पूर्णागिरी मेले को वर्ष भर चलाने के लिए संकल्पित है राज्य सरकारः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ठूलीगाड़, टनकपुर (चम्पावत) में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए उत्तर भारत के प्रसिद्ध माँ पूर्णागिरि मेला 2025 का शुभारंभ किया। उन्होंने मां पूर्णागिरी को नमन करते हुए प्रदेश में समृद्धि, तरक्की और शांति की कामना की।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान संपूर्ण पूर्णागिरी मेला क्षेत्र में भीड़ व आपदा प्रबंधन की दृष्टि से स्मार्ट कंट्रोल रूम व सीसीटीवी निगरानी तंत्र ठुलीगाड़ में स्थापित किए जाने। पूर्णागिरि मेले हेतु सेलागाढ़ में बहुउद्देशीय प्रशासनिक भवन बनाए जाने (जिसमें मेला मजिस्ट्रेट, मेला अधिकारी व पुलिस के साथ ही चिकित्सकों को एक साथ एक स्थान पर कार्य करने की सुविधा मिलेगी)। पूर्णागिरि क्षेत्र में लादीगाड़ में पूर्णागिरि पंपिंग पेयजल योजना बनाई जाने एवं पूर्णागिरि क्षेत्र में ठुलीगाड़, बाबलीगाड़ पंपिंग परियोजना बनाए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा इन घोषणाओं के माध्यम में इस क्षेत्र में विकास की यात्रा को आगे बढ़ाया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की भूमि को देवी- देवताओं का भूमि बताते हुए कहा कि प्रदेश के कण-कण में दिव्यता समाई हुई है। उन्होंने कहा माँ पूर्णागिरि धाम, उत्तराखंड का प्रमुख आध्यात्मिक स्थल है। उन्होंने कहा वो हमेशा अन्य लोगों को भी धार्मिक यात्रा के लिए माँ पूर्णागिरि आने हेतु आग्रह करते हैं। कुंभ और कांवड़ यात्रा के बाद सबसे अधिक श्रद्धालु माँ पूर्णागिरि के धाम पर आते हैं। उन्होंने कहा राज्य सरकार मेले को वर्षभर संचालित करने के लिए संकल्पित है। जिसके लिए पूर्णागिरि धाम में स्थायी बुनियादी ढांचों का विकास किया जा रहा है। आगामी वर्षों में यह स्थान और भव्य एवं सुव्यवस्थित रूप लेगा, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएँ मिल सकेंगी।

मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से चम्पावत के अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा करने का आग्रह करते हुए कहा कि हमने भगवान के प्रति सच्ची श्रद्धा रखने के साथ यात्रा का आध्यात्मिक अनुभव भी लेना चाहिए। राज्य सरकार माँ पूर्णागिरि धाम के विकास के लिए सतत प्रयासरत है और आने वाले समय में इसे एक विशाल आध्यात्मिक एवं पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करेगी। चम्पावत में 11 से बढ़ाकर 13 मल्टी-लेवल पार्किंग को स्वीकृति दी गई है, जिससे यातायात प्रबंधन सुगम होगा। टनकपुर में 200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से आईएसबीटी को विकसित किया जा रहा है।मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत कुमाऊँ के प्रमुख मंदिरों का सौंदर्यीकरण और उनके रास्तों का चौड़ीकरण कराया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को यात्रा में अधिक सुविधा मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्णागिरि क्षेत्र में संचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए विशेष कार्य किए जा रहे हैं। माँ पूर्णागिरि धाम में रोपवे निर्माण कार्य भी जारी है, जिससे यात्रियों को सुगम यात्रा का अनुभव मिलेगा। उन्होंने कहा पूर्णागिरि धाम के आसपास स्थित सभी प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों को जोड़कर एक विशेष पर्यटन सर्किट विकसित किया जा रहा है। राज्य सरकार इस सर्किट को सफल बनाने के लिए जिले में बेहतर सड़क संपर्क, संचार व्यवस्था, पर्यटक सुविधाओं और आधारभूत ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। इस पहल का उद्देश्य माँ पूर्णागिरि धाम की यात्रा को अधिक सुविधाजनक बनाना एवं चम्पावत जिले में पर्यटन को नया आयाम देना है। जिसके निर्माण से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सालभर आकर्षित किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सर्किट उत्तराखंड को धार्मिक एवं पर्यटन के नए वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। सरकार इसके लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है और शीघ्र ही इस पर अमल शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा चंपावत को प्रत्येक क्षेत्र में विकसित व अग्रणी जिला बनाने का कार्य किया जा रहा है। कनेक्टिविटी तथा शिक्षा के क्षेत्र में अनेक कार्य किया जा रहे हैं। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कैंपस का संचालन चंपावत में शुरू हो गया है। जिले के सभी विद्यालयों व महाविद्यालय का जीर्णाेद्धार का कार्य भी किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चंपावत में 55 करोड़ की धनराशि से साइंस सेंटर का निर्माण किया जा रहा है। जिससे सभी विद्यार्थियों को ज्ञान, विज्ञान व तकनीकी और नवाचार हेतु प्रेरणा मिलेगी। चंपावत में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज का कार्य प्रगति पर है। 16 करोड़ की लागत से पॉलिटेक्निक कॉलेज का नया भवन बनकर तैयार हो गया है।जिला चिकित्सालय में 20 करोड़ की लागत से 50 बेड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक तथा टनकपुर में 15 करोड़ की लागत से 50 बेड वाले आयुष अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है। 28 करोड़ की लागत से इंटीग्रेटेड नर्सिंग संस्थान के भवन निर्माण कार्य पूरा हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार चंपावत में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के साथ ही अपनी नीतियों और निर्णय के माध्यम से पर्यटन को प्रोत्साहित करने व रोजगार के अवसरों को बढ़ाने हेतु ठोस कार्य कर रही है। उन्होंने कहा आने वाले 25 सालों बाद मां पूर्णागिरि धाम में आज की अपेक्षा कई गुना ज्यादा श्रद्धालु पहुंचेंगे। उस समय को ध्यान में रखते हुए सभी से इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत 2047 का संकल्प रखा है। टनकपुर में राष्ट्रीय खेलों की प्रतियोगिताओं से राफ्टिंग को निश्चित तौर पर पंख लगेंगे। बड़ी संख्या में देश-विदेश से लोग यहां राफ्टिंग के लिए आएंगे। उन्होंने कहा श्यामलाताल झील के विकास के लिए 5 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। इस क्षेत्र को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी विकसित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने मेला समिति को आश्वस्त करते हुए कहा कि यह मेला हमारी प्राथमिकता में है। मेले में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालुओं को आतिथ्य प्रदान करना ,अच्छी सुविधा व स्वच्छ वातावरण प्राप्त हो यह हमारा कर्तव्य है। ताकि प्रत्येक वर्ष मेले में आने वाले श्रद्धालु अपना अच्छा अनुभव लेकर जाएं और मेले के अच्छे अनुभव लोगों को साझा कर अन्य लोगों को भी मेले में आने के लिए प्रेरित करें।

इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष गोविंद सामंत, नगर पालिका अध्यक्ष टनकपुर विपिन कुमार, विधायक प्रतिनिधि टनकपुर दीपक रजवार, पूर्णागिरि मंदिर समिति के अध्यक्ष किशन तिवारी, नगर पंचायत अध्यक्ष बनबसा रेखा देवी, प्र० जिलाधिकारी जयवर्धन शर्मा, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

उत्तराखण्ड में डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने की तैयारी में सरकार, दिए आदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर उत्तराखण्ड में डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने त्रियुगी नारायण में सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के साथ ही वहां हेलीपैड के निर्माण का आदेश दिया।

राज्य में नई वेडिंग डेस्टिनेशन की होगी पहचान

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए नए स्थानों की पहचान की जाए और उनके विकास पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी देशवासियों से उत्तराखण्ड को डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए प्राथमिकता देने का आग्रह किया है।

राज्य की आर्थिकी को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने कहा कि डेस्टिनेशन वेडिंग से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौंदर्य और आधुनिक सुविधाएं इसे एक प्रमुख वेडिंग डेस्टिनेशन बनाने में सहायक होंगी। उन्होंने पर्यटन विभाग को “डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड“ के लिए शीघ्र गाइडलाइन तैयार करने के निर्देश दिए।

बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद

इस बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, सचिन कुर्वे, अपर पुलिस महानिदेशक वी मुरूगेशन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय और आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप उपस्थित रहे।

प्रदेश में ग्रीन चारधाम यात्रा अभियान शुरू किया जाएः सीएम

चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले यात्रा से सबंधित सभी व्यवस्थाएं पूर्ण की जाएं। यात्रा के दृष्टिगत सड़क, पेयजल, विद्युत, स्वास्थ्य सुविधाओं की समुचित व्यवस्था की जाए। चारधाम यात्राकाल के दौरान यातायात प्रबंधन और यात्रा मार्गों पर पार्किंग की उचित व्यवस्था की जाए। श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जाए। ग्रीन चारधाम यात्रा का अभियान शुरू किया जाए। ये निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों की बैठक के दौरान अधिकारियों को दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा पर देश और दुनिया की नजर रहती है। यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए हर स्तर पर कार्य किये जाएं। यह यात्रा राज्य की लाइफलाइन है और आर्थिकी का बड़ा माध्यम है। पिछले साल की यात्रा में आई चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए आगे की योजना पर कार्य किये जाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि श्रद्धालुओं को अनावश्यक रूप से परेशानी न हो। चारधाम यात्रा मार्गों में श्रद्धालुओं के लिए हेल्थ स्क्रीनिंग टेस्ट की समुचित व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही पशुपालन विभाग समय पर घोड़े-खच्चरों का स्वास्थ्य परीक्षण भी करे। साथ ही यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के लिए पर्याप्त संख्या में गर्म पानी और चारे की व्यवस्था उपलब्ध रहे। यात्रा शुरू होने से पहले संकरे मार्गों का चौड़ीकरण और जिन स्थानों पर सड़क निर्माण से सबंधित कार्य चल रहे हैं, उन्हें पूर्ण किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं को अनावश्यक रूप से रूकना न पड़े। यातायात प्रबंधन की दृष्टि से रोकना भी पड़े, तो उन्हें सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि विजिलेंस द्वारा हेलीकॉप्टर टिकटों की कालाबाजारी रोकने के लिए सतर्क होकर निगरानी की जाए और संबंधितों पर सख्त कार्रवाई की जाए। यात्रा मार्गों पर शौचालयों की पूर्ण व्यवस्था के साथ पिंक टॉयलेट की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाए। यात्रा मार्गों पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा भी स्वच्छता अभियान चलाया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मार्च माह में विभागीय सचिव और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण करें। उन्होंने राज्य में ग्रीन चारधाम यात्रा की शुरुआत करने के साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक का चारधाम यात्रा के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिये। चारधाम यात्रा के लिए वैकल्पिक मार्गों की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। चारधाम यात्रा मार्ग पर मोबाइल कनेक्टिविटी, संवेदनशील स्थानों पर आवश्यक संसाधनों और ड्रोन से निगरानी की व्यवस्था की जाए। चारधाम यात्रा के दृष्टिगत हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किया जाए। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मौसम के रियल टाइम अपडेट सिस्टम को मजबूत बनाया जाए। इस अवसर पर सीएम ने यात्रा मार्ग से जुड़े जिलों के डीएम से यात्रा मार्ग से जुड़ी विभिन्न तैयारियों की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के शीतकाल यात्रा के स्थलों का मास्टर प्लान तैयार किया जाए। इनके आसपास के क्षेत्रों को भी विकसित किया जाए। गंगोत्री और यमुनोत्री के मास्टर प्लान पर भी कार्य किया जाए। 2026 में होने वाली नंदा राजजात और 2027 के कुंभ के लिए भी अभी से तैयारी करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने सभी आईएएस, आईपीएस और पीसीएस अधिकारियों से कहा कि उन्होंने राज्य के जिस तहसील, पुलिस थाने, ब्लॉक या अन्य क्षेत्रों से नौकरी की शुरुआत की है, उन्हें गोद लेकर उनके विकास में योगदान दें। अपनी नौकरी के शुरुआत के इन क्षेत्रों में रात्रि प्रवास कर जन समस्याओं का समाधान करें, सरकारी स्कूलों, अस्पतालों और अन्य संस्थानों का भ्रमण कर व्यवस्थाओं का निरीक्षण भी करें।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डॉ. धन सिंह रावत, दर्जाधारी मंत्री विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिवगण, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष और वर्चुअल माध्यम से चारधाम यात्रा से जुड़े जिलाधिकारी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने शीतकालीन पर्यटन के साथ शीतकालीन साहसिक खेलों को दिया बढ़ावा, अपील भी की

राज्य में शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने एवं गंगोत्री धाम के शीतकालीन गद़्दी स्थल उत्तरकाशी के मुखवा गांव में मां गंगा के दर्शन करने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को हर्षिल, उत्तरकाशी में शीतकालीन पर्यटन कार्यक्रम के तहत 2 मोटर बाइक रैली एवं 2 ट्रैक रूट दलों को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री ने धार्मिक पर्यटन के साथ शीतकाल के समय उत्तराखंड में होने वाले साहसिक खेलों को भी बढ़ावा दिया। जिसके तहत उन्होंने नेलांग, जादुंग, सोनम एवं पीडीए घाटी के अद्भुत और अनछुए पर्यटन गंतव्यों के लिए साहसिक पर्यटन अभियानों का फ्लैग ऑफ किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर्षिल से पी.डी.ए मोटर बाईक-।ज्ट-त्ज्ट रैली के 21 सदस्यों (भारतीय सेना) के दल एवं हर्षिल-जादुंग मोटर बाइक रैली के 18 सदस्यों ( उत्तराखंड पर्यटन) के दल को फ्लैग ऑफ किया। साथ ही उन्होंने नीला पानी-मुलिंग ला पास ट्रैक के 15 सदस्यों (आई.टी.बी.पी) के दल एवं जादुंग-जनकताल ट्रैक पर जा रहे 22 सदस्यों ( एन.आई.एम ) के दल का भी फ्लैग ऑफ किया।

मोटर बाईक-।ज्ट-त्ज्ट रैली (हर्षिल – पी.डी.ए), मोटर बाइक रैली (हर्षिल-जादुंग) मोटर बाइक रैली नेलांग, जादुंग, सोनम एवं पी.डी.ए वैली में आयोजित की जा रही है। इन घाटियों की भौगोलिक स्थिति लद्दाख की भांति है। जिसका उद्देश्य लद्दाख वैली की तर्ज पर उत्तराखंड के हर्षिल क्षेत्र को देश का बड़ा मोटर बाईक डेस्टिनेशन बनाया जाना है।

नीलापानी-मुलिंग ला पास ट्रैक एवं जादुंग-जनकताल ट्रैक रूट गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में स्थित है तथा भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना बाईब्रेन्ट विलेज प्रोग्राम के अन्तर्गत सम्मिलित है। जो ईनर लाईन क्षेत्र में पड़ते है, जहाँ पर आवागमन हेतु ईनर लाईन परमिट की आवश्यकता होती है। उक्त क्षेत्र को पुनः बसायत किये जाने हेतु पर्यटन विभाग द्वारा जादंग में होमस्टे बनाये जा रहे हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य स्थानीय निवासियों के रोजगार एवं आजीविका के विकास का सृजन किया जाना है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड में कोई ष्ऑफ-सीजनष् नहीं होना चाहिए और पर्यटन को हर मौसम में फलना-फूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, पहाड़ों में पर्यटन मौसमी है, जिसमें मार्च, अप्रैल, मई और जून के दौरान पर्यटकों की अच्छी-खासी आमद होती है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसके बाद पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आती है, जिससे सर्दियों के दौरान अधिकांश होटल, रिसॉर्ट और होमस्टे खाली हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस असंतुलन के कारण उत्तराखंड में साल के एक बड़े हिस्से में आर्थिक ठहराव बना रहता है और पर्यावरण के लिए भी चुनौतियां पैदा होती हैं।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा सर्दियों के दौरान उत्तराखंड की यात्रा करने से देवभूमि की दिव्य आभा की सच्ची झलक मिलती है। उन्होंने कहा विंटर टूरिज्म में यहां, लोगों को ट्रैकिंग, स्कीइंग जैसी एक्टिविटीज का रोमांच, सचमुच में रोमांचित कर देगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में धार्मिक यात्राओं के लिए सर्दियां विशेष महत्व रखती हैं, क्योंकि इस दौरान कई पवित्र स्थलों पर अनोखे अनुष्ठान किए जाते हैं। उन्होंने मुखवा गांव में होने वाले धार्मिक समारोहों को क्षेत्र की प्राचीन और महत्वपूर्ण परंपराओं का अभिन्न अंग बताया।

प्रधानमंत्री ने की ‘घाम तापो’ के तौर पर की उत्तराखंड विंटर टूरिज्म की ब्रांडिंग

एक दिवसीय शीतकालीन यात्रा पर उत्तरकाशी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुखवा और हर्षिल से उत्तराखंड में शीतकालीन तीर्थाटन और पर्यटन की जोरदार ब्रांडिंग की है। प्रधानमंत्री ने तीर्थयात्रियों, पर्यटकों से लेकर कॉरपोरेट और फिल्म उद्योग तक को विंटर सीजन में उत्तराखंड आने का निमंत्रण दिया।

प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के विंटर टूरिज्म की ब्रांडिंग ‘घाम तापो टूरिज्म’ के तौर पर की है।

आज हर्षिल में जनसभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले बीते दिनों माणा में हुए हिमस्खलन में दिवंगत लोगों के प्रति दुख व्यक्त किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की यह भूमि, आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत है। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड से अपना आत्मीय लगाव, व्यक्त करते हुए कहा कि वो जीवनदायिनी मां गंगा के शीतकालीन गद़्दी स्थल पर अपने परिवारजनों के बीच पहुंचकर धन्य महसूस कर रहे हैं। प्रधानमंत्री बोले कि मां गंगा की कृपा से ही उन्हें दशकों तक उत्तराखंड की सेवा का सौभाग्य मिला। मां गंगा के आशीर्वाद से ही वो काशी पहुंच सांसद के रूप में काशी की सेवा कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने कहा था कि मां गंगा ने ही उन्हें काशी बुलाया है। प्रधानमंत्री ने दार्शनिक अंदाज में कहा कि उन्हें कुछ महीने पहले अनुभूति हुई कि जैसे मां गंगा ने उन्हें गोद ले लिया है, अब अपने बच्चे के प्रति मां गंगा का दुलार ही है कि वो आज खुद मुखवा गांव पहुंच पाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वो हर्षिल की धरती पर आकर, अपनी दीदी भुलियों को भी याद कर रहे हैं, क्योंकि वो उन्हें हर्षिल की राजमा और अन्य लोकल प्रॉडक्ट भी भेजती रहती हैं।

बन रहा उत्तराखंड का दशक

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ साल पहले जब वो बाबा केदार के दर्शन के लिए आए थे तो बाबा के दर्शन के बाद उनके मुंह से अचानक ही भाव प्रकट हुआ कि ये दशक उत्तराखंड का होने जा रहा है। ये भाव भले ही उनके थे, लेकिन इसके पीछे सामर्थ देने की शक्ति बाबा केदार की थी। अब बाबा के आशीर्वाद से ये शब्द धीरे- धीरे सच्चाई में बदल रहे हैं। ये दशक अब उत्तराखंड का बन रहा है। उत्तराखंड की प्रगति के लिए, नए – नए रास्ते खुल रहे हैं, जिन आकांक्षाओं को लेकर उत्तराखंड का जन्म हुआ था, उत्तराखंड नित नए लक्ष्य और संकल्प लेते हुए, उन्हें पूरा कर रहा है।

शीतकालीन यात्रा पर सीएम की पहल को सराहा

प्रधानमंत्री ने शीतकालीन तीर्थाटन – पर्यटन पर जोर देते हुए कहा कि इसके माध्यम से उत्तराखंड की आर्थिक सामर्थ को साकार करने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने इस अभिनव पहल के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखंड के लिए अपने टूरिज्म सेक्टर को बहूआयामी या बारामासी बनाना बहुत जरूरी है। उत्तराखंड में 356 दिन का पर्यटन जरूरी है। वो चाहते हैं कि उत्तराखंड में कोई भी पर्यटन सीजन ऑफ नहीं रहे, बल्कि हर सीजन में टूरिज्म ऑन रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी पहाड़ों पर मार्च से जून के बीच ही ज्यादातर पर्यटन आते हैं, जबकि इसके बाद पर्यटकों की संख्या बहुत कम हो जाती है। अभी सर्दियों के सीजन में होटल, रिजॉर्ट, होम स्टे खाली पड़े रहते हैं। ये असंतुलन साल के बड़े हिस्से में उत्तराखंड की आर्थिकी को सुस्त कर देता हैं। जबकि सच्चाई यह कि अगर देश- विदेश के लोग, सर्दियों में यहां आए तो उन्हें सच्चे अर्थ में देवभूमि की आभा के दर्शन होंगे। विंटर टूरिज्म में यहां लोगों को ट्रैकिंग, स्कीइंग जैसी एक्टिविटी का रोमांच मिलेगा।

सर्दियों का सीजन धार्मिक यात्रा के लिए भी अहम

प्रधानमंत्री ने कहा कि धार्मिक यात्रा के लिए भी उत्तराखंड में सर्दियों का समय बेहद खास होता है। यहां इस समय कई तीर्थ स्थलों पर विशेष अनुष्ठान होते हैं। यहां मुखवा गांव में ही जो अनुष्ठान किया जाता है, वो हमारी प्राचीन परंपरा का हिस्सा है, इसलिए उत्तराखंड सरकार का बारामासी पर्यटन का विजन, लोगों को दिव्य अनुभूति से जोड़ेगा। इससे यहां साल भर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

डबल इंजन की सरकार मिलकर काम कर रही

प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने के लिए मिलकर काम कर रही है। राज्य में चारधाम, ऑल वेदर रोड आधुनिक एक्सप्रेस वे से लेकर रेलवे और हेली सेवाओं का विस्तार हो रहा है।
एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे को मंजूरी प्रदान की है। केदारनाथ रोपवे के जरिए आठ से नौ घंटे की पैदल यात्रा 30 मिनट में पूरी हो जाएगी। इससे बुजुर्ग, महिलाओं और बच्चों की यात्रा सुगम हो सकेगी।

सीमांत गांवों के विकास पर जोर

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, 2014 से पहले चार धाम यात्रा पर प्रतिवर्ष 18 लाख यात्री ही आते थे, अब हर साल 50 लाख से अधिक यात्री चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल के बजट में 50 टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे हैं। इसके जरिए सरकार का प्रयास है कि उत्तराखंड के बॉर्डर वाले इलाकों में पर्यटक पहुंचे। उन्होंने कहा कि पहले सीमावर्ती गांवों को आखरी गांव कहा जाता, लेकिन अब उन्हें पहला गांव कहा जा रहा है। इसी क्रम में सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज योजना शुरू की गई है, इसके जरिए नेलांग और जादुंग गांव फिर से बसाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के टिम्मबरसैंण, महादेवसैंण, माणा और जादुंग गांव में पर्यटकों के लिए आधारभूत सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं। जादुंग को 1962 में चीन युद्ध के समय खाली करा दिया गया था, अब 70 साल बाद सरकार इस गांव को फिर से बसा रही है।

गढ़वाली में ‘घाम तापो पयर्टन’

प्रधानमंत्री ने देशभर के लोगों खासकर युवाओं से सर्दियों में उत्तराखंड आने का आह्वाहन करते हुए कहा कि सर्दियों में जब देश के बड़े हिस्से में कोहरा होता है, तो पहाड़ों में आप धूप का आनंद ले सकते हैं। गढ़वाली में इसे ‘घाम तापो पयर्टन’ कहते हैं। प्रधानमंत्री ने देश के कॉरपोरेट से उत्तराखंड में विंटर टूरिज्म से जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि कॉरपोरेट की मीटिंग, कांफ्रेंस, सेमिनार, एक्जीबिशन के लिए देवभूमि से अच्छी जगह नहीं हो सकती है। यहां आकर योग और आयुर्वेद के जरिए आप खुद को रिचार्ज कर सकते हैं। इसी तरह कॉलेज, यूनिवर्सिटी, स्कूलों के नौजवान विंटर ट्रिप के लिए उत्तराखंड आ सकते हैं।

शूटिंग और वैडिंग डेस्टिनेशन

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां हजारों करोड़ रुपए की वैडिंग इकॉनामी है। इसलिए उन्होंने देशवासियों से वेड इन इंडिया के तहत देश में ही शादियां करने की अपील की थी। सर्दियों के सीजन में वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए देशवासी उत्तराखंड को प्राथमिकता दे सकते हैं। इसी तरह भारत की फिल्म इंडस्ट्री उत्तराखंड का रुख कर सकती है, उत्तराखंड को मोस्ट फिल्म फ्रैंडली स्टेट का पुरस्कार मिल चुका है। यहां फिल्म शूटिंग के लिए शानदार सुविधाएं विकसित हो रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के कई देश विंटर टूरिज्म के लिए जाने जाते हैं, उत्तराखंड उनसे बहुत कुछ सीख सकता है। इसके लिए उत्तराखंड टूरिज्म के सभी स्टेक होल्डर मिलकर अध्ययन करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में कई जगह हॉट स्प्रिंग हैं, इन्हें वेलनेस स्पा के रूप में विकसित किया जा सकता है। धार्मिक आध्यात्मिक और योग जगत के दिग्गज सर्दियों में अपने यहां विशेष योगा कैम्प लगा सकते हैं।

कंटेंट क्रिएटर निभाएं भूमिका

प्रधानमंत्री ने हर्षिल में विंटर टूरिज्म पर लगाई गई, प्रदर्शनी का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका मन कर रहा था के वो पचास साल पुराने दिनों में लौटकर इन सभी जगहों पर कुछ दिन बिता सकूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें उत्तराखंड के विंटर टूरिज्म की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए कंटेंट क्रिएटर की मदद लेनी चाहिए, इसके लिए एक प्रतियोगिता आयोजित की जा सकती है। प्रधानमंत्री ने गंगा मैया की जय नारे के साथ अपने संबोधन का समापन किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का माँ गंगा के मायके मुखवा एवं सीमांत क्षेत्र हर्षिल घाटी आगमन पर सभी प्रदेशवासियों की ओर से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि उत्तराखंड के चहुँमुखी विकास के साथ ही यहाँ की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने में हमें सदैव प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन एवं सहयोग प्राप्त होता रहा है। उत्तराखंड में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के सफल आयोजन, विश्व स्तरीय जी-20 सम्मेलन की बैठकों का आयोजन, यूसीसी जैसा कानून लागू करना हो या फिर हाल ही में उत्तराखंड में आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों का भव्य आयोजन हो, प्रधानमंत्री का राज्य को हमेशा मार्गदर्शन मिला। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पर जब भी कोई विपदा आयी है, चाहे केदारनाथ यात्रा मार्ग पर आई प्राकृतिक आपदा, जोशीमठ में भूधंसाव, सिलक्यारा टनल हो या फिर अभी हाल ही में चमोली में माणा गाँव के पास हुई हिमस्खलन की घटना हो। प्रधानमंत्री जी हमारे साथ सदैव खड़े रहे है।

मुख्यमंत्री ने 04 हजार 81 करोड़ रूपए की लागत से गौरीकुंड से केदारनाथ और 27 सौ 30 करोड़ रूपए से अधिक की लागत से गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक रोपवे निर्माण की सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इन दोनों रोपवे परियोजनाओं के पूर्ण होने के बाद तीर्थयात्रियों को आवगमन के लिए सुगमता होगी और प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिकी का एक प्रमुख आधार है। होटल व्यवसायियों से लेकर टैक्सी चालकों, स्थानीय दुकानदारों के साथ ही यात्रा से जुड़े हुए लाखों लोगों को रोज़गार के अवसर प्राप्त होते हैं। शीतकाल में उत्तराखण्ड के चारों धामों के कपाट बंद होने के बाद इन सभी लोगों की आर्थिकी प्रभावित होती थी। जिसके दृष्टिगत प्रधानमंत्री जी से मार्गदर्शन प्राप्त कर इस वर्ष से राज्य में शीतकालीन यात्रा की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के आगमन से न केवल शीतकालीन यात्रा को वृहद् स्तर पर बढ़ावा मिलेगा बल्कि सीमांत क्षेत्र में ट्रेकिंग और माउंटेन बाइकिंग के साथ-साथ दूसरी एडवेंचरस एक्टिविटीज को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही राज्य में दो बड़े धार्मिक आयोजन प्रस्तावित है। जिनमें नंदा राजजात यात्रा और कुंभ शामिल है। हमें विश्वास है कि पीएम के नेतृत्व में इन दोनों आयोजन का सफलतापूर्वक निर्वहन करेंगे।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक सुरेश चौहान मौजूद थे।

केदारनाथ और हेमकुंड रोपवे को केंद्रीय कैबिनेट से मिली मंजूरी, सीएम ने व्यक्त किया पीएम का आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोनप्रयाग से केदारनाथ और गोविन्दघाट से हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे विकास के लिए केन्द्रीय मंत्रीमंडल द्वारा मंजूरी दिये जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड आने से पहले प्रधानमंत्री ने राज्य को दो बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे का विकास होने से श्रद्धालुओं को दर्शन में काफी सुगमता होगी। मुख्यमंत्री ने अपने दिल्ली दौरे के दौरान प्रधानमंत्री से इन दोनों रोपवे के निर्माण के लिए अनुरोध किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का देवभूमि उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है। उनके मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल हो रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केन्द्र सरकार का हर क्षेत्र में राज्य को सहयोग मिल रहा है। श्री केदारनाथ का पुनर्निमाण, श्री बदरीनाथ के मास्टर प्लान के कार्य तेजी से हुए हैं। उनके आने के बाद राज्य में शीतकालीन यात्रा में भी श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी।

केन्द्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम के तहत पर्वतमाला परियोजना के अन्तर्गत उत्तराखंड में सोनप्रयाग से केदारनाथ (12.9 किमी) तक रोपवे को दी मंजूरी ।

केन्द्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम के तहत पर्वतमाला परियोजना के अन्तर्गत उत्तराखंड में सोनप्रयाग से केदारनाथ (12.9 किमी) तक रोपवे को मंजूरी दी है। परियोजना का डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और स्थानांतरण (डीबीएफओटी) मोड पर 4,081.28 करोड़ रुपये की कुल पूंजी लागत पर विकसित किया जाएगा। रोपवे को सार्वजनिक-निजी भागीदारी में विकसित करने की योजना है और यह सबसे उन्नत ट्राई-केबल डिटेचेबल गोंडोला (3एस) तकनीक पर आधारित होगा। इसकी डिजाइन क्षमता 1,800 यात्री प्रति घंटे प्रति (पीपीएचपीडी) होगी, जो प्रतिदिन 18 हजार यात्रियों को ले जाएगी।

यह रोपवे परियोजना केदारनाथ आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए वरदान होगी क्योंकि यह पर्यावरण-अनुकूल, आरामदायक और तेज़ कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और एक दिशा में यात्रा का समय लगभग 8 से 9 घंटे से घटकर लगभग 36 मिनट कर देगी। रोपवे परियोजना निर्माण और संचालन के साथ-साथ आतिथ्य, यात्रा, खाद्य और पेय पदार्थ (एफ एंड बी) और पर्यटन जैसे संबद्ध पर्यटन उद्योगों में पूरे वर्ष रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराएगी। रोपवे परियोजना का विकास संतुलित सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, पहाड़ी क्षेत्रों में लास्ट मील कनेक्टिविटी को बढ़ाने और तेजी से आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

वर्तमान में केदारनाथ मंदिर तक की यात्रा गौरीकुंड से 16 किमी की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है और इसे पैदल, घोड़ा-खच्चर, पालकी और हेलीकॉप्टर से किया जाता है। प्रस्तावित रोपवे की योजना मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधा प्रदान करने और सोनप्रयाग तथा केदारनाथ के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है। केदारनाथ 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है जो उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 3,583 मीटर (11968 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है।

केन्द्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम – पर्वतमाला परियोजना के तहत उत्तराखंड राज्य में गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी (12.4 किमी) तक रोपवे परियोजना के विकास को भी दी मंजूरी ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी तक 12.4 किलोमीटर रोपवे परियोजना के निर्माण को भी मंजूरी दी है। इस परियोजना का डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (डीबीएफओटी) मोड पर विकसित किया जाएगा, जिसकी कुल पूंजीगत लागत 2,730.13 करोड़ रुपये होगी। वर्तमान में हेमकुंड साहिब जी की यात्रा गोविंदघाट से 21 किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है और इसे पैदल, घोड़ा-खच्चर, पालकी से किया जाता है। प्रस्तावित रोपवे की योजना हेमकुंड साहिब जी के दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों और फूलों की घाटी में आने वाले पर्यटकों को सुविधा प्रदान करने के लिए बनाई गई है और यह गोविंदघाट और हेमकुंड साहिब जी के बीच हर मौसम में अंतिम मील की कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी।

रोपवे को सार्वजनिक-निजी भागीदारी में विकसित करने की योजना है और यह गोविंदघाट से घांघरिया (10.55 किमी) तक मोनोकेबल डिटैचेबल गोंडोला (एमडीजी) पर आधारित होगा, जिसे घांघरिया से हेमकुंड साहिब जी (1.85 किमी) तक सबसे उन्नत ट्राइकेबल डिटैचेबल गोंडोला (3 एस) तकनीक से जोड़ा जाएगा, इसका डिजाइन इस तरीके से तैयार किया जाएगा जिससे इसकी क्षमता प्रति घंटे प्रति दिशा 1,100 यात्री (पीपीएचपीडी) होगी और यह प्रतिदिन 11,000 यात्रियों को ले जाएगा। रोपवे परियोजना निर्माण और परिचालन के दौरान और साथ ही पूरे वर्ष आतिथ्य, यात्रा, खाद्य और पेय (एफ एंड बी) और पर्यटन जैसे संबद्ध पर्यटन उद्योगों में रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा करेगी। रोपवे परियोजना का विकास संतुलित सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, तीर्थयात्रियों के लिए अंतिम मील तक कनेक्टिविटी बढ़ाने और क्षेत्र के तीव्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हेमकुंड साहिब जी उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित तीर्थ स्थल है। इस पवित्र स्थल पर स्थापित गुरुद्वारा मई से सितम्बर के बीच साल में लगभग 5 महीने के लिए खुला रहता है और हर साल लगभग 1.5 से 2 लाख तीर्थयात्री यहां आते हैं।

शीतकालीन यात्राः 15 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने किए दर्शन

शीतकालीन चारधाम को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है। 30 दिसंबर तक 15314 तीर्थयात्री चार धाम दर्शन कर चुके हैं। इनमें बाबा केदारनाथ के शीतकालीन प्रवास स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में सर्वाधिक 6482 श्रद्धालु पहुंचे हैं। जबकि पांडुकेश्वर में 5104 तीर्थयात्रियों ने भगवान बद्रीविशाल के दर्शन किए हैं। गंगोत्री धाम के प्रवास स्थल मुखबा में 3114 श्रद्धालु मां गंगा और यमुनोत्री धाम के प्रवास स्थल खरसाली में 614 तीर्थयात्री मां यमुना के दर्शन कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विगत आठ दिसंबर को पंच केदार शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में पंच केदार शीतकालीन यात्रा का श्रीगणेश किया था। कड़ाके की ठंड और बर्फबारी के बावजूद श्रद्धालुओं में यात्रा को लेकर खासा उत्साह है। बाबा केदार एवं मद्महेश्वर भगवान की डोली शीतकाल के लिए ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होती है। छह माह तक यहीं भगवान केदारनाथ और मद्महेश्वर के दर्शन होते हैं। बाबा केदार के दर्शन के लिए हर रोज सैकड़ों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। बीते दिवस सोमवार को 518 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए। पांडुकेश्वर में 364 तीर्थयात्रियों ने भगवान बद्रीविशाल के दर्शन किए। जबकि मुखबा में 18 और आठ यात्री खरसाली पहुंचे।

शासन प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं। ठंड से बचाव के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं की गई हैं।

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने उत्तराखंड के लिये की निःशुल्क भूमि आवंटित

प्रयागराज महाकुंभ-2025 में उत्तराखंड का अपना पवेलियन होगा। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने उत्तराखंड राज्य को सेक्टर-7 कैलाशपुरी मार्ग, पूर्वी पटरी प्रयागराज में 100×400 वर्ग फिट भूमि निःशुल्क आवंटित कर दी है। इस भूमि पर उत्तराखंड राज्य का पंडाल सजेगा, जहां मेलार्थियों को उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी। भूमि आवंटन के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार प्रकट किया है।

प्रयागराज महाकुंभ-2025 की तैयारियों के जोर पकड़ने के साथ ही उत्तराखंड में भी मेलार्थियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए काम शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महाकुंभ मेले में उत्तराखंड के पंडाल के लिए अलग से भूमि आवंटन का अनुरोध उत्तर प्रदेश सरकार से किया था। सीएम धामी के आग्रह पर यह भूमि आवंटित कर दी गई है। प्रदेश सरकार इस पंडाल में मेलार्थियों के लिए सभी आवश्यक सुविधाओं का प्रबंध करेगी। पंडाल के माध्यम से उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति की झलक भी देश-दुनिया भर से आए मेलार्थियों को देखने को मिलेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रयागराज महाकुंभ के मद्देनजर हाल ही में अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि उत्तराखंड से प्रयागराज महाकुंभ में प्रतिभाग करने वाले साधु संतों और अन्य सभी आम लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखा जाए। मेला र्थियों की सुविधा के लिए परिवहन की व्यवस्था भी सरकार करने जा रही है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से प्रदेश की कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य और राज्य मंत्री बृजेश सिंह ने देहरादून पहुंचकर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को महाकुंभ मेले में विशेष रूप से आमंत्रित किया है।

————–
मां गंगा और यमुना का उद्गम क्षेत्र उत्तराखंड है। प्रयागराज इन दोनों पवित्र नदियों का संगम स्थल है। हमारे लिए यह अत्यंत गौरव की बात है कि आज यहां महाकुंभ मेला आयोजित हो रहा है। उत्तराखंड पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ प्रयागराज महाकुंभ-2025 में भागीदारी करेगा, साथ ही इस महा आयोजन को सफल बनाने में उत्तर प्रदेश सरकार का कंधा से कंधा मिलाकर सहयोग करेगा। स्नान आदि के लिए अतिरिक्त जल की जरूरत होगी तो उत्तराखंड से अतिरिक्त जल छोड़ा जाएगा। इसके अलावा परिवहन आदि व्यवस्थाओं में भी पूर्ण सहयोग किया जाएगा।
-पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री, उत्तराखंड 

आगामी चारधाम यात्रा को सुव्यवस्थित करने के लिए अभी से पूरा प्लान बनाकर कार्य करेंः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में बैठक लेते हुए कहा कि केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के शीतकालीन प्रवास स्थलों की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को जीएमवीएन के होटलों में किराये पर 25 प्रतिशत की छूट प्रदान की जायेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि शीतकालीन यात्रा स्थलों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। इस यात्रा के लिए विभिन्न माध्यमों से विभिन्न राज्यों में व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किया जाए। उन्होंने कहा कि शीतकालीन यात्रा राज्य की आर्थिकी को बढ़ाने में भी गेम चेंजर साबित होगी। पंच बद्री और पंच केदार के साथ ही शीतकालीन यात्रा प्रवास के आस-पास के प्रमुख स्थलों को विकसित करने के भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं।

आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री ने संबधित जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि इस बार चारधाम यात्रा में जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा और उनका उचित समाधान कैसे किया जा सकता है, इस पर एक सप्ताह में शासन को रिपोर्ट प्रेषित करें। चारधाम यात्रा मार्गों पर प्रमुख आबादी वाले क्षेत्रों और होटलों के आस-पास सुव्यवस्थित पार्किंग बनाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा राज्य के मान और सम्मान से जुड़ी यात्रा है। यात्रा को सुविधायुक्त बनाना और श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में हर साल तेजी से वृद्धि हो रही है। चारों धामों में जुटाई गई अवस्थापना विकास की सुविधाओं के दृष्टिगत कैरिंग कैपिसिटी बढ़ाने की दिशा में कार्य किये जाएं। चारधामों के आस-पास के प्रमुख पौराणिक स्थलों को विकसित किया जाए और उनका व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए। चारधाम यात्रा मार्गों में सड़क, पेयजल, स्वच्छता, स्वास्थ्य सुविधाओं और अन्य मूलभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। यमुनोत्री के दर्शन के लिए वैकल्पिक मार्ग पर भी कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा के लिए स्टेक होल्डरों के साथ शासन स्तर पर बैठक की जाए। स्टेक होल्डरों से सुझाव लेकर यात्रा प्रबंधन के लिए जो अच्छा हो सकता है, वह किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार में होने वाले आगामी अर्द्धकुंभ के लिए अभी से तैयारियां शुरू की जाए। यह बड़ा आयोजन होता है, इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए अभी से हर क्षेत्र में कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर पर भी तेजी से कार्य किये जाएं। पूर्णागिरी और कैंची धाम में दर्शनार्थियों की सुविधा के दृष्टिगत वैकल्पिक मार्गों की दिशा में कार्य किया जाए और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना के साथ कार्य किए जाएं। आगामी नंदा देवी राजजात यात्रा के दृष्टिगत भी तैयारियां शुरू की जाए। प्रयागराज कुंभ के लिए राज्य से परिवहन की उचित व्यवस्था करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग को दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में आने वाले आगंतुकों और महानुभावों को सम्मान और उपहार में उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पाद ही प्रदान किये जाएं। इससे वोकल फॉर लोकल को भी बढ़ावा मिलेगा और हमारे स्थानीय उत्पादों को व्यापक स्तर पर अलग पहचान मिलेगी।

बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, डीजीपी दीपम सेठ, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज पाण्डेय, बृजेश कुमार संत, एच.सी. सेमवाल, विनय शंकर पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी अंशुमन, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी एवं वर्चुअल माध्यम से चारधाम यात्रा से जुड़े जनपदों के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे।

ऊखीमठ से सीएम ने किया चारधाम यात्रा का शुभारंभ, दर्शन कर प्रदेश की उन्नति की कामना भी की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाबा केदार के शीतकालीन प्रवास स्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ में पूजा-अर्चना कर समस्त प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि एवं राज्य की उन्नति के लिए प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री ने उखीमठ में शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ करते हुए, प्रशासन द्वारा यात्रा के लिए की गई विभिन्न व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण भी किया। इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों को शीतकालीन यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम बनाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शीतकालीन यात्रा के शुभारंभ से देवभूमि का तीर्थाटन व पर्यटन और भी सशक्त होगा। इससे न केवल वर्षभर पर्यटकों का आगमन बढ़ेगा, बल्कि यहां के अनेक पर्यटन स्थल भी प्रचलित होंगे। साथ ही स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जो उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने में सहायक होंगे।

इस अवसर पर विधायक आशा नौटियाल, भरत चौधरी, श्री बदरी- केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय भी उपस्थित थे।