राज्य में 1938 दंपतियों ने उठाया एआरटी सुविधा का लाभ

सूबे में एआरटी अधिनियम-2021 एवं सरोगेसी एक्ट-2021 के सुखद परिणाम देखने को मिल रहे हैं। दोनों एक्टों के लागू होने के उपरांत राज्य में 1938 दंपतियों ने सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) के विकल्प का लाभ सफलतापूर्वक उठाया है। राज्य में संतान सुख पाने में असमर्थ विवाहित दंपत्ति एवं महिलाओं की कुछ श्रेणियों (एकल और अविवाहित) के लिये एआरटी वरदान साबित हो रहा है। सूबे के स्वास्थ्य विभाग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सरोगेसी एक्ट एवं एआरटी एक्ट-2021 लागू होने के उपरांत लाभार्थियों की मांगी गई रिपोर्ट के क्रम में विगत दो वर्षों के आंकड़े भारत सरकार को भेज दिये हैं।
प्रदेश में निःसंतान दम्पतियों के चेहरों पर मुस्कान लौट रही है। उनके सूने आंगन बच्चों की खिलखिलाहट से गूंज रहे हैं। यह सब एआरटी अधिनियम-2021 व सरोगेसी एक्ट-2021 के लागू होने और इसके ठोस क्रियान्वयन से सम्भव हो पाया है। वर्ष 2021 में देश के साथ-साथ प्रदेश में एआरटी व सरोगेसी एक्ट लागू हुआ। जिसके अंतर्गत प्रदेश में पंजीकृत 22 एआरटी क्लीनिकों के माध्यम से सूबे के 1938 दम्पतियों ने सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) के विकल्प का लाभ सफलतापूर्वक उठाया है। जिसमें सर्वधिक 726 दम्पतियों ने इंदिरा आईवीएफ में एआरटी का लाभ लिया। इसके अलावा नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी में 168, केयर आईवीएफ यूनिट में 165, फुटेला फर्टिलिटी सेंटर 137, उत्तरांचल टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर 103, जेनेसिस आईवीएफ 83, मॉर्फिअस प्रसाद इंटरनेशनल आईवीएफ सेंटर 68, सुभारती हॉस्पिटल एंड आईवीएफ सेंटर 66, वृंदा फेमिकेयर फर्टिलिटी एलएलपी 57, वैश्य नर्सिंग होम एआरटी क्लीनिक में 54, श्री महंत इंद्रेश हॉस्पिटल आईवीएफ सेंटर 53, निदान फर्टिलिटी क्लीनिक 45, ऑली हास्पिटल फर्टिलिटी रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक सेंटर 42, आशीर्वाद हेल्थकेयर एवं फर्टिलिटी सेंटर 41, आईवीएफ सेंटर एम्स ऋषिकेश 28, लूथरा नर्सिंग होम 24, रेवती नर्सिंग होम 22, काला फर्टिलिटी 3 एवं मदर केयर सेंटर में 2 दम्पतियों ने एआरटी का लाभ लिया।
भारत सरकार ने हाल ही में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से उन दंपतियों और एकल तथा अविविवाहित महिलाओं का आंकड़ा मांगा है जिन्होंने सरोगेसी अधिनियम-2021 एवं एआरटी-2021 लागू होने के बाद से सरोगेसी व एआरटी का सफलतापूर्वक लाभ उठाया है ताकि सरकार कानून के कामकाज का आंकलन कर सके। इस बावत प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में एआरटी का लाभ उठाने वाले सभी 1938 दम्पतियों की जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दी है।

आमजन तक स्वास्थ्य सेवाओं के व्यापक प्रचार और मजबूती के लिए करेंगे कार्यः डॉ कुलदीप मार्ताेलिया

उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) अधिकारी पद पर हुई डॉ कुलदीप मार्ताेलिया की नियुक्ति की गई है। उन्होंने आज अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है। डॉ कुलदीप मार्ताेलिया से पहले आईईसी अधिकारी का कार्य डॉ मंयक बडोला देख रहे थे। डॉ मंयक बडोला 02 वर्ष के लिए बतौर सीएमओ प्रतिनियुक्ति पर मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में चले गये हैं। उनके कार्यकाल में सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) ने स्वास्थ्य जन जागरूकता से जुड़े कई अहम कार्य किये।

डॉ कुलदीप मार्ताेलिया ने आज सूचना, षिक्षा, संचार (आईईसी) अधिकारी के पद पर अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है। कार्यभर ग्रहण करने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार के सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों की जानकारी राज्य के षहर से लेकर सीमांत इलाकों तक पहुंचे इसको लेकर वह और उनकी पूरी टीम कार्य करेगी। वर्तमान में केन्द्र व राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती के लिए युद्वस्तर पर कार्य कर रहे हैं। आम जनमानस को उनके नजदीकी अस्पताल में बेहत्तर ईलाज मिल रहा है। आयुश्मान योजना हर व्यक्ति के लिए वरदान साबित हो रही है। उनका प्रयास रहेगा कि हर व्यक्ति को स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं की जानकारी होनी चाहिए।

डॉ कुलदीप मर्ताेलिया ने कहा सूचना तंत्र को और अधिक मजबूत बनाने पर कार्य किया जाएगा। इसके साथ नवीन मीडिया के टूल्स खासतौर से सोशल मीडिया का स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए भरपूर इस्तेमाल किया जाएगा।
सोशल मीडिया ऑनलाइन सोशल नेटवर्किंग साइटों जैसे ट्विटर, यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और ब्लॉग। यह एक नया और हमेशा बदलता रहने वाला क्षेत्र है। इंटरनेट, सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म और मोबाइल संचार तक पहुंच सभी उपकरण हैं। जिनका उपयोग स्वास्थ्य संबंधी जानकारी उपलब्ध और सुलभ बनाने के लिए किया जा सकता है। ​​

आपको बता दें कि डॉ कुलदीप मार्ताेलिया वर्तमान में स्वास्थ्य महानिदेशालय में सहायक निदेशक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके साथ ही राज्य में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के क्रियान्वयन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी उनके उपर है। स्वास्थ्य महानिदेशालय में अधिकारियों-कर्मचारियों ने उन्हें नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दी।

उप जिला चिकित्सालयों के लिए अधिकारियों को कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के दिये निर्देश

राज्य सरकार ने सूबे में हेल्थ नेटवर्क मजबूत करने और आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से प्रदेश के डेढ़ दर्जन छोटे अस्पतालों को उप जिला चिकित्सालय में उच्चीकृत करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत करने को कहा गया है। विशेषकर कैलाश मानसरोवर यात्रा व चार धाम यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर करने की योजना है।

सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के सभागार में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की। जिसमें सूबे के चार धाम यात्रा मार्गों एवं कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग व दूरस्थ क्षेत्रों के डेढ़ दर्जन चिकित्सा इकाईयों को उच्चीकृत कर उप जिला चिकित्सालय बनाने का निर्णय लिया है। जिनमें चमोली जनपद में जोशीमठ, थराली, गैरसैंण शामिल है। जबकि रूद्रप्रयाग जनपद में गुप्तकाशी, पौड़ी में थलीसैण, उत्तरकाशी में भटवाड़ी, पुरोला, बड़कोट तथा टिहरी में नैनबाग, हरिद्वार में खानपुर, पिथौरागढ़ में डीडीहाट, बागेश्वर में बैजनाथ, अल्मोड़ा में सोमेश्वर, नैनीताल में ओखलकांडा तथा ऊधमसिंह नगर में सितारगंज व गदरपुर शामिल है। जबकि रूद्रप्रयाग जनपद के अंतर्गत त्रिजुगीनारायण में श्रद्धालुओं की बढ़ती तादाद को देखते हुये वहां पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने का निर्णय लिया गया है। विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि उपरोक्त सभी चिकित्सा इकाईयों के उच्चीकरण संबंधी प्रस्ताव मानकों के अनुसार तैयार कर शासन को उपलब्ध कराया जाय ताकि सभी प्रस्तावों पर कैबिनेट में विचार किया जा सके।

विभागीय मंत्री डा. रावत ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के स्वीकृत विभागीय बजट के आय-व्यय की समीक्षा करते हुये अधिकारियों को निर्देश दिये कि मार्च से पहले सभी मदों में स्वीकृत शतप्रतिशत बजट को खर्च कर लिया जाय जो जनपद समय पर आवंटित बजट खर्च नहीं कर पायेंगे उनके जिम्मेदार अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जायेगा। विभागीय अधिकारियों की पदोन्नति में हो रही देर पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुये सभी कार्मिकों की पदोन्नति समय पर करने के निर्देश दिये। स्वास्थ्य विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा में रिक्त पदों का विवरण तलब करते हुये डा. रावत ने विभगाय अधिकारियों को विभिन्न श्रेणी के पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर एएनएम के 391 पदों को भरने हेतु अधियाचन चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को भेजने के भी निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने विभाग में चिकित्साधिकारियों के रिक्त पदो ंके बैकलॉक पदों को भरने संबंधी प्रक्रिया भी शुरू करने को कहा। उन्होंने कहा कि विभाग के अंतर्गत जनपद स्तर पर चल रहे निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिये महानिदेशालय स्तर पर प्रत्येक सप्ताह मॉनिटिरिंग की जाय ताकि समय पर बजट खर्च किया जा सके।
बैठक में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य एवं अनुश्रवण परिषद उत्तराखंड के उपाध्यक्ष सुरेश भट्ट, एमडी एनएचएम स्वाती एस भदौरिया, अपर सचिव स्वास्थ्य आनंद श्रीवास्तव, नमामि बंसल, अमनदीप कौर, अपर सचिव वित्त अमीता जोशी महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, निदेशक स्वास्थ्य सुनीता टम्टा, अपर निदेशक भागीरथ जंगपांगी, मीतू शाह, ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी, संयुक्त निदेशक खाद्य डॉ. आर.के. सिंह, उपायुक्त एफडीए जी.सी. कंडवाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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नजरियाः टीबी मुक्त उत्तराखंड की दिशा में रोगियों के सहयोग में जुटे 10 हजार से अधिक निःक्षय मित्र

देहरादून। टीबी मुक्त उत्तराखंड के लिये राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास धरातल पर नजर आने लगे हैं। टी0बी0 रोगियों की सेवा के लिये प्रदेश में हजारों ने लोगों ने आगे आ कर सामुदायिक भागीदारी निभाई है। वहीं इन सबके बीच राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार सामाजिक सहभागिता की मिशाल बने हैं। निरूक्षय मित्र बन स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने दूसरी बार टीबी रोगियों को गोद लिया है। जिन रोगियों को उन्होंने गोद लिया था वह पूरी तरह स्वस्थ होकर सामन्य जीवन ब्यतीत कर रहे हैं।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत राज्य में अब तक 10014 लोगों ने निःक्षय मित्र के तौर पर अपना पंजीकरण कराया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को वर्ष 2024 तक टी0बी0 मुक्त करने के उद्देश्य से प्रदेश के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री टी0बी0 मुक्त भारत अभियान को व्यापक स्तर पर चलाया जा रहा है। जिसमें नि-क्षय मित्र चिन्हित टीबी रोगियों को गोद लेकर टी0बी0 मुक्त अभियान में अहम भूमिक निभा रहे हैं।

जिसमें हरिद्वार जनपद में सर्वाधिक 2136 नि-क्षय मित्र पंजीकृत हैं जबकि ऊधमसिंह नगर में 2205, नैनीताल 1309, देहरादून 1709, अल्मोड़ा 593, पौड़ी गढ़वाल 468, टिहरी 392, पिथौरागढ़ 255, रूद्रप्रयाग 208, चमोली 206, उत्तरकाशी 192, चम्पावत 187 तथा बागेश्वर में 154 नि-क्षय मित्रों का पंजीकरण किया गया है।

आज प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार द्वारा जिला क्षय रोग कार्यालय, देहरादून में नि-क्षय मित्र बनकर क्षय रोगी को मासिक पोशाहार दिया गया तथा उनके द्वारा आम जनमानस में अपील की गई की समाज के सभी वर्ग आगे आकर कार्यक्रम की सफलता मे सहयोग करें। सचिव महोदय द्वारा 01 साल पूर्व दो क्षय रोगियों को नि-क्षय मित्र बन पोशाहार दिया गया था जो कि वर्तमान के स्वस्थ्य हो गये है।

इस कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, देहरादून, प्रभारी अधिकारी, एन.टी.ई.पी, उत्तराखण्ड, जिला क्षय रोग अधिकारी, देहरादून एवं अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थें।

मंत्री धन सिंह पीएम विश्वकर्मा योजना व विकसित भारत संकल्प यात्रा में करेंगे प्रतिभाग

कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत जनपदों में चयनित नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र बांटेंगे। गढ़वाल मंडल के अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान वह विभिन्न स्थानों पर विकसित भारत संकल्प यात्रा तथा प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की कार्यशाला में प्रतिभाग कर आम लोगों को भारत सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे। इसके अलावा वह भ्रमण के दौरान विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास व लोर्कापण भी करेंगे।

गढ़वाल मंडल के तीन दिवसीय दौरे पर रवाना होने से पहले सूबे के कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि सोमवार से जनपदों में नवनियुक्त नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र बांटेंगे। उन्होंने कहा कि विभिन्न चिकित्सा इकाईयों में नये नर्सिंग अधिकारियों की नियुक्ति होने से स्वास्थ्य सेवाओं में और अधिक सुधार होगा और इसका लाभ आम लोगों को मिलेगा। 8 जनवरी से लेकर 10 जनवरी 2024 तक गढ़वाल मंडल के तीन दिवसीय दौरे के दौरान डा. रावत विभिन्न जनपदों में विकसित भारत संकल्प यात्रा की अगुवाई करेंगे साथ ही वह प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की कार्यशालाओं में प्रतिभाग कर लाभार्थियों को इस योजना से होने वाले फायदों से भी अवगत करायेंगे।

गढ़वाल भ्रमण के दौरान डॉ. रावत सोमवार को सबसे पहले अपनी विधानसभा क्षेत्र श्रीनगर के अंतर्गत सी0डी0एस0 विपिन रावत स्टेडियम की सड़क एवं पार्किंग का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। इसके उपरांत वह गौचर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में चमोली जनपद में नवनियुक्त नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे। इसके बाद वह रूद्रप्रयाग में आयोजित कार्यक्रम में पहुंकर नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र बांटेंगे। इसके उपरांत वह श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में 42 शैय्यायुक्त मनोरोग गहन चिकित्सा इकाई (पीकू) वार्ड का लोकार्पण करेंगे साथ ही मेडिकल कॉलेज में विभिन्न निर्माण कार्यों, रंग-रोगन, जिम-पार्क का शिलान्यास भी करेंगे।

तीन दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम के दौरान मंगलवार को कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत श्रीनगर में पीएम-श्री राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के विज्ञान प्रयोगशाला तथा सौन्दर्यीकरण का शिलान्यास करेंगे। इसके बाद वह पौड़ी में संस्कृति विभाग के सभागार में आयोजित स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रम में पौड़ी जनपद के नवयुक्त नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे। इसके उपरांत वह जिला सभागार में विभिन्न विकास योजनाओं के संबंध में जिलाधिकारी की उपस्थिति में जनपद स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेंगे। इसके उपरांत वह भारतीय जनता पार्टी की बैठक में शामिल होंगे। इसके बाद वह चढ़ीगांव डायट में अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन के सहयोग से आयोजित नव-नियुक्त शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रतिभाग करेंगे। इसके अलावा वह गंगादर्शन मोड श्रीनगर में निर्माणाधीन कार्यों का भी निरीक्षण करेंगे।

बुधवार को डा. रावत नई टिहरी में नव निर्मित छह हैल्थ एवं वैलनेस सेंटरों का लोकार्पण करेंगे इसके अलावा वह टिहरी जनपद में नव नियुक्त नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र भी वितरित करेंगे। इसके उपरांत वह चिन्यालीसौड में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयेजित कार्यक्रम में पहुंकर जनपद उत्तरकाशी में नव नियुक्त नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे।

पिथौरागढ़ जिले के जौलजीबी पीएचसी के लिए 10 पदों पर होगी भर्ती

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य स्वास्थ्य विभाग पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं को युद्वस्तर पर मजबूत करने पर जुटा हुआ है। इसको लेकर सबसे पहले राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा स्टाफ की कमी के साथ ही चिकित्सा उपकरणों की कमी दूर करने के निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार को दिए हैं।
इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग ने पिथौरागढ़ जिले के धारचुला विकासखंड के जौलजीबी गांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के संचालन के लिए 10 पदों के सृजन के लिए मंजूरी प्रदान की है। इन पदों में स्वास्थ्य अधिकारी, नर्स, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन और तीन पद चतुर्थ कर्मचारियों के लिए हैं।
स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने कहा है कि इन पदों पर नियुक्ति के लिए महामहिम राज्यपाल से अनुमति मिल गयी है। जौलजीबी में इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के मानकों के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन किया जा रहा है। इसके लिए चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशालय ने विभाग से 10 पदों के सृजन के लिए अनुमति मांगी थी।
स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार ने बताया कि सरकार ने इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए इन पदों पर नियुक्तियों की अनुमति प्रदान कर दी है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक चिकित्सा अधिकारी, चार स्टाफ नर्स, एक फार्मासिस्ट, एक लैब टेक्निशियन, एक सेनेटरी वर्कर कम वॉचमैन, दो मल्टीस्किल्ड ग्रुप डी की नियुक्ति करने का मंजूरी दी गयी है। यह पद फिलहाल अस्थायी होंगे। जरूरत के मुताबिक पदों का सृजन बढ़ाया जा सकता है और सेवाओं को समाप्त किया जा सकेगा। स्वास्थ्य सचिव ने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने पर कार्य किया जा रहा है। इसको लेकर चिकित्सा स्टाफ की नियुक्ति के साथ जरूरी उपकरण भी खरीदे जा रहे हैं ताकि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ही मरीजों को बेहतर ईलाज मिल सके।

मैक्स और दून अस्पताल में भर्ती मरीजों में हुई कोविड-19 की पुष्टि, मरीज स्वस्थ

उत्तराखंड में लंबे समय बाद कोरोना के 2 मामले सामने आये हैं। देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती रहे 77 वर्षीय पुरुष की रिपोर्ट शनिवार को पॉजिटिव आई थी। वहीं, रविवार को 72 वर्ष की महिला मरीज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। कोविड के नए वेरिएंट जेएन-1 की पहचान के लिए दोनों संक्रमित मरीजों के सैंपल को जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है।
देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती रहे 77 वर्षीय व्यक्ति में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है। मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। मरीज पूर्व से ही कई अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं। जिनका उपचार अस्पताल से चल है। मरीज के परिजनों के मुताबिक उनकी हालत स्थिर है। स्वास्थ्य में पहले के मुकाबले सुधार है। और वह घर पर ही होम आईशूलेशन में हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम मरीज के परिजनों के सम्पर्क में है और उनके स्वास्थ्य पर नज़रे बनाये हुए हैं।
वहीं दून अस्पताल में भर्ती 72 वर्षीय महिला में भी कोविड की पुष्टि हुई है। महिला को दून अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती किया गया है। डॉक्टरों की टीम महिला के स्वास्थ्य पर नज़रें बनाई हुई है।
सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ आर राजेश कुमार ने बताया की स्वास्थ्य विभाग की टीम दोनों रोगियों एवं उनके परिवारजनों से निरंतर संपर्क में है तथा चिंता का कोई विषय नहीं हैस
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के निर्देश पर कोविड प्रबंधन को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूर्ण रूप से तैयार है सभी जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों तथा चिकित्सा अधीक्षकों को चिकित्सालय स्तर पर कोविड के उपचार को लेकर सभी तैयारियां पूर्ण रखने के निरंतर निर्देश दिए गए हैं तथा मॉक ड्रिल के माध्यम से तैयारी की निगरानी भी की जा रही है। माननीय मुख्यमंत्री जी कोविड प्रबंधन को लगातार फीडबैक ले रहे हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम रोगी के निवास स्थान पर नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यवाही के लिए भेजी गई हैं। सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को कोविड प्रबंधन के लिए की जाने वाली किसी भी कार्यवाही में कोताही न बरतने के निर्देश दिए गए हैंस
स्वास्थ्य सचिव द्वारा सर्दी के मौसम में आम जनमानस से कोविड एवं इन्फ्लूएंजा जैसे रोगों को लेकर सावधानी एवं सतर्कता बरतने की अपील की गई है।

उत्तराखंड आयुष्मान योजनाः अबतक 54 लाख लोगों के बने कार्ड, 10 लाख मरीजों ने उठाया लाभ

उत्तराखंड में आयुष्यान योजना बहुत बड़ी राहत के तौर पर सामने आई है। राज्य में इस योजना के तहत अबतक 54 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। जबकि लगभग दस लाख मरीजों का उपचार योजना के तहत किया जा चुका है। जिस पर सरकार ने लगभग 1900 करोड से अधिक़ की धनराशि खर्च कर दी है।

उत्तराखंड सरकार प्रदेश के आम लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातार सार्थक प्रयास कर रही है। राज्य में संचालित आयुष्मान योजना प्रदेश के लोगों के लिये संजीवनी का काम कर रही है। राज्य में अबतक लगभग 10 लाख लोग आयुष्मान योजना के तहत अपना निःशुल्क उपचार कर चुके हैं, जिस पर राज्य सरकार 1900 करोड़ से अधिक की धनराशि व्यय कर चुकी है। इस योजना के अंतर्गत राज्य में अबतक 54 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके हैं। सरकार का लक्ष्य मार्च 2024 तक प्रदेश में पांच वर्ष से अधिक आयु वर्ग के शतप्रतिशत लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने का है ताकि प्रदेश के सभी लोगों को इस योजना से कवर किया जा सके।

सुकून देते आंकड़े

जनपद आयुष्मान कार्ड उपचारित
अल्मोड़ा 272763 27086
बागेश्वर 119867 11829
चमोली 211040 35610
चंपावत 125272 17444
देहरादून 1112592 268779
हरिद्वार 908322 171210
नैनीताल 516223 87359
पौड़ी गढ़वाल 389934 82841
पिथौरागढ़ 228072 31008
रूद्रप्रयाग 127111 21798
टिहरी 332797 58358
यूएस नगर 888549 149295
उत्तरकाशी 186226 33272
कुल 5418768 995889

प्रदेश में आयुष्मान योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष प्रति व्यक्ति के लिये 5 लाख रूपए तक के मुफ्त उपचार की सुविधा है। आंकड़ों पर अगर गौर करें तो यह राज्य के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। सरकार का मकसद राज्य में शतप्रतिशत लोगों को इस योजना के तहत कवर करना है इसके लिये व्यापक स्तर पर लगातार प्रयास किये जा रहे हैं
– डॉ धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री, उत्तराखंड सरकार

कोविड-19 को लेकर सीएम धामी निरंतर कर रहे स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं की मॉनिटरिंग

देहरादून। देश में कोरोना-19 के नये वेरिएंट जेएन-1 को लेकर प्रदेश सरकार अलर्ट मोड़ पर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि नए वेरिएंट को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव प्रयास करें।

मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार से विभिन्न अस्पतालों में संसाधनों और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तैयारी के संबंध में जानकारी प्राप्त की। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया है कि आपके निर्देशानुसार कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गयी है और शवास और सांस के रोगियों की मानीटरिंग के निर्देष दिये गये हैं। प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को कहा है कि कोरोना से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयारी करें।

स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर राजेश कुमार द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अवगत कराया गया कि वर्तमान में कोविड जांच के लिए प्रदेश में 50 से अधिक पैथोलॉजी लैब स्थापित है। इसमें 12 लैब सरकारी हैं। इसके अलावा पीएचसी और सीएचसी स्तर पर एंटी रैपिड टेस्ट की सुविधा है। इसके साथ ही कोविड और इंफ्लूएंजा से ग्रसित मरीजों के लिए प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड की पर्याप्त व्यवस्था है। 5,893 ऑक्सीजन सपोर्टेड आइसोलेशन बेड, 1,204 आईसीयू बेड, वेंटीलेटर युक्त 894 आईसीयू बेड, 1,298 क्रियाशील वेंटीलेटर, 7,561 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 15,950 ऑक्सीजन सिलिंडर, 93 क्रियाशील पीएसए प्लांट, 807 क्रियाशील ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक उपलब्ध हैं। इसके साथ ही कोविड-19 प्रबंधन में प्रशिक्षित 3,161 पैरामेडिकल स्टॉफ की टीम शामिल है। हर चुनौती से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है।

माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अब तक प्रदेश में कोरोना के नए वेरिएंट जेएन-1 को लेकर एक भी मरीज नहीं आया है। इसके बावजूद सरकार पूरी तरह से अलर्ट है। कोरोना से निपटने के लिए अस्पतालों में आक्सीजन बेड, आईसीयू और अन्य सुविधाएं जुटा ली गयी हैं। अस्पतालों को निर्देश दिये गये हैं कि वह सांस और हृदय रोगियों की मानीटरिंग की जाए।माननीय मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में नये वेरिएंट पर नजर रखी जा रही है और यदि कहीं कोई मरीज आता है तो उस स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं की गयी हैं।

उत्तराखण्ड में कोरोना का एक भी केस नहीं, हर परिस्थिति से निपटने को तैयार स्वास्थ्य विभागः राजेश कुमार

देहरादून। देश में कोविड के नए मामले सामने आने के बाद उत्तराखण्ड स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। कोविड गाइडलाइंस जारी करने के बाद स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर राजेश कुमार ने डेली मॉनिटरिंग शुरू कर दी है। कोविड के नये वेरियंट के दृष्टिगत आज राज्य सचिवालय में स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी जनपदों के जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी व स्वास्थ्य अधिकारी वर्चुअल माध्यम से मौजूद रहे। स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर राजेश कुमार ने कहा उत्तराखंड में अभी कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है। कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर विस्तृत गाइडलाइन के साथ ही अस्पतालों में सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद रखने के निर्देश जारी किए गए हैं। हर परिस्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने आम मानस से अपील करते हुए कहा कि सभी कोरोना गाइडलाइंस का पालन करें। राज्य के सभी अस्पतालों में सैंपलिंग हो रही है। संदिग्ध मरीजों की निगरानी की जा रही है।

कोविड को लेकर सचिवालय में हुई अहम बैठक में स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देशत करते हुए कहा कि कोविड की जांच आरटीपीसीआर के माध्यम से की जाए।उन्होने कहा सभी कोविड पॉजिटिव सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग की जाए। कोविड मरीजों की लगातार निगरानी जनजागरुकता अभियान संचालित करें साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए की किसी भी स्वास्थ्य इकाइयों में चिकित्सा सुविधाओं की कमी ना हो।

सचिव द्वारा कोविड की दैनिक मॉनिटरिंग पर भी जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड के मामले शून्य व नए वेरियंट जेएन.1 को लेकर भी भारत सरकार से मिले दिशा.निर्देशों का अनुपालन किया जा रहा है। सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी जिलाधिकारी आम जनमानस में कोविड संबंधित भ्रातियों को बढ़ने ना दें व स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आधिकारिक सूचनाओं का ही अनुपालन करें।

बैठक में महानिदेश स्वास्थ्य डॉ विनीता शाहए अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर संयुक्त निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ महेंद्र कुमार पंतए कार्यक्रम अधिकारी डॉ पकंज कुमार सहित समस्त मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य राज्य एवं जिला आईडीएसपी टीम द्वारा प्रतिभा किया गया।