ऋषिकेश।
मंगलवार को आईडीपीएल के लेडिज क्लब में पूर्व अधिकारी और कर्मचारी वर्ग की एक खुली बैठक हुई। वक्ताओं ने केन्द्र सरकार के आईडीपीएल बंद करने के निर्णय की आलोचना की। कहा कि आईडीपीएल ऋषिकेश ही एकमात्र ऐसा संस्थान है जो लाभ में है और कार्यरत इकाई है। वक्ताओं ने आईडीपीएल के योगदान को याद किया। कहा कि देश में सस्ती दवाओं की उपलब्धता में आईडीपीएल का योगदान रहा है।
संस्थान के ऋषिकेश में स्थापित होने से स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन हुआ। उदारीकरण के दौर में आईडीपीएल बंद करने का निर्णय आज पूरा देश भुगत रहा है। ऐसे में 832 एकड़ में फैले इस संस्थान के टाउनशिप में रह रहे पूर्व कर्मचारियों के सामने आवास का संकट गहराने वाला है। लीज की शर्तों के अनुसार भूमि वन विभाग को हस्तांतरित कर दी जाएगी। ऐसे में टाउनशिप होने के चलते कई कर्मचारी आवास नहीं बना सके हैं और वे बेघर हो जाएंगे। वक्ताओं ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि केन्द्र सरकार के निर्णय के खिलाफ पीएम मोदी को हर पूर्व अधिकारी और कर्मचारी पत्र भेजेगा। संस्थान के रिवाइवल की मांग के लिए भेजे जाने वाले पत्र में कर्मचारियों की समस्या को भी बताया जाएगा। गौरतलब है कि उत्तराखंड के एकमात्र संस्थान को मोदी सरकार की कैबिनेट ने 28 दिसंबर 2016 को पूर्णतया बंद करने का निर्णय ले लिया है।
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आईडीपीएल के बंद करने के फैसले से लोजपा नाराज
शहर में रैली निकालकर तहसील में किया प्रदर्शन
ऋषिकेश।
लोक जन शक्ति पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ.केएस बालियान के नेतृत्व में कार्यकर्ता रेलवे स्टेशन से रैली के रूप में तहसील पहुंचे। जहां उन्होंने केन्द्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए आईडीपीएल के बंद करने के फैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा कि फैक्ट्री बंद होने से वर्तमान में रह रहे परिवारों के आगे आर्थिक संकट आ जाएगा। इसके अलावा पार्टी ने राप्ती गंगा एक्सप्रेस के ऋषिकेश से संचालन की मांग, एक्सप्रेस गाड़ियों में बढ़े कोच, हरिद्वार से चलने वाली गाड़ियों का ऋषिकेश से हो संचालन, वर्ष 2000 के साक्ष्यों के आधार पर बने जाति प्रमाण पत्र, विभागों में खाली पड़े अनुसूचित जाति व पिछड़ी जाति के पदों को बैकलॉग कोटा से तत्काल पूरा कराया जाए, देश भर के निजी संस्थानों में आरक्षण पर नौकरी दिए जाए की मांग की। एक माह के भीतर मांगें पूरा न होने पर पार्टी कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा। प्रदर्शन करने वालों में प्रदेश सचिव भोपाल सिंह, अजय सिंह, सुमित चौरसिया, अनिल मिश्रा, पप्पू ठेकेदार, सीताराम, मदनलाल जाटव, अमित मोहन, बबलू लाल, ऋषि पाल, रणवीर सिंह चौहान, नूरहसन, माया देवी, संगीता रावत, धनवती, कमला रावत, शकुंतला बिष्ट, सोनिका, ममता भट्ट, गीता देवी, आशा भंडारी, मीना जोशी, श्यामबहादुर, शान्ति गोस्वामी, सरिता देवी, सरोज देवी, काजल, मिथलेश, लक्ष्मी देवी, रूपा सैनी, सरोजनी देवी, गुड्डी देवी, सीमा देवी, कमलेश सहित अन्य शामिल थे।
आईडीपीएल को बंद करने के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आईडीपीएल को बंद कर बेचने का लगाया आरोप
ऋषिकेश।
शनिवार को कृष्णानगर कॉलोनी में कांग्रेस कार्यकर्ता एकत्रित हुए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केन्द्र सरकार के आईडीपीएल को बंद करने और बेचने के निर्णय की आलोचना की। कांग्रेस प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला ने केन्द्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाये। कहाकि चुनाव में आईडीपीएल के रिवाइवल का वादा करने वाली भाजपा अब इसे बंद कर बेचने की तैयारी कर रही है।
खरोला ने कहा कि ऋषिकेश के लोगों को केन्द्र सरकार के निर्णय से निराशा हाथ लगी है। उन्होंने आईडीपीएल फैक्ट्री को बंद करने व बेचने का विरोध किया। केन्द्र सरकार से आईडीपीएल के रिवाइवल की मांग की। मौके पर दीपक धमांदा, राजेश व्यास, मानवेन्दर कंडारी, मधु जोशी, प्रदीप चंद्रा, आशु नेगी, दिनेश मास्टर, अजय अग्रवाल, रघुवर दयाल, शिवला, विजेन्द्र, महेन्द्र, उत्तम कुमार, राजेंद्र, भगत सिंह आदि मौजूद थे।
बाहर के ठेकेदारों को काम देने के विरोध में भाजपा
ऋषिकेश।
भाजपा कार्यकर्ता लोक निर्माण विभाग के रेलवे रोड स्थित कार्यालय पर गुरुवार को पहुंचे। उन्होंने राज्य योजना के मद से 5.5 करोड़ के स्वीकृत निर्माण कार्य को बाहरी ठेकेदारों को दिए जाने का विरोध किया। मंडल अध्यक्ष प्रदीप धस्माना ने आरोप लगाया कि लोनिवि के खंड से बाहर के ठेकेदारों को काम दिया जा रहा है जबकि विभाग में ऋषिकेश विधानसभाई क्षेत्र के ही सैकड़ों ठेकेदार बेरोजगारी की मार से परेशान हैं।
जिला उपाध्यक्ष किशन नेगी ने सीएम के चहेतों को ठेके देने का आरोप लगाया तो वरिष्ठ नेता जयदत्त शर्मा ने कमीशन के चलते बाहरी लोगों को ठेके देने की बात कही। भाजपा कार्यकर्ताओं ने विभागीय अधिकारियों को चेताया कि अगर स्थानीय ठेकेदारों को काम नहीं दिया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने मामले में लोनिवि के सहायक अभियंता के व्यवहार को भी निराशाजनक बताया।
प्रदर्शन करने वालों में संदीप गुप्ता, ज्योति सजवाण, दिनेश पयाल, रामरतन रतूड़ी, बृजमोहन कडंवाल, शोभा चौहान, पदमा नैथानी, सुरेन्द्र सिंह, महिपाल सिंह, सुभाष वाल्मिकी, कुसुम डबराल, अनीता प्रधान, अमन कुकरेती, रवि रावत, कपिल गुप्ता, देवेन्द्र सिंह नेगी, भूपेन्द्र राणा, रवि रावत, कौशल बिजल्वाण आदि शामिल थे।
पुलिस, एआरटीओ व एसडीएम कार्यालय संयुक्तरुप से करेंगे सर्वे
बस और ट्रेकर संचालकों को यथास्थिति बनाये रखने के निर्देश
सवारियों को बैठाने और उतारने को लेकर परिवहन कंपनी और ट्रेकर कमांडर यूनियन में चला आ रहा विवाद
ऋषिकेश।
बुधवार को एसडीएम कार्यालय में एसडीए वृजेश कुमार तिवारी की अध्यक्षता में परिवहन कंपनियों व ट्रेकर कमांडर यूनियन की बैठक हुई। वर्ष 2015 से नटराज चौक पर सवारियों को बैठाने और उतारने को लेकर दोनों परिवहन कपंनियां आमने-सामने है। दो रोज पहले भी नटराज चौक पर दोनों के बीच विवाद हो भी चुका है। जिसकों लेकर प्रशासन ने बुधवार को वार्ता बुलाई। चंबा रुट पर सवारियां बैठाने को लेकर बस व ट्रेकर संचालक आमने-सामने है।
बस कंपनियों का तर्क है कि उनकी सेवाएं परेड ग्राउंड देहरादून, हरिद्वार व संयुक्त रोटेशन अड्डे ऋषिकेश से सवारियां लेकर चलती है। नटराज चौक उनका पिकअप व ड्राप प्वाइंट है। ऐसे में सवारियों को बैठाने व उतारने के लिए बसें नटराज चौक पर रुकती है। उन्होंने ट्रेकर कमांडर के नटराज चौक पर सवारियों के इंतजार में वाहन खड़ा रखने पर आपत्ति जताई। कहाकि ऐसे में उन्हें सवारियां नही मिल रही है।
वहीं, ट्रेकर कमांडर यूनियन का अपना तर्क है कि उनके स्टॉपेज में सवारियां नही मिल रही है। ऐसे में बिना सवारियों के वाहन कैसे चलाये। उन्होंने नटराज चौक से सवारियों के भरने को जायज ठहराया। प्रशासन ने दोनो पक्षों के तर्क सुने और व्यवस्था दी कि प्रशासन दो तीन दिन के अंदर संयुक्तरुप से सर्वे करेगा। जिसके बाद दोनों पक्षों को बुलाया जायेगा। फिलहाल प्रशासन ने यथास्थिति और शांति व्यवस्था बनाये रखने के निर्देश दोनों पक्षों को दिये है।
मौके पर सीओ मनोज कत्याल, एसएचओ सुरेन्द्र सिंह सामंत, परिवर्तन अधिकारी एएस चौहान, यातायात और पर्यटन विकास सहकारी संघ के मनोज ध्यानी, टीजीएमओ के अध्यक्ष प्रीतम सिंह नेगी, लोकल रोटेशन के यशपाल राणा,ट्रेकर कमांडर के ललित मोहन कुड़ियाल, राधेश्याम, बद्री प्रसाद जोशी, दिनेश कोठियाल आदि मौजूद थे।
ऑटो-विक्रम न चलने से सवारियां परेशान
ऋषिकेश।
ऋषिनगरी के विभिन्न रूटों पर 1200 ऑटो-विक्रम चलते हैं। इसके माध्यम से ही लगभग 12 हजार सवारियां हररोज सफर करती हैं। ऋषिकेश विक्रम-ऑटो रिक्शा महासंघ के आह्वान पर मंगलवार में 12 सौ ऑटो-विक्रम नहीं चले। गाड़ियों के न चलने से यात्री परेशान रहे। सबसे अधिक परेशानी ऐसे बीमार लोग जिन्हें एम्स और सरकारी अस्पताल जाना था उन्हें। वहीं स्कूल कॉलेज में पढ़ाई करने वाले भी परेशान रहे। वे स्टैंड पर ऑटो-विक्रम का इंतजार करते नजर आए। ऑटो-विक्रम न मिलने पर लोग रोडवेज, लोकल यूनियन और जीप कमांडर यूनियन की गाड़ियों से गंतव्य तक गए। विक्रम मालिक चालक एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील कुमार का कहना है कि शहर में पहले ही जाम की समस्या है। ऐसे में और गाड़ियों को परमिट दिए जाने से शहर की स्थिति खराब हो जाएगी। इससे शहर में प्रदूषण भी बढ़ जाएगा। परिवहन विभाग नए परमिट का आदेश जारी करती है तो आंदोलन किया जाएगा।
नए परमिट के विरोध में नहीं चलेंगे ऑटो-विक्रम
शहर में 12 सौ आटो-विक्रम का होता है संचालन
ऋषिकेश।
सोमवार को विक्रम-आटो ऋषिकेश महासंघ से जुड़े पदाधिकारियों की बैठक यात्रा टर्मिनल में हुई। इसमें परिवहन विभाग की ओर से 17 नवंबर को नए ऑटो-विक्रम के परमिट जारी करने के आदेश का विरोध किया गया। महासंघ के नेता संजय चौधरी का कहना है कि पहले से 12 सौ आटो-विक्रम शहर में चल रहे हैं। इससे जाम की समस्या रहती है। ऐसे में नए परमिट जारी करने से शहर में दिक्कतें आएंगी। 12 सौ आटो-विक्रम वालों के आगे भी रोजी-रोटी की दिक्कत खड़ी हो जाएगी। इसलिए इसके विरोध में मंगलवार को एक दिवसीय हड़ताल की जाएगी। इसके बाद भी परिवहन विभाग परमिट का आदेश जारी करता है तो आंदोलन किया जाएगा। बैठक में देवभूमि ऑटो रिक्शा ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सोमनाथ अरोड़ा, विक्रम मालिक चालक एसोसिएशन मुनिकीरेती के अध्यक्ष सुनील कुमार, तपोवन विक्रम यूनियन के अध्यक्ष त्रिलोक सिंह भंडारी, लोकेश तायल, दीपक पाल, पुरुषोत्तम भद्री, सोहन गौनियाल, हरिओम, प्रवीण नौटियाल, अमित पाल, आदेश राम, संजय आर्य, राम आशीष राजभर, राजीव पाण्डेय, राजेन्द्र लांबा, पंचम सिंह नेगी सहित अन्य मौजूद थे।
चेकिंग के दौरान उत्पीड़न का लगाया आरोप
ऋषिकेश।
शनिवार को ऋषिकेश परचून ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद शर्मा के नेतृत्व में व्यापारी श्यामपुर बाईपास स्थित वाणिज्यकर विभाग के दफ्तर पहुंचे। जहां उन्होंने डिप्टी कमिश्नर एसएस सोलंकी को ज्ञापन सौंपा। आरोप लगाया कि चेकिंग के दौरान टीम वाहन स्वामियों का उत्पीड़न करती है। इससे वे परेशान हैं। इसलिए मामले की जांच कर कार्रवाई की जाए। उन्होंने चेकिंग के लिए स्थान चिह्नित करने व ट्रांसपोर्टर का वाहन सीज न करने की बात कही। उन्होंने कहा कि वाहन से सामान उतारने और चढ़ाने की जिम्मेदार विभाग की होगी। ज्ञापन सौंपने वालों में देवेन्द्र अरोड़ा, श्रीराम अरोड़ा, रमन कुमार, राजपाल, गोपाल गैरोला, विष्णु गुप्ता, मोहनलाल सहित अन्य शामिल थे।
सर्वहारानगर के लोगों ने मुख्यमार्ग बंद करने का आरोप लगाया
ऋषिकेश।
मंगलवार को सर्वहारानगर के लोगों ने हाईवे अॅथारिटी पर मुख्य मार्ग बंद करने के आरोप लगाए। कार्यों का निरीक्षण करने आए अभियंता डीपी सिंह का लोगों ने घेराव किया। स्थानीय सभासद विकास तेवतिया ने बताया कि हाईवे सुरक्षा दीवार के निर्माण के लिए निर्माण एजेंसी ने 40 फुट के करीब गड्ढे खोदे गए हैं जिससे आए दिन लोग चोटिल हो रहे हैं। सर्वहारा नगर का मुख्य मार्ग बंद होने जा रहा है। करीब 10 हजार की आबादी के पास दूसरा कोई वैकल्पिक मार्ग भी नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस महासचिव राजपाल खरोला ने अभियंता से मुख्य मार्ग को बंद नहीं करने की बात कही। अभियंता ने बताया कि सुरक्षा दीवार बनने के बाद यदि मुख्य मार्ग से ही आवागमन रखा जाता है तो मार्ग में और ढलान हो जाएगी। जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया। बताया कि पहले ही मार्ग में ढलान के कारण आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। विकास तेवतिया ने बताया हाईवे पर कार्य के चलते पानी की लाइन क्षतिग्रस्त होने व विद्युत पाले हटाने के लिए संबधित विभागों की संयुक्त बैठक होनी आवश्यक है।
कांग्रेस प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला की मध्यस्थता में तय किया गया कि गुरुवार को हाईवे अॅथारिटी के जीएम, ऊर्जा व पेयजल विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक होगी। राजपाल खरोला ने फोन पर वार्ता कर अधिकारियों को समस्या के समाधान के लिए गुरुवार को सर्वहारा नगर में बैठक करने की जानकारी दी। मौके पर नेता सभासद दल कांग्रेस मनीष शर्मा, जितेन्द्र यादव, सुनील प्रजापति, सुषमा, गुड्डु, रामबदन, सुनील उपाध्याय आदि लोग मौजूद थे।
तहसील में हड़ताल पर रहे मिनिस्ट्रीयल कर्मी
ऋषिकेश।
मिनिस्ट्रीयल संघ की प्रदेशव्यापी हड़ताल के समर्थन में ऋषिकेश तहसील के मिनिस्ट्रीयलकर्मी कार्य से विरत रहे। जिसके चलते कर वसूली, नाजिर कक्ष, तहसीलदार न्यायालय व एसडीएम कार्यालय से संबंधित कार्य नहीं हो सके। एसडीएम कार्यालय में बाबू की अनुपस्थिति में जरूरी डाक नहीं बन पाए। नायब नाजिर के न होने से तहसील संबंधित रिपोर्ट तैयार नहीं हो सकी। वहीं एसडीएम पहले से ही प्रशासनिक कार्य से तहसील से बाहर हैं और नायब तहसीलदार हैं ही नहीं। तहसीलदार अभी मातृ शोक से गुजर रही हैं। ऐसे में तहसील में जन सामान्य के काम भी पूरी तरह से प्रभावित रहे। सुदूर क्षेत्रों से आए फरियादी घंटों इंतजार के बाद घर लौट गए। एसडीएम कोर्ट की सभी सुनवाइयों की तारीख दो बार बढ़ाई जा चुकी है। व्यवस्था के तौर पर डोईवाला तहसीलदार आईडी उनियाल ही ऋषिकेश तहसील का पदभार संभाल रहे हैं। कहा कि प्रशासनिक आदेशानुसार तहसीलदार की वापसी तक वह ही कार्यभार संभालेंगे।