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। सरकार ने तय किया है कि जो राज्यों में सरकारी मंडियां है उनको भी विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से मदद मिल सके। इस फंड का उपयोग करके हमारी सरकारी मंडियां बेहतर होंगी, ज्यादा मजबूत होगी, आधुनिक होगी।
अब देश की कृषि नीतियों में इन छोटे किसानों को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर फंड हो, या 10,000 किसान उत्पादक संघों का निर्माण, कोशिश यही है कि छोटे किसानों की ताकत को बढ़ाया जाए। छोटे किसानों की बाजारों तक पहुंच भी अधिक हो और बाजारों में मोलभाव करने की उनकी क्षमता भी अधिक हो।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राज्य के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्री व अन्य महानुभाव उपस्थित थे।
कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के अधिकारियों को निर्देशित किया कि युवाओं को खेती और बागवानी से जोड़ने के लिए विभिन्न स्थानों पर की जा रही नई पहलों का अध्ययन किया जाए। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए वेल्यु एडीशन पर ध्यान दिया जाए और सप्लाई चौन सुनिश्चित की जाए।