डिजिटल बैंकिंग इकाइयों का उत्तराखंड को भी मिलेगा लाभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों को राष्ट्र को समर्पित किया। इस दौरान उन्होंने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर देहरादून स्थित मुख्यमंत्री आवास से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल बैंकिंग ने मानव जीवन को आसान बनाने का कार्य किया है। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत भी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर पीएम ने कहा, आज देश डिजिटल इंडिया के सामर्थ्य का फिर एक बार साक्षी बन रहा है। आज 75 डिजिटल बैंकिग यूनिट्स देश के 75 जिलों में धरातल पर उतर रही हैं। उन्होंने कहा, भारत के सामान्य मानवी के जीवन को आसान बनाने का जो अभियान देश में चल रहा है, डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स उस दिशा में एक और बड़ा कदम है। ये ऐसी विशेष बैंकिंग व्यवस्था है, जो मिनिमम डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से मैक्सिमम सेवाएं देने का काम करेगी। उन्होंने कहा, हम सामान्य मानवी के जीवन स्तर को बदलने का संकल्प लेकर दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। हमारा संकल्प है, व्यवस्थाओं में सुधार का। पारदिर्शता लाने का और आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचने का।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, भाजपा सरकार ने दो चीजों पर एक साथ काम किया है। एक है, बैंकिग व्यवस्था को सुधारना, मजबूत करना और पारदर्शिता लाना और दूसरा काम वित्तीय समावेशन लाना। उन्होंने कहा, हमने बैंकिग सेवाओं को दूर-सुदूर में, घर-घर तक पहुंचाने को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी। आज भारत के 99ः से ज्यादा गांवों में पांच किमी के अंदर कोई न कोई बैंक ब्रांच, बैकिंग आउटलेट या बैंकिंग मित्र मौजूद हैं। आज देश में हर एक लाख वयस्क आबादी पर जितनी बैंक शाखाएं मौजूद हैं, वो जर्मनी, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों से भी ज्यादा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आईएमएफ ने हमारे डिजिटल बैंकिंग बुनियादी ढांचे के प्रयासों की सराहना की है। इसका श्रेय गरीबों, किसानों और मजदूर वर्ग को जाता है, जिन्होंने नई डिजिटल तकनीक को अपनाया और इसे अपने जीवन का हिस्सा बना लिया। उन्होंने कहा, जब हमने जन-धन अकाउंट की मुहिम शुरू की तब आवाजें उठीं कि गरीब बैंक खाते का क्या करेगा। यहां तक की इस फील्ड के कई एक्सपर्ट भी नहीं समझ पा रहे थे, इस अभियान का महत्व क्या है। लेकिन बैंक खाते की ताकत क्या होती है,ये आज पूरा देश देख रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, यूपीआई अपने तरह की दुनिया की पहली टेक्नोलॉजी है। आज भारत में आप इसे शहर से लेकर गांव तक शोरूम हो या सब्जी का ठेला हर जगह देख सकते हैं। डिजिटल बैंकिंग ने आज वित्तीय लेनदेन को पीछे छोड़ दिया है और खुद को सुशासन और बेहतर सेवा वितरण माध्यम के उदाहरण के रूप में स्थापित किया है। आज यह प्रणाली एमएसएमई और निजी संस्थानों के लिए विकास का इंजन बन गई है।

देहरादून में रोबोटिक लैब की होगी स्थापना, सीएम ने की घोषणा

केन्द्रीय मंत्री इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी रविशंकर प्रसाद ने वर्चुअल माध्यम से एवं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आईटीडीए, देहरादून में कोएसटीपीआई देहरादून इन्क्यूबेशन केन्द्र का शिलान्यास किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि देहरादून में जल्द ही एक रोबोटिक लैब की स्थापना की जायेगी जिसके लिए भूमि भी उपलब्ध है। इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं सूचना तकनीकी राज्यमंत्री, भारत सरकार संजय धोत्रे ने ई-वेस्ट स्टूडियो का उद्घाटन भी किया।
केन्द्रीय मंत्री इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मैं देवभूमि उत्तराखण्ड से बहुत प्यार करता हूं और वहां के लोगों का बहुत सम्मान करता हूं। उत्तराखण्ड आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं भारत की सभ्यतागत संस्कृति का केन्द्र है। इन्क्यूबेशन का मतलब है, सृजना। उत्तराखण्ड से वेद की शुरूआत हुई है, श्री केदारनाथ, श्री बदरीनाथ, गंगा एवं यमुना का जहां उद्गम स्थल हैं उस उत्तराखण्ड राज्य से आज टेक्नॉलाजी को इंक्यूबेट कर रहे है। संस्कार, संस्कृति से टेक्नॉलाजी तक ये उत्तराखण्ड का परिचय होना चाहिए। उत्तराखण्ड के लोगों में कार्य करने की असीमित क्षमता एवं समर्पण की भावना है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अगुवाई में उत्तराखण्ड राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है।
केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एसटीपीआई के अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह इन्क्यूबेसन सेंटर बेहतर एवं आधुनिक बने। स्टार्टअप के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में प्रबल संभावनाएं हैं। उत्तराखण्ड के देहरादून एवं हल्द्वानी में बीपीओ बनाये गये हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘चुनौती’ नाम से एक नई योजना चलाई जा रही है। इस योजना का उद्देश्य छोटे शहरों के बच्चों में भी सृजनात्मकता का विकास हो। उन्होंने कहा कि देहरादून में एक रोबोटिक सेंटर बनाया जाय। यह भारत का महत्वपूर्ण रोबोट सेंटर बनना चाहिए। इसके लिए राज्य सरकार को पूरा सहयोग दिया जायेगा। उत्तराखण्ड का एक ब्रांड अध्यात्म है तो दूसरा रोबोटिक बनना चाहिए। आज उत्तराखण्ड के 46 अस्पताल ई-अस्पताल बन चुके हैं। ऋषिकेश एम्स अच्छा कार्य कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिजिटल इंडिया का उद्देश्य आम लोगों को टेक्नॉलॉजी के माध्यम से मजबूत बनाना है। इसके लोगों को अनेक फायदे हो रहे हैं। टेक्नॉलाजी के माध्यम से आम आदमी के जीवन को बदला जा सकता है। भारत नेट फेज 1 में उत्तराखण्ड के 1800 ग्राम पंचायत कनेक्ट हो चुके हैं। फेज 2 में भी राज्य सरकार को पूरा सहयोग दिया जायेगा। हरिद्वार में 310 ग्राम पंचायतों सीएससी सेंटर के माध्यम से 50 हजार लोगों को वाईफाई सुविधा दी गई है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एसटीपीआई देहरादून इन्क्यूबेशन केन्द्र के शिलान्यास के लिए केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आईटीडीए द्वारा सभी इलेक्ट्रिक वेस्ट का बेहतर इस्तेमाल किया जा रहा है। टीम वर्क से इलेक्ट्रानिक वेस्ट को बैस्ट में बदलने का सराहनीय कार्य किया जा रहा है। आईटी पार्क ने 2019-20 में 150 करोड़ रूपये का व्यापार किया है। इससे 2500 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है। एसटीपीआई देहरादून इन्क्यूबेशन केन्द्र बनने से स्टार्टअप को जो प्ले एण्ड प्लग की फैसिलिटी चाहिए वो उन्हें उपलब्ध होगी। इससे स्टार्टअप को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एसटीपीआई देहरादून इन्क्यूबेशन केन्द्र उत्तराखण्ड में निवेश को आकर्षित करने तथा प्रमुख आईटीध्आई.टी.ई.एस गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन देने में मददगार होगा। इससे स्टार्टअप एवं उद्यमियों के लिए अतिरिक्त इंक्यूबेसन सुविधा उपलब्ध कराने एवं राज्य में आईटी साफ्टवेयर, सेवाओं के निर्यात व उद्यमशीलता को बढ़ावा देने में भी सहायता मिलेगी। इससे राज्य में रोजगार के नये अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि भारत नेट-2 के प्रसार से उत्तराखण्ड में पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। राज्य के नौजवान हौनहार एवं प्रगतिशील विचारधारा तथा रचनात्मक सोच वाले हैं। भारत नेट फेज 2 परियोजना के तहत की 2 हजार करोड़ रूपये की इस योजना से 5991 ग्राम पंचायतों में इंटरनेट पहुंचाया जायेगा। आज हमारे नौजवान ऑनलाईन बिजनेस की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। ड्रोन एप्लीकेशन के क्षेत्र में भी उत्तराखण्ड में अच्छा कार्य हो रहा है। राज्य में अनेक ड्रोन के पायलेट तैयार हो रहे हैं। आने वाले समय में राज्य को इसका बहुत लाभ होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से काशीपुर में आरक्षित 100 एकड़ भूमि में इलेक्ट्रॉनिक एवं मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर के लिए सहयोग एवं राज्य में भारत नेट भेज 2 का जल्द कार्य शुरू करवाने का अनुरोध किया।
आईटीडीए के निदेशक अमित कुमार सिन्हा ने ई-वेस्ट स्टूडियो के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि ई-कचरा पुनर्चक्रण और निपटान के बारे में जन जागरूकता के उद्देश्य से बना यह स्टूडियो पूरी तरह से पुनर्चक्रण किये हुए ई-कचरे से तैयार किया गया है। जिसमें आंतरिक ड्रोन रेसिंग ट्रैक भी बनाया गया है। इस स्टूडियो को बनाने के लिए एकत्रित किये गए ई-कचरे को पुनः उपयोग कर 25 कंप्यूटर तैयार किये गए जिन्हे की जनपद के 10 प्राथमिक विद्यालयों को भेंट किया गया।
इस अवसर पर सूचना तकनीकी राज्यमंत्री, भारत सरकार संजय धोत्रे, सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी आर.के. सुधांशु, एवं निदेशक आईटीडीए अमित कुमार सिन्हा, वर्चुअल माध्यम से सचिव इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार अजय प्रकाश साहनी एवं महानिदेशक एसटीपीआई डॉ. ओंकार राय आदि उपस्थित थे।

जहां दूरसंचार कनेक्टिविटी नहीं, वहां प्राथमिकता के साथ सुविधा देंः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा राज्य स्तरीय दिशा समिति की बैठक आयोजित की गई। इसमें केंद्र पोषित योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा हुई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि समिति के सदस्य सांसदगणों और विधायकगणों को आवश्यक सूचनाएं समय पर उपलब्ध कराई जाए। जिला स्तर की बैठकों का आयोजन सुनिश्चित किया जाए। विभिन्न योजनाओं में दिए गए टार्गेट समय पर पूरे हों। कार्यों की क्वालिटी पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। कोविड-19 के कारण हुई देरी की भरपाई करने के लिए दोगुनी ऊर्जा से काम करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खनिज क्षेत्र कल्याण योजना में पर्याप्त मात्रा में धन उपलब्ध है। इसमें अवस्थापनात्मक, सामाजिक क्षेत्र और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित काम कराए जाएं। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में प्लेसमेंट को प्रमुखता दी जाए। डिजिटल भारत भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम को सभी जिलों में तेजी से लागू किया जाना है। मनरेगा में अच्छा काम किया गया है। इसमें सुनिश्चित किया जाए कि नए जॉब कार्ड बनाने में कोई परेशानी न हो। जिन गांवों में दूरसंचार की कनेक्टिविटी नहीं है, उन्हें कनेक्टिविटी से जोड़ने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने बताया कि विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) द्वारा 41 केंद्र पोषित योजनाओं व कार्यक्रमों की समीक्षा की जाती है। इसका उद्देश्य चुने हुए जनप्रतिनिधियों के सहयोग से उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना और तालमेल को बढ़ाना है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति और सांसदगण की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय समिति बनाई गई हैं। राज्य स्तरीय समिति में सभी सांसदगण और कुछ विधायकगण भी सदस्य होते हैं। समिति समन्वय और निगरानी के साथ ही धन प्रवाह की समीक्षा, भूमि, स्थान जैसे मामलों को हल करना, योजनाओं के क्रियान्वयन में सुधार के लिए आवश्यतानुसार सुझाव भारत सरकार को दे सकती है।
बैठक में पीएमजीएसवाई, एनआरएलएम, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना, मनरेगा, सर्व शिक्षा अभियान, मिड-डे मील, डिजिटल इंडिया, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, सुगम्य भारत अभियान, अमृत, प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी, स्वच्छ भारत मिशन, स्मार्ट सिटी मिशन, दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, एकीकृत विद्युत विकास योजना, डिजिटल भारत भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, परम्परागत कृषि विकास योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, ई-नाम, जल जीवन मिशन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, समेकित बाल विकास योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, टेलीकॉम, रेलवे, राष्ट्रीय राजमार्ग, त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम आदि कार्यक्रमों व योजनाओं की समीक्षा की गई।
बैठक में सांसद अजय भट्ट, अजय टम्टा, विधायक राजेश शुक्ला, धन सिंह नेगी, राम सिंह कैड़ा, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव आरके सुधांशु, शैलेश बगोली, नीतेश झा, आर मीनाक्षी सुंदरम सहित शासकीय अधिकारी उपस्थित रहे।