सीएम से भराड़ीसैंण में मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सारकोट की ग्राम प्रधान प्रियंका नेगी ने भेंट की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सारकोट की ग्राम प्रधान प्रियंका नेगी ने भेंट की। उन्होंने भराड़ीसैंण से सारकोट के लिए सड़क की स्वीकृति और कार्य शुरू होने और विगत में सारकोट में हुए विभिन्न विकास कार्यों के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

सारकोट की ग्राम प्रधान ने इस अवसर पर गांव में जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए सोलर फेंसिंग की व्यवस्था, गांव से जुड़ने वाले आंतरिक मार्गों की अच्छी व्यवस्था, गांव की महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वरोजगार से जोड़ने, गांव के रास्तों में सोलर लाइट की व्यवस्था करने और गांव से सबसे निकटतम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गैरसैंण में बाल रोग और महिला रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति करने का उन्होंने अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सारकोट की ग्राम प्रधान को बधाई देते हुए कहा कि अवगत कराई गई सभी समस्यायों का उचित समाधान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संबंधित विभागीय अधिकारियों और जिला प्रशासन को इन सभी समस्याओं के समाधान के निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्य गांवों के लिए भी सारकोट आदर्श बनेगा।
इस अवसर पर अपर सचिव मनमोहन मैनाली मौजूद थे।

जिपंस अध्यक्ष चुनाव को लेकर हुए घटनाक्रम पर सीएम गंभीर, पुलिस अधिकारियों का स्थानांतरण कर बैठाई जांच

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल एवं बेतालघाट में हाल ही में हुए घटनाक्रमों को गंभीरता से लेते हुए निष्पक्ष और प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि संपूर्ण मामले की विस्तृत जांच कुमाऊँ मंडल के आयुक्त द्वारा की जाएगी और आयुक्त को यह आख्या पंद्रह दिवस के भीतर शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

घटनाओं के मद्देनज़र मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक स्तर पर त्वरित कार्यवाही करते हुए बेतालघाट में हुई फायरिंग सहित अन्य घटनाओं को देखते हुए पुलिस क्षेत्राधिकारी भवाली का स्थानांतरण जनपद से बाहर अन्यत्र करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, थानाध्यक्ष तल्लीताल को भी जनपद नैनीताल से बाहर स्थानांतरित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि नैनीताल एवं भवाली में हुई घटनाओं तथा इस दौरान दर्ज समस्त प्राथमिकी की विस्तृत जांच अब सीबीसीआईडी द्वारा की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसी भी स्थिति में कानून-व्यवस्था से समझौता नहीं करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

भराड़ीसैंण विधानसभा में सीएम ने सदन के पटल पर रखा 5315 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट

भराङीसैण (गैरसैण) में आयोजित विधानसभा सत्र में प्रस्तुत किये गये अनुपूरक बजट के संबंध में मीडिया से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 5315 करोड़ रुपये का यह अनुपूरक बजट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ’सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र को आत्मसात करते हुए तैयार किया गया है। यह बजट केवल आंकड़ों का दस्तावेज़ नहीं, बल्कि सतत विकास, समावेशी विकास, नवाचार और आर्थिक सुदृढ़ता की दिशा में हमारा संकल्प है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा फोकस राज्य की मानव पूंजी में निवेश और हर वर्ग के समावेशी विकास पर है। किसानों, श्रमिकों, गरीबों, महिलाओं, युवाओं, सुरक्षाबलों और पत्रकारों सहित सभी वर्गों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए यह बजट तैयार किया गया है।

राज्य में विद्युत टैरिफ सब्सिडी, स्वास्थ्य योजनाओं, प्रधानमंत्री आवास योजना, पुलिसकर्मियों के आवास, तीमारदारों के विश्राम गृह तथा शहीद व पत्रकार कल्याण कोष के लिए समुचित प्रावधान किए गए हैं।

हमारी सरकार ने आपदा न्यूनीकरण और पर्यावरणीय संतुलन को भी प्राथमिकता दी है, ताकि ’इकोलॉजी’ और ’इकोनॉमी’ के बीच संतुलन बना रहे। भू-धसाव, भूकंप जोखिम, स्प्रिंग मैपिंग, और आपदा राहत हेतु प्रभावी बजटीय प्रावधान किए गए हैं।

बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में रिस्पना-बिन्दाल एलिवेटेड रोड, पंतनगर एयरपोर्ट विस्तार, कुंभ मेला अवसंरचना, तथा पर्यटन विकास को भी विशेष महत्व दिया गया है।

हम ऋषिकेश को योग नगरी और हरिद्वार को आध्यात्मिक पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने को प्रतिबद्ध हैं। साथ ही, नन्दा राजजात यात्रा और शारदा रिवर फ्रंट जैसे सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों को भी सशक्त किया जा रहा है।

यह अनुपूरक बजट नए उत्तराखण्ड की दिशा में एक और मजबूत कदम है। मैं राज्य की जनता से आह्वान करता हूं कि इस विकास यात्रा में हमारा साथ दें।“

विस के प्रथम दिन सीएम ने दी पूर्व विधायिका मुन्नी देवी को श्रद्धांजलि

विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन थराली की पूर्व विधायक स्वर्गीय मुन्नी देवी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा-स्वर्गीय मुन्नी देवी में हमेशा जनसेवा की ललक दिखाई दी।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने वर्ष 2021 में नारायणबगड़ के डुंगरी गांव में आई आपदा का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि डुंगरी में आपदा में दो लोगों की मौत के बाद वह अपने सहयोगी सतपाल महाराज और धन सिंह रावत के साथ नारायणबगड़ पहुंचे थे। सतपाल महाराज को वहीं जनसमस्याओं की सुनवाई के लिए रूकना पड़ा, जबकि वह और धन सिंह रावत पैदल ही डुंगरी गांव के लिए निकल पडे़ थे। चार-पांच किलोमीटर की दूरी पर डुंगरी गांव था। खराब स्वास्थ्य होने के बावजूद स्वर्गीय मुन्नी देवी गांव में प्रभावितों के बीच मौजूद थीं। मेरे मना करने के बावजूद वह हमें रिसीव करने के लिए आधे रास्ते तक पहुंच गईं।

सीएम ने कहा-पिछले दिनों जिस वक्त उनके देहांत की सूचना मिली, वह आपदा प्रभावित धराली क्षेत्र में थे। इससे कुछ दिन पहले ही वह अस्पताल में उन्हें देखने गए थे। स्वर्गीय मुन्नी देवी के कमजोरी से भरे चेहरे में भी अद्भुत शांति व तेज दिखा था। वह तब भी अपने क्षेत्र के लिए चिंतनशील थीं। सीएम ने कहा-वह जिला पंचायत अध्यक्ष चमोली और थराली विधायक भी रहीं। उन्होंने जनसेवा को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी। वह जनता से सीधे संवाद करती थीं। उनके निधन से राजनीति में जो खालीपन आया है, उसे भरा नहीं जा सकेगा। उन्होंने न सिर्फ राजनीति, बल्कि महिलाओं के उत्थान और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए काम किया।

उत्तराखण्ड में जल संरक्षण की ऐतिहासिक पहल-गैरसैंण से शुरू हुआ भूजल पुनर्भरण का नया अध्याय

उत्तराखण्ड में जल संकट की चुनौती से निपटने के लिए आज एक ऐतिहासिक पहल का आगाज हुआ। विधानसभा भवन, भराड़ीसैंण में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने स्वामी राम विश्वविद्यालय, जौलीग्रांट के सहयोग से “डायरेक्ट इंजेक्शन जल स्रोत पुनर्भरण योजना” का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर वाइब्रेंट बर्ड ऑफ कोटद्वार के नाम से फोटो संग्रह का विमोचन भी किया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा राज्य सरकार तकनीकी नवाचारों को अपनाकर राज्य के जल संकट को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जल संरक्षण के क्षेत्र में अच्छा प्रयास है।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने कहा कि जल संरक्षण केवल पर्यावरणीय आवश्यकता नहीं, बल्कि उत्तराखण्ड की भविष्य की जीवनरेखा है। उन्होंने कहा कि “भूजल पुनर्भरण भविष्य की जल सुरक्षा का आधार बनेगा। यह योजना उत्तराखण्ड में सतत जल प्रबंधन और जल संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।”

कार्यक्रम के दौरान जानकारी दी गई कि इस परियोजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 8 जुलाई 2025 को अंतर्राष्ट्रीय संसदीय अध्ययन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, भराड़ीसैंण और स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के बीच एक डव्न् हुआ था। डायरेक्ट इंजेक्शन जल स्रोत पुनर्भरण योजना के अंतर्गत उपचारित वर्षा जल को निष्क्रिय हैंडपंपों में इंजेक्ट कर भूजल स्तर को बढ़ाया जाएगा। इस तकनीक को स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय, जौलीग्रांट के विशेषज्ञों द्वारा विकसित किया गया है। योजना के पहले चरण में ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण और चौखुटिया विकासखंडों के 20 चयनित हैंडपंपों को पुनर्भरण कर पुनः क्रियाशील बनाया जाएगा। यह प्रयास उत्तराखण्ड में जल प्रबंधन के लिए एक स्थायी समाधान की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय की तकनीकी टीम – प्रोफेसर एच.पी. उनियाल, नितेश कौशिक, सुजीत थपलियाल, राजकुमार वर्मा, अतुल उनियाल, अभिषेक उनियाल और शक्ति भट्ट ने योजना की तकनीकी प्रक्रिया पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि किस प्रकार यह तकनीक वर्षा जल को फिल्टर और ट्रीट कर सीधे भूजल भंडार तक पहुंचाती है, जिससे सूखे हैंडपंप फिर से जीवंत हो जाते हैं।

कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय द्वारा तैयार की गई एक डॉक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गई, जिसमें गैरसैंण क्षेत्र के गांवों में लागू की गई तकनीक और उसके परिणामों को दिखाया गया।

इस अवसर पर वन मंत्री सुबोध उनियाल, कृषि मंत्री गणेश जोशी, विधायकगण, विभिन्न विभागों के सचिव एवं विधानसभा सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी सहित स्वामी राम विश्वविद्यालय के अधिकारी उपस्थित रहे।

देहरादून डीएम जनदर्शन में असहाय सुशीला को पेंशन; उपचार; मकान मरम्मत मौके पर ही

जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार कलेक्टेªट में जनता दर्शन कार्यक्रम का  आयोजन किया गया। जनता दर्शन में आज 150 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई अधिकतर मामले भूमि विवाद सम्बन्धी प्राप्त हुए इसके अतिरक्त नगर निगम, एमडीडीए, लोनिवि, जिला पंचायत, पुलिस, वन, विद्युत आदि विभागों से सम्बन्धित प्राप्त हुई।
चुक्खुवाला निवासी सुशीला देवी ने डीएम से गुहार लगाई कि वह गरीब असहाय परितक्यता महिला है जो अपनी पुत्री के साथ मायके रहती है तथा मकान की हालत जीर्णशीर्ण है लगातार हो रही वर्षा से पानी टपकता है तथा आय का कोई साधन नही है बीमार रहती है उन्होंने जिलाधिकारी से घर मरम्मत कराने का अनुरोध किया, जिस पर जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को घर के लिए आपदा मद से प्रस्तावित करने, मुख्य चिकित्साधिकारी को महिला के उपचार कराने तथा समाज कल्याण अधिकारी को महिला का उपचार कराने के निर्देश दिए।
भरत सिंह बुटोला प्रेमनगर ने गुहार लगाई कि उन्होंने वर्ष 2012 में सम्पत्ति क्रय कि अब भूमि पर कब्जा नही दिया जा रहा है जिस पर तहसीलदार विकासनगर को कार्यवाही के निर्देश दिए। कांसवाली प्रेमनगर निवासी शिव देवी ने गुहार लगाई बेटे द्वारा अंगूठा लगाकर सम्पत्ति अपने नाम  करवा ली है।
सावित्री देवी ने डीएम से गुहार लगाई की बेटा उनको घर से बाहर निकाल रहा है तथा बेटी अंजू को उसके पिता ने 1 बीघा भूमि दी थी तब भी बेटे द्वारा उनको और बेटी को परेशान किया जा रहा है जिस पर जिालधिकारी ने तहसीलदार विकासनगर को आख्या प्रस्तुत करने  के निर्देश दिए। बजुर्ग कलम सिंह कृषाली ने बेटे द्वारा प्रताड़ित करने की शिकायत की जिस पर उप जिलाधिकारी डोईवाला को भरणपोषण अधिनियम में कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। राजेेश्वरी देवी ने गुहार लगाई कि उनका बेटा एवं पोता दिव्यंाग है आर्थिक सहायता का अनुरोध किया गया।  
हरिपुर ऋषिकेश निवासी 85 वर्षीय बुजुर्ग भगवती प्रसाद ने गुहार लगाई की उनके घर पर नाली नही बना रहे हैं जिस पर डीएम ने जिला पंचायतराज अधिकारी, एएमएनए जिला पंचायत से आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
इसके अतिरिक्त बद्रीपुर निवासियों द्वारा बंदर केे आतंक से निजात दिलाने, लखवाड़़ निवासी लदुर सिंह ने गुहार लगाई कि उनको बांध प्राभावित की अनुग्रहित मुआवजा राशि नही मिल पाई जिस पर एसएलएओ को आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
जनता दर्शन में अपर जिलाधिकारी वित्त एंव राजस्व के.के मिश्रा, अपर नगर आयुक्त नगर निगम रजा अब्बास, नगर मजिस्टेªट प्रत्युष सिंह, उप जिलाधिकारी अपूर्वा सिंह, विनोद कुमार, विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी स्मृता परमार, उप जिलधिकारी कुमकुम जोशी, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

भराड़ीसैंण विस की तैयारियां पूरी, कल से शुरू होगा सत्र

उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने आज भराड़ीसैंण (गैरसैंण) विधानसभा का पुनः निरीक्षण कर कल से शुरू हो रहे मानसून सत्र की सभी तैयारियों का जायज़ा लिया।

निरीक्षण के दौरान उन्होंने सभा मंडप में ध्वनि के ईको की समस्या के समाधान को लेकर आईआईटी रुड़की द्वारा किए गए तकनीकी सुधारों का अवलोकन किया और टेस्टिंग के उपरांत संतोष व्यक्त किया।

इस बार भराड़ीसैंण में विधानसभा सत्र का संचालन ई-नेवा प्रणाली के माध्यम से किया जाना है। इस व्यवस्था की सफल टेस्टिंग आज की गई। विधानसभा अध्यक्ष ने इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि डिजिटल माध्यम से कार्यवाही अधिक पारदर्शी एवं प्रभावी होगी।

इसके अतिरिक्त, अध्यक्ष महोदया ने महिला जनप्रतिनिधियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए देहरादून विधानसभा की तर्ज़ पर भराड़ीसैंण विधानसभा में भी एक विशेष कक्ष निर्धारित किए जाने की जानकारी दी।

उन्होंने अधिकारियों को शेष व्यवस्थाओं को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के निर्देश दिए ताकि मानसून सत्र के दौरान किसी प्रकार की असुविधा न हो।

सीएम धामी के हाथों 220 चिकित्सा अधिकारियों को मिले नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सेवक सदन में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित उत्तराखंड चिकित्सा स्वास्थ्य सशक्तिकरण अभियान में प्रतिभाग करते हुए 220 नव नियुक्त चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त चिकित्सकों को शुभकामनाएं देते हुए इस क्षण को उनके जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव बताया। कहा कि आप मात्र चिकित्सक नहीं बल्कि देवभूमि के आरोग्य प्रहरी भी हैं। इसीलिए आप सभी को प्रदेश की चिकित्सा को सस्ती, जनसुलभ और नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए पूर्ण समर्पण और सेवाभाव से कार्य करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 11 लाख से अधिक पेशेंट्स को 21 करोड़ से अधिक की कैशलेस इलाज की सुविधा प्राप्त हो चुकी है। श्रीनगर में कार्डियो और न्यूरोलॉजी तथा हल्द्वानी में कैंसर से संबंधित विशेष चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है। कहा कि आपात स्थिति में सुदूरवर्ती क्षेत्रों से हेली के माध्यम से भी स्वास्थ्य सेवाएं जीवनदायिनी का काम कर रही हैं। अभी हाल ही में धराली में आई आपदा के दौरान भी इसको देखा गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकतर निःशुल्क स्वास्थ्य जांच, स्वास्थ्य केंद्रों के आधुनिकीकरण, पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति और टेलीमेडिसिन सेवा के विस्तार से राज्य में चिकित्सा सेवाओं को नया आयाम मिला है।

उन्होंने कहा कि हम प्रत्येक जनपद में एक-एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। ताकि लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड प्रत्येक क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है और विकसित भारत के संकल्प को साकार करने का एक तरह से उत्तराखंड नेतृत्व कर रहा है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत का संकल्प उत्तराखंड के विकसित होने से और उत्तराखंड के विकसित होने का संकल्प यहां के समाज, नागरिकों और प्रत्येक क्षेत्र के विकसित होने से ही साकार होगा।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग नियुक्तियों के मामले में नित्य नए कृतिमान स्थापित कर रहा है। कहा कि 220 चिकित्सकों में 04 दिव्यांग कोटे के चिकित्सकों को छोड़कर शेष सभी चिकित्सक दुरस्त क्षेत्रों में तैनाती देंगे। कहा कि विभाग शीघ्र ही और चिकित्सकों, नर्सेज और सपोर्टिंग स्टाफ की भी भर्ती करने जा रहा है।

मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के जन्म दिवस 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक राज्य के 220 स्थानों पर बड़े अभियान के तौर पर ब्लड डोनेशन कैंप लगाए जाएंगे तथा प्रत्येक गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाकर 25 लाख से अधिक लोगों को इससे लाभान्वित किया जाएगा।

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सकों के साथ-साथ सपोर्टिंग स्टाफ की अधिक उपलब्धता सुनिश्चित होने से अधिकतर चिकित्सक इन क्षेत्रों में भी अपने आप सेवाएं देने के लिए प्रेरित होंगे। उन्होंने कहा कि आज भी लोग ईश्वर के बाद सबसे अधिक सम्मान चिकित्सक को देते हैं इसी कारण चिकित्सकों को लोगों के विश्वास को और बढ़ाने के प्रयास करने होंगे।

इस अवसर पर मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजान दास, राजकुमार पोरी, व सरिता कपूर, राज्य स्तरीय उपाध्यक्ष राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सुरेश भट्ट, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार, महानिदेशक स्वास्थ्य सुनीता टम्टा सहित संबंधित चिकित्सक व अधिकारी उपस्थित थे।

धामी कैबिनेट का बड़ा फैसला, उत्तराखंड से मदरसा बोर्ड होगा खत्म

अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों को लेकर धामी कैबिनेट ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस कड़ी में उत्तराखंड अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान विधेयक-2025 को मंजूरी दी गई है, जिसे ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में 19 अगस्त से प्रारंभ हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा।

इस विधेयक के अधिनियम बनने पर इसके तहत उत्तराखंड राज्य अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। अभी तक अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान का दर्जा केवल मुस्लिम समुदाय को ही मिलता है, लेकिन अधिनियम के तहत मुस्लिम के साथ ही अन्य अल्पसंख्यक समुदायों सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई व पारसी को भी यह सुविधा मिलेगी

यही नहीं, मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक संस्थानों में गुरुमुखी व पाली भाषा भी पढ़ाई जा सकेगी। इसके साथ ही मुस्लिम समुदाय के शैक्षिक संस्थानों को मान्यता देने वाले मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2016 और उत्तराखंड गैर सरकारी अरबी व फारसी मदरसा नियम, 2019 को एक जुलाई, 2026 से समाप्त कर दिया जाएगा।

अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान विधेयक के अधिनियम बनने पर यह देश ऐसा पहला अधिनियम होगा, जो राज्य में सभी अल्पसंख्यक समुदायों द्वारा स्थापित शैक्षिक संस्थानों को पारदर्शी ढंग से न केवल मान्यता देगा, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता व उत्कृष्टता भी सुनिश्चित करेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में रविवार को सचिवालय में हुई कैबिनेट की बैठक में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से रखे गए इससे संबंधित विधेयक को चर्चा के बाद स्वीकृति दे दी गई। अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान अधिनियम के अंतर्गत राज्य के सभी छह अल्पसंख्यक समुदायों के शैक्षिक संस्थानों को एक छतरी के नीचे लाया जाएगा।

धार्मिक शिक्षा पर कोई रोक नहीं
अधिनियम के लागू होने पर मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों में धार्मिक शिक्षा पर कोई रोक नहीं होगी। प्राधिकरण इसका पाठ्यक्रम निर्धारित करेगा। वह यह भी सुनिश्चित करेगा कि इन संस्थानों में उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा बोर्ड के तय मानकों के अनुसार शिक्षा दी जाए और विद्यार्थियों का मूल्यांकन निष्पक्ष व पारदर्शी हो।

अधिनियम की खास बातें
अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान का दर्जा प्राप्त करने के लिए प्राधिकरण से अनिवार्य रूप से लेनी होगी मान्यता।
मान्यता प्राप्त करने को संस्थान का सोसायटी, ट्रस्ट या कंपनी एक्ट में पंजीकरण अनिवार्य। भूमि, बैंक खाते व अन्य संपत्तियां भी संस्थान के नाम होनी चाहिए।
इन संस्थानों की स्थापना व संचालन में प्राधिकरण हस्तक्षेप नहीं करेगा, लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता व उत्कृष्टता सुनिश्चित करेगा।
वित्तीय गड़बड़ी, पारदर्शिता की कमी अथवा धार्मिक व सामाजिक सद्भावना के विरुद्ध गतिविधियों की स्थिति में वापस ली जाएगी मान्यता।
ये होंगे लाभ
अल्पसंख्यक समुदायों के शैक्षिक संस्थानों को पारदर्शी प्रक्रिया से मिलेगी मान्यता।
शिक्षा की गुणवत्ता के साथ अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकार भी रहेंगे सुरक्षित।
संस्थानों के संचालन की निगरानी और समय-समय पर आवश्यक निर्देश जारी कर सकेगी सरकार।

विधानसभा सत्र को लेकर स्पीकर से मिले सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण से उनके यमुना कॉलोनी स्थित आवास पर शिष्टाचार भेंट की और विधानसभा सत्र की तैयारियों को लेकर चर्चा की। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल भी मौजूद थे।