उत्तराखंड में कीर्तिनगर के लोग, पहाड़ों में वेस्ट मैनेजमेंट की नई मिसाल कायम कर रहेः मोदी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ’मन की बात’ कार्यक्रम का 124 वां संस्करण सुना।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में उत्तराखंड के कीर्ति नगर के लोगों द्वारा स्वच्छता के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता को लेकर हमारे शहर और कस्बे अपनी जरूरतों और माहौल के हिसाब से अलग-अलग तरीकों से काम कर रहे हैं। इनका असर सिर्फ इन शहरों तक नहीं है, पूरा देश इन तरीकों को अपना रहा है। उत्तराखंड में कीर्तिनगर के लोग, पहाड़ों में वेस्ट मैनेजमेंट की नई मिसाल कायम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम जन जन तक सकारात्मक संदेश पहुंचाने के साथ लोगों को जागरूक भी करता है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के कीर्ति नगर के लोगों द्वारा वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की है। जिससे राज्य के अन्य लोगों को भी स्वच्छता के क्षेत्र में कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने आज के मन की बात में विज्ञान, अंतरिक्ष, खेल, संस्कृति, स्वच्छता और आत्मनिर्भर भारत जैसे विविध विषयों की ओर देशवासियों का ध्यान खींचा है।

इस अवसर पर आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय रुहेला, विधायक सुरेश गड़िया, विधायक रेणु बिष्ट एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

एम्स और हरिद्वार अस्पताल पहुंचकर सीएम ने जाना घायलों का हाल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार के जिला चिकित्सालय एवं एम्स ऋषिकेश पहुंचकर मनसा देवी मंदिर मार्ग पर हुए हादसे में घायल श्रद्धालुओं का हालचाल जाना।

मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों से घायलों की स्वास्थ्य स्थिति की विस्तृत जानकारी प्राप्त की और उनके समुचित उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को भी आवश्यक सुविधाएं तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने सभी घायल श्रद्धालुओं के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस दुःखद घटना से प्रभावित प्रत्येक व्यक्ति और शोकाकुल परिजनों के साथ साथ खड़ी है। उन्होंने आश्वस्त किया कि घायलों के इलाज एवं परिजनों को हरसंभव सहायता प्रदान करने में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक मदन कौशिक, विधायक आदेश चौहान, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।

मनसा देवी मंदिर पैदल मार्ग पर हुई भगदड़ में 6 की मौत 22 घायल, सीएम ने जांच के आदेश दिए

हरिद्वार जनपद स्थित मंशा देवी मंदिर के पैदल मार्ग पर हुई भगदड़ की दर्दनाक घटना में 6 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है।

मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को पचास-पचास हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही जिलाधिकारी हरिद्वार को इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने हेतु भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा की जाए।

सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने बताया कि घटना में 5 श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया है। इसके अतिरिक्त 23 अन्य घायलों का इलाज जिला चिकित्सालय हरिद्वार में किया जा रहा है, जहां सभी को समुचित चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

सचिव ने बताया कि इस दुखद घटना की जानकारी और सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं, ताकि लोग अपने परिजनों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें।

हेल्पलाइन नंबर इस प्रकार हैं:

जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र, हरिद्वार:
📞 01334-223999
📞 9068197350
📞 9528250926

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र, देहरादून:
📞 0135-2710334, 2710335
📞 8218867005
📞 9058441404

जनता से अपील की गई है कि घटना से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए इन हेल्पलाइन नम्बरों पर संपर्क करें। प्रशासन द्वारा स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और राहत कार्य जारी हैं।
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मृतकों की सूची

1. श्री आरुष पुत्र श्री पंकज उर्फ प्रवेश, उम्र 12 वर्ष, निवासी-सौदा बरेली उत्तर प्रदेश।

2. श्री विशाल पुत्र श्री नंदन सिंह, उम्र-19 वर्ष, निवासी धनौरी स्वार रामपुर उत्तर प्रदेश।

3. श्री विक्की पुत्र श्री रिक्का राम सैनी, उम्र 18 वर्ष ग्राम विलासपुर थाना -विलासपुर कैमरी रोड़ नगलिया कला मजरा रामपुर उत्तर प्रदेश।

4. श्री विपिन सैनी पुत्र श्री रघुवीर सिंह सैनी, उम्र 18 वर्ष, निवासी वसुवाखेरी काशीपुर उत्तराखण्ड।

5. श्री वकील पुत्र भरत सिंह निवासी मीहतलवाद, जिला बाराबंकी उत्तर प्रदेश।

6. श्रीमती शान्ति श्री रामभरोसे बदायू उत्तर प्रदेश।

घायलों का विवरण-

1. श्री इन्द्र पुत्र महादेव निवासी रिसालू रोड़ पानीपत ।

2. श्रमती दुर्गा देवी पत्नी श्री निर्मल, उम्र 60 वर्ष, निवासी दिल्ली।

3. श्री शीतल पुत्र, उम्र-17 वर्ष, तेजपाल निवासी रामपुर उत्तरप्रदेश।

4. श्री भूपेन्द्र पुत्र श्री मुन्ना लाल, उम्र 16 वर्ष, जिला बदायूं।

5. श्री अर्जुन पुत्र सूरज, उम्र 25 वर्ष, निवासी सिविल लाईन मुरादाबाद।

6. कुमारी कृति पुत्री श्री उमेश शाह, उम्र 6 वर्ष, मोतीहारी विहार।

7. श्री राज कुमार पुत्र निदेश शाह, उम्र 14 वर्ष, मोतीहारी विहार।

8. श्री अजय पुत्र श्री संजय, उम्र 19 वर्ष, बडियारपुर विहार।

9. श्री रोहित शर्मा, पुत्र कमलेश शर्मा, उम्र 21 वर्ष, निवासी जिला मेनपुरी। 10. श्री विकास पुत्र प्रेमपाल, उम्र 22 वर्ष, निवासी बरेली कैण्ट उत्तर प्रदेश।

11. काजल पुत्री अर्जुन, उम्र 24 वर्ष, निवासी सिविल लाईन मुरादबाद।

12. अराधना कुमारी पुत्री श्री विनोद शाह, 5 1/2 वर्ष निवासी भागलपुर विहार।

13 श्री विनोद शाह पुत्र रोहित शाह, उम्र 35 वर्ष, भागलपुर विहार।

14. श्रीमती निर्मला पत्नी श्री पंकज कुमार, उम्र 30 वर्ष शीशगढ़ बरेली।

15. श्री विशाल पुत्र छेदा लाल, उम्र 21 वर्ष रामपुर ।

16. श्री अनुज पुत्र अर्जुन, उम्र 20 वर्ष, निवासी मुरादाबाद उत्तर प्रदेश।

17. एकांक्षी पुत्री संजीव कुमार, उम्र-4 वर्ष, धामपुर उत्तर प्रदेश।

18 श्री संदीप पुत्र श्री रमेश कुमार, उम्र-25. मुरादाबाद उत्तर प्रदेश।

19. श्री रोशन लाल पुत्र एवं पता अज्ञात

20. श्रीमती दीक्षा पत्नी निवासी रामपुर।

21. श्री अजय कुमार पुत्र सहदेव कुमार, उम्र 18 वर्ष, निवासी मुंगेर विहार

22. श्री मनोज सना पुत्र भूरिया, उम्र-30 वर्ष, जिला बरेली उत्तर प्रदेश।

उपरोक्त 05 घायलों को एम्स हास्पिटल ऋषिकेश भेज दिया गया है। शेष 23 घायलों का उपचार जिला चिकित्सालय हरिद्वार में चल रहा है।

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के तहत विवाह पंजीकरण ने पकड़ा जोर

इसी वर्ष 27 जनवरी से उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद, विवाह का पंजीकरण अनिवार्य हो गया है। तब से यूसीसी एक्ट के तहत प्रतिदिन औसत 1634 शादियों का पंजीकरण हो रहा है। जबकि, इससे पहले 2010 के एक्ट में होने वाले विवाह पंजीकरण का प्रतिदिन औसत मात्र 67 ही था।

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने से पहले, उत्तराखंड विवाह पंजीकरण अधिनियम- 2010, के तहत शादियों का पंजीकरण होता था। लेकिन तब बहुत कम लोग विवाह पंजीकरण कराते थे, 2010 से लागू इस एक्ट के तहत, 26 जनवरी 2025 तक कुल 3,30,064 विवाह पंजीकरण हुए, इस तरह पुराने एक्ट के अनुसार प्रतिदिन औसत विवाह पंजीकरण की संख्या 67 तक ही पहुंच पाई थी।

लेकिन अब 27 जनवरी 2025 से उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद, विवाह पंजीकरण में जबरदस्त उछाल आया है। ठोस कानून और आसान प्रक्रिया के चलते लोग अब विवाह पंजीकरण के लिए खूब उत्साह दिखा रहे हैं। स्थिति यह है कि 27 जनवरी 2025 से अब तक यूसीसी के तहत होने वाले विवाह पंजीकरण की संख्या 3,01,526 पहुंच गई है। इस तरह यूसीसी के बाद होने वाले प्रतिदिन विवाह पंजीकरण का औसत 1634 बैठ रहा है। जो पिछले कानून के मुकाबले कई गुना अधिक है। इधर, सरकार ने यूसीसी के तहत विवाह पंजीकरण कराने की वर्तमान समय सीमा, छह माह से बढ़ाकर एक साल कर दी है। इस संबंध में विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है। इससे उन लोगों को सुविधा रहेगी जो किसी कारण से अब तक यूसीसी के तहत विवाह पंजीकरण नहीं करा पाए थे।

समान नागरिक संहिता के तहत होने वाले पंजीकरण की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ रही है। इससे कानून की व्यापकता और सार्थकता का पता चलता है। समान नागरिक संहिता के तहत होने वाला प्रत्येक पंजीकरण, एक मजबूत समाज की दिशा में ठोस कदम है। इससे महिलाओं के हित खासकर सुरक्षित हो रहे हैं।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

विद्यार्थी जीवन की चुनौतियों के समाधान को उच्च शिक्षण संस्थानों को कारगर प्रयास करने होंगेः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक कार्यक्रम में ‘सस्टेनेबल वेलनेस ऑफ स्टूडेंट्सः अ कलेक्टिव रिस्पॉन्सिबिलिटी इन हायर एजुकेशन‘ पुस्तक का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों के मनोविज्ञान का ध्यान रखते हुए विद्यार्थी जीवन की चुनौतियों के समाधान की दिशा में विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षण संस्थाओं को कारगर प्रयास करना होगा। इस दिशा में पुस्तक के प्रकाशन की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने पुस्तक का हिन्दी संस्करण भी तैयार किए जाने की अपेक्षा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड राज्य में सबसे पहले नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है। छात्रों को गुणवत्तापरक शिक्षा देने तथा उनके कौशल विकास के साथ ही छात्रों के कल्याण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों को ज्ञान के केन्द्र के साथ ही छात्रों के कल्याण के केन्द्र के रूप में भी विकसित करना होगा।

निदेशक उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखंड प्रो. कमल किशोर पांडे, कुमाऊं विश्वविद्यालय की डीएसबी परिसर की गृह विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. लता पांडे तथा सेंटर फॉर पालिसी रिसर्च नई दिल्ली के निदेशक डा. रामानंद द्वारा संयुक्त रूप संपादित सस्टेनेबल वेलनेस ऑफ स्टूडेंट्सः अ कलेक्टिव रिस्पॉन्सिबिलिटी इन हायर एजुकेशन‘ पुस्तक में उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों के कल्याण से संबंधित विभिन्न पहलुओं और इससे जुड़े हितधारकों की भूमिका को विस्तार से रेखांकित किया गया है।

इस अवसर पर उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति डॉ. देवेंद्र भसीन, डॉ. जयपाल चौहान, भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी, महानिदेशक यू कॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, डॉ. के डी पुरोहित मौजूद थे।

परमवीर चक्र विजेताओं की अनुग्रह राशि 50 लाख से बढ़ाकर की गई डेढ़ करोड़ः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गांधी पार्क, देहरादून में कारगिल विजय दिवस (शौर्य दिवस) के अवसर पर शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कारगिल शहीदों के परिवारजनों को भी सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान चमोली जिले के कालेश्वर में ई.सी.एच.एस एवं सैनिक विश्राम गृह का निर्माण किए जाने एवं नैनीताल में सैनिक विश्राम गृह बनाए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि उपनल के माध्यम से पूर्व सैनिकों को रोजगार के लिए विदेश भेजा जाएगा। जिसमें 50 प्रतिशत सिविलियन भी होंगे। उपनल के माध्यम से राज्य के 22500 लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। जिनकी विनियमितीकरण की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर जवानों को देश हमेशा याद रखेगा। उन्होंने कहा कारगिल की घाटियों, पहाड़ों और हवाओं में भारत के जवानों का दुश्मन के खिलाफ किया गया युद्ध, आज भी उसी वेग से गूंज रहा है। कारगिल युद्ध के दौरान भारत के शूरवीरों ने अदम्य साहस, उत्कृष्ट रणनीति, अद्वितीय पराक्रम का परिचय देते हुए दुश्मनों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कारगिल युद्ध में वीर भूमि उत्तराखंड के 75 जवान शहीद हुए थे।

मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के जवानों का मनोबल बढ़ाने के साथ ही सेना को अत्याधुनिक तकनीकों और हथियारों से लैस किया जा रहा है। हाल ही में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से मात्र चार दिनों में पाकिस्तान को घुटनों के बल पर लाकर खड़ा कर दिया था। ऑपरेशन सिंदूर से दुश्मनों को साफ संदेश दिया कि भारत की बहन-बेटियों के सिंदूर उजाड़ने वालों का नामो निशान मिटा दिए जाते हैं। हमारी सेना दुश्मन की गोली का जवाब गोलों से देती है। उन्होंने कहा यह नया भारत है जो दुश्मनों की हर नापाक हरकत का करारा जवाब देता है।

मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वन रैंक-वन पेंशन योजना, नेशनल वॉर मेमोरियल का निर्माण, रक्षा बजट में वृद्धि एवं बॉर्डर पर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किए जाने से संबंधित कई निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने शहीदों के आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए, परमवीर चक्र से लेकर मेन्सन इन डिस्पैच तक सभी वीरता पुरस्कारों से अंलकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त तथा वार्षिक धनराशि में भी वृद्धि की है। परमवीर चक्र की अनुग्रह राशि 50 लाख से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा शहीदों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी में समायोजित किया जा रहा है और इसके लिए आवेदन करने की अवधि को भी 2 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया है। राज्य में वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों और पूर्व सैनिकों के लिए परिवहन निगम की बसों में यात्रा की निःशुल्क व्यवस्था करने के साथ सेवारत व पूर्व सैनिकों हेतु 25 लाख रुपए तक की सम्पत्ति की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 प्रतिशत की छूट भी प्रदान की जा रही है।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सेनाएं बहुत मजबूत हुई हैं। कारगिल युद्ध में सैकड़ों जवान शहीद हुए, जिसमें हमारे राज्य के 75 जवान शहीद हुए थे, जिसमें से 31 शहीद जवान देहरादून क्षेत्र के थे। उन्होंने कहा उत्तराखंड प्रदेश के अब तक 1831 जवान शहीद हुए हैं, जिनमें से 1528 जवानों को वीरता पुरस्कार मिला है। 344 विशिष्ट सेवा पदक हमारे उत्तराखंड के वीर जवानों को मिले हैं। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर सैनिकों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है। राज्य सरकार द्वारा शहीद जवानों के परिवार के एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने का कार्य किया गया है। जिसके माध्यम से अब तक 37 लोगों को रोजगार मिला है।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजान दास, विधायक सविता कपूर, दायित्वधारी विनोद उनियाल, सचिव सैनिक कल्याण दीपेंद्र चौधरी, मेजर जनरल सम्मी सबरवाल (से.नि), निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर अमृत लाल (से.नि), एमडी उपनल ब्रिगेडियर जे.एस.बिष्ट, (से.नि), ब्रिगेडियर के.जी बहल, (से.नि), जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, एसएसपी अजय सिंह अन्य सैन्य अधिकारी, पूर्व सैनिक एवं शहीदों के परिवारजन उपस्थित थे।

उत्तराखंडः कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर सीएम ने दिया सैनिकों को तोहफा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर सैनिकों को बड़ा तोहफा दिया है। परमवीर चक्र विजेताओं को मिलने वाली अनुग्रह राशि अब डेढ़ करोड़ दी जायेगी। अभी तक यह राशि 50 लाख रूपये थी। इसके अलावा उन्हें वार्षिक अनुदान राशि के रूप में तीन लाख रूपये मिलते रहेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा में आयोजित सैनिक सम्मान समारोह में परमवीर चक्र विजेताओं को मिलने वाली अनुग्रह राशि बढ़ाने की घोषणा की थी। सीएम के पिता स्वर्गीय सूबेदार शेर सिंह धामी की पुण्यतिथि के मौके पर यह समारोह आयोजित किया गया था। सैनिक कल्याण विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने अनुमोदन दे दिया है।

परमवीर चक्र विजेताओं को मिलने वाली अनुग्रह राशि में सीधे एक करोड़ रूपये की वृद्धि मुख्यमंत्री की सैनिकों के कल्याण से जुड़े विषयों पर गंभीरता को दर्शाता है। जून 2022 से पहले परमवीर चक्र विजेता को मिलने वाली अनुग्रह राशि 30 लाख रूपये थी। कैबिनेट ने 10 जून 2022 को इस राशि को बढ़ाकर 50 लाख करने का निर्णय लिया। इसके बाद, 14 जुलाई 2022 को इस संबंध में शासनादेश भी जारी हो गया। अब सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एकमुश्त धनराशि को 50 लाख से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रूपये कर दिया है।

“हमारे देश की सीमाएं हमारे वीर सैनिकों के शौर्य, साहस और बलिदान के कारण सुरक्षित हैं। ऐसे में प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह सैनिकों की वीरता, समर्पण और बलिदान का सम्मान करे। उत्तराखंड न केवल देवभूमि है, बल्कि वीरभूमि भी है, जिसने देश को अनेक वीर सैनिक दिए हैं। एक सैनिक और उसके परिवार का जीवन अनुशासन, त्याग और सेवा की मिसाल होता है। राज्य सरकार सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है तथा उनके हितों की रक्षा के लिए निरंतर ठोस और प्रभावी निर्णय ले रही है।“
– पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री, उत्तराखंड।

साप्ताहिक रूप से पानी की गुणवत्ता प्रत्येक डिस्ट्रीब्यूशन टैंक के पास प्रदर्शित की जाएः सीएस

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में पूंजीगत व्यय, केंद्र सहायतित, वाह्य सहायतित प्रोजेक्ट, नाबार्ड के साथ ही केपीआई और केओआई के सम्बन्ध में बाकी बचे 36 विभागों की समीक्षा की। विगत दिवस मुख्य सचिव ने 12 विभागों की समीक्षा की थी।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को सितंबर माह तक पूंजीगत बजट का 50 प्रतिशत खर्च किया जाने का वर्क प्लान तैयार कर नियोजन को उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी विभागों द्वारा 15 अगस्त तक सभी प्रस्ताव अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए जाने हेतु भी निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि लक्ष्यों को समय से हासिल करने के लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाए, इसके लिए सम्बन्धित सचिव एवं विभागाध्यक्षों द्वारा पाक्षिक एवं साप्ताहिक समीक्षा की जाए।

मुख्य सचिव ने पेयजल की गुणवत्ता जांच और आमजन के लिए प्रदर्शित किए जाने के लिए मैकेनिज्म तैयार किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि साप्ताहिक रूप से पानी की गुणवत्ता प्रत्येक डिस्ट्रीब्यूशन टैंक के पास प्रदर्शित की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पेयजल गुणवत्ता की दृष्टि से जीरो आरओ की दिशा में कार्य करना है। उन्होंने सिंचाई विभाग को भी सौंग बांध परियोजना में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विभाग को फंड मैनेजमेंट प्लान तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि सिंचाई विभाग अपने ‘की आउटकम इंडीकेटर‘ में सिंचाई क्षेत्र में बढ़ोत्तरी और वाटर बॉडी रिचार्ज, चौक डैम से भूजल में बढ़ोत्तरी को शामिल करे।

मुख्य सचिव ने वन विभाग को अगले 15 दिनों में सर्वाईवल नॉर्म्स को संशोधित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बायो फेंसिंग के लिए मॉडल फेंसिंग साईट विकसित साईट विकसित किए जाने की भी बात कही। कहा कि ‘की आउटकम इंडीकेटर‘ में ईको पार्क से पर्यटकों की संख्या में कितने प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुयी। ऐसे ही माउंटेनियरिंग और ट्रेकिंग के लिए भी अलग से केओआई निर्धारित किया जाए। उन्होंने वन विभाग को वन उपज से राजस्व के नए संसाधन जुटाने पर भी फोकस किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग की समीक्षा के दौरान एएनपीआर कैमरों को बढ़ाए जाने और एसपीवी शीर्घ शुरू किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग को एएनपीआर कैमरों से हुए चालान की बिलिंग और संग्रह क्षमता बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव शैलेश बगौली, नितेश कुमार झा, सचिव कुर्वे, दिलीप जावलकर, डॉ. वी. षणमुगम, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, अपर सचिव हिमांशु खुराना, मनमोहन मैनाली सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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नाबार्ड के अंतर्गत पोषित योजनाओं के संबंध में उच्च अधिकार प्राप्त समिति की बैठक

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में नाबार्ड के अंतर्गत ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि से पोषित योजनाओं के सम्बन्ध में उच्च अधिकार प्राप्त समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि विभागों को यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट शीघ्र उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि विभाग फंड्स का आहरण करवा लें, ताकि प्रदेश को कुल फंड्स का आबंटन बढ़ाया जा सके।

मुख्य सचिव ने नाबार्ड के अधिकारियों एवं विभागों को आने वाले वर्षों में नाबार्ड का बजट 1200 करोड़ रूपए तक पहुंचाने की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हम सभी को सोर्स ऑफ फंड तलाशने की आवश्यकता है। कहा कि नाबार्ड और सम्बन्धित विभाग प्रदेश में चेन लिंक फेंसिंग के लिए फंड्स की सम्भावनाएं तलाशें।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि अगस्त माह के अंत तक सभी विभाग अपने-अपने प्रस्ताव उपलब्ध करा दें। उन्होंने धीमे चल रहे प्रोजेक्ट्स पर विभागों को लगातार मॉनिटरिंग कर प्रोजेक्ट की गति बढ़ाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विभिन्न प्रोजेक्ट्स के डिस्बर्समेंट और रिम्बर्समेंट शीघ्र कराए जाने की बात भी कही। उन्होंने नाबार्ड को उनके पोर्टल की खामियों को भी शीघ्र दूर किए जाने के निर्देश दिए, ताकि विभाग पोर्टल पर अपडेट कर सकें।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, सी. रविशंकर, अपर सचिव हिमांशु खुराना, मनमोहन मैनाली सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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रिक्त पदों की सूचना 15 अगस्त, 2025 तक उपलब्ध कराई जाएः सीएस

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने समस्त विभागों को निर्देशित किया है कि वे चयन वर्ष 2025-26 के अन्तर्गत पदोन्नति कोटे से भरे जाने वाले रिक्त पदों का आंकलन, दिनांक 01 जुलाई 2025 तक की स्थिति के अनुसार करते हुए, संबंधित सूचना अनिवार्य रूप से दिनांक 15 अगस्त, 2025 तक कार्मिक एवं सतर्कता विभाग को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

मुख्य सचिव ने कहा कि पदोन्नति की प्रक्रिया को समयबद्ध एवं व्यवस्थित रूप से संपन्न कराने के लिए यह आवश्यक है कि सभी विभाग समय पर आंकलन कर निर्धारित प्रारूप में सूचनाएं भेजें, ताकि विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक नियत समय पर आयोजित की जा सके। मुख्य सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन पदों पर पात्र कार्मिक उपलब्ध नहीं हैं अथवा अन्य कारणों से पदोन्नति नहीं की जा सकी है, उनके संबंध में उचित कारणों का स्पष्ट उल्लेख किया जाना अनिवार्य होगा।

सीएम ने पीएम मोदी के दूसरे सबसे लंबे कार्यकाल पूर्ण करने पर दी प्रदेशवासियों को बधाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत के इतिहास में प्रधानमंत्री के रूप में दूसरा सबसे लम्बा कार्यकाल पूर्ण करने पर प्रदेशवासियों की ओर से शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। विश्व में भारत की अलग पहचान स्थापित हो रही है। उनके नेतृत्व में अंत्योदय के सिद्धांत पर समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास की धारा पहुंचाने का काम हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत को पुनः विश्व गुरु के रुप में स्थापित करने के लिए निरंतर परिश्रम कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को नए भारत का निर्माता बताते हुए कहा कि भारत हर क्षेत्र में नवाचार के माध्यम से आगे बढ़ रहा है। साइंस एवं टेक्नोलॉजी, इनोवेशन के क्षेत्र में अनेक कार्य हो रहे हैं और कई नये ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं। प्रधानमंत्री ने 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को देश और दुनिया के सामने रखा है। प्रत्येक भारतवासी के लिए सौभाग्य की बात है कि उनका नेतृत्व हम सभी को प्रदान हो रहा है। मुख्यमंत्री ने भगवान बद्री विशाल और बाबा केदार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वस्थ जीवन और दीर्घायु की कामना की है।

उत्तराखंड: संजीवनी हेली मेडिकल सेवा से विभिन्न अभियानों के जरिए अब तक 60 से अधिक पीड़ितों को किया गया एयरलिफ्ट

उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में आमजन को आपदा, आकस्मिक चिकित्सा या अन्य आपात परिस्थितियों में तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा एम्स ऋषिकेश में हेली एम्बुलेंस को 24 घंटे अलर्ट मोड में रखा गया है। अब तक इस सेवा के जरिए *60 से अधिक* पीड़ितों को एयरलिफ्ट किया जा चुका है।

जीवन रक्षक बनी हेलीकॉप्टर सेवा
भारत की पहली निशुल्क हेली एम्बुलेंस (संजीवनी हेलीकॉप्टर इमरजेंसी मेडिकल सेवा) 29 अक्तूबर 2024 से एम्स ऋषिकेश के जरिए शुरु की गई है। उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में यह सेवा जीवन रक्षक का काम कर रही है। खासकर सड़क दुर्घटना, चिकित्सा आपातकाल, भूस्खलन, बाढ़ जैसी स्थिति में यह सेवा बेहद कारगर साबित हुई है। कई बार गर्भवती महिलाओं को भी गंभीर परिस्थितियों में सुरक्षित डिलीवरी के लिए एयरलिफ्ट किया गया है। आंकड़ों के मुताबिक हेली एम्बुलेंस कुल *74 घंटे 12 मिनट* की उड़ान के जरिए, अलग – अलग समय में 60 से अधिक पीड़ितों को एयरलिफ्ट कर जीवनदान प्रदान कर चुकी है। इसमें *सड़क दुर्घटना के 23″, *गर्भावस्था आपात स्थिति के 18* और अन्य तरह की मेडिकल इमरजेंसी के 19 रोगी शामिल है। हेली एम्बुलेंस ने पांच नवंबर को हुई अल्मोड़ा बस दुर्घटना और एक मार्च 2025 को आए जोशीमठ हिमस्खलन के प्रभावितों को एयरलिफ्ट करने में अहम भूमिका निभाई।

*मुनस्यारी के लिए लिए भी किए थे प्रयास*
11 जुलाई 2025 को जनपद पिथौरागढ़ के मुनस्यारी क्षेत्र के धापा गांव से एक गंभीर चिकित्सा आपात स्थिति की सूचना मिली, जहाँ एक महिला एवं उनकी नातिन ने जंगली मशरूम का सेवन कर लिया था। स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के उपरांत डॉक्टरों ने उन्हें तुरंत हल्द्वानी के उच्च चिकित्सा संस्थान में रेफर करने का निर्णय लिया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी पिथौरागढ़ ने उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) से तत्काल हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराने की मांग भेजी। प्रतिक्रिया में, प्राधिकरण ने बिना समय गंवाए हेलीकॉप्टर उड़ान की स्वीकृति प्रदान कर दी। लेकिन दुर्भाग्यवश, उस दिन क्षेत्र में मौसम अत्यधिक खराब होने से, डीजीसीए के मानकों के कारण उड़ान संभव नहीं हो पाई। ऐसे मामलों में सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी आपात स्थिति में जिलाधिकारी द्वारा भेजी गई मांग पर प्राथमिकता के आधार पर, हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। लेकिन उड़ान की अंतिम अनुमति डीजीसीए द्वारा तय सुरक्षा मानकों के अनुसार ही मिल पाती है, जिसमें मौसम की अनुकूलता एक अनिवार्य शर्त है।

*उत्तराखंड की विषम परिस्थितियों को देखते हुए ही एम्स ऋषिकेश के सहयोग से हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस सेवा शुरु की गई है। इस तरह की सेवा देने वाला उत्तराखंड देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस संजीवनी का काम कर रही है। कई बार मौसम संबंधित बाधाओं के चलते उड़ान संभव नहीं हो पाती है, ऐसे में प्रशासन को वैकल्पिक व्यवस्थाओं से लोगों का राहत प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं।*
*पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड*