फूड सैंपल की टेस्टिंग सही से हो सके इसके लिए टेस्टिंग लैब बढ़ायी जाएंः सीएस

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में सुरक्षित भोजन एवं स्वस्थ आहार पर राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की 5वीं बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों में मिलावट को रोकने के लिए राज्य एवं राज्य के बाहर से आने वाले दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों के परीक्षण के लिए संबंधित राज्यों के एफडीए के साथ संयुक्त अभियान संचालित किए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के एफडीए से सूचनाएं साझा कर आपसी सहयोग से खाद्य उत्पादों की संयुक्त निगरानी एवं प्रवर्तन कराया जाए।

मुख्य सचिव ने नियमित रूप से मिलावटखोरी में संलिप्त व्यक्तियों पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि मिलावटखोरी से सम्बन्धित न्यायालयों में चल रहे मामलों पर मजबूत पैरवी की जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में फूड टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि फूड सैंपल की टेस्टिंग सही से हो सके इसके लिए टेस्टिंग लैब बढ़ायी जाएं, साथ ही, फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स को शीघ्र से शीघ्र धरातल पर उतारा जाए।

मुख्य सचिव ने ईट राईट कैम्पस सर्टिफिकेशन को और अधिक बढ़ावा दिए जाने की बात भी कही। साथ ही निर्देश दिए कि मिड डे मील और आंगनवाड़ी केन्द्रों में दी जाने वाली टेक होम राशन में भी गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने प्रयुक्त खाना पकाने के तेल को फूड चेन से बाहर करने हेतु यूज्ड कुकिंग ऑयल कलेक्शन के लिए मैकेनिज्म तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जब तक कलेक्शन मैकेनिज्म मजबूत नहीं होगा, यूज्ड कुकिंग ऑयल को फूड चेन से बाहर कर पाना मुश्किल होगा। उन्होंने इसके लिए शीघ्र योजना तैयार किए जाने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर सचिव आर. राजेश कुमार ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1684 खाद्य पद्वार्थों के सैंपल लिए गए थे, जिनमें से 1509 का विश्लेषण किया जा चुका है। इसमें 62 सैंपल असुरक्षित पाए गए एवं 78 सैंपल घटिया अथवा गलत ब्रांड वाले पाए गए। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा एवं कांवड़ यात्रा के दौरान भी यात्रा मार्गों पर सैंपल लिए गए थे। विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (07 जून 2025) के अवसर पर शुरू किए गए सर्व सेफ फ़ूड कार्यक्रम के अंतर्गत, कुमाऊँ क्षेत्र में कुल 1000 स्ट्रीट फ़ूड विक्रेताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। स्ट्रीट फ़ूड विक्रेताओं को प्रशिक्षित करने के लिए अब तक 18 प्रशिक्षण आयोजित किए जा चुके हैं। रुद्रपुर और काशीपुर में 540 स्ट्रीट फ़ूड विक्रेताओं को प्रशिक्षित किया गया है। शेष 460 स्ट्रीट फ़ूड विक्रेताओं को चंपावत, रानीखेत, अल्मोड़ा और बागेश्वर में प्रशिक्षित किया जाएगा।

एसईओसी की रेस्क्यू अभियान की समीक्षा में बोले सीएस, सड़क, संचार, विद्युत व्यवस्था बहाल करना प्राथमिकता

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर धराली में संचालित राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। शासन तथा सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा कर रेस्क्यू अभियान को और अधिक तीव्र गति से संचालित किए जाने को लेकर दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने क्षतिग्रस्त सड़कों को जल्द से जल्द बहाल किए जाने को लेकर सचिव लोक निर्माण विभाग तथा बार्डर रोड आर्गेनाइजेशन के अधिकारियों के साथ लंबी चर्चा की। उन्होंने कहा कि सड़कों को खोलने के लिए जो भी संसाधन बीआरओ को चाहिए, वह जल्द से जल्द उपलब्ध कराए जाएं। मुख्य सचिव ने मातली को इस पूरे रेस्क्यू अभियान के लिए स्ट्रेटिजिक एरिया बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्राथमिकता तय करते हुए सबसे पहले बुजुर्ग, बीमार, महिलाओं और बुजुर्गों को रेस्क्यू करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन करीब साढ़े नौ बजे राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और विभिन्न विभागों तथा एजेंसियों द्वारा धराली में संचालित किए जा रहे राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि राहत एवं बचाव कार्यों को गति देने के लिए सड़क, बिजली तथा संचार सेवाओं को बहाल किया जाना अभी सर्वाेच्च प्राथमिकता है और इस दिशा में लगातार युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गंगोत्री, हर्षिल तथा अन्य क्षेत्रों में जो भी यात्री फंसे हैं, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर लाया जा रहा है। राज्य सरकार, जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन विभाग, प्ज्ठच्ए छक्त्थ् एवं अन्य सभी एजेंसियां पूरी तत्परता के साथ रेस्क्यू एवं राहत कार्यों में जुटी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने हेतु लगातार निर्देशित कर रहे हैं।

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने निर्देश दिए कि जो भी यात्री गंगोत्री, हर्षिल आदि स्थानों में फंसे हैं, उनके लिए भोजन, पानी, बच्चों के लिए दूध के साथ ही अन्य आवश्यक वस्तुओं उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, डीजीपी दीपम सेठ, जीओसी उत्तराखण्ड सब एरिया मेजर जनरल एमपीएस गिल, एडीजी एपी अंशुमन, सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, सचिव डॉ. आर राजेश कुमार, सचिन कुर्वे, आईजी फायर श्री मुख्तार मोहसिन, एसीईओ प्रशासन आनंद स्वरूप, एसीईओ क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, जेसीईओ मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद थे।

चिन्यालीसौंड़ में तैनात रहेंगे चिनूक और एमआई-17

देहरादून। राहत और बचाव कार्यों को गति देने के लिए भारतीय सेना द्वारा उपलब्ध कराए गए चिनूक तथा एमआई-17 को चिन्यालीसौंड़ में ही तैनात किया जाएगा ताकि देहरादून से लग रहे अतिरिक्त समय को कम किया जा सके। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने इस संबंध में गुरुवार को बैठक के दौरान निर्देश दिए।

स्वास्थ्य सुविधाओं का ध्यान रखा जाए

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि धराली आपदा में घायल हुए लोगों को बेहतर से बेहतर उपचार दिया जाएगा। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को डॉक्टरों के साथ ही अन्य चिकित्सा स्टाफ तथा दवाइयों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने सिंगल प्वाइंट आफ कांटेक्ट स्थापित किया जाए ।

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि राहत और बचाव कार्यों के लिए प्रत्येक स्थल पर सिंगल प्वाइंट ऑफ कांटेक्ट नामित किया जाए ताकि रेस्क्यू अभियान में किसी तरह के भ्रम की स्थिति न रहे। उन्होंने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में भी सिंगल प्वाइंट ऑफ कांटेक्ट नामित करने के निर्देश दिए। उन्होंने मानसून अवधि में सभी अधिकारियों को 24ग7 अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए।

24Û7 अलर्ट मोड पर रहें अधिकारी

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से जिलाधिकारियों से प्रदेश में हो रही वर्षा से उत्पन्न स्थिति की जानकारी ली तथा आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने वर्तमान में प्रदेश में मानसून की स्थिति, आने वाले दिनों में मौसम का पूर्वानुमान, अब तक हुई बारिश तथा प्रदेश भर में भूस्खलन के चलते बंद सड़कों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि बंद सड़कों को जल्द से जल्द खोलने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में सभी आवश्यक संसाधन तथा उपकरण तैनात किए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए की 15 मिनट के भीतर जेसीबी तथा अन्य सभी आवश्यक उपकरण घटनास्थल पर पहुंच जाए। उन्होंने ग्रामीण सड़कों को तत्परता से खोलने के निर्देश दिए।

युद्धस्तर पर चल रहा रेस्क्यू अभियान-सुमन

देहरादून। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि गुरुवार करीब एक बजे तक 274 लोगों को गंगोत्री एवं अन्य क्षेत्रों से हर्षिल लाया गया है तथा सभी सुरक्षित हैं। इनमें गुजरात के 131, महाराष्ट्र के 123, मध्य प्रदेश के 21, उत्तर प्रदेश के 12, राजस्थान के 6, दिल्ली के 7, असम के 5, कर्नाटक के 5, तेलंगाना के 3 तथा पंजाब के 01 लोग है। सभी पूरी तरह से सुरक्षित हैं तथा इनको उत्तरकाशी/देहरादून लाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, वर्तमान तक 135 लोगों को सुरक्षित हर्षिल से बाहर निकाला गया, जिसमें से 100 लोगों को उत्तरकाशी पहुँचाया गया है तथा 35 लोगों को देहरादून सुरक्षित भेजा गया है।इ इस प्रकार कुल 135 लोगों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर सुरक्षित गंतव्य तक पहुँचाया जा चुका है, और 274 लोगों को हर्षिल में सुरक्षित रखते हुए आगे की यात्रा हेतु तैयार किया जा रहा है।

सीएस ने प्रदेश के अस्पतालों के सुदृढ़ीकरण के सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक ली

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में प्रदेश के अस्पतालों के सुदृढ़ीकरण के सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी जिला एवं उपजिला अस्पतालों को आवश्यक सुविधाओं से संतृप्त किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि जिला एवं उप जिला अस्पतालों में चिकित्सक, शल्य चिकित्सक, स्त्री रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ एवं बाल रोग विशेषज्ञ सहित रेडियोलॉजिस्ट उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि जिला एवं उपजिला अस्पतालों में NICU, SNCU और PICU जैसी आवश्यक सुविधाएं में अनिवार्य रूप से उपलब्ध करायी जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेशभर के ऐसे सीएचसी, जिनमें मरीजों की संख्या अधिक है या जो प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हैं, को भी फिजिशियन, सर्जन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ एवं बाल रोग विशेषज्ञ जैसी न्यूनतम आवश्यक मेडिकल सुविधाओं से संतृप्त किया जाए। साथ ही, रेडियोलॉजिस्ट एवं टेक्नीशियन की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए।

सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने प्रदेश के जिला एवं उप जिला अस्पतालों के चिकित्सकों, विशेषज्ञ चिकित्सकों, रेडियोलॉजिस्ट एवं उपकरणों की उपलब्धता पर विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. सुनीता टम्टा एवं निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना भी उपस्थित थे।

जैविक उत्पादों पर फोकस कर जैविक उत्पादों का सर्टिफिकेशन अनिवार्य रूप से प्राप्त होः सीएस

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में हाउस ऑफ़ हिमालयाज की 5वीं बोर्ड बैठक सम्पन्न हुई। बैठक के हाउस ऑफ़ हिमालयाज के नए उत्पादों की समीक्षा और वैश्विक विस्तार की रणनीति तय की गई।

मुख्य सचिव ने कहा कि हाउस ऑफ़ हिमालयाज की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा जैविक उत्पादों पर फोकस करते हुए जैविक उत्पादों का सर्टिफिकेशन अनिवार्य रूप से प्राप्त किया जाना सुनिश्चित किया जाए। आमजन को इसकी जानकारी हो इसके लिए प्रचार प्रसार पर विशेष ध्यान दिया जाए।

मुख्य सचिव ने उत्पादों की गुणवत्ता, ट्रेसेब्लिटी और ब्रांड स्टोरीटेलिंग को वैश्विक स्तर पर ब्रांड उत्तराखण्ड के निर्माण के लिए महत्त्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि हाउस ऑफ़ हिमालयाज को अपने उत्पादों में QR कोड के साथ ट्रेसिबिलिटी को शामिल करना होगा।

बैठक की शुरुआत कंपनी की ब्रांड अवधारणा के साथ हुई — “ब्रांड उत्तराखंड को वैश्विक मंच पर हिमालयी कृषि एवं गैर-कृषि उत्पादों के प्रीमियम पोजिशनिंग के माध्यम से सशक्त बनाना।” दिसंबर 2023 में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च की गई हाउस ऑफ हिमालयाज ने कम समय में ₹2.1 करोड़ की बिक्री के साथ एक प्रेरणादायक ब्रांड के रूप में पहचान बनाई है। इससे 3,000 से अधिक महिलाओं को प्रत्यक्ष आजीविका भी मिली है।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव राधिका झा, दिलीप जावलकर, डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम, डॉ वी षणमुगम, धीरज सिंह गरब्याल, पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पाण्डे, पूर्व निदेशक LBSNA संजीव चोपड़ा, कुलपति UPSE रामके शर्मा एवं एमडी हाउस ऑफ़ हिमालयाज झरना कामठान सहित आया वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

🔹 मुख्य उपलब्धियाँ:
कुल बिक्री: ₹2.1 करोड़ (आरंभ से अब तक), ई-कॉमर्स (Amazon, Blinkit, JioMart), मॉडर्न ट्रेड (Nature’s Basket) और 26 प्रीमियम स्थानों पर भौतिक उपस्थिति।
उत्पाद पोर्टफोलियो: 50+ स्टॉक कीपिंग यूनिट्स जिनमें प्राकृतिक, हर्बल और जैविक उत्पाद शामिल हैं।
महिला सशक्तिकरण: 40+ सामुदायिक संस्थाओं से संग्रहण, 3,000+ महिलाओं को सीधा लाभ।

🔹 प्रमुख मील के पत्थर:
जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर एक्सक्लूसिव ब्रांड आउटलेट का उद्घाटन मई 2025 में माननीय केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किया गया।
11 प्रीमियम होटलों व यात्रा स्थलों पर रिटेल कार्ट्स की स्थापना।
13 FSUs (फ्लोर स्टैंडिंग यूनिट्स) चारधाम यात्रा मार्ग, एयरपोर्ट्स और प्रमुख संस्थानों जैसे LBSNAA में क्रियाशील।

🔹 बोर्ड मीटिंग में चर्चा के केंद्र में:
नए उत्पाद विकास (NPD) पर विशेष फोकस दिया गया, जिसमें निम्नलिखित 15+ नवीन उत्पाद शामिल हैं:

एसेंशियल ऑयल्स: लेमनग्रास, रोज़मेरी, मिंट, लैवेंडर
हर्बल इन्फ्यूजन: कैमोमाइल, बद्री तुलसी, सी-बकथॉर्न
हिमालयी स्पेशलिटी उत्पाद: कनार घी, प्राकृतिक रंगों से तैयार ऊनी stole, सिंहाड़ा कुकीज, बासमती चावल, पहाड़ी अंजीर जैम आदि।

🔹 भविष्य की योजना:
घरेलू विस्तार: दिल्ली-NCR, महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे राज्यों में Reliance Freshpik, Le Marche, Food Square के माध्यम से।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म: BigBasket और Zepto पर ऑनबोर्डिंग।

वैश्विक रणनीति:
अमेरिका में Apna Bazaar के माध्यम से लॉन्च
Amazon Global (UAE, USA) पर उपस्थिति
MEA के माध्यम से दूतावासों और उच्चायोगों से सहयोग
Box of India के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में प्रवेश
लक्ष्य: FY 2025–26 तक ₹10 करोड़ और FY 2026–27 तक ₹25 करोड़ की बिक्री।

🔹 शासन और संगठनात्मक मजबूती:
अप्रैल 2024 में कंपनी का गठन और ₹10 करोड़ की पूंजी जुटाई गई।
वित्तीय एवं प्रशासनिक नियमों को राज्य मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया।
22 प्रमुख पदों की भर्ती हेतु संरचना तैयार, प्रक्रिया प्रगति पर।
22 ट्रेडमार्क्स के लिए पंजीकरण कराया गया, जिनमें से 11 को स्वीकृति मिल चुकी है।
हाउस ऑफ हिमालयाज अपने मजबूत गवर्नेंस, उद्योग विशेषज्ञों से परामर्श (McKinsey, Fab India, Organic India, APEDA) और बहु-चैनल बिक्री रणनीति के माध्यम से राज्य-नेतृत्व वाले उत्पाद ब्रांडिंग के क्षेत्र में देश का एक अनूठा मॉडल बनकर उभर रहा है।

सितंबर माह तक पूंजीगत बजट का 50 प्रतिशत खर्च करना सुनिश्चित करें: सीएस

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में पूंजीगत व्यय, केंद्र सहायतित, वाह्य सहायतित प्रोजेक्ट, नाबार्ड के साथ ही केपीआई और केओआई की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को पूंजीगत व्यय में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। बैठक के दौरान आज 12 विभागों को शामिल किया गया था। इस दौरान बताया गया कि पूंजीगत व्यय में कुल ₹ 14763 करोड़ का प्रावधान किया गया है। जिसमें से ₹ 2215 करोड़ (15 प्रतिशत) जारी किया गया है और जिसमें से ₹ 1049 करोड़ (7.11 प्रतिशत) व्यय हुआ है।

मुख्य सचिव ने निर्देश सितंबर माह तक पूंजीगत बजट का 50 प्रतिशत खर्च किया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने विभागों को 15 अगस्त तक सभी प्रस्ताव भेजे जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि लक्ष्यों को समय से हासिल करने के लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाए, इसके लिए सम्बन्धित सचिव एवं विभागाध्यक्षों द्वारा पाक्षिक बैठकें की जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि पूंजीगत व्यय के अंतर्गत मुख्यमंत्री घोषणाओं को प्राथमिकता पर लिया जाए। उन्होंने विभागों को केपीआई (की परफोर्मेंस इंडीकेटर) और केओआई (की आउटकम इंडीकेटर) पर भी फोकस किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि पूंजीगत व्यय के साथ ही आउटकम पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने आउटकम को समझाते हुए कहा कि पर्यटन विभाग ने जो व्यय किया है, उससे कितने प्रतिशत विदेशी पर्यटक बढ़े हैं, या सभी प्रकार के पर्यटकों के औसत स्टे में कितने प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने उद्यान विभाग को अपनी क्षमता बढ़ाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कोल्ड चेन और ऑफ सीजन प्रोडक्शन बढ़ाए जाने पर फोकस किए जाने की बात कही। उन्होंने निर्देश दिए कि पॉलीहाउस प्रोजेक्ट में तेजी लायी जाए। वैल्यू एडेड और फूड प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता दी जाए।

मुख्य सचिव ने कृषि विभाग में बायो फेंसिंग और चेन लिंक फेंसिंग के शीघ्र गाईडलाईन्स तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इसके लिए अलग से हेड खोले जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस हेड में 200 करोड़ का प्रावधान किया जाए। इस वित्तीय वर्ष में सप्लीमेंट्री बजट में भी इसका प्रावधान किया जाए। उन्होंने बायो फेंसिंग और चेन लिंक फेंसिंग के प्रस्तावों को चयन समिति के माध्यम से प्राथमिकता दिए जाने के निर्देश दिए। कहा कि ऐसे स्थानों को प्राथमिकता दी जाए जहां मानव-वन्यजीव संघर्ष के साथ ही कृषि फसलों को अधिकतम हानि हो रही है।

मुख्य सचिव ने दुग्ध विकास विभाग को आंचल के डेरी उत्पादों को बढ़ाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने गन्ना विकास को चीनी मिलों को दौरा कर मशीनों की मरम्मत और रखरखाव कार्य शीघ्र पूर्ण कर समय से चीनी मिलों में उत्पादन शुरू किए जाने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव राधिका झा, दिलीप जावलकर, डॉ. बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम, वी. षणमुगम, धीराज गर्ब्याल एवं श्रीधर बाबू अद्दांकी, अपर सचिव हिमांशु खुराना, मनमोहन मैनाली सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

गोल्ज्यू देवता कॉरिडोर मास्टर प्लान के लिए एंकर विभाग पर्यटन विभाग होगाः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में चंपावत में गोल्ज्यू देवता कॉरिडोर मास्टर प्लान के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि गोल्ज्यू देवता कॉरिडोर मास्टर प्लान के लिए एंकर विभाग पर्यटन विभाग होगा। उसमें आने वाले कम्पोनेंट के लिए सम्बन्धित विभाग कार्यदायी संस्था होंगे। उन्होंने अगले 15 दिन में गोल्ज्यू देवता कॉरिडोर मास्टर प्लान को फाइनल किए जाने के निर्देश पर्यटन विभाग को दिए।

मुख्य सचिव ने गोल्ज्यू देवता कॉरिडोर मास्टर प्लान में आने वाले समय में पीक टाईम का अधिकतम पर्यटकों की संख्या के अनुसार पार्किंग एवं रूकने की व्यवस्था आदि का आंकलन करते हुए प्लान तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि पर्यटकों के लिए बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि सेंट्रल प्लाजा को ओपन एरिया की तर्ज पर बनाया जाए। उन्होंने प्रत्येक शहर में सेंट्रल प्लाजा बनाए जाने की भी बात कही। उन्होंने इसके लिए सचिव शहरी विकास को शहरी निकायों में सेंट्रल प्लाजा की तर्ज पर ओपन एरिया विकसित किए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि लोहाघाट एवं चम्पावत को ट्विन सिटी के रूप में विकसित किए जाने की दिशा में कार्य किया जाए। उन्होंने चम्पावत और लोहाघाट के आसपास के सम्भावित पर्यटन स्थलों को भी तलाशकर विकसित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने लोहाघाट के पास श्यामलाताल सहित अन्य पर्यटन क्षेत्रों को साथ-साथ विकसित किए जाने की बात भी कही।

मुख्य सचिव ने कहा कि चम्पावत में बनायी जा रही साइंस सिटी का कार्य भी तेजी से पूर्ण किया जाए। उन्होंने प्रत्येक जनपद में एक-एक साइंस सिटी बनाए जाने की बात कही। कहा कि प्रत्येक साइंस सिटी के लिए एक-एक मेंटर भी निर्धारित किया जाए, ताकि साइंस सिटी को रखरखाव एवं अपग्रेडेशन का कार्य नियमित रूप से चलता रहे।

इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव नितेश कुमार झा, धीराज सिंह गर्ब्याल, अपर सचिव डॉ. अहमद इकबाल, नवनीत पाण्डेय एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी चम्पावत मनीष कुमार उपस्थित थे।
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सीएस ने ली शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट्स के सम्बन्ध में बैठक
मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट्स के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपने शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट्स को पीएम गतिशक्ति उत्तराखण्ड पोर्टल पर अपलोड किए जाने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि अभी तक 44 विभागों ने लगभग 15000 करोड़ की लागत के 1020 शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट्स पोर्टल पर अपलोड किए हैं।

मुख्य सचिव ने सभी विभागीय सचिवों को अपने प्रोजेक्ट्स की प्राथमिकता निर्धारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन सभी प्रोजेक्ट्स की स्क्रूटनी के लिए वित्त एवं नियोजन सहित प्रशासकीय विभाग द्वारा संवीक्षा करते हुए स्वीकृति दी जाएगी और प्राथमिकता निर्धारित की जाएगी। उन्होंने कहा कि यथार्थवादी प्रस्तावों को ही स्वीकृति दी जाएगी।

मुख्य सचिव ने पोर्टल के माध्यम से ही इन प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग किए जाने की बात कही। कहा कि प्रोजेक्ट किस स्टेज में है, यह विभाग और शासन सभी को जानकारी मिलती रहेगी। उन्होंने सचिव आईटी को ई-ऑफिस और प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग दोनों पोर्टल को शीघ्र इंटीग्रेट किए जाने की बात भी कही।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव नितेश कुमार झा, सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर, डॉ.बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, डॉ. आर. राजेश कुमार, विनय शंकर पाण्डेय, श्रीधर बाबू अद्दांकी, दीपेन्द्र कुमार चौधरी एवं धीराज सिंह गर्ब्याल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सीएस की अध्यक्षता में हुई सिंचाई विभाग के जलाशयों में जमा सिल्ट को निकाले जाने के संबंध में बैठक

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में सिंचाई विभाग के जलाशयों में जमा सिल्ट को निकाले जाने के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित हुई।

मुख्य सचिव ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन जलाशयों में अधिक मात्रा में सिल्ट जमा हो चुका है तथा जिससे उसकी धारण क्षमता में अत्यधिक कमी आई है उनके सिल्ट को निकालने के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रस्तुत करें। जिससे जलाशयों की धारण क्षमता में वृद्धि हो जाए तथा उसके डाउनस्ट्रीम में किसी भी तरह के जलभराव की आशंका न रहे।

उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि सिल्ट निकालने के लिए फॉरेस्ट रिजर्व क्षेत्र के मानक का पालन करते हुए प्रस्ताव तैयार करें तथा इसके लिए राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, रुड़की जैसे संस्थान से स्टडी करवाना भी सुनिश्चित करें। ताकि सिल्ट निकालने की प्रक्रिया वैज्ञानिक तरीके से संपन्न की जा सके।

बैठक में सचिव युगल किशोर पंत, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन रंजन कुमार मिश्रा, सिंचाई विभाग से सुभाष चंद्र पांडेय, मुख्य महाप्रबंधक जल संस्थान डी. के. सिंह सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

सभी विभाग अपने विभागीय कार्यों का आउटपुट इंडिकेटर तैयार करेंः सीएस

मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने सभी सचिवों के साथ सचिव स्तर की समीक्षा बैठक आयोजित करते हुए संबंधित विभागों को विभिन्न मुद्दों के संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने सभी सचिवों को निर्देशित किया कि शहरी क्षेत्रों की ऐसी सभी बड़ी परियोजनाओं का विवरण तैयार करें जिनका अतिशीघ्र लोकार्पण अथवा शिलान्यास किया जाना हो।

उन्होंने भारत सरकार से साझा किए जाने वाले विभिन्न विभागीय प्रकरणों का स्टेटस तैयार करने तथा उसको भारत सरकार को प्रेषित करने को कहा।

मुख्य सचिव ने विभागों के आउटपुट इंडिकेटर की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि सभी विभाग अपने विभागीय कार्यों का आउटपुट इंडिकेटर तैयार करें।

विभागीय कार्यों में नई तकनीक का समावेश अथवा किसी अभिनव प्रयोग से कितना सुधार हुआ है, इसका तुलनात्मक विवरण तैयार करने को कहा।

उन्होंने सभी सचिवों को अपने विभागीय कार्यों का वर्क प्लान बनाते हुए उसका अनुमोदन करवाने के भी निर्देश दिए।

इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि जो विभाग कार्बन क्रेडिट का लाभ लेने की स्थिति में हैं वे अपने क्रियान्वयन में कार्बन क्रेडिट का लाभ लेने का प्रयास करें तथा इससे संबंधित विवरण भी तैयार करें।

बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु व एल एल फैनई, शैलेश बगोली, रविनाथ रमन, डॉ. पंकज कुमार पांडेय, दिलीप जावलकर, डॉ रंजीत कुमार सिन्हा, डॉ. श्रीधर बाबू अद्यंकी, चंद्रेश यादव, डॉ आर राजेश कुमार, एस एन पांडेय, दीपेंद्र कुमार चौधरी, दीपक कुमार, वी षणमुगम, विनोद कुमार सुमन, सी रविशंकर, रणवीर सिंह चौहान, नीरज खैरवाल, युगल किशोर पंत, धीराज सिंह गबर्याल, अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंड ग्रीन परिवहन की अवधारणा को साकार करने को बेहतर इंसेंटिव प्रावधानों को पॉलिसी में शामिल करेंः सीएस

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में परिवहन विभाग और संबंधित अधिकारियों द्वारा उत्तराखंड की इलेक्ट्रिक वाहन (मैन्युफैक्चरिंग एंड परचेजिंग) पॉलिसी- 2025 का ड्राफ्ट प्रस्तुत किया गया।

उत्तराखंड में इलेक्ट्रिक वाहन के अनुकूल इकोसिस्टम तैयार करने के उद्देश्य से तैयार की जा रही ईवी पॉलिसी के विभिन्न आयामों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।

उत्तराखंड ग्रीन परिवहन की अवधारणा को साकार करने के लिए बेहतर इंसेंटिव प्रावधानों को पॉलिसी में शामिल करेंः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग और संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि उत्तराखंड में ग्रीन परिवहन की अवधारणा को साकार करने तथा मा. प्रधानमंत्री के इलेक्ट्रिक वाहन के संबंध में 2030 तक के लक्ष्य के अनुरूप पॉलिसी में मैन्युफैक्चरर, उपभोक्ता और संचालक सभी के लिए बेहतर इंसेंटिव का प्रावधान शामिल करें जिससे इलेक्ट्रिक वाहन का एक बेहतर इकोसिस्टम डेवलप हो सके।

उन्होंने बेहतर इंसेंटिव के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहन के अनुकूल में आने वाले अवरोधों के त्वरित समाधान के लिए पॉलिसी में प्रभावी और त्वरित निगरानी तंत्र का प्रावधान करने के भी निर्देश दिए।

सचिव विनय शंकर पांडेय और परिवहन विभाग द्वारा प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि उत्तराखंड में इलेक्ट्रिक वाहन के अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए इस पॉलिसी में मैन्युफैक्चरर से लेकर उपभोक्ता, संचालक और चार्जिंग स्टेशन स्थापन इत्यादि के लिए बेहतर इंसेंटिव का प्रावधान किया जा रहा है। कहा कि इस पॉलिसी में कार्बन क्रेडिट बेनिफिट के लिए प्रेरक इंसेंटिव, इंडस्ट्री साइड और उपभोक्ता साइड के लिए इंसेंटिव, कैपिटल सब्सिडी, स्टाम्प ड्यूटी, ब्याज सब्सिडी, भूमि रिबेट, रिसर्च एंड डेवलपमेंट फैसिलिटी इत्यादि सभी के लिए इंसेंटिव का प्रावधान की बात है।

इसमें वाहन की अलग-अलग श्रेणी टू व्हीलर, थ्री व्हीलर, फोर व्हीलर, ई बस इत्यादि के क्रम में इंसेंटिव का प्रावधान शामिल होगा।

उन्होंने अवगत कराया कि भारत में कुल वाहन की संख्या 34 करोड़ है। जिसमें 61.65 लाख इलेक्ट्रिक वाहन शामिल है।

उत्तराखंड में कुल वाहन 4215496 हैं जिसमें कुल इलेक्ट्रिक वाहन 84614 हैं।

बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव विनय शंकर पांडेय, डॉ. आर. राजेश कुमार व एस. एन. पांडेय सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

डीएफओ और विभागों के साथ वन भूमि स्थानांतरण से संबंधित मामलों के निराकरण की प्रत्येक माह समीक्षा करेंः सीएस

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों के जनपदों से संबंधित प्रकरणों के निस्तारण के संबंध में जिलाधिकारियों और जनपद के संबंधित अधिकारियों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी विभाग संबंधित जिलाधिकारियों के समन्वय से अपनी सभी विभागीय परिसंपत्तियों और एसेट्स का सितंबर माह के अंत तक जियो टैगिंग और जिओ फेंसिंग कराना सुनिश्चित करें।

उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को संबंधित डीएफओ और विभागों के साथ वन भूमि स्थानांतरण से संबंधित मामलों के निराकरण के लिए प्रत्येक माह समीक्षा बैठक करने के निर्देश दिए।

साथ ही विभिन्न विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भूमि की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु प्रत्येक जनपद को पूर्व में लैंड बैंक बनाने के दिए गए निर्देशों का गंभीरता से अनुपालन करने के निर्देश दिए।

वन क्षेत्रों में डिग्रेडेड फॉरेस्ट लैंड का विवरण भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने वन विभाग को भूमि स्थानांतरण से संबंधित सभी प्रकरणों की एसओपी बनाने के निर्देश दिए।

उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि पब्लिक ग्रीवांस पोर्टल पर सेवा के अधिकार से संबंधित ऐसी दूसरी सेवाओं को भी शामिल करें जिनकी समय सापेक्ष अधिक प्रासंगिकता है।

मुख्य सचिव ने सभी जनपदों को दो बेस्ट प्रैक्टिसेज (सफलता की कहानियों) का विवरण देने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि सरकारी आयोजन, बैठक, कार्यक्रमों में स्थानीय उत्पादों के उपयोग से संबंधित पूर्व में जो निर्देश दिए गए हैं उनका सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करें।

उन्होंने निर्देशित किया कि आगामी हरेला पर्व पर व्यापक वृक्षारोपण के लिए सभी जिलाधिकारी संबंधित विभागों के समन्वय से तत्काल प्लांटेशन प्लान प्रस्तुत तैयार करें।

मुख्य सचिव ने क्लस्टर विद्यालयों के संबंध में शिक्षा विभाग को निर्देशित किया कि संबंधित जिला अधिकारी के समन्वय से ट्रांसपोर्टेशन प्लान बनाना सुनिश्चित करें। प्रथम चरण में जिन माध्यमिक विद्यालयों को क्लस्टर विद्यालयों से जोड़ने का काम हो चुका है उनका उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रेषित करें जिससे अग्रिम चरण की वित्तीय धनराशि जारी की जा सके।

शिक्षा सचिव ने अवगत कराया कि पहले चरण में माध्यमिक विद्यालयों को क्लस्टर विद्यालय से जोड़ने का कार्य चल रहा है और शीघ्र ही प्राथमिक विद्यालयों को भी जोड़ने का कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
उन्होंने अवगत कराया कि 559 माध्यमिक विद्यालयों में से 68 क्लस्टर विद्यालय इस वित वर्ष संचालित हो जाएंगे।

मुख्यमंत्री की घोषणा के अंतर्गत विभिन्न जनपदों से संबंधित पार्किंग के प्रकरणों की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि पार्किंग के लिए साइट का चयन पार्किंग की आवश्यकता के आधार पर करें ना की भूमि उपलब्धता की सुविधा के आधार पर। उन्होंने कहा कि जहां पार्किंग की डिमांड होती है वहां पर ही पार्किंग बनाई जानी चाहिए। उन्होंने निर्देशित किया कि जिन जनपदों से पार्किंग निर्माण से संबंधित प्रस्ताव अभी तक अप्राप्त हैं वे तत्काल प्रस्ताव तैयार करके प्रेषित करें।

महिला एवं बाल विकास से संबंधित योजनाओं की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारी और संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि महिला और बच्चों से संबंधित योजनाओं और कार्यक्रमों का बेहतर तरीके से क्रियान्वयन करें तथा इसके लिए नियमित बैठक करें तथा निगरानी तंत्र को भी मजबूत करें।

इस दौरान सचिव आईसीडीएस ने अवगत कराया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल विकास एवं महिला कल्याण से संबंधित संचालित की जा रही विभिन्न योजना और कार्यक्रमों का थ्त्ै (फेसियल रिकॉग्निशन सिस्टम) से रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।

इस दौरान बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु व मीनाक्षी सुंदरम, सचिव नितेश झा, रविनाथ रमन, सी रविशंकर, चंद्रेश कुमार यादव, विनोद कुमार सुमन वन विभाग से रंजन कुमार मिश्रा सहित संबंधित अधिकारी सभागार में उपस्थित थे तथा आयुक्त गढ़वाल व कुमायूं और संबंधित जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक में उपस्थित थे।