इस वर्ष जून के प्रथम सप्ताह में प्रदेश में अन्तर्राष्ट्रीय हरित ऊर्जा सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। इस सम्बन्ध में शुक्रवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया। सम्मेलन में केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, वन एवं पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन जलशक्ति मंत्रालय के मंत्रीगणों के साथ ही नीति आयोग के उपाध्यक्ष के साथ ही जिन देशों का रिनोवेशन इनर्जी पर ज्यादा फोकस है उनमें चौक रिपब्लिक, नार्वे, स्वीडन, कनाडा, नीदरलैंड, स्पेन, यू.ए.ई. आदि देशों के प्रतिनिधि भी प्रतिभाग करेंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि रिनोवेशन एनर्जी भविष्य की जरूरत है। इस दिशा में गंभीरता से सोचने की जरूरत हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में हम कैसे आगे बढ़े इस पर भी चिन्तन की जरूरत है। देहरादून को ग्रीन सिटी के रूप में चयनित होने से इस दिशा में हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ी है। इस सम्मेलन के रूप में इस दिशा में यह प्रभावी पहल होगी। उन्होंने इस प्रकार के अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन देश-विदेश के समय-समय पर आयोजित होते रहे है। हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इस क्षेत्र में पहचान बनाने के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाना प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमे सम्मेलन में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय हरित ऊर्जा विकास के आयामों, ऊर्जा परियोजनाओं के विकास हेतु वाध्यतायें एवं सीमायें, ऊर्जा परियोजनाओं के वित्तीय प्रबंधन इस क्षेत्र के विभिन्न अधिनियम एवं नीतियों के साथ ही ऊर्जा क्षेत्र में नवीन तकनीकि एवं आविष्कार जैसे विषयों पर हम क्षेत्र के विषय-विशेषज्ञों द्वारा अपने विचार व्यक्त किये जायेंगे। उनके सुझाव भी इस दिशा में कारगर साबित होंगे। उन्होंने कहा कि हाइड्रो व थर्मल पावर की सीमायें और सीमित हो रही है। अब भविष्य के लिए वैकल्पिक ऊर्जा के साधनों पर ही हमें ध्यान देना होगा। इस दृष्टि से भी यह सम्मेलन उपयोगी सिद्व होगी।