जन्मदिन विशेष-धामी के लिए गये फैसले जो आज बन गये नजीर

उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दूसरे कार्यकाल के डेढ़ साल पूरे हो चुके हैं। उनकी सरकार का यह कालखण्ड सेवा, समर्पण और सुशासन के लिए समर्पित रहा। इस कालखण्ड में समूचा प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर रहा। पहाड़ और मैदान का भेद किए बगैर सभी क्षेत्रों के संतुलित विकास का आधार तैयार किया गया। क्षेत्र विशेष की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्राथमिकताओं के आधार पर योजनाएं तैयार की गईं। जनसरोकार से जुड़े तमाम मुद्दे सुलझाए गए और जनहित में ताबड़तोड़ फैसले भी लिए गए। लेकिन, इसी बीच कई ऐसे अप्रत्याशित विवाद चुनौती के रूप में सामने आए जिनसे निपटना आसान नहीं था। ये चुनौतियां भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और अपराध से सम्बंधित थीं। अहम बात यह थी कि इन विवादों में सत्ताधारी दल से जुड़े कुछ लोगों की संलिप्तता रही, जिन पर सूझबूझ के साथ प्रभावी कार्रवाई करके पुष्कर सिंह धामी ने खुद को मजबूत और साहसिक फैसले लेने वाला मुख्यमंत्री साबित किया। अपना पराया किए बगैर आरोपियों पर की गई सख्त कार्रवाई से धामी सरकार पर जनता का विश्वास बढ़ा है।
वर्ष 2022 के शुरुआत में उत्तराखण्ड में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की सत्ता में जबरदस्त वापसी हुई। चुनाव युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में लड़े गए थे। इस चुनाव में कई इतिहास बदले और कई रिकॉर्ड टूट गए। इसके अलावा अंधविश्वास को भी गहरी चोट पहुंची। 21 मार्च 2022 को बतौर मुख्यमंत्री की दूसरी पारी शुरू करते ही पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के विकास और पारदर्शी शासन पर फोकस शुरू कर दिया। सरकारी सिस्टम में सुधार की कवायद तेज हो गई। दूर दराज के क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का जाल बिछाने का रोडमैप तैयार किया गया, जिसे तेजी से धरातल पर उतारा जा रहा है। सामाजिक समरसता कायम करने और कामन सिविल कोड लागू करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जा चुका है। कमेटी कामन सिविल कोड का ड्रफ्ट तैयार कर चुकी है। इसके अलावा हर तरह के माफिया पर शिकंजा कसते हुए आम लोगों को राहत पहुंचाई जा रही है। वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का सर्वाेत्तम प्रदेश बनाने के लक्ष्य की ओर धामी बढ़ रहे हैं। प्रगति और सुशासन के इस माहौल के बीच कुछ अप्रत्याशित चुनौतियां भी समय समय पर मुख्यमंत्री धामी के सामने आईं।
जुलाई 2022 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जानकारी मिली कि उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से संचालित की जा रही भर्ती परीक्षाओं में लम्बे समय से धांधली हो रही है। एक संगठित गिरोह पेपर लीक कर परीक्षार्थियों से मोटी रकम वसूल रहा है, जिससे पात्र युवाओं का चयन नहीं हो पा रहा है। यह बात सामने आई कि 4-5 दिसंबर 2021 को आयोग ने विभिन्न विभागों में स्नातक स्तर के 916 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की थी। इसके छह माह बाद 22 जुलाई 2022 को उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने भर्ती परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिकायत की। इस पर मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को भर्ती की जांच कराने का आदेश दिया। पुलिस महानिदेशक के आदेश पर रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया और प्रकरण की विवेचना एसटीएफ को सौंपी गई। तफ्तीश से निकला कि आयोग ने लखनऊ के जिस प्रिंटिंग प्रेस आरएमएस टेक्नो साल्यूशंस प्रा. लि. को पेपर छापने और परीक्षा कराने की जिम्मेदारी सौंपी थी, उसके मालिक ने ही नकल माफिया से मिलीभगत कर पेपर लीक किया था। एसटीएफ अब तक प्रिंटिंग प्रेस के मालिक सहित तीन दर्जन से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले में एक चौंकाने वाली बात सामने आई कि सत्ताधारी दल से जुड़ा उत्तरकाशी जिले का जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह भी इस नकल माफिया गिरोह की अहम कड़ियों में से एक है। यह बात सामने आते ही विपक्ष धामी सरकार पर हमलावर हो गया। धामी ने डीजीपी को आदेश दिए कि कोई आरोपी कितना भी रसूखदार क्यों न हो या किसी भी राजनैतिक दल से जुड़ा हो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
इसके बाद विधानसभा में चल रहा नियुक्तियों का गोरखधंधा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संज्ञान में आया। सोशल मीडिया के जरिए बात सामने आई कि विधानसभा में अपने अपनों को रेवड़ियां बांटने का गोरखधंधा वर्ष 2000 में उत्तराखण्ड के पृथक राज्य बनते ही शुरू हो गया था। सरकारें बनीं, बदलीं लेकिन नौकरियां बांटने और बेचने का कारोबार बदस्तूर जारी रहा। श्अपात्रश् नौकरी पाते रहे और श्पात्रश् के हिस्से में सिर्फ निराशा आती रही। ये काम इतने शातिराना तरीके से हुए कि धामी सरकार का राज शुरू होने पर भी नियमों को ताक पर रखकर विधानसभा में 72 नियुक्तियां कर दी गईं। नौकरी पाने वालों में आरएसएस और भाजपा से जुड़े कुछ लोग भी शामिल थे। चूंकि मामला विधानसभा अध्यक्ष के कानूनी अधिकार क्षेत्र का था जिससे सरकार के हाथ बंधे थे। फिर भी मुख्यमंत्री धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी को पत्र लिखकर नियुक्तियों में हुए भाई भतीजेवाद और फर्जीवाड़े की जांच करने और अवैध नियुक्तियों को तत्काल निरस्त करने का आग्रह करके सबको चौंका दिया। उनका यह कदम लीक से हटकर है। अब तक के मुख्यमंत्री बाखबर होते हुए भी श्सब चलता है चलता रहेगाश् की सोच से बंधे रहे। जब धामी ने पत्र लिखा तो उस वक्त विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी विदेश दौरे पर थीं। लौटते ही उन्होंने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए उच्चस्तरीय जांच कमेटी गठित की और विवादित सचिव को फोर्स लीव पर भेज दिया। उसी समय कार्रवाई इतनी सख्ती से की गई कि सचिव का दफ्तर तक सील करवा दिया गया। जांच कमेटी को हर हाल में एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए। इस कार्रवाई में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी को सीएम धामी का पूरा सपोर्ट मिला। कमेटी ने दिन रात एक करते हुए विधानसभा में नियुक्तियों से सम्बंधित सभी दस्तावेज खंगाले और निर्धारित समयावधि से पहले ही अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दी। रिपोर्ट के आधार पर विधानसभध्यक्ष ने इस रिपोर्ट की सिफारिश के आधार पर 2016 में हुईं 150 तदर्थ नियुक्तियां, 2020 में हुईं 6 तदर्थ नियुक्तियां, 2021 में हुईं 72 तदर्थ नियुक्तियां और उपनल के माध्यम से हुईं 22 नियुक्तियां रद्द कर दीं। विधानसभा सचिव को भी निलम्बित कर दिया गया। समिति ने अपनी जांच में पाया है कि इन भर्तियों में नियमों का पालन नहीं किया गया। न विज्ञप्ति निकाली और न आवेदन मांगे, अपनाई गई यह प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद-14 और अनुच्छेद-16 का उल्लंघन है। किसी मुख्यमंत्री के लिए इस तरह के मामलों में कार्रवाई की पहल करना इतना आसान नहीं होता क्योंकि रद्द की गईं 250 नियुक्तियों में से 72 तदर्थ नियुक्तियां 2021 में भाजपा शासनकाल में ही हुई थीं। फिर भी उन्होंने पूरी निष्पक्षता से मामले की जांच करने और नियमों के विरुद्ध हुई नियुक्तियों को निरस्त करने का लिखित आग्रह विधानसभा अध्यक्ष से किया।
उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और फिर विधानसभा में करीबियों को नियम विरुद्ध नौकरियां दिए जाने के विवाद अभी थमे नहीं थे कि रूह कंपा देने वाला एक हत्याकाण्ड सामने आ गया। योग नगरी ऋषिकेश के पास एक आलीशान रिजॉर्ट में अंकिता भण्डारी नाम की लड़की की हत्या कर दी गई। इस हत्याकाण्ड से पूरे उत्तराखण्ड के उबाल आ गया। पुलिस जांच में रिजॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य और उसके दो मैनेजर हत्यारे निकले। पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य पूर्व दर्जाधारी राज्य मंत्री रहे हैं जबकि उसका भाई अंकित आर्य मौजूदा समय में उत्तराखण्ड पिछड़ा वर्ग आयोग का उपाध्यक्ष था। दोनों ही भाजपा के सदस्य थे। यह तथ्य सामने आते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने के आदेश दिए। इसके साथ ही इस हत्याकाण्ड को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की पहल भी की है ताकि आरोपियों को जल्दी से जल्दी सख्त से सख्त सजा दिलाई जा सके। इधर, भाजपा ने भी मुख्य आरोपी पुलकित के पिता विनोद आर्य और भाई अंकित आर्य को भाजपा से निष्कासित कर दिया है। अंकित आर्य को उत्तराखण्ड पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। भ्रष्टाचार, अनियमितता और उपराध से जुड़े इन तीनों मामलों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आरोपियों पर जिस तरह से निष्पक्ष और कड़ी कार्रवाई की है, उससे युवाओं में उम्मीद बंधी है कि भविष्य में उनके हक सुरक्षित रहेंगे।

जन्मदिन की पूर्व संध्या पर छात्रावास के बच्चों के साथ केक काटा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार को दिल्ली से लौटते के बाद बनियावाला देहरादून स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय बालिका छात्रावास में बेसहारा और निर्धन बच्चों के बीच पहुंचे। मुख्यमंत्री ने अपने जन्मदिन की पूर्व संध्या पर छात्रावास के बच्चों के साथ केक काटा और बच्चों को उपहार देकर उनके साथ कुछ समय बिताया। मुख्यमंत्री ने बच्चों के साथ बैठ कर भोजन भी किया तथा अपने हाथों से बच्चों को भोजन कराया। इस अवसर पर बच्चों की ओर से रंगारंग प्रस्तुतियां भी दी गई।
मुख्यमंत्री को अपने बीच देखते हुए बच्चे उत्साहित दिखे। बच्चों ने दीप जलाकर, गायत्री मंत्र और गणेश वंदना करते हुए मुख्यमंत्री के स्वस्थ और दीर्घ जीवन की कामना की। मुख्यमंत्री ने वृक्षारोपण भी किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा जीवन में जो भी कार्य करें, पूर्ण मनोयोग के साथ करें। उन्होंने कहा की जीवन में जिस भी क्षेत्र में कार्य करना चाहते हैं, उसके लिए अभी से लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़े। जब हम किसी लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए पूरे मनोयोग से कार्य करते हैं, तो उसमें सफलता जरूर मिलती है। उन्होंने कहा कि जीवन में जिस भी क्षेत्र में कार्य करना चाहते हैं, लीडर की भूमिका में कार्य करें।
इस अवसर पर शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी एवं शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

गोर्खाली महिला हरितालिका तीज महोत्सव में कैबिनेट मंत्री अग्रवाल ने किया प्रतिभाग

क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने माता हिमालय देवी मंदिर समिति साहब नगर तथा गोर्खाली सुधार सभा छिद्दरवाला की ओर से आयोजित हरितालिका तीज कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उन्होंने सभी गोर्खाली समाज की व्रती महिलाओं को शुभकामनाएं दी। इस मौके पर साहब नगर स्थित हिमालय माता मंदिर में कक्ष के निर्माण के लिए विधायक निधि से पांच लाख रुपए देने की घोषणा भी की।
शुक्रवार को साहब नगर में आयोजित गोर्खाली महिला हरितालिका तीज महोत्सव कार्यक्रम में डा. अग्रवाल बतौर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। उन्होंने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया। डा. अग्रवाल ने कहा कि हरितालिका तीज का विशेष महत्व है। गोर्खाली समाज की महिलाओं को इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है। कहा कि इस व्रत से महिलाओं को सुहागिनी होने का गौरव प्राप्त होता है।
डा. अग्रवाल ने कहा कि हरितालिका तीज भगवान शिव और पार्वती जी को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि मां पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए 107 बार तप व व्रत लिया था, 108वीं बार तप और व्रत में उन्हें भगवान शिव पति के रूप में प्राप्त हुए थे।
डा. अग्रवाल ने कहा कि गोर्खाली समाज की महिलाओं सहित अन्य समुदाय के लोगों में भी अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए इस व्रत को लिया जाता हैं। इस मौके पर उन्होंने महिलाओं को हरितालिका तीज की बधाई दी।
इस अवसर पर ब्लॉक प्रमुख भगवान सिंह पोखरियाल, नगर पालिका अध्यक्ष डोईवाला सुमित्रा मनवाल, अध्यक्ष तीज कमेटी संगीता गुरुंग, गोर्खाली सभा अध्यक्ष केके थापा, दिल बहादुर खत्री, प्रधान सोबन कैंतुरा, अम्बर गुरुंग, अमर खत्री, समा पंवार, विमला नैथानी, लक्ष्मी गुरुंग, अनिता राणा, माया घले, शिवकुमार गौतम, पूजा क्षेत्री, शबनम थापा, मानवेंद्र कंडारी, आरती थापा, हेमलता मल्ल सहित हिमालय देवी मंदिर समिति आदि गोर्खाली सुधार सभा छिद्दरवाला की महिलाएं उपस्थित रही।

नई शिक्षा नीति का लक्ष्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करना है-अग्रवाल

श्री देवसुमन विश्वविद्यालय की ओर से भौतिक विज्ञान में उन्नति, समाजिक कल्याण को बढ़ावा देने तथा सतत विकास और एनईपी के विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया।
शुक्रवार को विश्वविद्यालय के ऋषिकेश कैंपस में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रथम दिन डॉ अग्रवाल ने कहा कि सुव्यवस्थित, सुसंगठित और क्रमबद्ध ज्ञान को ही विज्ञान कहते हैं। हमारे देश में प्राचीन काल से ही विज्ञान के साथ-साथ भौतिक का महत्व रहा है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि हमारा राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम, एक सकारात्मक अभियान था, न कि केवल एक विदेशी हुकुमत से पीछा छुडाने की साधारण बात। कहा कि इसी अभियान ने आधुनिक विज्ञान को तकनीकी एवं उद्योगों के लिए तैयार करना शुरू किया।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि कार्य केन्द्रित शिक्षा में भौतिकी शिक्षक का अपना महत्व है। समाज में आधुनिकीकरण की आवश्यकता के लिए और वैज्ञानिक अभिवृद्धि के विकास को भौतिक विज्ञान की महत्वता और भी बढ़ जाती है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति का लक्ष्य सतत विकास के लिए 2030 के एजेण्डे के चौथे लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करना है। यह देश की पारंपरिक मूल्य प्रणालियों का निर्माण करती है और साथ ही प्रत्येक छात्र की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शिक्षा प्रणाली को अधिक अनुभवात्मक, वैज्ञानिक, रचनात्मक और व्यक्तिगत बनाने हेतु अनेक सुधार प्रस्तुत करती है।
डॉ अग्रवाल ने विश्वास जताते हुए कहा कि इस संगोष्ठि में भौतिक एवं आभासीय माध्यम से जुड़े विषय विशेषज्ञ एवं शोधार्थी संगोष्ठी के विषय पर व्यापक विचार विमर्श करेंगे तथा एक ऐसे निष्कर्ष पर पहुंचेंगे जो कि देश की उन्नति एवं उसे विश्वगुरू बनाये रखने में अनोखे आयाम स्थापित करेगा।
इस अवसर पर श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एनके जोशी, प्राचार्य ऋषिकेश परिसर प्रोफेसर एनएस रावत, पार्षद शिवकुमार गौतम, छात्र संघ महासचिव अमन पांडे, छात्र संघ उपाध्यक्ष केशव पोरवाल, पूर्व छात्र संघ विश्वविद्यालय प्रतिनिधि नितिन सक्सेना, प्रोफेसर सुरेंद्र सिंह, प्रोफेसर गुलशन ढींगरा, प्रोफेसर वाईके शर्मा, प्रोफेसर वीके गुप्ता, प्रोफेसर वीएन गुप्ता, प्रोफेसर आशीष शर्मा, डॉ दयाधर दीक्षित, प्रोफेसर कल्पना पंत, प्रोफेसर समिता बसेरा, प्रोफेसर समिता बडोला, डॉ प्रीति खंडूरी, डॉक्टर सीमा बेनीवाल सहित सैकड़ो की संख्या में प्रोफेसर व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

स्वास्थ्य सचिव ने सीएमओ-सीएमएस सहित दो चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की

डेंगू की मौजूदा स्थिति का जायजा लेने के लिए स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने तकनीकी विशेषज्ञ/राज्य कार्यक्रम नोडल अधिकारी डॉ पंकज सिंह के साथ बीते रोज पौड़ी जनपद के कोटद्वार बेस अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। स्वास्थ्य सचिव को अपने निरीक्षण के दौरान बेस अस्पताल में कई खामियां देखने को मिली। डेंगू वार्ड सहित अस्पताल में फैली तमाम अव्यवस्थाओं पर उन्होंने कड़ी नाराजगी की थी। जिसके बाद उन्होंने मौके पर ही अधिकारियों को संबधित चिकित्सकों को खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये थे। जिसके बाद आज शासनस्तर से संबधित अधिकारियों सीएमओ, सीएमएस सहित दो डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिश जारी कर दिये गये हैं।
गौरतलब है कि कोटद्वार के स्थानीय लोगों, समाजिक संगठनों, विभिन्न पार्टी के पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य सचिव से शिकायत की थी कि बेस अस्पताल में डेंगू की रोकथाम के साथ ही मरीजों के इलाज में घोर लापरवाही बरती जा रही है। जिससे मरीजों को इलाज में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने तकनीकी विशेषज्ञ/राज्य कार्यक्रम नोडल अधिकारी डॉ पंकज सिंह के साथ बेस अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक स्वास्थ्य सचिव के मरीजों के इलाज से सबंधित प्रशनों का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये। इसके साथ ही डेंगू मरीजों के इलाज में स्वास्थ्य सचिव को कोताही देखने को मिली। मरीजों की केस हिस्ट्री पूछने पर चिकित्सकों के पास कोई जवाब नहीं था। जिस पर स्वास्थ्य सचिव ने कार्रवाही के निर्देश जारी कर दिये हैं। स्वास्थ्य सचिव के द्वारा सीएमओ पौड़ी प्रवीण कुमार, सीएमएस कोटद्वार डॉ0 विजयेश भारद्वाज को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। वहीं वरिष्ठ फिजीशियन डॉ जगदीश चन्द्र ध्यानी और पैथोलॉजिस्ट डॉ0 सुप्रिया को स्पष्टीकरण नोटिश जारी करने के साथ ही अग्रिम आदेशों तक उनका वेतन रोकने के आदेश जारी किये गये हैं।
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा कि राज्य में डेंगू की रोकथाम के लिए महाअभियान चलाया जा रहा है। डेंगू मरीजों के इलाज में किसी भी प्रकार की कोई कोताही बदार्शत नहीं की जायेगी। कोटद्वार बेस अस्पताल में संबधित चिकित्सकों के खिलाफ अपने कार्यों में लापरवाही पर कार्रवाही की गई है। डेंगू रोकथाम और मरीजों को बेहत्तर इलाज देना हमारी प्राथमिकता है। पहले ही गाइडलाइन जारी कर दी गई है। प्रदेश में सभी संबधित अधिकारियों को इसको लेकर निर्देश पहले ही दे दिये गये हैं। बावजूद इसके डेंगू मरीजों के इलाज या अन्य किसी भी प्रकार की कोई शिकायत सामने आती है तो जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

सीएम धामी से मिलकर आईटीसी ने 5000 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया

ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के करटेन रेजर के मौके पर आज आईटीसी ने 5000 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव उत्तराखंड सरकार को दिया। महिन्द्रा हॉलीडेज एण्ड रिसोर्ट इण्डिया लिमिटेड के साथ 1000 करोड़ और ई-कुबेर के साथ 1600 करोड़ रुपए के निवेश का एमओयू किया गया। पहले ही दिन इतने बड़े निवेश प्रस्ताव पर सहमति यह दिखाती है कि निवेशक उत्तराखण्ड को लेकर कितने ज़्यादा उत्सुक हैं और सरकार भी कितनी तत्पर है। महिन्द्रा हॉलीडेज एण्ड रिसोर्ट इण्डिया लिमिटेड उत्तराखण्ड में अगले तीन महीने में 1000 करोड़ के निवेश के साथ विभिन्न स्थानों पर 4/5 रिजोर्ट स्थापित करने जा रहा है। इससे 1500 लोगो के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे। पूरे देश में यह महिन्द्रा हॉलीडेज एण्ड रिसोर्ट इण्डिया लिमिटेड का किसी भी राज्य में सबसे बड़ा निवेश है।
उत्तराखंड में आगामी दिसम्बर माह में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर नई दिल्ली स्थिति होटल ताजमहल में कर्टेन रेजर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड-ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखण्ड एक युवा राज्य के रूप में तेजी से उभर रहा है जहां उद्योगों के लिए अपार सम्भानाएं हैं। राज्य में ईज आफ डूइंग बिजनेस के साथ-साथ पीस आफ डूइंग बिजनेस भी है। उत्तराखण्ड राज्य में कार्यरत उद्योगों में श्रमिक असन्तोष की घटनायें ना के बराबर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ-साथ सुगम व्यवसायिक वातावरण तैयार करने के विजन के साथ सरकार काम कर रही है। राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिये विशेष नीतियां लागू करने के साथ ही आकर्षक वित्तीय प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है। इन नीतियों में प्रमुख रूप से पर्यटन नीति-2023, एमएसएमई नीति-2023, स्टार्टअप नीति-2023, लॉजिस्टिक्स नीति-2023, निजी औद्योगिक आस्थानों की स्थापना हेतु नीति-2023 शामिल हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड को प्राकृतिक विरासत के साथ राष्ट्र में सबसे तेजी से बढती अर्थ व्यवस्था के रूप में विकसित करने के लिए सरकार संकल्पवद्ध है। राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिये सशक्त उत्तराखण्ड मिशन लॉच किया गया है, जिसके तहत अगले 5 वर्षों में राज्य की एसजीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य द्वारा इस लक्ष्य की प्राप्ति की कड़ी के रूप में उत्तराखण्ड ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 का आयोजन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 1200 से अधिक ऐसे अधिनियमों को चिन्हित किया है, जो वर्तमान में अनुपयोगी हैं और इनमें से लगभग 500 अधिनियमों को सिंगल रिपील एक्ट के माध्यम से विलोपित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में वर्तमान में लगभग 6000 एकड़ का लैण्ड बैंक विभिन्न सैक्टर के उद्योगों की स्थापना हेतु उपलब्ध है। राज्य में रेल, रोड एवं एयर कनेक्टिविटी में लगातार सुधार हुआ है। देहरादून एयरपोर्ट से विभिन्न शहरों के लिये सीधी वायु सेवा उपलब्ध हो गई है। देहरादून एवं पंतनगर एयरपोर्ट का विस्तार भी किया जा रहा है। रेलवे नेटवर्क के विकास एवं उन्नयन के तहत ऋषिकेश – कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण का कार्य प्रगति पर है। राज्य में चार धाम यात्रा को सुगम बनाने के लिये ऑल वेदर रोड का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के उद्यमी ही हमारे ब्राण्ड एम्बेसडर हैं और राज्य में निवेश बढ़ाने में उनकी सबसे अधिक सहभागिता है। हमारी सरकार सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के आधार पर कार्य कर रही है और यह तभी सम्भव है, जब उद्योग संघों से निरन्तर संवाद कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि काशीपुर में अरोमा पर्क, सितारगंज में प्लास्टिक पार्क, काशीपुर में इलैक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर तथा अमृतसर कोलकाता इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना की दिशा में प्रभावी कदम उठाये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यटकों एवं श्रद्वालुओं की सुविधा हेतु सभी स्थलों पर नवाचार के माध्यम से सुविधाओं का विकास किया जा रहा है निर्यात् को बढ़ावा देने के लिये भी नीति निर्धारित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी पौराणिक स्थलों के विकास का हमारा लक्ष्य ह। चारधाम आदिकैलाश की भांति कुमाऊं क्षेत्र के मंदिरों का मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के तहत सर्किट बनाया जा रहा है। इसमें राज्य में धार्मिक पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि में कर्म करना हम सबका सौभाग्य है। राज्य का वातावरण पूर्णतः उद्यमियों के अनुकूल है। उत्तराखण्ड का 71 प्रतिशत भूभाग वनों से आच्छादित हैं। हेल्थ वेलनेस के साथ ऊर्जा का भी यह श्रोत है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ आपदा के बाद आज भव्य केदार बन गया है। शीघ्र ही केदारनाथ एवं हेमकुण्ड साहिब के लिए रोपवे का निर्माण हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में गढ़वाल व कुमाऊं मण्डलों में एक-एक शहर बसाया जाएगा। हरिद्वार ऋषिकेश में गंगा कॉरीडोर का निर्माण के साथ हरकी पैड़ी की भांति महाभारत काल की भांति यमुना की भी आरती हेतु कालसी के पास हरिपुर में घाट निर्माण का शिलान्यास किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड ने राज्य में उत्पादित/निर्मित 9 उत्पादों में जीआई टैग हासिल किये हैं। इन जीआई टैगों में कुमांऊ ब्यूरो ऑयल, मुनस्यारी राजमा भोटिया दन, ऐपण रिंगाल, ताम्र उत्पाद, धुलमा, तेजपत्ता तथा बासमती चावल शामिल हैं। राज्य सरकार द्वारा नेटल (बिच्छू घास). पिछौड़ा, आर्टिस्टिक कैण्डल मुखौटा एवं मन्दिर प्रतिकृत आदि कुछ अन्य उत्पादों में जीआई टैग के लिये आवेदन किया गया है। उन्होंने कहा कि उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की ‘ईज आफ डूईंग बिजनेस’ रैंकिंग में वर्ष 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स श्रेणी में ( 8वें स्थान पर) शामिल है। जबकि नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2022 के निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखण्ड राज्य हिमालयी राज्यों में प्रथम स्थान पर, जबकि सम्पूर्ण देश में 9वें स्थान पर है। उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की LEADS रैंकिंग में वर्ष 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य अचीवर्स श्रेणी में शामिल है। इसी प्रकार स्टार्टअप रैंकिंग में ‘लीडर’ श्रेणी में शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश प्रोत्साहन एवं संवर्द्धन हेतु उद्योग निदेशालय स्तर पर एक समर्पित इन्वेस्टर फैसिलिटेशन सेल की स्थापना की है, जो निवेशकों / व्यवसायियों के लिये ‘वन स्टॉप शॉप’ के रूप में डेडीकेटेड हैण्डहोल्डिंग सपोर्ट उपलबध करा रहा है। रू0 5.00 करोड़ से अधिक के पूंजी निवेश करने वाले उद्यमियों के लिये एक डेडीकेटेड रिलेशनशिप मैनेजर की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। निवेशकों को उद्योगों की स्थापना के लिये अपेक्षित अनुमोदन/अनुज्ञा/स्वीकृति हेतु राज्य में ऑनलाईन सिंगल विण्डो क्लीयरेंस पोर्टल investuttarakhand.uk.gov.in की स्थापना की गई है।
मुख्य सचिव डॉ एस.एस.संधु ने बताया कि उत्तराखण्ड निवेश के लिये उद्यमियों के लिए बेहतर डेस्टिनेशन हैं। दिल्ली एनसीआर के नजदीक होने के नाते बेहतर सड़क सुविधाओं के विकास द्वारा यह दूरी शीघ्र ही ढाई घण्टे में पूरी होने वाली हैं। इसी प्रकार हरिद्वार, कोटद्वार, रूद्रपुर, काशीपुर, टनकपुर के लिए भी सड़क सुविधाओं से यहां की दूरी भी कम समय में तय हो सकेगी। पर्यावरण की दृष्टि से भी उत्तराखण्ड उद्योगों के अनुकूल है। हमारे प्रदेश में पानी का कोई विवाद नही हैं बिजली की पर्याप्त उपलब्धता है। राज्य के बेहतर इकोसिस्टम से लोग राज्य के प्रति आकर्षित हो रहे है।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य में देश के विभिन्न राज्यों की उद्योग एवं निवेश से संबंधित नीतियों का अध्ययन कर नीति तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक उद्यमी राज्य से जुड़े, इसके लिए उद्योगों के अनुकूल नीतियां एवं सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है।

लंदन, सिंगापुर, ताइवान में आयोजित किए जाएंगे इंटरनेशनल रोड शो
उत्तराखण्ड ग्लोबल इंवेस्टर समिट की तैयारियों को उत्तराखण्ड सरकार ने पूरी तरह से तैयार है। समिट को लेकर विदेश में पहला अंतरराष्ट्रीय रोड शो 25 सितंबर से 28 सितंबर तक लंदन में होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इसमें शामिल होंगे। इसके बाद अक्टूबर के पहले हफ्ते में सिंगापुर और ताइवान में रोड शो होंगे। वहीं दुबई और अबू धाबी में 16 से 20 अक्टूबर तक रोड शो के जरिये विदेशी निवेशकों को उत्तराखंड में निवेश के लिए आकर्षित किया जाएगा।

विदेश में होने वाले रोड शो में राज्य सरकार की ओर से अधिकारियों की टीम भी जाएगी। इसके बाद देश में 3 अक्टूबर को पहला रोड शो दिल्ली में आयोजित होगा, उसके बाद 6 और रोड शो होंगे, जो अहमदाबाद, चंडीगढ़, मुंबई, बेंगलुरू, चेन्नई और हैदराबाद में आयोजित होंगे। राज्य सरकार द्वारा निवेशक सम्मेलन के माध्यम से कम से कम ढाई लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है।

राज्य में दिसंबर माह में होने वाली इन्वेस्टर समिट को लेकर उद्योग जगत में उत्साह का माहौल

उत्तराखंड में दिसंबर में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर उत्तराखंड सरकार की तैयारियों व नीतियों से देश के बड़े उद्योग घराने खासे प्रभावित हैं। महिंद्रा हॉलीडेज, आईटीसी, ई-कुबेर जैसी नामी कंपनियों ने इन्वेस्टर समिट को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किए जा रहे कार्यों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की है।
ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के दिल्ली में आयोजित करटेन रेजर कार्यक्रम के मौके पर आज आईटीसी ने 5000 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया जबकि उत्तराखंड सरकार ने ई-कुबेर के साथ 1600 करोड़ और महिंद्रा हॉलीडेज के साथ एक हजार करोड़ के निवेश पर एमओयू किया।
महिंद्रा हॉलीडेज एन्ड रिसोर्ट इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सीईओ कविंदर सिंह ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा दिए गए सक्रिय समर्थन, राज्य के लोगों के आतिथ्य के प्रति आकर्षण और एक मजबूत पर्यटन नीति से प्रोत्साहित होकर, हमारा लक्ष्य अपने सबसे बड़े निवेश के साथ उत्तराखंड सरकार के साथ साझेदारी करना है। आईटीसी कंपनी ने भी राज्य में पांच हजार करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है, जो यह दर्शाता है कि उत्तराखंड सरकार की आकर्षक नीतियों के मद्देनजर यह ग्रुप भी राज्य में बड़े निवेश हेतु तैयार हैं।
इसी तरह से, जुबिलेंट फार्माेवा लिमिटेड व ओबेरॉय समूह के अधिकारियों ने उत्तराखंड में अपनी भविष्य की योजनाओं को लेकर मुख्यमंत्री के साथ विस्तृत चर्चा की और राज्य में निवेश के प्रति अपनी योजनाओं के बारे में चर्चा की।

आयुष्मान भव अभियान के तहत प्रदेशभर में चलाया जायेगा जागरूकता कार्यक्रम

प्रदेश में आगामी 17 सितम्बर से आयोजित होने वाले आयुष्मान भव अभियान के तहत रक्तदान हेतु पंजीकरण के साथ-साथ अंगदान, नेत्रदान एवं देहदान के लिये भी जनजागरूकता अभियान चलाया जायेगा। जिसके तहत तीन माह के दौरान रक्तदान हेतु दो लाख लोगों का पंजीकरण कराने तथा अंगदान व देहदान हेतु 10 हजार लोगों का पंजीकरण एवं शपथ का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान को सफल बनाने में स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ मेडिकल कॉलेज, उच्च शिक्षण संस्थान, एनएसएस, स्काउट्स-गाइड, रेडक्रॉस सोसाइटी व स्वयंसेवी संस्थाएं भी अपना योगदान देगी।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने आज अपने शासकीय आवास पर स्वास्थ्य एवं उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ ही विभिन्न संगठनों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर आयुष्मान भव अभियान के आयोजन को लेकर विस्तृत चर्चा की। डॉ. रावत ने बताया कि प्रधानमंत्री के जन्मदिवस 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक चलने वाले सेवा पखवाड़ा एवं 31 दिसम्बर तक चलने वाले आयुष्मान आपके द्वारा 3.0 कार्यक्रम के तहत प्रदेशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। जिनकी रूपरेखा तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान प्रत्येक विधानसभा के अंतर्गत 10-10 रक्तदान शिविरों का आयोजन कर रक्तदान कराने के साथ ही दो लाख लोगों का रक्तदान हेतु पंजीकरण का भी लक्ष्य रखा गया है। इसी प्रकार प्रदेशभर में जनजागरूकता अभियान चलाकर 10 हजार लोगों को देहदान एवं अंगदान के लिये तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिये स्वैच्छिक रूप से तैयार लोगों को नेत्रदान, अंगदान व देहदान के लिये आयोजित होने वाले शिविरों में शपथ पत्र भरवाये जायेंगे। इसके अलावा अंगदान एवं देहदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से शीघ्र ही प्रदेश के प्रत्येक मेडिकल कॉलेजों में दधीची दीवार की स्थापना की जायेगी, जिस पर अंग एवं देह दानियों के नाम अंकित किये जायेंगे। डॉ. रावत ने बताया कि आयुष्मान भव अभियान के तहत आयुष्मान कार्ड बनाने से वंचित रहे गये लोगों के आयुष्मान कार्ड एवं शत-प्रतिशत लोगों की आभा आईडी बनाई जायेगी। जिन ग्राम पंचायतों एवं शहरी वार्डों में शत-प्रतिशत आयुष्मान कार्ड बनाये जायेंगे उन्हें आयुष्मान ग्राम पंचायत एवं आयुष्मान शहरी वार्ड घोषित किया जायेगा। इसे अलावा राजकीय संयुक्त चिकित्सालयों व आयुष्मान हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स में साप्ताहिक स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया जायेगा जहां पर चिकित्सकों द्वारा स्थानीय लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही गैर संचारी रोंगों की जांच की जायेगी।
बैठक में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. ए.एस. उनियाल, दधीचि देहदान समिति के संरक्षक विजय जी, अध्यक्ष डॉ. मुकेश गोयल, महासचिव नीरज पाण्डे सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

स्वास्थ्य सचिव को डेंगू के बारे में सही जानकारी नहीं दे पाए बेस अस्पताल के डॉक्टर

प्रदेश में डेंगू की रोकथाम को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में स्वास्थ्य सचिव लगातार जनपदवार डेंगू प्रभावित इलाकों के साथ ही अस्पतालों का भी दौरा कर रहे हैं। सबसे ज्यादा डेंगू प्रभावित देहरादून और हरिद्वार जनपद के बाद स्वास्थ्य सचिव का काफिला आज पौड़ी जनपद के कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र पहुंचा। जहां स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कोटद्वार बेस अस्पताल का निरीक्षण किया।
इस दौरान कोटद्वार बेस अस्पताल में स्वास्थ्य सचिव को कई खामियां मिली हैं। स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने सीएमओ पौड़ी डॉ. प्रवीन कुमार को जल्द खामियां सुधारने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान डेंगू आइसोलेशन वार्ड में बेस अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन स्वास्थ्य सचिव के सवालों के जवाब नहीं दे पाए। जिस पर स्वास्थ्य सचिव ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए फटकार लगाई। अस्पताल के निरीक्षण के बाद स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने कोटद्वार के कलालघाटी में मेडिकल कॉलेज के लिए चिंहित भूमि का भी निरीक्षण किया। उन्होंने सीएमओ को भूमि की पैमाइश के साथ ही उक्त भूमि के चारों तरफ से बांउड्री बाल करने के निर्देश दिये।
गुरूवार को कोटद्वार पहुंचे प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने कोटद्वार बेस अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड, एमआरआई, एक्सरे समेत डेंगू आईसोलेशन वार्ड का निरीक्षण किया। डेंगू आईसोलेशन वार्ड के निरीक्षण के दौरान वार्ड में भर्ती एक मरीज की प्लेटलेट्स अधिक कम होने पर वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. जेसी ध्यानी और सीएमएस डॉ. विजयेश भारद्वाज से जानकारी ली। स्वास्थ्य सचिव उनके जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आये। उन्होंने मरीज के बेहत्तर इलाज के लिए निर्देशित किया। इसके साथ ही उन्होंने डेंगू वार्ड में भर्ती मरीजों से भी स्वास्थ्य सुविधाओं के बारें में विस्तार से जानकारी ली। इसके साथ ही उन्होंने अस्पताल के जच्चा-बच्चा कक्ष में भर्ती महिलाओं और वहां मौजूद आशा कार्यकत्री से गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि के साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए शुरू की गई योजना से संबंधित जानकारी प्राप्त की। इसके साथ ही आशाओं और संबधित अधिकारियों को लाभार्थियों तक सभी योजनाओं का लाभ पहुंचाने हेतु निर्देशित किया।

बेस अस्पताल की पैथोलॉजी लैब में मिली खामियां
इसके बाद स्वास्थ्य सचिव ने अस्पताल की पैथोलॉजी लैब का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान लैब में भारी खामियां मिली हैं। लैब में मरीजों के प्लेटलेट्स की रिपोर्ट हाथ से लिखी जा रही थी, जिस पर स्वास्थ्य सचिव ने रिपोर्ट को कम्प्यूटराइजड करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा डेंगू को लेकर लिए जाने वाले सैंपल की वाईबिलटी 24 घंटे होती है। रिपोर्ट संदिग्ध लगने पर पुनः पुष्टि करने के लिए सैंपल का उपयोग किया जा सकता है। इससे पहले लैब में इन सैंपलों को एक बार चौक करने के बाद नष्ट कर दिया जा रहा था।

निजी लैबों की जांच के आदेश
स्वास्थ्य सचिव ने सीएमओ पौड़ी प्रवीन कुमार को कोटद्वार शहर की उन लैबों की जांच करने के भी निर्देश दिए हैं, जिनमें डेंगू के टेस्ट हो रहे हैं। स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने बताया कि जनपद पौड़ी में डेंगू के 121 केस हैं। स्वास्थ्य विभाग जल्द ही डेंगू को लेकर एक वृहद अभियान चलाने जा रहा है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ नगर निगम समेत अन्य विभागों का साथ आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर पांच से अधिक डेंगू के मरीज पाए जाएंगे, वहां कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा। घर-घर जाकर सोर्स रिडक्शन का कार्य किया जाएगा। शुक्रवार से सभी विभाग एक साथ मिलकर डेंगू को लेकर महाअभियान चलाने जा रहे हैं, जिसमें जिलाधिकारी आशीष चौहान और सीएमओ पौड़ी डॉ. प्रवीन कुमार को निर्देशित किया गया है। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रवीण कुमार, डॉ पंकज सिंह, कार्यक्रम अधिकारी एनएचएम, डॉ विजयेश भारद्वाज, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सौरभ सैनी, नगर आयुक्त वैभव गुप्ता, सहायक नगर अधिकारी अजहर अली, मौजूद रहे।

वहीं स्वास्थ्य सचिव ने अपने कोटद्वार दौरे के दौरान स्थानीय लोगों, समाजसेवियों व विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। बेस अस्पताल से संबधित उनकी समस्याओं को सुना तथा उनके सुझावों पर अमल का भरोसा दिया। इस दौनान कोटद्वार भाजपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावत और नगर अध्यक्ष पंकज भाटिया ने भी स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार से मुलाकात की। भाजपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कोटद्वार बेस अस्पताल में डेंगू को लेकर चिकित्सकों द्वारा गंभीरता से इलाज न करने के बात कही। जिस पर स्वास्थ्य सचिव ने जल्द अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारने के और सभी मरीजों को बेहत्तर इलाज के लिए उन्हें आश्वस्त किया।

बागेश्वर उपचुनाव-पहाड़ में सीधे मुकाबले में कम बड़ी नहीं है 2405 वोटो की जीत

बागेश्वर उपचुनाव का नतीजा बहुत कुछ दर्शा गया। भाजपा प्रत्याशी पार्वती देवी 2405 वोटों से चुनाव जीत चुकी है। भाजपा प्रत्याशी की ये जीत पार्टी के भीतर ही कई लोगों को हजम नहीं हो रही है। जबकि 2022 का मुख्य चुनाव और 2023 के उपचुनाव के नतीजों के आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। उपचुनाव के सीधे मुकाबले में 2405 वोटों की जीत मामूली नहीं है। भाजपा प्रत्याशी को पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले 1036 वोटो की बढ़त भी मिली है। आंकड़े तस्दीक कर रहे हैं कि किस तरह बागेश्वर उपचुनाव में सीएम पुष्कर सिंह धामी का जादू चला। किस तरह सीएम धामी के दो दिन के चुनावी दौरे ने पूरे चुनाव की तस्वीर ही पलट दी।
बागेश्वर उपचुनाव 2023 कई मायनों में मुख्य चुनाव 2022 से बिल्कुल अलग रहा। 2022 में जहां मुकाबला त्रिकोणीय था, वहीं 2023 में सीधा मुकाबला था। कांग्रेस के मौजूदा प्रत्याशी रहे बसंत कुमार 2022 के चुनाव में आम आदमी पार्टी से प्रत्याशी थे और चुनाव में 16100 वोट हासिल करने में सफल रहे थे। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 20100 वोट मिले थे। भाजपा से चुनाव जीते चंदनराम दास को 32 हजार वोट मिले थे। इस तरह यदि 2022 में कांग्रेस और आप के वोट मिला दिए जाते, तो भाजपा 2022 में करीब चार हजार वोट पीछे थे। इस बार बसंत कुमार कांग्रेस के ही टिकट से चुनाव मैदान में थे। इस तरह वो 2022 के चुनाव को देखते हुए 36 हजार वोट की मनोवैज्ञानिक बढ़त में थे। क्योंकि आप के टिकट पर 16 हजार वोट हासिल करके उन्होंने साबित कर दिया था कि ये 16 हजार वोट उनका अपना वोट बैंक है। इस वोट में कांग्रेस के 20 हजार वोट जुड़ने से आंकड़ा 36 हजार के पास पहुंच गया था।
2023 के उपचुनाव में सीधा मुकाबला होने से ये साफ था कि चुनाव कांटे का रहेगा। भाजपा को न सिर्फ कांग्रेस, आप के 36 हजार वोट के हिसाब से अपनी फिल्डिंग सजानी थी, बल्कि जीत का मार्जिन भी बढ़ाना था। 2022 के मुकाबले देखा जाए तो बसंत कुमार के रूप में कांग्रेस को साढ़े पांच हजार वोट कम मिला है। जबकि भाजपा उपचुनाव में पांच प्रतिशत कम वोटिंग होने के बावजूद अपना वोटबैंक 2022 के मुकाबले बढ़ाने में कामयाब रही। 2022 में स्व. चंदनराम दास को 32 हजार वोट मिले थे, जबकि इस बार पार्वती देवी को 33247 वोट मिले। जबकि वोटिंग पिछले चुनाव के मुकाबले कम रही। यूकेडी, सपा, परिवर्तन पार्टी नाममात्र के वोटों में ही सिमट कर रह गई।
इसके साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी ने कुछ कारणों से पूरे क्षेत्र में अपने लिए सहानुभूति का ग्राफ बहुत बढ़ा दिया था। जो लोग मान कर चल रहे थे कि चंदनराम दास के निधन के बाद सहानुभूति पार्वती देवी को मिलेगी, लेकिन वो सहानुभूति कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में रही। भाजपा के भीतर भी एक गुट को चुनाव नतीजे विपरीत आने का ज्यादा इंतजार था। अंदरखाने फिल्डिंग इस तरह सजाई जा रही थी कि चुनाव नतीजे विपरीत आते ही दिल्ली दौड़ लगाई जाए और राज्य को फिर अस्थिरता की ओर धकेल दिया जाए।
इन तमाम लोगों के मंसूबों पर पानी फेरते हुए बागेश्वर उपचुनाव के अंतिम दिन सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कमान अपने हाथ में ली। धुंआधार प्रचार करते हुए रोड शो निकाल माहौल बनाया। सीएम के प्रचार अभियान, दौरों, रोड शो में स्वतस्फूर्त उमड़ी भीड़ ने कहानी बयां कर दी थी कि नतीजे कहीं नहीं बदलने वाले, जीत पक्की है। पीएम मोदी के विकास कार्यों, केंद्र और राज्य सरकार के विकास कार्यों से जनता को जोड़ने वाले सीएम धामी ने जनता में विश्वास जगाया। लैंड जेहाद, लव जेहाद, सरकारी जमीनों पर बने अवैध धर्मस्थलों पर धामी सरकार की ताबड़तोड़ कार्रवाई ने लोगों में सरकार के प्रति विश्वास जगाया। जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून बना कर धर्मरक्षक धामी के रूप में धर्म, संस्कृति की रक्षा का संकल्प दोहराया। सख्त नकल विरोधी कानून बना कर राज्य के युवाओं में विश्वास जगाया।
बागेश्वर की जनता ने भी सीएम धामी के कार्यों पर मुहर लगा कर भाजपा प्रत्याशी की जीत पक्की की। ये जीत भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के लिए भी कितनी अहम है, इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि देश में हुए उपचुनाव में छह सीटों पर भाजपा को तीन में ही जीत मिली। यूपी की घोसी विधानसभा चुनाव में पार्टी को 24 हजार वोटों से करारी हार मिली। इन हालात में बागेश्वर की जीत बहुत बड़ी और बेहद अहम है। जिसे पार्टी के भीतर के ही कुछ 24 घंटे सपने में सीएम की कुर्सी का सपना देखने वाले हजम नहीं कर पा रहे हैं। न ही उन नेताओं से जुड़ी खबरनवीसों की टोली इस जीत को पचा पा रही है। इन तमाम दांवपेंच चलने वालों को नजरअंदाज करते हुए सीएम अपने कार्यों के दम पर लगातार राज्य और देश की राजनीति में अपना कद ऊंचा करते जा रहे हैं।