स्टेट एआरटी व सरोगेसी बोर्ड की द्वितीय बैठक में लिये गये अहम फैसले

राज्य में एआरटी व सरोगेसी क्लीनिक एवं बैंकों की स्थापना के लिये प्राप्त आवेदनों का शीघ्र निस्तारण किया जायेगा। इसके लिये राज्य नोडल अधिकारी को अभी तक प्राप्त आवेदनों के सत्यापन में तेजी लाने के निर्देश दे दिये गये हैं। एआरटी व सरोगेसी एक्ट से संबंधित प्रकरणों की जानकारी प्राप्त करने एवं दुरूपयोग को रोकने के लिये एक हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किया जायेगा जोकि स्वास्थ्य विभाग के हेल्पलाइन नम्बर 104 से लिंक किया जायेगा। इसी के साथ राज्य स्तरीय बोर्ड में दो विशेष अमंत्रित सदस्य नामित किये जायेंगे।

सचिवालय स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार में राज्य एआरटी एवं सरोगेसी बोर्ड की द्वितीय बैठक प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में सम्मपन्न हुई, जिसमें एआरटी व सरोगेसी क्लीनिक तथा एआरटी बैंकों की स्थापना को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। बोर्ड के अध्यक्ष एवं कैबिनेट मंत्री डा. रावत ने बताया कि राज्य में एआरटी क्लीनिक लेवल-1 के लिये 06 आवेदन तथा लेवल-2 के लिये 22 आवेदन विभिन्न मेडिकल संस्थानों से प्राप्त हुई। जबकि सरोगेसी क्लीनिक के लिये 07 आवेदन प्राप्त हुये हैं, जिनमें एम्स ़ऋषिकेश सहित अन्य निजी अस्पताल व नर्सिंग होम शामिल है। इसी प्रकार एआरटी बैंक के लिये प्रदेशभर से 08 आवेदन प्राप्त हुये हैं। बोर्ड बैठक में प्राप्त आवेदनों के आधार पर जिन संस्थानों द्वारा निर्धारित शुल्क जमा करा दिया गया है उनका शीघ्र निरीक्षण करा कर पंजीकरण की प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश बोर्ड सचिव व राज्य नोडल अधिकारी को दे दिये गये हैं। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि एआरटी व सरोगेसी से संबंधित जानकारी, सुझाव प्राप्त करने तथा सरोगेसी के व्यवसायीकरण एवं दुरूपयोग को रोकने के लिये एक हेल्पलाइन नम्बर जारी किया जायेगा जो कि स्वास्थ्य विभाग के हेल्पलाइन नम्बर 104 से लिंक रहेगा। इसके अतिरिक्त बैठक में सीएमओ की अध्यक्षता में शीघ्र जिला मेडिकल बोर्ड गठन की कार्यवाही पूर्ण करते हुये प्रत्येक जनपद में मेडिकल बोर्ड की पृथक लॉगइन आईडी खोलने के निर्देश दिये गये ताकि सरोगेसी व एआरटी का लाभ लेने वाले दम्पतियों को समय पर जिला मेडिकल बोर्ड की संस्तुति मिल सके। बैठक में निर्णय लिया गया है कि बोर्ड बैठक में प्रतिभाग के लिये आने वाले गैर सरकारी सदस्यों एवं निरीक्षण टीम के सदस्यों को टीए-डीए दिये जाने का निर्णय भी लिया गया। इसके अतिरिक्त बोर्ड में एक महिला व एक पुरूष को विशेष आमंत्रित सदस्य नामित करने का भी निर्णय लिया गया।

बैठक में बोर्ड सदस्य विधायक कैंट सविता कपूर, विधायक भगवानपुर ममता राकेश, प्रमुख सचिव न्याय नरेन्द्र दत्त, अपर सचिव स्वास्थ्य व सदस्य सचिव अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, डॉ. लतिका चावला, डॉ. मीनू वैश्य, डॉ. अनीता रावत, श्रीमती बिंदुवसिनी, सुश्री हेमलता बहन, लॉरेन्श सिंह, अरूणा नेगी चौहान, डॉ. सुनीता चुफाल, डॉ अमलेश सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

किन्नर रजनी रावत सहित 35 के खिलाफ बंधक और मारपीट का मुकदमा

किन्नरों के बीच हुए विवाद में शहर कोतवाली में किन्नर रजनी रावत सहित 35 के खिलाफ बंधक बनाने और मारपीट करने का मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोप है कि रजनी रावत ने उनकी पिटाई करने के बाद उन्हें बंधक बनाया और मोबाइल से डाटा भी डिलीट कर दिया। चौकी इंचार्ज धारा आशीष रावत ने बताया मामले की जांच की जा रही है।

चौकी इंचार्ज के अनुसार, पुलिस को दी शिकायत में किन्नर निशा चौहान ने बताया कि 27 जुलाई को उन्हें उनकी गुरु बिन्दु निवासी मलूकंचद ने फोन करके किसी काम के सिलसिले में हाथीबड़कला स्थित डेरे पर बुलाया था। डेरे पर रजनी रावत व उनके कुछ चेले पहले से ही मौजूद थे। किसी बात को लेकर निशा व रजनी रावत के बीच झगड़ा हो गया।

आरोप है कि रजनी रावत व उनके चेलों ने उन्हें बुरी तरह से पीटा। उन्हें खाली कागज पर साइन करवाए और पुलिस के पास शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी भी दी। आरोप है कि उन्हें सारी रात डेरे में बंधक बनाकर रखा गया। उनका मोबाइल छीनकर डाटा डिलीट कर दिया।

नैनी सैनी हवाई अड्डे के संचालन को हुआ एमओयू हस्तांतरित

पिथौरागढ़ स्थित नैनी सैनी हवाई अड्डे का विकास, संचालन एवं प्रबंधन अब एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा किया जायेगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में उत्तराखण्ड नागरिक उड्डयन विभाग के मुख्य कार्याधिकारी सी. रविशंकर तथा एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के एक्जक्यूटिव डायरेक्टर एन.वी. सुब्बारायडू के मध्य एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नैनी सैनी एयर पोर्ट के संचालन, रखरखाव, विकास एवं प्रबंधन के लिये पूर्व में उन्होंने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से अपेक्षा की थी कि नैनी सैनी एयरपोर्ट के सामरिक महत्व को देखते हुए इसे अपग्रेड करने तथा इसके बेहतर प्रबंधन के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को हैंडओवर कर दिया जाए। इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा भेजे गये प्रस्ताव पर निर्णय लिये जाने हेतु एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और उत्तराखण्ड सरकार द्वारा अविलम्ब एम.ओ.यू की कार्यवाही पूर्ण करने की भी बात हुई थी। इसी के क्रम में आज यह एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित हुआ है। मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट अथॉरिटी व एक्जक्यूटिव डायरेक्टर से नैनी सैनी हवाई अड्डे से विमान सेवा के संचालन में शीघ्रता की अपेक्षा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुमाऊं की एयर कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए पंतनगर में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित नये अलाइनमेंट का ओएलएस सर्वे करने की भी एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों से अपेक्षा की।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूडी, एयरपोर्ट अथॉरिटी के ऑपरेशन हेड समीर सिंह, देहरादून एयरपोर्ट के निदेशक प्रभाकर मिश्रा आदि उपस्थित थे।

सीएम ने अल्मोड़ा में धर्मशाला और क्राफ्ट म्यूजियम के निर्माण हेतु प्रदान की वित्तीय स्वीकृति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री घोषणा के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र अल्मोड़ा में मुंशी हरि प्रसाद टम्टा धर्मशाला और क्राफ्ट म्यूजियम के निर्माण हेतु वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने धर्मशाला और क्राफ्ट म्यूजियम के निर्माण हेतु 69.82 लाख के सापेक्ष प्रथम किश्त के रूप में 41.89 लाख रूपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने आरएसएस के पूर्व सह कार्यवाह मदन दास देवी को दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भीमगोडा स्थित कृष्ण कृपा आश्रम में आयोजित श्रद्धाजंलि सभा मे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सह कार्यवाह मदन दास देवी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मदन दास देवी के निधन से समाज की अपूरणीय क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि उनका पूरा जीवन राष्ट्र को समर्पित रहा तथा वे निरन्तर राष्ट्र के निर्माण में सन्नद्ध रहे, जो हमारे लिये प्रेरणा का स्रोत है।
श्रद्धांजलि सभा में महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज, भाजपा राजधानी कार्यालय प्रमुख महेंद्र पांडेय, प्रफुल आकांत, डॉ. शैलेन्द्र आदि ने भी मदन दास देवी को श्रद्धांजलि दी ।

मदन दास देवी को श्रद्धाजंलि देने वालों में महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रविन्द्र पुरी, महंत रूपेंद्र प्रकाश, महंत राम मुनि, महंत जसविंद्र शास्त्री, महंत विष्णुदास, अनिल गुप्ता, सुनील, दयानन्द, आशीष चौहान, अधिवक्ता परिषद से हरि बोरिकर, उमेश दत्त शर्मा, श्री अमोल, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डॉ. धन सिंह रावत व प्रेमचन्द्र अग्रवाल, रूड़की विधायक प्रदीप बत्रा, हरिद्वार नगर विधायक मदन कौशिक, पदम सिंह, दिनेश सेमवाल, डॉ. शैलेन्द्र, अजय कुमार, सुरेश जोशी, रमेश गाड़िया, विक्रम, डॉ ममता सिंह, रितांशु कंडारी, नवीन पन्त, पूर्व मेयर हरिद्वार मनोज गर्ग, रोहन सहगल, डॉ. यतींद्र नागयन, विकास तिवारी आदि प्रमुख थे।
श्रद्धांजलि सभा का संचालन कुँवर रोहिताश्व ने किया।
श्रद्धांजलि सभा के बाद पूर्व सह कार्यवाह स्वर्गीय मदन दास देवी जी की अस्थियों को पूर्ण विधि विधान से हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड से विसर्जित किया गया।
श्रीगंगा सभा की ओर से अध्यक्ष नितिन गौतम, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, सिद्धार्थ चक्रपाणि, उज्ज्वल पण्डित, अनमोल आदि तीर्थ पुरोहित मौजूद थे।

खंड शिक्षा अधिकारी दो सप्ताह के भीतर निदेशालय को भेजेंगें क्षतिग्रस्त विद्यालयों की मरम्मत संबंधी प्रस्ताव

राज्य में शिक्षा विभाग द्वारा चिन्हित मरम्मत योग्य विद्यालयों का जीर्णाेद्धार राज्य आपदा मद से किया जायेगा। इसके लिये खण्ड शिक्षा अधिकारी को अपने-अपने विकासखंड के अंतर्गत चिन्हित ऐसे विद्यालयों का प्रस्ताव दो सप्ताह के भीतर विद्यालयी शिक्षा निदेशालय को उपलब्ध कराना होगा ताकि निदेशालय के माध्यम से प्रस्ताव आपदा विभाग को उपलब्ध कराया जा सके।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज अपने शासकीय आवास में वित्त, आपदा एवं शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों की बैठक ली। जिसमें प्रदेश के क्षतिग्रस्त विद्यालयों की मरम्मत आपदा मद से कराने व पूर्ण क्षतिग्रस्त विद्यालयों के नये भवनों का निर्माण राज्य सेक्टर से कराने का निर्णय लिया गया। डॉ. रावत ने बताया कि प्रदेश में सैकड़ों विद्यालय ऐसे हैं जिनकी मरम्मत का खर्चा रूपये एक लाख से लेकर रूपये पांच लाख तक आंका गया है। जिनका सर्वे विभाग द्वारा कुछ माह पूर्व कराया गया। जिसमें क्षतिग्रस्त विद्यालयों को चार श्रेणियों में बांटा गया है। पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त विद्यालयों को डी श्रेणी में रखा गया है जहां पर विद्यालय के नये भवन का निर्माण कराया जायेगा जिसका बजट राज्य सेक्टर से स्वीकृत किया जायेगा। जबकि अन्य विभिन्न श्रेणी के क्षतिग्रस्त विद्यालयों की मरम्मत आपदा मद से की जायेगी। जिसकी सैद्धांतिक सहमति वित्त एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा दे दी गई है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि विभागीय कार्यदायी संस्थाओं के माध्यम से क्षतिग्रस्त विद्यालयों के मरम्मत का प्रस्ताव दो सप्ताह के भीतर निदेशालय को उपलब्ध कराया जाय। इसके लिये खंड शिक्षा अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के क्षतिग्रस्त विद्यालयों का प्रस्ताव तैयार कर संबंधित जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी को प्रेषित करेंगे। मुख्य शिक्षा अधिकारी अपनी संस्तुति के साथ प्रस्ताव शिक्षा निदेशालय को उपलब्ध करायेंगे। निदेशालय से प्रस्ताव विभाग के माध्यम से आपदा प्रबंधन विभाग को उपलब्ध करायेगा।

बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद वर्द्धन, सचिव आपदा डॉ. रंजीत सिन्हा, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, अपर सचिव विद्यालयी शिक्षा योगेन्द्र यादव, एम.एम. सेमवाल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी, अपर निदेशक विद्यालयी शिक्षा आर.के. उनियाल, एम.एस.बिष्ट, नाबार्ड के महाप्रबंधक अमित पाण्डे, प्रबंधक शशांक शेखर सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

कृषि मंत्री ने की अल्मोड़ा विकास भवन में जिला की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा

प्रदेश के कृषि, कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने अपने कुमाऊं दौरे के दौरान आज अल्मोड़ा विकास भवन पहुंचकर विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की तथा अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए।
विकास भवन पहुंचने पर जिलाधिकारी विनीत तोमर, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे ने मंत्री गणेश जोशी का पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। बैठक के दौरान मंत्री ने जनपद में मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने मंडुआ, झंगोरा, गहत, चौलाई जैसी फसलों के उत्पादन पर जोर देते हुए कहा कि यहां की परिस्थितियों के अनुसार मोटे अनाज के उत्पादन की जनपद में अपार संभावनाएं हैं, इसलिए अधिकारी इस ओर अधिक ध्यान दें। उन्होंने कहा कि मंडुवा के लिए एमएसपी (38.46 रुपए प्रति किलो) के तहत सरकारी खरीद होने से अब यह फसल किसानों के लिए आय भी अर्जित करेगी। उन्होंने कहा कि मांडुवा खरीद में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को शामिल किया जा रहा है। जिसके तहत समूह की महिलाओं द्वारा मंडुवा खरीद पर 1.5 रुपए प्रति किलो का इंसेंटिव दिया जाएगा, जिससे किसानों को अपनी फसल का उचित दाम भी घर बैठे प्राप्त होगा वहीं दूसरी ओर महिलाओं की आजीविका बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के तौर पर मनाया जा रहा है, इसलिए विभागीय अधिकारी इस और अधिक लगन से कार्य करें। इस दौरान उन्होंने कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए योजनाओं का प्रचार तथा प्रसार बेहतर ढंग से करने के निर्देश दिए। उद्यान विभाग की समीक्षा के दौरान मंत्री गणेश जोशी ने निर्देश दिए कि जिले में सेब के उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने एप्पल मिशन के अंतर्गत किसानों को सेब के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। साथ ही पॉलीहाउस निर्माण में भी तेजी से लाभार्थियों का चयन कर पोलीहाउस बनाने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभागीय योजनाओं का प्रचार प्रसार जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कराया जाए तथा जो भी विभागीय योजनाओं से संबंधित कार्यक्रम आयोजित होते हैं, उनमें जनप्रतिनिधियों को अनिवार्य रूप से आमंत्रित किया जाए। ग्राम्य विकास की समीक्षा के दौरान मंत्री गणेश जोशी ने निर्देश दिए कि मनरेगा के तहत वृक्षारोपण के जो कार्य किए जाते हैं, उन पौधों की देखरेख का भी मैकेनिज्म तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत फलदार पौधे का रोपण किया जाए।परियोजना निदेशक ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा के तहत 216104 लक्ष्य के सापेक्ष 152992 पौधे लगाए जा चुके हैं।
इस अवसर पर जिलाधिकारी विनीत तोमर, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे, डीसीबी चेयरमैन ललित लटवाल, पूर्व विधायक कैलाश शर्मा, पीडी पुष्पेंद्र सिंह समेत अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

सीएम के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव ने समस्त कार्यदायी संस्थाओं की बैठक ली

चमोली जैसे हादसों की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए प्रदेश में कार्यरत समस्त कार्यदायी संस्थाओं की एक उच्च स्तरीय बैठक मुख्यमंत्री के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में ली। बैठक में यह तथ्य संज्ञान में आया कि कार्यदायी संस्थाएं इलैक्ट्रिकल वर्क को सिविल वर्क के साथ जोड़ देती हैं। जबकि कार्यदायी संस्थाओं के पास इलैक्ट्रिकल वर्क के लिए पृथक से इंजीनियर उपलब्ध रहते हैं। एक ही एस्टीमेट बनाने तथा एक साथ कार्य कराने से इलेक्ट्रिकल वर्क के लिए अच्छे से कार्य करने तथा सुरक्षा के मानकों का पालन करने में समझौते की स्थिति आती है। सिविल कॉन्ट्रैक्टर्स ही इलेक्ट्रिकल कार्य को करवाते है। बैठक में इस व्यवस्था में परिवर्तन लाने के लिए समस्त कार्यदायी संस्थाओं से सुझाव लिये गए।
कार्यदायी संस्थाओं से सुरक्षा मानकों पर चर्चा करते हुए एसीएस राधा रतूड़ी ने सख्त हिदायत दी कि सुरक्षा मानकों के लिए उच्चतम स्तर के मानदंड हैं, उन मानदण्डों के अनुसार ही उपकरणों का प्रयोग किया जाना चाहिए। एसीएस ने कड़े निर्देश दिए कि प्रोजेक्ट या कार्य पूर्ण होने के उपरान्त भी सुरक्षा मानक निर्धारित मानदण्डों के अनुरूप बने रहने चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि वर्तमान में कार्यरत मजदूरों के अलावा उस भवन, प्रोजेक्ट या मशीनरी में कार्य पूर्ण होने के बाद लगाये जाने वाले श्रमिकों या कार्मिकों को उचित प्रशिक्षण दिया जाना तथा सुरक्षा मानकों का समय समय पर परीक्षण करवाया जाना आवश्यक है। बैठक में इसे सुनिश्चित किये जाने का निर्णय लिया गया।
बैठक में यह तथ्य भी संज्ञान में आया कि सिविल और इलैक्ट्रिकल वर्क का एक ही एस्टीमेट बन जाने से इलैक्ट्रिकल कॉन्ट्रेक्टर्स जो छोटे ठेकेदार है या अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञ है, उनके कार्य से वंचित होने की भी समस्या आती है। इस व्यवस्था में परिवर्तन से उनकी दक्षताओं का उपयोग भी इलैक्ट्रिकल कार्यों में किया जा सकेगा। एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि जल्द से जल्द प्रदेश में कार्यदायी संस्थाओं के लिए सिविल वर्क एवं इलैक्ट्रिकल वर्क के लिए स्पष्ट अलग अलग व्यवस्था, सुरक्षा मानकों के लिए उच्चतम स्तर के मानदण्डों का पालन, मजदूरों व कार्मिकों के प्रशिक्षण एवं सुरक्षा मानकों के परीक्षण से सम्बन्धित नई नीति तैयार करते हुए उसे समस्त कार्यदायी संस्थाओं पर लागू किया जाने का उच्च स्तरीय निर्णय लिया जाएगा।
बैठक में सचिव वी षणमुगम, अपर सचिव जगदीश कांडपाल तथा विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

मोदी की उम्मीद पर खरे उतर रहे धामी, यूसीसी पर धामी का है अहम रोल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शिष्टाचार भेंट कर उत्तराखंड के विकास में उनके मार्गदर्शन और सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को स्थानीय भांग के रेशे की शॉल बेडू के उत्पाद तथा नंदा देवी राजजात की परम्परागत वाद्य यंत्रों ढोल, दमाऊं, रंणसिंघा युक्त प्रतिकृति भी भेंट की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में सड़कों पर परिवहन के दबाव को एक अत्याधुनिक एवं ग्रीन मास रैपिड ट्रांजिट प्रणाली द्वारा कम करने और जनमानस को सुरक्षित यातायात की सुविधा उपलब्ध कराये जाने के दृष्टिगत देहरादून मेट्रो नियो परियोजना प्रस्तावित की गई है। विस्तृत तकनीकी अध्ययन के उपरांत इस परियोजना की डीपीआर, जिसमें दो कॉरिडोर्स (कुल लम्बाई 22.424 किमी) तथा कुल लागत रू0 1852.74 करोड़ है, के प्रस्ताव पर भारत सरकार से अनुमोदन प्राप्त किये जाने के लिए आवासन एवं शहरी विकास कार्य मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से परियोजना के प्रस्ताव पर अनुमोदन प्रदान किए जाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने ऑलवेदर रोड चारधाम सड़क परियोजना के लिया आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्ष 2023 के लिए केन्द्रीय सड़क अवसंरचना निधि (सीआरआईएफ) के कार्यों हेतु प्रदेश के जनप्रतिनिधियों से प्राप्त कुल 155 कार्यों के रू0 2550.15 करोड़ के प्रस्तावों पर स्वीकृति प्रदान किये जाने का अनुरोध किया गया था। मंत्रालय द्वारा रू० 250 करोड़ के कार्यों में सहमति प्रदान की गयी है। मुख्यमंत्री ने अवशेष कार्यों की स्वीकृति दिलाए जाने का प्रधानमंत्री से अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत वर्षों से राज्य में पर्यटकों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि होने से राज्य मार्गों में यातायात दवाब में बढ़ोत्तरी हुयी है। राज्य मार्गों को उच्चीकृत किया जाना नितांत आवश्यक है। इस सम्बन्ध में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2016 में ही 6 मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में उच्चीकत किये जाने की सैद्धांतिक सहमति दी गयी है। इसके अतिरिक्त 189 किमी के काठगोदाम-भीमताल ध्यानाचुली-मोरनोला-खेतीखान लोहाघाट-पंचेश्वर मोटर मार्ग को पर्यटन/सैन्य आवागमन एवं आम जनमानस के लिए नितान्त उपयोगी होने के दृष्टिगत राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित किया जाना निवेदित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत-नेपाल सीमा पर टनकपुर से पिथौरागढ़ तक दो लेन मार्ग का निर्माण चारधाम परियोजना के अन्तर्गत निर्मित है। पिथौरागढ़ से लिपुलेख तक की सीमा मार्ग को बीआरओ द्वारा विकसित कर दिया गया है। पिथौरागढ़-लिपुलेख मार्ग में स्थित गुंजी गांव से जौलिंगकांग तक के भाग को भी बी०आर०ओ० द्वारा निर्मित कर लिया गया है। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग, जोशीमठ, लप्थल-बारहहोटी तक 2-लेन राष्ट्रीय राजमार्ग का काम भी लगभग पूर्ण हो चुका है। भारत-चीन सीमा में वर्तमान में कोई ऐसा मार्ग नहीं है जो जनपद पिथौरागढ़ के जौलिंगकांग आईटीबीपी पोस्ट को जनपद चमोली के लप्थल से आईटीबीपी पोस्ट को सीधे संयोजित करता है। अतः सामरिक रूप से अतिमहत्वपूर्ण टनल मार्गों के निर्माण से उक्त दोनों सीमा पोस्ट की दूरी 404 किमी कम होने के साथ-साथ पर्यटन एवं सीमा प्रबंधन की दृष्टि से भी उपयोगी होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसखण्ड में स्थित पौराणिक मंदिरों में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को दृष्टिगत रखते हुये प्रथम चरण में 16 मंदिरों के समग्र विकास का कार्य किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में पूर्व से निर्मित 1 लेन सड़क मार्गों को 2 लेन में परिवर्तित किये जाने की कार्यवाही गतिमान है। भूमि अधिग्रहण, वनभूमि हस्तांतरण आदि की कार्यवाही राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से की जा रही है। प्रथम चरण में निर्माण कार्य हेतु लगभग रू0 1000 करोड़ की आवश्यकता होगी। उक्त धनराशि भारत सरकार के किसी भी मंत्रालय (सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार, पर्यटन मंत्रालय एवं संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार) से राज्य सरकार को उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से प्रदेश की विभिन्न विकास योजनाओं के साथ सड़कों एवं परिवहन के संबंध में भी चर्चा की तथा अवगत कराया कि सी.आर.आई.एफ से 250 करोड़ रूपये के कार्यों की सहमति सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा दी गई है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को आपदा की स्थिति की भी जानकारी दी तथा प्रदेश में सड़कों एवं पुलो के निर्माण एवं मरम्मत के लिए 2000 करोड़ की स्वीकृति तथा राज्य में पर्यटकों के आवागमन के दृष्टिगत 6 राजमार्गों को राष्ट्रीय राज्य मार्ग के रूप में अधिसूचित किये जाने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री को मानसून की स्थिति एवं आपदा की स्थिति से भी अवगत कराया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से सौंग बांध के निर्माण की भी स्वीकृति का अनुरोध करते हुए बताया कि इससे देहरादून शहर की 2050 तक की पेयजल समस्या का समाधान होगा। प्रधानमंत्री ने सौंग बांध के लिए आवश्यक धनराशि स्वीकृत किए जाने के प्रति आश्वस्त किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से इस वर्ष दिसंबर में प्रदेश में प्रस्तावित वैश्विक निवेश सम्मेलन में प्रतिभाग हेतु भी अनुरोध किया।

सहसपुर में वृहद अन्न भंडारण गृह का सहकारिता मंत्री ने किया भूमि पूजन

बहुद्देशीय किसान सेवा सहकारी समिति लि० सहसपुर के वृहत अन्न भंडारण गृह का भूमि पूजन वैदिक मंत्रोचार के साथ कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने किया। सहकारिता मंत्री के साथ आयोजन स्थल में सहसपुर के विधायक सहदेव सिंह पुंडीर, सचिव सहकारिता डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम, निबंधक सहकारिता आलोक कुमार पांडेय, नाबार्ड के सीजीएम वीके बिष्ट, अपर निबन्धक ईरा उप्रेती, अपर निबंधक आनंद शुक्ल, संयुक्त निबंधक नीरज बेलवाल, उपनिबंधक रामिन्द्री मंद्रवाल, जिला सहायक निबंधक सुमन कुमार, समिति के प्रशासक एडीओ पंकज सैनी सहित अनेक अधिकारियों, जन प्रतिनिधियों ने भी भूमि पूजन में भाग लिया।

सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने इस अवसर पर कहा कि केंद्र में पृथक सहकारिता मंत्रालय बनने से सहकारिता के क्षेत्र में प्रदेश प्रगति कर रहा है, राज्य में जन सेवा केंद्र जन औषधि केंद्र का संचालन किया जा रहा है। क्षेत्र में साइलेज का अच्छा काम हो रहा है अभी भी मांग के अनुरूप उत्पादन नहीं हो पा रहा है। साइलेज उत्पादन बढ़ाने के लिए सहसपुर में विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, साथ ही उत्पादन बढ़ाने के लिए हरिद्वार एवं उधम सिंह नगर में किसानों को जोड़ा जा रहा है। सहकारिता मंत्री डॉ रावत ने कहा कि राज्य में सहकारी ग्राम स्थापित किए जा रहे हैं इसके साथ ही समितियों में उन्होंने सदस्यता वृद्धि किए जाने पर जोर दिया तथा क्षेत्र के कृषकों को अच्छे कार्य संपादन करने वाले किसानों को सम्मानित किए जाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।’

विधायक सहसपुर सहदेव सिंह पुंडीर ने इस मौके पर कहा कि सहकारिता द्वारा संचालित योजना में दीनदयाल उपाध्याय योजना से किसानों को लाभ मिल रहा है यह योजना बहुत अच्छी है गौरतलब है कि सहकारिता विभाग की समितियां और कोऑपरेटिव बैंक 0ः ब्याज दर पर किसानों को ऋण वितरण कर रहा है जिससे सहसपुर के किसानों ने अपनी आमदनी दोगुनी की है।

निबंधक सहकारिता आलोक कुमार पांडेय ने कहा कि सहकारिता देश में अन्न भंडारण क्षमता में वृद्धि किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका एवं चीन में अन्न उत्पादन से अधिक भंडारण क्षमता है, भारत में उत्पादन से बहुत कम अन्य भंडारण क्षमता है।

मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड उत्तराखंड वीके बिष्ट ने कहा कि देश में अन्य भंडारण की क्षमता वृद्धि के लिए ( एआईएफ) योजना अंतर्गत सहकारी समितियों को न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी योजना के तहत सहसपुर में अन्न भंडारण गृह बनाया जा रहा है।