केन्द्र सरकार ने कृषि एवं बागवानी विकास की विभिन्न योजनाओं को 3800 करोड़ रुपए करने पर दी सैद्धांतिक सहमति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय कृषि, ग्राम्य विकास एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान से भेंट कर प्रदेश की कृषि एवं उससे जुडी विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन एवं विसतार के संबंध में चर्चा की। मुख्यमंत्री ने राज्य के पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों की कृषि एवं बागवानी आवश्यकताओं तथा किसानों की आर्थिक सुदृढ़ता हेतु राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई प्रस्तावित योजनाओं पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने अवगत कराया कि उत्तराखण्ड सरकार ने कृषि एवं बागवानी क्षेत्र के समग्र विकास एवं किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से लगभग 3800 करोड़ रुपये की व्यापक योजनाएं तैयार की हैं। इन योजनाओं में नवाचार, यंत्रीकरण, तकनीकी समावेशन एवं पारम्परिक कृषि को बढ़ावा देने जैसे विविध पहलुओं को शामिल किया गया है। केन्द्रीय कृषि मंत्री द्वारा राज्य की कृषि संबधि योजनाओं हेतु 3800 करोड की सैद्धांतिक सहमति प्रदान करने पर मुख्यमंत्री ने उनका आभार जताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सहयोग राज्य के कृषि क्षेत्र को आत्मर्निभर और आधुनिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया कि राज्य में पर्वतीय क्षेत्रों की फसलों को जंगली जानवरों से बचाने हेतु कृषि बाड़ निर्माण के लिए 1,052.80 करोड़ रुपये की आवश्यकता चिह्नित की गई है। इसके अतिरिक्त राज्य में 10,000 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित करने हेतु 400 करोड़ रुपये की योजना प्रस्तावित की गई है, जिससे लघु, सीमांत किसान एवं महिलाएं लाभान्वित होंगी। पारम्परिक पोषक फसलों को बढ़ावा देने के लिए स्टेट मिलेट मिशन के अंतर्गत 134.89 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। बीज उत्पादन में आत्मनिर्भरता हेतु राज्य को सीड हब के रूप में विकसित करने के लिए 5 करोड़ रुपये की योजना भी तैयार की गई है। सेब उत्पादन को प्रोत्साहन, भंडारण और विपणन तंत्र को सुदृढ़ बनाने हेतु 1,150 करोड़ रुपये की योजना प्रस्तावित है। नकदी फसलों जैसे कीवी के संवर्धन एवं खेती को वन्यजीवों से संरक्षित करने हेतु 894 करोड़ रुपये की आवश्यकता दर्शाई गई है। कृषि व बागवानी क्षेत्र में नवाचार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए 885.10 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। ड्रैगन फ्रूट जैसी कम जोखिम वाली फसलों को प्रोत्साहित हेतु 42 करोड़ रुपये की योजना भी तैयार की गई है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन के क्षेत्र में राज्य सरकार सक्रियता से कार्य कर रही है। जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु विश्लेषण प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए 36.50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। भूमि अभिलेखों के आधुनिकीकरण और डिजिटल सर्वेक्षण के लिए के अंतर्गत 378.50 करोड़ रुपये की योजना प्रस्तावित की गई है। इसके साथ ही पंतनगर विश्वविद्यालय के माध्यम से युवाओं को कृषि क्षेत्र में दक्ष बनाने हेतु 14 करोड़ रुपये तथा एग्रीटूरिज्म स्कूल की स्थापना हेतु 14 करोड़ रुपये की योजना तैयार की गई है। उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार में माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला की स्थापना के लिए 16.11 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सेब उत्पादन के दृष्टिगत उच्च गुणवत्ता की नर्सरी, कोल्ड स्टोरेज, सॉर्टिंग व ग्रेडिंग यूनिट की स्थापना, कीवी व ड्रैगन फ्रूट मिशन को बढ़ावा देने, सुपर फूड्स (मशरूम व एग्जॉटिक वेजिटेबल्स) हेतु सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना तथा पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय में एग्रो टूरिज्म स्कूल की स्थापना के लिए भी केंद्रीय सहायता का अनुरोध केन्द्रीय मंत्री से किया।

मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केन्द्रीय मंत्री द्वारा पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पी.एम.जी.एस.वाई) 1 व 2 के अवशेष कार्यों की समय सीमा बढ़ाने की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई। साथ ही पी.एम.जी.एस.वाई 4 के प्रस्ताव पर भी सैद्धांतिक सहमति प्रदान करने का आश्वासन दिया। केन्द्रीय मंत्री ने उत्तराखंड सरकार द्वारा कृषि एवं ग्रामीण विकास के विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए आश्वस्त किया कि उत्तराखण्ड की कृषि आवश्यकताओं को प्राथमिकता के आधार पर संज्ञान में लिया जाएगा तथा राज्य के किसानों की समृद्धि हेतु हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।

बैठक में भारत सरकार के कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, भारत सरकार के ग्रामीण विकास सचिव सैलेश कुमार सिंह तथा उत्तराखंड के स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा उपस्थित रहे।

हवाई सर्वेक्षण से सीएम ने जानी उत्तकाशी में अतिवृष्टि से नुकसान की स्थिति

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज उत्तरकाशी जनपद के अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर आपदा की स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों की वास्तविक स्थिति का आकलन करते हुए राहत एवं बचाव कार्यों की पुनः समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस संकट की घड़ी में प्रत्येक प्रभावित नागरिक के साथ मजबूती से खड़ी है। राहत कार्यों में तेजी और प्रभावशीलता लाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि जरूरतमंदों को समय पर सहायता मिल सके।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट भी उपस्थित रहे।

टनकपुर से कैलाश मानसरोवर यात्रा के पहले दल को सीएम ने किया रवाना, दिखाई हरी झंडी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टनकपुर स्थित पर्यटन आवास गृह से कैलाश मानसरोवर यात्रा के पहले दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यात्रियों का पारंपरिक रूप से स्वागत किया तथा उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े स्मृति चिह्न भेंट किए।

मुख्यमंत्री ने 11 राज्यों से आए सभी श्रद्धालुओं से संवाद कर उनका देवभूमि उत्तराखंड में हार्दिक स्वागत किया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने का सौभाग्य हर किसी को नहीं मिलता, यह केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मिक और आध्यात्मिक जागरण का मार्ग है। उन्होंने कहा श्रद्धालु इस अद्वितीय यात्रा के सहभागी बनकर केवल यात्रा नहीं, बल्कि समर्पण की अनुभूति लेकर जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की पवित्र धरती के कण-कण में भगवान शिव का वास है। यह यात्रा अब केवल भौगोलिक मार्ग नहीं रही, बल्कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व और दृढ़ संकल्प से यह सीमाओं को लांघते हुए शिव से साक्षात्कार का सशक्त माध्यम बन गई है। पहले जिस यात्रा में सात दिन या उससे अधिक का समय लगता था, अब वह कुछ ही घंटों में संभव हो सकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार इस यात्रा को सुगम, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए पूरी तरह समर्पित है। प्रत्येक पड़ाव पर स्वास्थ्य, आवास, भोजन, सुरक्षा और अन्य आवश्यक सुविधाएं सुदृढ़ की गई हैं, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने भगवान भोलेनाथ से सभी यात्रियों की सफल, मंगलमय और सुरक्षित यात्रा की कामना की।

इस अवसर पर सभी श्रद्धालुओं ने चम्पावत वासियों के आत्मीय व्यवहार के लिए आभार व्यक्त किया और यात्रा को स्मरणीय व सुरक्षित बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार की उत्कृष्ट व्यवस्थाओं की सराहना की।

इस दौरान आयुक्त कुमाऊं मंडल दीपक रावत, आईजी आईटीबीपी और जन सम्पर्क अधिकारी कैलाश मानसरोवर यात्रा संजय गुंजियाल, पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊं मंडल रिद्धिम अग्रवाल,प्रबंध निदेशक कुमाऊं मंडल विकास निगम विनीत तोमर, जिलाधिकारी चम्पावत मनीष कुमार, जिलाधिकारी पिथौरागढ़ विनोद गोस्वामी, पुलिस अधीक्षक चम्पावत अजय गणपति मौजूद थे।

किसानों के श्रम को नमन करने का सीएम का तरीका, खेत में की धान रोपाई

खटीमा के नगरा तराई क्षेत्र में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने खेत में धान की रोपाई कर किसानों के परिश्रम, त्याग और समर्पण को नमन किया। उन्होंने कहा कि खेतों में उतरकर पुराने दिनों की यादें ताजा हो गईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्नदाता न केवल हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, बल्कि वे हमारी संस्कृति और परंपराओं के संवाहक भी हैं।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत “हुड़किया बौल” के माध्यम से भूमि के देवता भूमियां, जल के देवता इंद्र और छाया के देवता मेघ की वंदना भी की। मुख्यमंत्री के इस सांस्कृतिक जुड़ाव और कृषकों के साथ आत्मीय सहभाग ने क्षेत्रीय जनता को गहरे स्तर पर प्रेरित किया।

मुख्यमंत्री धामी की यह पहल उत्तराखंड की ग्रामीण संस्कृति, कृषकों की अहमियत और पारंपरिक लोक कलाओं के संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।

जनसामान्य को नदी संरक्षण से जोड़ने की सीएम धामी की पहल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के मुख्य सेवक के रूप में अपने सफल चार वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर हरिद्वार स्थित हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड में मां गंगा की विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेश की समृद्धि, शांति और प्रगति की कामना की। साथ ही उन्होंने मां गंगा से प्रार्थना की कि हरिद्वार आने वाले सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण हों।

मुख्यमंत्री ने नदी उत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि नदियां केवल जल स्रोत नहीं, बल्कि प्राचीन काल से ही सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक जीवन की आधारशिला रही हैं। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए भी नदियों का संरक्षण और संवर्धन अत्यंत आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे नदियों का ‘मां’ के समान सम्मान करें और उन्हें स्वच्छ एवं निर्मल बनाए रखने में सहयोग करें। इस अवसर पर स्वयं मुख्यमंत्री सहित उपस्थित श्रद्धालुओं ने नदियों को प्रदूषित न करने और उन्हें सदैव स्वच्छ बनाए रखने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम में श्री गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम, सभापति कृष्ण कुमार शर्मा, स्वागत मंत्री सिद्धार्थ चक्रपाणि एवं अन्य पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया। मां गंगा की पूजा विधिवत रूप से आचार्य अमित शास्त्री द्वारा संपन्न कराई गई।

इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी, विधायक मदन कौशिक, आदेश चौहान, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विनय रुहेला, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, श्रद्धालु एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

क्षतिग्रस्त बिजली खम्बों, लटकी तारों सहित टूटी पेयजल पाईपलाईनों की मरम्मत करेंः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में जिलाधिकारियों के साथ आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न मुद्दों की समीक्षा करते हुए दिशा निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को आमजन की समस्याओं को सुनने एवं उनके निराकरण पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग, पेयजल विभाग एवं अन्य ऐसे विभाग जो नागरिक सेवाएं उपलब्ध कराते हैं, अपने कार्यक्षेत्रों का दौरा अवश्य करें। उन्होंने विभागों को निर्देश दिए हैं कि टेढ़े हो चुके बिजली के खम्बों, लटकी तारों सहित टूटी पेयजल पाईपलाईनों की मरम्मत का कार्य तत्काल कराए जाएं। उन्होंने कहा कि जब तक अधिकारी फील्ड पर नहीं उतरेंगे, आमजन की समस्याओं से अवगत नहीं होंगे। उन्होंने सभी अधिकारियों को फील्ड का दौरा नियमित रूप से किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने सभी जनपदों में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) रजिस्ट्रेशन की प्रगति की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आमजन अधिक से अधिक संख्या में अपने विवाह का पंजीकरण कराएं इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए जाएं। उन्होंने कहा कि पंजीकरण के लम्बित मामलों को तेजी से निस्तारित किया जाए। उन्होंने मैदानी जनपदों में पंजीकरण के लिए विशेष अभियान संचालित किए जाने के भी निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रायः देखा जा रहा है कि ऐसे विवाह पंजीकरण, जिनमें विवाह के समय पति-पत्नी दोनों या दोनों में से कोई एक नाबालिग रहा हो, परन्तु वर्तमान में पंजीकरण के समय दोनों बालिग हो चुके हैं, को अस्वीकार किया जा रहा है, जो कि गलत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे विवाह के मामलों का भी पंजीकरण किया जाए।

मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम- एबीएचआईएम) की जिलावार समीक्षा करते हुए प्रत्येक जनपद से प्रत्येक केन्द्र की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने ब्लॉक स्तर पर ‘ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों‘ की स्थापना के कार्य में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए। कहा कि जिन इकाइयों में निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है, उन इकाइयों में उपकरणों की व्यवस्था शीघ्र सुनिश्चित करते हुए ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों को सक्रिय किया जाए।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगौली, चंद्रेश कुमार यादव, विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव रंजना राजगुरू, विजय कुमार जोगदंडे, मनुज गोयल, अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

श्रीमद्भागवत ने आंतरिक शांति, समाधान और आत्म-साक्षात्कार का मार्ग दिखायाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास से भीमगोड़ा, हरिद्वार में जगदीश स्वरूप विद्यानन्द आश्रम ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ-श्रीमद् भागवत कथा को वर्चुअली सम्बोधित किया।

भागवत कथा में उपस्थित परमपूज्य जगद्गुरु आचार्य गरीबदास जी महाराज, ब्रह्मसागर जी महाराज भूरी वाले, परम पूज्य स्वामी अमृतानन्द जी महाराज, युवा संत स्वामी पूज्य राम जी महाराज एवं कथा व्यास पूज्य इन्द्रेश उपाध्याय जी और सभी संतगणों, श्रद्धालुओं का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि संतों का समागम और हरि कथा, दोनों ही दुर्लभ हैं और ये दोनों सौभाग्य से ही प्राप्त होते हैं। श्रीमद्भागवत महापुराण कोई सामान्य ग्रंथ नहीं, अपितु स्वयं श्रीकृष्ण की दिव्य वाणी का साकार रूप है। इसमें भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और धर्म इन चारों पुरुषार्थों का उत्कृष्ट वर्णन मिलता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दौर में जब मनुष्य भौतिकता की दौड़ में मानसिक और आत्मिक रूप से अशांत है, तो ऐसे समय में श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण हमें आंतरिक शांति, समाधान और आत्म-साक्षात्कार का मार्ग दिखाता है। आज आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी सनातन संस्कृति की पताका संपूर्ण विश्व में लहरा रही है। आज चाहे अयोध्या जी में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो, बद्रीनाथ और केदारनाथ धामों का पुनर्निर्माण हो, बाबा विश्वनाथ के गलियारे का विस्तार हो या महाकाल लोक का निर्माण हो। हमारी धार्मिक धरोहरों को संजोया और संवारा जा रहा है वो न भूतो न भविष्यति है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हमारी सरकार भी देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। हम जहां एक ओर केदारखंड और मानसखंड के मंदिर क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण के लिए अनेकों कार्य कर रहे हैं। वहीं हरिपुर कालसी में यमुना तीर्थ स्थल के पुनरुद्धार की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं। हरिद्वार ऋषिकेश कॉरिडोर के साथ-साथ शारदा कॉरिडोर के निर्माण की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। हमने भारतीय संस्कृति, दर्शन और इतिहास के गहन अध्ययन के लिए दून विश्वविद्यालय में ‘सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज’ की स्थापना भी की है। हमारी सरकार देवभूमि उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के प्रति पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रदेश में लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी घृणित मानसिकताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है, साथ ही, हमने प्रदेश में एक सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून भी लागू किया है। समाज में व्याप्त असमानताओं को समाप्त करने तथा सभी के लिए समान अधिकार एवं न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमने देश में सबसे पहले “समान नागरिक संहिता” कानून को लागू करने साहसिक कार्य भी किया है।

हरिद्वार में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में कथा व्यास-पूज्य इन्द्रेश जी उपाध्याय, स्वामी राम जी महाराज, स्वामी भूपेन्द्र गिरी जी महाराज, स्वामी सतदेव जी महाराज, महामण्डलेश्वर निर्मला बा जी, गुजरात, स्वामी ऋषेश्वरानन्द जी महाराज, स्वामी हीरा योगी जी महाराज, आचार्य विशोकानन्द जी महाराज जी, आचार्य रामचन्द्र दास जी महाराज, योगी आशुतोष जी महाराज, सुप्रसिद्ध गायक बी०प्राक जी मौजूद रहे।

सीएम धामी ने किया अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं अनुप्रयोग अन्तरिक्ष सम्मेलन 2025 में प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में विकसित भारत 2047 के निर्माण के लिए हिमालयी राज्यों के परिप्रेक्ष्य में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं अनुप्रयोग अन्तरिक्ष सम्मेलन 2025 में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर इसरो अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर देश भर से आए वैज्ञानिकों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ‘विकसित भारत/2047’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में यह सम्मेलन मील का पत्थर साबित होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुसंधान तक सीमित न रहकर संचार, कृषि, मौसम पूर्वानुमान, आपदा प्रबंधन, शिक्षा, स्वास्थ्य और आधारभूत ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में भारतीय वैज्ञानिक शुभांशु शुक्ला द्वारा तिरंगा फहराने पर इसरो समेत समस्त वैज्ञानिकों को बधाई दी और इसे देश के लिए गर्व का क्षण बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शुभांशु शुक्ला का मिशन गगनयान व भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए महत्वपूर्ण आधार तैयार करेगा।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर चंपावत को मॉडल जिला बनाने के लिए इसरो और यूकास्ट द्वारा विकसित डैशबोर्ड का शुभारंभ किया तथा इसरो द्वारा प्रकाशित पुस्तक का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार विज्ञान और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कृतसंकल्पित है और प्रदेश में साइंस सिटी, साइंस एवं इनोवेशन सेंटर, एआई, रोबोटिक्स, ड्रोन व अन्य अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं की स्थापना पर कार्य तेजी से चल रहा है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह सम्मेलन उत्तराखंड को “स्पेस टेक्नोलॉजी फ्रेंडली स्टेट” बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और प्रदेश के सतत विकास में सहयोगी सिद्ध होगा।

इसरो चेयरमैन डॉ. वी नारायणन ने कहा कि 1963 में भारत ने पहला रॉकेट लॉन्च किया था। 1963 से अब तक भारत ने 100 से अधिक रॉकेट लॉन्च किए हैं। 1975 तक हमारे पास अपने कोई सेटेलाइट नहीं थे, लेकिन अब भारत के पास अपने 131 सैटेलाइट हैं। टीवी ब्रॉडकास्ट से लेकर हर जगह सैटेलाइट बड़े पैमाने पर मददगार साबित हो रहे हैं। इसरो द्वारा ह्यूमन स्पेस प्रोग्राम पर कार्य किया जा रहा है। उस रॉकेट पर कार्य किये जा रहे हैं, जो पृथ्वी की लोवर ऑर्बिट पर 75 हजार किलो तक के सेटेलाइट को लॉन्च करेगा, जिसे करीब 27 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा।

इसरो चेयरमैन ने कहा कि एक समय था जब हमारे रॉकेट साइकिल से ले जाए करते थे, पर आज भारत ने कई विश्व रिकॉर्ड स्थापित किए हैं। हमने दुनिया में सबसे पहले चंद्रमा पर पानी के अणु की मौजूदगी का पता से लगाया है। भारत पहला देश है जिसने चंद्रमा के साउथ पोल पर पहली बार लैंड किया है। भारत, आदित्य एल-1 मिशन के साथ सूर्य का अध्ययन करने वाला चौथा देश बन गया है। भारत ने पहले प्रयास में ही मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश किया था और मंगल ग्रह की कक्षा में उपग्रह भेजने वाला चौथा देश है। हमारा लक्ष्य 2030 तक अपना स्पेस स्टेशन बनाने एवं 2040 तक अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजने का है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में भारत 2047 तक विकसित भारत अवश्य बनेगा।

निदेशक राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र डॉ. प्रकाश चौहान ने कहा कि आज हमारे जीवन में हर समय अंतरिक्ष डाटा का प्रयोग हो रहा है। अंतरिक्ष में सेटेलाइट हमें जीपीएस नेविगेशन के साथ कई तरह के अपडेट देते हैं। उत्तराखंड में हमने पशुधन का डाटा ऑनलाइन किया था। ऋषि गंगा, चमोली आपदा के दौरान हमने सेटेलाइट के माध्यम से मेपिंग की और डेटा तैयार किया, जिसका प्रयोग बाद में राष्ट्रीय नीति में भी किया गया। पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट में इस डाटा का इस्तेमाल किया गया। अर्थ ऑब्जर्वेशन, सेटेलाइट संवाद एवं सेटेलाइट नेविगेशन ने पूरी तरह से हमारे जीवन को बदलने का काम किया है। उत्तराखंड में आपदाओं के दौरान मैपिंग, वन संरक्षण एवं वनाग्नि की मैपिंग के क्षेत्र में सेटेलाइट डेटा का इस्तेमाल किया जा रहा है। ग्लेशियर लेक की मॉनिटरिंग, बाढ़, बादल फटने जैसी घटनाओं के पूर्वानुमान का भी काम किया जा रहा है।

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि उत्तराखंड में अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी को अपनाने और इसके लिए स्थाई वैज्ञानिक अधोसंरचना को विकसित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्य सचिव ने इसरो से राज्य के कुछ साइंस सेंटर को गोद लेने तथा से कार्टाेसेट के 50 सेमी या इस तरह के रेजोल्यूशन की उपलब्ध इमेजरी को रियल टाईम व गैर व्यावसायिक आधार पर राज्य को उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर.मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, नितेश झा, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत एवं वैज्ञानिक मौजूद थे।

रविवार को होने जा रही पीसीएस परीक्षा, परीक्षार्थियों से समय पर पहुंचने की अपील

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के पहाड़ी और कुछ मैदानी क्षेत्रों में अगले 24 घंटे में अत्यधिक वर्षा की संभावना को देखते हुए, आम जनमानस से सतर्क रहने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के आधार पर लोगों से अनुरोध करते हुए कहा है कि सभी लोग सतर्क रहें, अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करें।

मुख्यमंत्री धामी ने रविवार 29 जून को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्यारा आयोजित की जा रही उत्तराखंड सम्मिलित राज्य सिविल/प्रवर अधीनस्थ सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा (वस्तुनिष्ठ प्रकार) – 2025 में शामिल होने जा रहे परीक्षार्थियों से भी मौसम की परिस्थितियों को देखते हुए समय से पहले अपने परीक्षा केंद्र के लिए प्रस्थान करने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षार्थियों की सुरक्षा और परीक्षा दोनों ही सरकार के लिए महत्वपूर्ण हैं। राज्य सरकार स्थिति पर नज़र बनाए हुए है और स्थानीय प्रशासन को हर आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को भी बारिश और अतिवृष्टि की संभावना को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखने को कहा है।

एम्स में भर्ती रूद्रप्रयाग बस हादसे के घायलों का हाल जानने पहुंचे सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एम्स, ऋषिकेश पहुंचकर जनपद रुद्रप्रयाग में हुई बस दुर्घटना में घायल यात्रियों का हालचाल जाना और चिकित्सकों से उनके स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने चिकित्सकों को निर्देश दिए कि सभी घायलों का समुचित और त्वरित उपचार सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने घायलों एवं उनके परिजनों को राज्य सरकार की ओर से हर संभव मदद का भी भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ पूरी संवेदनशीलता के साथ खड़ी है। गौरतलब है कि रुद्रप्रयाग बस दुर्घटना में घायलों को मुख्यमंत्री के निर्देश पर एयर एंबुलेंस के माध्यम से एम्स लाया गया था। जहां उनका उपचार किया जा रहा है।