मां वाराही धाम के प्रसिद्ध बगवाल मेले में सीएम ने किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज चंपावत जिले के देवीधुरा स्थित मां वाराही धाम में लगने वाले प्रसिद्ध बगवाल मेले में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने माँ वाराही मंदिर में विधि विधान से पूजा अर्चना कर राज्य की खुशहाली की कामना की एवं मां वाराही धाम में चार खाम सात थोक के बीच खेले जाने वाले प्रसिद्ध पाषाण युद्ध के साक्षी बने।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह स्थान आध्यात्मिक रूप से जितना समृद्ध है प्राकृतिक रूप से उतना ही अधिक मनोरम है। इस अलौकिक भूमि का न केवल ऐतिहासिक महत्व रहा है बल्कि इस क्षेत्र का पौराणिक महत्व भी किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने कहा कि संस्कृति की महानता के विषय में आम लोगों को जागृत करने का काम हमारे ऐतिहासिक मेले करते हैं और बगवाल का यह ऐतिहासिक मेला भी इसी का एक अनुपम उदाहरण है। इस प्रकार के मेले से हमारी लोक संस्कृति और लोक परंपराओं को बढ़ावा देने के साथ-साथ हमारे लोक कलाकारों को भी बढ़ावा मिलता है। इस विरासत को संभाले रखना हम सभी का परम कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि मेले हमारे समाज को जोड़ने तथा हमारी प्राचीन संस्कृति और परंपराओं के बारे में नई पीढ़ी को जागरूक करने में भी अपनी अहम भूमिका निभाते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश में एक सशक्त नेतृत्व वाली सरकार है, जिसके साथ दुनिया का हर देश खड़ा होने को आतुर है। एक ओर जहां हमारा देश जी-20 जैसे शक्तिशाली समूह की अध्यक्षता कर रहा है वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सीट के लिए अनेक देश भारत का समर्थन भी कर रहे हैं। आज दुनिया के देश भारतीय नीतियों का अनुसरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में देश एक विश्व शक्ति व विश्व गुरु की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन पर चलकर प्रदेश सरकार भी उत्तराखंड में धार्मिक स्थलों के पुनर्निर्माण और अस्मिता को बचाने के लिए कृत संकल्पित है। सरकार केदारनाथ खंड की भांति कुमाऊं में मानस खंड कॉरिडोर बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं, जिसके अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र के सभी प्राचीन मंदिरों का विकास किया जा रहा है। मानसखंड मंदिर माला के अंतर्गत चंपावत के लगभग सभी मंदिर भी शामिल हैं।

इससे पूर्व देवीधुरा आगमन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मेला स्थल में लगाए गए विभिन्न विभागों के सरकारी स्टालों का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों से जानकारी लेते हुए निर्देश दिये कि प्रत्येक जनमानस तक सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं का लाभ पहुंचे। उन्होंने सभी अधिकारियों से तत्परता से कार्य करने के लिये कहा।

गुरुवार को पाटी ब्लॉक के मां बाराही धाम देवीधुरा खोलीखांड डुवाचौड़ मैदान पर सुबह प्रधान पुजारी द्वारा पूजा अर्चना की गई। एक-एक कर सभी चारों खामों तथा सात थोक के बगवालियों का आगमन हुआ। सबसे पहले सफेद पगड़ी में वालिक खाम ने मंदिर में प्रवेश किया। उसके बाद गुलाबी पगड़ी पहने चम्याल खाम ने प्रवेश किया। उसके बाद गहड़वाल खाम ने मंदिर में प्रवेश किया। सबसे आखरी में पीली पगड़ी पहने लमगड़िया खाम ने प्रवेश किया। सभी खामों के प्रवेश के बाद प्रधान पुजारी द्वारा मंदिर से शंखनाद किया गया जिसके बाद बगवाल शुरू हुई। बगवाल शुरू होते ही माँ के जयकारों से पूरा खोलीखाण दुवाचौड़ मैदान के साथ पूरा मंदिर गुंजियमान हो गया। पीठाचार्य पंडित श्री कीर्ति बल्लभ जोशी का कहना है कि फल फूलों से चार खाम और सात थोकों के बीच खेली जाने वाली यह बगवाल देखने वालों के लिए भी फलदाई है। उन्होंने बताया कि इस बार 10 क्विंटल से अधिक फलों से बगवाल खेली गई।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अनेक घोषणांए की। जिसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पाटी का उच्चीकरण-मानकों का परिक्षण कर टाइप ए से टाइप बी में किया जाएगा। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देवीधुरा में सुविधाओं का उच्चीकरण, एम्बुलेंस की तैनाती, व आवासीय परिसर का सुधारीकरण किया जाएगा। नगर पंचायत पाटी की स्थापना की जाएगी। कालसन ठाठा मोटर मार्ग से बनोली सुदर्का ठाठा मार्ग का सुधारीकरण किया जाएगा। देवीधुरा मेला बगवाल हेतु यथोचित धनराशि दी जाएगी। चौड़ाख्याली सीम मोटर मार्ग, पनियां रीठाखाल मोटर मार्ग 02 किमी का निर्माण किया जाएगा। भींगराड़ा मंदिर स्थल का सौन्दर्यकरण किया जाएगा। मेरौली से करौली मोटर मार्ग सुधारीकरण व मेरौली में रतिया नदी में पुल निर्माण किया जाएगा। तुंगीधार सकदेना टाकबलवाड़ी अ0जा0 बस्ती में 3 किमी सड़क के निर्माण के साथ ही ज्योसुड़ा से निलोटी से क्विडागांव 02 किमी मोटरमार्ग का निर्माण किया जाएगा।

इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने भी मां बाराही के दर्शन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की तथा जनता को संबोधित किया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय, भाजपा जिलाध्यक्ष निर्मल मेहरा, ब्लॉक प्रमुख सुमनता, पूर्व विधायक पूरन सिंह फर्त्याल, बाराही मंदिर समिति संरक्षक लक्ष्मण सिंह लमगड़िया, जिलाधिकारी नवनीत पांडे, पुलिस अधिक्षक देवेन्द्र पींचा सहित विभिन्न क्षेत्रों से आये जनप्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।

संविदा व आउटसोर्स से कार्यरत महिलाओं व एकल पुरूषों को भी बाल दत्तक ग्रहण अवकाश तथा बाल देखभाल अवकाश देने पर भी सरकार बना रही मन

राज्य के विभिन्न विभागों में दैनिक वेतन पर कार्यरत महिला कर्मचारियों को अब सरकार मातृत्व अवकाश देने पर विचार कर रही है। यही नहीं, विभिन्न विभागों में संविदा व आउटसोर्स से कार्यरत महिला व पुरूष कर्मचारियों को भी सरकार बाल दत्तक ग्रहण अवकाश तथा बाल देखभाल अवकाश देने का मन बना चुकी है। इन तीनों ही प्रस्तावों पर राज्य के वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने अपना अनुमोदन दिया है। वित्त मंत्री के अनुमोदन के बाद अब आगामी कैबिनेट से मंजूरी का इंतजार है।

वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत ऐसी महिला कर्मचारियों, जिनका वेतन दैनिक कार्य पर निर्भर है। उन्हें भी अब राजकीय कर्मचारियों की तरह ही छह माह का मातृत्व अवकाश देने पर सरकार ने मन बनाया हैं, इस प्रस्ताव पर वित्त मंत्री डा. अग्रवाल की ओर से अपना अनुमोदन प्रदान किया गया है।

वित्त मंत्री डा. अग्रवाल ने बताया कि विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा व आउटसोर्स महिला व एकल पुरूष कर्मचारी (तलाकशुदा, विधुर इत्यादि) को भी सरकार एक वर्ष से कम आयु के शिशु को गोद लेने पर अधिकतम 120 दिन का बाल दत्तक ग्रहण अवकाश देने का विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव पर भी अनुमोदन प्रदान किया गया है।

वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा व आउटसोर्स केवल महिला कर्मचारियों को भी 18 वर्ष तक के बच्चों की देखभाल हेतु बाल देखभाल अवकाश देने का भी सरकार विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि इसमें प्रत्येक वर्ष 15 दिन बाल देखभाल अवकाश देने का प्रावधान होगा। उन्होंने बताया कि इस पर भी अपना अनुमोदन दिया है।
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संविदा कर्मियों के लिए पितृत्व अवकाश पर भी वित्त मंत्री ने दिया अनुमोदन
देहरादून। वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा व आउटसोर्स पुरूष कर्मचारियों को भी पितृत्व अवकाश देने पर सरकार ने मन बनाया है। इसमें राजकीय कर्मियों की तरह ही 15 दिन का पितृत्व अवकाश दिया जाएगा। इस पर भी मंत्री डा. अग्रवाल ने अपना अनुमोदन दिया है।

उत्तराखंड शासन का बड़ा फैसला, ध्वस्त होगा रूद्रपुर मेडिकल कॉलेज का करोड़ों की लागत से बना एक हिस्सा

देहरादून। स्वास्थ्य महकमे की जिम्मेदारी संभालने के बाद से सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने निर्माण कार्यों को गुणवत्तापूर्वक करने पर फोकस किया है। जहां भी उनको निर्माणकार्यों में लापरवाही मिली उन्होंने चेतावनी देने के साथ जांच के बाद कार्यदायी संस्थाओं पर कड़ी कार्रवाई की है। इसी कड़ी में निर्माण कार्य मानकों के अनुरूप नहीं होने पर रूद्रपुर मेडिकल कॉलेज का एक हिस्सा ध्वस्त करने के आदेश सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने जारी किये। कार्यदायी संस्था द्वारा रूद्रपुर मेडिकल कॉलेज का निर्माण नियमों के अनुरूप नहीं होने पर उत्तराखंड शासन द्वारा रूड़की आईआईटी की टीम से इसकी जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के एक हिस्से का निर्माण नियमों के अनुरूप नहीं होने की बात कही गई। जिसके बाद लगभग 32 करोड़ की लागत से हुए निर्माण कार्य को ध्वस्त करने के आदेश जारी कर दिये गये। सचिव चिकित्सा शिक्षा राजेश कुमार ने बताया कि निर्माणाधीन बिल्डिंग के ध्वस्तीकरण के आदेश जारी कर दिये हैं। बिल्डिंग निर्माण में आए पूरा खर्च कार्यदाही संस्था से ब्याज समेत वसूला जायेगा। इसी के साथ कार्यदायी संस्था को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है।

गौरतलब है कि निदेशक, चिकित्सा शिक्षा विभाग के पत्र संख्या-2972 दिनांक 14 अगस्त, 2023 के माध्यम से अवगत कराया गया है कि निर्माणाधीन राजकीय मेडिकल कॉलेज, रूद्रपुर के निर्माण कार्यों हेतु नामित कार्यदायी संस्था उत्तराखण्ड पेयजल संसाधन एवं निर्माण निगम द्वारा पूर्व कार्यदायी संस्था (EPIL) के द्वारा निर्मित कुल 14 नग निर्माणाधीन भवनों की गुणवत्ता जांच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रूडकी से करायी गयी गुणवत्ता में प्रोफेसर सिविल अभियांत्रिकी विभाग भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रूडकी द्वारा निर्माण कार्यों को ध्वस्त करते हुए पुर्ननिर्माण का मंतव्य प्रदान किया गया है। उक्त के अतिरिक्त चिकित्सा शिक्षा निदेशालय स्तर से नियोजन विभाग द्वारा निर्माण कार्यों की तृतीय पक्ष गुणवत्ता जाँच हेतु नामित संस्था (Quality Austria Central Asia) से भी निर्माणाधीन भवनों की गुणवत्ता जांच करवायी गयी, उक्त संस्थान द्वारा भी जाँच आख्या पत्र दिनांक 14 अगस्त, 2023 के माध्यम से उपलब्ध करवायी गयी, जिसके अनुसार भी निर्माणाधीन भवनों को ध्वस्त करते हुए पुर्ननिर्माण किया जाना होगा। ई०पी०आई०एल० द्वारा किये गये निर्माण कार्यों की अत्यन्त न्यून गुणवत्ता होने के दृष्टिगत सम्पूर्ण निर्माणाधीन कार्य का ध्वस्तीकरण कर पुर्ननिर्माण किये जाने का निर्णय लिया गया है।

राजकीय मेडिकल कॉलेज, रूद्रपुर के निर्माण कार्यों की जांच रिपोर्टो के परिपेक्ष्य में निर्माण कार्य की गुणवत्ता खराब होने के दृष्टिगत राज्य में ऐसी कार्यदायी संस्था को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से इन्जीनियरिंग प्रोजेक्ट्स इण्डिया लिO (EMI) एन0आर0ओ0, कोर 3. स्कोप कॉम्पलैक्स-7 लोधी रोड़, नई दिल्ली को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड शासन के अधीन समस्त निर्माण कार्यों हेतु काली सूची (Black List) में डाले जाने की श्री राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं। अवशेष धनराशि र 31.78 करोड़ + अद्यतन ब्याज (वर्तमान में प्रचलित दरों पर) सहित निदेशक, चिकित्सा शिक्षा निदेशालय, उत्तराखण्ड देहरादून को हस्तान्तरित करना सुनिश्चित करें। अन्यथा की स्थिति में कार्यदायी संस्था के विरूद्ध विधिक कार्यवाही की जायेगी, जिसका उत्तरदायित्व कार्यदायी संस्था का होगा।

मुनिकीरेती नगर पालिका होगी उच्चीकृत, वित्त मंत्री के अनुमोदन के बाद अब कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार

अब नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती उच्चीकृत होकर ग्रेड-02 से ग्रेड-01 श्रेणी में शामिल होने जा रही है। वित्त व शहरी विकास मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने इस प्रस्ताव पर अपना अनुमोदन दिया है। ग्रेड-01 में शामिल होने के बाद मुनिकीरेती पालिका को अधिक अनुदान तो मिलेगा ही। साथ ही निर्धारित मानकों के अनुसार पदों में भी वृद्धि होगी।

वित्त व शहरी विकास मंत्री डा. प्रेमंचद अग्रवाल ने बताया कि नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती के उच्चीकृत होने का प्रस्ताव उनके समक्ष आया था। बताया कि उच्चीकृत होने के सभी मानकों (स्वयं के स्त्रोत से पालिका की आय एक करोड़ रूपये से अधिक हो, स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार सुधार तथा कर एकत्रीकरण की परफारमेंस बेहतर हो) को नगर पालिका मुनिकीरेती ने पूर्ण किया है। जिसके आधार पर वित्त व शहरी विकास मंत्री डा. अग्रवाल ने अपना अनुमोदन दिया है। डा. अग्रवाल ने बताया कि मुनिकीरेती पालिका ग्रेड-01 में शामिल होने वाली यह सातवीं नगर पालिका होगी।

डा. अग्रवाल ने बताया कि ग्रेड-01 में उच्चीकृत होने के बाद मुनिकीरेती पालिका में पदों का विस्तार होगा। बताया कि 12 जून 2016 के शासनादेश के आधार पर पालिका में मुख्यतः सहायक अभियन्ता, कर एवं राजस्व अधीक्षक, मुख्य सफाई निरीक्षक, लेखाकार सहित अन्य पदों में वृद्धि होगी। बताया कि जिससे निकाय अपने क्षेत्रान्तर्गत किये जा रहे कार्यों का और अधिक रूप से निरीक्षण कर सकती है तथा करों के निर्धारण में अधिक वृद्धि कर सकती है।

डा. अग्रवाल ने बताया कि ग्रेड-01 में उच्चीकृत होने के बाद मुनिकीरेती पालिका को राज्य वित्त आयोग की आगामी संस्तुतियों में ग्रेड-01 का लाभ प्राप्त करते हुए अधिक अनुदान प्राप्त होगा।

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’एक नजर मुनिकीरेती नगर पालिका पर’
वर्ष 1997 तक इस क्षेत्र की टाउन एरिया में गिनती होती थी। वर्ष 1998 में इसे नगर पंचायत मुनिकीरेती का स्वरूप दिया गया। नगर पंचायत के बेहतर प्रदर्शन के आधार पर वर्ष 2014 में इसे ग्रेड-02 की नगर पालिका परिषद में उच्चीकृत किया गया। मगर, अब ग्रेड-02 से ग्रेड-01 में उच्चीकृत होने के सभी मानकों पर खरा उतरने तथा वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल के अनुमोदन के बाद इसे ग्रेड-01 की नगर पालिका परिषद के रूप उच्चीकृत किया जायेगा।
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’लगातार चार बार स्वच्छता रैंकिंग में प्रथम रही है नगर पालिका मुनिकीरेती’
नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक लगातार चार बार स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में प्रदेश में प्रथम स्थान पर काबिज है। इससे पूर्व भी पालिका वर्ष 2015-16 में मुख्यमंत्री उत्कृष्ट पुरस्कार भी हासिल कर चुकी है। यहीं नहीं, ऑल इंडिया रैंकिंग में भी पालिका वर्ष 2021-22 में देश में पांचवें स्थान पर काबिज है।

चंपावत में बड़ी संख्या में महिलाओं ने मुख्यमंत्री को बांधा रक्षा सूत्र

प्रदेश की नारी शक्ति अपने कार्यों व आत्मविश्वास के बल पर आत्मनिर्भर बनकर अन्य को भी आर्थिक व सामाजिक रूप से सशक्त बना रही है। आज मातृशक्ति हर क्षेत्र में प्रतिनिधित्व कर देश का नाम विश्व पटल पर अंकित कर रही है। यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद चंपावत के बिरगुल क्षेत्र के रामलीला मैदान दुबचौड़ा लधौली में आयोजित रक्षाबंधन कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुये कहीं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी को रक्षाबंधन की बधाइयां व शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आई महिलाओं ने मुख्यमंत्री को रक्षासूत्र भेंट कर उनकी दीर्घायु की कामना की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में सभी को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि रक्षाबंधन कार्यक्रम में आशीर्वाद देने आई बहनों का मैं हृदय की गहराइयों से विशेष धन्यवाद करता हूं, जो आपने मुझे अपने भाई के रूप में इतना स्नेह दिया। यह त्यौहार भाई बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है, साथ ही रक्षाबंधन महिलाओं के सम्मान के साथ-साथ पौराणिक एवं सांस्कृतिक महत्व का पर्व भी है। उन्होंने महिलाओं व बहनों को उनकी रक्षा करने के साथ ही उनके हितों के लिए कार्य करने का आश्वासन दिया। साथ ही प्रदेश में जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाने की बात कही।

मुख्यमंत्री ने जनपद की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा हस्तनिर्मित पिरूल, ऐपण, सूत व अन्य स्थानीय उत्पादों से बनाई गई राखियों व अन्य निर्मित उत्पादों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमारे जनपद की माताएं व बहने ‘वोकल फॉर लोकल’ को चरितार्थ कर जहां स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दे रही है, वहीं अन्य स्थानीय महिलाओं को भी रोजगार उपलब्ध कराकर सराहनीय कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को 05 लाख रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण सरकार द्वारा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को मजबूत बनाने के लिए राज्य में ‘महिला सशक्त बहना उत्सव योजना’ शुरू की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण की दिशा में अनेक कार्य हो रहे हैं। उनके नेतृत्व में देश में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया गया। इस बार का यह पर्व हमारे लिये और भी महत्वपूर्ण है। चन्द्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण व सफल लेंडिंग पर पूरे विश्व ने भारत का लोहा माना हैं। जिसमें माताओं व बहनों का विशेष योगदान रहा हैं उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रक्षाबंधन पर्व पर महिलाओं को रसोई गैस में 200 रुपये जबकि उज्वला योजना के तहत 400 रुपये की कटौती की गई है जिसका सीधा लाभ लगभग 33 करोड़ महिलाओं व उनके परिजनों को मिलेगा। प्रधानमंत्री जी द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का उद्देश्य अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को भी मुख्यधारा में जोड़ने का है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चंपावत जिले को उत्तराखंड का अग्रणी जिला बनाने के लिए अनेकों विकास कार्य किए जा रहे हैं। महिलाओं के उत्थान व सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की गई हैं, इन योजनाओं से आज महिलाओं को उनके उत्पादों का बेहतर बाजार व मूल्य मिल रहा है। मुख्यमंत्री सशक्त बहिना उत्सव योजना लागू होने के बाद प्रदेश में इनके 50 लाख रूपये से अधिक उत्पादों की बिक्री हो गई है। चंपावत जिले को सभी क्षेत्रों में आगे ले जाने हेतु विशेष परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। जिसके तहत साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए सितंबर मांह में टनकपुर में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने क्षेत्र के विकास हेतु कुल 12 घोषणाएं की। जिसमें केदारनाथ किमाड़ के अंतर्गत आने वाली सड़क का नाम शिक्षाविद/स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित घनश्याम शास्त्री के नाम से करने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिरगुल को इंटरमीडिएट में उच्चीकृत किए जाने, टाकखनदक-करौली मोटर मार्ग का डामरीकरण व सुधारीकरण किए जाने, हनुमान मंदिर एड़ी मेला स्थल लधौली का सौंदर्यीकरण किए जाने, कीमौटा-रिखाड़ी मोटर मार्ग का निर्माण किए जाने, बालातड़ी के गोलचोरा बैंड से खरही के मटखानी तक मोटर मार्ग का निर्माण किए जाने, चमतोला से ओलना मोटर मार्ग का निर्माण किए जाने, रामलीला मंच दुबचौड़ा हेतु यथाचित डीपीआर बनाकर धनराशि दिए जाने, एड़ी फटक शिला मंदिर सड़क (1.5 किमी) का डामरीकरण किए जाने, फुटलिंग मेला स्थल का सौन्दर्यकरण किए जाने, रा०ई०का० दुबचौड़ा में विज्ञान वर्ग की स्वीकृति और इसी विद्यालय का नाम शहीद विक्रम सिंह बिष्ट के नाम से किए जाने की घोषणा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा क्षेत्र के जनसंघ से जुड़े कार्यकर्ता, वीर शहीदों के परिजनों, पूर्व सैनिक व उनकी वीर नारियों को भी सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर गीता पुष्कर धामी, जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय, भाजपा जिला अध्यक्ष निर्मल मेहरा, पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा, नोडल अधिकारी मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय केदार सिंह बृजवाल सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री मुकेश कलखुड़िया द्वारा किया गया।

स्वास्थ्य सचिव ने किया दून अस्पताल का औचक निरीक्षण, डेंगू की रोकथाम को गाइडलाइन जारी


राज्य में तेजी से बढ़ते हुए डेंगू के मामले को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर राजेश कुमार ने सबसे पहले ब्लड बैंक में व्यवस्थाएं देखी यहां पर उन्होंने सख्ती से कहा कि 24 घंटे आरडीपी और एसडीपी की प्रक्रिया होनी चाहिए। प्राचार्य डॉक्टर आशुतोष स्याना ने उन्हें जानकारी दी कि अगले 10 दिन में एसडीपी यानी जंबो पैक बनाने वाली दूसरी एप्रेसेस मशीन यहां इंस्टॉल हो जाएगी। जिसकी वजह से मरीजों को इंतजार कम करना पड़ेगा।

इसके बाद स्वास्थ्य सचिव ने डेंगू वार्ड और पीडिया वार्ड का निरीक्षण किया। डेंगू वार्ड में 67 बेड लगाए गए हैं वहीं पीडिया में 30 बेड डेंगू के लिए आरक्षित है। स्वास्थ्य सचिव ने अधकारियों को हिदायत दी की मेडिसिन और पीडिया के डेंगू मरीजों के संबंध में समन्वय बना रहे। इस दौरान उन्होंने डेंगू से पीड़ित मरीजों व उनके परिजनों से अस्पताल में मिल रहे इलाज से संबंधित जानकारी ली।

मीडिया से बात करते हुए डॉ आर राजेश कुमार ने कहा कि डेगूं के बढ़ते मामलों को देखते हुए निरीक्षण किया गया है। मरीजों के लिए 100 वैड रिर्जव रखे गये हैं। डेंगू के गंभीर मरीजों के मुकाबले सामान्य मरीजों की संख्या ज्यादा है। जरूरत पढ़ने पर अस्पताल में बैडों की संख्या बढ़ाई जायेगी। उन्होंने आम जनमानस से डेंगू को लेकर सर्तक और जागरूक रहने की अपील की। आने वाले समय में जरूरत के अनुसार संख्या बढ़ाई जायेगी। हमारा प्रयास है कि मरीज को समय पर प्लेटलेट्स उपलब्ध हो जाये। स्वास्थ्य सचिव ने कहा डेंगू मरीजों से इलाज के नाम पर मनमानी फीस या प्लेटलेट्स व जैंबो पैक की अधिक वसूलने वाले अस्पतालों, ब्लड बैंको और पैथोलॉजी लैबों की शिकायत सामने आने पर कार्रवाई की जायेगी। कालाबाजारी वालों को छोड़ा नहीं जायेगा। सीएमओ के स्तर से रेट का निर्धारण किया गया है।

पत्रकारों के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य सचिव ने कहा मिलावट खोरी को लेकर राज्यभर में अभियान चलाया जा रहा है। मोबाइन वैन के आ जाने से इस प्रक्रिया को गति मिली है। अभी विभाग के पास दो मोबाइल बैन है। जिनसे हम मौके पर जाकर खाध पदार्थों की शिकायत आने पर जांच करते हैं। जल्द ही 10 और मोबाइल वैन आ जायेंगी। जिसके बाद मिलावट खोरी रोकने में तेजी आयेगी। इसके साथ ही रूद्रपुर के बाद जल्द देहरादून जनपद में भी खाध सैंपल की जांच के लिए लैबोटरी की स्थापना की जायेगी। इस मौके पर स्वास्थ्य महानिदेशक, सीएमओ देहरादून, प्रचार्या दून मेडिकल कॉलेज व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

डेंगू रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु दिशा निर्देश जारी

जैसा कि आप विदित है कि विगत वर्षों से डेंगू रोग राज्य में एक प्रमुख जन स्वास्थ्य समस्या के रूप में परिलक्षित हो रहा है। इसी क्रम में अवगत कराना है कि माह जुलाई से नवम्बर तक का समय डेंगू वायरस के संक्रमण के लिये अनुकूल होता है। आगामी माहों में डेंगू रोग के प्रसारित होने की सम्भावना को देखते हुए डेंगू रोग रोकथाम किये जाने हेतु निम्न कार्यवाहियां करना सुनिश्चित करें.

1. राज्य में डेंगू रोग को Notifiable Disease घोषित करने की अधिसूचना “उत्तराखण्ड महामारी (मलेरिया एवं डेगू) विनियम 2019” दिनांक 27 सितम्बर 2021 को जारी की जा चुकी है जिसमें निहित समस्त तकनीकी एवं प्रशासनिक कार्यवाहियों का जनपद स्तर पर क्रियान्वयन करना सुनिश्चित करें।

2. डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग की समुचित रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु अन्य समस्त विभागों की भी महत्वपूर्ण भागीदारी होती है। समस्त विभागों द्वारा डेंगू रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु उनके द्वारा की जाने वाली गतिविधियां समयान्तर्गत की जायें। डेंगू मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए की जाने वाली समस्त गतिविधियां समस्त विभाग निरन्तर करते रहें ताकि डेंगू के मच्छर को पनपने से रोका जा सके और इसकी सूचना जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरन्तर प्राप्त की जाए।

3. शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निरन्तर स्वच्छता अभियान चलाए जाये ताकि डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से

रोका जा सके। पर्वतीय जनपदों के मैदानी एवं घाटी क्षेत्रों में भी विशेष निगरानी रखी जाये डेंगू रोग के मच्छरों के पनपने के स्थानों की साफ सफाई, नाले-नालियों की सफाई, ठोस कचरे का उचित निस्तारण, टीमों का गठन कर क्षेत्रों में डेंगू निरोधात्मक कार्यवाहियां बचाव उपायों पर जनजागरूकता, रोस्टर अनुसार फॉगिंग व कीटनाशक का छिडकाव आदि गतिविधियां की जाये। जन सहभागिता बढ़ाये जाने के लिए जनप्रतिनिधियों, वार्ड पार्षदों, ग्राम प्रधानों का सहयोग भी प्राप्त किया जाये।

4. मलिन बस्तियों में डेंगू लार्वा पनपने की अत्यधिक संभावना के दृष्टिगत विशेष सफाई अभियान चलाए जायें। लोगों को पानी को ढक कर रखने के लिए व ऐसे स्थान जहां पानी जमा होने की सम्भावना है को लगातार साफ करने के लिए जागरूक किया जाये।

5. डेंगू रोग के दृष्टिगत भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र जैसे सब्जी मंडी, बस अड्डा, रेलवे स्टेशन, पार्क आदि पर विशेष
निगरानी रखी जाये एवं साफ सफाई व डेंगू निरोधात्मक कार्यवाहियां निरन्तर की जाये।

6. डेंगू रोग पर नियंत्रण हेतु लार्वा निरोधात्मक कार्यवाहिया (सोर्स रिडक्शन) एक कारगर व उपयुक्त उपाय है. जिसके लिए नगर निगम / नगर पालिका, आशा कार्यकत्री व अन्य विभागों के सहयोग से टीमें बनाकर क्षेत्र में कार्यवाही की जाए।

7. डेंगू रोग को महामारी का रूप लेने से रोकने के लिए नगर निगम / नगर निकाय द्वारा माइक्रो प्लान बनाकर
रोस्टर अनुसार फॉगिंग की जाए ताकि प्रत्येक क्षेत्र में सप्ताह में कम से कम एक बार फॉगिंग की जा सके।

8. निर्माणाधीन परियोजनाओं, अधूरे निर्माण कार्य क्षेत्र, नव निर्माण कार्य क्षेत्रों में अभियान के तौर पर सुनिश्चित रखा जाये कि डेंगू मच्छर न पनप पाएं।

9. समस्त राजकीय एवं निजी संस्थानों जैसे ऑफिस, बैंक, व्यापारिक संस्थानों, शैक्षणिक संस्थानों, होटल, रिसॉर्ट, रेस्त्रां, चिकित्सालय, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स आदि से सेल्फ डिक्लेरेशन सर्टिफिकेशन प्राप्त किया जाये कि उनके परिसर में कहीं भी पानी जमा नहीं है जिसमें डेंगू का मच्छर पनप सके व ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए उनके द्वारा नियमित तौर से निरीक्षण किया जा रहा है।

10. जिन स्थानों पर चेतावनी के पश्चात् भी पानी जमा होने से डेंगू मच्छर पैदा होने की स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं, ऐसे संस्थानों व लोगों पर आर्थिक दण्ड का प्रावधान किया जाये ताकि जनहित में डेंगू रोग के खतरे से लोगों को बचाया जा सके व महामारी का रूप लेने से रोका जा सके।

11. डेंगू रोग की रोकथाम के लिए आम जनमानस का सहयोग अत्यन्त आवश्यक है जिसके लिये इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया एवं अन्य नेटवर्क के माध्यम से डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण सम्बन्धित वृहद् जागरूकता की जाये। अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए विभिन्न माध्यमों से प्रचार प्रसार किया जाये। जिला सूचना अधिकारियों द्वारा भी जनपद स्तर पर निरन्तर प्रेस विज्ञप्ति एवं अन्य माध्यमों से जागरूकता की जाये।

12. सभी विद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों को निर्देश दिये जायें कि विद्यालय परिसर में कहीं पानी जमा न हो जिससे मच्छर पनपने की स्थिति उत्पन्न न हो। परिसर में साफ सफाई रहे, कबाड़ जमा न हो व निरन्तर घास कटान हो। प्रार्थना सभाओं/असेम्बली के दौरान विद्यार्थियों को डेंगू रोग से बचाव के उपायों पर सजग किया जाये। विद्यार्थियों को पूरी बाजू की शर्ट, पतलून, लेगिंग, लंबी जुराबों वाली ड्रेस पहनने के निर्देश दिये जाये ताकि डेंगू रोग के मच्छरों के काटने से बचाव किया जा सके। अभिभावकों को पेरेन्ट-टीचर मीटिंग एवं स्कूल एप के माध्यम से डेंगू से बचाव उपायों हेतू जागरूक किया जाये। डेंगू से बचाव के उपायों पर छात्र-छात्राओं की जागरूकता के लिए सेमिनार, वाद-विवाद, पोस्टर, चित्रकला, निबन्ध लेखन व प्रोजेक्ट वर्क आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाये।

13. जनपद स्तर पर आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा उपलब्ध निगरानी प्रणाली एवं संसाधनों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय में समस्त विभागों द्वारा की जा रही बचाव एवं रोकथाम गतिविधियों की निगरानी की जाये व समय-समय पर स्थिति अनुसार बचाव दिशा निर्देश प्रदान किये जायें व निरोधात्मक कार्यवाहियों में सहयोग किया जाये।

14. डेंगू रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों जैसे नगर निगम, शिक्षा विभाग, ग्राम्य एवं शहरी विकास, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, लोक निर्माण, जल संस्थान, जल निगम आदि के सहयोग व अंतर्विभागीय समन्वय हेतु जनपद स्तर पर बैठकों का समय से आयोजन किया जाए।

15, चिकित्सालयों में डेंगू रोगियों के उपचार हेतु पृथक आईसोलेशन वार्ड तैयार कर मच्छरदानी युक्त पर्याप्त
बेड व आवश्यक औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये तथा डेंगू आइसोलेशन वार्ड के लिए नोडल अधिकारी नामित किये जायें।

16, डेंगू पीड़ित गंभीर रोगियों हेतु ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। 17. डेंगू जांच केन्द्रों में आवश्यक सामग्री जैसे ELISA जांच किट व अन्य जांच सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये।

18. डेंगू के उपचार एवं नियंत्रण हेतु भारत सरकार की गाईडलाइन “National Guidelines for Clinical Management of Dengue fever” को समस्त राजकीय एवं निजी चिकित्सालायों / चिकित्सकों को आवश्यक कार्यवाहियों हेतु उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

19. डेंगू रोगियों की शुरूआती चरण मे पहचान हेतु फीवर सर्वे किये जायें, लक्षणों के आधार पर डेंगू रोग की संदिग्धता होने पर जांच की जाये।

20. डेंगू रोगी पाये जाने व किसी प्रकार की क्लस्टरिंग मिलने की स्थिति में रोगी के घर के आस-पास लगभग 50 घरों व 500 मीटर की परिधि में आवश्यक रूप से लार्वा निरोधात्मक कार्यवाहियां (सोर्स रिडक्शन), Space/Focal Spray, Fogging, सघन फीवर सर्विलेन्स एवं जनजागरूकता की जाये।

21. स्वास्थ्य विभाग व आई०एम०ए० प्रतिनिधियों / निजी चिकित्सालयों/पैथोलोजी लैबों के मध्य समन्वय बैठक (CME Meeting/Workshop) की जाये ताकि आमजन में डेंगू रोग के प्रति व्यापत भ्रान्ति / भय को दूर किया जा सके।

22 किसी भी प्रकार की आकस्मिक / आपातकालीन आवश्यकता के दृष्टिगत जनपद स्तर पर जिला कार्ययोजना मे भी डेंगू के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया जाये।

सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने को लेकर मुख्य सचिव ने ली जिलाधिकारियों की वर्चुअल बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में सरकारी संपत्तियों से अतिक्रमण हटाए जाने के सम्बन्ध में सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को सरकारी भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए उसका चिन्हांकन किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि सरकारी भूमि के चिन्हांकन के साथ ही भूमि के रिकॉर्ड ठीक करने के लिए भी अलग से टीम लगाई जाए। उन्होंने कहा कि जिस सरकारी भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं है, उस भूमि को सुरक्षित रखने के लिए सीमांकन आदि का कार्य पूर्ण करा लिया जाए। जिन भूमियों पर अतिक्रमण हो चुका है, उन्हें खाली करवाया जाए, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि अतिक्रमण फिर से न हो सके। भूमियों पर अतिक्रमण न हो इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि भूमि किसके नाम दर्ज है, यह देखने के लिए पिछले 60, 70 या 80 वर्षों के रिकॉर्ड की भी जांच करवाई जाए। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही भूमि का रिकॉर्ड के लिए पोर्टल तैयार हो जाएगा। आगे से इसी पोर्टल पर भूमि की सम्पूर्ण जानकारी अपलोड की जाएगी।

मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों से सरकारी भूमि के चिन्हांकन में आ रही समस्याओं के सम्बन्ध में भी जानकारी ली एवं इनके निराकरण के लिए सुझाव भी मांगे। उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए डिजिटल मैप तैयार किए जाएं। फोटो एवं वीडियो के माध्यम से लगातार अतिक्रमण रोकने के प्रयास किए जाएं।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु एवं अपर सचिव नितिन भदौरिया सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

यूसीसी को लेकर सीएम का बड़ा बयान, इसी वर्ष होगा लागू

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आई.एस.बी.टी. के समीप स्थित होटल में आयोजित बढ़ता अत्तराखण्ड उभरता उत्तराखण्ड कार्यक्रम में राज्य के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में एक पार्टी की सरकार दुबारा न चुनने का मिथक टूटा है यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व एवं देवतुल्य जनता का हमारे लिये आशीर्वाद है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिये 2022 के चुनाव में जनता से वादा किया था। सरकार के गठन के बाद हमने पहला निर्णय इस संबंध में कमेटी गठन का किया। कमेटी ने 2.33 लाख लोगों से सुझाव लेने तथा तमाम संगठनों, संस्थाओं के साथ राज्य की तमाम जनजातियों के भी सुझाव कमेटी ने लिये है। देश के अन्दर समान नागरिक कानून होना चाहिए। यह जनता की मांग रही है इसकी शुरूआत उत्तराखण्ड से होगी। संवैधानिक व्यवस्थाओं के तहत हम इसी साल राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू करेंगे।
उन्होंने कहा कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी दोनों पहाड के काम आये इस पर कार्य किया जा रहा है। टिहरी डैम बांध, पानी व बिजली देने का कार्य कर रहे है। युवाओं को स्वरोजगार की विभिन्न योजनाओं से जोडा जा रहा है। राज्य के युवा देश व प्रदेश में अपनी प्रतिभा का परिचय दे रहे है। अब प्रदेश में रिवर्स पलायन की ओर युवा लौट रहे है। कोरोना के बाद हमारे लोग अपने क्षेत्रों में स्वरोजगार पर ध्यान दे रहे है। राज्य का पलायन आयोग भी इस दिशा में कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियां राज्य के विकास में बाधा न बने इसे ध्यान रखते हुए पहाड और मैदानी क्षेत्र की परिस्थितियों के अनुसार नीतियां बनाई जा रही है। राज्य ने हाल ही में राज्य के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए 27 क्षेत्रीय नीतियां बनाई गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रदेश हिमालय की गोद में बसा है, हम इसे सुरक्षित रखने का कार्य कर रहे है। जोशीमठ की आपदा के बाद प्रदेश के शहरों की धारण क्षमता का आकलन कर इकोलॉजी और इकोनॉमी का समन्वय बनाकर योजना बनायी जा रही है। आपदा के प्रभावों को कम करना हमारा उद्देश्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा राज्य 71 प्रतिशत वन भू-भाग वाला है। वन क्षेत्र के साथ अन्य सरकारी भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने का कार्य किया जा रहा है। 3 हजार हैक्टेयर वन भूमि पर से अतिक्रमण हटाये गये है। जो भी निर्माण अतिक्रमण की जद में आये है वे तोडे जा रहे है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में सब आपसी भाई चारे से रहते है। राज्य में धर्मांतरण घुन की तरह लगा था। धोखे और लालच देकर मनगढ़ंत बातों से धर्मांतरण का कार्य हो रहा था। इसे रोकना देवभूमि का मूल स्वरूप बनाये रखने के लिये जरूरी है। देव भूमि के प्रति देश विदेश के लोगों की श्रद्धा रही है। गंगा, यमुना धर्म आध्यात्म की इस भूमि का स्वरूप बना रहना देश हित में है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड शान्त प्रदेश है, कानून व्यवस्था अच्छी है। बिना पहचान और वेरिफिकेशन से लोग यहां आकर अवैध रूप से बस रहे है। इससे हो रहे डेमोग्राफिक चेंज को देखना भी जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में कानून व्यवस्था अपने हाथ में लेने की अनुमति किसी को नहीं दी जायेगी। अतिक्रमण हटाने में किसी प्राकर का पक्षपात नही हो रहा है। कोई भी किसी मजहब, जाति, धर्म, पंथ का हो सबके साथ समान व्यवहार किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य की जरूरतों के हित में कानून बनाये है। युवाओं के बेहतर भविष्य के लिये नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। पहले इसकी जांच नहीं हो पाती थी। अब हमने इसकी गहराई से जांच कर 80 लोगों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया है। देश का सख्त कानून बनाकर कड़ी सजा का प्राविधान किया है। नया माहौल बनाकर नकल रोकने का परिणाम हुआ कि अब युवा कई प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफल हुए है। इससे अभिभावकों को भी संतोष हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले लोग यहां से अच्छा अनुभव लेकर जा रहे है। उन्हें बेहतर सुविधाएं मिले इसका ध्यान रखा गया है। अब तक 38 लाख यात्री तथा कांवड यात्रा में 4.15 करोड श्रद्धालु आये । ऋषिकेश हरिद्वार कॉरिडोर की डीपीआर तैयार की जा रही है। विकास नगर के समीप यमुना नदी किनारे स्थित पौराणिक स्थल हरिपुर का पुनरुद्धार कर वहां भी यमुना की आरती की व्यवस्था की जायेगी। अपने समृद्ध इतिहास में उल्लिखित नगरों के विकास पर हमारा ध्यान है। हमें राज्य में आने वाले करोडो पर्यटकों, श्रद्धालुओं की भी व्यवस्था करनी होती है। इसके लिये राज्य के संसाधनों को बढावा देने के लिये भी हम प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने चंद्रयान 3 के लैंड़िग स्थल को प्रधानमंत्री ने शिवशक्ति स्थाल घोषित करने पर उनका आभार जताया। यह भारत की विज्ञान एवं तकनीकि दक्षता का प्रतीक है। चंद्रयान 2 के समय जो कमी रह गयी थी उनके सफल नेतृत्व में चंद्रयान 3 के रूप में बडी सफलता देश को मिली है। अब चंदा मामा दूर के नहीं हमारे घर के हो गये है। उन्होंने कहा कि हमारे लोग मुजफ्फरनगर काण्ड, खटीमा और मसूरी गोलीकांड को नहीं भूल सकते है। इसके लिये दोषी लोगों के व्यवहार से राज्य की जनता कभी भूल नहीं सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता केन्द्र एवं राज्य सरकार के कार्यों पर 2014 व 2019 के चुनावों की भांति 2024 के चुनावों में भी राज्य की जनता का आशीर्वाद हमें मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उत्तराखण्ड से कर्म और मर्म का संबंध है।

प्रभावित परिवारों को मंत्री अग्रवाल ने राशन किटें वितरित कीं

क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने भारी बारिश से जलमग्न हुए प्रभावित परिवारों को राशन किटें वितरित की। इस दौरान डा. अग्रवाल ने कहा कि सरकार आपदा की घड़ी में प्रभावितों के साथ है। कहा कि प्रभावितों को सरकार अहेतुक राशि भी दे रही है।

चंद्रेश्वर नगर में राशन किटें (तेल, आटा, दालें, चावल, मसालें, चीनी) वितरित करते हुए डा. अग्रवाल ने कहा कि सरकार आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में लगातार मॉनिटरिंग कर रही है, प्रभावितों के नुकसान का भी सर्वें करवा रही है।

डा. अग्रवाल ने कहा कि प्रभावित परिवारों को राशन की सुविधा मुहैया करा रही है। उन्होंने कहा कि आपदा में सभी धैर्य रखें। अधिकांश प्रभावित क्षेत्रों में लगातार पानी की निकासी कर दी गई है। साथ ही जहां शेष है, वहां कार्य गतिमान है।

डा. अग्रवाल ने कहा कि प्रभावितों के लिए लगातार मेडिकल की टीमें भी भेजी जा रही है। साथ ही नगर निगम को फॉगिंग और ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव के भी निर्देश दिए गए है।

इस मौके पर मंडल अध्यक्ष सुमित पंवार, जिला कार्यालय प्रभारी देवदत्त शर्मा, पार्षद प्रतिनिधि किशन मंडल, पार्षद शिव कुमार गौतम, माधवी गुप्ता, जगावर सिंह, सीमा रानी, जितेंद्र प्रसाद, संदीप साहनी, राहुल आदि उपस्थित रहे।

कोर्ट ने चेक बाउंस के आरोपी को किया बरी


चेक बाउंस मामले में न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट,ऋषिकेश श्रेय गुप्ता की अदालत ने आरोपी इंद्रपाल पुत्र राजेंद्र निवासी रूषा फार्म, गुमानीवाला, ऋषिकेश को दोषमुक्त किया है। आरोपी की ओर से अधिवक्ता शुभम राठी ने मजबूत पैरवी की थी।

अधिवक्ता शुभम राठी ने बताया कि गुमानीवाला निवासी विपिन पोखरियाल ने न्यायालय में वाद दर्ज करते हुए कथन किया कि इंद्रपाल द्वारा उनसे 2,50,000 रुपए उधार लिए थे जिन्हे लोटाने के एवज में एक चेक उन्हें दिया जो की बैंक में लगाने पर बैंक से बिना भुगतान अनादृत हो गया जिसके संबंध में न्यायलय में मुकदमा किया गया।

आरोपी इंद्रपाल द्वारा कोर्ट में बताया गया कि वह विपिन को जानता ही नहीं है और विपिन ने किसी और से इंद्रपाल का चेक प्राप्त कर झूठा मुकदमा किया है। इंद्रपाल के अधिवक्ता शुभम राठी ने परिवादी विपिन से जिरह की तथा अधिवक्ता शुभम राठी द्वारा पूछे गए सवालों का कोई भी संतोषजनक जवाब परिवादी नहीं दे पाए। जिसके पश्चात न्यायालय ने यह माना की परिवादी आरोपी के साथ अपनी जान पहचान या लेन देन साबित नही कर पाया और अधिवक्ता की ठोस पैरवी के चलते आरोपी इंदरपाल को दोषमुक्त करने का फैसला सुनाया।