मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को हरिद्वार के बहादराबाद स्थित उतराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा संस्कृत शिक्षा को बढ़ाने का सराहनीय कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों से उनका विशेष लगाव रहा है, उनका काफी समय लखनऊ विश्वविद्यालय में बीता है, जब भी किसी विश्वविद्यालय का कोई कार्यक्रम होता है, तो वे अपने आप को जाने से रोक नहीं पाते हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत विश्व में सभी भाषाओं की जननी है। पूरी दुनिया में जब शिक्षा अथवा ज्ञान का उजाला नहीं हुआ था तब हमारे भारत में तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालय विद्यमान थे। उस वक्त पूरी दुनिया को ज्ञान देने का कार्य अगर किसी ने किया तो वह भारत भूमि ने किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश को प्रधानमंत्री का मजबूत नेतृत्व मिला है। पूरी दुनिया में भारत का मान-सम्मान स्वाभिमान बढ़ाने का कार्य प्रधानमंत्री कर रहे हैं। योग दिवस को आज पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मना रही है। प्रधानमंत्री ने 5 नवंबर को केदारनाथ में 400 करोड़ रुपए के कार्य का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। जल्द ही हम केदारनाथ मंदिर केबल कार द्वारा जा सकेंगे। सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहेब को भी रोपवे से जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह आदि गुरु शंकराचार्य ने पूरे भारत को उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम एक सूत्र में जोड़ने का कार्य किया उसी तरह आज प्रधानमंत्री विकास रूपी सूत्र में पूरे देश को एक साथ जोड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2025 के लिए राज्य का विजन रखा है, इस विजन को पूरा करने के लिए हम सभी को मिलकर कार्य करना होगा। वर्ष 2025 में 25 साल का राज्य युवा राज्य होने के साथ ही देश का श्रेष्ठ, उत्कृष्ट एंव आदर्श राज्य होगा, इस दिशा में वचनबद्ध एंव दृढ़ संकल्पित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालय के स्टॉफ को सातवे वेतन आयोग के वेतनमान व एरियर भुगतान संबंधी दिक्कत को जल्द समाधान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि संस्कृत शिक्षा में रिक्त पदों को जल्द भरा जाएगा।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, विधायक संजय गुप्ता, आदेश चौहान, कुलपति प्रो देवी प्रसाद त्रिपाठी, कुलपति गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय डॉ रूप किशोर शास्त्री, कुलसचिव संस्कृत विश्वविद्यालय गिरीश कुमार अवस्थी आदि मौजूद रहे।