भरत भगवान की शोभायात्रा में उमड़ा सैलाब

ऋषिकेश।
वसंत पंचमी पर पौराणिक श्री भरत मंदिर में प्रात:काल से नगर और समीपवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की भीड़ जुटने लगी। महंत अशोक प्रपन्न शर्मा महाराज के सानिध्य में निकाली गई शोभायात्रा के साथ भरत भगवान की उत्सव प्रतिमा को गंगा स्नान कराने प्राचीन मायाकुंड के गंगाघाट पर ले जाया गया। यहां स्नान करा कर उत्सव प्रतिमा को निर्मल आश्रम मार्ग, मुखर्जी मार्ग, हरिद्वार रोड, क्षेत्र रोड, भरत मंदिर मार्ग होते हुए मंदिर में पुन: प्रतिष्ठापित किया गया। उत्सव प्रतिमा बैंड बाजों और घंटियों की धुनों के बीच आकर्षक झांकियों के साथ शोभायात्रा के रूप में मंदिर पहुंची। इस दौरान विभिन्न संस्थानों ने पूरे शहर में स्वागत द्वार और आकर्षक रंगोली बनाई थी। शोभायात्रा में श्री भरत मंदिर स्कूल सोसायटी के श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज, भरत संस्कृत महाविद्यालय, भरत मंदिर प्राथमिक स्कूल के बच्चे आकर्षक वसंती परिधानों के साथ चल रहे थे। शोभायात्रा का नेतृत्व मेलाध्यक्ष दीप शर्मा, संयोजक हर्षवर्धन शर्मा, सुधीर कुकरेती, वरुण शर्मा, वत्सल शर्मा, विनय उनियाल, बचन पोखरियाल, जगमोहन सकलानी, अशोक अग्रवाल, डीबीपीएस रावत, विनोद शर्मा, वंशीधर पोखरियाल, गोविन्द सिंह, आईडी जोशी, कैप्टन डीडी तिवारी, संजय शास्त्री, महेश शर्मा, चेतन शर्मा, महंत बलवीर सिंह, राम कृपाल गौतम, रवि शास्त्री आदि कर रहे थे।

कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा शुरु

ऋषिकेश।
सोमवार को मंगलचरण करती खाण्ड गांव विस्थापित की महिलाएं कलश लिए त्रिवेणीघाट पर पहुंची। विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ कलश में गंगाजल भरकर वे कथा स्थल पहुंची। कथा के पहले दिन कथा वाचक राजेन्द्राचार्य ने कहा कि ईश्वर दर्शन को लोग जगह-जगह घूमते हैं। जबकि वह हमारे भीतर निवास करता है। उसके दर्शनों के लिए मनुष्य को सच्चे मन और भाव की जरूरत होती है। श्रीमदभागवत कथा श्रवण का महत्व बतलाते हुए उन्होंने कहा कि भागवत कथा में संसार की सत्यता छिपी है। एक बार कथा श्रवण का महत्व स्वर्ग प्राप्ति के समान है। जो अपने जीवन में भागवत कथा का रसपान नहीं करता वह मनुष्य पशु समान माना जाता है। कथा में शूरवीर सिंह नेगी, कुंवर सिंह, रवीन्द्र सिंह, आनंद सिंह नेगी, लक्ष्मण सिंह, बेताल सिंह, सीता देवी, सौम्या देवी, रूचिता देवी, हरीश नेगी व माधवेन्द्र नेगी आदि उपस्थित थे।

आठ को लगेगा नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर

धूमधाम से मनेगा गुरु गोविंद सिंह का प्रकाश पर्व
तीन से 15 जनवरी तक होंगे आयोजन

ऋषिकेश।
गुरुवार को गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट की बैठक की जानकारी अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष और ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सरदार नरेन्द्रजीत सिंह बिन्द्रा ने दी। उन्होंने बताया कि गुरु गोविन्द सिंह महाराज के 350वें प्रकाश पर्व को धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया गया है। तीन से 15 जनवरी तक प्रकाश पर्व का आयोजन होगा। अखंड पाठ तीन जनवरी से शुरू होकर पांच जनवरी चलेगा। तीन से छह जनवरी तक स्वास्थ्य शिविर के लिए लोग अपना पंजीकरण करवा सकेंगे। आठ जनवरी को 40 से अधिक विशेषज्ञों की टीम स्वास्थ्य शिविर में लोगों के स्वास्थ्य की जांच करेगी। महिलाओं के लिए ब्रेस्ट स्क्रीनिंग की भी सुविधा रहेगी। दिनभर धार्मिक-ऐतिहासिक फिल्में दिखाई जाएंगी।
मुख्य कार्यक्रम 13 से 15 जनवरी तक श्री अखंड पाठ का होगा। 15 जनवरी को रक्तदान, कथा कीर्तन के साथ खालसायी खेल गतका करतब दिखाए जाएंगे। ऐतिहासिक प्रदर्शनी का भी आयोजन होगा। मौके पर प्रधान हाकम सिंह, कमला प्रसाद भटट, हरिमोहन गुल्हाटी, राजेन्द्र सेठी, सतपाल सिंह, कीमती लाल चावला, कृपाल सिंह, विनय उनियाल, सुधीर कुकरेती, गोबिन्द सिंह, वीरेन्द्र सिंह, मंगा सिंह, एसएस बेदी, उषा रावत, सरोज डिमरी, मदन मोहन शर्मा, विमला रावत, इन्द्रकुमार गोदवानी, दर्शन सिंह, एसएस बेदी, जितेन्द्र अग्रवाल, पूरण सिंह डंग, अर्जुन गुरबख्श्यानी आदि मौजूद रहे।

गुरु की महिमा से गूंजी ऋषिनगरी

ऋषिकेश।
गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में रविवार को नगर कीर्तन निकाला गया। नगर कीर्तन शहर के विभिन्न मार्गों पर स्वागत किया गया। रेलवे रोड से शुरू होकर नगर कीर्तन श्री हेमकुण्ट गुरुद्वारा में संपन्न हुआ।
रेलवे रोड, हरिद्वार मार्ग, तिलक रोड, हीरालाल मार्ग, देहरादून रोड होते हुए नगर कीर्तन लक्ष्मणझूला मार्ग स्थित श्री हेमकुण्ट गुरुद्वारा में संपन्न हुआ। पटियाला से आई गतका पार्टी ने हैरतअंगेज करतब दिखाए। गुरुनानक पब्लिक स्कूल के बच्चे बैंड के साथ नगर कीर्तन में शामिल हुए। 102कीर्तन में पंच प्यारे, गुरु ग्रंथ की सवारी प्रमुख रूप से शामिल रही। विशेष रूप से महिलाएं कीर्तन गाते हुए चल रही थीं। नगर कीर्तन में सरदार हाकम सिंह, इन्द्रपाल सिंह, प्रेम सिंह डंग, बूटा सिंह, मंगा सिंह, सतपाल सिंह, परमजीत सिंह, हिम्मत सिंह आदि शामिल रहे।

शीतकाल के लिए भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद

रुद्रप्रयाग।
तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट पौराणिक परम्पराओ, रीति-रिवाजों व पंचाग गणना के अनुसार शीतकालीन के लिए बन्द कर दिये गये। इस मौके पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने तुंगनाथपुरी पहुंचकर भगवान तुंगनाथ का जलाभिषेक किया।
रविवार को दोपहर 11 बजे मठापति रामप्रसाद मैठाणी, वेदपाठी व हक-हकूकधारियों ने वैदिक मंत्रोच्चारणों, स्थानीय वाद्य यंत्रो की मधुर धुनों के साथ भगवान तुंगनाथ का रुद्राभिषेक व दान किया तथा भृगराज, ब्रह्मकमल, चन्दन, भष्म, अक्षत्र, फल, फलों से भगवान तुंगनाथ के स्ंवयभू लिंग को समाधि दी। समाधि देते ही भगवान तुंगनाथ छः माह शीतकाल के लिए तपस्यारत हो गए। ठीक 12 बजकर बीस मिनट पर तुंगनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बन्द किये गये। हक-हकूकधारियों व पुजारियों ने भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव मूतियांं को डोली में विराजमान कर वस्त्रों व फूलों से सजाया। डोली के साथ चलने वाले देवी-देवताओं के निशानों ने भगवान तुंगनाथ के मुख्य मन्दिर, भूतनाथ, भैरवनाथ, पंच केदार,, पार्वती, रुद्रनाथ मन्दिरों की तीन परिक्रमा की और भोगमण्डी, कार्यकाल कर्मचारियों के आवास व अपने भंण्डारों मे लगे शील व तालों तथा अपने तांबे के बर्तनों की गहनता से जांच की। इसके बाद चल विग्रह उत्सव डोली धाम से प्रस्थान कर सुरम्य मखमली बुग्यालों का भ्रमण कर प्रथम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंची। 110आज भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ने चोपता से प्रस्थान कर विभिन्न यात्रों पडावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुये अन्तिम रात्रि प्रवास भनकुण्ड में करेगी और नौ नवम्बर को भनकुण्ड से प्रस्थान कर विभिन्न यात्रा पडावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुये शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ पहुंचकर छः माह शीतकाल के लिए विराजमान होगी। इस मौके पर केदारनाथ के प्रधान पुजार शिवशंकर लिंग, पूर्व विधायक आशा नौटियाल, उद्योगपति केएस पंवार, प्रबन्धक प्रकाश पुरोहित सहित कई श्रद्धालु मौजूद थे।

असो हम छठ पूजा करिबे, बाटे महिमा महान गीत ने बांधा समा..

भोजपुरी गायक राजेश व महिमा के गीतों के नाम रही छठ महोत्सव की शाम
त्रिवेणीघाट पर छठ पूजा महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या का समापन

ऋषिकेश।
त्रिवेणीघाट पर आयोजित छठ पूजा महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या का दूसरा दिन भोजपुरी लोक गायक राजेश यादव व गायिका महिमा राज के सुंदर गीतों के नाम रही। इस दौरान असो हम छठ पूजा करिबे, बाटे महिमा महान गीत प्रस्तुति से गायिका महिमा राज ने खूब तालियां बटोरी। वहीं गायक राजेश यादव ने बे पानी पाकिस्तान गीत प्रस्तुत कर पाकिस्तान को जमकर लताड़ा।
रविवार को त्रिवेणीघाट पर सार्वजनिक छठ पूजा समिति की ओर से आयोजित छठ पूजा महोत्सव के दूसरे दिन कार्यक्रम का शुभारम्भ उत्तराखण्ड कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, पालिका अध्यक्ष दीप शर्मा व सार्वजनिक छठ पूजा समिति के अध्यक्ष रामकृपाल गौतम ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सांस्कृतिक संध्या से पूर्व कार्यक्रम स्थल पर विधि-विधान के साथ छठ मय्या की पूजा अर्चना की गई। सांस्कृतिक संध्या का आगाज कलाकार सतीश राजभर व साथियों के छठ मय्या के सुंदर भजनों की प्रस्तुति के साथ आरम्भ हुआ। उसके बाद मंच पर पहुंचे भोजपुरी लोक गायक राजेश यादव ने माई महिमा महान, कितना करी हम बखान, मरजी जेकरा पे काइलू, ओकर हो गईल कल्याण भजन प्रस्तुत कर छठ मय्या के चरणों में नमन कर उनका आह्वान किया। बिरहा मुकाबले में सामने पहुंची गायिका महिमा राज ने असो हम छठ पू जा करिबे, बाटे महिमा महान गीत प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरी। वहीं गायक राजेश यादव ने बे पानी पाकिस्तान हो जाई गीत प्रस्तुत कर आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान पर निशाना साधा। वहीं राजेश यादव ने भक्ति रस की प्रस्तुति दी।
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ज्ञान, बैराग, तप, साधना जोग से, प्रेम दुनिया में सबसे वजनदार ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। डला छठ पे आइजा भवनवा, सुनला सजना हमार राजेश यादव की अगली प्रस्तुती ने त्रिवेणीघाट पर पहुंचे श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान ढोलक पर कलाकार प्रकाश, बच्चेलाल जबकि हार्मोनियम पर रामदुलारे व सोनू की सुंदर जुगलबंदी रही। वहीं कोरस में दिनेश, दशरथ व ज्ञान ने गायकों का साथ दिया। महोत्सव में जयपाल जाटव, नागेन्द्र सिंह, दीनदयाल राजभर, परमेश्वर राजभर, राजपाल ठाकुर, चन्द्रेश्वर यादव, मनीष बनवाल, अरूण मनवाल, गिरीश चन्द्र राजभर, धीरज सिंह, जयप्रकाश नारायण, बंसल ठेकेदार, डॉ. राजाराम, आलोक तिवारी, गौरवनाथ राजभर, ऋषि जायसवाल, जितेन्द्र प्रसाद, दिलीप गुप्ता, प्रेम राजभर, राजू गुप्ता, सतीष राजभर, पातीलाल साहनी, राम अवतार साहनी, लाल कुंज शाह आदि उपस्थित थे।
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मॉ खूब जानती है बेटे की मुराद-किशोर उपाध्याय
रविवार को त्रिवेणीघाट पर आयोजित छठ महोत्सव में पहुंचे उत्तराखण्ड कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि मैं छठ मय्या के द्वार पर आया हॅूं, मॉ को बेटे की मुराद जानती है। खुलासा किया कि उन्होंने भी छठ का व्रत लिया है। उन्होंने विधिविधान के साथ डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया और छठ पूजा कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मैं गंगा तट पर इस महान पूजा का हिस्सा बन सका।

नहाय-खाय के साथ महापर्व छठ शुरू

छठ पर्व को ऋषिनगरी के बाजार में जमकर खरीदारी

ऋषिकेश।
ऋषिनगरी में छठपर्व की सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। स्नानघाट छठ के लिए सजाए गए हैं। शुक्रवार को बाजार में छठ सामग्री खरीदने को भीड़ रही। मुखर्जी मार्केट, हरिद्वार मार्ग, रेलवे मार्ग छठ की पूजन सामग्री से सजे हैं। शुक्रवार को फलों की टोकरी के साथ महिलाओं ने पूजन सामग्री खरीदी। दोपहर के समय बाजार में खरीदारी को लेकर भीड़ रही। सार्वजनिक छठ पूजन समिति त्रिवेणीघाट के अध्यक्ष रामकृपाल गौतम ने बताया कि नहाय-खाय के साथ छठ पर्व शुरू हो गया है। शनिवार को क्लश एवं पंचांग पूजन के साथ भगवान सूर्य, छठ माता की मूर्ति का अनावरण एवं प्राणप्रतिष्ठा होगी। उधर, नगर पालिका मुनिकीरेती क्षेत्र में भी शुक्रवार को गंगाघाटों की सफाई की गई। क्षेत्र के दयानंद आश्रम घाट, शीशमझाड़ी घाट, शत्रुघ्न घाट, परमार्थ घाट पर भी छठ पूजन होगा।
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मुनिकीरेती पालिकाध्यक्ष शिवमूर्ति कंडवाल ने बताया कि छठ पर्व पर घाटों की साफ-सफाई के साथ प्रकाश की व्यवस्था की गई है।
उधर, ऋषिकेश में सुरक्षा के लिहाज से अतिरिक्त पुलिस कर्मी घाट पर तैनात रहेंगे। सीओ चक्रधर अंथवाल ने बताया कि टप्पेबाजी और छेड़छाड़ की घटनाओं के मद्देनजर सादी वर्दी में भी पुलिस के जवान तैनात रहेंगे। घाट पर पीएसी के जवानों के साथ आसपास के थानों की पुलिस भी लगाई गई है।

गंगा तट पर बनने लगे छठ पूजा स्थल

ऋषिकेश।
नहाय खाय के साथ शुरू होने वाले आस्था पर्व छठ पूजा की तैयारी अब जोर पकड़ने लगी है। ऋषिकेश में गंगा तटों पर अर्घ्य भूमि (छठ पूजा घाट) की साफ-सफाई का कार्य तेज हो गया है। लोग गंगा तटों पर छठ पूजा स्थान तैयार करने में जुट गए हैं। बाजार में भी खरीदारी शुरू होने लगी है। वहीं घरों में महिलाएं छठ महिमा की गीत गाती हुई तैयारी में जुट गई हैं।
छठ पूजा की तैयारियां शुरू हो गई है। मंगलवार को श्रद्धालुओं ने गंगा तटों पर पत्थरों और रेत के चबूतरे बनाए। उनपर रंगरोगन भी किया। पांच अक्तूबर को एसपी देहात श्वेता चौबे और छह अक्तूबर को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय छठ पूजा में हिस्सा लेंगे। पांच अक्तूबर से शुरू होने के बाद छह अक्तूबर को ढलते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। सात अक्तूबर को उगते सूरज को अर्घ्य देने के साथ छठ पूजा संपन्न होगी।
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ऋषिनगरी में बड़ी संख्या में बिहार और पूर्वांचल के लोग रहते हैं। इसलिए त्रिवेणीघाट, दयानंद आश्रम घाट, स्वर्गाश्रम घाट, शीशमझाड़ी, मुनिकीरेती आदि घाटों पर बुधवार को साफ-सफाई का काम चला। लोग घाट पर पत्थर-रेत से चबूतरा बनाने के काम में जुटे रहे। पूजा समिति के अध्यक्ष रामकृपाल गौतम ने बताया कि पहले दिन पांच अक्तूबर को स्कूली बच्चों के साथ स्थानीय कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। दूसरे दिन भोजपुरी लोकगायक अपनी आवाज का जादू बिखेरेंगे।

चंद्रमा को अर्ध्य दे पति के दीर्घायु की कामना की

गंगातट पर पूजा-अर्चना को जुटी सुहागिनों की भीड़

ऋषिकेश।
बुधवार को करवा चौथ पर दिन ढलते ही त्रिवेणी घाट, स्वर्गाश्रम, लक्ष्मणझूला, तपोवन, मुनिकी रेती, कैलाश गेट सहित गंगा तट के क्षेत्रों में महिलाओं ने दीप जलाकर गंगा की पूजा अर्चना की। सुहागिनों ने चंद्रमा को अर्ध्य देने के बाद अपने पति के दीर्घायु के साथ उनके सुहाग के लिये विशेष अनुष्ठान किये। दिनभ बाजारों में गिफ्ट की खरीददारी के लिये महिलायें अपने पति के साथ शहर के विभिन्न प्रतिष्ठानों पर देखी गई। पति-पत्नी के प्रेम संबंधों के प्रतीक करवा चौथ को लेकर धर्मनगरी में सुहागिनों में खासा उत्साह देखा गया।उधर, दुर्गा मंदिर व इंदिरानगर में महिलाओं ने करवाचौथ पर पूजा-अर्चना कर पति के दीघार्यु की कामना की। पूजन में कुसुम, मीना कंडवाल,हिमानी, लक्ष्मी सजवाण, नेहा, माला देवी, नानकी देवी, वैशाली, आंचल, रीना देवी, मंजू देवी आदि मौजूद थे।
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ज्योतिष डॉ. प्रतीक मिश्रपुरी बताते है कि करवा चौथ पर सुहागिनें अपने पति की लंबी आयु की कामना के साथ परिवार की सृमद्वि व सुख शांति के लिये व्रत रखती है।चन्द्रमा मन की चंचलता का कारक है।इसलिये सुहागिनें चन्द्रमा से मन को चंचल न करने की प्रार्थना करती है। बताया कि पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़े इसके लिये करवा चौथ पर पति भी पत्नी के साथ व्रत रखने लगे है।

करवाचौथ पर खरीददारी को जुटी भीड़

ऋषिकेश।
मंगलवार को ऋषिनगरी के त्रिवेणी घाट, मुखर्जी मार्ग, रेलवे रोड, क्षेत्र रोड, सुभाष चौक, मेन बजार व त्रिवेणी घाट रोड पर सुबह से महिलाओं की भीड़ रही। साड़ी, चूड़ी व ज्वेलरी सहित अन्य दुकानें महिलाओं की भीड़ से अटी नजर आई। महिलाओं ने दुकानों से अपनी मनपंसद चीजों की जमकर खरीददारी की। सुभाष चौक से महिलाएं करवाचौथ की कथा से जुड़ी किताबे व तस्वीरे ले रही थी। महिलाओं की खरीददारी के चलते मुख्य मार्गो से दुपहिया व पैदल चलने वाले को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। खासकर त्रिवेणी घाट रोड व सुभाष चौक पर बहुत दिक्कत रही। बनखण्डी से खरीददारी को पहुंची सीमा व कविता बिष्ट का कहना है कि उनका पहला करवा चौथ है इसलिए वे दो दिन पहले ही बाजार से खरीददारी करने पहुंची है। जिससे वे आराम से अपनी मनपंसद चीजों की खरीददारी कर सके। श्रेया अग्रवाल का कहना है कि उन्होंने कुछ चीजें ऑनलाइन के जरिए खरीद ली है और बचे हुए सामान की खरीददारी करने पहुंची है।
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पति की लंबी आयु को रखा जाता है करवा चौथ व्रत
करवा चौथ पर विवाहित महिलाए अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती है करवा चौथ के व्रत का पूर्ण विर्ण वामन पुराण में किया गया है। आचार्य पंडित राकेश सेमवाल व सुरेश चन्द्र भट्ट का कहना है कि इस साल करवा चौथ के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 26 मिनट से लेकर 6 बजकर 22 मिनट तक का है। इस वर्ष करवा चौथ का दिन चंद्रोदय रात 8 बजकर 38 मिनट पर होगा। करवा चौथ के दिन चन्द्रमा को अघ्र्य देकर ही व्रत पारण किया जाता है।
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करवा चौथ पूजन विधि
नारद पुराण के अनुसार इस दिन भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। करवा चौथ की पूजा करने के लिए बालू यानी रेत की एक वेदी बनाकर भगवान शिव-देवी पार्वती, स्वामी कार्तिकेय, चन्द्रमा एवं गणेश जी को स्थापित कर उनकी विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। पूजा के बाद करवा चौथ की कथा सुननी चाहिए तथा चन्द्रमा को अघ्र्य देकर छलनी से अपने पति को देखना चाहिए। पति के हाथों से ही पानी पीकर व्रत खोलना चाहिए। इस प्रकार व्रत को सोलह या बारह वर्षो तक करे उद्यापन कर देना चाहिए।