संसद में पास हुए कृषि विधेयकों के खिलाफ देशभर में किसानों ने हुंकार भरी। भारतीय किसान यूनियन सहित देशभर में विभिन्न किसान संगठनों ने देशभर में चक्का जाम किया। इसमें करीब 31 संगठनों का साथ मिला हे। किसान संगठनों को कांग्रेस, आरजेडी, समाजवादी पार्टी, अकाली दल, टीएमसी आदि राजनीतिक पार्टियों का भी समर्थन मिला है।
इससे पूर्व पंजाब में रेल रोको अभियान की शुरूआत गुरूवार से ही हो गई थी। यहां किसान रेलवे ट्रैक पर बैठ गए और बिल को वापस करने की मांग करने लगे। किसानों के आंदोलन का देशभर में विभिन्न किसानों ने समर्थन किया। वहीं, इसका ज्यादा असर हरियाणा, पंजाब और खासतौर से पश्चिम बंगाल में देखने को मिला। इसके हालांकि उत्तरप्रदेश में भी आंदोलन का अच्छा खासा दिखा। पंजाब के किसान द्वारा रेल रोको आंदोलन को देखते हुए रेलवे ने शनिवार तक 20 विशेष ट्रेनें आंशिक रूप से रद्द और पांच को गंतव्य से पहले रोक दिया है।
किसानों ने अमृतसर और फिरोजपुर में रेल पटरियों पर कब्जा किया। भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहन) के कार्यकर्ताओं ने बरनाला और संगरूर में रेल पटरियों को जाम किया। पंजाब के 31 किसान संगठनों ने 25 सितंबर को पूर्ण बंदी का एलान किया है। इस बीच, रेलवे ने कहा, अनलॉक के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार आ रहा है, ऐसे में रेल सेवा बाधित होने से आवश्यक वस्तुओं और खाद्यान्न परिवहन बुरी तरह प्रभावित होगा।
बता दें कि केंद्र सरकार ने कृषि सुधारों से जुड़े तीन बिल संसद से पास कराए हैं। ये कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) बिल-2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता बिल-2020 और कृषि सेवा विधेयक-2020। किसानों को आशंका है कि संसद से पारित बिल के जरिये न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म करने का रास्ता खुल जाएगा और उन्हें बड़े कॉरपोरेट के भरोसे रहना होगा।