ग्राम सराय स्थित भूमि के क्रय में अनियमितताओं से संबंधित प्रकरण पर विभागीय जांच की प्रक्रिया प्रारंभ

नगर निगम, हरिद्वार द्वारा ग्राम सराय स्थित भूमि के क्रय में अनियमितताओं से संबंधित प्रकरण को लेकर उत्तराखण्ड शासन ने कार्रवाई की गति तेज कर दी है। शासन द्वारा इस पूरे प्रकरण में तीन अधिकारियों-तत्कालीन जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, तत्कालीन नगर आयुक्त वरुण चौधरी तथा तत्कालीन उप जिलाधिकारी अजयवीर सिंह, (निलंबित) के विरुद्ध विभागीय जांच की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है।

गृह विभाग से जारी आदेश के अनुसार, प्रथम दृष्टया संलिप्तता पाए जाने के आधार पर अजयवीर सिंह के विरुद्ध उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 2003 (यथासंशोधित) के प्रावधानों के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलित की गई है। उन्हें पूर्व में आरोप पत्र निर्गत करते हुए अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया था, जिसके प्रत्युत्तर में उन्होंने दिनांक 16 सितम्बर, 2025 को अपना लिखित अभिकथन प्रस्तुत करते हुए सभी आरोपों को अस्वीकार किया।

शासन ने अब इस प्रकरण में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने हेतु डॉ. आनन्द श्रीवास्तव (आई.ए.एस.), अपर सचिव, उत्तराखण्ड शासन को अजयवीर सिंह के विरुद्ध जांच अधिकारी नियुक्त किया है। उन्हें एक माह के भीतर जांच आख्या शासन को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

ज्ञातव्य है कि प्रकरण से संबंधित अन्य दो अधिकारियों-तत्कालीन जिलाधिकारी हरिद्वार कर्मेन्द्र सिंह और तत्कालीन नगर आयुक्त वरुण चौधरी के विरुद्ध चल रही विभागीय जांच के लिए शासन ने सचिन कुर्वे (आई.ए.एस.) को जांच अधिकारी नामित किया है।

राज्य सरकार भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति पर दृढ़ता से कार्य कर रही है। शासन व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। किसी भी स्तर पर अनियमितता पाए जाने पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह किसी भी स्तर का अधिकारी क्यों न हो।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

सीएम निर्देश पर प्रदेशभर में मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान तेज, पकड़े गये नकली उत्पाद

त्योहारी सीजन को देखते हुए प्रदेशभर में मिलावटखोरों के खिलाफ खाद्य संरक्षा एंव औषधि प्रशासन विभाग यानि एफडीए का सघन अभियान जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मिलावट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि त्योहारी मौसम में उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य से किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार्य नहीं होगा। इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाजार में बिक रहे मावा, पनीर, घी, दूध और मिठाइयों की गुणवत्ता पर सख्त निगरानी रखी जाए ताकि मिलावटखोरी पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।

सभी जनपदों में सघन छापेमारी अभियान जारी
स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, डॉ. आर. राजेश कुमार ने त्योहारी सीजन में अपर आयुक्त (खाद्य सुरक्षा) ताजबर सिंह जग्गी को निर्देशित किया है कि सभी जनपदों में निरंतर निरीक्षण और छापेमारी अभियान चलाया जाए। राज्य के सीमावर्ती जिलों में भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है ताकि बाहरी राज्यों से नकली और बिना मानक खाद्य सामग्री की आपूर्ति पर रोक लगाई जा सके। विभागीय टीमें मोबाइल वैन के माध्यम से तेजी से सैंपलिंग कार्य कर रही हैं। डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि प्रयोगशालाओं को निर्देश दिए गए हैं कि सैंपलों की जांच शीघ्रता से की जाए, जिससे दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तुरंत सुनिश्चित हो सके।

त्योहारी सीजन में जांच की रफ्तार तेज
आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब्स लगातार बाजारों में जाकर मावा, खोया, पनीर, मिठाई और तेल जैसे उत्पादों की मौके पर जांच कर रही हैं। विभागीय टीमें प्रदेश के हर जिले, कस्बे और प्रमुख बाजारों में सैंपलिंग कर रही हैं ताकि हर उपभोक्ता तक सुरक्षित, शुद्ध और गुणवत्ता युक्त खाद्य पदार्थ पहुंच सकें। सरकार का स्पष्ट संदेश है “मिलावटखोरी के खिलाफ कोई रियायत नहीं, उपभोक्ता की सेहत सर्वाेपरि।”

अपर आयुक्त ताजबर जग्गी कर रहे हैं अभियान का नेतृत्व
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी स्वयं विभिन्न जिलों में चल रहे छापेमारी अभियानों का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों के साथ चारधाम यात्रा मार्गों व पर्यटन स्थलों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। इन क्षेत्रों में अतिरिक्त टीमें तैनात की गई हैं, जो मावा, पनीर, घी और मिठाइयों के सैंपल एकत्र कर प्रयोगशालाओं में जांच हेतु भेज रही हैं। जांच में दोषी पाए जाने वाले प्रतिष्ठानों के विरुद्ध तत्काल सीलिंग, लाइसेंस निरस्तीकरण और जुर्माने की कार्रवाई की जा रही है।

भगवानपुर में नकली डेयरी उत्पादों की बड़ी खेप पकड़ी गई
खाद्य सुरक्षा विभाग एवं पुलिस की संयुक्त टीम ने आज सुबह लगभग 5 बजे भगवानपुर के बालेकी युसुफपुर गांव में एक वाहन को रोककर जांच की। वाहन में बिना गुणवत्ता प्रमाणीकरण और स्वास्थ्य मानकों के पनीर सप्लाई की जा रही थी। जांच में यह भी पाया गया कि उत्पादों पर किसी प्रकार का एफएसएसएआई मानक अंकन या लेबलिंग नहीं थी, जो उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। टीम ने मौके पर ही उत्पादों को जब्त कर वाहन चालक और सप्लायर के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत मामला दर्ज किया। अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि भगवानपुर क्षेत्र में नकली डेयरी उत्पादों की आपूर्ति करने वाले गिरोहों पर विभाग की विशेष नजर है। आने वाले दिनों में लगातार कार्रवाई की जाएगी।

ऋषिकेश में भी मिली नकली घी और मिल्क पाउडर की खेप
इसी क्रम में ऋषिकेश में भी खाद्य सुरक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की। एक वाहन को रोककर जांच की गई, जिसमें 5 क्विंटल क्रीम, 35 किलोग्राम घी और 50 किलोग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर सप्लाई करते हुए पाया गया। इन सभी उत्पादों के पास गुणवत्ता प्रमाण पत्र या अनुमोदन दस्तावेज नहीं थे। टीम ने मौके पर उत्पाद जब्त किए और नमूने जांच हेतु भेज दिए हैं। प्रारंभिक जांच में संभावना है कि ये उत्पाद अन्य राज्यों से अवैध रूप से लाए गए नकली उत्पाद हैं। विभाग ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी और दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।

उपभोक्ता हित में जीरो टॉलरेंस नीति-सीएम धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सरकार की प्राथमिकता जनस्वास्थ्य और उपभोक्ता सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि राज्य में मिलावटखोरी के लिए कोई स्थान नहीं है। त्योहारी सीजन में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर समझौता करने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति लागू की जाएगी। मुख्यमंत्री ने जनता से भी अपील की है कि वे गुणवत्ता वाले उत्पादों का उपयोग करें, असत्यापित उत्पाद खरीदने से बचें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी विभाग को दें।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अपील
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि स्वच्छ और सुरक्षित भोजन न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य बल्कि समाज के समग्र विकास की नींव है। सरकार इस दिशा में पूरी गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मिलावटखोरी रोकने के लिए विभाग को हर संभव संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। साथ ही उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे “त्योहारी सीजन में चौकन्ने रहें और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

जनजागरूकता अभियान भी जारी
अपर आयुक्त ने बताया कि खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग राज्यभर में जन जागरूकता अभियान भी चला रहा है, जिसमें स्कूली बच्चों, व्यापारियों और उपभोक्ताओं को सुरक्षित खाद्य पहचानने के तरीके बताए जा रहे हैं। इस अभियान के तहत विभाग द्वारा सुरक्षित भोजन-स्वस्थ जीवन थीम पर पोस्टर, सोशल मीडिया कैंपेन और स्थानीय कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। अपर आयुक्त एफडीए ताजबर सिंह जग्गी ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे खाद्य पदार्थ खरीदते समय पैकेजिंग, लेबलिंग और निर्माण तिथि की जांच अवश्य करें। उन्होंने कहा है कि हमारे उपभोक्ता हमारे लिए सर्वाेपरि हैं। किसी भी मिलावटखोर को बख्शा नहीं जाएगा। विभाग ने यह भी कहा कि उपभोक्ता किसी संदिग्ध खाद्य उत्पाद या विक्रेता की सूचना खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की हेल्पलाइन या स्थानीय कार्यालय में तुरंत दें।

अभद्रता और गाली गलौच मामले में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी निलंबित हुए

जिला पंचायतराज अधिकारी अतुल प्रताप सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कार्यालय के पत्र संख्या 681 दिनांक 12 अगस्त, 2025 के द्वारा अकिंत कुमार ग्राम पंचायत विकास अधिकारी विकास खण्ड खानपुर से एक सप्ताहान्तर्गत स्पष्टीकरण माँगा गया था कि वह अधोहस्ताक्षरी को प्राप्त एक ऑडियो क्लिप में किसी व्यक्ति से गाली-गलौच करते हुए सुनाई दे रहे है। इतना समय व्यतीत होने के उपरान्त् भी अंकित कुमार ग्राम पंचायत विकास अधिकारी विकास खण्ड खानपुर द्वारा आतिथि तक अपना इस संबंध में कोई भी प्रतिउत्तर इस कार्यालय को उपलब्ध नही कराया गया है। इस प्रकार अंकित कुमार ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के विरूद्ध उक्त अभिकथन इतने गम्भीर है कि इनके स्थापित हो जाने पर अंकित कुमार को दीर्घ शास्ति दी जा सकती है।

एक शासकीय कर्मचारी के लिए किसी व्यक्ति से फोन पर इस प्रकार की अभद्र भाषा और गाली-गलौच किया जाना कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 के पूर्णतया विपरीत है। इसके साथ ही इस संबंध में कोई भी स्पष्टीकरण इतना समय व्यतीत हो जाने के बाद भी ना दिया जाना अंकित कुमार के अनुशासनहीनता को परिलक्षित करता प्रतीत हो रहा है।

अतः अंकित कुमार ग्राम पंचायत विकास अधिकारी विकास खण्ड खानपुर को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए सहायक विकास अधिकारी (पं०) बहादराबाद के कार्यालय में सम्बद्ध किया जाता है। निलम्बन अवधि में अंकित कुमार, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को वित्तीय हस्तपुस्तिका खण्ड-2 भाग-2 में 4 के मूल नियम 53 के प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता, अर्ध औसत वेतन/वेतन पर देय मंहगाई भत्ता भी देय होगा। निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते निलम्बन काल में इस शर्त पर देय होगें कि सम्बन्धित कमचारी द्वारा इन मदों पर वास्तव में व्यय किया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप ऐसे प्रतिकर भत्ते अनुमन्य है।

उपरोक्त प्रस्तर-2 में उल्लेखित मदों का भुगतान तभी किया जायेगा जब अंकित कुमार इस आशय का प्रमाण प्रस्तुत करेगें कि वह किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार वृत्ति या व्यवसाय में नहीं लगे है। इस सम्बन्ध में आरोप पत्र पृथक से निर्गत किया जाएगा।

लोस अध्यक्ष बिरला और सीएम धामी ने किया इण्डियन ए.आई समिट में प्रतिभाग

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार द्वारा आयोजित इण्डियन ए.आई समिट में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या एवं अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर किया।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि आधुनिक युग में एआई की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। आज अनेक क्षेत्र में एआई का उपयोग हो रहा है। एआई का आध्यात्मिक मूल्यों के साथ समावेषन होना चाहिए। एआई के माध्यम पूरी दुनिया तक भारत के ज्ञान, संस्कृति को पहुंचाने की दिशा में सार्थक पहल होनी चाहिए। विज्ञान व अध्यात्म का समन्वय को साथ लेकर चलें। लोकसभा अध्यक्ष ने आशा व्यक्त की कि तकनीकी नवाचार के माध्यम से भावी पीढी सुदृढ हो, इस दिशा में देवसंस्कृति विवि कार्य करेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आध्यात्मिकता और विज्ञान के बीच समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से आयोजित एआई सम्मेलन का आयोजन करने के लिए देव संस्कृति विश्वविद्यालय और डॉक्टर चिन्मय पांडे का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारतीय संस्कृति में ज्ञान विज्ञान और अध्यात्म का एक अद्वितीय संगम देखने को मिलता है। हमारी सनातन संस्कृति केवल आस्था और विश्वास पर आधारित नहीं है, बल्कि एक गहरी वैज्ञानिक दृष्टिकोण चिंतन और शोध का परिणाम है। हमारी सनातन संस्कृति निश्चित रूप से अपना एक वैशिष्ठय लिए हुए है, यही कारण है कि भारतीय संस्कृति ने विश्व को अनगिनत वैज्ञानिक खोजें दी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ साथ एआई भी व्यापक रूप से हमारे जीवन के हर पहलुओं को प्रभावित कर रहा है। एआई तकनीक हमारे दैनिक जीवन को न केवल आसान बना रही है बल्कि उद्योग में, चिकित्सा, शिक्षा, कृषि और अनेक क्षेत्रों में नवाचार की प्रगति का भी प्रमुख कारण बन गई है। यदि हम इस शक्ति का सही दिशा में सही प्रकार से उपयोग करें तो हम अनेकों क्षेत्र में सुधार ला सकते हैं। यदि हम ए.आई की शक्ति का सही दिशा और उद्देश्य के साथ उपयोग करें, तो ये अनेक क्षेत्रों में सुधार लाकर लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा आस्था एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए स्थापित विशेष आयोग के एशिया क्षेत्र के कमिश्नर डॉ. चिन्मय पंड्या ने कहा कि वर्तमान में एआई केवल तकनीकी क्षेत्र तक सीमित नहीं है बल्कि यह शिक्षा, चिकित्सा, उद्योग और सुरक्षा सहित अनेक क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहा है। हालांकि इसके साथ ही नैतिकता, गोपनीयता, डेटा सुरक्षा तथा रोजगार पर इसके प्रभाव को लेकर कई चिंताएँ भी सामने आ रही हैं।

स्विटजरलैण्ड के इन्टर पार्लियामेंट्री यूनियन के सेक्रेटरी जनरल मार्टिल चुंगोंग ने वीडियो संदेश के माध्यम से एआई की वैश्विक भूमिका को सभी के समक्ष रखा।

इस अवसर पर भारत सरकार के एआई मिशन के सीईओ डॉ अभिषेक सिंह, रॉबर्ट ट्रैगर, विलियम जोन्स, स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश, स्टुअर्ट रसेल, जान टैलिन, नालंदा विवि के कुलपति डॉ सचिन चतुर्वेदी आदि अनेक एआई विशेषज्ञों ने भी अपने विचार साझा किये।

इस अवसर पर विधायक मदन कौशिक, पूर्व विधायक स्वामी यतीश्वरानंद, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, राज्यमंत्री डॉ जयपाल सिंह चौहान, ओम प्रकाश जमदग्नि सुनील सैनी, जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोभाल, उपाध्यक्ष एचआरडीए अंशुल सिंह, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे सहित देव संस्कृति के छात्र छात्राएं मौजूद रहे।

हरिद्वार में मुख्य सचिव ने कुंभ मेला क्षेत्रों का निरीक्षण कर दिए निर्देश

2027 के कुंभ को दिव्य एवं भव्य ढंग से आयोजित करने के उद्देश्य से तथा आने वाले श्रद्धालुओं को सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने एवं किए जाने वाले निर्माण कार्यों का आज मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने मेला क्षेत्र का स्थलीय किया,निरीक्षण के दौरान मेला अधिकारी सोनिका,जिलाधिकारी मयूर दीक्षित,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोभाल, उपाध्यक्ष एचआरडीए अंशुल सिंह सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

इस अवसर पर मुख्य सचिव एवं संबंधित अधिकारियों द्वारा नजीबाबाद हाईवे पर गौरी पार्किंग स्थल में मल्टी मॉडल हब बनाये जाने हेतु कार्य का निरीक्षण, चण्डी देवी मन्दिर तक रोपवे का निर्माण हेतु स्थलीय निरीक्षण, दिव्य प्रेम मिशन आश्रम के समीप नीलधारा में कल्चरल हब के निर्माण की योजना कार्य का निरीक्षण,नमामिः गंगे घाट नीलधारा में लेजर शो हेतु स्थिल निर्माण की योजना का निरीक्षण, बैरागी कैम्प क्षेत्र में विभिन्न अखाड़ों एवं धार्मिक संस्थाओं के कैम्पिंग की योजना का निरीक्षण, बैरागी कैम्प क्षेत्र, दक्षद्वीप क्षेत्र में मायापुर स्कैप चौनल के दोनो 15 और नये घाटों के निर्माण कार्य की योजना का निरीक्षण, आईरीस सेतु से श्री यंत्र मन्दिर होते हुए मातृ सदन तक मार्ग के सुदृढ़ीकरण योजना का एवं उक्त मार्ग के मध्य 700 से 800 मी0 की कच्ची सड़क को पक्की सड़क बनाने जाने की योजना कार्य का निरीक्षण, नक्षत्र वाटिका के समीप कनखल ऐरिया कैनाल फ्रन्ट डेवलपमेन्ट योजना जिसके अन्तर्गत नक्षत्र वाटिका के पास पार्किंग ऐरिया, लैण्ड स्कैपिंग, पैदल स्थाई पुल चौड़ाई 7.0 मी0 (01 पुल दक्ष मन्दिर को जोडने हेतु एवं 01 पुल बैरागी क्षेत्र से सतीघाट को जोड़ने हेतु) कार्य का निरीक्षण, शमशान घाट कनखल के सामने 01 नग अतिरिक्त स्थाई सेतु के निर्माण कार्य का निरीक्षण,आनन्दमयी पुलिया से जान्ह्वी डेल होटल तक सिल्टइजैक्टर के ऊपर सड़क निर्माण की योजना कार्य का निरीक्षण,आनन्दमयी पुलिया से झंडा चौक कनखल है होते दक्ष मन्दिर मार्ग का निरीक्षण एवं झंडा चौक कनखल के चौड़ीकरण कार्य का निरीक्षण,भीमगोड़ा स्थित खड़खड़ी शमशान घाट को चमगाद्ध टापू से जोड़ने हेतु स्थाई सेतु निर्माण कार्य का निरीक्षण एवं हरकी पैड़ी क्षेत्र का निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव ने मेलाधिकारी, जिलाधिकारी एवं संबंधित कार्यदाई संस्थाओ के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता है कि 2027 का कुंभ दिव्य एवं भव्य ढंग से आयोजित किया जाए। इसमें जिस स्तर से जो भी स्थाई एवं अस्थाई निर्माण कार्य एवं घाटों का विस्तारीकरण आदि कार्य किए जाने है, उन कार्यों को दिसंबर 2026 तक पूर्ण कर लिए जाए तथा श्रद्धालुओं की सुरक्षा की दृष्टिगत जिन घाटों पर रेलिंग लगाई जानी है उन घाटों पर प्राथमिकता से रेलिंग का कार्य किया जाए। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए है कि जो कार्य किए जाने है उन कार्य को तत्परता एवं समयबद्धता के साथ पूर्ण किए जाएं।

जनपद आगमन पर मेलाधिकारी सोनिका, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने पुष्प गुच्छ भेंट कर मुख्य सचिव का स्वागत किया। मेलाधिकारी सोनिका एवं जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने मुख्य सचिव को आश्वस्त किया है कि उनके द्वारा जो भी दिशा निर्देश दिए गए उनका संबंधित अधिकारियों से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।

निरीक्षण के दौरान प्रमुख अभियंता सिंचाई सुभाष चंद पांडे, मुख्य अभियंता सिंचाई चंद्र शेखर सिंह, डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध, अपर मेलाधिकारी दयानंद सरस्वती, सचिव एचआरडीए मनीष सिंह, उप जिलाधिकारी जितेंद्र कुमार, एसपी क्राइम जितेंद्र मेहरा, एसपी सिटी पंकज गैरोला, सिटी मजिस्ट्रेट कुसुम चौहान, अधीक्षण अभियंता लोनिवि डीके सिंह, अभियंता सिंचाई ओमजी गुप्ता, अधिशासी अभियंता लोनिवि दीपक कुमार सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
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मेला के सफल आयोजन को विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों से लिये गए सुझाव

2027 कुंभ मेले को सुव्यवस्थित एवं दिव्य व भव्य ढंग से आयोजित करने के उद्देश्य से मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में सीसीआर सभागार में जनप्रतिनिधियों,स्टेक होल्डर,श्री गंगा सभा,व्यापार मंडल, प्रेस क्लब एवं विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी के साथ महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जिसमें सभी सुझाव लिए गए।

बैठक में मुख्य सचिव ने सभी जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न संस्थाओं से आए पदाधिकारियों का स्वागत किया, उन्होंने कहा कि कुंभ मेला का सफल संचालन एवं भव्यता के साथ आयोजित किए जाने के लिए सभी का सहयोग बहुत जरूरी है ताकि सभी सुविधाओं एवं व्यवस्थाओं को ठीक किया जा सके।

उन्होंने कहा कि कुंभ मेले के सफल आयोजन के लिए सभी का सहयोग हर कुंभ मेले में उपलब्ध हो रहा है तथ्य आगामी कुंभ मेले को भी सुगम एवं सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए सभी का सहयोग आवश्यक है जिससे कि सभी के सहयोग से कुंभ मेले को दिव्य एवं भव्य ढंग से आयोजित किया जा सके।

उन्होंने सभी पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त किया है कि उनके द्वारा जो भी सुझाव दिए गए हैं तथा जो भी व्यवस्थाएं कराई जानी है उसके लिए मेला अधिकारी एवं जिला अधिकारी द्वारा बैठक में आए सभी सुझावों को शामिल किया जाएगा तथा उन पर जो भी कार्यवाही की जानी है वह कार्यवाही संबंधित विभाग द्वारा तत्परता से कराई जाएगी।

बैठक के दौरान महापौर किरण जैसल, मेलाधिकारी सोनिका, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोभाल, उपाध्यक्ष एचआरडीए अंशुल सिंह, जिलाध्यक्ष भाजपा आशुतोष शर्मा, श्रीगंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध, मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरके सिंह, एसपी क्राइम जितेंद्र मेहरा, एसपी सिटी पंकज गैरोला, अपर मेलाधिकारी दयानंद सरस्वती, सचिव एचआरडीए मनीष सिंह, उपजिलाधिकारी जितेंद्र कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट कुसुम चौहान, सेक्रेटरी होटल एसोसिशन अमित चौहान, अध्यक्ष धर्मशाला समिति महेश गौड़, अध्यक्ष प्रेस क्लब हरिद्वार धर्मेंद्र चौधरी, महामंत्री दीपक मिश्रा, प्रदेश उपाध्यक्ष राज्य व्यापार मंडल तेज प्रकाश साहू, जिला महामंत्री प्रदेश व्यापार मंडल संजय त्रिवाल, जिलाध्यक्ष महानगर व्यापार मंडल सुनील सेठी सहित अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी भी मौजूद थे।

अर्द्धकुंभ की तैयारियों के लिए लगभग 54 करोड़ रुपये का अनुमानित बजटः डा. आर राजेश कुमार

उत्तराखंड सरकार ने 2027 के अर्द्धकुंभ मेले को दिव्य और भव्य बनाने की तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग ने तीर्थयात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली है। विभाग ने अनुमानित 54 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया है। इस बजट में स्थायी व अस्थायी दोनों प्रकृति के कार्य शामिल हैं।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि हमारा प्रयास है कि मेले में आने वाले किसी भी श्रद्धालु को चिकित्सा सुविधा में कोई कमी महसूस न हो। इसके लिए 2924 बेड, 40 एम्बुलेंस, नए अस्पताल भवन और आधुनिक मशीनों तक की योजना बनाई गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि वर्ष 2027 का अर्द्धकुंभ ‘दिव्य और भव्य’ स्वरूप में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुंभ केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति, परंपरा और समृद्धि की झलक भी होता है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार तीर्थयात्रियों को सर्वाेत्तम सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। शासन-प्रशासन की सभी एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं, ताकि कोई भी श्रद्धालु स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित न रहे। धामी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता है कि अर्द्धकुंभ में आने वाला हर तीर्थयात्री सुरक्षित, स्वस्थ और संतुष्ट अनुभव लेकर लौटे।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि कुंभ की तैयारी के तहत स्वास्थ्य विभाग स्थायी और अस्थायी प्रकृति के कार्य कराएगा। इन कार्यों पर अनुमानित 54 करोड़ रुपये खर्च आने की संभावना है। इसमें से 683 लाख रुपये स्थायी कार्यों पर और 3765 लाख रुपये अस्थायी कार्यों पर खर्च होंगे।

2924 बेड की होगी व्यवस्था
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि कुंभ के दौरान 35 अस्थायी अस्पतालों में 373 बेड की सुविधा होगी। कुम्भ क्षेत्र के 13 सरकारी अस्पतालों में 1101 बेड तीर्थयात्रियों के लिए आरक्षित होंगे जबकि विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों में 1450 बेड की व्यवस्था की जाएगी।

40 एम्बुलेंस रहेंगी तैनात,
कुंभ मेले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को और मज़बूत बनाने के लिए विभाग एम्बुलेंस और फूड सेफ्टी सेवाओं का दायरा भी बढ़ा रहा है। कुल 40 एम्बुलेंस की व्यवस्था में से 16 एम्बुलेंस विभाग के पास पहले से मौजूद हैं, जबकि 24 नई एम्बुलेंस खरीदी जाएंगी। इनमें एडवांस लाइफ सपोर्ट और बेसिक लाइफ सपोर्ट दोनों तरह की एम्बुलेंस शामिल होंगी।

विभाग तीन नई फूड सेफ्टी वैन भी खरीदेगा
इतना ही नहीं, श्रद्धालुओं के खानपान की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विभाग तीन नई फूड सेफ्टी वैन भी खरीदेगा। इन वैन की मदद से मेला क्षेत्र में बिकने वाले खाने-पीने की वस्तुओं की गुणवत्ता की नियमित जांच की जाएगी, ताकि किसी भी तीर्थयात्री के स्वास्थ्य से समझौता न हो।

रोशनाबाद में बनेगा ड्रग वायर हाउस
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने जानकारी दी कि कुम्भ के दौरान स्वास्थ्य विभाग हरिद्वार में स्थायी प्रकृति के कार्य भी करेगा। इनमें 54 लाख की लागत से चार वाहन खरीदे जाएंगे। इसके अलावा रोशनाबाद में सीएमओ ऑफिस के निकट 120 लाख की लागत से ड्रग वायर हाउस बनाया जाएगा। रोशनाबाद में ही स्वास्थ्य विभाग का ड्रग वायर हाउस निर्मित किया जाएगा। इसमें 6 कमरे, दो हॉल और एक स्टोर होगा। इस पर 80 लाख रुपये की लागत आने की संभावना है। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि मेले के दौरान विभाग को 60 वाहन चाहिए। इनमें से चार वाहनों को विभाग खरीदेगा जबकि अन्य वाहन किराए पर लिए जाएंगे।

संक्रामक रोगों पर नियंत्रण के लिए योजना
स्वास्थ्य सचिव डा आर राजेश कुमार ने बताया कि मेले के दौरान बड़ी संख्या में तीर्थयात्री हरिद्वार आएंगे। ऐसे मे संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए भी विभाग ने व्यापक योजना तैयार की है। इसके तहत मेला क्षेत्र में छिड़काव के लिए 25 लाख की लागत से पांच माउंटेबल फागिंग मशीनें खरीदी जाएगी। इसके अलावा 35 पोर्टेबल फागिंग मशीनें खरीदी जाएंगी। जिस पर 18 लाख की लागत आने की संभावना है।

भूपतवाला अस्पताल का होगा कायाकल्प
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार के मुताबिक भूपतवाला अस्पताल में 15 लाख की लागत से डॉप्लर सुविधायुक्त अल्ट्रासाउंड मशीन भूपतवाला खरीदी जाएगी। इसके अलावा इस अस्पताल में 18 लाख की लागत से एक्सरे सीआर मशीन की सुविधा भी मुहैया होगी।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि कुंभ मेले की स्वास्थ्य तैयारियां समन्वित रूप से की जा रही हैं। इसके लिए कुंभ मेला अधिकारी डॉ. मनोज वर्मा के नेतृत्व में पूरी टीम लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के साथ बेहतर तालमेल स्थापित कर स्वास्थ्य सुविधाओं को व्यवस्थित और सुदृढ़ बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। डॉ. राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि विभाग का प्रयास है कि मेले में आने वाले किसी भी श्रद्धालु को इलाज के लिए परेशान न होना पड़े।

कुंभ मेला सकुशल सम्पन्न कराने के लिए सरकारी भूमि, सड़कों पर से अतिक्रमण हटाएंः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि हरिद्वार में कुम्भ मेला 2027 के भव्य आयोजन की सभी तैयारियां समय रहते हुए स्थायी प्रकृति के कार्य अक्टूबर 2026 तक पूर्ण किये जाएं। कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर वर्गीकृत कर उन्हें पूर्ण किये जाए। सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्यों को आगे बढ़ायें।

आज सचिवालय में हरिद्वार कुंभ 2027 की तैयारी के क्रम में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भव्य और दिव्य कुंभ का आयोजन कराना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मेला संबंधित सभी कार्य विस्तारित क्षेत्र और मास्टर प्लान को ध्यान में रख कर किए जाएं। मास्टर प्लान में सभी सेक्टर, मार्ग, पार्किंग, घाट, कैम्प स्थलों को स्पष्ट तौर पर चिन्हित किया जाए, ताकि इसके अनुसार आवश्यक भूमि का अधिग्रहण करने के साथ ही संबंधित भूमि का अस्थायी उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। साथ ही भीड़ का दबाव कम करने के लिए नए घाटों का निर्माण, कांगड़ा घाट का विस्तार और मौजूदा घाटों की मरम्मत भी समय से पूरी कर ली जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेला सकुशल सम्पन्न कराने के लिए सरकारी भूमि, सड़कों पर से अतिक्रमण सख्ती के साथ हटाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूआईआईडीबी द्वारा हरिद्वार गंगा कॉरिडोर में जो भी कार्य किए जा रहे हैं, उन्हें कुंभ को देखते हुए प्राथमिकता पर पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माणाधीन बहादराबाद – श्यामपुर बाईपास को जल्द पूरा किया जाए, ताकि इसका अधिकतम लाभ कुंभ के दौरान मिल सके। इसी तरह श्यामपुर, गैंडीखाता एवं चण्डीघाट क्षेत्र में विशेष टेंट लगाने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाए। इसी तरह कुंभ क्षेत्र में यातायात एवं पार्किंग व्यवस्था सुदृढ़ की जाए। श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु ट्रैफिक डायवर्जन योजना, पार्किंग स्थल की व्यवस्था की जाए। पार्किंग दूर होने पर शटल सेवा की व्यवस्था पर विचार किया जाए। कुंभ क्षेत्र में आंतरिक मार्गों को भी समय से ठीक किया जाए, इसका लाभ स्थानीय निवासियों को भी मिलेगा। मंसा देवी, चंड़ी देवी पैदल मार्ग के सुदृढीकरण का कार्य समय से पूरा कर लिया जाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ठोस कचरा अपशिष्ट के लिए जीरो वेस्ट कॉन्सेप्ट अपनाया जाए, कुंभ क्षेत्र में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, डस्टबिन, रीसाइक्लिंग सिस्टम और मोबाइल टॉयलेट की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। महिला श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पिंक टायलेट और चेंजिंग रूम की भी पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। घाटों और गंगा तटों पर 24 घंटे सफाई व्यवस्था की जाए। हरकी पैड़ी में श्रद्धालुओं के लिए आरती और बैठने की समुचित व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा से संबंधित सभी इंतजाम समय से पूरी कर ली जाएं। भीड़ प्रबंधन, यातायात नियंत्रण और पार्किंग व्यवस्था के साथ ही पार्किंग स्थलों पर सभी मूलभूत सुविधाएं दी जाए जाएं। श्रद़धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रत्येक घाट पर लाइफगार्ड, सुरक्षा रस्सी और मोटर बोट की उपलब्धता हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि श्रद्धालु उत्तराखंड से अच्छे अनुभव लेकर जाएं, इसके लिए यात्रियों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाए। इसके लिए कार्मिकों को अभी से प्रशिक्षण दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेला क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं सुदृढ़ रखी जाएं। मेला क्षेत्र में अस्थायी अस्पताल, एम्बुलेंस व मोबाइल चिकित्सा दल की व्यवस्था की जाए। मेला प्रबंधन में आईटी व डिजिटल सेवाओं का अधिकतम उपयोग किया जाए। श्रद्धालुओं को रियल-टाइम सूचना देने के लिए मोबाइल ऐप, हेल्पलाइन और सूचना केंद्र स्थापित किए जाएं। उन्होंने मुख्य सचिव को कुंभ मेला तैयारी की समीक्षा 15 दिन में करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में विधायक मदन कौशिक, प्रेमचंद अग्रवाल, आदेश चौहान, रेनू बिष्ट, रवि बहादुर, अनुपमा रावत, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, डीजीपी दीपक सेठ, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, एल फेनई, आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, नितेश झा, डॉ पंकज पांडेय, डॉ आर राजेश कुमार, धीराज सिंह गर्ब्याल, युगल किशोर पंत, मेलाधिकारी सोनिका और वर्चुअल माध्यम से गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप एवं संबंधित जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक शामिल हुए।

भारी बारिश के बीच ट्रैक्टर से लक्सर पहुंचे सीएम, आपदा प्रभावितों से मिले

राज्य में जारी भारी बारिश और प्राकृतिक आपदा के चलते उत्पन्न संकट की स्थिति के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज सबसे पहले हरिद्वार जिले के लक्सर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुँचे। कठिन परिस्थितियों को दरकिनार करते हुए मुख्यमंत्री ने ट्रैक्टर के माध्यम से ग्रामीण और जलमग्न क्षेत्रों तक पहुँच कर स्थलीय निरीक्षण किया और प्रभावित परिवारों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याएं जानीं।

मुख्यमंत्री धामी ने मौके पर उपस्थित जिला प्रशासन एवं आपदा प्रबंधन अधिकारियों को तत्काल राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों की सुरक्षा, आवास, भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं की सुनिश्चित व्यवस्था की जाए और राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य सरकार इस संकट की घड़ी में हर प्रभावित नागरिक के साथ खड़ी है। हम हर संभव सहायता उपलब्ध कराएँगे और बचाव कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। आपदा से प्रभावित प्रत्येक परिवार को सरकार की ओर से यथासंभव सहायता प्रदान की जाएगी।“

मुख्यमंत्री द्वारा किए गए स्थलीय निरीक्षण के दौरान उन्होंने लक्सर हरिद्वार के गावों में जाकर जलभराव, क्षतिग्रस्त सड़कें, टूटे हुए पुल एवं जल से घिरे घरों का जायज़ा लिया। इस दौरान उन्होंने आपदा प्रभावित परिवारों से बातचीत करते हुए उनकी ज़रूरतों की जानकारी ली और आश्वस्त किया कि राहत कार्यों में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत शिविरों की पर्याप्त व्यवस्था और उनमें समुचित भोजन, पानी, दवाइयाँ एवं साफ-सफाई की व्यवस्था हो। जिन परिवारों को स्थानांतरित करने की आवश्यकता है, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाए। किसानों को हुई फसल क्षति का त्वरित आंकलन कर मुआवजा प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए। आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य शिविर लगाकर चिकित्सा सुविधाएं दी जाएं।

मुख्यमंत्री धामी के इस दौरे से स्थानीय जनता में एक सकारात्मक संदेश गया है और लोगों ने संकट की इस घड़ी में सरकार द्वारा दिखाई जा रही तत्परता और संवेदनशीलता की सराहना की। इस अवसर पर विधायक प्रदीप बत्रा, जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार, अन्य जिला प्रशासन के अधिकारी व स्थानीय लोग मौजूद रहे।

सरकार और विधानसभा क्षेत्र के बीच सेतु की भूमिका में कार्य करें नोडल अधिकारीः सीएम

विधानसभा क्षेत्रों की विभिन्न जन समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारी विधायकगणों से निरंतर संवाद करें। विधायकगणों द्वारा दिए गए शीर्ष प्राथमिकताओं के कार्यों में तेजी लाई जाए। यदि किसी कार्य में कोई समस्या आ रही है, तो संबंधित क्षेत्र के विधायकगणों से सचिव एवं विभागाध्यक्ष वार्ता कर समस्या का समाधान करें। राज्य की सभी 70 विधानसभाओं के अंतर्गत की गई घोषणाओं और अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए शासन-प्रशासन और विधानसभा क्षेत्र के बीच सेतु की भूमिका में कार्य करने के लिए नोडल अधिकारी के रूप में अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी जल्द दी जाए। हर विधानसभा में अपनी सांस्कृतिक परंपराओं और विरासत को उजागर करते हुए कुछ नवाचार किए जाएं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभाओं की मुख्यमंत्री घोषणाओं और अन्य कार्यों की समीक्षा के दौरान ये निर्देश अधिकारियों को दिए।

बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि हरिद्वार में जल भराव की समस्या के स्थायी समाधान के लिए विस्तृत योजना बनाई जाए। इसका सर्वे जल्द पूरा कर प्रस्ताव बनाया जाए। ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में स्थायी पानी की व्यवस्था के लिए एक माह में डीपीआर तैयार की जाए। संजय झील को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की कार्यवाही में तेजी लाई जाए। कांवड़ यात्रा के दौरान लोगों को आवागमन और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए परेशानी न हो, इसके लिए वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था के लिए सुनियोजित प्लान पर कार्य किया जाए। शहरी क्षेत्रों में ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत बनाया जाए। पार्कों के निर्माण और सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून के बाद निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए। बरसात के बाद सड़कों को गड्ढा मुक्त कराने के लिए अभियान चलाया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि एम्स ऋषिकेश और किच्छा में बनने वाले एम्स के सेटेलाइट सेंटर के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। हर जिले में दो-दो गांव आदर्श गांव के रूप में विकसित किए जाएं।

बैठक के दौरान विधायकगणों द्वारा जलभराव की समस्या, पार्किंग और सौंदर्यीकरण के कार्यों, ड्रेनेज व सीवरेज की समस्या, नालों के निर्माण कार्य, यातायात प्रबंधन एवं अन्य समस्याएं रखी गईं। मुख्यमंत्री ने विधायकगणों द्वारा रखी गई समस्याओं के शीघ्र निस्तारण के निर्देश अधिकारियों को दिए।

बैठक में विधायक विनोद चमोली, प्रेमचंद अग्रवाल, मदन कौशिक, बृज भूषण गैरोला, प्रदीप बत्रा, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एल.एल. फैनई, डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिवगण, अपर सचिव गण, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं वर्चुअल माध्यम से संबंधित जिलाधिकारी उपस्थित थे।

एम्स और हरिद्वार अस्पताल पहुंचकर सीएम ने जाना घायलों का हाल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार के जिला चिकित्सालय एवं एम्स ऋषिकेश पहुंचकर मनसा देवी मंदिर मार्ग पर हुए हादसे में घायल श्रद्धालुओं का हालचाल जाना।

मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों से घायलों की स्वास्थ्य स्थिति की विस्तृत जानकारी प्राप्त की और उनके समुचित उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को भी आवश्यक सुविधाएं तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने सभी घायल श्रद्धालुओं के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस दुःखद घटना से प्रभावित प्रत्येक व्यक्ति और शोकाकुल परिजनों के साथ साथ खड़ी है। उन्होंने आश्वस्त किया कि घायलों के इलाज एवं परिजनों को हरसंभव सहायता प्रदान करने में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक मदन कौशिक, विधायक आदेश चौहान, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।