मुख्यमंत्री ने दिलाया भरोसा, आपके द्वारा दिये गये दान से जरुरतमंद को हो रही मदद

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम, बचाव व राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष में अब तक प्राप्त धनराशि के साथ ही राहत एवं बचाव कार्यों पर व्यय हुई धनराशि की समीक्षा की। उन्होंने कहा है कि वर्तमान में पूरे विश्व के साथ ही देश एवं प्रदेश में कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के कारण आम जनमानस के स्वास्थ्य एवं आर्थिक सुरक्षा के लिये गम्भीर चुनौतियां पेश हुई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संकट के समय देश एवं प्रदेश की जनता द्वारा उदारतापूर्वक मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दिया जा रहा है जिसमें देश एवं प्रदेश के प्रत्येक वर्ग जिसमें सफाई कर्मियों, दैनिक वेतनभोगियों, कर्मचारियों, अधिकारियों, महानुभावों, विभिन्न संगठनों, स्वंयसेवी संस्थाओं, विभिन्न निगमों, शैक्षणिक संस्थाओं, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों एवं आम जनमानस आदि से अभी तक लगभग 55 करोड दान के रूप में प्राप्त हुये हैं। मुख्यमंत्री ने इसके लिए सभी दान-दाताओं का हार्दिक आभार प्रकट करते हुये धन्यवाद भी ज्ञापित किया है।
मुख्यमत्री ने कहा कि राज्य स्तर पर इस आपदा कि स्थिति से निपटने हेतु जिन कार्यों में भारत सरकार, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं किसी अन्य मद से वित्तीय स्वीकृति दिया जाना संभव नहीं था उनमें मुख्यमंत्री राहत कोष से धनराशि आवंटित की जा रही है। मुख्यमंत्री राहतकोष से मुख्यतः बेसहारा, निर्धन, असंगठित क्षेत्र के मजदूरो और जरूरतमंद छात्र-छात्राओं, पर्यटकों आदि की भोजन व्यवस्था हेतु जिलाधिकारियों को 30 करोड़, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार व सुदृढीकरण हेतु 10 करोड रूपये चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग को, 10 करोड चिकित्सा शिक्षा विभाग को, कोविड-19 के संक्रमण के दृष्टिगत चिन्हित किये गये गढवाल एवं कुमॉंऊ मण्डल के पर्यटक गृहो में कोरनटाईन सुविधायें विकसित किये जाने हेतु 1.00 करोड़ पर्यटन विभाग को, लाकडाउन में राज्य के विभिन्न स्थानों मे फॅंसे पर्यटकों व तीर्थ यात्रियों को उनके गन्तव्य तक पहुचाने के दृष्टिगत 1 करोड परिवहन निगम को एवं नई दिल्ली मे फॅसे उत्तराखण्ड के जरूरतमंदो की भोजन व ठहरने आदि की व्यवस्था हेतु 50 लाख अपर स्थानिक आयुक्त को आवंटित किये गये हैं। साथ ही कोविड-19 के संक्रमण, बचाव व राहत कार्यों में तैनात कोरोना वारियर्स के जीवन को यदि दुर्भाग्यवश क्षति होती है तो उनके आश्रितों को सम्मान निधि के रूप में 10 लाख दिये जाने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री का मानना है कि किसी भी आपदा की स्थिति का बेहतर ढंग से सामना करने हेतु सार्वजनिक भागीदारी सबसे प्रभावी तरीका है जिसमें हम सब मिलकर COVID-19 को हराने में समर्थ होंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा अवगत कराया कि मुख्यमंत्री राहत कोष, उत्तराखण्ड के पक्ष मे बैंक ड्राफ्ट/चैक के साथ ही भारतीय स्टेट बैंक, सचिवालय शाखा मे संचालित खाता संख्या-30395954328 IFSC Code-SBIN0010164 मे UPI ID: cmukrf@sbi, Debit Cards and Credit Cards, Internet Banking, Internet Banking, UPI (BHIM, PhonePe, Amazon Pay, Google Pay, PayTM, etc के साथ ही सीधे मुख्यमंत्री राहत कोष, उत्तराखण्ड की Website-www.cmrf.uk.gov.in के माध्यम से धनराशि दान की जा सकती है।
सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा ने बताया कि कतिपय उद्योग, कम्पनियां, व्यवसायिक प्रतिष्ठान CSR के तहत भी COVID-19 के दृष्टिगत राज्य को वित्तीय सहायता देने के इच्छुक हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में सभी सम्बन्धित संस्थानों से अपेक्षा की है कि वह उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (Disaster Management Authority) के पक्ष मे भारतीय स्टेट बैंक, सचिवालय शाखा में संचालित खाता संख्या-39282041468 IFSC Code-SBIN0010164 मे अपना योगदान कर सकते हैं।

अब डिजिटल पेमेंट से करें मुख्यमंत्री राहत कोष में दान

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में शनिवार को कोविड -19 ( कोरोना राहत कार्यों) के लिए दानदाताओं द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष में धनराशि डिजिटल पेमेंट के माध्यम से ऑनलाइन जमा करने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष की वेबसाइट cmrf.uk.gov.in का लोकार्पण किया। अब सभी दानदाता घर बैठे ही ऑनलाइन माध्यम से कोविड-19 राहत कार्यों के लिए अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं। NEFT या IMPS के द्वारा एवं अन्य माध्यमों के द्वारा दानराशि जमा करने की जानकारी भी cmrf.uk.gov.in वेबसाइट में उपलब्ध है। मुख्यमंत्री राहत कोष में UPI (Unified Payment Interface) cmrfuk@sbi.in के द्वारा या वेबसाइट cmrf.uk.gov.in में QR कोड को स्कैन करके पेटीएम, भीम एप, गूगल पे, फ़ोन पे इत्यादि डिजिटल माध्यमों से भी पेमेंट कर सकते हैं।
PAYTM एप के सर्च बॉक्स में Uttarakhand Mukhyamantri Rahat Kosh लिखकर डायरेक्ट paytm के माध्यम से भी दानराशि जमा की जा सकती है। मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा की जाने वाली दानराशि 80G के अन्तर्गत इनकमटैक्स में छूट के लिए पात्र हैं, दानदाता इस बेबसाइट में 80G रसीद के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं एवं मुख्यमंत्री राहत कोष से संबंधित अधिकारियों से भी संपर्क कर सकते हैं।यह वेबसाइट CM Office द्वारा NIC के माध्यम से बहुत कम समय में तैयार की गई है।
मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की है कि कोरोना राहत कार्यों में सहयोग देने के लिए cmrf.uk.gov.in website एवं सभी डिजिटल पेमेंट माध्यमों का उपयोग कर अधिक से अधिक दान देकर सहयोग करें। वेबसाइट उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री के आई०टी० सलाहकार रवींद्र दत्त, सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा, एनआइसी उत्तराखंड के उपमहानिदेशक के नारायण, एनआईसी के प्रोजेक्टर कॉर्डिनेटर अरुण शर्मा उपस्थित थे।

इस समय राहत और बचाव कार्यों को प्राथमिकता देंः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोविड-19 के दृष्टिगत सभी जिलाधिकारियों को जनपद की परिस्थिति के अनुकूल आम आदमी की समस्याओं के समाधान में मानवीय व व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने पर ध्यान देने को कहा है। उन्होंने कहा कि शादी विवाह में दूल्हा और दुल्हन दोनों के पक्षों की व्यावहारिकता देखें। ऐसे प्रकरण अंतर्जनपदीय भी हो सकते हैं। विवाह के लिए केन्द्र सरकार के सामाजिक दूरी व अन्य निर्देशों का अनुपालन करते हुए अनुमति प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि जो लोग अपनी रिश्तेदारी आदि वजह से लॉक डाउन में फंस गए हैं उनका स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए ग्रीन कैटेगरी के जनपदों में जाने की अनुमति प्रदान की जाए। यही नहीं जिन लोगों को क्वॉरेंटाइन में रखे हुए 14 दिन पूरे हो गए हैं उन्हें 15वें दिन स्वास्थ्य परीक्षण के बाद यथा स्थान भेजने की व्यवस्था कर दी जाए।
मुख्यमंत्री आवास में शासन के उच्चाधिकारियों के साथ सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 के दृष्टिगत इससे संबंधित बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा एवं भारत सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन के संबंध में व्यापक चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि काश्तकारों के व्यापक हित में आम व लींची के सीजन के दृष्टिगत इसे क्रय करने हेतु आने वाले ठेकेदारों को भी आवश्यक चिकित्सा सुरक्षा जांच के बाद आवागमन की सुविधा प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि मटर की खेती करने वाले किसानों के हित में फ्रोजन मटर की प्रोसेसिंग करने वाले उद्योगों को भी प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री ने गर्मी व सर्दी के मौसम में प्रदेश के सीमांत जनपदों उत्तरकाशी, चमोली व पिथौरागढ़ में माइग्रेट होने वाले लोगों के आवागमन, पशुओं को चारा-पानी, गर्मी के दृष्टिगत पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉक डाउन के कारण प्रदेश में हजारों लोगों ने रिवर्स माइग्रेशन किया है, लॉक डाउन के बाद भी इनकी संख्या और बढ़ सकती है इसके लिए एक प्रोफॉर्मा तैयार किया गया है जिसमें उनकी दक्षता आदि का पूरा विवरण तैयार किया जाना है। इसके लिए 30 हजार आवेदन भेजे जा चुके हैं। यह प्रक्रिया भविष्य की योजना तैयार करने में मददगार हो सकेगी। जिला अधिकारी अपने जनपदों में इसका भी ध्यान रखें। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रोत्साहित करने की भी अपेक्षा की। इस धनराशि से जनकल्याण के कार्यों में बड़ी मदद मिल सकती है। उन्होंने जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो भी निर्देश राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के दृष्टिगत राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में जारी किए जा रहे हैं उनका पालन गंभीरता के साथ सुनिश्चित किया जाए।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों से जनपद में मेडिकल स्टाफ की तैनाती के साथ ही उनके प्रशिक्षण पर ध्यान देने को कहा ताकि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप कृषि व खेती से संबंधित कार्यों को सुचारू रूप से संचालन की व्यवस्था की जाए। माइग्रेट लेबरों के हित में उद्योगों से समन्वय कर उनकी आवश्यकता के दृष्टिगत उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि माइग्रेट कैम्पों में नियमित रूप से हेल्थ चेकिंग व उनके मनोबल को बढ़ाने के भी प्रयास किए जाएं।
कहा कि आवश्यक सामान लेकर जाने वाले ट्रक ड्राइवरों को कतिपय जनपदों में 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन किए जाने की बात भी सामने आ रही है, ऐसे ड्राइवरों के स्वास्थ्य की जांच कर उन्हें जाने दिया जाए। उन्होंने वितरित की जा रही सामग्री की एकाउंटिंग पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को कोविड-19 के दृष्टिगत वन विभाग के जिन कर्मचारियों की तैनाती की गई है उन्हें वनाग्नि के बचाव आदि कार्यों के दृष्टिगत कार्यमुक्त कर दें, इनके स्थान पर पीआरडी स्वयं सेवकों की तैनाती की जाए ।
अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप राष्ट्रीय राजमार्ग, चारधाम सड़क परियोजना, कुंभ मेले से संबंधित कार्य, पुलों, नाबार्ड, लोनिवि, राज्य योजना व जिला योजना से संबंधित 75 प्रतिशत प्रगति वाले निर्माण कार्य किए जाने हैं, इसका परिचालन मानकों के अनुरूप किया जाना है। उन्होंने निर्माण कार्यों के मजदूरों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही इसका साप्ताहिक अनुश्रवण किए जाने तथा कार्य स्थल पर अथॉरिटी इंजीनियर, जे.ई. की तैनाती सुनिश्चित करने को कहा, इसकी व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी इनकी रहेगी।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव उद्योग मनीषा पंवार, सचिव स्वास्थ्य नितेश झा, सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव शहरी विकास शैलेश बगोली, सचिव पेयजल अरविंद ह्यांकी, सचिव कृषि आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव खाद्य सुशील कुमार एवं पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने उनके स्तर पर की जाने वाली व्यवस्थाओं पर जिलाधिकारियों से चर्चा की। जिलाधिकारियों ने अपनी समस्याओं से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया।

स्पीकर ने 25 लाख 51 हजार की धनराशि का चेक सीएम को सौंपा

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रदेश में कोविड-19 तथा लॉक डाउन से उत्पन्न स्थिति के दृष्टिगत संचालित किए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों पर मुख्यमंत्री से चर्चा की।

इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने अपनी विधानसभा क्षेत्र के लोगों द्वारा एकत्रित 25 लाख 51 हजार रुपए की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष में दी है। जिसमें बिशन खन्ना, ऋषिकेश पब्लिक स्कूल द्वारा 10 लाख रुपए, हर्षवर्धन शर्मा, श्री भरत मंदिर स्कूल सोसायटी द्वारा 10 लाख रुपए, महंत अशोक प्रपन्न शर्मा, मंदिर भरत महाराज ऋषिकेश द्वारा 5 लाख रुपए एवं गुरविंदर सलूजा, मां कात्यायनी मंदिर ज्ञान करतार आश्रम शीशमझाड़ी, ऋषिकेश द्वारा 51 हजार रुपए की धनराशि शामिल है।

कोराना वायरसः विधायक कंडारी ने दिया एक माह का वेतन

देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में सहायता राशि के रूप में एक माह का वेतन दिया है। कोविड-19 के दृष्टिगत उत्तराखंड बीज प्रमाणीकरण संस्था देहरादून, की ओर से भी मुख्यमंत्री राहत कोष में 51 लाख की धनराशि दी गई। यह जानकारी अध्यक्ष, उत्तराखंड बीज प्रमाणीकरण संस्था राजवीर सिंह ने दी है। वहीं, पूर्व अंतरराष्ट्रीय वॉलीबॉल खिलाड़ी अरुण कुमार सूद ने भी 11 हजार की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष में दी है।

उधर, कोविड-19 के दृष्टिगत जनजाति कल्याण निदेशालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने की घोषणा की हैं। यह जानकारी निदेशक जनजाति कल्याण सुरेंद्र चंद्र जोशी ने दी। इसी क्रम में नुनावाला निवासी यशवंत सिंह रावत ने दो लाख रूपए का चेक एवं मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल सिंह रावत ने 21 हजार का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया है।

जिलाधिकारियों को मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश, सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन हो

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों से फोन के माध्यम से कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण के लिए की जा रही तैयारियों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुचारु रखी जाए, खाद्यान्न एवं आवश्यक वस्तुओं की पूर्ण उपलब्धता रखी जाए, सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराया जाए, प्रदेश की जनता को सुरक्षित रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी प्रकार की आवश्यकताओं के लिए शासन के उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए, यह ध्यान रहे कि खाद्यान्न एवं अन्य सामग्री में ओवर रेटिंग की शिकायत ना हो।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों से भी स्वास्थ्य सुविधाओं एवं आवश्यक व्यवस्थाओं की जानकारी ली। स्वास्थ्य संबंधी किसी भी आवश्यक सामग्री के लिए स्वास्थ्य सचिव एवं डीजी स्वास्थ्य से संपर्क करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री के पूरे परिवार ने मुख्यमंत्री राहत कोष में दी धनराशि
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना वायरस के दृष्टिगत अपने 5 माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता रावत ने कोरोना वायरस के दृष्टिगत 1 लाख रुपए का चेक, मुख्यमंत्री की बेटी कृति रावत ने 50,000 एवं सृजा ने 2000 रुपए का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने दी स्वीकृति, इस मसय डयूटी दे रहे कार्मिकों का होगा बीमा

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव कार्यों में फ्रंटलाईन में कार्यरत 68457 कार्मिकों को 4-4 लाख का बीमा लाभ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इसकी स्वीकृति दी है। 1 वर्ष की अवधि के लिए इस पर 17.02 करोङ रूपए का व्यय आएगा। इसका वहन मुख्यमंत्री राहत कोष से किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के कार्मिकों का बीमा केन्द्र सरकार के स्तर से किया जा चुका है। राज्य सरकार के स्तर पर बीमा लाभान्वितों में 22523 पुलिस कार्मिक, 7988 सफाईकर्मी, 14595 आंगनबाङी कार्यकत्रि, 14376 आंगनबाङी सहायिका, 4924 मिनी आंगनबाङी सहायिका, 464 सुपरवाईजर, 78 सीडीपीओ, 9 डीपीओ, जीएमवीएन व केएमवीएन के 3000 कार्मिक, एसईओसी/डीईओसी के 500 कार्मिक शामिल हैं। मीडिया कर्मियों के लिए अलग से व्यवस्था की जा रही है।