ऋषिनगरी में नही थम रहा डेंगू का कहर

सरकारी अस्पताल के तीन मरीजों में डेंगू की पुष्टि

ऋषिकेश।
ऋषिनगरी में डेंगू का कहर थमने का नाम नही ले रहा है। शनिवार को सरकारी अस्पताल में तीन और मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई। वहीं, टाइफाइड के भी आठ मामले और बढ़ गये है।
सुबह शाम मौसम में ठंड का एहसास होने लगा है। बावजूद डेंगू और टाइफाइड के मामले कम होने का नाम नही ले रहे है। सरकारी अस्पताल में शनिवार को 410 मरीजों ने पंजीकरण कराया। 37 मरीजों में डेंगू की आशंका के चलते ब्लड जांच की गई। जिसमें से तीन मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई। वहीं, 62 मरीजों में टाइफाइड की जांच की गई। 8 मरीजों में टाइफाइड पॉजीटिव मिला। डेंगू के नोडल अधिकारी डॉ. महेश सैनी ने बताया कि मौसम में ठंड का एहसास होने लगा है, बावजूद डेंगू के नए मरीज बढ़ रहे है।

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वहीं, प्राइवेट अस्पताल में भी डेंगू के मरीज बढ़ रहे है। प्राइवेट अस्पताल एक लाख से कम प्लेटलेट्स वाले को भी डेंगू आशंका के चलते भर्ती करने की सलाह दे रहे है। हालांकि सरकारी आकंडे प्राइवेट अस्पताल की पुष्टि नही कर रहे है। डेंगू जांच को लेकर मरीज प्राइवेट पैथोलॉजी लैब के चक्कर काट रहे है। नगर सक्रांमक रोग नियंत्रक एसएस यादव ने बताया कि सरकारी अस्पताल में ब्लड जांच के बाद तीन नए मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। उन्होंने प्राइवेट अस्पताल के आकंड़ों की पुष्टि नही करने की बात कही।

डेंगू का डर दिखाकर मरीजों की जेब कर रहे खाली

खौफ या धंधा
डेंगू पीड़ितों में खौफ पैदा कर लूट रहे प्राइवेट अस्पताल
प्लेटलेट्स काउंट जांच की रिपोर्ट में आ रहा भारी अंतर

ऋषिकेश।
डेंगू का खौफ दिखाकर मरीजों को जेब खाली की जा रही है। जी हां, प्राइवेट अस्पताल या पैथोलॉजी लैब की रिपोर्ट पर भरोसा करना भारी पड़ सकता है। इनकी प्लेटलेट्स काउंट जांच में भारी अंतर आ रहा है। ज्यादातर निजी अस्पताल कम प्लेटलेट्स दिखाकर मरीजों पर भर्ती होने का दबाव बना रहे हैं। कुछ दिन इलाज के बाद मरीज को लंबा चौड़ा बिल थमा देते हैं। शहर के एक मरीज के साथ कुछ ऐसा ही वाकया हुआ है।

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35 अद्वैतानंद मार्ग निवासी एके तिवारी ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे विवेक कुमार को बुखार की शिकायत पर देहरादून मार्ग पर स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में डॉक्टर को दिखाया। एके तिवारी ने बताया कि डॉक्टर ने ब्लड जांच कराने की सलाह दी। अस्पताल की लैब में पांच अक्तूबर को डेंगू जांच की रिपोर्ट पॉजीटिव आई और प्लेटलेट्स 56 हजार बताई गयी। उन्होंने छह अक्तूबर को पुष्कर मंदिर मार्ग पर स्थित प्राइवेट पैथोलॉजी लैब में प्लेटलेट्स जांच कराई तो प्लेटलेट्स दो लाख 18 हजार आईं। फिर उन्होंने सात अक्तूबर को सुबह 11.30 बजे देहरादून मार्ग स्थित प्राइवेट अस्पताल की पैथोलॉजी में बेटे की प्लेटलेट्स जांच कराई तो संख्या 63 हजार बताई गई। एके तिवारी ने कुछ देर बाद 11.45 बजे पुष्कर मंदिर मार्ग पर स्थित प्राइवेट लैब में जांच कराई तो दो लाख 12 हजार प्लेटलेट्स आईं। इससे वह दुविधा में पड़ गए। उन्होंने शाम को छह बजे फिर कोठारी मार्केट स्थित एक अन्य प्राइवेट पैथोलॉजी लैब में जांच कराई तो प्लेटलेट्स एक लाख 47 हजार आईं। उनका कहना था कि प्राइवेट अस्पताल और प्राइवेट पैथोलॉजी लैब में अलग-अलग प्लेटलेट्स की संख्या आ रही हैं। ऐसे में उन्हें समझ नहीं आ रहा कि क्या करें, किसकी रिपोर्ट पर भरोसा करें।

टाइफाइड मरीजों की बढ़ रही संख्या

एक माह में हजार से अधिक मरीजों में टाइफाइड की हो चुकी पुष्टि

ऋषिकेश।
गुरुवार को सरकारी अस्पताल की ओपीडी में 510 मरीजों ने पंजीकरण कराया। 29 मरीजों में डेंगू की आशंका के चलते ब्लड जांच की गई, जिसमें से एक मरीज पॉजीटिव मिला। 49 मरीजों में टाइफाइड की जांच की गई, जिसमें से 12 पीड़ित मिले। गौरतलब है कि टाइफाइड के मामले लगातार बढ़ रहे है। सरकारी व प्राइवेट अस्पताल में इन दिनों डेंगू व चिकनगुनिया के साथ ही टाइफाइड के मरीज भी अधिक संख्या में आ रहे है। फिजिशियन डॉ. महेश सैनी ने बताया कि इन दिनों टाइफाइड के मरीज बढ़ रहे है।

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टाइफाइड दूषित खाने पीने से लीवर संक्रमण के चलते होता है। डॉ. सैनी ने बताया कि इसे आंतों का बुखार भी कहा जाता है। इसमें सुबह शाम बुखार आता है और शरीर में कमजोरी रहती है। बताया कि लापरवाही होने पर पीलिया होने का खतरा भी बना रहता है। उन्होंने मरीज को टाइफाइड में दवा सेवन के साथ ही आराम करने की सलाह दी। नगर संक्रामक रोग नियंत्रक एसएस यादव ने बताया कि गुरुवार को 29 मरीजों की जांच की गई, जिसमें से एक मरीज डेंगू से पीड़ित मिला।

शहर की आंतरिक सड़कें खस्ताहाल

पालिका नहीं करा पा रही सड़कों का मरम्मत कार्य

ऋषिकेश।
नगरपालिका क्षेत्र गंगानगर, गुल्हाटी प्लाट, गोविंद नगर, संयुक्त बस अड्डा, शांतिनगर आदि क्षेत्रों की आंतरिक सड़कें पिछले कई सालों से खस्ताहाल बनी हुई हैं। लोग सड़कों पर हिचकोले खाने को मजबूर हैं। यही नहीं रात्रि के समय सड़क पर बने गड्ढे लोगों को चोटिल कर रहे हैं। लेकिन पालिका प्रशासन समस्या की ओर ध्यान देने की जरूरत तक नहीं समझ रही। पिछले कई सालों से सड़कों का मरम्मत कार्य नहीं हो पाया है। लोगों की शिकायत के बावजूद भी पालिका सड़कों का मरम्मत कार्य नहीं कर पाया है। पालिका की हीलाहवाली का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

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स्थानीय गोविंद सिंह, भरत सिंह, शरण सिंह पंवार, सोबन सिंह आदि का कहना है कि पालिका को समस्या के बाबत अवगत किया जा चुका है। लेकिन पालिका हर बार बजट का रोना आ रही है। समस्या से निजात नहीं मिली तो उग्र आंदोलन होगा।

डेंगू व टाइफाइड पीड़ित के बढ़ रहे मामले

ऋषिकेश।
मंगलवार को सरकारी अस्पताल की ओपीडी में 543 मरीजों ने पंजीकरण कराया। डेंगू और टाइफाइड के मरीज अधिक संख्या में रहे। 35 मरीजों में डेंगू की आशंका के चलते ब्लड की जांच की गई, जिसमें से दो मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई। 62 मरीजों की टाइफाइड जांच करने के बाद आठ मरीज पीड़ित मिले। सरकारी अस्पताल में दो डेंगू पीड़ित मरीज पहले से ही भर्ती है।
डेंगू के नोडल अधिकारी व फिजिशियन डॉ. महेश सैनी ने बताया कि डेंगू मच्छर के संक्रमण से और टाइफाइड दूषित खाने-पीने से होता है। बताया कि मंगलवार को अधिकतर मरीज वायरल से पीड़ित मिले। सुबह शाम बुखार आने की शिकायत भी कई मरीज कर रहे थे। उन्होंने मरीजों को पानी उबालकर और हल्का भोजन के साथ तरल पदार्थो के अधिक सेवन करने की सलाह दी।

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वहीं, मंगलवार को पैथोलॉजी विभाग में भी अधिक भीड़ रही। चिकित्सक की सलाह पर ब्लड जांच कराने को लेकर मरीजों की लंबी लाइन लगी रही। नगर संक्रामक रोग नियंत्रक एसएस यादव ने बताया कि मंगलवार को ब्लड जांच के बाद दो मरीजों में डेंगू पॉजीटिव मिला है। बुधवार को मरीज से संपर्क किया जायेगा।

ह्दय को स्वस्थ रखने की दी सलाह

ऋषिकेश।
विश्व ह्दय दिवस पर ऑटोनॉमस कॉलेज के बीएससी-एमएलटी विभाग में ह्दय से संबधित जानकारी देने के उद्देश्य से कार्यशाला का आयोजन किया गया।
गुरुवार को विश्व ह्दय दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डॉ. डीसी नैनवाल ने किया। कार्यशाला में बीएससी-एमएलटी के छात्र जावेद, हर्षवर्धन ने धूम्रपान और खानपान से ह्दय को होने वाले खतरों के प्रति सचेत किया। बायोकैमिस्ट्री विभाग की प्रवक्ता रिचा पंत ने हार्ट अटैक की जानकारी दी और बचाव के तरीके बताये।

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कार्यशाला में छात्रों ने एक नाटक का मंचन भी किया। जिसमें गलत आदतों के कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को दर्शाया गया। बीएससी-एमएलटी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. गुलशन ढीगरा ने छात्रों के प्रयास की सराहना की। प्राचार्य डॉ. डीसी नैनवाल ने छात्रों को गलत आदतों से बचने की सलाह दी।

ऋषिकेश में सात और मरीजों में डेंगू की पुष्टि

तीन मरीज सरकारी और चार निजी अस्पताल में मिले
वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में आने लगी कमी
ऋषिकेश।
सरकारी अस्पताल की ओपीडी में गुरुवार को 470 मरीजों ने पंजीकरण कराया। एकमात्र फिजीशियन डॉ. ऋचा रतूड़ी के पास मरीजों की भीड़ रही। वीवीआईपी ड्यूटी के चलते डेंगू के नोडल अधिकारी और फिजीशियन डॉ. महेश सैनी ओपीडी में नहीं बैठ सके। डॉ. ऋचा रतूड़ी ने बताया कि अन्य दिनों के मुकाबले गुरुवार को वायरल पीड़ितों की संख्या कम रही।
डेंगू की आशंका के चलते 35 मरीजों के ब्लड सैंपल लिए गए, जिसमें से तीन मरीजों की रिपोर्ट पॉजीटिव रही। वहीं, गुरुवार को प्राइवेट अस्पताल में ब्लड जांच के बाद डेंगू के चार मरीज मिले, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उधर, नगर संक्रामक रोग नियंत्रक एसएस यादव ने बताया कि ब्लड जांच के बाद तीन मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। प्राइवेट अस्पताल से डेंगू पुष्टि की रिपोर्ट नहीं मिली है।

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डेंगू पीड़ितों की संख्या बढ़ी, तीन नए मामले ओर मिले

सरकारी अस्पताल में 86 मरीजों की ब्लड जांच की गई तो तीन डेंगू से पीड़ित मिले
प्राइवेट अस्पताल में भी डेंगू व चिकनगुनिया के बढ़ रहे मामले
ऋषिकेश।
बुधवार को सरकारी अस्पताल की ओपीडी में 590 मरीजों ने पंजीकरण कराया। डेंगू के नोडल अधिकारी व फिजिशियन डॉ. महेश सैनी के वीआईपी ड्यूटी में रहने के कारण मरीजों की फजीहत हुई। एक मात्र फिजिशियन डॉ. ऋचा रतूड़ी ने वायरल पीड़ितों की जांच की। डॉ. ऋचा रतूड़ी ने बताया कि वायरल पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मौसम परिवर्तन के कारण डेंगू व चिकनगुनिया के लक्षण मरीजों में दिखाई दे रहे है।
सरकारी अस्पताल में डेंगू की आशंका के चलते 86 मरीजों की ब्लड जांच की गई, जिनमें तीन डेंगू पीड़ित मिले। नगर संक्रामक रोग नियंत्रक एसएस यादव ने बताया कि वायरल पीड़ित मरीजों में ब्लड जांच के बाद डेंगू की पुष्टि हुई है। वहीं, प्राइवेट अस्पताल में ब्लड जांच के बाद पांच मरीजों में डेंगू पॉजीटिव मिला है। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग प्राइवेट अस्पतालों के आंकड़ों की पुष्टि करने से बच रहा है।

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ग्रामीण क्षेत्रों में भी डेंगू का कहर
डेंगू व चिकनगुनिया का मच्छर ग्रामीण क्षेत्रों में पांव पसार रहा है। बुधवार को रानीपोखरी क्षेत्र पंचायत सदस्य गीता जायसवाल ने एसडीएम ऋषिकेश को डेंगू व चिकनगुनिया से मुक्ति दिलाने की मांग की है। उन्होंने पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी डेंगू व चिकनगुनिया के मरीज मिल रहे है। बताया कि क्षेत्र में लगातार ग्रामीण बीमार पड़ रहे है। ब्लड जांच के बाद कई लोगों में खून की कमी भी बताई गई है। ऐसे में डेंगू व चिकनगुनिया ग्रामीणों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में दवा का छिड़काव व फागिंग कराने की मांग की। पत्र में सुमित पंवार, प्रदीप कुमार, सुबोध जायसवाल, सुमित, राकेश, सपना, जयेन्द्र, सुरज, मनोज भटट, संदीप आदि जनप्रतिनिधियों के हस्ताक्षर है।

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जागरुकता रैली निकाली
31 एनसीसी यूके बटालियन हरिद्वार के कमान अधिकारी के निर्देश पर बुधवार को श्री भरत मंदिर इंटर कालेज के एनसीसी कैडेटों ने नगर में जागरुकता रैली निकालीं। कै. गोविन्द सिंह रावत के नेतृत्व में कैडेटों ने शांतिनगर, बनखंडी, मालवीय रोड़, हीरालाल मार्ग, लाजपतराय मार्ग आदि क्षेत्रों में डेंगू व चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के प्रति लोगों को जागरुक किया। इससे पूर्व प्रधानाचार्य डीबीपीएस रावत ने रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया। मौके पर मदनमोहन पाण्डेय, वीर सिंह, रंजन अंथवाल, सुनील दत्त थपलियाल, विकास नेगी आदि मौजूद थे।

एक डॉक्टर के सहारे वायरल पीड़ित

इमरजेंसी में ड्यूटी लगने पर डे ऑफ पर रहते है डॉक्टर
बैरंग लौटना पड़ रहा वायरल पीड़ित मरीजों को
ऋषिकेश।
मंगलवार को एक बार फिर सरकारी अस्पताल में मरीजों को फजीहत का सामना करना पड़ा। फिजिशियन डॉ. महेश सैनी डे ऑफ पर रहे। दूसरे फिजिशियन डॉ. ऋचा रतूड़ी की ओपीडी में भीड़ जुटी। मरीज सुबह 6 बजे से ही लाइन में लगने शुरु हो गये थे। बावजूद उनका नंबर 5 से 6 घंटे में आया। 635 लोगों ने मंगलवार को अपना पंजीकरण कराया। 42 लोगों में डेंगू आशंका के चलते ब्लड की जांच की गई। दो पीड़ितों में डेंगू पॉजीटिव मिला। मलेरिया के 115 व टाइफाइड के 111 ब्लड के सैंपल लिये गये। जिनमें क्रमश: 3 मलेरिया व 33 टाइफाइड से पीड़ित मिले।
वहीं, प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी में भी मंगलवार को भीड़ जुटी। ब्लड जांच को लेकर मरीजों ने सर्तकता दिखाई। डेंगू व चिकनगुनिया के चलते मरीज ब्लड की जांच कराने को लेकर प्राइवेट पैथोलॉजी के भी चक्कर काट रहे है। नगर संक्रामक रोग नियंत्रक एसएस यादव ने बताया कि मंगलवार को दो ओर मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है।

हजार रुपये में चिकनगुनिया की जांच
सरकारी अस्पताल में आने वाले वायरल पीड़ितों में डेंगू के कम और चिकनगुनिया के लक्षण अधिक दिखाई दे रहे है। लेकिन हैरत की बात है कि जिस बीमारी के सबसे अधिक लक्षण मरीजों में दिखाई दे रहे है, उसकी जांच करने की जहमत स्वास्थ्य विभाग नही उठा रहा है। प्राइवेट पैथोलॉजी लैब में चिकनगुनिया जांच हजार रुपये से शुरु हो रही है। बड़ा सवाल है कि आर्थिक रुप से कमजोर तबके का व्यक्ति कैसे मंहगी जांच करवाये। इस ओर सरकारी अस्पताल द्वारा कोई पहल नही की जा रही है और न तो स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारी इसका संज्ञान ले रहे है।

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असमंजस में मरीज, रिपोर्ट किसे दिखाये
सरकारी अस्पताल की बानगी तो देखिये। वायरल पीड़ित मरीजों की संख्या कम होने का नाम नही ले रही है। ऐसे में जिम्मेदार अस्पताल प्रशासन फिजिशियन डॉक्टरों की ड्यूटी इमरजेंसी में लगा रहे है। गौर कीजिये कि इमरजेंसी में ड्यूटी के बाद डॉक्टर डे ऑफ पर चले जाते है। पहले दिन डॉक्टर को दिखाने वाले मरीज अगले दिन जब रिपोर्ट दिखाने आते है तो डॉक्टर नही मिलते। दूसरे डॉक्टर मरीज की रिपोर्ट यह कहकर कि आपके डॉक्टर दूसरे है, देखने में दिलचस्पी नही दिखाते है। ऐसे में मरीज के लिए असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है।

पुलिस जवान को चिकनगुनिया
ढालवाला पुलिस चौकी में तैनात एक पुलिस जवान में चिकनुगनिया की पुष्टि हुई है। प्राइवेट अस्पताल की ब्लड रिपोर्ट में जवान को चिकनगुनिया पॉजीटिव आया है। जवान की डेंगू जांच की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।

बैरंग लौट रहे मरीज
सरकारी अस्पताल में लंबे इंतजार के बाद भी वायरल पीड़ितों का नंबर समय पर नही आ रहा है। मंगलवार को कई मरीजों ने घंटों इंतजार के बाद भी नंबर नही आने पर हंगामा काटा। कई तो बैरंग ही लौट गये। डॉक्टर की ओपीडी में सुरक्षा गार्ड ने भी कई मरीजों को वापस लौटाया। कहाकि डॉक्टर भी इंसान है, कितने मरीजों को देखेंगी।

कैंसर शिविर में 82 लोगों की जांच

ऋषिकेश।
गंगा प्रेम हॉस्पिस के तत्वावधान में रविवार को नि:शुल्क कैंसर जांच शिविर आयोजित किया गया। इसमें 82 लोगों की जांच की गई, जिनमें 52 मरीज कैंसर से पीड़ित थे।

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त्रिवेणी घाट चौक स्थित पंजाब सिंध क्षेत्र अस्पताल में आयोजित शिविर में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने लोगों का चेकअप किया। मरीजों की जांच डॉ. एके दिवान, डॉ. रुपाली दीवान ने की। कैंप में नाक, जीभ, पेट, गला, रक्त, फेफड़ा, पित्त की थैली, लीवर के कैंसर से पीड़ित मरीज मिले। बिजनौर, उत्तरकाशी, हरिद्वार, देहरादून, मुजफ्फरनगर से मरीज चेकअप कराने पहुंचे। कैंप में डॉ. अदिति चतुर्वेदी, आयुर्वेदाचार्य जेपी राठी, डॉ. राजेश सक्सेना, तोताराम आर्य, राज मेहरा, आरएल घई, गीता कुकरेती, विमला शर्मा, त्रिलोक खुराना, दिव्य कटियार, योगेश्वर, प्रियंका, फिलोमिना, ममता, पूजा डोगरा, निशा आदि मौजूद रहे।