मुख्य सचिव बर्द्धन ने सिविल डिफेंस का अन्य जनपदों में भी विस्तार को दिए निर्देश

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों तथा सेना व पैरा मिलिट्री फोर्सेज के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक हुई। बैठक में वर्तमान परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए भविष्य के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाने तथा विभिन्न आपदाओं के समय त्वरित व प्रभावी रिस्पांस करने सहित अन्य विषयों पर चर्चा हुई। इस दौरान उन्होंने विभिन्न विभागों तथा एजेंसियों की आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि उत्तराखण्ड सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण और संवेदनशील है। राज्य की सीमाएं चीन और नेपाल से लगी हैं, इसलिए सतर्कता और पुख्ता तैयारी बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए यह आवश्यक है कि सिविल डिफेंस के दायरे को प्रदेश के अन्य जनपदों में भी विस्तारित किया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में अभी सिर्फ जनपद देहरादून ही सिविल डिफेंस जनपद के रूप में अधिसूचित है। उन्होंने सचिव गृह को प्रदेश के ऐसे जनपदों तथा क्षेत्रों को चिन्हित करने को कहा जिन्हें सिविल डिफेंस के रूप में नोटिफाई किया जा सकता है। उन्होंने इसे लेकर शीघ्र प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि किसी भी प्रकार की आपदा तथा वर्तमान परिदृश्य की पुनरावृत्ति होने की स्थिति में यह आवश्यक है कि प्रत्येक स्तर पर तैयारी को पुख्ता रखा जाए। हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि सिविल एडमिनिस्ट्रेशन तथा सेना व अन्य फोर्सेज के साथ आपसी समन्वय तथा तालमेल बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि निरंतर रूप से सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाए, जिससे यह पता चलता रहे कि किन-किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वर्ष में कम से कम तीन बार इस तरह की अंतर विभागीय बैठक आयोजित की जाए। इस दौरान उन्होंने बेहतर समन्वय के लिए विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारियों, सेना, वायु सेना और अर्द्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारियों का वाट्सएप गु्रप बनाने तथा सभी विभागों तथा एजेंसियों को सिंगल प्वाइंट कांटेक्ट नामित करने के निर्देश दिए।

बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, डिप्टी जी0ओ0सी सब एरिया आर.एस. थापा, प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव गृह शैलेश बगौली, सचिव नितेश कुमार झा, सचिव सचिव कुर्वे, सचिव डॉ0 आर. राजेश कुमार, महानिदेशक, नागरिक सुरक्षा डॉ0 पी.वी.के. प्रसाद, कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, आईजी. गढ़वाल राजीव स्वरूप, महानिरीक्षक, आई.टी.बी.पी, संजय गुंज्याल, आईजी एसडीआरएफ अरुण मोहन जोशी, आई.जी. अग्निशमन एवं आपात सेवाएं, मुख्तार मोहसिन, महानिदेशक, सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग बंशीधर तिवारी, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून अजय सिंह, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद थे।

विभागों के साथ बेहतर समन्वय के प्रयास किए जाएं

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना करने के लिए यह आवश्यक है कि विभिन्न विभागों, संस्थानों तथा एजेंसियों के मध्य आपसी सामंजस्य का मजबूत होना नितांत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग, पुलिस, स्वास्थ्य, लोक निर्माण, पेयजल, विद्युत, अग्निशमन, परिवहन, आईटी विभाग, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, बीआरओ आदि विभागों के बीच अच्छा सामंजस्य होना जरूरी है। जितना अच्छा समन्वय होगा, आपदा के समय उतना बेहतर काम किया जा सकेगा।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र मुख्य कंट्रोल रूम होगा

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि आपदाओं के दृष्टिकोण से यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र मुख्य कंट्रोल रूम रहेगा। प्रदेश में स्थापित अन्य विभागों के कंट्रोल रूम नियमित तौर पर सूचनाओं को एसईओसी के साथ साझा करेंगे। विभिन्न आपदाओं के समय समन्वय एसईओसी से किया ही जाएगा।

सायबर वॉरफेयर पर भी नजर रखी जाए

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने किसी भी आपात स्थिति के लिए संचार व्यवस्था को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने साइबर वारफेयर से निपटने के लिए भी आईटी विभाग को हर पल एलर्ट रहने तथा समुचित कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

फेक न्यूज पर रखें निगरानी

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सोशल मीडिया में फेक न्यूज की भी निगरानी करने तथा भ्रामक खबरें और सूचनाएं प्रसारित करने वाले लोगों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने सूचना तथा पुलिस विभाग को इस पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने लोगों से भी अपील की कि किसी भी प्रकार की न्यूज तथा पोस्ट को प्रसारित करने से पहले जांच कर लें कि सूचना सही है या नहीं। ज्ञातव्य है कि फेक न्यूज को पोस्ट करने वाला व्यक्ति जितना दोषी है, उतना ही दोषी उसे प्रसारित और रिपोस्ट करने वाला व्यक्ति भी है और कानून तथा आईटी एक्ट के तहत कड़ी कार्यवाही के प्रावधान हैं।

फायर हाइड्रेंट्स की जांच की जाए

देहरादून। अग्नि संबंधित विभिन्न घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण हेतु मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर लगे फायर हाइड्रेंट्स की जांच करने तथा आवश्यकतानुसार नए फायर हाइडें्रट्स स्थापित करने को कहा। इस संबंध में उन्होंने कमिश्नर गढ़वाल तथा कमिश्नर कुमाऊं को शीघ्र समुचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

एसईओसी में स्थापित करें सिविल डिफेंस का कंट्रोल रूम

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि सेना के साथ जुड़े सिविल डिफेंस के हॉटलाइन नंबर को एसईओसी में स्थापित किया जाए ताकि किसी भी प्रकार की आपदा के समय विभिन्न एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय हो सके। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि पुलिस विभाग में स्थापित सिविल डिफेंस के कंट्रोल रूम हो एसईओसी में स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि एसईओसी में 24ग्7 मैन पावर उपलब्ध है, लिहाजा यहां से बेहतर समन्वय हो सकता है।

महत्वपूर्ण संरचनाओं की सुरक्षा ऑडिट करें

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने प्रदेश के हेलीपैड तथा छोटे एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को भी पुख्ता रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हेलीपैड तथा छोटे एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था हेतु पुलिस विभाग में नए पदों पर भर्ती की जाए।

संसाधनों की जानकारी एसईओसी को उपलब्ध कराई जाए
देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि विभिन्न विभागों तथा एजेंसियों के पास जो भी संसाधन उपलब्ध हैं, उनकी सूची तथा विवरण एसईओसी को उपलब्ध कराया जाए, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें गतिमान किया जा सके। उन्होंने जीआईएस बेस्ड डाटाबेस बनाने के भी निर्देश दिए।

महत्वपूर्ण संस्थानों तथा परिसंपत्तियों का सुरक्षा आडिट कराएं

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने प्रदेश के स्थापित विभिन्न महत्वपूर्ण संस्थानों, परिसंपत्तियों तथा बांधों की सुरक्षा व्यवस्था हेतु खतरे की आशंका के आधार पर पुनः सुरक्षा ऑडिट करने के निर्देश दिए।

एटीएफ की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा उत्तराखण्ड राज्य विभिन्न प्रकार की आपदाओं को लेकर संवेदनशील है। वायु सेना के बड़े तथा आधुनिक विमानों से राहत और बचाव कार्य संचालित किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि वायु सेना के बड़े विमानों के लिए हेलीपैड में एटीएफ यानी विमान के ईंधन का पर्याप्त भंडारण और सुलभ उपलब्धता हो ताकि खोज एवं बचाव अभियान में किसी प्रकार की दिक्कत न हो।

समुदायों की सहभागिता जरूरी, जारूकता हो प्रचार-प्रसार
देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि सीमा पर हमारे देश के वीर सैनिक देश की सुरक्षा के लिए मजबूती से डटे हैं, लेकिन आम नागरिकों को भी हर पल जागरूक और सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन को निर्देश दिए कि ब्लैक आउट तथा एलर्ट का सायरन बजने के दौरान लोगों को क्या करना है, इस संबंध में विस्तृत एडवाइजरी जारी की जाए तथा एसओपी बनाई जाएं। उन्होंने निरंतर अंतराल में विभिन्न प्रकार की आपदाओं से बचाव हेतु मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए।

शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिए अभी से तैयारियां शुरू करते हुए हितधारकों से भी संवाद करेंः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग समीक्षा की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने पर्यटन एवं संस्कृति विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी ली, एवं चल रहे कार्यों एवं आगामी योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली। मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटन प्रदेश की बैकबोन है। उन्होने निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा और धार्मिक पर्यटन के साथ ही अन्य पर्यटन स्थलों को भी विकसित किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिए अभी से तैयारियां शुरू करते हुए हितधारकों से भी संवाद किया जाए। उन्होंने कहा कि टिहरी झील रिंग रोड परियोजना का सतत् एवं समावेशी प्लान तैयार किया जाए, ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिले एवं रोजगार भी उत्पन्न हो।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में क्वालिटी टूरिज्म पर भी फोकस किए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए साहसिक पर्यटन, ट्रैकिंग और अन्य गतिविधियों को बढ़ाए जाने के लिए योजनाएं तैयार की जाएं। सभी योजनाओं को निर्धारित समय पर पूर्ण करने के लिए कैलेंडर तैयार किया जाए। उन्होंने मानसखण्ड मंदिर माला के प्रथम चरण के कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने संस्कृति विभाग की समीक्षा के दौरान एक राज्य स्तरीय संग्रहालय बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की लोककलाओं एवं लोक संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए विशेष प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रदेश के अभिलेखागारों को अपग्रेड करते हुए उनका डिजिटाइजेशन किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने देहरादून स्थित हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र का वार्षिक कैलेण्डर तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रचलित लोक गीत, लोक नृत्य, लोक नाटकों के वास्तविक रूप को जीवंत रखने के लिए नाट्य शिविरों के आयोजन के साथ ही रंग मंडलों की स्थापना की जाए। उन्होंने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक दलों के गठन किये जाने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर सचिव सचिन कुर्वे, युगल किशोर पंत, अपर सचिव अभिषेक रोहिला एवं निदेशक संस्कृति बीना भट्ट सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सीएस ने प्रदेश में नागरिक सुरक्षा पूर्वाभ्यास के सम्बन्ध में अधिकारियों एवं जिलाधिकारियों के साथ बैठक ली

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में प्रदेश में नागरिक सुरक्षा पूर्वाभ्यास के सम्बन्ध में अधिकारियों एवं जिलाधिकारियों के साथ बैठक ली। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि यह पूर्वाभ्यास गतिविधियां/मॉक ड्रिल प्रदेशभर में आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह पूर्वाभ्यास आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने में अत्यधिक सहायक होंगे।

मुख्य सचिव ने कहा कि इन पूर्वाभ्यास गतिविधियों से आमजन में किसी प्रकार का पैनिक न हो इसके लिए जनता से लगातार संवाद किया जाए। उन्होंने कहा कि आम नागरिक को इन मॉक ड्रिल और उसके लाभ से अवगत कराया जाए। आपातकालीन परिस्थितियों में सभी विभागों द्वारा क्या-क्या गतिविधियां और कार्यवाही की जानी है, उसके लिए सभी विभागाध्यक्षों द्वारा अपने स्तर से तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि यह एक पूर्वाभ्यास कार्यक्रम है, जिससे राज्य के प्रत्येक नागरिक को आपातकालीन परिस्थितियों के लिए तैयार किया जाएगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्राकृतिक एवं मानव जनित आपदाओं के प्रति प्रदेश के नागरिकों को जागरूक किए जाने हेतु पूरे प्रदेश में पूर्वाभ्यास गतिविधियां/मॉक ड्रिल आयोजित की जाएं। उन्होंने कहा कि आपातकालीन एवं विपरीत परिस्थितियों में आमजन को क्या-क्या करना है या क्या नहीं करना है, इसकी जानकारी उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने कहा कि इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने विद्यालय एवं अस्पतालों में आपदा से बचाव हेतु जागरूक किए जाने पर भी जोर दिया।

मुख्य सचिव कहा कि पूर्वाभ्यास के साथ ही स्थायी तौर पर आपातकालीन परिस्थितियों के लिए ठोस प्लान तैयार किया जाना चाहिए। इसके लिए राज्य स्तरीय एवं जनपद स्तरीय नागरिक सुरक्षा समितियों को सक्रिय किया जाए। संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित कर लिया जाए। उन्होंने प्राकृतिक और मानव जनित आपदाओं के दौरान प्रदेश में अलर्ट जारी करने के लिए सायरन सिस्टम दुरूस्त किए जाने के भी निर्देश दिए, साथ ही, एसएमएस और वॉट्सऐप सहित अन्य विकल्पों के माध्यम से अलर्ट का संदेश भेजे जाने के लिए मैकेनिज्म तैयार कर लिए जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) को मजबूतीकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा एवं मानव जनित आपदा सहित युद्ध जैसी परिस्थितियों के लिए भी प्रदेश को और प्रदेश के नागरिकों को जागरूक किया जाना चाहिए। उन्होंने इसके लिए संचार तंत्र को मजबूत किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि आपातकालीन परिस्थितियों में संचार तंत्र फेल होने पर आपातकालीन संचार व्यवस्था, वायरलैस, सैटेलाईट फोन आदि के लिए भी तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाएं। उन्होंने इसमें सामुदायिक सहभागिता, आपदा मित्र, मंगल दल, एनएसएस एवं एनसीसी को भी शामिल किए जाने की बात कही। मुख्य सचिव ने बड़े बांध एवं संवेदनशील भवनों में सम्भावित खतरे की स्थिति में सुरक्षा एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं सहित आपदा प्रबन्धन योजना तैयार रखे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी वाटर हाईड्रेंट्स को सुचारू किया जाएं। नागरिक सुरक्षा की दृष्टि से बड़े भवनों के सुरिक्षत बेसमेंट आदि को तैयार रखा जाए।

इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक दीपक सेठ, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव शैलेश बगोली, नितेश कुमार झा, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय एवं सचिव विनोद कुमार सुमन, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कमिश्नर कुमाऊं दीपक रावत, जनपदों से जिलाधिकारी, भारतीय सेना के प्रतिनिधि सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

नर्सिंग कोर्स में जर्मन और जापानी भाषाओं को भी सिखाए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करेंः सीएस

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सभी जिला अस्पतालों एवं उप जिला अस्पतालों को चिकित्सकों, विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं उपकरणों से परिपूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी जिला अस्पतालों में मैनपावर, उपकरण एवं आधारभूत चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित किए जाने की बात कही।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद की मान्यता प्राप्त करने की दिशा में कार्य किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि नैक की मान्यता के लिए पात्रता मानदंडों को पूर्ण किए जाने के लिए समय सीमा निर्धारित करते हुए इस दिशा में कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि जर्मनी और जापान में नर्सिंग के क्षेत्र में जॉब की अत्यधिक सम्भावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा कराए जाने वाले नर्सिंग कोर्स में जर्मन और जापानी भाषाओं को भी सिखाए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दून विश्वविद्यालय एवं अन्य भाषायी संस्थानों को जोड़ा जा सकता है।

मुख्य सचिव ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में भारतीय चिकित्सा पद्धति अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि एलोपैथिक चिकित्सा के साथ ही भारतीय चिकित्सा पद्धति को भी शामिल किया जाए। इसके लिए एलोपैथी और आयुष को मिलकर कार्य किए जाने की आवश्यकता है।

मुख्य सचिव ने चारधाम मार्गों पर स्थित अस्पतालों के मजबूतीकरण पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता बतायी। उन्होंने कहा कि ऐसे अस्पताल को आधारभूत चिकित्सा सुविधाओं और उपकरणों से पूर्णतः परिपूर्ण किया जाए। इन्हीं अस्पतालों को सक्षम बना कर चारधाम यात्रा के दौरान अन्य अस्पतालों से चिकित्सकों की व्यवस्था नहीं करनी पड़ेगी।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन कारगर सिद्ध हो रही है। इसे आगे भी जारी रखा जाए। उन्होंने इसके लिए डेडिकेटेड टीम लगाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए दूरस्थ क्षेत्रों में स्थिति स्वास्थ्य केन्द्रों में कनेक्टिविटी बढ़ायी जाए।

समीक्षा बैठक के दौरान सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों एवं योजनाओं पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है। दो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों डाईवाला एवं भटवाड़ी को उप जिला अस्पतालों में अपग्रेड किया जा रहा है। रूद्रपुर और पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज का कार्य प्रगति पर है। विशेषज्ञ चिकित्सकों, नर्स और लैब तकनीशियनों की भर्ती के साथ ही स्वास्थ्य उपकरणों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त पंचायत कार्यक्रम में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए लक्ष्य से अधिक सफलता प्राप्त किया गया है।

इस अवसर पर मिशन निदेशक स्वाति भदौरिया, अपर सचिव रीना जोशी एवं महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. सुनीता टम्टा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का कार्य निर्धारित समय पर हो पूराः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में प्रदेश में संचालित विभिन्न रेलवे परियोजनाओं की समीक्षा की। इस अवसर पर मुरादाबाद एवं इज्जत नगर के मंडल रेल प्रबंधक एवं शासन के उच्चाधिकारी एवं सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाईन पर विस्तार से चर्चा करते हुए प्रोजेक्ट की अद्यतन जानकारी ली।

मुख्य सचिव ने रेलवे एवं शासन/प्रशासन के मध्य राजस्व एवं वन भूमि आदि के मामलों को शीघ्र निस्तारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारियों और रेलवे के अधिकारियों से समस्याओं पर बिंदुवार चर्चा कर मामलों को निस्तारित किया। उन्होंने जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग की अध्यक्षता में रेलवे, वन एवं राजस्व को संयुक्त रूप से बैठक कर भूमि अधिग्रहण एवं हस्तांतरण की प्रक्रिया का निस्तारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने परियोजना को निर्धारित समय पर पूर्ण किए जाने पर जोर दिया। कहा कि योजना की अद्यतन जानकारी समय-समय पर मुख्य सचिव कार्यालय को उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है। विभिन्न टनलों के आसपास रेलवे द्वारा प्रयोग में लायी जा रही सड़कों की स्थिति काफी खराब हो चुकी है, जिसे रेलवे द्वारा दुरूस्त कराया जाना है, उन्हें बिना देरी किए तत्काल ठीक कराया जाए।

मुख्य सचिव ने डीआरएम आर.के. सिंह से हर्रावाला रेलवे स्टेशन को एक पूर्ण विकसित रेलवे स्टेशन की तर्ज पर तैयार करने की योजना पर काम किए जाने की बात कही। उन्होंने आश्वासन दिया कि उन्हें इसके लिए जितनी भी भूमि की आवश्यकता होगी, राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन के आसपास के क्षेत्र के लिए डेवेलपमेंट प्लान तैयार कर लिया जाए। साथ ही, उसे रेलवे स्टेशन के प्लान के साथ शामिल करते हुए एक विस्तृत एवं एकीकृत प्लान तैयार किया जाए।

मुख्य सचिव ने शहरी विकास, पर्यटन, उद्योग और रेलवे संयुक्त रूप से भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार प्रदेशभर में रेलवे प्रोजेक्ट्स का प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2027 में हरिद्वार में कुम्भ मेला आयोजित होना है। उन्होंने रेलवे को इसके लिए ज्वालापुर रेलवे स्टेशन के विस्तारीकरण और अपग्रेडेशन की योजना तैयार कर कार्यवाही शुरू किए जाने की बात कही, ताकि कुम्भ के दौरान क्षेत्र में भीड़ प्रबन्धन और निकासी को सुव्यवस्थित ढंग से किया जा सके। उन्होंने डीआरएम मुरादाबाद एवं इज्जतनगर से, उनके सम्मुख आ रही अन्य समस्याओं की भी जानकारी ली। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार द्वारा रेलवे द्वारा कराए जा रहे कार्यों में हर सम्भव सहायता उपलब्ध करायी जाएगी एवं शासन प्रशासन स्तर से समस्याओं का शीघ्रातिशीघ्र निस्तारण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने डीआरएम इज्जतनगर श्रीमती वीना सिन्हा से टनकपुर-देहरादून कोच की आवृत्ति बढ़ाए जाने और टनकपुर-दिल्ली के बीच वंदे भारत चलाए जाने पर चर्चा की।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, अपर सचिव विनीत कुमार एवं रीना जोशी सहित शासन और रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने कार्यरत आटउसोर्स कर्मचारियों को दी राहत, बोले सेवाओं पर नहीं पड़ेगा असर

सरकारी विभागों में आउटसोर्स, संविदा, दैनिक वेतन, वर्कचार्ज कार्यप्रभरित, नियत वेतन, अंशकालिक और तदर्थ कर्मचारियों की भर्ती पर रोक से, इस तरह की सेवा शर्तों के तहत पहले से कार्यरत कर्मचारियों की सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मुख्यसचिव आनंद वर्द्धन ने स्पष्ट किया है कि, इस रोक का आशय मात्र भविष्य में होने वाली भर्तियों से है।
मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने कहा है कि सरकारी विभागों में आउटसोर्स, संविदा, दैनिक वेतन, वर्कचार्ज कार्यप्रभरित, नियत वेतन, अंशकालिक और तदर्थ कर्मचारियों की भर्ती पर रोक संबंधित ताजा शासनादेश का, इस तरह की व्यवस्था के तहत पहले से कार्यरत कर्मचारियों की सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि उक्त शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि, भविष्य में रिक्त पदों पर अब मात्र नियमित भर्तियां ही की जाएंगी। मुख्य सचिव ने कहा कि कोई भी शासनादेश पिछली तिथि से लागू नहीं होता, इस कारण इस शासनादेश का असर भी आगामी भर्तियों पर होगा, पहले से कार्यरत कर्मचारी इससे प्रभावित नहीं होंगे। सभी विभाग इसी क्रम में शासनादेश का पालन सुनिश्चित करेंगे।

केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों और यात्रियों की सुविधाओं का सीएस ने किया निरीक्षण

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने केदारनाथ धाम पहुंचकर आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों और व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। अपने इस दौरे में उन्होंने सबसे पहले केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने मंदाकिनी और सरस्वती नदियों पर बनाए गए बेली ब्रिज का भी निरीक्षण किया। उन्होंने जानकारी दी कि इस पुल का कार्य पूरा हो चुका है, जिससे यात्रियों को आने-जाने में और अधिक सुविधा और सुगमता प्राप्त होगी। उन्होंने आस्था पथ पर बने रेन शेल्टरों का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए इन रेन शेल्टरों में एलईडी साइनेज लगाए जाने चाहिए, ताकि यात्रियों को यह स्पष्ट जानकारी मिल सके कि शौचालय, मेडिकल सहायता और अन्य जरूरी सुविधाएं किस स्थान पर उपलब्ध हैं।

मुख्य सचिव ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि कतार में खड़े यात्रियों को गर्म पानी की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए, ताकि वे ठंडे मौसम में भी आरामदायक अनुभव प्राप्त कर सकें। उन्होंने मंदिर परिसर से लेकर सरस्वती नदी के किनारे बने आस्था पथ तक की स्वच्छता व्यवस्था का भी निरीक्षण किया और वहां स्थापित शौचालयों की स्थिति को परखा। इसके साथ ही उन्होंने गढ़वाल मंडल विकास निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग में बने सभी कॉटेजों की मरम्मत समय पर पूरी की जाए और उनकी साफ-सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान किसी भी यात्री को असुविधा न हो, इसके लिए सभी व्यवस्थाएं समयबद्ध और सुचारू रूप से पूरी कर ली जाएं।

निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव ने रुद्र प्वाइंट और घोड़ा पड़ाव का भी निरीक्षण किया। इन स्थलों पर उन्होंने यात्रियों की भीड़ प्रबंधन, पेयजल, चिकित्सा, विश्राम और सफाई व्यवस्था की समीक्षा की।

जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने मुख्य सचिव को अवगत कराया कि केदारनाथ यात्रा से जुड़े सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं। यात्रा मार्ग से लेकर धाम क्षेत्र तक सभी जरूरी व्यवस्थाएं समय पर पूरी कर ली गई हैं। जो कुछ शेष कार्य हैं, उन्हें भी यात्रा प्रारंभ होने से पूर्व पूर्ण कर लिया जाएगा।

जिलाधिकारी ने बताया कि पैदल मार्ग, ठहरने की व्यवस्था, स्वच्छता, स्वास्थ्य सेवाएं, पेयजल, विद्युत आपूर्ति, संचार सुविधा एवं आपातकालीन व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त किया गया है। तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए सभी पड़ावों पर मूलभूत सुविधाओं को भी सुनिश्चित कर दिया गया है।

पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने बताया कि सुरक्षा दृष्टि से सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। यात्रा मार्ग पर पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित कर दी गई है। अधिकारियों और पुलिस कर्मियों को नियमित रूप से यात्रा मार्ग की चेकिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि यात्रा अवधि के दौरान यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए पूर्व से ही विस्तृत ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है, ताकि किसी भी स्थान पर जाम की स्थिति न बने।पुलिस एवं प्रशासन द्वारा आपदा प्रबंधन से जुड़ी टीमें भी यात्रा मार्ग पर सक्रिय रहेंगी, ताकि किसी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।

मानसून से पहले 200 ग्राम पंचायतों की जागरूकता के लिए कार्यशाला की जाए आयोजितः सीएस

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में जल स्रोत एवं नदी पुनरोद्धार प्राधिकरण की उच्च अधिकार प्राप्त समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्य सचिव ने बड़े प्रोजेक्ट न आने पर नाराजगी जताते हुए जल स्रोतों एवं नदियों के पुनरोद्धार की दिशा में सभी सम्बन्धित विभाग गंभीरता से लेते हुए कार्य करें।

मुख्य सचिव ने कहा कि जिला स्तरीय कार्यकारी समितियों की बैठकों नियमित रूप से आयोजित की जाएं। उन्होंने सभी जनपदों में विकासखंड स्तर से 2 से 3 गांवों से जनप्रतिनिधि एवं इच्छुक लोगों को इसके प्रति जागरुकता के लिए मानसून से पूर्व कार्यशाला आयोजित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पहले चरण में 200 ग्राम पंचायतों को कार्यशाला में शामिल किए जाने का लक्ष्य रखा जाए।

मुख्य सचिव ने सभी सम्बन्धित संस्थानों को अपने लक्ष्य बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सिंचाई और लघु सिंचाई विभाग को चेक डैम आदि बनाए जाने की दिशा में तेजी से कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए बजट की समस्या नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने ै।त्त्। को प्राप्त प्रस्तावों में से शीघ्र कार्य शुरू किया जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने नैनीताल एवं टिहरी जनपद द्वारा इस दिशा में अच्छे कार्य की प्रशंसा करते हुए बाकी जनपदों को भी जल स्रोतों के संवर्द्धन की दिशा में गंभीरता से कार्य किए जाने की बात कही। उन्होंने निर्देश दिए कि नदियों की मॉनिटरिंग के लिए सिंचाई अनुसंधान संस्थान रुड़की को नोडल एजेंसी बनाते हुए भूमिका एवं जिम्मेदारियां निर्धारित करते हुए एमओयू कर लिया जाए।

बैठक के दौरान अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी सर्रा नीना ग्रेवाल ने प्रस्तुतीकरण दिया एवं अब किए गए कार्यों की विस्तृत जानकारी दी।

इस अवसर पर एपीसीसीएफ कपिल लाल, सचिव आर. राजेश कुमार, कुमार यादव, विनोद कुमार सुमन जनपदों से जिलाधिकारी सहित सभी संबंधित विभाग एवं संस्थानों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने यात्रा मार्ग से सम्बन्धित जनपदों एवं यात्रमार्गों की तैयारियों को परखा

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सुरक्षित, सुगम और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर सचिवालय स्थित अपने सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक ली। उन्होंने चारधाम यात्रा मार्ग की पुख्ता व्यवस्थाओं को लेकर सभी विभागों को अभी से अपनी तैयारियां समयबद्धता से पूरी करने के निर्देश दिए हैं।

पूर्व में जारी अपने निर्देशों के क्रम में मुख्य सचिव ने सचिव युगल किशोर पंत को देहरादून से केदारनाथ, सचिव डा. आर राजेश कुमार को बद्रीनाथ यात्रा मार्ग, सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम को गंगोत्री धाम तथा डॉ. नीरज खैरवाल से यमुनोत्री धाम की तैयारियों के सम्बन्ध में फीडबैक लिया। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी सचिवों से प्राप्त सुझावों का अनुपालन करते अथवा कमियों को दुरूस्त किया जाए। यात्रा मार्ग पर सभी जरूरतों का अभी से आंकलन करते हुए सभी व्यवस्थाएं यात्रा आरम्भ से पहले दुरूस्त करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को संवेदनशीलता के साथ एवं कार्य निर्धारित समय पर पूर्ण करने को गम्भीरता से लेने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रत्येक धाम एवं उनके यात्रामार्गों पर मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने यूपीसीएल को धामों में लॉ-वॉल्टेज की समस्या को शीघ्र दुरूस्त किए जाने के भी निर्देश दिए।

यात्रा पंजीकरण स्थलों में स्वास्थ्य जांच केन्द्रों की संख्या बढ़ायी जाए
मुख्य सचिव ने केदारनाथ में बन रहे अस्पताल को या़त्रा शुरू होने से पहले सुचारू किए जाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने सुरक्षित या़त्रा के लिए निवारक उपायों की अत्यधिक आवश्यकता पर बल देते हुए स्वास्थ्य जांच केन्द्रों को बढाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यात्रा की शुरूवात में ही स्वास्थ्य परीक्षण हो सके इसके लिए हरिद्वार, ऋषिकेश एवं विकासनगर में हेल्थ स्क्रीनिंग केन्द्रों की संख्या बढ़ाई जाए। मुख्य सचिव ने मल्टी लेवल पार्किंग की व्यवस्था पर बल देते हुए अधिक से अधिक पार्किंग स्थलों को चिन्हित किए जाने की बात कही। कहा कि पार्किंग स्थलों के आस-पास रहने खाने एवं स्वास्थ्य जांच आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सभी यात्रा मार्गों पर स्थानीय स्तर परिस्थितियों एवं विकल्प मार्गों के अनुरूप यातायात प्रबंधन योजना तैयार की जाए।

यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं द्वारा वृक्षारोपण हेतु ‘स्मृति वन‘ किए जाएं चिन्हित
मुख्य सचिव ने श्रद्धालुओं द्वारा यात्रा मार्गों पर वृक्षारोपण करने हेतु स्मृति वन के लिए स्थान चिन्हित किए जाने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि इच्छित श्रद्धालु इन पलों को यादगार बनाने के लिए पौधारोपण कर सकते हैं।

जाम आदि की जानकारी हेतु डिजीटल डिस्प्ले बोर्ड की की जाए व्यवस्था
मुख्य सचिव ने कहा कि यात्रा मार्गों में दृर्घटनाओं या लैंड स्लाईड से लगने वाले जाम के कारण पीछे लगी लम्बी लाईनों में यात्रियों को जाम के कारणों की उचित जानकारी मिल सके इसके लिए मैकेनिज्म तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए यात्रा मार्गों पर डिजीटल डिस्प्ले बोर्ड लगाए जा सकते हैं, जो यह जानकारी उपलब्ध कराएंगे कि किस स्थान पर कौन सी घटना घटी है, जिसके कारण जाम लगा है। उन्होंने इसके लिए सचिव लोक निर्माण विभाग को व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा जब तक यह व्यवस्था धरातल पर उतरती है तब तक बल्क एसएमएस और बल्क व्हॉट्सअप मैसेज के माध्यम से यह जानकारी उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने संभावित भूस्खलन क्षेत्रों का ट्रीटमेंट शीघ्र किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि इन भूस्खलन क्षेत्रों के लिए दीर्घावधि उपचार पर भी शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

सर्विस प्रोवाईडर की आरएफआईडी टैग बनाए जाएंः मुख्य सचिव
मुख्य सचिव ने यात्रा मार्गों पर स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने ‘सुलभ‘ को नियमित सफाई एवं पानी की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सफाई व्यवस्था के लिए पूरे प्रदेश में यह व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने की बात कही। उन्होंने इसके लिए उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं 15वें वित्त आयोग की स्वच्छता हेतु टाईड फंड से भी फंड्स उपलब्ध कराए जाने की बात कही। उन्होंने चारों धामों में दुकानदार एवं घोड़ा/कंडी संचालक सहित सभी प्रकार केे सर्विस प्रोवाईडर की आरएफआईडी टैग बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि धामों में श्रद्धालुओं के रूकने के लिए लगाए गए टैन्ट आदि को सुव्यस्थित ढंग से लगाए जाने हेतु व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, नितेश कुमार झा, सचिन कुर्वे, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. आर. राजेश कुमार, डॉ. नीरज खैरवाल, कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, सचिव युगल किशोर पंत, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चारधाम एवं यात्रामार्गों से सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा की

राज्य के अस्पतालों के डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान की स्थिति का अपडेट लेते हुए मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सभी अस्पतालों के डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान को एक माह में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने महानिदेशक स्वास्थ्य के कार्यालय में आपदा प्रबंधन हेतु नोडल अधिकारी की तत्काल तैनाती के निर्देश दिए हैं। इसके साथ उन्होंने सभी स्वास्थ्य विभाग को सभी जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ जिला अस्पतालों की आपदा प्रबंधन रणनीति व वर्किंग प्लान पर बैठक करते हुए इस मुद्दे पर स्वास्थ्य महकमे को सेंसटाइज करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन आज उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आईटी पार्क स्थित कार्यालय में प्राधिकरण की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे।

भूकम्प संवेदी राज्य होने के दृष्टिगत मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन विभाग को एनडीएमए के सहयोग से जल्द ही भूकम्प सम्बन्धित मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह मॉक ड्रिल सभी जिला मुख्यालयों में भी आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।

आपदा संवेदी राज्य में धरातल स्तर से आपदा प्रबंधन के प्रशिक्षण को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने आपदा प्रबंधन विभाग को विद्यालयी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग से समन्वय करते हुए सभी निजी एवं सरकारी स्कूल-कॉलेजों में प्रत्येक तिमाही एक दिन आपदा प्रबंधन पर विशेष रूप से भूकंप से सम्बन्धित अनिवार्यतः मॉक ड्रिल करवाने के निर्देश दिए हैं।

भूस्खलन जैसी बड़ी आपदाओं के सम्बन्ध में चारधाम यात्रा मार्ग पर पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने यात्रा मार्ग पर रियल टाइम वार्निंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने आपदा प्रबन्धन विभाग को आवास के निर्माण से सम्बन्धित दिशा निर्देशों के सख्ती से पालन करवाने के सम्बन्ध में निर्देश जारी करने को कहा है।

बैठक में सचिव एवं अपर सचिव आपदा प्रबंधन, उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विभिन्न अधिकारी तथा विशेषज्ञ मौजूद रहे।