पेयजल को वाटर एटीएम लगाकर वेंडर्स के लिए वेंडिंग जोन चिन्हित करे अधिकारीः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने मसूरी मॉल रोड की मरम्मत और सौंदर्यीकरण कार्य की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मसूरी के मरम्मत और सौंदर्यीकरण कार्य के अंतर्गत प्रत्येक कार्य के पूर्ण होने की पहले से ही समय सीमा निर्धारित की जाए। उन्होंने कहा कि पेयजल के लिए वाटर एटीएम लगाए जाएं। साथ ही, वेंडर्स के लिए वेंडिंग ज़ोन चिन्हित कर लिए जाएं।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लाइब्रेरी चौक के गोल चक्कर का डायमीटर छोटा किया जाए, ताकि ट्रैफिक कंजेशन की समस्या दूर हो सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सभी सम्बन्धित विभाग आपसी तालमेल के साथ कार्य करें ताकि सड़क को बार बार न खोदना पड़े।

चारधाम यात्रा मार्गों में क्रैश बैरियर और साइनेज की व्यवस्था समय पर करेंः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने चारधाम यात्रा 2022 की तैयारियों के सम्बन्ध में सभी सम्बन्धित विभागों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि कोविड के कारण पिछले दो वर्षों में यात्रियों की संख्या सीमित रही है, परन्तु इस वर्ष चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बहुत अधिक बढ़ने की संभावना है। सुगम और सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए सभी विभागों को अपने अपने क्षेत्र में व्यवस्थाएं दुरुस्त करनी होंगी।

मुख्य सचिव ने चारधाम यात्रा मार्गों के यात्रा शुरू होने से पहले दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्गों में क्रैश बैरियर और साइनेज की व्यवस्था समय कर ली जाए। उन्होंने ट्रैफिक कंट्रोल और पार्किंग पर भी अधिक फोकस किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि नए पार्किंग स्थल भी विकसित किए जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि चारधाम क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की उपयुक्त व्यवस्था करते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। कार्डियोलॉजिस्ट की कमी होने के कारण फर्स्ट एड के लिए फिजिशियन को ट्रेनिंग करवाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि यात्रा सीजन के दौरान एडल्ट्रेशन को रोकने हेतु स्पेशल ड्राइव चलाई जाए।

मुख्य सचिव ने चारधाम यात्रा हेतु रजिस्ट्रेशन काउंटर बढ़ाए जाने के भी निर्देश दिए। इसके लिए वेबसाइट और ऐप सिस्टम विकसित किया जाए ताकि यात्रियों को रजिस्ट्रेशन में अधिक समय न लगे। उन्होंने सड़क चौड़ीकरण के कारण डिफंक्शनल हुए हैंड पंप को शीघ्र रिलोकेट करते हुए फंक्शनल किए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा ऐप में चारधाम यात्रा के साथ ही मौसम एवं अन्य सम्बन्धित आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई जाए, एवं इसका प्रचार प्रसार किया जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्धन, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव दिलीप जावलकर, पंकज कुमार पांडेय, रंजीत कुमार सिन्हा सहित वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी एवं अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

जंगलों को आग से बचाने के लिए पोर्टल, मोबाईल ऐव बेस्ड सिस्टम किया जाए तैयारः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.सन्धु की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड राज्य स्तरीय वनाग्नि संकट प्रबन्धन सैल की बैठक आयोजित हुई।

मुख्य सचिव ने वन विभाग के अधिकारियों को वनों में लगने वाली आग की रोकथाम के लिये तकनीकी, प्रबंधन और व्यावहारिक दृष्टि से हर पहलू को देखते हुए प्लान बनाते हुए कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने अत्याधुनिक तकनीक और इनोवेटिव तौर तरीकों पर फोकस करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि सूचनाओं के आदान-प्रदान एवं त्वरित एक्शन के लिए तकनीक का बेहतर उपयोग करते हुए पोर्टल और मोबाईल ऐप बेस्ड सिस्टम तैयार कीजिए। आग लगने की स्थिति में त्वरित सूचना, सटीक डेटा सर्वे और सटीक रिस्पांस से आग से वनों को बचाया जा सकता है।

मुख्य सचिव ने जंगल में पिरूल तथा पेड़ों की अन्य पत्तियों, सूखी लकड़ियों इत्यादि बायोमास का बेहतर सदुपयोग पर अधिक से अधिक फोकस करते हुए इस संबंध में बेहतर प्लान बनाने तथा उन पर अमल करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पिरूल के प्लांट लगाने को अधिक से अधिक लोगों को प्रोत्साहित करने हेतु कार्य किया जाए। मुख्य सचिव ने विभागीय अधिकारियों को जंगल से गुजरने वाली ट्रांसमिशन (विद्युत) लाइनों से आग लगने को रोकने के लिये स्थायी और बेहतर प्लान बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने लोगों को जंगल की आग के संबंध में संवेदनशील बनाने तथा अग्नि सुरक्षा में उनकी भी सहभागिता बढ़ाने के साथ ही एन्फोर्समेंट की कार्यवाही तेज करने की बात कही। उन्होंने सभी सम्बन्धित विभागों से आपसी तालमेल के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।

इस दौरान बैठक में अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, हैड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स विनोद कुमार सिंघल, सचिव रविनाथ रमन, एस.ए. मुरूगेशन आदि उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

सभी डीएम प्लास्टिक नुकसानदेह की जानकारी वेबसाइट और सोशल मीडिया के जरिए उपलब्ध कराएंः मुख्य सचिव


मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के हेतु गठित स्पेशल टास्क फोर्स के सम्बन्ध में बैठक की। बैठक के दौरान, मुख्य सचिव ने कहा कि प्लास्टिक का प्रयोग जहां एक तरफ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है वहीं दूसरी ओर पर्यटन राज्य में प्लास्टिक के प्रयोग को रोकना बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। उन्होंने इसके लिए आमजन में जागरूकता फैलाने के साथ ही कुछ विशेष कदम उठाए जाने की बात भी कही।

मुख्य सचिव ने प्लास्टिक बैन की शुरुवात अपने अपने कार्यालयों से शुरू करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसकी शुरुवात सर्व प्रथम सचिवालय से ही शुरू की जाए। सभी जिलाधिकारी भी अपने अपने कार्यालयों ने इसे लागू करें।
मुख्य सचिव ने कहा सभी जिलाधिकारियों को प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए केंद्र और राज्य द्वारा लागू पॉलिसियों का 100 प्रतिशत अनुपालन कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक बैन पर जानकारी उपलब्ध कराने वाली छोटी-छोटी वीडियो क्लिप्स के माध्यम से जानकारी का संचार किया जाए। साथ ही, व्यापारियों एवं आमजन को फोटो और वीडियो के माध्यम से बैन और अधिक नुकसानदेह प्लास्टिक की जानकारी वेबसाइट और सोशल मीडिया के माध्यम से उपलब्ध कराई जाए। इससे होने वाले दुष्प्रभावों को भी फोटो-वीडियो के माध्यम से दिखाया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए प्लास्टिक के विकल्प को बढ़ावा दिए जाने के साथ ही, प्लास्टिक के बिजनेस को हतोत्साहित करने के लिए यदि पॉलिसीज में परिवर्तन किए जाने के आवश्यकता है तो किए जाएं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अपने अपने जनपदों को प्लास्टिक फ्री बनाने हेतु लगातार प्रयास किए जाएं।

मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को सड़कों के दोनों और वर्षों से जमा प्लास्टिक को हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एक पर्यटन प्रदेश में सड़कों, विशेषकर ऐसी सड़कें जहां दोनों और खूबसूरत जंगल हैं, के दोनों और वर्षों से जमा प्लास्टिक पर्यटकों के मन में बहुत ही बुरी छाप छोड़ते हैं। उन्होंने सड़कों के दोनों और जमा प्लास्टिक को अगले 10-15 दिन में साफ करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने इसे प्राथमिकता पर लेटे हुए शीघ्र से शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन एवं सचिव दिलीप जावलकर सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखण्ड निवास का भवन उत्तराखण्ड वास्तुकला शैली में बनाया जायेगा-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु ने नई दिल्ली में निर्माणाधीन भवन ‘उत्तराखण्ड निवास’ का निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि निर्माण कार्य गुणवत्ता बनाए रखते हुए तय की गई समय सीमा में पूरा करना सुनिश्चित किया जाए। मुख्य सचिव द्वारा उत्तराखण्ड निवास के नक्शे का अवलोकन करते हुये भवन के सभी प्रावधानों की विस्तृत जानकारी ली। इसके अलावा निर्माणाधीन भवन में गाड़ियों की पार्किंग व्यवस्था की भी जानकारी ली गई।
उल्लेखनीय है कि 3, गोपीनाथ बारदोलाई मार्ग, चाणक्यपुरी नई दिल्ली में जून 2020 से उत्तराखण्ड निवास का काम शुरू किया गया। भवन में तीन बेसमेंट होंगे। भवन में भू-तल को सम्मिलित करते हुए कुल सात तल बनाए जाएंगे। भवन उत्तराखण्ड वास्तुकला शैली में बनाया जायेगा। ग्रीन भवन की तर्ज पर बनाए जा रहे इस भवन का अपना सीवेज सोधन संयंत्र होगा। भवन में 50 किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट भी है। उत्तराखण्ड निवास का निर्माण कार्य मार्च 2022 तक पूरा कर लिया जायेगा। इसके साथ ही मुख्य सचिव द्वारा उत्तराखंड स्थानिक आयुक्त एकीकृत भवन व उत्तराखण्ड सदन के रखरखाव एवं सौंदर्यीकरण का भी निरीक्षण किया गया।
इस अवसर पर स्थानिक आयुक्त वी वी आर सी पुरुषोत्तम, अपर स्थानिक आयुक्त ईला गिरी, मुख्य व्यवस्था अधिकारी रंजन मिश्रा एवं उत्तराखण्ड पेयजल निगम अपर सहायक अभियंता अरविन्द सैनी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने फाइलों की मूवमेंट बढ़ाने के दिए निर्देश

मुख्य सचिव डॉ एस.एस. संधु ने सचिवालय सभागार में उत्तराखण्ड में चल रही बाह्य सहायतित परियोजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान विभिन्न विभागीय सचिवों और अधिकारियों को उपरोक्त दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बाह्य सहायतित परियोजनाएं उत्तराखण्ड के विकास के लिये बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसको देखते हुए विभागीय सचिव यह सुनिश्चित करें कि विभाग में इसके अंतर्गत चल रहे विकास कार्यों की प्रगति अनिवार्य रूप से बहुत तेजी से बढ़ाई जाए। इसके लिए उन्होंने फाइलों की रूटीन प्रक्रिया से बाहर निकलते हुए हाथों-हाथ फाइल की मूवमेंट बढ़ाने और विकास कार्यों की दैनिक निगरानी करने के अधिकारियों को निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने नियोजन विभाग को निर्देशित किया कि विभिन्न विभागों के कार्यों की बेहतर मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने और प्रगति बढ़ाने में मदद करने के लिए ऑनलाइन सिस्टम डेवलप करें तथा परियोजनाओं के अन्तर्गत कार्यों को पूर्ण करने की निर्धारित टाइमलाईन के अनुसार उसकी फीडबैक लेते रहे। उन्होंने सम्बन्धित विभागों को निर्देशित किया कि विकास कार्यों की डीपीआर बनाते समय स्थानीय धरातल के व्यवहारिक पहुलओं को ध्यान में रखते हुए डी.पी.आर बनायें। साथ ही प्रगति बढ़ाने के लिए विभिन्न वित्तीय ऐजेंसियों से लगातार समन्वय करें। इसके लिए वित्तीय ऐजेंसियों को अपने टारगेट से अवगत कराते हुए तद्नुसार अग्रिम कार्य करें।
मुख्य सचिव ने उद्यान विभाग के अन्तर्गत किसानों-कास्तकारों के हित लाभ हेतु चलाई जा रही फल उद्यान डेवलप करने की योजनाओं में तेजी लाने के निर्देश दिये तथा वन विभाग को प्लान्टेशन के कार्यों का नियमित थर्ड पार्टी सत्यापन करवाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने पेयजल निगम को जल जीवन मिशन के अंतर्गत पेयजल और सीवरेज प्रबंधन के कार्यों की प्रगति बढ़ाने के लिये अधिक उत्सुकता से कार्य करने के निर्देश देते हुए कहा कि योजना के अंतर्गत प्राप्त बजट का तेजी से और गुणवत्तापूर्ण उपयोग सुनिश्चित करें।
बैठक में सिंचाई विभाग, शहरी विकास विभाग, स्मार्ट सिटी, पर्यटन विभाग, उद्यान विभाग, उत्तराखण्ड पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड, पिटकुल, वन विभाग, पेयजल निगम आदि विभिन्न विभागो ने विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक, जायका, ब्रिक्स, एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बैंक इत्यादि बाह्य सहायतित ऐजेंसियों से पोषित परियोजनाओं की वर्तमान स्टेट्स से राज्य स्तरीय समितियों को प्रस्तुतीकरण के माध्यम से अवगत कराया।
इस दौरान बैठक में अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, सचिव शैलेश बगोली व हरीश चन्द्र सेमवाल, प्रभारी सचिव वी षणमुगम, अपर सचिव नेहा वर्मा, युगल किशोर पंत, रामविलास यादव, जिलाधिकारी देहरादून डॉ आर राजेश कुमार, निदेशक उद्यान डॉ एच.एस. बनेजा, निदेशक यूटीडीबी दीपक खण्डूरी, निदेशक यूपीसीएल सतीश चन्द्र, निदेशक पिटकुल अनिल कुमार, एम.डी पेयजल निगम उदय राज सिंह समेत संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

200 लोगों को ही विवाह समारोह में मिल सकेगी एंट्री, सरकार ने जारी की एसओपी

उत्तराखंड सरकार ने विवाह समारोह में अधिकतम 200 लोगों के शामिल होने को लेकर अनुमति प्रदान की है। मुख्य सचिव ने एक आदेश के तहत यह बात कही है।

मुख्य सचिव ओम प्रकाश के एक आदेश में साफ लिखा गया है कि वर्तमान में राज्य भर में बढ़ते हुए कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत कोविड-19 कंटेनमेंट जोन के बाहर आयोजित होने वाले विवाह समारोह में अधिकतम 200 लोगों को कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए जैसे कि मास्क पहनना तथा सामाजिक दूरी का पालन करते हुए सम्मिलित होने की अनुमति प्रदान की जा सकती है। इस दिशा निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराए जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करें।

सेवा का अधिकार आयोग के आयुक्त बने पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी


मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने आज सचिवालय में उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग के नवनियुक्त आयुक्त अनिल कुमार रतूड़ी को कार्यभार ग्रहण करने की शपथ दिलाई। मुख्य सचिव ने नवनियुक्त आयुक्त रतूड़ी को उनके नए कार्यभार के लिए बधाई देते हुए सफल कार्यकाल की कामना की।

पीएम भारतीय जन औषधि केंद्र को धरातल पर लाया जाएः पीएम मोदी

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रगति पोर्टल के अंतर्गत प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र एवं अमृतसर कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के संबंध में राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ बैठक में प्रतिभाग किया।

मुख्य सचिव ने बताया कि 65 प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र राज्य में संचालित हो रहे हैं। सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को लगातार जेनेरिक दवाओं की सलाह देने हेतु निर्देशित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों, आईईसी अधिकारियों एवं डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर को जेनेरिक दवाओं के प्रति जागरूकता हेतु भी लगातार निर्देशित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सभी सरकारी अस्पतालों के माध्यम से मरीजों को निशुल्क दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के सम्बन्ध में मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर हेतु खुरपिया, उधमसिंह नगर में 1002.15 एकड़ भूमि चिन्हित कर ली गई है। एन्वायरमेंट क्लियरेंस का कार्य जारी है।

गढ़वाल कमिश्नर के दफ्तर में निरीक्षण करने पहुंचे सीएम, ड्यूटी पर नदारद मिले कर्मचारी…

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्य सचिव ओमप्रकाश के साथ सर्वे चैक स्थित गढ़वाल कमिश्नर कैम्प कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कार्यालय में तैनात 11 कार्मिकों में से मौके पर केवल चार कार्मिक ही उपस्थित मिले। उपस्थिति पंजिका के निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन को निर्देश दिये कि जिन कार्मिकों के उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर नहीं है, उनका तत्काल वेतन रोका जाय।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने लगभग एक घण्टे तक कमिश्नर कार्यालय की विभिन्न पत्रावलियों का अवलोकन किया। पत्र प्राप्ति रजिस्टर मांगे जाने पर कार्यालय में उपस्थित कार्मिकों ने जानकारी दी कि पत्र प्राप्त होने के बाद अंकन के लिए पौड़ी स्थित कमिश्नर कार्यालय में जाता है। यह पूछे जाने पर कि किसके आदेश पर यह व्यवस्था की गई है। कार्यालय के कार्मिकों ने जानकारी दी कि 2019 में तत्कालीन वैयक्तिक सहायक द्वारा इसके लिए मौखिक आदेश दिये गये थे।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कमिश्नर गढ़वाल को निर्देश दिये कि यह कार्य के प्रति लापरवाही को दर्शाता है।