मंत्री अग्रवाल ने रूड़की में हुए कार्यों को लेकर अधिकारियों की ली संयुक्त बैठक

शहरी विकास व आवास मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने जल संस्थान, नगर निगम रूड़की और एडीबी के अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक की। इस दौरान रूड़की में डीएवी कॉलेज रोड निकट अंबर तालाब के समीप किए गए कार्यों की जानकारी हासिल की। साथ ही बीते दिनों रूड़की में स्थलीय निरीक्षण करने के बाद मंत्री डा. अग्रवाल ने परियोजना में हुए कार्यों की जांच के निर्देश दिए।

बुधवार को विधानसभा स्थित कार्यालय कक्ष में हुई बैठक में डा. अग्रवाल ने संबंधित अधिकारियों की फटकार लगाते हुए कहा कि वर्ष 2019 में एडीबी द्वारा सीवर पाइप लाइन तथा नगर निगम रूड़की द्वारा सड़क निर्माण किया गया। जिसे 2022 में जल संस्थान के सुपुर्द कर दिया गया। मगर, सड़क का निर्माण मजबूती से न होने पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए है, जिस पर राहगीरों एवं स्थानीय निवासियों को असुविधा को सामना करना पड़ रहा है, जिस पर मंत्री डा. अग्रवाल द्वारा अत्यंत रोष प्रकट किया गया।

डा. अग्रवाल ने सख्त लहजे में कहा कि जनता को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए उन्होंनें तत्कालिक राहत दिये जाने हेतु संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिए। साथ ही कहा कि उच्चस्तरीय जांच कमेटी भी गठित करने की जाएगी। जिसमें आईआईटी रूड़की के प्रोफेसर जो संबंधित प्रकरण के विशेषज्ञ होंगे, की देखरेख में उक्त समिति द्वारा जांच कराई जाएगी। तथा किये गए कार्याे का उत्तरदायित्व भी निर्धारित किया जा सकेगा। साथ ही भविष्य में स्थायी समाधान हेतु समिति से प्रस्ताव प्राप्त किया जाएगा।

इस मौके पर परियोजना निदेशक उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी चंद्रेश कुमार, एडिशनल प्रोग्राम डायरेक्टर विनय मिश्रा, एमएनए नगर निगम रूड़की विजय चंद्र शुक्ल, जल संस्थान सहायक अभियंता अब्दुल रासिद सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

गढ़वाल महासभा ने किया गढ़ फिल्म पोथली की स्टारकास्ट का अभिनंदन

प्रज्ज्वल फ़िल्म प्रोडक्शन द्वारा निर्मित उत्तखण्डी फीचर फिल्म पोथली की स्टारकास्ट का अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा द्वारा भव्य स्वागत किया गया।

अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा के देहरादून रोड स्तिथ कार्यालय में फिल्म के पोस्टर का लोकार्पण महासभा के अध्यक्ष डॉ राजे नेगी, फ़िल्म के निर्देशक रवि ममगई, समाजसेविका सीता पयाल व रोशन उपाध्याय ने संयुक्त रूप से किया। इस दौरान महासभा के अध्यक्ष डॉ राजे नेगी एवं महामंत्री उत्तम असवाल ने फ़िल्म से जुड़े कलाकारो को माला एवं पटका पहनाकर स्वागत एवं अभिनंदन किया। इस अवसर पर फ़िल्म के निर्माता निर्देशक रवि ममगई ने बताया कि उनकी फ़िल्म पोथळी देवभूमि में बालिकाओं पर बढ़ रहे घिनोने अपराध एवं अत्याचार पर सच्ची घटना पर आधारित है जोकि अबतक देहरादून, कोटद्वार,पौड़ी एवं श्रीनगर में सफलतम प्रदर्शन कर चुकी है।

बताया कि 6 अक्टूबर से रोजाना एक शो सुबह 10 बजकर 45 बजे से ऋषिकेश के रामा पैलेस सिनेमा हॉल में प्रदर्शित की जा रही है। फ़िल्म एक पिता द्वारा बेटी के लिए न्याय दिलाने के संघर्ष की कहानी है। फ़िल्म में मुख्य भूमिका में गोकुल पंवार, बृजेश भट्ट, इंदु भट्ट, रामरवि, सते सिंह पटवाल, नवल सेमवाल, बबिता महंत, योगेश सकलानी ने निभाई है। फ़िल्म के गीत स्वर कोकिला मीना राणा एवं जितेंद्र पंवार, संगीत वी कपूर द्वारा दिया गया है फ़िल्म की कहानी रुचि ममगई द्वारा लिखी गयी है।

अक्टूबर अंत तक लोनिवि कार्यों का पूर्ण करें निर्माणः अग्रवाल

कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने राज्य योजना के अंतर्गत हरिद्वार रोड पर आराघर से रिस्पना पुल तक मार्ग में ऐज से ऐज चौड़ीकरण, नाली एवं फुटपाथ निर्माण कार्य का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान अधूरे निर्माण कार्य में जमा पानी पर डेंगू का लार्वा जमा होने की आशंका जताते हुए मंत्री डॉ अग्रवाल ने नाराजगी जताई। साथ ही निर्माण कार्य को इसी माह के अंत तक पूर्ण करने के निर्देश दिए।

मंत्री डॉ अग्रवाल ने 1.61 किमी लंबाई पर 978.14 लाख रुपए की लागत से किये जा रहे निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि 111 विद्युत पोलों के सापेक्ष 98 पोल अभी तक शिफ्ट किया जा चुके हैं। बताया कि 93 पोलों पर विद्युत लाइन शिफ्ट की जा चुकी है तथा शेष में कार्य गतिमान है।

उन्होंने बताया कि कर ट्रांसफार्मर शिफ्ट किया जा चुके हैं, जबकि 33 वृक्षों के सापेक्ष 33 वृक्षों का ट्रांसप्लांटपूर्ण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि मार्ग के दोनों ओर 1610 मीटर लंबाई में पानी की लाइन शिफ्टिंग के सापेक्ष पूर्ण लंबाई में पानी की लाइन शिफ्ट कर दी गई है।

उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान पाया कि अधूरे पड़े निर्माण कार्यों में पानी जमा होने से डेंगू के लार्वा के पनपना की आशंका है। उन्होंने निर्देशित कर कहा कि तुरंत इनकी सफाई की जाए। साथ ही नालों में पड़े केबिल और गंदगी के लिए भी निर्देशित किया।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि इन दिनों डेंगू, टाइफाइड जैसी खतरनाक बीमारियां पनप रही है। इसके चलते हुए साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि हर हालत में निर्माण कार्य इसी माह के अंत तक पूर्ण किया जाए।

इस मौके पर अधीक्षण अभियंता नवावृत लोनिवि अनिल पांगती, अधिशासी अभियंता धीरेंद्र कुमार, सहायक अभियंता सन्दीप सेमवाल, अपर सहायक अभियंता संतोष आदि कर्मचारी उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय सरस आजीविका मेला-2023ः पहाड़ी व्यंजनों की स्टॉल ने मोहा मन, सांस्कृतिक संध्या रही आकर्षक का केंद्र

दस दिवसीय राष्ट्रीय सरस आजीविका मेले का उद्धघाटन मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री/जनपद प्रभारी मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल सहित अन्य गणमान्यों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि सहित अन्य गणमान्यों द्वारा देश के विभिन्न राज्यों से आए स्वयं सहायता समूहों के स्टालों का निरीक्षण किया गया।

इस मौके पर वित्त, शहरी विकास एवं आवास मंत्री/जनपद प्रभारी मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने सभी को मेले की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मेले का मतलब होता है एक दूसरे से मेल मिलाप। मा. प्रधानमंत्री जी का वोकल फॉर लोकल कहने का उद्देश्य स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करना है। उनके द्वारा स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिये जाने हेतु बाबा केदारनाथ धाम से यह भी कहा गया था कि चारधाम यात्रा पर जो भी श्रद्धालु आयें वे अपने खर्चे का 5 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों पर लगायें। कहा कि मेले में देश के विभिन्न राज्यों के स्वयं सहायता समूहों द्वारा अपने उत्पादों का विक्रय किया जा रहा है, सभी लोग कुछ न कुछ खरीदकर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर उत्पादों को लाभ पहंुचाने की अपील की गई। प्रदेश मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी भी इसको आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। कैबिनेट मंत्री श्री अग्रवाल ने देश-प्रदेश के पर शहादत देने वालों को नमन करते हुए कहा कि हमारा राज्य उत्तराखण्ड एक सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप मंे विकसित हो, इसमें सबकी भागीदारी जरूरी है।

मेले की अध्यक्षता कर रहे वन एवं पर्यावरण मंत्री सुबोध उनियाल ने सभी को मेले की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सरकार स्वयं सहायता समूहों को विकसित कर स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर रही है। कहा कि इनका वृहद् प्रचार-प्रसार जरूरी है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इनका लाभ उठा सकें तथा स्थानीय उत्पादकों को लाभ मिल सके। सरकार स्वयं सहायता समूहों को सब्सिडी देकर लाभ पहुंचाने का कार्य कर रही है, ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बन सके। कहा कि इको टूरिज्म के माध्यम से भी रोजगार चिन्ह्ति किये जा रहे हैं। कहा कि सरकार का उद्देश्य आजीविका को बढ़ाना है, जिसमें महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए अवगत कराया गया कि मेले में 19 राज्यों के 116 स्वयं सहायता समूह के लगभग 313 सदस्य प्रतिभाग कर रहे हैं। इनमें उत्तराखंड से 81 स्वयं सहायता समूह के 243 सदस्य जबकि अन्य 18 राज्यों के 35 स्वयं सहायता समूह के लगभग 70 सदस्य तथा जनपद टिहरी के 18 स्वयं सहायता समूह के लगभग 53 सदस्य शामिल हैं।

इस मौके पर अध्यक्ष जिला पंचायत सोना सजवाण, विधायक प्रतापनगर विक्रम सिंह नेगी, ब्लॉक प्रमुख नरेंद्रनगर राजेंद्र भंडारी, प्रतापनगर प्रदीप रमोला, अध्यक्ष नगरपालिका मुनिकी रेती रोशन रतूड़ी, अध्यक्ष नगर पंचायत गजा मीना खाती, सीडीओ मनीष कुमार, जिलाध्यक्ष भाजपा राजेश नौटियाल, अध्यक्ष मंडी परिषद विनोद कुकरेती, एडीएम के.के. मिश्र, डीडीओ सुनील कुमार सहित अन्य गणमान्य, जनप्रतिनिधि, समस्त जिला स्तरीय अधिकारी, मीडिया प्रतिनिधि, सांस्कृतिक दल, महिला/युवक मंगल दल, स्वयं सहायता समूह, स्कूली बच्चे एवं क्षेत्रीय जनता मौजूद रहे।

एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के चौथे राष्ट्रीय सांस्कृति उत्सव का हुआ रंगारंग आगाज

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महाराणा प्रताप स्पोर्टस कॉलेज रायपुर में आयोजित एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के चौथे राष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सव 2023 में प्रतिभाग किया। नेशनल एजुकेशन सोसायटी फॉर ट्राइबल स्टूडेन्ट तथा स्टेट एकलव्य विद्यालय संगठन समिति उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में देश के 22 राज्यों से आए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) के छात्र एवं शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न राज्यों से आये छात्रों की उपस्थिति में यह उत्सव भारत की विविधता में सांस्कृतिक एकता का जश्न मनाने का एक मंच बन गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह चार दिवसीय आयोजन ईएमआरएस में शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के सर्वांगीण विकास को गति देने के साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना के अनुरूप है, जो निरंतर सांस्कृतिक जुड़ाव को बढ़ावा देगा, और समृद्ध भारत की सांस्कृतिक परंपराओं और विरासत को राष्ट्रीय एकीकरण के माध्यम से विविधता में एकता की मिशाल बनेगा। उन्होंने कहा कि यह अवसर वास्तव में छात्रों के बीच उत्साह की भावना, सांस्कृतिक जुड़ाव और विभिन्न राज्यों से आने वाले छात्रों के बीच राष्ट्रीय एकता के भाव को भी मजबूत करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में मुख्य रूप से पांच प्रकार की जनजातियाँ निवास करती हैं। उनकी भौगोलिक, आर्थिक तथा ऐतिहासिक स्थितियाँ लगभग समान है। उन्होंने स्वयं जीवन का एक महत्वपूर्ण कालखंड थारू जनजाति के बीच में बिताया है। उन्होंने कहा कि जनजाति समुदाय के पंडित नैन सिंह रावत के जीवन की शुरुआत भी एक महान सर्वेयर के रूप में इसी देवभूमि से हुई है, जिन्होंने तिब्बत की यात्रा के दौरान अपने कदमों की नाप से दुनिया को बताया कि ल्हासा की समुद्र तल से ऊंचाई कितनी है साथ ही दुनिया को तिब्बत के कई अनदेखे और अनसुलझे रहस्यों से भी रूबरू कराया तथा तिब्बत के नक्शे को दुनिया के सामने रखा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विगत 09 वर्षों के कार्यकाल में देश में अनुसूचित जनजातियों का समेकित सामाजिक-आर्थिक विकास हुआ है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आज़ादी के इस अमृतकाल में भारत की जनजातीय परम्पराओं एवं शौर्य गाथाओं को भव्य पहचान दिलाई है। जनजातीय समाज के अस्तित्व, अस्मिता और आत्मनिर्भरता का सपना साकार किया है।
मुख्यमंत्री ने सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में एक अतिरिक्त एकलव्य विद्यालय की स्थापना हेतु केन्द्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा से अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जनजातियों के कल्याण एवं उनके जीवन स्तर में सुधार को उच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इनका आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षिक उत्थान और सर्वांगीण विकास कर उन्हें समाज के मुख्य धारा से जोड़ा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चार एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, कालसी, मेहरावना, बाजपुर व खटीमा में संचालित है। प्रतियोगी परीक्षा पूर्व कोचिंग की निःशुल्क व्यवस्था के साथ युवक-युवतियों को प्रतिमाह छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है। अनुसूचित जनजाति की पुत्रियों की शादी हेतु 50 हजार का अनुदान प्रदान किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा जनजातीय संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु प्रतिवर्ष राज्य जनजाति महोत्सव तथा खेल महोत्सव आयोजित किये जाने का निर्णय लिया गया है। जनजातीय शोध संस्थान के लिये 01 करोड के कार्पस फण्ड की भी व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की गई है। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा एवं कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने भी इस आयोजन में अपने विचार रखे।
उन्होंने कहा कि राज्य में जनजातीय छात्रों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करने हेतु उन्हें प्राइमरी से स्नातकोत्तर स्तर तक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। शैक्षिक उत्थान एवं विकास हेतु वर्तमान में 16 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है, शैक्षिक विकास हेतु धारचूला, गोपेश्वर, काशीपुर, खटीमा एवं धनपौ (चकराता) में छात्रावास संचालित है, अनुसूचित जनजाति के शिक्षित बेरोजगार युवक/युवतियों को तकनीकी शिक्षा हेतु प्रदेश में 03 आई.टी.आई. का संचालन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि गत वर्ष कर्नाटक में आयोजित ईएमआरएस राष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सव के तीसरे संस्करण में, देवभूमि के जनजातीय छात्रों की अद्वितीय प्रतिभा और क्षमताओं के बल पर उत्तराखण्ड राज्य समग्र श्रेणी में प्रथम स्थान पर रहा। उन्होंने इस उत्सव के चौथे संस्करण में देवभूमि के छात्रों को सभी श्रेणियों में बेहतर प्रदर्शन की भी शुभकामना दी।
इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक उमेश शर्मा काउ, राजकुमार पोरी, निदेशक जनजाति निदेशालय संजय सिंह टोलिया, छात्र-छात्राओं सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

जेल विकास बोर्ड की पहली बैठक में कामगारों में श्रम नियोजित बंदियों के लिए अच्छी खबर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में जेल विकास बोर्ड की पहली बैठक में कारागारों में श्रम में नियोजित बन्दियों के न्यूनतम मजदूरी दरों को बढ़ाने का निर्णय लिया गया। दैनिक पारिश्रमिक कुशल के लिए 67 रूपये से बढ़ाकर 85 रूपये, अर्द्धकुशल के लिए 52 रूपये से बढ़ाकर 65 रूपये और अकुशल के लिए 44 रूपये से बढ़ाकर 55 रूपये दिये जाने का निर्णय लिया गया। राज्य के सभी कारागारों में बेकरी यूनिट की स्थापना की जायेगी। 02 फरवरी 2023 को जिला कारागार देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा बेकरी यूनिट का शुभारंभ किया गया, इसके अच्छे परिणाम आने के बाद यह निर्णय लिया गया। बैठक में सम्पूर्णानन्द शिविर (खुली जेल) सितारगंज में अच्छी नस्ल की 10 गाय क्रय करने पर सहमति बनी। सम्पूर्णानन्द शिविर (खुली जेल) सितारगंज में शिविर की 05 बीघा भूमि पर विभिन्न प्रजाति के फलदार तथा औषधीय पौधों की पौधशाला की स्थापना के लिए बैठक में सहमति बनी। इसके लिए प्रशिक्षण, देखरेख एवं खरीद की सभी व्यवस्था उद्यान विभाग करेगा। इस पौधशाला केन्द्र से 50 से 60 बंदियों को श्रम पर नियोजित किया जा सकेगा।

बैठक में निर्णय लिया गया कि कारागारों में निरूद्ध बन्दियों के कौशल विकास के लिए कौशल विकास विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया जायेगा। बन्दियों की रूचि एवं योग्यता के अनुसार विद्युतकार, वेल्डर, कारपेन्टर, सिलाई, बढ़ई जैसे व्यवसायों का प्रशिक्षण दिया जायेगा। पहले चरण में 500 बन्दियों को प्रशिक्षित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। बन्दी वस्त्रों की धुलाई के लिए देहरादून और हरिद्वार कारागारों में लॉड्री मशीन की व्यवस्था की जायेगी। जिला कारागार, हरिद्वार में संचालित पावरलूम उद्योग का आधुनिकीकरण किया जायेगा। कारागारों में निर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए यदि विभागों को उत्पाद की गुणवत्ता और कीमत सही लगती है, तो क्रय करने की अनुमति दी जायेगी। फर्नीचर उद्योग के लिए इमारती लकड़ी की खरीद के लिए वन निगम से वार्ता करने के निर्देश दिये गये। मुख्यमंत्री ने बैठक में सचिव न्याय को भी जेल विकास बोर्ड का सदस्य बनाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि कारागारों में बन्दियों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए रिक्त 11 चिकित्सकों के पदों की उपलब्धता के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाय।

बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, सचिव विजय कुमार यादव, आईजी जेल बिमला गुंज्याल, एआईजी यंशवंत सिंह, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, अपर सचिव गृह अतर सिंह एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन के पद्म विभूषित अमिताभ बच्चन होंगे ब्रांड एंबेसडरः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय, देहरादून स्थित मीडिया सेंटर में 6वाँ वैश्विक आपदा प्रबंधन सम्मेलन के सम्बन्ध में प्रेस वार्ता की। इस दौरान वैश्विक आपदा प्रबंधन सम्मेलन के लिए अमिताभ बच्चन के वीडियो संदेश का प्रसारण भी किया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 6 वाँ विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन दिनांक 28 नवंबर से 01 दिसंबर 2023 तक देहरादून में उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, डी.एम.आई.सी.एस. हैदराबाद तथा उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यू कॉस्ट) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रमुखों, भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के साथ ही विश्व के प्रमुख संस्थानों के प्रतिनिधियों, संयुक्त राष्ट्र संघ, देश-विदेश के जलवायु विशेषज्ञों को विशेष रूप से आमंत्रित किया जा रहा है। सम्मेलन में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में देश एवं दुनिया भर के विशेषज्ञों के बीच मंथन होगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 6वें विश्व सम्मेलन का प्राथमिक उद्देश्य हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र और समुदायों पर ध्यान केंद्रित करते हुए जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रतिरोध की चुनौतियों पर चर्चा करना एवं उनका समाधान करना है । इसके अतिरिक्त सम्मेलन का उद्देश्य उत्तराखण्ड को आपदा प्रतिरोधकता और तत्परता के लिए जलवायु अनुकूली समाधानों के केंद्र के रूप में विकसित करना है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वैश्विक आपदा प्रबन्धन सम्मेलन से आपदा प्रबन्धन की गंभीरता व विशेष रूप से उत्तराखण्ड राज्य और हिमालयी क्षेत्रों की आपदा से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए विश्व स्तर पर किये जा रहे चिन्तन व प्रयासों को गति मिलेगी। उन्होंने कहा जलवायु परिर्वतन और आपदा प्रतिरोध्यता अत्यंत महत्वपूर्ण विषय हैं और वर्तमान समय में भारतवर्ष एवं विशेष रूप से हिमालयी राज्यों में इनके महत्व को देखते हुए आपदा प्रबन्धन के वैश्विक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दिनांक 08-09 दिसम्बर को राज्य में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 का आयोजन किया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन से ठीक पहले आयोजित आपदा प्रबंधन के वैश्विक सम्मेलन से उत्तराखण्ड राज्य में ‘सुरक्षित निवेश, सुदृढ उत्तराखण्ड’ का संदेश देश-विदेश में प्रसारित होगा। उन्होंने कहा राज्य सरकार इकोलॉजी एवं इकोनॉमी संतुलन बनाकर राज्य में विकास करेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सम्मेलन को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से राज्य भर में आपदा प्रबंधन के विशेष सत्रों का आयोजन सम्पूर्ण प्रदेश में विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय तथा राज्य में स्थित केन्द्रीय संस्थानों, जैसे- वाडिया, हिमालयी भू-विज्ञान, आई.आई.पी., आई.आई.आर.एस. जल संरक्षण इत्यादि में किया जायेगा। पूर्वाेत्तर राज्य सहित देश भर के संस्थानों में भी आपदा प्रबंधन पर पूर्व कार्यक्रम आयोजित किये जाने प्रस्तावित है। आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि सम्मेलन में 04 मुख्य सत्रों, 50 तकनीकी सत्रों, कई विशेष तकनीकी सत्रों में आपदा प्रबंधन से संबंधित विषयों पर विचार-विमर्श होगा। जिनमें मुख्यतः जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रतिरोध्यता, पूर्व चेतावनी प्रणाली और प्रतिरोधकता तथा आपदा के पश्चात पुनर्वास और पुनर्निर्माण आदि शामिल हैं। इस सम्मेलन के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एस.डी.जी.) के साथ एकीकृत करके जलवायु परिवर्तन जनित चुनौतियों का बेहतर रूप से सामना करने में सहायता मिलेगी। जिससे प्रभावित समुदायों की प्रतिरोध्यता में सुधार होगा और प्रकृति की सुरक्षा के प्रति समुदाय अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन कर पाएंगे। आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न संस्थानों, शोध संस्थानों तथा स्टार्ट-अप द्वारा किये जा रहे शोध कार्यों एवं समाधानों के प्रदर्शन के लिए मैगा एक्सपो का आयोजन भी किया जायेगा। सम्मेलन में उत्कृष्ट शोध पत्र और युवा शोधार्थियों और प्रतिभागियों को अलग-अलग श्रेणियों में पुरस्कृत भी किया जायेगा ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सम्मेलन में विश्व के विभिन्न देशों के विशेषज्ञों, विभिन्न राज्यों और केंद्र सरकार के प्रतिष्ठानों, राज्यों की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषदों एवं विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं संस्थाओं के शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों, वैज्ञानिकों एवं नीति निर्धारकों के प्रतिभाग करने की संभावना है। उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यू.एस.डी.एम.ए) द्वारा इस सम्मेलन का कार्यान्वयन किया जायेगा। उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यू – कॉस्ट) द्वारा सम्मेलन के वैज्ञानिक और तकनीकी विषयों का समन्वयन किया जायेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत द्वारा जी-20 की सफल अध्यक्षता की गयी और नवम्बर माह इस वार्षिक अध्यक्षता का अन्तिम चरण है। इस जी-20 सम्मेलन में डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (डी.आर.आर.) एक महत्वपूर्ण विषय के रूप में शामिल किया गया है। इस दृष्टि से नवम्बर माह के अंत में देहरादून में आयोजित होने वाला 6वाँ विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन और भी महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि छठे विश्व सम्मेलन का उद्घाटन सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह एवं आपदा प्रबंधन मंत्री अमित शाह को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित के लिए अनुरोध किया जाएगा। पद्म विभूषित अमिताभ बच्चन सम्मेलन के ब्रांड एंबेसडर के रूप में सहभागी होंगे।

इस दौरान सचिव आपदा रंजीत सिन्हा, महानिदेशक यूकोस्ट प्रो. दुर्गेश पंत एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगी लंदन-बर्मिघम यात्रा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक देश के अग्रणी राज्यों में शुमार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्होंने रोडमैप तैयार किया है और उस पर तेजी से काम कर रहे हैं। ग्लोबल इंवेस्टर्स सम्मिट इस दिशा में एक बड़ा और कारगर कदम साबित होगा। हाल में मुख्यमंत्री ने तीन दिवसीय ब्रिटेन यात्रा की सफलता और 12500 करोड़ के निवेश करार से संकेत मिल रहे हैं कि निकट भविष्य में प्रदेश में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आर्थिकी भी मजबूत होगी। मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि ब्रिटेन में मिले निवेश प्रस्तावों से सम्मिट की अवधारणा को बल मिला है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड निवेश के लिए सबसे सुरक्षित स्थान है।
धामी सरकार दिसम्बर में ग्लोबल इंवेस्टर सम्मिट का आयोजन कर रही है। इस सम्मिट में ढाई लाख करोड़ के निवेश करार करने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने निवेश के लिए 6000 एकड़ का लैंड बैंक भी तैयार किया है। केंद्र द्वारा हाल में जारी एमएसएमई आंकड़ों के अनुुसार उत्तराखंड में मौजूदा समय में लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों की संख्या 59026 है। इन उद्योगों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर दस लाख से भी अधिक लोगों को रोजगार मिला है। धामी सरकार का फोकस है कि औद्योगिक इकाइयों में पांच लाख रोजगार सृजन हो। उत्तराखंड में अभी अधिकांश सर्विस इंडस्ट्रीज हैं। इसकी तुलना में मदर्स इंडस्ट्रीज यानी अंतिम उत्पादन उद्योग कम हैं। सीएम धामी का फोकस सर्विस के साथ ही मदर्स इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देना भी है।
प्रदेश में वन संपदा के अलावा चूना पत्थर, रॉक फॉस्फेट, डोलोमाइट, मैग्नेसाइट, कॉपर ग्रेफाइट, सोप स्टोन, जिप्सम की उपलब्धता है। इसका दोहन करने से भी रोजगार और राजस्व की बढ़ोतरी हो सकती है। इसके अलावा फार्मा, मेडिकल डिवाइस, आटोमोबाइल, एरोमा के क्षेत्र में भी व्यापक संभावनाएं हैं। पर्यटन और साहसिक पर्यटन सेक्टर में भी अपार संभावनाएं हैं। आईटी सेक्टर के लिए प्रदेश में कनेक्टिविटी और मैनपावर दोनों ही उपलब्ध हैं।
प्रदेश सरकार अगले पांच वर्ष में एसजीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इस दिशा में धामी सरकार उत्तराखंड में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ-साथ सुगम व्यवसायिक वातावरण तैयार करने के विजन को लेकर काम कर रही है.। राज्य में अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए विशेष नीतियां लागू करने के साथ ही आकर्षक वित्तीय प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है. इन नीतियों में प्रमुख रूप से पर्यटन नीति-2023, एमएसएमई नीति-2023, स्टार्टअप नीति-2023, लॉजिस्टिक्स नीति-2023, निजी औद्योगिक आस्थानों की स्थापना के लिए नीति-2023 शामिल हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ब्रिटेन यात्रा के दौरान अप्रवासी भारतीयों और वहां के निवेशकों को प्रदेश में उपलब्ध संसाधनों, सुविधाओं और कानून-व्यवस्था के बारे में विस्तृत जानकारी दी। मुख्यमंत्री धामी की ब्रिटेन यात्रा का एक अहम पहलू यह भी रहा है कि उन्होंने देश का पहला रोपवे मैन्युफैक्चरिंग पार्क विकसित किए की संभावनाएं तलाशने का भी काम किया। इसके लिए उन्होंने फ्रांस की पोमा ग्रुप को उत्तराखंड में संभावनाएं तलाशने का प्रस्ताव दिया है।
ब्रिटेन के तीन दिवसीय दौरे के दिन शिक्षा के क्षेत्र में सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाने, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अप्रवासी भारतीयों के साथ मंथन, ब्रिटेन से पर्यटकों की आवाजाही बढ़ाने के लिए कार्ययोजना, विंटर स्पोर्ट्स डेस्टिनेशन और अप्रवासी सेल बनाने की दिशा में भी अहम कार्य किये।
मुख्यमंत्री धामी ने जर्मनी के साथ भी तकनीक और कौशल विकास के लिए करार किये हैं। उत्तराखंड में श्रमशक्ति और संसाधन हैं यदि कौशल विकास होगा तो यहां रोजगार की अपार संभावनाएं भी विकसित होंगी। बहरहाल, सीएम की ब्रिटेन यात्रा के दौरान मिले निवेश प्रस्तावों से ग्लोबल इंवेस्टर्स सम्मिट 2023 के लिए मनोबल बढ़ा है और साथ ही यदि ब्रिटेन में किये गये निवेश प्रस्तावों पर अमल हो गया तो सीएम धामी की ब्रिटेन यात्रा उत्तराखंड के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

आंदोलनकारियों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूर्ण करना सरकार की प्राथमिकता और कर्तव्य-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को शहीद स्थल रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर में राज्य आन्दोलनकारी शहीदों की पुण्य स्मृति पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीद राज्य आन्दोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 अक्टूबर 1994 को उत्तराखण्ड के अलग राज्य की प्राप्ति के लिए आंदोलन कर रहे हमारे नौजवानों और माता-बहनों के साथ क्रूरता पूर्वक बर्ताव किया गया। अनेक आंदोलनकारियों की इसमें शहादत हुई। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। राज्य आन्दोलनकारियों के द्वारा किये गये संघंर्षों के परिणामस्वरूप हमें उत्तराखण्ड अलग राज्य मिला। राज्य आंदोलनकारियों के सपनों एवं संकल्पों के आधार पर राज्य के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर स्थित शहीद स्थल में उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों की उपलब्धता एवं स्थानीय उत्पादों के स्थल के रूप में विकसित किए जाने की बात कही।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूर्ण करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। सभी आंदोलनकारियों को पूरा मान-सम्मान और अधिकार देने का संकल्प लिया है। राज्य सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में दस प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है। राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने के साथ ही राज्य आंदोलकारियों की मृत्यु के पश्चात उनके आश्रितों को भी पेंशन देने का निर्णय लिया है। सरकार राज्य आंदोलनकारियों को ’एक समान पेंशन’ देने के लिए कार्ययोजना तैयार कर रही है। उद्योगों में नौकरी के लिए राज्य आंदोलनकारियों को प्राथमिकता के लिए समुचित व्यवस्था की जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का ’’विकल्प रहित संकल्प’’ लेकर आगे बढ़ रही है। सरकार की नीतियों के केंद्र में राज्य का सर्वांगीण विकास है। राज्य सरकार उत्तराखंड को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मागदर्शन में उत्कृष्ट उत्तराखंड बनाने के लिए वचनबद्ध है। आज केदारनाथ पुनर्निर्माण, बदरीनाथ के मास्टर प्लान कार्य के साथ ही मानसखंड मंदिर माला मिशन पर कार्य चल रहा है। वाइब्रेंट विलेज के तहत सीमांत क्षेत्र में बसे गांवों को प्रथम पंक्ति में लाने का कार्य किया जा रहा है।
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने शहीद राज्य आंदोलनकारियों को नमन करते हुए कहा कि हमारे शहीद आंदोलनकारियों के बलिदान की बदौलत हमें उत्तराखंड राज्य मिला। उन्होंने कहा कि भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेई जी के प्रधानमंत्रित्व काल में उत्तराखण्ड अलग राज्य बना। राज्य निर्माण के बाद उन्होंने उत्तराखण्ड को विशेष औद्योगिक पैकेज भी दिया। उन्होंने कहा आज केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में हर क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने शहीद राज्य आंदोलनकारियों को नमन करते हुए कहा कि युवा साथियों एवं मातृशक्ति ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया। शहीदों के सपनों के अनुसार आज राज्य में विकास की नींव रखी जा रही है। मुजफ्फरनगर के स्थानीय लोगों ने भी आंदोलनकारियों का साथ दिया।
इस दौरान कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव कुमार बालियान, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार उत्तर प्रदेश सरकार कपिल देव अग्रवाल, विधायक प्रदीप बत्रा, उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड संस्कृत साहित्य एवं कला परिषद् मधु भट्ट, गौ सेवा आयोग अध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, जिलाध्यक्ष भाजपा रूड़की शोभा राम प्रजापति, भाजपा जिला अध्यक्ष मुजफ्फरनगर सुधीर सैनी, सचिव संस्कृति हरि चंद्र सेमवाल, जिलाधिकारी हरिद्वार धीराज सिंह गर्ब्याल, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

शहीद राज्य आंदोलनकारियों के सपने के अनुरूप राज्य के विकास के लिए सरकार प्रयासरत-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद स्थल कचहरी में उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारियों के संघर्ष के परिणामस्वरूप ही हमें नया राज्य मिला। शहीद राज्य आन्दोलनकारियों के सपने के अनुरूप राज्य के विकास के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 अक्टूबर 1994 को उत्तराखण्ड के अलग राज्य की प्राप्ति के लिए आंदोलन कर रहे हमारे नौजवान साथियों और माताओं-बहनों के साथ मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा में क्रूरता पूर्वक बर्ताव किया गया। अनेक आंदोलनकारियों की इसमें शहादत हुई। उनके संघर्षों और शहादत के कारण ही हमें नया राज्य मिला। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य आन्दोलनकारियों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है।
इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजानदास, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका उपस्थित थे।