वैश्य समाज सनातन संस्कृति का ध्वजवाहक, राष्ट्र की आर्थिक व सांस्कृतिक शक्ति का प्रतीकः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून में अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन द्वारा आयोजित दीपावली मेले में सम्मिलित हुए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महाराजा अग्रसेन को नमन करते हुए उपस्थित जनां को दीपावली की अग्रिम बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दीपावली का पर्व हम सभी के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने का एक विशिष्ट माध्यम है, जो हमें अंधकार से प्रकाश की ओर और बुराई से अच्छाई की ओर जाने की प्रेरणा देता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्य समाज सदियों से सनातन संस्कृति का ध्वजवाहक बनकर संपूर्ण समाज में सहयोग, सौहार्द और विकास का प्रकाश फैला रहा है। वैश्य समाज हमारे राष्ट्र की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक शक्ति का प्रतीक है। वैश्य समाज ने हमेशा सनातन धर्म की रक्षा और सामाजिक कार्यों के विस्तार के लिए दिल खोलकर सहयोग किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन इस मेले के माध्यम से न केवल व्यापार को प्रोत्साहित कर रहा है, बल्कि सामाजिक एकता, स्वदेशी उत्पादों के प्रोत्साहन और लोक संस्कृति के संरक्षण का भी कार्य कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में एक ओर जहां हमारी सांस्कृतिक परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में कार्य किया जा रहा है। वहीं ‘लोकल फॉर वोकल’, ‘मेक इन इंडिया’, ‘मेड इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसी पहलों के माध्यम से ’आत्मनिर्भर भारत’ के स्वप्न को साकार करने की दिशा में भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हमारी सरकार ने राज्य में अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं और नीतियों को सफलतापूर्वक लागू किया है, जिससे आज राज्य का समग्र विकास सुनिश्चित हो रहा है। हमने राज्य हित में कई ऐतिहासिक निर्णय भी लिए हैं। हमने देश में सबसे पहले “समान नागरिक संहिता” को लागू करने का ऐतिहासिक कार्य किया है। हमारी सरकार देवभूमि उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के प्रति भी पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है। हमने प्रदेश में इस सुनियोजित लैंड जिहाद पर कड़ी कार्रवाई करते हुए 9 हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को लैंड जिहादियों से मुक्त कराया है। हमनें 550 के करीब अवैध मजारों को ध्वस्त किया है वहीं वन भूमि पर अतिक्रमण करके बनाई गई 2 अवैध मस्जिदों को भी हटाया है। इसके अतिरिक्त, हमारी सरकार राज्य में सनातन संस्कृति को बदनाम करने वाले पाखंडियों के विरुद्ध भी ’ऑपरेशन कालनेमि’ के माध्यम से भी सख्त कार्रवाई कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी से ये आग्रह करना चाहता हूँ कि आप सभी प्रधानमंत्री के “स्वदेशी अपनाओ देश को मजबूत बनाओ’’ के मंत्र को आत्मसात करते हुए अधिक से अधिक स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करें। यदि हम स्वदेशी वस्तुओं को प्राथमिकता देंगे, तो हमारा ये कदम न केवल हमारे कारीगरों, किसानों और उद्यमियों को सशक्त बनाएगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को भी मजबूती प्रदान करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के अपने “विकल्प रहित संकल्प” को पूर्ण करने हेतु निरंतर कार्य कर रहे हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि हमारे इस संकल्प को पूर्ण करने के लिए वैश्य समाज के मेरे सभी परिवारजन इसी प्रकार हमारी सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करते रहेंगे और हम सभी मिलकर हमारे इस संकल्प को सिद्ध करने में अवश्य सफल होंगे।

कार्यक्रम कार्यक्रम में विनोद चमोली, खजान दास, प्रेमचंद अग्रवाल, मेयर देहरादून सौरभ थपलियाल सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि, व्यापारी, स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

सभी जनपदों के प्रभारी सचिव नियमित भ्रमण कर जनता से संवाद स्थापित करेंः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश की सभी सड़कों को शीघ्र गड्ढा मुक्त किया जाए, ताकि आम जनता को बेहतर यातायात सुविधा मिल सके। बैठक में जानकारी दी गई कि अब तक 52 प्रतिशत पैच वर्क का कार्य पूर्ण हो चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शेष कार्यों को त्वरित गति से पूरा किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जनपदों के प्रभारी सचिव अपने-अपने जनपदों का नियमित भ्रमण कर जनता से संवाद स्थापित करें और सरकार की विभिन्न विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाएं।

बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में निर्माण और पुनर्निर्माण कार्यों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक आधारभूत संरचनाओं का जल्द पुनर्निर्माण किया जाए, ताकि स्थानीय जनता को राहत मिल सके। मुख्यमंत्री ने क्षतिग्रस्त पुलों के शीघ्र निर्माण और नए पुलों के निर्माण कार्यों में तेजी लाने पर भी बल दिया।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनता को सुरक्षित, सुविधाजनक और बेहतर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए सभी विभागों को समन्वय और सजगता के साथ कार्य करना होगा।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय, अपर सचिव विनीत कुमार एवं लोक निर्माण विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

ग्राम सराय स्थित भूमि के क्रय में अनियमितताओं से संबंधित प्रकरण पर विभागीय जांच की प्रक्रिया प्रारंभ

नगर निगम, हरिद्वार द्वारा ग्राम सराय स्थित भूमि के क्रय में अनियमितताओं से संबंधित प्रकरण को लेकर उत्तराखण्ड शासन ने कार्रवाई की गति तेज कर दी है। शासन द्वारा इस पूरे प्रकरण में तीन अधिकारियों-तत्कालीन जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, तत्कालीन नगर आयुक्त वरुण चौधरी तथा तत्कालीन उप जिलाधिकारी अजयवीर सिंह, (निलंबित) के विरुद्ध विभागीय जांच की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है।

गृह विभाग से जारी आदेश के अनुसार, प्रथम दृष्टया संलिप्तता पाए जाने के आधार पर अजयवीर सिंह के विरुद्ध उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 2003 (यथासंशोधित) के प्रावधानों के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलित की गई है। उन्हें पूर्व में आरोप पत्र निर्गत करते हुए अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया था, जिसके प्रत्युत्तर में उन्होंने दिनांक 16 सितम्बर, 2025 को अपना लिखित अभिकथन प्रस्तुत करते हुए सभी आरोपों को अस्वीकार किया।

शासन ने अब इस प्रकरण में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने हेतु डॉ. आनन्द श्रीवास्तव (आई.ए.एस.), अपर सचिव, उत्तराखण्ड शासन को अजयवीर सिंह के विरुद्ध जांच अधिकारी नियुक्त किया है। उन्हें एक माह के भीतर जांच आख्या शासन को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

ज्ञातव्य है कि प्रकरण से संबंधित अन्य दो अधिकारियों-तत्कालीन जिलाधिकारी हरिद्वार कर्मेन्द्र सिंह और तत्कालीन नगर आयुक्त वरुण चौधरी के विरुद्ध चल रही विभागीय जांच के लिए शासन ने सचिन कुर्वे (आई.ए.एस.) को जांच अधिकारी नामित किया है।

राज्य सरकार भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति पर दृढ़ता से कार्य कर रही है। शासन व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। किसी भी स्तर पर अनियमितता पाए जाने पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह किसी भी स्तर का अधिकारी क्यों न हो।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

सरकार का प्रयास कर्मचारियों को कठिन परिस्थितियों में उनके परिवार को हर संभव सुविधा उपलब्ध होः धामी

उपनल के माध्यम से सेवारत तीन कार्मिकों की दुर्घटना में मुत्यु होने के उपरान्त उनके आश्रितों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में 50-50 लाख की सहायता राशि के चेक प्रदान किये। उपनल के माध्यम से विद्युत वितरण खण्ड, जसपुर में तैनात बृजेश कुमार की जनवरी 2025, ब्रिडकुल देहरादून में तैनात तसलीम की नवम्बर 2024 और विद्युत वितरण खण्ड हरिद्वार में तैनात संजीव कुमार की फरवरी 2025 में सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश पर उत्तराखण्ड के सरकारी, अर्द्ध सरकारी और उपनल कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए कॉर्पाेरेट सैलरी पैकेज के तहत अनेक प्रकार की सुविधाएं और बीमा लाभ प्रदान करने के लिए राज्य सरकार और बैंकों के बीच एमओयू किया गया है। राज्य सरकार की इस महत्वपूर्ण पहल के अन्तर्गत कार्मिक की दुर्घटना में मृत्यु होने पर उनके परिजनों को सहायता राशि प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री ने उपनल कर्मचारियों के लिए यह सुविधा प्रदान करने के लिए पंजाब नेशनल बैंक का आभार भी व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कोई भी सहायता राशि मानव की कमी को तो पूर्ण नहीं कर सकती है, लेकिन कठिन समय में उनके परिवारजनों को आर्थिक संबल प्रदान करने में मदद करती है। सरकार का प्रयास है कि कर्मचारियों को सुरक्षित और सम्मानजनक कार्य वातावरण के साथ ही कठिन परिस्थितियों में उनके परिवार को हर संभव सुविधा उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि कॉर्पाेरेट सैलरी पैकेज के तहत राज्य में कर्मचारियों को बीमा और अन्य सुरक्षा प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा अनेक नवाचार किए जा रहे हैं। कर्मचारियों के हितों में अनेक निर्णय लिए गए हैं।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, सचिव दीपेन्द्र चौधरी, अपर सचिव मनमोहन मैनाली, मेजर जनरल शम्मी सबरवाल (से.नि.), एमडी उपनल जे.एन.एस. बिष्ट, पंजाब नेशनल बैंक के जोनल हेड अनुपम, डिप्टी जनरल मैनेजर अभिनंदन, एजीएम अजीत कुमार उपाध्याय मौजूद थे।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में यूपीसीएल की 125 वीं बोर्ड बैठक आयोजित हुई

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में उत्तराखण्ड पावर कार्पाेरेशन लिमिटेड की 125वीं बोर्ड बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने बोर्ड में सचिव वित्त को भी शामिल किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने टेक्निकल पृष्ठभूमि के व्यक्ति को भी बोर्ड में शामिल किए जाने की बात कही।

अगले वित्तीय वर्ष का बजट फरवरी-मार्च तक हो जाए बोर्ड से स्वीकृतः मुख्य सचिव
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रोजेक्ट्स की लागत को कम किए जाने के लगातार प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट्स के लिए लिया जाना वाला ऋण जितना सस्ता हो, उतना अच्छा। इसके लिए वित्त उपलब्ध कराने वाली एजेन्सियों से लगातार सम्पर्क किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि अगले वित्त वर्ष के बजट के लिए फरवरी-मार्च तक बोर्ड से संस्तुति अनिवार्य रूप से ले ली जाए।

तीनों कार्पाेरेशन में विजिलेंस मैकेनिज्म तैयार किए जाने के दिए निर्देश
मुख्य सचिव ने तीनों कार्पाेरेशन में विजिलेंस मैकेनिज्म तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सचिव विजिलेंस के साथ बैठक कर तीनों कार्पाेरेशन्स में शीघ्र ही विजिलेंस मैकेनिज्म तैयार किया जाए। मुख्य सचिव ने यूपीसीएल को 1 जनवरी, 2026 से ईआरपी लागू किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि तीनों कार्पाेरेशन में त्रैमासिक प्रदर्शन की समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि इससे अल्पकालिक लक्ष्यों पर कार्पाेरेशन की प्रगति का आंकलन एवं सुधार के क्षेत्रों को चिन्हित कर अगली तिमाही के लिए नए उद्देश्य निर्धारित किए जा सकेंगे।

मुख्य सचिव ने नई तकनीकों के इस्तेमाल पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि नई तकनीक का उपयोग करने से पहले एक दो स्थानों पर अनिवार्य रूप से प्रयोग कर लिया जाए, ताकि तकनीक के कम सफल होने या असफल होने पर उपयोग से हटाए जाने में अधिक नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि सभी कार्पाेरेशन को पेशेवर दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रोजेक्ट्स को शुरू करने से पहले उसका तकनीकी आर्थिक व्यवहार्यता (टेक्नो इकोनॉमिक फीजीबिलिटी) परीक्षण कराए जाने की बात भी कही।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, स्वतंत्र निदेशक (बोर्ड) पराग गुप्ता, बी.पी. पाण्डेय, अपर सचिव डॉ. अहमद इकबाल, एमडी यूपीसीएल अनिल यादव, एमडी यूजेवीएनएल संदीप सिंघल एवं एमडी पिटकुल पी.सी. ध्यानी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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सीएस ने किया एनआईसी उत्तराखण्ड की त्रैमासिक न्यूज़लेटर ‘द डिजिटल थ्रेड‘ का विमोचन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने एन.आई.सी. उत्तराखण्ड की प्रथम त्रैमासिक न्यूज़लेटर ‘द डिजिटल थ्रेड‘ का विमोचन किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने आशा व्यक्त की कि यह न्यूज़लेटर राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों, सफल परियोजनाओं, डिजिटल पहलों एवं एन.आई.सी. उत्तराखण्ड की प्रमुख गतिविधियों को व्यापक रूप से आम जनमानस तक से पहुंचाने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि ‘द डिजिटल थ्रेड‘, शासन, तकनीक और नागरिकों के बीच सेतु का कार्य करेगा।

राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी (एन.आई.सी.) संजय गुप्ता ने कहा कि एन.आई.सी. उत्तराखण्ड राज्य में डिजिटल इंडिया मिशन को सशक्त बनाने हेतु प्रतिबद्ध है, एवं निरंतर अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कार्य कर रहा है।

इस अवसर पर ए.एस.आई.ओ. (जिला) राजीव जोशी, संयुक्त निदेशक (आई.टी.) चंचल गोयल, संयुक्त निदेशक (आई.टी.) शिवानी गोठी, सयुंक्त निदेशक (आई.टी.) रोहित चंद्रा, उप निदेशक (आई.टी.) प्रीति जोशी एवं उप निदेशक (आई.टी.) अनुज धनगर भी उपस्थित रहे।

केंद्रीय वित्त मंत्री से पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना के अंतर्गत स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नेे नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भेंट कर राज्य से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री को जीएसटी सुधारों के सफल क्रियान्वयन के लिए शुभकामनाएं देते हुए वित्त मंत्रालय द्वारा उत्तराखंड राज्य को दिए गए सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या का दबाव लगातार बढ़ रहा है। पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील एवं भारी वर्षा वाले प्रदेश में नगरीय जल निकासी प्रणाली के सुधार और अपग्रेडेशन की बहुत आवश्यकता है। इसके लिए राज्य के सर्वाधिक बारिश से प्रभावित 10 जिलों के लिए स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम के उन्नयन और सुधार के लिए डीपीआर तैयार की गई हैं, जिनकी कुल अनुमानित लागत रुपये 8,589.47 करोड़ है। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री से इन परियोजनाओं को पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना के अंतर्गत स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री से उत्तराखंड राज्य के बाह्य सहायतित परियोजनाओं की शीघ्र स्वीकृति का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से उत्तराखंड क्लाइमेट रिज़िलीअन्स डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिल चुकी है। इसी के साथ राज्य सरकार की ओर से सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन सुदृढ़ीकरण परियोजना के लिए 850 करोड़ रुपये और जलापूर्ति व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए 800 करोड़ का प्रस्ताव भी केंद्र सरकार को भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री से इन परियोजनाओं की शीघ्र स्वीकृति कराने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय वित्त मंत्री से पूर्व में मिले आश्वासन के क्रम में उत्तराखंड को वित्तीय वर्ष 2023-24 से 2025-26 के बाह्य सहायतित परियोजनाओं की सीलिंग के अतिरिक्त 4 अन्य प्रमुख परियोजनाओं को भी शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया। इन परियोजनाओं में 2000 करोड़ की जल एवं स्वच्छता नगरीय अवसंरचना विकास परियोजना, 424 करोड़ रुपये की डीआरआईपी 3638 करोड़ रुपए की उत्तराखंड क्लाइमेट रेसिलिएंट इंट्रा स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन सिस्टम डेवलपमेंट और 1566 करोड़ रुपये की उत्तराखंड पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन रिलायबिलिटी इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट शामिल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सभी परियोजनाएँ राज्य के बुनियादी ढांचे, जल संसाधन प्रबंधन, ऊर्जा और सार्वजनिक सर्विस डिलीवरी व्यवस्था को मजबूती प्रदान करेंगी।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुख्यमंत्री धामी को हर संभव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।

सीएस ने राजकीय महिला गृहों की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन द्वारा सचिवालय परिसर में राजकीय बाल देखरेख संस्थाओं के बच्चों एवं राजकीय महिला गृहों की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने राजकीय बाल देखरेख संस्थाओं में रहने वाले बच्चों के लिए कौशल विकास से जुड़े प्रशिक्षण की नियमित व स्थायी व्यवस्था किए जाने हेतु अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए इन बच्चों को सशक्त व स्वावलंबी बनाने के कारगर प्रयास किए जांय।

दीपावली के उपलक्ष्य में ने महिला कल्याण विभाग द्वारा स्थापित आलम्बन आउटलेट सेन्टर के माध्यम से आयोजित इस प्रदर्शनी का दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ करते हुए मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने बच्चों एवं महिलाओं द्वारा निर्मित आकर्षक पेंटिग्स एवं विभिन्न उत्पादों की सराहना की। मुख्य सचिव ने महिला गृहों की संवासिनियों की प्रतिभा को निखारने के लिये व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने तथा उत्पादों की गुणवत्ता संवर्द्धन की व्यवस्था किए जाने हेतु निर्देश दिये गये। मुख्य सचिव ने बाल देखरेख संस्थाओं में रहने वाले बच्चों की शिक्षा व प्रशिक्षण के लिये विशेष प्रयास करने हेतु भी निर्देशित किया गया।

महिला कल्याण विभाग द्वारा स्थापित आलम्बन आउटलेट सेन्टर के माध्यम से आयोजित यह प्रदर्शनी आगामी 17 अक्टूबर तक चलेगी। जिसमें राजकीय बाल देखरेख संस्थाओं के बच्चों एवं राजकीय महिला गृहों की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों यथा- मोमबत्ती, करवा, दिये, चित्रकला, तोड़न, भीमल पेटिंग एवं ऐंपण पेटिंग से बने अनेक उत्पादों को प्रदर्शन एवं बिक्री के लिए रखा गया है।

इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के सचिव चन्द्रेश यादव, निदेशक बी.एल.राणा, मुख्य परिवीक्षा अधिकारी अंजना गुप्ता, राज्य नोडल अधिकारी आरती बलोदी, जिला परिवीक्षा अधिकारी, देहरादून मीना बिष्ट एवं कार्यक्रम प्रबंधक प्रीति उपाध्याय उपस्थित रहे।

सीएस ने यूकॉस्ट और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग को इस दिशा में कारगर पहल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि उत्तराखंड में स्थित राष्ट्रीय महत्व के वैज्ञानिक संस्थानों का राज्य के हित में अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए लगातार संवाद, बेहतर समन्वय व सतत सहयोग की व्यवस्था हेतु एक सुव्यवस्थित व सुसंगठित प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा।

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में आगामी 12 से 14 नवंबर तक विज्ञान धाम में प्रस्तावित छठे देहरादून इंटरनेशनल साईंस एंड टेक्नोलॉजी फेस्टीवल के पोस्टर एवं ब्रोशर का विमोचन करते हुए यह विचार व्यक्त किए। मुख्य सचिव ने प्रस्तावित फेस्टीवल हेतु आयोजकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विज्ञान और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नित नई प्रगति होने से बहुत तेजी से बदलाव हो रहे हैं। समाज और विशेषकर युवा पीढी को विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी से जोड़ने और इस क्षेत्र में आगे बढने के लिए प्रेरित करने में इस तरह के आयोजन महत्वपूर्ण सिद्ध होते हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि टेक्नोलॉजी की जननी मौलिक विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को बढावा देने पर विशेष ध्यान दिया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हिमालयी राज्य होने के नाते उत्तराखंड के लिए विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी अत्यधिक आवश्यक व महत्वपूर्ण है। देहरादून एवं उत्तराखंड में राष्ट्रीय स्तर के कई वैज्ञानिक एवं शैक्षिक संस्थान मौजूद हैं, जिनका राज्य के हित में समय-समय पर विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग लिया जाता है। उत्तराखंड के हित में सभी महत्वपूर्ण संस्थानों का अधिकतम सहयोग व बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मुख्य सचिव ने यूकॉस्ट और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग को इस दिशा में कारगर पहल सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।

इस अवसर पर सचिव उत्तराखंड शासन डॉ. आर. राजेश कुमार, चन्द्रेश यादव, दीपेन्द्र चौधरी, हेस्को के संस्थापक पद्मभूषण अनिल जोशी, उत्तराखंड पेट्रोलियम विश्वविद्यालय के वीसी राम शर्मा, यूकॉस्ट के संयुक्त निदेशक डीपी उनियाल आदि ने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन कुंवर राज अस्थाना ने किया।

सीएस बोले, राज्य में ईएसआईसी के अस्पताल खोलने कोे मानकों में ढील देने का प्रस्ताव तैयार कर क्षेत्रीय परिषद को भेजेंगे

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने उद्योगों से जुड़े प्रकरणों का तत्परता से निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा है कि राज्य में उद्योगों को समुचित सुविधाएं एवं बेहतर माहौल उपलब्ध कराने के लिए शासन प्रतिबद्ध है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को उद्योगों व उद्यमियों से संबंधित मामलों पर विचार-विमर्श के लिए राज्य एवं जिला स्तरीय उद्योग मित्र समितियों की बैठकें नियमित रूप से आयोजित करने की हिदायत देते हुए कहा है कि तात्कालिक महत्व के मामलों में इन समितियों की बैठकों की प्रतीक्षा न कर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की जाय।

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में राज्य स्तरीय उद्योग मित्र समिति की प्राधिकृत समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने बैठक में राज्य के उद्यमियों एवं उद्योग संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत मामलों को विस्तार से सुनने के साथ ही उद्योगों से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण प्रकरणों पर विस्तार से विचार-विमर्श कर संबंधित विभागों के अधिकारियों को त्वरित समाधान करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि उद्यमियों के साथ सचिव वित्त द्वारा जीएसटी की नई व्यवस्था से संबंधित प्रकरणों को लेकर बैठक कर समस्याओं एवं शंकाओं का समुचित समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में ईएसआईसी के अस्पताल खोले जाने के मानकों में ढील देने का प्रस्ताव तैयार कर क्षेत्रीय परिषद को भेजा जाएगा। उन्होंने देहरादून जनपद में ईएसआईसी अस्पताल के लिए आवश्यक भूमि की व्यवस्था के संबंध में भी अधिकारियों को निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में उद्योगों की स्थापना व संचालन के लिए बेहतर माहौल उपलब्ध कराने के साथ ही औद्योगिक आस्थानों में समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों और संगठनों को उद्योगों के लिए सभी आवश्यक अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध कराने, बिजली की पर्याप्त व निर्बाध आपूर्ति करने तथा लॉजिस्टिक की बेहतर सुविधाएं देने के लिए भी कारगर कदम उठाने के निर्देश देते हुए कहा कि उद्यमियों द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों का समय से समाधान सुनिश्चित किया जाय।

बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, अपर सचिव विनीत कुमार सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी गण एवं उद्योग संगठनों केे प्रतिनिधिगण व अनेक उद्यमी उपस्थित रहे।

उत्तराखंडः मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में राज्यव्यापी फायर सेफ्टी ऑडिट अभियान होगा शुरू

उत्तराखंड सरकार ने राज्यभर के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में सुरक्षा और फायर सेफ्टी को लेकर सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देशों पर सचिवालय में महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य व परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ. आर. राजेश कुमार ने की।

बैठक में यह निर्देश दिया गया कि राज्य के सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों में फायर सुरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाएगा, हर महीने ड्रिल प्रैक्टिस आयोजित की जाएगी और समय-समय पर सुरक्षा ऑडिट किया जाएगा। सचिव ने स्पष्ट किया कि अस्पतालों में किसी भी प्रकार की लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सचिवालय में हुई समीक्षा बैठक में निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ अजय आर्य, प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज गीता जैन, उपसचिव जसंविदर कौर, सीएमएस दून मेडिकल कॉलेज डॉ आर एस बिष्ट सहित यूपीआरएल (न्.च्.त्.स्.) के प्रतिनिधि सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

दून मेडिकल कॉलेज में फायर सेफ्टी को लेकर सचिव ने दिए सख्त निर्देश
सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार ने फायर सेफ्टी से जुड़ी कार्यदायी संस्था को निर्देश दिया कि अग्नि संकटी से संबंधित अनापत्ति प्रमाण पत्र (छव्ब्) शीघ्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। इस संदर्भ में सचिव ने अग्निशमन विभाग से भी आवश्यक कार्रवाई करने का मौखिक अनुरोध किया। सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार ने यह भी निर्देश दिया कि स्प्रिंकलर, मोटर्स एवं अन्य फायर सेफ्टी उपकरणों की जांच कर उनका डेमो कराया जाए, ताकि किसी आपात स्थिति में तत्परता सुनिश्चित हो सके। इसके अलावा उन्होंने निदेशक, चिकित्सा शिक्षा को आदेशित किया कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रत्येक माह फायर मॉक ड्रिल कराई जाए। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को निर्देश दिए गए कि कार्यदायी संस्था के साथ नियमित रूप से प्रतिमाह बैठक की जाए। कार्यदायी संस्था ने बैठक में जानकारी दी कि ओटी बिल्डिंग की फायर एनओसी 30 अक्टूबर 2025 तक और सीएसएसडी विभाग की एनओसी 30 नवम्बर 2025 तक हस्तांतरित कर दी जाएगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान
राज्य के सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों में फायर सुरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाएगा। अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना अनिवार्य है। हमारी प्राथमिकता मरीजों और अस्पताल स्टाफ की सुरक्षा है। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि उत्तराखंड के सभी अस्पताल सुरक्षा मानकों के अनुरूप संचालित हों। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार का बयान
मुख्यमंत्री के निर्देशन में राज्यभर के सरकारी और निजी अस्पतालों में सुरक्षा जांच और फायर ड्रिल अभियान को तेज किया जाएगा। हमारी टीम नियमित निरीक्षण कर सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करेगी। हमने सभी जिला अधिकारियों और अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिए हैं कि वे हर अस्पताल में फायर सिस्टम की मजबूती, इमरजेंसी ड्रिल और सुरक्षा ऑडिट सुनिश्चित करें। किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हमारा उद्देश्य है कि उत्तराखंड के अस्पताल पूर्णतरू सुरक्षित और आपातकाल के लिए तैयार रहें।

राज्यव्यापी फायर सेफ्टी अभियान की रूपरेखा
फायर अलार्म और स्प्रिंकलर सिस्टम की जांच सभी अस्पतालों में। महीने में कम से कम एक बार ड्रिल प्रैक्टिस आयोजित करना और स्टाफ को प्रशिक्षित करना। समय-समय पर सुरक्षा ऑडिट और रिकॉर्डिंग। लापरवाही या मानकों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई, जिसमें प्रशासनिक और कानूनी कदम शामिल हैं। यह अभियान राज्य सरकार की ओर से मरीजों और अस्पताल स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।

अस्पतालों के लिए सख्त संदेश
उत्तराखंड सरकार ने स्पष्ट किया है कि अस्पतालों में सुरक्षा और आपातकालीन तैयारी को लेकर किसी भी स्तर की ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अस्पताल प्रबंधन को समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी और सभी सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा।

इस पहल के माध्यम से राज्य सरकार ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि मरीजों की जान और अस्पताल स्टाफ की सुरक्षा सर्वाेपरि है। राज्यभर में चलाया जा रहा फायर सेफ्टी ऑडिट अभियान अस्पतालों की सुरक्षा को मजबूत करने और आपातकालीन तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।