नरेन्द्र सिंह नेगी के जीवन चरित्र पर आधारित पुस्तक ‘‘सृजन से साक्षात्कार’’ का विमोचन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में प्रसिद्ध लोक गायक एवं गीतकार नरेन्द्र सिंह नेगी के जीवन दर्शन कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर आधारित पुस्तक ‘‘सृजन से साक्षात्कार’’ का विमोचन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी, मोहन उप्रेती, गिरीश तिवारी गिरदा, हीरा सिंह राणा, शमशेर सिंह, जीत सिंह नेगी, चन्द्र सिंह राही सहित प्रदेश के अन्य प्रमुख लोक संस्कृति के रचनाकारों, लोक गायकों के जीवन परिचय एवं रचनाओं का अभिलेखीकरण कर पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जायेगा। यह कार्य सूचना विभाग अथवा संस्कृति विभाग द्वारा किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर यह भी घोषणा की कि नरेन्द्र सिंह नेगी को पद्म पुरस्कार से सम्मानित करने के लिये राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार को अपनी संस्तुति प्रेषित की जायेगी। नरेन्द्र सिंह नेगी को उनके 73वें जन्मदिन की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समृद्ध लोक संस्कृति एवं सामाजिक सरोकारों को अपने गीतों एवं संगीत के माध्यम से देश व दुनिया तक पहुंचाने का कार्य नेगी जी ने किया है। वे वास्तव में समाज के सफल नायक के रूप में रहे हैं। उनके गीत राज्य वासियों को अपनी परम्पराओं से जोड़ने में मददगार रहे हैं। नेगी जी ने गढ़वाल कुमाऊं, जौनसार क्षेत्र ही नहीं पूरे उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति को बढ़ावा देने का कार्य किया है। उत्तराखण्ड की पहचान बनायी है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि नेगी जी अपनी विशिष्ट रचना धर्मिता से समाज को और बेहतर दिशा देने का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि नेगी जी ने अपनी रचनाओं के माध्यम से सही को सही और गलत को गलत बताने का भी संदेश दिया। ऐसे प्रयासों की समाज को जरूरत भी रहती है।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा एवं चिकित्सा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी लोक संस्कृति को बढ़ावा देने में नरेन्द्र सिंह नेगी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि दून विश्वविद्यालय में 25 करोड़ लागत से हिमालयन शोध संस्थान की स्थापना के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में अनेक पहल की गई है।
लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज के चेहरे पर मुस्कुराहट लाने का उनका प्रयास जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि उनका सदैव प्रयास रहा कि प्रदेश के बाहर नहीं अपने प्रदेश में रहकर अपने लोगों की दुस्वारियों एवं पीड़ा को समाज के सामने ला सकूं। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी वे अपने गीतों के माध्यम से समाज की सेवा करते रहेंगे। मौके पर डॉ योगेश धस्माना, डॉ. नंद किशोर हटवाल, गणेश खुगसाल गणी, संजय दरमोड़ा ने भी नेगी के कृतित्व एवं व्यक्तिव पर प्रकाश डाला तथा उन्हें शुभकामनायें दी।
इस अवसर पर दिनेश शास्त्री, विपिन बलूनी, रामचरण जुयाल, ओ.पी बेंजवाल, मनोज इष्टवाल, कीर्ति नवानी के साथ ही बड़ी संख्या में संस्कृति व सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोग उपस्थित थे।

‘आखर’ के शब्दकोष से क्षेत्रीय भाषा और बोली में युवाओं का बढ़ेगा रूझान

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में कर्नल (रिटा.) डॉ. डीपी डिमरी एवं उनके सहयोगियों द्वारा उत्तराखण्ड की तीन क्षेत्रीय भाषाओं गढ़वाली, कुमांऊनी और जौनसारी पर बनाये गये मोबाईल ऐप ‘आखर’ शब्दकोष का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि क्षेत्रीय भाषा एवं बोलियों के प्रति लोगों का रूझान बढ़े, इस दिशा में यह एक सराहनीय प्रयास है। हमें अपनी भाषा, बोलियों एवं संस्कृति के संरक्षण के लिए निरन्तर प्रयास करने होंगे। किसी भी क्षेत्र की बोली, भाषा एवं संस्कृति ही उस क्षेत्र की विशिष्टता बताती है।

डॉ. डीपी डिमरी ने कहा कि यह प्रयास क्षेत्रीय भाषाओं को सीखने के इच्छुक युवाओं व इन भाषाओं में रूचि रखने वाले लोगों के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की क्षेत्रीय भाषाओं पर कई विस्तृत शब्दकोष उपलब्ध हैं। लेकिन आवश्यकता पड़ने पर उनका शीघ्र उपलब्ध हो पाना कठिन होता है। इसलिए लघु रूप में डिजिटल शब्दकोष उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है। डॉ. डिमरी ने बताया कि इस शब्दकोष को बनाने में उनकी टीम के सदस्यों अरूण लखेड़ा, पूरन कांडपाल, नूतन पोखरियाल, उर्मिला सिंह एवं रेखा डिमरी का सहयोग रहा है।

रमेश भट्ट के नए गीत का टीजर लांच, ’’मेरी शान उत्तराखण्ड’’ स्वरोजगार अपना रहे युवाओं को समर्पित

कोरोना संकट के बीच अपने घर लौटे प्रवासियों के उत्साहवर्धन के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट का गीत जल्द ही सामने आने वाला है। रमेश भट्ट ने ‘मेरी शान उत्तराखण्ड’ नाम के गीत का एक टीजर अपने फेसबुक पेज पर डाला है, जिसे बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है।

जय जय हो देवभूमि गीत से धूम मचा चुके रमेश भट्ट का नया गीत ‘मेरी शान उत्तराखण्ड’ बेहद ही खास है और यह जल्द ही सामने आने वाला है। फिलहाल इस गीत के पोस्ट प्रोडक्शन का काम चल रहा है।

इस गीत की खासियत ये है कि इस गीत में कोरोना संक्रमण के चलते घर लौटे प्रवासियों को नई दिशा मिलेगी। देवभूमि उत्तराखंड की महिमा का वर्णन करते हुए रमेश भट्ट ने इस गीत के माध्यम से प्रदेश युवाओं से स्वरोजगार अपनाने और अपनी माटी को संवारने की अपील की है। गीत के बोल हर उत्तराखण्डी में जोश भरने वाले हैं।

फेसबुक में लिंक को देखने के लिए यहां क्लिक करें…
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खासतौर से युवाओं से किया गया आह्वाहन स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं। रमेश भट्ट का कहना है कि प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत बनाने का जो संकल्प लिया है, वो हर भारतीय को प्रेरित करता है। मुख्यमंत्री ने भी कोरोना संकट को अवसर मानते हुए स्वरोजगार के लिए गंभीर प्रयास किए हैं। इन्हीं बातों को सोचकर ये ख्याल आया कि क्यों न घर लौटे युवाओं को प्रेरित किया जाय। उनमें जोश भरा जाय, ताकि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी यहां के काम आ सकें, मैं समझता हूं, गीत संगीत इस संदेश को पहुंचाने का सशक्त माध्यम है। उत्तराखण्ड में वो तमाम संसाधन, वो तमाम खूबियां मौजूद हैं जिनका सही इस्तेमाल करके हम उत्तराखण्ड को आत्मनिर्भर बना सकते हैं, ऐसी ही सोच मुख्यमंत्री की भी है। हम सब आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड बनाने के लिए संकल्पित हैं।*

अजय ढौंडियाल के निर्देशन में तैयार हो रहे इस गीत के बोल स्वयं रमेश भट्ट ने लिखे हैं, जबकि ईशान डोभाल ने संगीत तैयार किया है। सिनेमैटोग्राफी संदीप कोठारी ने की है। जल्द ही शिल्पा प्रोडक्शन के बैनर तले यह गीत सबके सामने होगा।