जौलजीबी पिथौरागढ़ में मेले का शुभारंभ कर सीएम ने की कई घोषणाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जौलजीबी, पिथौरागढ़ में भारत-नेपाल सीमा पर काली और गोरी नदी के संगम पर आयोजित होने वाले ऐतिहासिक जौलजीबी मेला का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न घोषणाएं की। विकासखण्ड मुनस्यारी अन्तर्गत ग्राम हूपली में झलूड़ी से पल्याती तक मार्ग निर्माण किया जायेगा। बगीचा से धारचूला कोट ट्रैकिंग मार्ग एवं मेला स्थल का विकास कार्य कराया जायेगा। ग्राम पय्या पौड़ी से नालालेख शिव मंदिर तक ट्रैक रूट निर्माण कराया जायेगा। विकासखण्ड मुनस्यारी अन्तर्गत कालापानी से दशरथ पर्वत कुण्ड तक सम्पर्क मार्ग का निर्माण कार्य कराया जायेगा। विकासखण्ड मुनस्यारी के अन्तर्गत ग्राम सुरिंग में आन्तरिक सी०सी० मार्ग का निर्माण किया जायेगा। सिमगड़ नदी भैंसकोट में आर०सी०सी० पुलिया एंव सम्पर्क मार्ग का निर्माण कराया जायेगा एवं धारचूला में सैनिक विश्राम भवन बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मेला सदियों से भारत और नेपाल की सांस्कृतिक, आर्थिक और पारंपरिक मित्रता का प्रतीक है। जौलजीबी मेला केवल आयोजन नहीं, भारत-नेपाल की पारंपरिक मित्रता और आर्थिक-सामाजिक एकरूपता का प्रतिबिंब है। मुख्यमंत्री ने कहा वो स्वयं भी बचपन में इस मेले में आते थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत नेपाल की मित्रता और अधिक सुदृढ़ हुई है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड की रजत जयंती के अवसर पर कहा था कि उत्तराखंड की आत्मा उसके मेलों और त्योहारों में बसती है और उन्होंने आह्वान किया कि राज्य में एक जिला-एक मेला कार्यक्रम प्रारंभ किया जाए। जिसमें जिले के एक प्रमुख मेले को विशेष सहयोग दिया जाएगा जिससे उस मेले के सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व को बल मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से पिथौरागढ़ जनपद सहित इस क्षेत्र के समग्र विकास को सुनिश्चित करने हेतु पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। आज पिथौरगढ़ में साढ़े सात सौ करोड़ रूपए से अधिक की लागत से मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया जा रहा है। 34 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से स्पोर्ट्स कॉलेज में आधुनिक मल्टीपर्पज हॉल का निर्माण कार्य भी कराया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा विकासखंड बेरीनाग में शीघ्र ही लगभग 28 करोड़ रुपये की लागत से एक भव्य स्टेडियम का निर्माण कार्य भी प्रारंभ होने जा रहा है। पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज में लगभग 21 करोड़ रुपये की लागत से 50-बेड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक का भी निर्माण करा रहे हैं। जिले में 25 करोड़ रुपए की लागत से अस्कोट, गंगोलीहाट और धारचूला में नए बस स्टेशनों के निर्माण के साथ ही, पिथौरागढ़ में रोडवेज वर्कशॉप का निर्माण कार्य भी कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 327 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से विभिन्न सड़कों का निर्माण कार्य भी गतिमान है। पिथौरागढ़ में कनेक्टिवी को बढ़ावा देने के लिए नैनी सैनी एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का कार्य तेज गति से आगे चल रहा है। जिसके लिए 450 करोड़ रुपये स्वीकृत किए जा चुके हैं और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी गतिमान है।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार, रोजगार एवं स्वरोजगार के माध्यम से युवाओं को आगे बढ़ा रही है। प्रदेश में आज रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। अब प्रदेश में सरकारी भर्तियां पारदर्शी तरीके से हो रहीं हैं। जो प्रदेश के युवा प्रतिभा और परिश्रम के आधार पर सरकारी नौकरियां प्राप्त कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने इससे पहले राष्ट्रीय एकता पद यात्रा में प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर विधायक हरीश धामी, विधायक बिशन सिंह चुफाल, भाजपा जिला अध्यक्ष गिरीश बिष्ट एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

पिथौरागढ़ में मां के साथ पैतृक गांव पहुंच भावुक हुए सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी माता के साथ, पिथौरागढ़ जनपद स्थित अपने पैतृक गांव टुंडी-बारमौं पहुंच कर, स्थानीय लोगों से भेंट की। इस दौरान उन्होंने गांव के मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली के लिए कामना की है।

मुख्यमंत्री धामी ने गांव में बिताए अनुभव साझा करते हुए कहा कि मां के साथ अपने पैतृक क्षेत्र, कनालीछीना के टुंडी-बारमौं पहुंचना उनके लिए बेहद भावुक क्षण रहा। यह वही गांव है जहां उन्होंने बचपन बिताया, पहली बार विद्यालय की राह पकड़ी और जहां गांव के स्नेह, संस्कृति और परम्पराओं की समृद्ध छाया ने उनके व्यक्तित्व को आकार दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव पहुंचते ही बुजुर्गों का स्नेहिल आशीर्वाद और मातृशक्ति का अथाह प्रेम मन को भावनाओं से भर गया। कई बुजुर्गों ने इस मुलाकात में भी उन्हें बचपन के नाम से पुकारा, इस अपनत्व को शब्दों में समाना मुश्किल है। नौनिहालों और युवाओं की मुस्कुराहटों में वह सारी स्मृतियां फिर जीवंत हो उठीं, जिन्होंने मुझे मूल्य सिखाए और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुलाकात के दौरान हर चेहरा अपना लगा, हर आंगन स्मृतियों से भरा और हर कदम बचपन की गलियों से होकर गुजरता हुआ महसूस हुआ। टुंडी-बारमौं उनके लिए सिर्फ एक गांव नहीं बल्कि उनकी जड़, संस्कार और पहचान भी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आग्रह के अनुसार, प्रत्येक उत्तराखंडवासी को अपने पैतृक गांव में अपने घरों को फिर से संवारना होगा। उन्होंने कहा कि गांव से बाहर निवास करने वाले उत्तराखंड के प्रत्येक व्यक्ति को अपने गांव के विकास में योगदान देना होगा। प्रवासी गांव के विकास में अहम योगदान दे सकते हैं।

पिथौरागढ़ के नैनी सैनी हवाई अड्डे के अधिग्रहण को एमओयू पीएम की मौजूदगी में हुए हस्ताक्षर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में आज भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और उत्तराखंड सरकार के बीच पिथौरागढ़ स्थित नैनी सैनी हवाई अड्डे के अधिग्रहण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह ऐतिहासिक समझौता उत्तराखंड के पर्वतीय अंचल में सुगम, सुरक्षित और टिकाऊ हवाई संपर्क की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

नैनी सैनी हवाई अड्डे का कुल क्षेत्रफल लगभग 70 एकड़ है। यहां का टर्मिनल भवन व्यस्त समय में 40 यात्रियों को सेवा प्रदान करने में सक्षम है। साथ ही, एप्रन एक समय में दो विमानों (कोड-2बी) को समायोजित करने की सुविधा से सुसज्जित है।

इस अधिग्रहण से हवाई अड्डे के मौजूदा बुनियादी ढांचे का उन्नयन, परिचालन मानकों का सुव्यवस्थित प्रबंधन, तथा उत्तराखंड की क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार होगा।
नैनी सैनी हवाई अड्डे का विकास प्रदेश की स्थानीय कला, सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन क्षेत्र को नया प्रोत्साहन देगा। इससे व्यापार, तीर्थ पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आतिथ्य क्षेत्र में नए अवसर खुलेंगे तथा स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए आयाम सृजित होंगे।

इस पहल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुगम्य और टिकाऊ विमानन अवसंरचना के दृष्टिकोण को बल मिलेगा और इस रणनीतिक हिमालयी क्षेत्र में आपदा-प्रतिक्रिया क्षमताओं को भी सुदृढ़ किया जा सकेगा।

यह समझौता उत्तराखंड को विकास की नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध होगा।

आदि कैलाश में पहली हाई एल्टीट्यूड अल्ट्रा रन मैराथन में 22 राज्यों के 700 प्लस प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा

उत्तराखंड के पौराणिक और आध्यात्मिक धरोहर स्थल आदि कैलाश की पवित्र छाया में आज राज्य की पहली हाई एल्टीट्यूड अल्ट्रा रन मैराथन का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित यह आयोजन उत्तराखंड की साहसिक खेल क्षमता, प्राकृतिक धरोहर और पर्यटन संभावनाओं के नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।

यह 60 किलोमीटर लंबी अल्ट्रा रन आदि कैलाश से प्रारंभ हुई, जिसमें देश के 22 राज्यों से 700 से अधिक धावकों ने भाग लिया। ऊँचाई, कठोर मौसम और चुनौतीपूर्ण हिमालयी ट्रैक के बीच प्रतिभागियों ने अदम्य साहस, धैर्य और फिटनेस का अद्भुत प्रदर्शन किया।

प्रतिभागियों ने उत्तराखंड सरकार और जिला प्रशासन द्वारा की गई उत्कृष्ट व्यवस्थाओं की जमकर प्रशंसा की। धावकों ने कहा कि आईटीबीपी तथा भारतीय सेना का सहयोग और मार्गदर्शन अतुलनीय रहा, जिसने इस कठिन रूट पर आयोजन को सफल और सुरक्षित बनाया।

प्रतिभागियों एवं स्थानीय लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलाश आगमन के बाद इस क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों में तेजी आई है। प्रधानमंत्री के हिमालयी क्षेत्रों में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण और राज्य सरकार के सतत प्रयासों से सीमांत क्षेत्र में साहसिक पर्यटन, धार्मिक पर्यटन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिल रही है।

कार्यक्रम में सचिव पर्यटन, आईटीबीपी अधिकारी श्, जिला प्रशासन, पुलिस विभाग के अधिकारी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। आयोजन के दौरान स्थानीय जनता में भारी उत्साह देखने को मिला और हजारों लोगों ने धावकों का उत्साहवर्धन किया।

रजत जयंती वर्ष के अवसर पर यह आयोजन उत्तराखंड की ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में दर्ज हुआ है, जो राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में एडवेंचर टूरिज़्म और खेल संस्कृति को नई ऊँचाई प्रदान करेगा। आदि कैलाश जैसे पवित्र और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थल से इस साहसिक पहल की शुरुआत को दूरगामी परिणामों वाला कदम माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आदि कैलाश में पहली हाई एल्टीट्यूड अल्ट्रा रन मैराथन के सफल आयोजन पर सभी प्रतिभागियों, आयोजनकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों को बधाई देते हुए कहा कि “यह आयोजन उत्तराखंड के लिए गर्व का क्षण है। आदि कैलाश जैसे पवित्र व आध्यात्मिक धाम में आयोजित यह ऐतिहासिक अल्ट्रा रन न केवल साहस और समर्पण की मिसाल है, बल्कि यह सीमांत क्षेत्रों में साहसिक पर्यटन और खेल संस्कृति को नई दिशा देगा। राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यह आयोजन उत्तराखंड के उज्ज्वल भविष्य और असीम संभावनाओं का प्रतीक है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और उनके द्वारा आदि कैलाश में किए गए दर्शन के बाद इस संपूर्ण क्षेत्र में पर्यटन और आध्यात्मिक गतिविधियों को अभूतपूर्व प्रोत्साहन मिला है। राज्य सरकार भी प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हिमालयी और शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु निरंतर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि-
“सीमांत क्षेत्रों का विकास हमारी प्राथमिकता है। अल्ट्रा मैराथन जैसे आयोजन न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देते हैं बल्कि युवा पीढ़ी में साहसिक खेलों के प्रति उत्साह भी पैदा करते हैं। आने वाले समय में उत्तराखंड साहसिक खेलों और पर्वतीय पर्यटन का वैश्विक केंद्र बनेगा।”

पिथौरागढ़ में सीएम ने सहकारिता मेले का किया शुभारंभ, प्रदेश की उपलब्धियाँ और भविष्य की योजनाएँ की साझा की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने “अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025” के उपलक्ष्य में पिथौरागढ़ में आयोजित सहकारिता मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने जनपद की 85.14 करोड़ रुपये की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया, जिसमें 23.16 करोड़ रुपये की लागत के शिलान्यास एवं 61.98 करोड़ रुपये के लोकार्पण कार्य शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि जिन योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है, वे पिथौरागढ़ के सर्वांगीण विकास में मील का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने कहा कि सहकारिता की परंपरा भारत में प्राचीन काल से चली आ रही है। यह एक-दूसरे को परस्पर सहयोग द्वारा स्वावलंबी बनाने का प्रयास है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2025 को “अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष” घोषित किया है, ताकि वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देकर सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में “सहकार से समृद्धि” के स्वप्न को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश में एक अलग सहकारिता मंत्रालय के गठन का निर्णय लिया। आज अमित शाह के नेतृत्व में यह मंत्रालय देश में सहकारिता आंदोलन को और अधिक सशक्त बनाने के लिए एक अलग प्रशासनिक, कानूनी और नीतिगत ढांचा तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश में बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों के कंप्यूटरीकरण का कार्य उत्तराखंड से प्रारंभ हुआ था और आज प्रदेश की सभी 671 सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण पूर्ण हो चुका है। राज्य की 24 समितियाँ जन औषधि केंद्र के रूप में कार्य कर रही हैं, जिनसे ग्रामीण जनता को सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण दवाइयाँ मिल रही हैं। 640 समितियों को कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में विकसित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की 3838 समितियों का डेटा राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस पर अपलोड हो चुका है। राज्य में फरवरी 2023 से अब तक 800 नई पैक्स, 248 नई डेयरी समितियां एवं 116 मत्स्य समितियां गठित की गई हैं। उत्तराखंड सहकारी संघ द्वारा मिलेट मिशन योजना के अंतर्गत किसानों को अधिक लाभ पहुँचाने के लिए इस वर्ष मण्डुवा की खरीद 48.86 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से की जा रही है। दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत किसानों और स्वयं सहायता समूहों को पशुपालन, दुग्ध व्यवसाय, मछली पालन और फूलों की खेती जैसे कृषि कार्यों हेतु 5 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है। सहकारी समितियों के माध्यम से लघु एवं सीमांत किसानों को 1 लाख रुपये का ब्याज मुक्त फसली ऋण भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश के सहकारी बैंकों में 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक की जमापूंजी है, जो इन संस्थाओं के प्रति जनता के बढ़ते भरोसे का प्रमाण है। सहकारी समितियों के माध्यम से महिला उद्यमिता को भी प्रोत्साहन मिल रहा है। प्रदेश की 1 लाख 70 हजार से अधिक बहनों ने “लखपति दीदी” बनकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में नया इतिहास रचा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिथौरागढ़ में 750 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से मेडिकल कॉलेज के भवन का निर्माण कार्य किया जा रहा है। 34 करोड़ रुपये की लागत से स्पोर्ट्स कॉलेज में आधुनिक मल्टीपर्पज हॉल का निर्माण कराया जा रहा है। विकासखंड बेरीनाग में एक भव्य स्टेडियम का निर्माण कार्य भी प्रारंभ होने वाला है। अस्कोट, गंगोलीहाट और धारचूला में नए बस स्टेशनों के निर्माण के साथ ही पिथौरागढ़ में रोडवेज वर्कशॉप का निर्माण भी कराया जा रहा है। क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 327 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न सड़कों का निर्माण कार्य गतिमान है। पिथौरागढ़ को हल्द्वानी, देहरादून और दिल्ली से हवाई सेवा द्वारा जोड़ने का कार्य किया गया है। पिथौरागढ़ हवाई अड्डे को 450 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक स्वरूप में विकसित करने का कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा।

इस अवसर पर राज्य मंत्री, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार अजय टम्टा, विधायक बिशन सिंह चुफाल, मेयर पिथौरागढ़ कल्पना देवलाल, अध्यक्ष जिला पंचायत पिथौरागढ़ जितेन्द्र प्रसाद, भाजपा जिलाध्यक्ष गिरीश जोशी, जिलाधिकारी पिथौरागढ़ आशीष भटगांई, पुलिस अधीक्षक रेखा यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं स्थानीय जनता उपस्थित थी।

सीएम धामी ने सीमांत गांव में की आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात, जज्बे को किया सलाम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नेे पिथौरागढ़ जिले के सीमांत गांव मिलम का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों से मुलाकात कर उनके राष्ट्रसेवा के जज्बे और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में भी समर्पण भाव से किए जा रहे कार्यों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा और सीमाओं की रक्षा में जवानों का योगदान अतुलनीय है और उनका अनुशासन, परिश्रम एवं देशभक्ति सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान सीमांत क्षेत्र के स्थानीय ग्रामीणों से भी संवाद किया। उन्होंने ग्रामीणों से क्षेत्र के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और मूलभूत सुविधाओं से संबंधित विषयों पर चर्चा की तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी साझा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सीमांत गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए ‘वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम’ प्रभावी रूप से क्रियान्वित किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत इन क्षेत्रों को बुनियादी सुविधाओं से जोड़ने, स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने और गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास तेजी से जारी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सीमांत क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। आने वाले समय में इन क्षेत्रों में सड़क, संचार, स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधाओं को सुदृढ़ किया जाएगा ताकि सीमाओं पर बसने वाले लोगों का जीवन स्तर बेहतर हो सके। उन्होंने सीमा क्षेत्र के नागरिकों के सहयोग और राष्ट्र प्रति समर्पण के लिए आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जोहार क्लब मुनस्यारी में इनडोर स्टेडियम बनाया जायेगा। ग्राम मिलम में नन्दा देवी मंदिर का सौर्न्यीकरण कार्य कराया जायेगा। ग्राम बिल्जू में सामुदायिक मिलन केन्द्र का निर्माण कार्य किया जायेगा।

इस अवसर पर आईजी आईटीबीपी संजय गुंज्याल, स्थानीय लोग और आईटीबीपी के जवान मौजूद थे।

सीएम ने मुनस्यारी में विकास योजनाओं की समीक्षा की

विकासखंड मुनस्यारी के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मुनस्यारी हेलीपैड (राजकीय कन्या इंटर कॉलेज जी.जी.आई.सी.) पहुंचने पर जिलाधिकारी आशीष कुमार भटगांई ने पुष्पगुच्छ भेंट कर हार्दिक स्वागत किया। पुलिस बल द्वारा मुख्यमंत्री धामी को गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया।

भव्य स्वागत के बाद मुख्यमंत्री धामी ने भारी संख्या में उपस्थित मुनस्यारी क्षेत्र की माताओं, बहनों और स्थानीय नागरिकों का अभिवादन स्वीकार किया। उन्होंने लोगों से आत्मीय मुलाकात करते हुए क्षेत्रवासियों के स्नेह और समर्थन के प्रति आभार जताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर अंतिम व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुंचे, और सीमांत क्षेत्रों के लोगों को बुनियादी सुविधाएं सुलभ हों। उन्होंने जनता को आश्वस्त किया कि सरकार निरंतर सीमांत अंचलों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

इसके पश्चात मुख्यमंत्री धामी ने आईटीबीपी की 14वीं बटालियन, मुनस्यारी पोस्ट का भ्रमण किया। वहां जवानों द्वारा उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री ने जवानों से मुलाकात कर सीमाओं की सुरक्षा में उनके योगदान की सराहना की और कहा कि “आपके त्याग, अनुशासन और समर्पण से ही देश सुरक्षित है।” उन्होंने आईटीबीपी के अधिकारियों एवं जवानों को राज्य सरकार की ओर से शुभकामनाएं दीं।

मुख्यमंत्री धामी ने इसके बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं आम नागरिकों से भेंटवार्ता की। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में चल रही विकास योजनाओं, जनसमस्याओं और आधारभूत ढांचागत जरूरतों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की तथा अधिकारियों को जनहित से जुड़े कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।

भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने अपने कॉलेज के पुराने मित्रों से भी भेंट की। उन्होंने आत्मीय संवाद करते हुए पुरानी यादें साझा कीं, उनके साथ स्मृति स्वरूप सेल्फी भी खिंचवाई, और मित्रों के परिवारजनों के कुशलक्षेम की जानकारी लेते हुए शुभकामनाएं दीं।

मुख्यमंत्री के इस दौरे से मुनस्यारी क्षेत्र में उत्साह का माहौल रहा। स्थानीय नागरिकों ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी का यह स्नेहपूर्ण और जनसंपर्क से भरा दौरा सीमांत क्षेत्र के लोगों के लिए प्रेरणादायी और उत्साहवर्धक रहा।

हेली सेवाओं से दूरस्थ क्षेत्रों में आम नागरिकों को सुगम परिवहन उपलब्ध होगाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने क्षेत्रीय संपर्क योजना (उड़ान योजना) के अंतर्गत पिथौरागढ़-मुनस्यारी-पिथौरागढ़ एवं हल्द्वानी-अल्मोड़ा-हल्द्वानी हवाई सेवाओं का मुख्यमंत्री आवास से वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन हवाई सेवाओं के शुरू होने से राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में आम नागरिकों का आवागमन सुगम होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्मोड़ा और मुनस्यारी उत्तराखंड के प्राचीन नगर होने के साथ ही ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण शहर हैं। ये शहर प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक मंदिरों और समृद्ध संस्कृति के लिए देश और दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। हेली सेवा शुरू होने से अब पर्यटक अल्मोड़ा और मुनस्यारी तक और भी आसानी से पहुँच सकेंगे। इन सेवाओं से हल्द्वानी से अल्मोड़ा पहुँचने का समय 3 से 4 घंटे से घटकर महज़ कुछ मिनटों का रह जाएगा। हेली सेवाओं के प्रारंभ होने से दोनों क्षेत्रों में पर्यटन एवं आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उड़ान योजना जैसी दूरदर्शी योजना प्रारंभ की थी। इस योजना ने प्रदेश में हवाई संपर्क को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसके अंतर्गत राज्य के कई हिस्सों में हवाई पट्टियों और हेलीपोर्ट्स का विकास किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 18 हेलीपोर्ट्स से हेली सेवाओं के संचालन की दिशा में कार्य किया जा रहा है, जिनमें से अब तक 12 हेलीपोर्ट्स पर सेवाएँ सफलतापूर्वक प्रारंभ की जा चुकी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हेली सेवाओं से अब तक गौचर, जोशियाड़ा, हल्द्वानी, मुनस्यारी, मसूरी, पिथौरागढ़, पंतनगर, चंपावत, बागेश्वर, नैनीताल और अल्मोड़ा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को जोड़ा जा चुका है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भी हेली सेवाओं से जोड़ा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हवाई संपर्क को सशक्त बनाने के साथ ही उत्तराखंड को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के विस्तार के लिए भी निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। जौलीग्रांट और पंतनगर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाओं के लिए विकसित करने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है।

गौरतलब है कि पिथौरागढ़ -मुनस्यारी -पिथौरागढ़ एवं हल्द्वानी-अल्मोड़ा-हल्द्वानी के लिए हेलीकॉप्टर सेवा सप्ताह में 7 दिन तथा प्रत्येक दिन दो बार संचालित होगी। पिथौरागढ़ से मुनस्यारी के लिए यह हेली सेवा सुबह 10रू30 बजे एवं दोपहर 1रू50 बजे चलेगी। वहीं मुनस्यारी से पिथौरागढ़ के लिए यह सेवा सुबह 10रू50 बजे एवं दोपहर 2रू10 बजे चलेगी।

हल्द्वानी से अल्मोड़ा के लिए हेली सेवा सुबह 11रू50 बजे एवं दोपहर 3रू10 बजे चलेगी। जबकि अल्मोड़ा से हल्द्वानी के लिए यह सेवा दोपहर 12रू50 बजे एवं सायं 4रू10 बजे चलेगी। इन हवाई सेवाओं का किराया ₹2500 है, जिसे यात्री https://airheritage.in/ के माध्यम से ऑनलाइन टिकट बुक कर सकते हैं।

कार्यक्रम में सचिव युकाडा सचिन कुर्वे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी युकाडा आशीष चौहान एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

नन्हीं परी मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी सरकारः धामी

वर्ष 2014 में काठगोदाम में मूल रूप से पिथौरागढ़ निवासी सात वर्षीय बच्ची नन्ही परी के साथ हुई दरिंदगी के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

इस मामले में आरोपित को सुप्रीम कोर्ट से दोषमुक्त किए जाने का संज्ञान लेते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश की बेटियों के साथ दरिंदगी करने वालों को सजा दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इस मामले में आरोपित को लोअर कोर्ट और हाईकोर्ट से सजा हो चुकी थी, लेकिन अब किन्हीं कारण से सुप्रीम कोर्ट से आरोपित बरी हो चुका है। इसलिए न्याय विभाग को इस प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पुनर्विचार याचिका दाखिल करते हुए, मजबूत पैरवी के साथ सजा सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस केस को मजबूती से लड़ेगी, इसमें अच्छी से अच्छी लीगल टीम को लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि में इस तरह के कुकृत्य करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। न्याय की इस लड़ाई में सरकार पूरी तरह पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि ऐसे असामाजिक तत्वों की पहचान के लिए सरकार लगातार प्रदेश में सत्यापन अभियान चला रही है। सरकार देवभूमि की अस्मिता पर कोई चोट नहीं पहुंचने देगी।

सीएम ने की नेपाल से लगे तीन सीमांत जनपदों के अधिकारियों के साथ बैठक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्यमंत्री आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पड़ोसी देश नेपाल में हाल के दिनों में उत्पन्न हुए राजनीतिक हालातों को ध्यान में रखते हुए राज्य के तीन सीमांत जनपदों चंपावत, पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर के जिला प्रशासन, सशस्त्र सीमा बल के अधिकारियों एवं पुलिस प्रशासन के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में नेपाल से सटी उत्तराखण्ड की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सुरक्षा को लेकर संपूर्ण स्थिति की समीक्षा की गई ।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नेपाल से लगी सीमाओं पर सघन चेकिंग अभियान चलाए जाएं और वहां किसी भी असामाजिक या उत्पाती तत्व की गतिविधियों पर विशेष निगरानी रखी जाए। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की निगरानी भी सतत रूप से की जाए ताकि किसी भी प्रकार की अफवाह, भ्रामक सूचना या उकसाने वाले कंटेंट पर समय रहते कार्रवाई की जा सके। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि वे केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों एवं एसएसबी के साथ निरंतर संपर्क व समन्वय बनाकर कार्य करें। सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों, स्थानीय ग्राम समितियों, पुलिस बल एवं वन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर सामूहिक भागीदारी से निगरानी व्यवस्था को सशक्त बनाया जाए।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सीमाओं से लगे प्रवेश मार्गों की नियमित मॉनिटरिंग की जाए और सीमा पार से होने वाले आवागमन पर विशेष सतर्कता बरती जाए। उन्होंने भारत सरकार द्वारा जारी सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देशों का कठोरता से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, साथ ही आवश्यकतानुसार अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती के भी आदेश दिए।

बैठक में सीमांत क्षेत्रों की सुरक्षा चुनौतियों, सामुदायिक भागीदारी, खुफिया सूचना तंत्र की मजबूती, तथा केंद्रीय एजेंसियों से तालमेल के विभिन्न पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया।

इस उच्चस्तरीय बैठक में राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव (गृह), एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, एडीजी इंटेलिजेंस, कुमाऊं मंडलायुक्त, कुमाऊं परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक, तथा चंपावत, पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर जिलों के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक व सशस्त्र सीमा बल के अधिकारी भी उपस्थित रहे।