ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण पहुंचे मुख्यमंत्री, मनाया स्थापना दिवस

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा परिसर भराडीसैंण में शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन किया और विधानसभा परिसर गैरसैंण (भराड़ीसैंण) से पूरे प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर स्वास्थ्य, शिक्षा एवं जनपद के प्रभारी मंत्री धन सिंह रावत भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई जी द्वारा बनाए गए इस युवा उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए पूरी निष्ठा के साथ हमें निरंतर प्रयास करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड का चहुंमुखी विकास हो रहा है और हम भारत का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनने की ओर अग्रसर हैं। हमारा प्रदेश आज 23 वर्ष का हो गया है। इस 23वें साल में उत्तराखण्ड ने देश के सबसे सख्त नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण कानून को लागू होते हुए देखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने मातृशक्ति के हित में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया है। समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट लगभग तैयार हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये केदारखंड के साथ मानसखंड का भी विकास किया जा रहा है। भ्रष्टाचारियों पर कड़ा प्रहार किया जा रहा है। स्वरोजगार योजनाओं के माध्यम से नारीशक्ति को सशक्त किया जा रहा है। शिक्षा एवं खेल नीति के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाया जा रहा है। उत्तराखण्ड में चारधाम, कैंचीधाम एवं कांवड़ यात्रा के माध्यम से नए रिकॉर्ड बन रहे है। प्रदेश में रोड, रेल, रोपवे निर्माण के क्षेत्र सहित बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध परियोजना को वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। देवभूमि के मूल स्वरूप को बनाए रखने हेतु लैंड जिहाद एवं लव जिहाद को रोकने के लिए सख्ती से काम किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड को देश-विदेश के निवेशकों की पहली पसंद बन रहा है। उत्तराखण्ड की प्रगति एवं विकास हमारा एकमात्र लक्ष्य है, इस ध्येय की प्राप्ति के लिए हम पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ काम में जुटे हैं। उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का हमारा संकल्प है। सभी के सहयोग से हम इस संकल्प को पूर्ण करने में अवश्य सफल होंगे।
राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने भराडीसैंण क्षेत्र के विकास के लिये कई घोषणायें भी की। जिसमें कारगिल शहीद स्व0 रणजीत सिंह आगरचटटी झिंगोड मोटर मार्ग का डामरीकरण, भराडीसैण थारकोट मोटर मार्ग का डामरीकरण, रिखोली डिग्री कालेज मोटर मार्ग का निर्माण के साथ ही मेहलचौरी मेला, कृषि उद्यान एवं पर्यटन विकास मेला गैरसैंण, पर्यावरण संबंर्द्धन पर्यटन विकास मेला नन्दासैण को 2-2 लाख देने की घोषणा शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गैरसेंण-बुंगीधार मोटर मार्ग डबल लेन करने हेतु भी जल्द इसका आंकलन कराके स्वीकृति प्रदान की जाएगी।
प्रदेश के स्वास्थ्य, शिक्षा एवं जनपद के प्रभारी मंत्री डा. धन सिंह रावत ने प्रदेश वासियों को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य आज स्वास्थ्य, शिक्षा सहित सभी क्षेत्रों में विकास की ओर निरंतर अग्रसर है। वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री और टीवी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल ने कहा की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में हमारा प्रदेश निरतंर विकास की ओर अग्रसर है। उन्होंने जिले में विकास कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए सीएम का आभार व्यक्त करते विधानसभा क्षेत्र से सात सूत्री मांग भी मुख्यमंत्री के सम्मुख रखी।
राज्य स्थापना दिवस पर पुलिस एवं एनसीसी जवानों ने विधानसभा परिसर में भव्य सेरेमोनियल परेड का आयोजन किया गया। स्कूली छात्र-छात्राओं एवं सांस्कृतिक दलों ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने भराडीसैंण में विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों का निरीक्षण भी किया।
इस अवसर पर थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, जिलाध्यक्ष रमेश मैखुरी, राज्य मंत्री रमेश गडिया, ब्लाक प्रमुख शशि सौर्याल, पुलिस महानिरीक्षक के.एस नगन्याल, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक रेखा यादव, सीडीओ डा.ललित नारायण मिश्र, एसडीएम संतोष कुमार सहित अन्य वरिष्ठ जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, स्थानीय जनता, स्कूली बच्चे आदि मौजूद रहे।

केदारखण्ड से मानसखण्ड झांकी का स्थापना दिवस पर किया गया प्रदर्शन

राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु सहित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण मौजूद रहे। विभागों द्वारा प्रदर्शित झांकियों के माध्यम से राज्य के समग्र विकास एवं नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य, जैवविविधता, धार्मिक, अध्यात्म के साथ साहसिक पर्यटन गतिविधियों की जानकारी उपलब्ध कराई गई।
इस अवसर पर सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग द्वारा प्रदर्शित ‘‘केदारखण्ड से मानसखण्ड’’ झांकी के माध्यम से राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, जैव विविधता, हिमाच्छादित उच्च पर्वत श्रृंखलाओं की समग्रता से परिचित कराने का प्रयास किया गया।
महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन के उपरान्त मानसखण्ड पर आधारित झांकी इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदर्शित की गई जिसे प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। श्री केदारनाथ व श्री बदरीनाथ की तर्ज पर कुमाऊ के पौराणिक मंदिरों के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मानसखण्ड मंदिर माला मिशन योजना पर काम किया जा रहा है। जिसमें इन प्रमुख मंदिरों का विकास होना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के विजन के अनुसार पहले चरण में जागेश्वर महादेव के साथ करीब 2 दर्जन से अधिक मंदिरों को इसमें शामिल किया गया है।
महानिदेशक सूचना ने कहा कि सदियों से उत्तराखण्ड की देश-दुनिया में देवभूमि के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान रही है। गढ़वाल क्षेत्र के बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री यमुनोत्री के साथ अन्य मंदिरों का वर्णन जहां केदारखण्ड में वर्णित है वहीं मानसखण्ड के अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र के जागेश्वर बागेश्वर सहित अन्य मंदिर समूह राज्य को देवभूमि बनाते है। इसके साथ ही हिमालय की चोटियों में स्थित ऊं पर्वत आदि कैलाश पार्वती कुण्ड इसकी दिव्यता को विशिष्ट पहचान दिलाते है। इसके अतिरिक्त कॉर्बेट नेशनल पार्क, राजाजी नेशनल पार्क सहित अन्य अभयारण्य समृद्ध जैव विविधता से भी परिचित कराते है। इन विषयों को झांकी में शामिल किये जाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विश्व प्रसिद्ध चारधाम की तर्ज पर कुमाऊं में मानसखण्ड मंदिर माला परियोजना प्रारंभ की गयी है। इसके तहत जागेश्वर धाम का मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इस परियोजना के तहत कुँमाऊ मण्डल के महत्वपूर्ण पौराणिक/ऐतिहासिक स्थलों को सर्किट से परस्पर जोड़कर लोकप्रियता प्रदान की जायेगी ताकि देश-विदेश से तीर्थयात्री/पर्यटकों को यहाँ आने हेतु आकर्षित किया जा सके और उनकी यात्रा सुगम बनायी जा सके।
विभाग द्वारा प्रस्तुत झांकी ‘‘केदारखण्ड से मानसखण्ड’’ की परिकल्पना एवं प्रस्तुतीकरण संयुक्त निदेशक कलम सिंह चौहान के नेतृत्व में किया गया। प्रस्तुत की गई झांकी को काफी सराहना भी मिली।

राज्य में महिला नीति को शीघ्र लागू किया जाएगा-सीएम

उत्तराखण्ड के राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने समस्त उत्तराखंडवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। अपने सम्बोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि राज्य गठन के बाद नई पहचान के साथ उत्तराखंड के परिश्रमी लोगों ने राज्य के लिए विकास और प्रगति के नित-नूतन शिखरों पर अपने कदम जमाए हैं। भगवान शिव और भगवान विष्णु के आशीर्वाद-स्वरूप देवालयों से पवित्र उत्तराखंड को ‘देव-भूमि’ कहने की परंपरा वंदनीय है। पर्वतराज हिमालय की पुत्री देवी पार्वती एवं शक्ति के अन्य पूजनीय स्वरूपों से ऊर्जा प्राप्त करने वाली तथा गंगा-यमुना जैसी नदी-माताओं के स्नेह से सिंचित यह पावन धरती ‘देवी-भूमि’ भी है। यह क्षेत्र ‘जय महा-काली’ और ‘जय बदरी-विशाल’ के पवित्र उद्घोष से गुंजायमान रहता है। हेमकुन्ट साहिब और नानक-मत्ता से निकले गुरबानी के स्वर यहां के वातावरण को पावन बनाते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले वर्ष दिसंबर के महीने में मुझे उत्तराखंड की यात्रा करने का सु-अवसर मिला था। उत्तराखंड में आने का प्रत्येक अवसर तीर्थ-यात्रा का पुण्य प्राप्त करने की तरह होता है। उत्तराखंड की इस देव-भूमि से मैं सभी देशवासियों के लिए दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएं व्यक्त करती हूं और महा-लक्ष्मी से यह प्रार्थना करती हूं कि उत्तराखंड सहित समस्त भारत को वे धन-धान्य तथा सुख और आरोग्य से परिपूर्ण करें।
राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड की अलग पहचान और स्थापना के लिए संघर्ष करने वाली स्वर्गीय सुशीला बलूनी को इस राज्य के सभी निवासी तो याद रखेंगे ही, नारी में संघर्ष की शक्ति के उदाहरण के रूप में उन्हें सभी देशवासी सदैव स्मरण करेंगे। सुशीला बलूनी का अदम्य साहस यहां की महिलाओं की गौरवशाली परंपरा के अनुरूप था। बिशनी देवी शाह ने स्वाधीनता संग्राम के दौरान अपने असाधारण साहस का परिचय दिया था। माउण्ट एवरेस्ट पर हमारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाली प्रथम महिला बछेन्द्री पाल और पेड़ों को बचाने के लिए युद्ध-स्तर पर संघर्ष करने वाली गौरा देवी जैसी उत्तराखंड की महिलाओं ने पूरे देश के लिए आदर्श प्रस्तुत किए हैं। हाल ही में उत्तराखंड की बेटी वंदना कटारिया ने एशियन गेम्स में शानदार प्रदर्शन किया है। ऐसी महिलाओं ने उत्तराखंड की संस्कृति को मजबूत बनाया है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 को अनुमति प्रदान करते समय मुझे विशेष प्रसन्नता हुई थी क्योंकि वह अधिनियम उत्तराखंड सहित हमारे देश की बहनों और बेटियों के लिए राष्ट्र-निर्माण में उच्च-स्तरीय योगदान देने हेतु मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की यह भूमि वीर-प्रसवा रही है। स्वाधीनता के बाद के सभी युद्धों में उत्तराखंड के वीरों ने सर्वाेच्च बलिदान दिया है। मैं उन सभी वीरों को और वीर-भूमि उत्तराखंड को नमन करती हूं। भारतीय सेना में शामिल होकर भारत-माता की रक्षा करने में यहां के युवा गर्व की अनुभूति करते हैं। राष्ट्र की रक्षा के प्रति उत्साह का यह भाव सभी देशवासियों के लिए अनुकरणीय है। हमारी थल सेना के दो रेजीमेण्टस कुमाऊं रेजीमेण्ट एवं गढ़वाल रेजीमेण्ट का नाम उत्तराखंड के क्षेत्रों के आधार पर रखा गया है। यह उत्तराखंड की शौर्य परंपरा को रेखांकित करता है। भारत के प्रथम चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ बिपिन रावत जी इसी धरती के सपूत थे। हमारे वर्तमान चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ जनरल अनिल चौहान जी उत्तराखंड के ही निवासी हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड की फिजिकल एवं डिजिटल कनेक्टिविटी निरंतर बढ़ाई जा रही है। भारत की अध्यक्षता में हुए जी 20 से जुड़ी गतिविधियों के क्रम में जी 20 के इन्फ्रस्ट्राक्चर की एक बैठक ऋषिकेश में सम्पन्न हुई थी। उस बैठक में विश्व-स्तरीय इन्फ्रस्ट्राक्चर के निर्माण से जुड़ी सार्थक चर्चाएं हुईं। उत्तराखंड में इन्फ्रस्ट्राक्चर डेवपलपमेंट तेज गति से हो रहा है। साथ ही, आपदा प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उत्तराखंड में हो रही बहु-आयामी प्रगति से निवेशकों में उत्साह बढ़ रहा है। मुझे बताया गया है कि दिसंबर में देहरादून में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जाएगा। इस जानकारी से मुझे प्रसन्नता हुई है कि पिछले सप्ताह तक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारी के लिए आयोजित रोड शॉ में 81,500 करोड़ रुपए से अधिक के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जा चुके थे और इस राशि में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। निवेशकों में उत्तराखंड के प्रति बढ़ते उत्साह को कार्यरूप देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों से उत्तराखंड के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि उत्तराखंड के विकास में ईकॉलॉजी एवं ईकॉनॉमी दोनों पर ज़ोर दिया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा ग्रॉस इन्वायरमेंट प्रॉडक्ट यानी जीईपी का आकलन करने की पहल सराहनीय है। प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण इस राज्य में स्टेट जीडीपी के साथ साथ स्टेट जीईपी पर ध्यान देने से सतत विकास को बल मिलेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि मैं उत्तराखंड के निरंतर विकास के लिए राज्य के सभी निवासियों को शुभकामनाएं देती हूं। राज्य के विकास को राज्यपाल के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री के सक्रिय नेतृत्व से दिशा और शक्ति प्राप्त हो रही है। इसके लिए उन्होंने दोनों की तथा राज्य सरकार की पूरी टीम की सराहना की। राष्ट्रपति ने कहा कि मेरा विश्वास है कि देवी-देवताओं के विशेष आशीर्वाद से समृद्ध इस पावन भूमि के निवासी-गण सुख, समृद्धि और विकास की नई ऊंचाइयों तक अवश्य पहुंचेंगे।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने राज्य स्थापना दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए अमर शहीदों और वीर आंदोलनकारियों को नमन किया। उन्होंने राष्ट्रपति का हार्दिक आभार और अभिनंदन करते हुए कहा कि उनकी गरिमामयी उपस्थिति से पूरा उत्तराखंड उल्लासित हुआ है। उन्होंने राज्य गौरव सम्मान से सम्मानित होने वाले महानुभावों को भी बधाई दी।
राज्यपाल ने कहा कि हम डिजिटल क्रांति के युग में आगे बढ़ रहें हैं। साइबर सिक्योरिटी हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है इस दिशा में नई से नई टेक्नोलॉजी को सुरक्षा उपायों में शामिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे है। सरकार पारदर्शी और प्रोएक्टिव पुलिसिंग को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। महिला सुरक्षा, बालिका सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए अपराधों पर नियंत्रण राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखण्ड विकास के कई पैमानों पर देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड की इस पवित्र धरती पर देश-विदेश के कोने-कोने से लोग यात्रा करने आते हैं। आदि कैलाश और जागेश्वर धाम में प्रधानमंत्री के भ्रमण से मानसखण्ड क्षेत्र को देश और दुनिया में एक नई पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि सीमांत गांव हमारे देश के पहले गांव बन गये हैं इनका इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड की महिलाएँ परिश्रमी एवं सशक्त हैं तथा सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था की रीढ़ हैं। प्रदेश में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड आर्थिक प्रगति की दिशा में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। उत्तराखण्ड राज्य की विकास दर और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि विकास का समान लाभ गरीबों वंचितों किसानों और उत्तराखण्ड के दूर-दराज के क्षेत्रों में रह रही माताओं, बहनों, युवाओं, किसानों, व्यापारियों तक पहुंचे।
प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड राज्य निर्माण में अपना योगदान देने वाले सभी अमर शहीदों एवं राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने भारत माता की रक्षा के लिए अपना सर्वाेच्च बलिदान देने वाले उत्तराखंड के वीर जवानों को भी उत्तराखंड की समस्त जनता की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही उन्होंने
पुलिस के उन शहीद जवानों व अधिकारियों का भी स्मरण किया जिन्होंने प्रदेश एवं समाज में शांति स्थापित करने के लिए अपना सर्वाेच्च बलिदान दिया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि इस पावन अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न परम श्रद्धेय स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का भी स्मरण करना आवश्यक है जिनके प्रधानमंत्रित्व काल में उत्तराखंड राज्य का स्वप्न साकार हुआ था। यह हमारा कर्तव्य है कि स्वर्गीय अटल जी द्वारा पुष्पित और पल्लवित इस युवा उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए पूरी निष्ठा के साथ निरंतर प्रयासरत रहें।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आदरणीय राष्ट्रपति का अत्यंत कठिन जीवन संघर्ष, आपका अदम्य साहस और प्रेरणास्पद राजनीतिक यात्रा प्रत्येक भारतीय को प्रेरित करती है। राष्ट्रपति की जीवन यात्रा हम सबके लिए इसलिए भी प्रेरणादाई है, क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में आई समस्त कठिनाइयों को अपनी शक्ति बनाकर जीवन समर में विजय प्राप्त की। राष्ट्रपति भारतवर्ष के समस्त नागरिकों विशेष रूप से गरीबों, शोषितों और वंचितों के लिए आशा की किरण हैं, वे सच्चे अर्थों में महिला सशक्तिकरण का जीता जागता प्रतीक हैं। राष्ट्रपति सदैव ’’सादा जीवन-उच्च विचार’’ के मूल मंत्र पर चलती रहीं और यही कारण है कि आज जन-जन के भीतर यही भाव है कि उनके बीच से निकली एक आम महिला देश कि प्रथम नागरिक है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री की प्रेरणा से हमारी सरकार उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए दिन रात कार्य कर रही हैं। हमारी सरकार विकास के लिए प्रतिबद्ध है, जनता के प्रति जवाबदेह है, भरोसेमंद है तथा अपने कार्य में दक्ष है। 23 वर्ष में पहली बार बहुत से काम हुए हैं। 23 वर्ष में पहली बार भर्तियों में घोटाले करने वालों पर कड़ी क़ानूनी कार्रवाई के लिए हमने नकल विरोधी कानून लागू किया है। 23 वर्ष में पहली बार धर्मांतरण रोकने के लिए कानून लागू किया गया है। 23 वर्ष में पहली बार उत्तराखंड में समान नागरिक आचार संहिता कानून लागू करने के लिए तैयारी की जा रही है। 23 वर्ष में पहली बार प्रदेश की महिलाओं के लिये 30 प्रतिशत के क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था लागू की गई है। 23 वर्ष में पहली बार भ्रष्टाचारियों पर सख्त कार्यवाही हो रही है। 23 वर्ष में पहली बार राजस्व पुलिस की जगह रेगुलर पुलिस की तैनाती की जा रही है। 23 वर्ष में पहली बार आपदा प्रबंधन पर विश्व स्तरीय कार्यक्रम उत्तराखंड में होने जा रहा है। 23 वर्ष में पहली बार उत्तराखंड, डेस्टिनेशन उत्तराखंड के रूप में निवेश का हब बनने जा रहा है। हमने जो मेहनत की है, वो आपके सामने है और हमारा संकल्प है कि हम इस प्रकार के कार्य करते रहेंगे। हमारी सरकार का एकमात्र लक्ष्य है-उत्तराखण्ड का विकास। हमारा एकमात्र ध्येय है-उत्तराखण्ड की प्रगति, अपने इस ध्येय की प्राप्ति के लिए हम पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ आपकी सेवा में जुटे हुए हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की कि प्रदेश की मातृशक्ति के समग्र विकास एवं सशक्तिकरण के उद्देश्य से हमने ’’महिला नीति’’ बनाई गई है, जिसको शीघ्र ही लागू किया जाएगा। देवभूमि के भविष्य को सुरक्षित रखने हेतु ’’बाल श्रम उन्मूलन’’ के लिए समस्त विभागों के समन्वय के साथ एक विशिष्ट कार्ययोजना बनाई जाएगी। ड्रग फ्री उत्तराखंड के स्वप्न को साकार करने के लिए हम ’’नशा मुक्त ग्राम’’ और ’’नशा मुक्त शहर’’ की योजना लाएं हैं, ऐसे क्षेत्रों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। राज्य निर्माण में मातृशक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और महिलाएं हमारे राज्य की रीढ़ हैं। जरूरतमंद परिवारों को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने हेतु ’’मुख्यमंत्री कन्या सामूहिक विवाह’’ योजना शुरू की जाएगी। जिला स्तर पर इस तरह के आयोजन किए जाएंगे और राज्य सरकार इसकी व्यवस्था करेगी।
आज के राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राज्य की चार विभूतियों को उत्तराखण्ड गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। माधुरी बड़थ्वाल, बसंती बिष्ट, सचिदानन्द भारतीय तथा राजेन्द्र सिंह बिष्ट को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवा हेतु उत्तराखण्ड गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।
पुलिस लाईन देहरादून में आयोजित राज्य स्थापना दिवस के भव्य कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्वारा परेड का निरीक्षण एवं मार्च पास्ट किया गया। राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री द्वारा मा. राष्ट्रपति को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। इस अवसर पर उत्तराखण्ड की उपलब्धियों के बारे में एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान उत्तराखण्ड के विभिन्न विभागों द्वारा झांकियों का प्रदर्शन एवं उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा साहसिक प्रदर्शन किया गया।
राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, डा0 धन सिंह रावत, प्रेमचंद अग्रवाल, विधायक खजान दास मुख्य सचिव डा0 एस एस संधू, डीजीपी अशोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं गणमान्य उपस्थित रहे।

राज्य स्थापना दिवस पर शहीदों को सीएम ने किया नमन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर शहीद स्थल कचहरी परिसर देहरादून में उत्तराखंड राज्य आन्दोलनकारी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के कठिन परिश्रम, प्रयासों, दृढ़ इच्छाशक्ति, संकल्प से ही उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण हुआ। उन्होंने कहा राज्य सरकार शहीद आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप उत्तराखंड के विकास हेतु प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा उत्तराखंड को विकल्प रहित संकल्प के मूल उद्देश्य के साथ सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है।
इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, विधायक खजान दास, राज्य आंदोलनकारी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

राष्ट्र निर्माण और समाज निर्माण में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाये छात्र-राष्ट्रपति

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय (श्रीनगर) के 11वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग करते हुए कुल 59 दीक्षार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए।
राष्ट्रपति ने उपाधि और मेडल प्राप्त करने वाले सभी दीक्षार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनको राष्ट्र निर्माण और समाज निर्माण में अपनी सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करना है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों और संस्थान से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष जुड़े हुए शिक्षकों से अपेक्षा की कि वे शिक्षा को समाज से जोड़ने का काम करें जिससे समाज के अंतिम छोर पर बैठा व्यक्ति भी विकास की मुख्यधारा में शामिल हो सके। दीक्षार्थियों को उपाधि प्रदान करते समय महामहिम राष्ट्रपति ने सभी दीक्षार्थियों को तीन प्रतिज्ञा लेने का आह्वान किया। उन्होंने प्रतिज्ञा दिलाई की जीवन में जिनकी बदौलत आप आगे बढ़े हैं उनका उनके योगदान को नहीं भूलना चाहिए। दूसरा, अपने नैतिक मूल्यों से कभी भी समझौता नहीं करना चाहिए। तीसरा जो भी जीवन में शिक्षा प्राप्त की है उसमें समाज का बड़ा योगदान होता है, इसलिए विकास की मुख्यधारा से जो लोग अभी तक वंचित है उनको भी विकास की मुख्यधारा में शामिल करने में अपना सहयोग प्रदान करें। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ने हमेशा ही शिक्षा और ज्ञान को अधिक महत्व दिया है।
राष्ट्रपति ने इस दौरान अपने संबोधन में उत्तराखंड को ज्ञान, विज्ञान, विवेकवान और शौर्य की भूमि बताते हुए कहा कि इस देवभूमि से अनेक प्रेरणास्रोत व्यक्तित्व ने जन्म लिया है जिन्होंने देश-दुनिया का मार्गदर्शन किया। उन्होंने सृष्टि लखेड़ा द्वारा निर्मित एक था गांव डॉक्युमेंट्री को नेशनल सिनेमा अवार्ड प्राप्त करने की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि साहित्य के क्षेत्र में भी यहां की अनेक विभूतियों ने हिंदी साहित्य को गौरवान्वित किया है। जिसमें सुमित्रानंदन पंत, मंगेश डबराल, शिवानी, भक्तदर्शन आदि लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
राष्ट्रपति ने भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक यात्रा में भी उत्तराखंड के योगदान की सराहना की। उन्होंने उत्तराखंड की पर्यावरणीय सेवा और यहां के स्वच्छ जल स्रोत जो मैदानी क्षेत्र के मानव और वन्यजीव सहित वनस्पतियों को जीवन प्रदान करते हैं का महत्व भी बताया। राष्ट्रपति ने स्थानीय सरकार द्वारा रोजगार और स्वरोजगार के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों की भी सराहना की।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने उपाधि और मेडल प्राप्त करने वाले छात्रों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज से वे अपने जीवन के आगे की और बहुत महत्वपूर्ण यात्रा की एक शुरूआत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दीक्षांत पढ़ाई का अंत नहीं है बल्कि सतत शैक्षणिक जीवन की यात्रा का एक पड़ाव है। शिक्षा एक अंतहीन यात्रा के समान है जो जीवन पर्यंत चलती रहती है आप अपना लक्ष्य महान रखिए उमंग, उत्साह और ऊर्जा के स्रोतों से हमेशा जुड़े रहिए और कभी हार मत मानिए सफलता आपको अवश्य मिलेगी।
राज्यपाल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आप ऐसे समय में समाज में अपना योगदान देने जा रहे हैं जब हम आजादी के अमृत काल में विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत और विश्वगुरु भारत बनने के महान संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। हमारा लक्ष्य वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का है, जिसको प्राप्त करने में आप सभी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार हमारे सभी राजकीय विश्वविद्यालयों में नवाचार और तकनीक के संगम को बढ़ावा देने के साथ-साथ पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार मुक्त तंत्र विकसित कर रही है। जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। हमारे सभी विश्वविद्यालयों में शिक्षण प्रशिक्षण एवं शोध परियोजनाओं पर तेजी से कार्य हो रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के निर्देशन में विश्वविद्यालयों महाविद्यालयों शिक्षण एवं शोध संस्थानों में अतुलनीय कार्य हो रहा है।
विश्वविद्यालय के निर्माण में स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा के योगदान को याद करते हुए उन्होंने कहा कि श्रीनगर की यह धरती एक ऐतिहासिक धरती रही है। यहाँ देवताओं के पवित्र मंदिर है, वीरों की महान गाथाएँ हैं तो साथ ही वर्तमान सदी में यह नगर विद्युत परियोजनाओं के एक बड़े केंद्र होने के साथ साथ एनआईटी और अर्ध सैनिक बलों के प्रशिक्षण का प्रमुख केंद्र भी है। एक प्रकार से श्रीनगर गढ़वाल उत्तराखण्ड की प्रगति का एक आधार केंद्र बन गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी को हेमवती नंदन गढ़वाल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह और विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती वर्ष की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में ज्ञान की अविरल गंगा को प्रवाहित करने वाले इस संस्थान में उपस्थित होकर वे स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने हिमालय पुत्र स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा का स्मरण करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय उनकी विकासवादी सोच का परिणाम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष दीक्षांत समारोह की थीम ’’सशक्त महिला, समृद्ध भारत’’ रखी गई है। जिसका स्पष्ट उदाहरण आज इस दीक्षांत समारोह की मुख्य अतिथि राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी हैं। उनका जीवन, शुरुआती संघर्ष, समृद्ध सेवा और अनुकरणीय सफलता प्रत्येक भारतीय को प्रेरित करता है। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति की जीवटता और समर्पण शक्ति को नमन करते हुए कहा कि, वे सही अर्थों में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक हैं।
मुख्यमंत्री ने सभी विद्यार्थियों से कहा कि कभी भी जीवन में तनाव न लें। उन्होंने कहा कि जब भी युवाओं के साथ उन्हें संवाद करने का अवसर मिलता है, तो वे राज्य सरकार के ‘’सर्वश्रेष्ठ उत्तराखण्ड‘’ निर्माण के अपने ’‘विकल्प रहित संकल्प‘’ को दोहराते हैं। सभी को सर्वश्रेष्ठ उत्तराखण्ड के निर्माण में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी है। आगामी वर्षों में उत्तराखंड देश का सबसे समृद्धशाली और सशक्त राज्य हो, इस भावना के साथ हम सभी को साथ मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सबके सहयोग से उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होगा।
इस दौरान दीक्षांत समारोह में विधायक देवप्रयाग विनोद कंडारी व विधायक पौड़ी राजकुमार पोरी, कुलाधिपति गढ़वाल विश्वविद्यालय डॉ. योगेंद्र नारायण, कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल सहित उपाधि प्राप्त करने वाले शिक्षार्थी, उनके अभिभावक हेमवती नंदन गढ़वाल विश्वविद्यालय के शिक्षकगण तथा जनमानस उपस्थित रहा।

राज्य स्थापना दिवस पर सीएम ने राज्य के विकास का संकल्प दोहराया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की बधाई एवं शुभकामना दी है। मुख्यमंत्री ने राज्य निर्माण के सभी अमर शहीदों, राज्य आन्दोलनकारियों एवं देश के लिये सर्वाेच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उत्तराखण्ड की मजबूत नींव रखने वाले पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी बाजपेई को भी राज्य की जनता की ओर से नमन किया है। मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि प्रदेश की महान जनता के आशीर्वाद, सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव और केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड तेजी से विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देवभूमि उत्तराखण्ड तथा उत्तराखण्डवासियों से अपार आत्मिक स्नेह है। उन्होंने 21वीं शदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है, प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों तथा बद्रीनाथ धाम के विकास कार्याे की भांति ही अब मानसखंड के विकास पर भी स्वयं की इच्छा और रूचि व्यक्त की है। उनकी हाल ही की आदि कैलाश तथा जागेश्वर धाम की यात्रा से मानसखण्ड क्षेत्र में पर्यटन एवं कुमाऊँ क्षेत्र के पौराणिक एवं ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों पर बड़ी संख्या में पर्यटकों के आवागमन की नई उम्मीद जगी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केंद्र सरकार के सहयोग का ही परिणाम है कि 2012 से 2017 के बीच प्रतिवर्ष मिलने वाला वार्षिक अनुदान रूपये 5615 करोड़ रूपये 2017 से 2022 के डबल इंजन युग में बढ़कर दोगुनी रूपये 11168 करोड़ हो गयी है। यही नहीं इस अवधि में केन्द्र सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड में अनेक उच्च स्तरीय संस्थाएं स्थापित हुई हैं। प्रदेश में रेल, सड़क, हवाई यात्रा सुविधाओं का तेजी से विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश के लिए पर्यटन, आयुष व वेलनेस, आईटी, सौर ऊर्जा सहित सर्विस सेक्टर पर विशेष फोकस किया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों को एमएसएमई के केंद्र में रखा गया है। सीमांत तहसीलों के लिए मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना शुरू की है। राज्य में निवेश की संभावनाओं के दृष्टिगत अगले माह 9 व 10 दिसम्बर को देहरादून में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें 2.50 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य है। पिछले एक वर्ष से देश, विदेश और राज्य के प्रमुख उद्योग समूहों एवं स्टेकहोल्डरों के साथ लगातार बैठकें आयोजित की गई। लंदन, बर्मिंघम, अबू धाबी, दुबई, चेन्नई, मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर, अहमदाबाद जैसे देश और दुनिया के प्रमुख शहरों में निवेश को आकर्षित करने हेतु भव्य एवं सफल रोड शो आयोजित किये गये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक के रोड शो से लगभग एक लाख, 24 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, इससे यह सिद्ध होता है कि देश ही नहीं बल्कि विदेशों के उद्यमी भी उत्तराखंड में निवेश करने के लिए उत्साहित हैं। सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के मूल सिद्धांत को अपनाकर राज्य में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। इन प्रयासों से हम राज्य की जीएसडीपी को आगामी 5 वर्षों में दुगना करने में सफल होंगे। राज्य में जी 20 की सभी बैठकों के हमारे अनुभव अविस्मरणीय रहे हैं। जी 20 के सम्मेलनों का आयोजन हमारे लिए नए अवसर, नए अनुभव, अपनी पारम्परिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक विरासत, पर्यटन की क्षमताओं और सॉफ्ट पावर को अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का स्वर्णिम अवसर रहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में महिलाओं का कल्याण और विकास ही हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु लखपति दीदी योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है। हमने 2025 तक 1.25 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है। राज्य की महिलाओं को सरकारी नौकरी में क्षैतिज आरक्षण के लिए विधेयक लागू किया जा चुका है। ’मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ के तहत महिला समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री को ब्लॉक स्तर पर बाज़ार उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीर भूमि होने के नाते सैनिकों और उनके परिजनों का सम्मान हमारा कर्तव्य है। देहरादून में भव्य सैन्य धाम की स्थापना की जा रही है। राज्य में वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को देय एकमुश्त अनुदान में वृद्धि की गई है। राज्य सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में दस प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है। राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने के साथ ही राज्य आंदोलकारियों की मृत्यु के पश्चात उनके आश्रितों को भी पेंशन देने का निर्णय लिया है। सरकार राज्य आंदोलनकारियों को ’एक समान पेंशन’ देने के लिए कार्ययोजना तैयार कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेल एवं खिलाड़ियों के हित में नई खेल नीति बनायी गई है। खिलाड़ियों को जमीनी स्तर से खेल क्षेत्र में रूचि लाने हेतु 14 से 23 वर्ष तक के खिलाड़ियों को ’’मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना’’ के अंतर्गत 2000 प्रति माह छात्रवृत्ति एवं 10 हजार रुपए प्रति वर्ष संबंधति खेलों हेतु किट खरीदने के लिए दिए जा रहे है। ’’मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना’’ में 08 से 14 वर्ष के उभरते खिलाड़ियों को 1500 रूपये प्रतिमाह की खेल छात्रवृत्ति दी जा रही है। साथ ही खिलाड़ियों को नियमानुसार त्वरित वित्तीय लाभ दिये जाने हेतु ’मुख्यमंत्री खेल विकास निधि’ की स्थापना भी की गयी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य की युवा प्रतिभा के साथ न्याय हो, यह हमारा ध्येय है। राज्य सरकार की भर्तियों में घोटाले करने वाले दोषियों के खिलाफ प्रदेश में पहली बार बड़े स्तर पर कड़ी कार्यवाही की गई है। देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया। राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा जारी कैलेण्डर के अनुसार पारदर्शिता के साथ भर्ती प्रक्रियाए समयबद्धता से संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के साथ ही स्वरोजगार को भी अधिक से अधिक प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य सरकार स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ का वेंचर फण्ड तैयार करने जा रही है। इससे युवा उद्यमियों को सरकारी स्तर पर फण्ड मिल सकेगा। मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना को मंजूरी देने के साथ राज्य के युवाओं को देश से बाहर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाने के लिये राज्य में विदेश रोजगार प्रकोष्ठ का गठन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गये हैं। देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून सबसे कम समय में हमने लागू किया है। भ्रष्टाचार की शिकायतों को दर्ज करने के लिए हमने जनता के लिए 1064 वेब एप लॉन्च किया है। अपणि सरकार पोर्टल, ई-कैबिनेट, ई-ऑफिस, सीएम डैशबोर्ड उत्कर्ष,सीएम हेल्पलाइन 1905, सेवा का अधिकार और ट्रांसफर एक्ट की पारदर्शी व्यवस्था बनाकर राज्य में भ्रष्टाचार के समूल नाश का प्रयास किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में हमनें प्रभावी कदम उठाये हैं। राज्य में कोई भी किसी पंथ, समुदाय, धर्म, जाति का हो सबके लिये एक समान कानून हो, यही हमारा प्रयास है। समान नागरिक सहिंता सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के मूलमंत्र की दिशा में बढ़ाया गया महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में गत वर्षाे की भांति इस वर्ष भी आस्थावान श्रद्धालुओं ने चारधाम में एक नया रिकॉर्ड बनाया हैं। इस वर्ष अभी तक 55 लाख से अधिक चारधाम यात्रियों का आगमन हो चुका है। चारधाम यात्रा के सफल संचालन के पीछे केन्द्र सरकार का अभूतपूर्व सहयोग तथा राज्य सरकार की प्रभावी कार्ययोजना तथा क्रियान्वयन रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आसानी से उपलब्ध करवाने के लिए मिशन मोड पर कार्य किया जा रहा है। हाल ही में राज्य में पीएम श्री योजना का शुभारम्भ हुआ है तथा 141 पीएम विद्यालय तथा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालयों का शिलान्यास किया गया है। प्रदेश की स्कूली शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव की क्षमता रखने वाले विद्या समीक्षा केन्द्र का शुभारम्भ हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आयुष्मान योजना का लाभ जन जन तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। आयुष्मान कार्ड व आभा आई डी बनाने का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। निशुल्क जांच योजना के तहत मरीजों को 207 प्रकार की पैथोलॉजिकल जांचों की निशुल्क सुविधा दी जा रही है। ऊधमसिंह नगर में एम्स का सैटेलाईट सेंटर बनने से एक बड़ी आबादी को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा मिलेगी। राज्य सरकार का संकल्प 2025 तक उत्तराखण्ड को ड्रग फ्री तथा 2024 तक क्षय रोग मुक्त प्रदेश बनाने का है।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड को आगामी दशक तक देश का विकसित सर्वश्रेष्ठ एवं अग्रणी राज्य बनाने के लिए सरकार एवं प्रशासन के साथ ही प्रत्येक उत्तराखण्डवासी से सहयोग की अपेक्षा की है। उन्होंने का कि गत 23 वर्षाे में राज्य ने कई उपलब्धियां प्राप्त की हैं, किन्तु अभी हमें बहुत आगे जाना है तथा देवभूमि उत्तराखण्ड को एक प्रगतिशील, उन्नत एवं हर क्षेत्र में आदर्श राज्य बनाना है। इस महान उद्देश्य की प्राप्ति जनसहयोग से ही संभव है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि सभी के सहयोग एवं विकल्प रहित संकल्प से हम इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड का अनुपम सौंदर्य, पर्वतीय परिदृश्य और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत इसे अद्वितीय राज्य बनाते हैं। हमें राज्य के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत तथा ऐतिहासिक मूल्यों के प्रति भी समर्पित रहना होगा।

राजधानी में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की नितांत आवश्यकता-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाये जाने के साथ ही हैलीपैड्स और हेलीपोर्ट्स के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को पूरे प्रदेश में अधिक से अधिक हेलीपैड बनाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इनसे प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों को आपातकालीन परिस्थितियों में बहुत मदद मिलेगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय निवेश को बढ़ाने के लिए राजधानी में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की नितांत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय बनाए जाने हेतु तेज़ी से प्रयास किए जाएं। एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा यदि दिलचस्पी नहीं दिखाई जाती है तो राज्य सरकार को अपने स्तर से भी जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय बनाया जाएगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि इन सभी हेलीपैड्स और हेलीपोर्ट्स को बनाये जाने हेतु डेडिकेटेड टीम लगाई जाए ताकि इन प्रोजैक्ट्स पर प्रतिदिन कार्य हो साथ ही मॉनिटरिंग भी हो सके। उन्होंने कहा कि मसूरी, ऋषिकेश, हरिद्वार और पर्यटन स्थलों पर तेजी से कार्य किया जाए। उन्होंने आईडीपीएल भूमि पर भी एक हैलीपैड तैयार किए जाने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर सचिव ी सचिन कुर्वे एवं अपर सचिव सी. रविशंकर सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

ठोस कूड़ा प्रबंधन के लिए कार्य योजना तैयार करें-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में प्रदेश के सभी स्थानीय निकायों में ठोस कूड़ा प्रबन्धन के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को ठोस कूड़ा प्रबंधन के लिए कार्य योजना तैयार किए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी स्थानीय निकायों से 100 प्रतिशत सेग्रीगेशन ऐट सोर्स लागू किया जाए।
मुख्य सचिव ने सभी स्थानीय निकायों में कूड़ा उठाने वाले वाहनों की संख्या की जानकारी माँगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों के लिए आवश्यक वाहनों की शीघ्र व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कहा कि सड़कों से बड़े डस्टबिन हटाए जाने चाहिए। उन्होंने सभी यूएलबी से आवासीय भवनों, व्यावसायिक भवनों और संस्थानों से श्रेणीवार घर-घर से कूड़ा उठान और कूड़े का स्रोत से पृथक्करण (सेग्रीगेशन एट सोर्स) की रिपोर्ट भी तलब की। उन्होंने इसके लिए रियल टाइम मॉनिटरिंग और थर्ड पार्टी सर्वे की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने पेयजल निगम द्वारा संचालित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के सम्बन्ध में भी जानकारी ली। उन्होंने सभी एसटीपी का थर्ड पार्टी सर्वे और रियल टाइम मॉनिटरिंग की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिये गए। मुख्य सचिव ने प्रमुख सचिव शहरी विकास को भी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर अपनी टीम दुरुस्त किए जाने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर के सुधांशु सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

बदरीनाथ धाम आगमन पर राष्ट्रपति का जोरदार स्वागत

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार को उत्तराखंड स्थित भू-बैकुंठ धाम पहुंचकर भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए। मंदिर में करीब 25 मिनट तक पूजा करते हुए राष्ट्रपति ने देश की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की। बदरीनाथ धाम आगमन पर उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रपति की अगवानी की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की बीच भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से बुधवार को सुबह 10ः20 बजे बद्रीनाथ आर्मी हेलीपैड पहुंची हेलीपैड पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, अन्य जनप्रतिनिधियों सहित जिलाधिकारी हिमांशु खुराना एवं पुलिस अधीक्षक रेखा यादव ने राष्ट्रपति का स्वागत किया। यहां से राष्ट्रपति काफिले के साथ मंदिर पहुंची और मंदिर में बद्री विशाल की वेद पाठ एवं विशेष पूजा की। बद्रीनाथ के मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी एवं तीर्थ पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत पूजा संपन्न की। मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार एवं अन्य पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को बद्री विशाल का प्रसाद एवं अंग वस्त्र भेंट किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंदिर परिसर में राष्ट्रपति को भोजपत्र पर बनी बद्रीनाथ मंदिर की प्रतिकृति, आरती और स्थानीय उत्पादों की टोकरी भेंट की। भू-बैकुंठ धाम की अलौकिक सुंदरता देख राष्ट्रपति अभिभूत दिखीं। मंदिर में पूजा दर्शन के बाद राष्ट्रपति बद्रीनाथ से श्रीनगर के लिए प्रस्थान किया।

मंत्री अग्रवाल ने आपदा प्रभावितों को बांटे 20 लाख रुपये के चेक

क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बीते माह अगस्त में आई आपदा से मंशा देवी वार्ड संख्या 37 में 800 प्रभावित परिवारों को करीब 20 लाख रुपए की राहत राशि के चौक वितरित किये।
रविवार को मंशा देवी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि अगस्त माह में अत्यधिक भारी वर्षा के कारण ऋषिकेश विधानसभा में काफी नुकसान निरीक्षण के दौरान देखने को मिला।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि उनके द्वारा मौके पर ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में हुए नुकसान का जायजा भी लिया गया था बताया कि मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों को नुकसान का आकलन कर मुआवजा राशि देने के निर्देश भी दिए थे।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि आपदा की घड़ी में सरकार जनता के साथ खड़ी है। कहा कि लोगों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपदा की घड़ी में सभी ने धैर्य रखते हुए एक दूसरे की मदद की। डॉ अग्रवाल ने मौके पर वार्ड संख्या 37 में 800 आपदा से प्रभावित परिवारों को करीब 20 लाख रुपए के आपदा राहत के चेक वितरित किए।
इस मौके पर तहसीलदार चमन, मंडल अध्यक्ष भाजपा वीरभद्र सुरेंद्र सिंह, राज्य आंदोलनकारी सरोज डिमरी, महिला मोर्चा मण्डल अध्यक्ष निर्मला उनियाल, पार्षद विजेंद्र मोंगा, गढ़वाल मंडल प्रदेश संयोजक युवा मोर्चा संजीव कुमार, मण्डल उपाध्यक्ष विजय जुगलान, मण्डल अध्यक्ष अनुसूचित मोर्चा अनिल कुमार, गीता मित्तल, पूनम डोभाल, समाजसेवी मानवेन्द्र कंडारी, पार्षद वीरेंद्र रमोला, ममता सकलानी आदि उपस्थित रहे।