कृषि और उद्यान के क्षेत्र में आर्थिकी बढ़ाने के लिए नवाचार पर विशेष ध्यान देंः सीएम

राज्य में कृषकों की आय बढ़ाने के लिए ज्ञान-विज्ञान के साथ परंपरागत खेती को बढ़ावा दिया जाए। जिन क्षेत्रों में किसान अच्छा कार्य कर रहे हैं, उन्हें उसी क्षेत्र में और बेहतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। विभागों द्वारा जो भी कार्य किये जा रहे हैं, उनका परिणाम धरातल पर दिखे। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए विभागों द्वारा जिन योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, उनकी भौतिक स्थिति, वित्तीय प्रगति, आउटकम और आउटपुट के आधार पर कार्य किये जाएं, ताकि बजट का भी सही तरीके से उपयोग हो और लोगों की आजीविका भी बढ़े। ये निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में कृषि, उद्यान और सहकारिता विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा के दौरान दिये।

कृषि और उद्यान विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कृषि और उद्यान के क्षेत्र में आर्थिकी बढ़ाने के लिए नवाचार पर विशेष ध्यान दिया जाए। क्लस्टर आधारित खेती को बढ़ावा दिया जाए। मिलेट को राज्य में और बढ़ावा दिया जाए। पॉलीहाउस के निर्माण में तेजी लाई जाए। एरोमा, एप्पल मिशन, कीवी मिशन के साथ ही उत्तराखण्ड के पारंपरिक उत्पादों और फलों के उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में कार्य किये जाएं। नाशपती, प्लम, माल्टा, नारंगी, आड़ू के उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाए। जिन फसलों को जानवर नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, उनको बढ़ावा दिया जाए और औषधीय पादपों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कृषकों को जागरूक किया जाए।

सहकारिता विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये सहकारिता के क्षेत्र में लोगों को उचित प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। किसानों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए वैल्यूचौन सिस्टम को मजबूत बनाया जाए। राज्य में किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को बढ़ाने के साथ ही किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में प्रयास किये जाएं। आगामी 05 साल में प्रदेश की सभी ग्राम सभाओं को पैक्स से जोड़ा जाए। सहकारी समितियों में व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ाने के साथ ही विपणन के लिए सुदृढ़ व्यवस्थाएं की जाएं।

बैठक में जानकारी दी गई कि किसानों की सुविधा के लिए ई-रूपी की व्यवस्था की जा रही है। यह सुविधा अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में शुरू की जायेगी। इससे किसानों को त्वरित, सुरक्षित और पारदर्शी भुगतान की सुविधा मिलेगी, जिससे कृषि क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन आयेगा। सगंध फसलों डेमस्क रोज, तिमरू, दालचीनी, लेमनग्रास और मिंट को राज्य में तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है। उच्च मूल्य वाली सगंध फसलों के क्षेत्रफल और उत्पादकता को बढ़ावा दिया जा रहा है। आईटीबीपी और सेना ताजे पदार्थों की बिक्री की व्यवस्था की गई है, इससे किसानों को निश्चित बाजार मिलेगा और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा भी मिलेगा।

बैठक में कृषि मंत्री गणेश जोशी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, दिलीप जावलकर, एस.एन पाण्डेय, विनय शंकर पाण्डेय, रणवीर सिंह चौहान, अपर सचिव सोनिका, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीपीपीजीजी मनोज पंत और संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

पीएम के आह्वान को धरातल पर उतारने के लिए धामी सरकार ने कसी कमर

उत्तराखंड की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिट इंडिया के जिस अभियान का जिक्र किया था, उसे धरातल पर उतारने की तैयारी तेज हो गई है। इस क्रम में राज्य सरकार ने सबसे पहले, शैक्षणिक संस्थानों पर फोकस किया है। ईट राइट इंडिया अभियान की पृष्ठभूमि में छात्र-छात्राओं में स्वास्थ्य जागरूकता के लिए नए सिरे से कवायद की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में विद्यालयी शिक्षा समेत पांच विभागों को पत्र भेजा है। पत्र में जोर दिया गया है कि छात्र-छात्राओं में संतुलित आहार के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।

सभी शैक्षणिक संस्थानों में डिस्पले होगी ईट राइट थाली
स्वास्थ्य सचिव डा आर राजेश कुमार की ओर से विद्यालयी शिक्षा के अलावा समाज कल्याण, कौशल विकास एवं सेवायोजन, संस्कृत शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिवों को पत्र प्रेषित किया गया है। इसमें अपेक्षा की गई है कि शैक्षणिक संस्थानों में टीन प्लेट/डिस्पले बोर्ड के माध्यम से ईट राईट थाली का प्रचार-प्रसार किया जाए। ईट राइट इंडिया अभियान के राज्य नोडल अधिकारी गणेश चंद्र कंडवाल के अनुसार-खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की ओर से स्कूली बच्चों के लिए वर्ष 2020 में खाद्य सुरक्षा मानक तय किए गए हैं। इसमें बताया गया है कि ईट राइट थाली में क्या-क्या संतुलित आहार बच्चों के लिए होने चाहिए।

छह ईट राइट किचन का प्रस्ताव केंद्र को भेजेंगे

फिट इंडिया अभियान के अंतर्गत विद्यालयी शिक्षा विभाग छह ईट राइट किचन का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इस प्रस्ताव को जल्द ही केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। समग्र शिक्षा अभियान के अपर निदेशक कुलदीप गैरोला के अनुसार-छह विद्यालयों में ईट राइट की व्यवस्था के लिए ये किचन बनाए जाएंगे, जिन्हें हम मार्डन किचन भी कह सकेंगे। इसके अलावा, टीन प्लेट, डिस्पले बोर्ड के माध्यम से फिट इंडिया और ईट राइट का संदेश प्रसारित किया जाएगा। जागरूकता के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए जाने भी प्रस्तावित किए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री जी ने सभी नागरिकों से स्वस्थ रहने का जो आह्वान किया है, उसे धरातल पर उतारने के लिए उत्तराखंड कृतसंकल्प है। सरकार ने इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया है। स्वस्थ भारत, स्वस्थ उत्तराखंड बनाने के लिए यह जरूरी है कि सभी लोग संतुलित आहार पर ध्यान देना शुरू करें। मैं सभी से अपील करता हूं कि वह इस अभियान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

सीएस ने दिए सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने पर जिलाधिकारियों को बहुउद्देशीय शिविर के निर्देश

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने वर्तमान सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर कार्यक्रमों के आयोजन के सम्बन्ध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किये

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं कि 23 मार्च, 2025 को वर्तमान सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार राज्य के जनपद मुख्यालयों में आयोजित कार्यक्रम के अंतर्गत जन सेवा थीम पर बहुदेशीय शिविरों एवं चिकित्सा शिविरों का आयोजन किये जाएगे ।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश जारी किये हैं कि प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार जनपदों में चिकित्सा शिविरो एवं बहुदेशीय शिविरो का आयोजन 22 मार्च से 25 मार्च 2025 तक किया जायेगा। मुख्य कार्यकम 22 मार्च को जनपद अल्मोड़ा में तथा 23 मार्च 2025 को जनपद देहरादून में आयोजित किया जायेगा। समस्त जनपदों के जनपद मुख्यालयों में भी 23 मार्च 2025 को कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है. जिसमें सूचना विभाग द्वारा तैयार विकास पुस्तिका का विमोचन, बहुद्देशीय शिविर तथा चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जायेगा। जनपद मुख्यालयों में कार्यक्रम की अध्यक्षता सम्बन्धित जनपद के प्रभारी मंत्री के द्वारा की जायेगी। जिन जनपदों में कतिपय कारणों से प्रभारी मंत्री की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं हो पा रही है, वहां कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसदगण द्वारा की जायेगी। सम्बन्धित जिलाधिकारी कार्यक्रम की अध्यक्षता हेतु प्रभारी मंत्री/मा० सांसदगण से निवेदन कर समन्वय स्थापित करेंगे। बहुद्देशीय शिविर में आम जन को प्रदान की जाने वाली सेवाओं की उपलब्धता, विभिन्न विभागों द्वारा प्रदान की जाने वाली जनोपयोगी योजनाओं एवं सुविधाओं की जानकारी, निःशुल्क स्वास्थ्य जांच एवं दवाओं का वितरण आदि सुनिश्चित किया जाएगा, इसके साथ ही सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेते हुए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले लाभार्थियों की सक्सेस स्टोरीज का भी प्रचार-प्रसार किया जाय। जनपद स्तर पर कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रातः 11ः00 बजे किया जाना है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश जारी किए हैं कि प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार प्रभारी मंत्री/सांसद द्वारा पहले जनता को सम्बोधित किया जायेगा। जनपद देहरादून में आयोजित होने वाले कार्यक्रम को मुख्यमंत्री द्वारा अपराह लगभग 12ः30 बजे सम्बोधित किया जायेगा, जिसका सजीव प्रसारण समस्त जनपद मुख्यालयों एवं तहसील/ ब्लॉक मुख्यालयों में आयोजित होने वाले कार्यक्रन में भी प्रसारित किया जायेगा। जनपद स्तर पर बहुद्देशीय शिविर / चिकित्सा शिविर एवं कार्यक्रम के आयोजन की व्यवस्था सम्बन्धित जिले के जिलाधिकारी द्वारा की जायेगी, इसमें टेंट, फर्नीचर, जलपान, भोजन आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। कार्यक्रम स्थल पर उत्तराखण्ड की लोक परम्पराओं, लोक नृत्य, लोक गायन, लोक कला जैसे कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम के व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ ही साथ जन सामान्य हेतु सरकार द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं से सम्बन्धित पठनीय सामग्री भी उपलब्ध कराई जायेगी। जनपद मुख्यालय पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में स्थानीय सम्मानित जन प्रतिनिधियों के साथ-साथ सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को भी आमंत्रित किया जायेगा। 23 मार्च, 2025 को आयोजित होने वाले कार्यक्रम के अतिरिक्त 24 मार्च से 30 मार्च, 2025 तक जन सेवा थीम पर प्रत्येक विधानसभा / ब्लॉक स्तर पर भी बहुदेशीय शिविर एवं चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाएगा। विधानसभा क्षेत्र/ब्लॉक मुख्यालयों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की तिथि निश्चित कर बहुउद्देशीय शिविरों के आयोजन का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा,ताकि अधिकतम जन सहभागिता सुनिश्चित हो सके तथा आमजन को अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके। विधानसना/ब्लॉक मुख्यालयों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में मा० सांसदगण / मा० विधायक गण एवं सम्मानित जन प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जायेगा।

उक्त कार्यक्रमों को सफल बनाने हेतु जो भी कार्य आवश्यक होंगे, जिलाधिकारी अपने स्तर से निर्णय लेंगे।

सांस्कृतिक एकता को मजबूती प्रदान कर समरसता की भावना को भी मजबूत करता है होलीः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नगर निगम देहरादून द्वारा आयोजित होली मिलन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नगर निगम देहरादून में वित्तीय कार्यों में पारदर्शिता बनाये रखने के उद्देश्य से बनाई गई ई-कोष वेबसाइट का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों को हर्ष, उल्लास, उमंग और रंगों से भरे पर्व होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व समाज में सांस्कृतिक एकता को मजबूती प्रदान कर समरसता की भावना को भी मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि हमारी इस सांस्कृतिक विरासत को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए सभी को निरंतर प्रयास करने होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी ट्रिपल इंजन की सरकार देहरादून के प्रत्येक नागरिक के जीवन स्तर को और अधिक बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। देहरादून नगर निगम द्वारा जहां एक ओर उच्च कोटि की जन सुविधाएँ प्रदान करने के लिए कार्य किये जा रहे हैं, वहीं शहर में स्वच्छता को और भी अधिक बेहतर बनाने का प्रयास भी किया जा रहा है। केदारपुरम में 3.5 हेक्टेयर भूमि पर 5 करोड़ की लागत से योगा पार्क बनाया जा रहा है और यमुना कालोनी में 1.3 करोड़ रूपए की लागत से एक नए पार्क का निर्माण किया जा रहा है। विभिन्न पार्कों के सौंदर्यीकरण एवं उच्च कोटि की कूड़ा प्रबंधन व्यवस्था बनाए जाने के लिए 2 स्थानों पर मैकेनाईज्ड ट्रांसफ़र स्टेशन स्थापित करने और वार्डों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 3 पर्यावरण मित्रों को प्रत्येक माह स्वच्छता सेनानी सम्मान योजना के अन्तर्गत दस हजार रूपये प्रति माह का सम्मान भी दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निगम द्वारा भवन कर का भुगतान के लिए ऑनलाइन सुविधा देने के साथ ही वित्तीय प्रकरणों में पारदर्शिता बनाये रखने के उद्देश्य से ई-कोष वेबसाईट तैयार की गयी है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में नगर निगम देहरादून को देश में 68 वां तथा उत्तराखण्ड के सभी नगर निगमों में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस वर्ष देहरादून की स्वच्छता रैंकिंग में और अधिक सुधार आएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य की जन भावनाओं के अनुरूप राज्य के विकास के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। विधानसभा में उत्तराखंड का भू कानून के लिए विधेयक पारित किया जा चुका है। राज्य की जनभावनाओं के अनुरूप सख्त भू कानून लाया जा रहा है। समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना है। यूसीसी महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नया अध्याय लिख रहा है और महिलाओं के लिए सुरक्षा कवच साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि यूसीसी की ये गंगा देश के हर राज्य को लाभ देने का कार्य करेगी। उत्तराखण्ड में निवेश के लिए निवेशको का रूझान तेजी से बढ़ रहा है, उनको सिंगल विंडो सिस्टम से अनुमतियां प्रदान की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 04 जुलाई 2021 को शपथ लेने के बाद उन्होंने राज्य में सरकारी विभागों में सभी रिक्त पदों को भरने का निर्णय लिया था। इस साढ़े तीन साल में 20 हजार से अधिक युवाओं को राज्य में नौकरी दी गई है। यह कालखण्ड रोजगार का कालखण्ड भी है।

मेयर देहरादून सौरभ थपलियाल ने होली मिलन कार्यक्रम में सीएम का आभार जताया। उन्होंने कहा कि सीएम के मार्गदर्शन में राज्य ऊंचाइयों की ओर अग्रसर है। सरकार आम जन की भावनाओं के अनुरूप नीतियों को लागू कर रही है जिससे उन्हें अधिकतम लाभ मिल सके। मेयर ने शहर के समस्त नागरिकों को होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शहर वासियों को बेहतर जन सुविधाएं देने के लिए नगर निगम प्रयासरत है। सहस्त्रधारा स्थित पूर्व ट्रेचिंग ग्राउंड के लीगेसी वेस्ट को 2025 तक समाप्त कर दिया जाएगा। इसके बाद इस स्थल को आम जन के लिए सुरक्षित व्यापक हाट बाजार में तब्दील किए जाने की योजना है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजान दास, सविता कपूर, दुर्गेश्वर लाल, पूर्व मेयर सुनील उनियाल गामा, अन्य जनप्रतिनिधिगण, नगर आयुक्त नमामि बंसल, नगर निगम के अधिकारी ओर कर्मचारी उपस्थित थे।

फिट उत्तराखंड अभियान से स्वास्थ्य, स्वच्छता और फिटनेस को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में फिट उत्तराखंड अभियान व्यापक स्तर पर चलाया जाए। उन्होंने अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन को निर्देशित किया कि सभी विभागों के साथ समन्वय कर इस अभियान के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए।

स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करेगा अभियान

मुख्यमंत्री ने कहा कि फिट उत्तराखंड अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के नागरिकों को स्वास्थ्य, स्वच्छता और फिटनेस के प्रति जागरूक करना है, जिससे वे स्वस्थ जीवनशैली अपना सकें। इस अभियान में शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों को भी शामिल किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोग इससे लाभान्वित हो सकें।

योग, व्यायाम और खेल गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि फिट उत्तराखंड अभियान के तहत योग, व्यायाम और स्वास्थ्य जागरूकता अभियानों को बढ़ावा दिया जाए। साथ ही, स्कूल और कॉलेजों में खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाए ताकि युवा पीढ़ी शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय और स्वस्थ रह सके।

प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान को आगे बढ़ाएगा अभियान

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोटापा कम करने के लिए जागरूकता बढ़ाने का आह्वान किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोगों को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए और खाने में तेल का उपयोग कम करने की आदत डालनी चाहिए। फिट उत्तराखंड अभियान के माध्यम से इस संदेश को प्रदेशभर में प्रसारित किया जाएगा।

जन-जन तक पहुंचेगा फिट उत्तराखंड का संदेश

सरकार का लक्ष्य है कि फिट उत्तराखंड अभियान का संदेश प्रदेश के हर नागरिक तक पहुंचे। इस अभियान के तहत विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जाएगा, जिससे आमजन अपनी दिनचर्या में फिटनेस को शामिल करने के लिए प्रेरित हों।

प्रदेश में ग्रीन चारधाम यात्रा अभियान शुरू किया जाएः सीएम

चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले यात्रा से सबंधित सभी व्यवस्थाएं पूर्ण की जाएं। यात्रा के दृष्टिगत सड़क, पेयजल, विद्युत, स्वास्थ्य सुविधाओं की समुचित व्यवस्था की जाए। चारधाम यात्राकाल के दौरान यातायात प्रबंधन और यात्रा मार्गों पर पार्किंग की उचित व्यवस्था की जाए। श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जाए। ग्रीन चारधाम यात्रा का अभियान शुरू किया जाए। ये निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों की बैठक के दौरान अधिकारियों को दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा पर देश और दुनिया की नजर रहती है। यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए हर स्तर पर कार्य किये जाएं। यह यात्रा राज्य की लाइफलाइन है और आर्थिकी का बड़ा माध्यम है। पिछले साल की यात्रा में आई चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए आगे की योजना पर कार्य किये जाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि श्रद्धालुओं को अनावश्यक रूप से परेशानी न हो। चारधाम यात्रा मार्गों में श्रद्धालुओं के लिए हेल्थ स्क्रीनिंग टेस्ट की समुचित व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही पशुपालन विभाग समय पर घोड़े-खच्चरों का स्वास्थ्य परीक्षण भी करे। साथ ही यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के लिए पर्याप्त संख्या में गर्म पानी और चारे की व्यवस्था उपलब्ध रहे। यात्रा शुरू होने से पहले संकरे मार्गों का चौड़ीकरण और जिन स्थानों पर सड़क निर्माण से सबंधित कार्य चल रहे हैं, उन्हें पूर्ण किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं को अनावश्यक रूप से रूकना न पड़े। यातायात प्रबंधन की दृष्टि से रोकना भी पड़े, तो उन्हें सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि विजिलेंस द्वारा हेलीकॉप्टर टिकटों की कालाबाजारी रोकने के लिए सतर्क होकर निगरानी की जाए और संबंधितों पर सख्त कार्रवाई की जाए। यात्रा मार्गों पर शौचालयों की पूर्ण व्यवस्था के साथ पिंक टॉयलेट की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाए। यात्रा मार्गों पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा भी स्वच्छता अभियान चलाया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मार्च माह में विभागीय सचिव और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण करें। उन्होंने राज्य में ग्रीन चारधाम यात्रा की शुरुआत करने के साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक का चारधाम यात्रा के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिये। चारधाम यात्रा के लिए वैकल्पिक मार्गों की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। चारधाम यात्रा मार्ग पर मोबाइल कनेक्टिविटी, संवेदनशील स्थानों पर आवश्यक संसाधनों और ड्रोन से निगरानी की व्यवस्था की जाए। चारधाम यात्रा के दृष्टिगत हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किया जाए। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मौसम के रियल टाइम अपडेट सिस्टम को मजबूत बनाया जाए। इस अवसर पर सीएम ने यात्रा मार्ग से जुड़े जिलों के डीएम से यात्रा मार्ग से जुड़ी विभिन्न तैयारियों की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के शीतकाल यात्रा के स्थलों का मास्टर प्लान तैयार किया जाए। इनके आसपास के क्षेत्रों को भी विकसित किया जाए। गंगोत्री और यमुनोत्री के मास्टर प्लान पर भी कार्य किया जाए। 2026 में होने वाली नंदा राजजात और 2027 के कुंभ के लिए भी अभी से तैयारी करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने सभी आईएएस, आईपीएस और पीसीएस अधिकारियों से कहा कि उन्होंने राज्य के जिस तहसील, पुलिस थाने, ब्लॉक या अन्य क्षेत्रों से नौकरी की शुरुआत की है, उन्हें गोद लेकर उनके विकास में योगदान दें। अपनी नौकरी के शुरुआत के इन क्षेत्रों में रात्रि प्रवास कर जन समस्याओं का समाधान करें, सरकारी स्कूलों, अस्पतालों और अन्य संस्थानों का भ्रमण कर व्यवस्थाओं का निरीक्षण भी करें।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डॉ. धन सिंह रावत, दर्जाधारी मंत्री विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिवगण, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष और वर्चुअल माध्यम से चारधाम यात्रा से जुड़े जिलाधिकारी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने शीतकालीन पर्यटन के साथ शीतकालीन साहसिक खेलों को दिया बढ़ावा, अपील भी की

राज्य में शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने एवं गंगोत्री धाम के शीतकालीन गद़्दी स्थल उत्तरकाशी के मुखवा गांव में मां गंगा के दर्शन करने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को हर्षिल, उत्तरकाशी में शीतकालीन पर्यटन कार्यक्रम के तहत 2 मोटर बाइक रैली एवं 2 ट्रैक रूट दलों को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री ने धार्मिक पर्यटन के साथ शीतकाल के समय उत्तराखंड में होने वाले साहसिक खेलों को भी बढ़ावा दिया। जिसके तहत उन्होंने नेलांग, जादुंग, सोनम एवं पीडीए घाटी के अद्भुत और अनछुए पर्यटन गंतव्यों के लिए साहसिक पर्यटन अभियानों का फ्लैग ऑफ किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर्षिल से पी.डी.ए मोटर बाईक-।ज्ट-त्ज्ट रैली के 21 सदस्यों (भारतीय सेना) के दल एवं हर्षिल-जादुंग मोटर बाइक रैली के 18 सदस्यों ( उत्तराखंड पर्यटन) के दल को फ्लैग ऑफ किया। साथ ही उन्होंने नीला पानी-मुलिंग ला पास ट्रैक के 15 सदस्यों (आई.टी.बी.पी) के दल एवं जादुंग-जनकताल ट्रैक पर जा रहे 22 सदस्यों ( एन.आई.एम ) के दल का भी फ्लैग ऑफ किया।

मोटर बाईक-।ज्ट-त्ज्ट रैली (हर्षिल – पी.डी.ए), मोटर बाइक रैली (हर्षिल-जादुंग) मोटर बाइक रैली नेलांग, जादुंग, सोनम एवं पी.डी.ए वैली में आयोजित की जा रही है। इन घाटियों की भौगोलिक स्थिति लद्दाख की भांति है। जिसका उद्देश्य लद्दाख वैली की तर्ज पर उत्तराखंड के हर्षिल क्षेत्र को देश का बड़ा मोटर बाईक डेस्टिनेशन बनाया जाना है।

नीलापानी-मुलिंग ला पास ट्रैक एवं जादुंग-जनकताल ट्रैक रूट गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में स्थित है तथा भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना बाईब्रेन्ट विलेज प्रोग्राम के अन्तर्गत सम्मिलित है। जो ईनर लाईन क्षेत्र में पड़ते है, जहाँ पर आवागमन हेतु ईनर लाईन परमिट की आवश्यकता होती है। उक्त क्षेत्र को पुनः बसायत किये जाने हेतु पर्यटन विभाग द्वारा जादंग में होमस्टे बनाये जा रहे हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य स्थानीय निवासियों के रोजगार एवं आजीविका के विकास का सृजन किया जाना है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड में कोई ष्ऑफ-सीजनष् नहीं होना चाहिए और पर्यटन को हर मौसम में फलना-फूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, पहाड़ों में पर्यटन मौसमी है, जिसमें मार्च, अप्रैल, मई और जून के दौरान पर्यटकों की अच्छी-खासी आमद होती है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसके बाद पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आती है, जिससे सर्दियों के दौरान अधिकांश होटल, रिसॉर्ट और होमस्टे खाली हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस असंतुलन के कारण उत्तराखंड में साल के एक बड़े हिस्से में आर्थिक ठहराव बना रहता है और पर्यावरण के लिए भी चुनौतियां पैदा होती हैं।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा सर्दियों के दौरान उत्तराखंड की यात्रा करने से देवभूमि की दिव्य आभा की सच्ची झलक मिलती है। उन्होंने कहा विंटर टूरिज्म में यहां, लोगों को ट्रैकिंग, स्कीइंग जैसी एक्टिविटीज का रोमांच, सचमुच में रोमांचित कर देगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में धार्मिक यात्राओं के लिए सर्दियां विशेष महत्व रखती हैं, क्योंकि इस दौरान कई पवित्र स्थलों पर अनोखे अनुष्ठान किए जाते हैं। उन्होंने मुखवा गांव में होने वाले धार्मिक समारोहों को क्षेत्र की प्राचीन और महत्वपूर्ण परंपराओं का अभिन्न अंग बताया।

प्रधानमंत्री ने की ‘घाम तापो’ के तौर पर की उत्तराखंड विंटर टूरिज्म की ब्रांडिंग

एक दिवसीय शीतकालीन यात्रा पर उत्तरकाशी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुखवा और हर्षिल से उत्तराखंड में शीतकालीन तीर्थाटन और पर्यटन की जोरदार ब्रांडिंग की है। प्रधानमंत्री ने तीर्थयात्रियों, पर्यटकों से लेकर कॉरपोरेट और फिल्म उद्योग तक को विंटर सीजन में उत्तराखंड आने का निमंत्रण दिया।

प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के विंटर टूरिज्म की ब्रांडिंग ‘घाम तापो टूरिज्म’ के तौर पर की है।

आज हर्षिल में जनसभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले बीते दिनों माणा में हुए हिमस्खलन में दिवंगत लोगों के प्रति दुख व्यक्त किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की यह भूमि, आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत है। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड से अपना आत्मीय लगाव, व्यक्त करते हुए कहा कि वो जीवनदायिनी मां गंगा के शीतकालीन गद़्दी स्थल पर अपने परिवारजनों के बीच पहुंचकर धन्य महसूस कर रहे हैं। प्रधानमंत्री बोले कि मां गंगा की कृपा से ही उन्हें दशकों तक उत्तराखंड की सेवा का सौभाग्य मिला। मां गंगा के आशीर्वाद से ही वो काशी पहुंच सांसद के रूप में काशी की सेवा कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने कहा था कि मां गंगा ने ही उन्हें काशी बुलाया है। प्रधानमंत्री ने दार्शनिक अंदाज में कहा कि उन्हें कुछ महीने पहले अनुभूति हुई कि जैसे मां गंगा ने उन्हें गोद ले लिया है, अब अपने बच्चे के प्रति मां गंगा का दुलार ही है कि वो आज खुद मुखवा गांव पहुंच पाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वो हर्षिल की धरती पर आकर, अपनी दीदी भुलियों को भी याद कर रहे हैं, क्योंकि वो उन्हें हर्षिल की राजमा और अन्य लोकल प्रॉडक्ट भी भेजती रहती हैं।

बन रहा उत्तराखंड का दशक

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ साल पहले जब वो बाबा केदार के दर्शन के लिए आए थे तो बाबा के दर्शन के बाद उनके मुंह से अचानक ही भाव प्रकट हुआ कि ये दशक उत्तराखंड का होने जा रहा है। ये भाव भले ही उनके थे, लेकिन इसके पीछे सामर्थ देने की शक्ति बाबा केदार की थी। अब बाबा के आशीर्वाद से ये शब्द धीरे- धीरे सच्चाई में बदल रहे हैं। ये दशक अब उत्तराखंड का बन रहा है। उत्तराखंड की प्रगति के लिए, नए – नए रास्ते खुल रहे हैं, जिन आकांक्षाओं को लेकर उत्तराखंड का जन्म हुआ था, उत्तराखंड नित नए लक्ष्य और संकल्प लेते हुए, उन्हें पूरा कर रहा है।

शीतकालीन यात्रा पर सीएम की पहल को सराहा

प्रधानमंत्री ने शीतकालीन तीर्थाटन – पर्यटन पर जोर देते हुए कहा कि इसके माध्यम से उत्तराखंड की आर्थिक सामर्थ को साकार करने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने इस अभिनव पहल के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखंड के लिए अपने टूरिज्म सेक्टर को बहूआयामी या बारामासी बनाना बहुत जरूरी है। उत्तराखंड में 356 दिन का पर्यटन जरूरी है। वो चाहते हैं कि उत्तराखंड में कोई भी पर्यटन सीजन ऑफ नहीं रहे, बल्कि हर सीजन में टूरिज्म ऑन रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी पहाड़ों पर मार्च से जून के बीच ही ज्यादातर पर्यटन आते हैं, जबकि इसके बाद पर्यटकों की संख्या बहुत कम हो जाती है। अभी सर्दियों के सीजन में होटल, रिजॉर्ट, होम स्टे खाली पड़े रहते हैं। ये असंतुलन साल के बड़े हिस्से में उत्तराखंड की आर्थिकी को सुस्त कर देता हैं। जबकि सच्चाई यह कि अगर देश- विदेश के लोग, सर्दियों में यहां आए तो उन्हें सच्चे अर्थ में देवभूमि की आभा के दर्शन होंगे। विंटर टूरिज्म में यहां लोगों को ट्रैकिंग, स्कीइंग जैसी एक्टिविटी का रोमांच मिलेगा।

सर्दियों का सीजन धार्मिक यात्रा के लिए भी अहम

प्रधानमंत्री ने कहा कि धार्मिक यात्रा के लिए भी उत्तराखंड में सर्दियों का समय बेहद खास होता है। यहां इस समय कई तीर्थ स्थलों पर विशेष अनुष्ठान होते हैं। यहां मुखवा गांव में ही जो अनुष्ठान किया जाता है, वो हमारी प्राचीन परंपरा का हिस्सा है, इसलिए उत्तराखंड सरकार का बारामासी पर्यटन का विजन, लोगों को दिव्य अनुभूति से जोड़ेगा। इससे यहां साल भर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

डबल इंजन की सरकार मिलकर काम कर रही

प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने के लिए मिलकर काम कर रही है। राज्य में चारधाम, ऑल वेदर रोड आधुनिक एक्सप्रेस वे से लेकर रेलवे और हेली सेवाओं का विस्तार हो रहा है।
एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे को मंजूरी प्रदान की है। केदारनाथ रोपवे के जरिए आठ से नौ घंटे की पैदल यात्रा 30 मिनट में पूरी हो जाएगी। इससे बुजुर्ग, महिलाओं और बच्चों की यात्रा सुगम हो सकेगी।

सीमांत गांवों के विकास पर जोर

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, 2014 से पहले चार धाम यात्रा पर प्रतिवर्ष 18 लाख यात्री ही आते थे, अब हर साल 50 लाख से अधिक यात्री चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल के बजट में 50 टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे हैं। इसके जरिए सरकार का प्रयास है कि उत्तराखंड के बॉर्डर वाले इलाकों में पर्यटक पहुंचे। उन्होंने कहा कि पहले सीमावर्ती गांवों को आखरी गांव कहा जाता, लेकिन अब उन्हें पहला गांव कहा जा रहा है। इसी क्रम में सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज योजना शुरू की गई है, इसके जरिए नेलांग और जादुंग गांव फिर से बसाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के टिम्मबरसैंण, महादेवसैंण, माणा और जादुंग गांव में पर्यटकों के लिए आधारभूत सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं। जादुंग को 1962 में चीन युद्ध के समय खाली करा दिया गया था, अब 70 साल बाद सरकार इस गांव को फिर से बसा रही है।

गढ़वाली में ‘घाम तापो पयर्टन’

प्रधानमंत्री ने देशभर के लोगों खासकर युवाओं से सर्दियों में उत्तराखंड आने का आह्वाहन करते हुए कहा कि सर्दियों में जब देश के बड़े हिस्से में कोहरा होता है, तो पहाड़ों में आप धूप का आनंद ले सकते हैं। गढ़वाली में इसे ‘घाम तापो पयर्टन’ कहते हैं। प्रधानमंत्री ने देश के कॉरपोरेट से उत्तराखंड में विंटर टूरिज्म से जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि कॉरपोरेट की मीटिंग, कांफ्रेंस, सेमिनार, एक्जीबिशन के लिए देवभूमि से अच्छी जगह नहीं हो सकती है। यहां आकर योग और आयुर्वेद के जरिए आप खुद को रिचार्ज कर सकते हैं। इसी तरह कॉलेज, यूनिवर्सिटी, स्कूलों के नौजवान विंटर ट्रिप के लिए उत्तराखंड आ सकते हैं।

शूटिंग और वैडिंग डेस्टिनेशन

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां हजारों करोड़ रुपए की वैडिंग इकॉनामी है। इसलिए उन्होंने देशवासियों से वेड इन इंडिया के तहत देश में ही शादियां करने की अपील की थी। सर्दियों के सीजन में वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए देशवासी उत्तराखंड को प्राथमिकता दे सकते हैं। इसी तरह भारत की फिल्म इंडस्ट्री उत्तराखंड का रुख कर सकती है, उत्तराखंड को मोस्ट फिल्म फ्रैंडली स्टेट का पुरस्कार मिल चुका है। यहां फिल्म शूटिंग के लिए शानदार सुविधाएं विकसित हो रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के कई देश विंटर टूरिज्म के लिए जाने जाते हैं, उत्तराखंड उनसे बहुत कुछ सीख सकता है। इसके लिए उत्तराखंड टूरिज्म के सभी स्टेक होल्डर मिलकर अध्ययन करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में कई जगह हॉट स्प्रिंग हैं, इन्हें वेलनेस स्पा के रूप में विकसित किया जा सकता है। धार्मिक आध्यात्मिक और योग जगत के दिग्गज सर्दियों में अपने यहां विशेष योगा कैम्प लगा सकते हैं।

कंटेंट क्रिएटर निभाएं भूमिका

प्रधानमंत्री ने हर्षिल में विंटर टूरिज्म पर लगाई गई, प्रदर्शनी का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका मन कर रहा था के वो पचास साल पुराने दिनों में लौटकर इन सभी जगहों पर कुछ दिन बिता सकूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें उत्तराखंड के विंटर टूरिज्म की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए कंटेंट क्रिएटर की मदद लेनी चाहिए, इसके लिए एक प्रतियोगिता आयोजित की जा सकती है। प्रधानमंत्री ने गंगा मैया की जय नारे के साथ अपने संबोधन का समापन किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का माँ गंगा के मायके मुखवा एवं सीमांत क्षेत्र हर्षिल घाटी आगमन पर सभी प्रदेशवासियों की ओर से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि उत्तराखंड के चहुँमुखी विकास के साथ ही यहाँ की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने में हमें सदैव प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन एवं सहयोग प्राप्त होता रहा है। उत्तराखंड में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के सफल आयोजन, विश्व स्तरीय जी-20 सम्मेलन की बैठकों का आयोजन, यूसीसी जैसा कानून लागू करना हो या फिर हाल ही में उत्तराखंड में आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों का भव्य आयोजन हो, प्रधानमंत्री का राज्य को हमेशा मार्गदर्शन मिला। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पर जब भी कोई विपदा आयी है, चाहे केदारनाथ यात्रा मार्ग पर आई प्राकृतिक आपदा, जोशीमठ में भूधंसाव, सिलक्यारा टनल हो या फिर अभी हाल ही में चमोली में माणा गाँव के पास हुई हिमस्खलन की घटना हो। प्रधानमंत्री जी हमारे साथ सदैव खड़े रहे है।

मुख्यमंत्री ने 04 हजार 81 करोड़ रूपए की लागत से गौरीकुंड से केदारनाथ और 27 सौ 30 करोड़ रूपए से अधिक की लागत से गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक रोपवे निर्माण की सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इन दोनों रोपवे परियोजनाओं के पूर्ण होने के बाद तीर्थयात्रियों को आवगमन के लिए सुगमता होगी और प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिकी का एक प्रमुख आधार है। होटल व्यवसायियों से लेकर टैक्सी चालकों, स्थानीय दुकानदारों के साथ ही यात्रा से जुड़े हुए लाखों लोगों को रोज़गार के अवसर प्राप्त होते हैं। शीतकाल में उत्तराखण्ड के चारों धामों के कपाट बंद होने के बाद इन सभी लोगों की आर्थिकी प्रभावित होती थी। जिसके दृष्टिगत प्रधानमंत्री जी से मार्गदर्शन प्राप्त कर इस वर्ष से राज्य में शीतकालीन यात्रा की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के आगमन से न केवल शीतकालीन यात्रा को वृहद् स्तर पर बढ़ावा मिलेगा बल्कि सीमांत क्षेत्र में ट्रेकिंग और माउंटेन बाइकिंग के साथ-साथ दूसरी एडवेंचरस एक्टिविटीज को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही राज्य में दो बड़े धार्मिक आयोजन प्रस्तावित है। जिनमें नंदा राजजात यात्रा और कुंभ शामिल है। हमें विश्वास है कि पीएम के नेतृत्व में इन दोनों आयोजन का सफलतापूर्वक निर्वहन करेंगे।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक सुरेश चौहान मौजूद थे।

रूड़की में लगी विकसित भारत विकसित उत्तराखंड की मेगा प्रदर्शनी, सीएम ने किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रूड़की के नेहरू स्टेडियम में ’’विकसित भारत-विकसित उत्तराखण्ड’’ मेगा प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रदर्शनी में विकसित हो रहे है भारत और उत्तराखंड की अद्भुत और जीवंत छवि को प्रस्तुत किया गया है, यह प्रदर्शनी ऐसा वातावरण प्रस्तुत कर रही है जिसमें हम सभी को एक नए भारत की झलक दिखाई दे रही है।

मुख्यमंत्री ने राज्य सभा सांसद नरेश बंसल के प्रयासों से लगाई गई मेगा प्रदर्शनी की खासियत बताते हुए कहा कि डीआरडीओ, इसरो, टीएचडीसी, और भारतीय मानक ब्यूरो के साथ ही अनेक केंद्रीय एजेंसियों द्वारा स्टॉल लगाकर विकसित भारत एवं आत्म निर्भर हो रहे भारत की उपलिब्धयों को इसमें प्रदर्शित किया गया है। राज्य के विभिन्न विभागों द्वारा भी स्टॉल लगाकर अपने-अपने विभागों की जनकल्याणकारी योजनाओं, कार्यों एवं नवाचारों को प्रदर्शनी के माध्यम से दर्शाया गया है, इसके साथ ही प्रदेश के विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा भी स्टाल लगाकर स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शनी एवं बिक्री हेतु रखा गया है, जो उत्तराखंड में सुदृढ़ हो रही ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मिसाल प्रस्तुत कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ये प्रदर्शनी न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में हमारे देश को मिल रही उपलब्धियों को उजागर कर रही है, बल्कि ये 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने की प्रतिबद्धता से जन-जन को जोड़ने का कार्य भी कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारा राष्ट्र प्राचीन काल से ही ज्ञान, विज्ञान, कला और संस्कृति के क्षेत्र में अग्रणी रहा है, वर्तमान में यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में पुनः अपने ऐतिहासिक गौरव को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत को प्रत्येक क्षेत्र में विकसित और आत्मनिर्भर बनाने हेतु आगामी 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने की जो यात्रा प्रारंभ की है, उसमें अब तक अनेक उपलब्धियाँ प्राप्त हो चुकी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान भारत शिक्षा, चिकित्सा, कृषि, विज्ञान, शोध, उत्पादन और तकनीकी विकास सहित विभिन्न क्षेत्रों में विश्व के बड़े-बड़े देशों को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ रहा है, इसी का परिणाम है कि आज भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है। आज भारत विश्व के एक प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र के रूप में भी अपनी पहचान पुर्नस्थापित कर रहा है, चाहे योग की वैश्विक स्वीकार्यता हो, अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य एवं दिव्य मंदिर का निर्माण हो, या फिर हाल ही में प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर संपन्न हुआ विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक समागम महाकुंभ हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत अपनी प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के साथ ही उसे वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ा रहा है, वहीं दूसरी ओर, भारतीय सेना के आधुनिकीकरण से लेकर सामरिक क्षेत्र में मजबूती तक, भारत का कद वैश्विक स्तर पर निरंतर ऊपर उठ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जन धन योजना, उज्जवला योजना, किसान सम्मान निधि योजना, पीएम आवास योजना, आयुष्मान भारत योजना और गरीब कल्याण अन्न योजना जैसी अनेकों योजनाएँ लागू कर देश के 25 करोड़ लोगों को बहु आयामी गरीबी रेखा से बाहर लाने का ऐतिहासिक कार्य किया है। भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के प्रधानमंत्री जी के संकल्प को पूर्ण करने में उत्तराखंड भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन एवं सहयोग से आज हमारी डबल इंजन की सरकार द्वारा जहां एक ओर शहरों से लेकर गांवों तक सड़कें बनाई जा रही हैं, वहीं ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का कार्य भी पूर्ण होने के कगार पर है, इसके साथ ही, प्रदेश के विभिन्न नगरों के लिए हेली सेवाएँ शुरु करने के साथ-साथ आज उत्तराखंड, भारत का पहला ऐसा राज्य बन चुका है, जहां हेली एंबुलेंस की सेवा प्रारंभ हो चुकी है। उन्होंने कहा कि हम प्रदेश में 20 मॉडल डिग्री कॉलेजों की स्थापना करने की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर, हाल ही में राज्य में आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों के भव्य एवं सफल आयोजन ने देवभूमि उत्तराखंड को खेल भूमि के रूप में भी स्थापित करने में मदद मिली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश से पलायन जैसी बड़ी समस्या के समाधान हेतु भी संकल्पित होकर कार्य कर रही है। वर्तमान में जहां एक ओर औद्योगिक नीति, लॉजिस्टिक नीति, स्टार्टअप नीति, निर्यात नीति और एमएसएमई नीति सहित अनेक नई नीतियां बनाकर उत्तराखंड को निवेश और रोजगार सृजन के क्षेत्र में एक अग्रणी प्रदेश के रूप में विकसित किया जा रहा है, वहीं होम स्टे योजना, लखपति दीदी योजना और मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना जैसी अनेकों योजनाएँ लागू कर स्वरोजगार को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को हाउस ऑफ हिमालयॉज ब्रांड के माध्यम से आज देश-विदेशो तक पहुंचाया जा रहा है। प्रदेश में स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ रुपए का एक वेंचर फण्ड भी तैयार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने एक वर्ष के भीतर प्रदेश की बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4 प्रतिशत कमी लाकर राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ने का काम किया है और इतना ही नहीं, पिछले साढ़े तीन वर्षों में सरकार ने प्रदेश के 20 हज़ार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी देने में सफलता प्राप्त की है। प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित एवं संवर्धित रखने के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में भी हम निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि श्री केदारनाथ धाम एवं श्री बद्रीनाथ धाम में पुनर्निर्माण के साथ ही मानसखंड में स्थित कुमाऊँ के पौराणिक मंदिरों के पुनरुत्थान एवं सौंदर्गीकरण हेतु करोड़ों की लागत से परियोजनाएँ संचालित की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष से प्रदेश में शीतकालीन चारधाम यात्रा का शुभारंभ भी किया गया है, जिसके वृहद् स्तर पर प्रोत्साहित करने के लिए जल्द ही देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं शीतकालीन यात्रा का हिस्सा बनने उत्तराखंड पधारने वाले हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का विकास सुनिश्चित करने के साथ ही प्रदेश के हित में कई कठोर एवं ऐतिहासिक निर्णय लेने का कार्य भी किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करना हो, देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू करना हो, धर्मांतरण रोधी और दंगा रोधी कानून लागू करना हो या लैंड जेहाद, लव जेहाद और थूक जेहाद के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने का काम किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सुख-शांति बनाए रखने के साथ ही प्रदेश की डेमोग्राफी संरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में हमने भू-सुधार एवं भू-प्रबंधन कानून जिसे भू-कानून के रूप में भी जाना जाता है, को लागू कर स्पष्ट कर दिया है हम भू-माफियाओं को उत्तराखंड से भगाकर ही दम लेंगे। उन्होंने कहा कि इस कानून से असल निवेशकों को बिल्कुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं है, वास्तविक निवेशकों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि हमारी नीतियों और प्रयासों का परिणाम है कि नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2023-24 के सतत विकास के लक्ष्यों के इंडेक्स में उत्तराखंड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। इसके साथ ही, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तराखंड को एचीवर्स तथा स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर्स की श्रेणी प्राप्त हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारा राज्य प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, तथा विश्वास व्यक्त किया कि हम जन सहभागिता से उत्तराखंड को देश के एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने के अपने विकल्प रहित संकल्प को पूर्ण करने में अवश्य सफल होंगे। सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत, कल्पना सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, विधायक प्रदीप बत्रा द्वारा भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये गये तथा राज्य सभा सासंद नरेश बंसल द्वारा अभिनन्दन पत्र पढ़कर स्वागत किया गया।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष किरन चौधरी, मेयर अनिता अग्रवाल, विधायक प्रदीप बत्रा, आदेश चौहान, बीजेपी जिला अध्यक्ष शौभाराम प्रजापति, दर्जा राज्यमंत्री श्वामवीर सैनी, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, पूर्व विधायक सजय गुप्ता, देशराज कर्णवाल, सुरेश चन्द्र जैन, जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल, सहित अन्य जनप्रतिनिधि, विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थी तथा क्षेत्रीय जनता उपस्थित थी।

सीएम से मुलाकात कर एकल सदस्यीय समर्पित आयोग के अध्यक्ष ने सौंपी रिपोर्ट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सेे एकल सदस्यीय समर्पित आयोग के अध्यक्ष बीएस वर्मा ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में भेंट की। राज्य के भीतर स्थानीय निकायों में सभी स्तरों पर अन्य पिछड़ा वर्ग के पिछड़ेपन की प्रकृति और उसके निहितार्थों की समसामयिक एवं अनुभवजन्य तरीके से गहन जाँच किये जाने के लिए गठित एकल सदस्यीय समर्पित आयोग के अध्यक्ष बीएस वर्मा ने ग्रामीण स्थानीय निकायों के सामान्य निर्वाचन के प्रयोजनार्थ अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण/प्रतिनिधित्व दिये जाने के लिए (शेष 12 जनपदों) की तृतीय रिपोर्ट सौंपी।

इससे पहले आयोग द्वारा 14 अगस्त 2022 को जनपद हरिद्वार की प्रथम रिपोर्ट सौंपी गई थी। जनपद हरिद्वार की (प्रथम रिपोर्ट) एवं शेष 12 जनपदों की (तृतीय रिपोर्ट) के त्रिस्तरीय पंचायतों में यथा जिला पंचायत अध्यक्षों के कुल 13 स्थान, जिला पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों (वार्ड) के कुल 358 स्थान, क्षेत्र पंचायत प्रमुख के कुल 89 स्थान, क्षेत्र पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों (वार्ड) के कुल 2974 स्थान, ग्राम पंचायत प्रधानों के कुल 7499 स्थान एवं ग्राम पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों (वार्ड) के कुल 55589 स्थानों में अन्य पिछड़ा वर्ग को समुचित प्रतिनिधित्व देने के लिए वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार अपनी संस्तुति दी गई है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजानदास, सविता कपूर, बृजभूषण गैरोला, सचिव पंचायती राज चन्द्रेश यादव, निदेशक पंचायती राज निधि यादव, अपर सचिव पंचायती राज पन्ना लाल शुक्ला, सदस्य सचिव/संयुक्त सचिव डीएस राणा, उप निदेशक/प्रभारी सदस्य सचिव मनोज कुमार तिवारी एवं समर्पित आयोग से सुबोध बिजल्वाण उपस्थित रहे।