चारधाम यात्राः एक दिन में पहुंच रहे 23 हजार से अधिक श्रद्धालु

देहरादून। चारधाम यात्रा फिर जोर पकड़ गई है। केदारनाथ धाम में दर्शनार्थियों की लंबी लाइन लग रही है। सोमवार 14 अक्टूबर को 27 हजार 789 तीर्थयात्रियों ने चार धाम दर्शन किए। केदारनाथ की यात्रा कठिन और चुनौतीपूर्ण होने के बावजूद यहां सबसे अधिक 11 हजार 309 यात्री केदार भगवान के दर्शन को पहुंचे। इसी प्रकार बदरीनाथ में 6644, गंगोत्री में 2406 और यमुनोत्री में 3290 यात्रियों ने दर्शन किए। इस यात्रा काल में अब तक कुल 40 लाख 92 हजार 360 यात्री चार धाम दर्शन कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल यात्रा प्रबंधन और सतत निगरानी के चलते केदारघाटी की आपदा भी यात्रियों के उत्साह को नहीं डिगा पाई है। यात्रा मार्ग और पड़ावों में सुरक्षा प्रबंध और सभी व्यवस्थाएं बेहतर होने से यात्रियों का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। उत्साह से लबरेज यात्रियों ने इसके लिए मुक्त कंठ से सरकार के प्रयासों को सराहा है। उनका कहना है कि 31 जुलाई की रात को अतिवृष्टि ने केदारघाटी में जिस प्रकार से तबाही मचाई थी, उस स्थिति में पैदल मार्ग को बहाल करना आसान नहीं था। सरकार ने इस कठिन चुनौती को स्वीकार करते हुए यात्रा को जल्द से जल्द बहाल किया। अब अगले माह चारों धामों के कपाट बंद होने वाले हैं, इसलिए यात्रियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है।

सुगम, सुरक्षित और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता रही है। देश-विदेश से हर वर्ष लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आते हैं। यात्रियों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध हैं। चारधाम यात्रा राज्य की आर्थिकी से भी जुड़ी है। राज्य में आज जिस तेजी के साथ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए हमें यात्रा व्यवस्थाओं को और विस्तार देना होगा। इसकी कवायद भी शुरू कर दी गई है। इस बार केदारघाटी आपदा के चलते व्यवस्थाएं प्रभावित हुई, लेकिन सरकार ने इस कठिन चुनौती का भी दृढ़तापूर्वक सामना कर केदार यात्रा को बहाल किया।
– पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

धामी सरकार के बेहतर यात्रा प्रबंधन ने जीता यात्रियों का विश्वास

प्रदेश सरकार के बेहतर यात्रा प्रबंधन और सुरक्षा इंतजामों के चलते चार धाम यात्रा को लेकर यात्रियों में भारी उत्साह है। मानसून थमते ही यात्रा ने फिर रफ्तार पकड़ ली है। बीते दिवस 30 सितंबर को 20497 श्रद्धालु चार धाम दर्शन को पहुंचे। इनमें केदारनाथ धाम में सर्वाधिक 7350 तीर्थयात्री पहुंचे। अभी तक के पूरे यात्राकाल की संख्या पर नजर दौडाएं तो करीब 38 लाख श्रद्धालु चारधाम दर्शन को आ चुके हैं। केदारघाटी आपदा से निपटने में सरकार ने पूरी ताकत झोंककर जिस तेजी से स्थिति को सामान्य बनाया है, उससे यात्रियों का सरकार के प्रति विश्वास गहराया है। यात्री पूरे उत्साह और आस्था के साथ बाबा केदार के दर्शन को उमड़ पड़े हैं।
चारधाम यात्रियों की सुरक्षा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सर्वाेच्च प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री के इस ध्येय वाक्य के अनुसार राज्य सरकार के यात्रा इंतजामों और व्यवस्थाओं का असर यात्रा पर दिखाई दिया है। केदारघाटी में 31 जुलाई को आई बड़ी आपदा का जिस प्रकार सरकार ने सामना किया, उसकी आम यात्रियों ने खुले दिल से तारीफ की है। पैदल मार्ग और पड़ावों पर फंसे यात्रियों और स्थानीय निवासियों को सुरक्षित निकालने में जरा भी देरी नहीं की गई। करीब 18 हजार लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर उन्हें उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचा दिया गया। यही नहीं केदारघाटी में आम जनजीवन को बहाल करते हुए पैदल यात्रा मार्ग को सुधार कर यात्रा भी शुरू कर दी गई।
अब दूसरे चरण की यात्रा जोर पकड़ गई है। अक्टूबर और नवंबर माह में भी यात्रा के लिए बड़ी संख्या में यात्रियों ने पंजीकरण कराया है। 30 सितंबर को हेमकुंड और गोमुख समेत 22 हजार 244 श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर पहुंचे। इनमें केदारनाथ के अलावा बदरीनाथ में 6811, गंगोत्री 3619, यमुनोत्री 2717, हेमकुंट 1632 और 115 श्रद्धालु गोमुख पहुंचे।

रिकॉर्ड बनाएगी चारधाम यात्रा
इस यात्राकाल में बीते दिवस 30 सितंबर तक कुल 37 लाख 91 हजार 205 यात्री चारधाम दर्शन को आ चुके हैं जबकि बीते वर्ष पूरे यात्राकाल में 56.13 लाख यात्री पहुंचे थे। इसी प्रकार वर्ष 2022 में 46.29 लाख और वर्ष 2019 में 34.77 लाख यात्री चारधाम दर्शन को पहुंचे। वर्ष 2020 और 2021 में कोरोना संक्रमण के चलते यात्रा प्रभावित रही। इन दो वर्षों में यात्री संख्या क्रमशः 3.30 लाख और 5.29 लाख रही।

इस वर्ष 17 दिन की देरी से शुरू हुई चारधाम यात्रा
इस वर्ष चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू हुई है जबकि पिछले वर्ष 23 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा का श्रीगणेश हो गया था। तब केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल और बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुले थे। इस वर्ष गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट 17 दिन बाद यानी 10 मई को खुले हैं, जबकि बदरीनाथ धाम की यात्रा 12 मई से शुरू हुई है। यात्रा अभी अगले माह नवंबर तक चलेगी।

केदारघाटी आपदा से भी प्रभावित रही यात्रा
केदारघाटी में 31 जुलाई की रात आई भीषण आपदा का असर भी यात्रा पर पड़ा है। हालांकि धामी सरकार ने तेजी से राहत और बचाव कार्य करते हुए कुछ दिनों के अंतराल में ही आम जनजीवन को बहाल कर दिया लेकिन सुरक्षा कारणों से यात्रा को कई दिनों के लिए रोक दिया गया था।

बेहतर यात्रा प्रबंधन पर नजर
केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर बनाए गए बीस पार्किंग स्थल।
पार्किंग प्रबंधन के लिए एक क्यूआर कोड-आधारित प्रणाली।
यातायात प्रबंधन के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती।
यात्रा पर निगरानी के लिए 850 सीसीटीवी कैमरे और 8 ड्रोन।
यात्रियों की सुविधा के लिए 56 पर्यटन सहायता केंद्रों की स्थापना।
ट्रैक रूट को साफ करने के लिए कुल 657 पर्यावरण मित्रों की तैनाती।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से यात्रा मार्ग पर 50 स्क्रीनिंग कियोस्क की स्थापना। स्वास्थ्य मित्र हैं तैनात।
यात्रा मार्ग पर 156 एम्बुलेंस तैनात। 8 ब्लड बैंक और 2 भंडारण इकाइयां स्थापित
49 स्थायी स्वास्थ्य सुविधाएं और 26 चिकित्सा राहत पोस्ट। 22 विशेषज्ञ, 179 चिकित्सा अधिकारी और 299 पैरामेडिकल स्टाफ तैनात।

सुगम, सुरक्षित, सुलभ और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। देश-विदेश से हर वर्ष लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आते हैं। यात्रियों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध हैं। चारधाम यात्रा राज्य की आर्थिकी से भी जुड़ी है। राज्य में आज जिस तेजी के साथ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए हमें यात्रा व्यवस्थाओं को और विस्तार देना होगा। इसकी कवायद भी शुरू कर दी गई है। इस बार केदारघाटी आपदा के चलते व्यवस्थाएं प्रभावित हुई, लेकिन सरकार ने इस कठिन चुनौती का भी दृढ़तापूर्वक सामना कर केदार यात्रा को बहाल किया।
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

आपदा प्रभावित क्षेत्रों से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर लाने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारघाटी में बुधवार रात्रि को हुई अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को निर्देश दिये कि क्षतिग्रस्त सड़कों और पैदल मार्गों के सुधारीकरण का कार्य तेजी से किया जाय। संवेदनशील स्थानों से लोगों को जल्द सुरक्षित स्थानों पर लाया जाए।
मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्र के निरीक्षण के दौरान श्रद्धालुओं से मुलाकात कर उनकी कुशलक्षेम पूछी। उन्होंने जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को यात्रा मार्ग में फंसे श्रद्धालुओं को यथाशीघ्र सुरक्षित स्थानों में लाये जाने के साथ ही भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये। प्रभावित क्षेत्र में अतिवृष्टि से हुए नुकसान का पूरा आंकलन करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को अनुमन्य सहायता राशि तत्काल उपलब्ध कराई जाए। आपदा प्रभावित क्षेत्र में जन जीवन सामान्य बनाने के लिए सड़क कनेक्टिविटी, विद्युत और पेयजल की आपूर्ति सुचारू करने के निर्देश दिये हैं।
जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग डॉ. सौरभ गहरवार ने जानकारी दी कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में श्रद्धालुओं के फंसे होने की सूचना मिलते ही उन्हें सुरक्षित स्थानों पर लाया जा रहा है, साथ ही उनके लिए भोजन और चिकित्सा सुविधा की व्यवस्थाएं की गई है। आज दोपहर एक बजे तक लगभग 300 यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर लाया गया है। उन्होंने कहा कि भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों से लोगों को सुरक्षित स्थानों में ले जाया जा रहा है। अतिवृष्टि से बहे पुल व क्षतिग्रस्त मार्गों को बनाने की कार्यवाही भी गतिमान है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, अध्यक्ष जिला पंचायत अमरदेई शाह, विधायक रुद्रप्रयाग भरत चौधरी, पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक, मुख्य विकास अधिकारी डॉ जीएस खाती एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

उत्तराखण्ड तीर्थ पुरोहित महापंचायत के पदाधिकारियों ने की मुख्यमंत्री धामी से भेंट, किया आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में उत्तराखण्ड तीर्थ पुरोहित महापंचायत के पदाधिकारियों ने भेंट कर मुख्यमंत्री को उनके 03 साल का कार्यकाल पूर्ण होने पर बधाई दी। उन्होंने चारधाम यात्रा को व्यवस्थित करने के लिए गठित किये जाने वाले प्राधिकरण या किसी अन्य संस्था के गठन के सबंध में लिये गये निर्णय तथा कैबिनेट द्वारा राज्य के चारधाम और अन्य प्रमुख मंदिरों के नाम ट्रस्ट या समिति गठित किये जाने के विरूद्ध कठोर विधिक प्राविधान किये जाने के निर्णय के लिए भी मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने मुख्यमंत्री के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे देशभर में चारधामों के जो करोड़ों श्रद्धालु हैं उनमें किसी तरह के भ्रम की स्थिति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह राज्य सरकार का अच्छा निर्णय है और देवस्थानम बोर्ड का निर्णय वापस लिये जाने के बाद तीर्थ पुरोहितों के हित में लिया गया निर्णय है जिसका सभी तीर्थ पुरोहित, पुजारी, रावल और सभी लोग स्वागत करते हैं।

उत्तराखण्ड तीर्थ पुरोहित महापंचायत के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से चार धाम के महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व और मेलों के लिए राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध किया ताकि स्थानीय स्तर पर इन आयोजनों को दिव्य और भव्य ढंग से आयोजित किया जा सके। उन्होंने चारधाम यात्रा को व्यवस्थित करने के लिए गठित की जाने वाली प्रस्तावित प्राधिकरण या किसी अन्य संस्था के गठन से पूर्व चार धाम के तीर्थ पुरोहित्तों, मंदिर समितियों, तीर्थ पुरोहित महा सभाओं के साथ ही हित धारकों को विश्वास में लिये जाने की भी बात मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। चार धाम यात्रा से संबंधित वीडियो, अपुष्ट और भ्रामक प्रचार प्रसार करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किये जाने तथा यात्रा काल में पंजीकरण व्यवस्था के चलते कोई तीर्थ यात्री चार धाम आने से वंचित न रह जाये। इसके लिये जनहित में पंजीकरण व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त किये जाने का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कैबिनेट द्वारा राज्य के चार धाम व अन्य प्रमुख मंदिरों के नाम से ट्रस्ट या समिति गठित किये जाने के विरुद्ध कठोर विधिक प्राविधान किये जाने से जन सामान्य में असमंजस की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी। साथ ही स्थानीय परम्पराओं एवं धार्मिक मान्यताओं को भी ठेस नहीं पहुंचेगी तथा स्थानीय स्तर पर आक्रोश की भी संभावना नहीं रहेगी। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा कड़े विधिक प्राविधान लागू किये जाने का निर्णय कैबिनेट द्वारा राज्य हित में लिया गया है। अब राज्य के अन्दर अथवा राज्य के बाहर कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था किसी समिति अथवा ट्रस्ट का गठन कर राज्य के चार धामों एवं प्रमुख मंदिरों के नाम पर समिति अथवा ट्रस्ट का गठन नहीं कर पायेगा। इससे इस संबंध में उत्पन्न विवाद का भी समाधान होगा ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम यात्रा को बेहतर बनाने तथा आने वाले 30 वर्षों की यात्रा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार चारधाम यात्रा को व्यवस्थित करने के लिए प्राधिकरण या किसी अन्य संस्था के गठन की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि इसमें तीर्थ पुरोहितों और हित धारकों की राय भी ली जाएगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने तीर्थ पुरोहितों के अनुरोध पर प्रत्येक धाम में आयोजित होने वाले दो धार्मिक आयोजनों एवं पर्वाे के लिए राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की भी बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा के तहत श्रद्धालुओं के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन व्यवस्था को और बेहतर बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। यात्रा के दूसरे चरण में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही व्यवस्थाएं खुली रखी जाएगी। चार धाम आने वाले किसी भी यात्री को असुविधा न हो इसके हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, चारधाम महापंचायत के महासचिव डॉ बृजेश सती, किशोर भट्ट, यमुनोत्री तीर्थ पुरोहित महासभा अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल, चारधाम महापंचायत के मीडिया प्रभारी रजनीकांत सेमवाल, उपाध्यक्ष अमित उनियाल, गंगोत्री धाम के आलोक सेमवाल, लखन उनियाल, सुरेश हटवाल, रमेश कोठियाल, चिंतामणि हटवाल, गौरव, हार्दिक ,शिवम, सुशील एवं डॉ मनीष सेमवाल आदि उपस्थित रहे।

चारधाम यात्राः सुरक्षा बीमा को मिली धनराशि का चेक सीएम ने मंदिर समिति को दिया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में सचिवालय में चार धाम यात्रा पर आने वाले दर्शनार्थियों की सुरक्षा बीमा के तहत मानव उत्थान सेवा समिति ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंश कंपनी लिमिटेड द्वारा बीमा प्रीमियम की धनराशि सेवाकर सहित 3,67,995 (तीन लाख सड़सठ हजार नौ सौ पिचानबे) की धनराशि का चौक श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति को सौंपा गया।

इस अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज, बी.के.टी.सी. अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, डीजीएम यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंश कंपनी लिमिटेड गीता आनंद, सीनियर मैनेजर जितेन्द्र सिंह, सुयश रावत आदि उपस्थित थे।

मां से मिले योगी, रुद्रप्रयाग हादसे के घायलों का हाल भी जाना

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एम्स में भर्ती अपनी मां सावित्री देवी से मिलने पहुंचे और उन्होंने मां के स्वास्थ्य का हाल जाना। इस दौरान सीएम योगी ने एम्स में भर्ती हुए रुद्रप्रयाग सड़क दुर्घटना के घायलों की स्थिति की जानकारी भी ली।
रविवार दोपहर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ हेलीकॉप्टर से एम्स ऋषिकेश के हैलीपैड पर उतरे। यहां सीएम योगी आदित्यनाथ का हरिद्वार लोकसभा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत व एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. नीतू सिंह ने पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया।
इसके बाद सीएम योगी सबसे पहले एम्स में छठवीं मंजिल पर वृद्धावस्था विभाग (जिरियाट्रिक वार्ड) में भर्ती हुई अपनी मां सावित्री देवी से मिलने पहुंचे। यहां सीएम योगी ने चिकित्सकों से मां की नेत्र संबंधी समस्या एवं स्वास्थ्य और उपचार से जुड़ी आवश्यक जानकारी ली।
सीएम योगी मां के वार्ड में काफी समय बिताया। वह करीब 30 मिनट तक वार्ड में भीतर रहे। इसके बाद सीएम योगी ट्रामा सेंटर में भर्ती रुद्रप्रयाग हादसे के घायलों का हाल जानने पहुंचे। उन्होंने कई उपचाराधीन घायलों के पास पहुंचकर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।
इस दौरान सीएम योगी ने एम्स कार्यकारी निदेशक प्रो. नीतू सिंह से सभी घायलों को बेहतर उपचार देने को कहा। इस अवसर पर राज्य महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, एसएसपी देहरादून अजय सिंह, एसडीएम ऋषिकेश कुमकुम जोशी व कई अन्य उपस्थित रहे।

एम्स पहुंचे सीएम धामी, घायलों को बेहतर उपचार के दिये निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को एम्स, ऋषिकेश में उपचार हेतु भर्ती रुद्रप्रयाग में हुई वाहन दुर्घटना के घायलों का हालचाल जाना।
मुख्यमंत्री ने घायलों के उपचार के संबंध में एम्स के चिकित्सकों से भी जानकारी प्राप्त की तथा घायलों के बेहतर इलाज के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि रुद्रप्रयाग में हुई वाहन दुर्घटना के जांच के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वाहन दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर यात्रियों की दैनिक निर्धारित सीमा समाप्त

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गढ़वाल आयुक्त/अध्यक्ष, चारधाम यात्रा प्रशासन द्वारा यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर ऋषिकेश एवं हरिद्वार में चारों धामों के दर्शन हेतु निर्धारित की गई सीमा को समाप्त करने का निर्णय लिया है।
गढ़वाल आयुक्त/अध्यक्ष, चारधाम यात्रा प्रशासन विनय शंकर पांडेय ने बताया है कि वर्तमान में चारों धामों में भीड़ सामान्य होने के दृष्टिगत मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जनहित में यह निर्णय लिया गया है कि यात्रियों की सुविधा हेतु ऋषिकेश एवं हरिद्वार में चारो धामों के दर्शन के लिए जो कोटा निर्धारित किया गया था, उसे समाप्त करते हुए अब यात्री ऋषिकेश एवं हरिद्वार के रजिस्ट्रेशन काउन्टर में स्वंय भौतिक रूप से उपस्थित होकर चारों धाम/दो धाम या किसी भी धाम का सीधे रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर अपनी यात्रा पर सुगमता से जा सकते हैं। यह आदेश चारों धामों में आने वाले यात्रियों की सुविधा हेतु तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

गत वर्ष की तुलना में एक माह में डेढ़ गुना अधिक श्रद्धालु पहुँचे चारधाम
गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने अवगत कराया है कि विगत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष चारधाम यात्रियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। गत वर्ष चारधाम यात्रा प्रारम्भ के एक माह में 12,35,517 श्रद्धालुओं द्वारा धामों के दर्शन किये गये थे, जबकि इस वर्ष 19,64,912 श्रद्धालुओं द्वारा चारों धामों के दर्शन किये जा चुके हैं, जो गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष लगभग डेढ गुना अधिक है।

चारधाम यात्रा में 18989 से अधिक की गई ओपीडी, श्रद्धालुओं को मिल रहा स्वास्थ्य लाभ

उत्तराखंड सरकार द्वारा आयोजित चारधाम यात्रा का शुभारंभ किया जा चुका है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी यात्रा में श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं हेतु स्वास्थ्य विभाग पूर्ण रुप से मुस्तैद है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ विनीता शाह ने अवगत कराया कि चारधाम यात्रा में अब तक 94,218 से अधिक श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य स्क्रीनिंग की जा चुकी है साथ ही 18,989 से अधिक ओपीडी की गयी है।

डॉ विनीता शाह द्वारा बताया गया कि हर धाम पर विशेष स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए गए हैं जहाँ 24 घंटे मेडिकल सुविधाएँ उपलब्ध हैं। प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर, नर्स व प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की टीम तैनात है। यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थलों पर मोबाइल मेडिकल यूनिट स्थापित की गई हैं जो आवश्यकता पड़ने पर तीर्थयात्रियों को चिकित्सा सहायता प्रदान करती हैं। यात्रा के मुख्य मार्गों और बेस कैंपों पर स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किए गए हैं जहाँ रक्तचाप, शुगर लेवल, और अन्य सामान्य स्वास्थ्य जांच की जा रही है।

श्रद्धालुओं से अपील करते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ विनीता शाह ने कहा कि चारधाम यात्रा (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) के दौरान श्रद्धालुओं को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। श्रद्धालु यात्रा पर निकलने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लें व सुनिश्चित करें कि आप यात्रा के लिए शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं। नियमित व्यायाम और उचित आहार का पालन करें ताकि आपकी सहनशक्ति बनी रहे। अपनी नियमित औषधियाँ और आवश्यक दवाइयाँ पर्याप्त मात्रा में साथ रखें। ऊँचाई पर होने वाली समस्याओं के लिए आवश्यक दवाइयाँ भी साथ रखें।

स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ विनीता शाह ने कहा कि ऊँचाई पर ठंड और बर्फबारी का ध्यान रखते हुए गर्म कपड़े, टोपी, दस्ताने, और अच्छे जूते पहनें। ट्रेकिंग के लिए उपयुक्त उपकरण और सामान साथ रखें। शुद्ध पानी पिएं और अपने साथ पर्याप्त पानी रखें। हल्का, पौष्टिक और आसानी से पचने वाला भोजन करें। यात्रा के दौरान भारी भोजन से बचें। ऊँचाई पर चढ़ाई करते समय धीरे-धीरे अनुकूलन करें और अपने शरीर को आराम दें। अत्यधिक थकान से बचें और नियमित अंतराल पर विश्राम करें। ऊंचाई वाले क्षेत्र में सांस फूलने या थकावट आने कि स्थिति में नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में परामर्श लें या फिर कम ऊंचाई की तरफ प्रस्थान करें।

श्रद्धालु किसी भी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी व सहायता हेतु विभाग के 24 घंटे टॉल फ्री हेल्पलाइन नंबर 104, 18001801200 व 01357156104 पर संपर्क कर सकते हैं। श्रद्धालु यात्रा के दौरान सभी नियमों का पालन करें और अपनी यात्रा को सुखद और सुरक्षित बनाएं।

राज्य में वित्तीय समावेशन को आत्मनिर्भर राज्य के निर्माण की दिशा में प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्य सेवक सदन में एचडीएफसी बैंक के राजपुर गांव की 111वीं शाखा, युकाडा के विभिन्न सॉफ्टवेयर एवं चार-धामों में यात्रियों की सुविधा के लिए स्थापित एटीएम का वर्चुअल शुभारंभ किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का जो मंत्र दिया है, वह मंत्र तभी सार्थक हो सकता है जब हम समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक सामान्य जन सुविधाओं को पहुंचा सकें। उन्होंने कहा कि आज राज्य में वित्तीय समावेशन को एक आत्मनिर्भर राज्य के निर्माण की दिशा में प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने वित्तीय संस्थानों की सराहना करते हुये कहा कि राज्य में वित्तीय संस्थानों, विशेषकर बैंकों द्वारा ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों पर ध्यान देने के प्रयास भी उत्साहजनक रहे हैं, लेकिन हमें इस क्षेत्र में बुनियादी स्तर पर कार्य करने की और अधिक आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण और संतुष्टि के तहत सुदूर गांवों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में एचडीएफसी बैंक की वर्तमान में कई शाखाएं संचालित हैं, जिसके माध्यम से प्रदेश के निवासियों को बेहतर बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिसमें एचडीएफसी बैंक लगातार सफल हो रहा है। यही नहीं एचडीएफसी बैंक पेपर लैस वर्क कल्चर को अधिक तरजीह देता है, जो डिजिटल तकनीक का विशिष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का निरन्तर प्रयास और संकल्प है कि प्रदेश के हर कोने और अन्तिम व्यक्ति तक बैंकिंग सुविधाओं का लाभ पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरा देश जनधन खातों का महत्व देख व समझ रहा है तथा बैंक खातों की वजह से ही सरकारी योजनाओं का पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया का आधा डिजिटल ट्रांजेक्शन भारत में हो रहा है, जिसमें हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने एचडीएफसी बैंक द्वारा सरकार को दिये जा रहे सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि बैंक द्वारा जहां केदारनाथ धाम के सौंदर्यीकरण के लिए धनराशि प्रदान की गई थी, वहीं जोशीमठ के सहायतार्थ भी आर्थिक मदद की गई। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखंड के विकास के लिए लोक केंद्रित पहल शुरू करने में सबसे आगे रही है तथा जब एचडीएफसी जैसे बैंक इन पहलों में सरकार का सहयोग करने के लिए आगे आते हैं, तो यह साझेदारी समाज के लिए अत्यंत लाभकारी होती है। उन्होंने कहा कि एचडीएफसी बैंक अथवा अन्य बैंक जहां आदर्श स्थिति में खड़े हो सकते हैं, वह आदर्श स्थान, देवभूमि उत्तराखण्ड ही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने हमेशा आजीविका के अवसरों को बढ़ाने, आय के विविध और स्थायी स्रोतों को प्रदान करने, रोजगार और उद्यमिता को सक्षम बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है ताकि उत्तराखंड को एक आदर्श राज्य बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि हम बैंकों, कॉरपोरेट्स और अन्य व्यवसायों को उत्तराखंड में स्थापित और विस्तारित करने के लिए कृत संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बैंकों सहित विभिन्न व्यवसायों को आवश्यक बुनियादी ढांचा और सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर रही है, जिससे राज्य के नागरिकों के जीवन स्तर और स्वास्थ्य मानकों में सुधार किया जा सके।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एचडीएफसी बैंक पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी सराहनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष में एचडीएफसी ने जहां दो लाख पौधे रोपने का लक्ष्य निर्धारित कर उस लक्ष्य को प्राप्त किया, वहीं इस वर्ष भी 5 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य निर्धारित कर पर्यावरण संरक्षण को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये एचडीएफसी बैंक के स्टेट हेड बकुल सिक्का, ब्रांच हेड अखिलेश कुमार राय ने बैंक के क्रियाकलापों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
इस अवसर पर अपर सचिव वित्त, नागरिक उड्डयन सी0रवि शंकर सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।