उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों के साथ 2022 तक किसानों की आय दो गुनी करने की कार्ययोजना की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जनपदों में क्लस्टरवार कृषि को प्रोत्साहित किया जाय। फसलों की उत्पादकता बढ़ानी होगी, इसके लिये उन्नत किस्म के बीजों तक किसानों की पहुंच बनानी होगी। जिलाधिकारी, क्लस्टर्स के अनुसार वहां पैदा होने वाली फसलों का अध्ययन कर, उन्नत बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। सरकार के कई विभाग और विभिन्न परियोजनाएं कृषि तथा एलाइड क्षेत्रों में काम कर रही है, इन सभी को एक समग्र कोआर्डिनेटेड प्रयास करने की जरूरत है। सीएम ने जनपद स्तर पर सभी संबन्धित विभागों की कोर्डिनेशन कमेटी बनाने के निर्देश भी दिये। जिस क्लस्टर में जो फसल या उत्पाद चिन्हित हो उससे जुड़े सेक्टर में लोगों को स्किल डेवलेपमेंट योजना के अन्तर्गत प्रशिक्षित भी किया जाय। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कृषि आय को दोगुना करने के लक्ष्य हेतु सभी संबन्धित सभी शासनादेशों एवं गाइडलाइन्स का एक संकलन तैयार कर न्याय पंचायत स्तर तक भेजा जाये। उन्होंने हर गांव के लिये एक माइक्रो प्लान और पर्सपेक्टिव प्लान बनाने को भी कहा। प्रमुख सचिव ने कहा कि मनरेगा, आईफैड, ग्राम्या और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के कई प्रावधानों के अन्तर्गत जिलाधिकारी, जनपदों में आजीविका संसाधन सृजित कर किसानों की मदद कर सकते है। कृषि सचिव ने कहा कि सभी जिलाधिकारी, अपने जनपदों में क्लस्टरवार मॉडल डी.पी.आर. बनायें। कृषि विभाग के सहायक कृषि अधिकारी, जो कि कृषि विषय में पोस्ट ग्रेजुएट तक हैं, उनका उपयोग करें। कृषि के साथ एलाइड सेक्टर्स में भी फोकस करें। पुष्प उत्पादन मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन का प्रदेश में बड़ा स्कोप है। उत्तराखण्ड हर वर्ष 125 करोड़ रूपये का शहद निर्यात कर रहा है। इस अवसर पर सभी जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जनपदों से प्रस्तावित कार्ययोजना की जानकारी दी।