उत्तराखण्ड का समग्र विकास हमारा एजेण्डा-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स संवाद कार्यक्रम को वर्चुअली सम्बोधित करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड का समग्र विकास हमारा एजेण्डा है। सभी के सहयोग से उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बनाना लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश देव भूमि के साथ वीर भूमि भी है। वे स्वयं सैनिक परिवार में पले-बढ़े हैं। सेना के प्रति हमारा सदैव सम्मान का भाव रहा है। देश की सुरक्षा के प्रति सेना के गौरवपूर्ण योगदान का कोई मूल्य नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के निर्माण में हमारी मातृशक्ति का महान योगदान रहा है। राज्य निर्माण आंदोलन में खटीमा, मसूरी व रामपुर तिराहा की घटनाओं में वे प्रतिभागी रहे हैं। राज्य की आर्थिकी के विकास में भी महिलाओं की बड़ी भूमिका है। महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिये राष्ट्रीय आजीविका मिशन के साथ ही अन्य योजनाओं से उन्हें जोड़ा गया है। स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख तक बिना ब्याज का ऋण उपलब्ध कराने के साथ ही उनके उत्पादों के विपणन की कारगर व्यवस्था की गई है। प्रसाद योजना भी उनके आर्थिक स्वावलम्बन का आधार बनी है। इसके लिये 119 करोड़ के पैकेज की व्यवस्था भी की गई है। जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल से जोड़ा जा रहा है। अनाथ बच्चों के लिये वात्सल्य योजना तथा गरीब महिलाओं के लिये महालक्ष्मी किट योजना शुरू की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे युवा स्वयं को स्वरोजगार से जोड़कर रोजगार देने वाले बनें इसके लिये अनेक स्वरोजगार देने वाले बनें इसके लिये मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना आदि के तहत युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है। इसके शिविरों का आयोजन ऋण एवं अन्य स्वीकृतियां जारी करने का कार्य आरम्भ किया जा रहा है। 24 हजार सरकार पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया प्रारम्भ की गई इससे भी युवाओं को रोजगार उपलब्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का राज्य के प्रति भावनात्मक लगाव है। राज्य के विकास हेतु अनेक योजनायें स्वीकृत की है। चार धाम सड़क योजना भारत माला परियोजना के अन्तर्गत अच्छी सड़कों का निर्माण हो रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन राज्य में आवागमन एवं पर्यटन विकास को मजबूती देने वाले हैं। चार धाम यात्रा शुरू हो गई है। इससे यात्रा से जुड़े व्यवसायियों को लाभ होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के बेहतर कार्य संस्कृति तथा योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन नीतियों के सरलीकरण के बल पर राज्य के सर्वांगीण विकास के प्रति हम प्रयासरत हैं।

सीएम धामी ने विकास कार्यो के लिए वित्तीय स्वीकृति दी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न विकास कार्यों हेतु वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने राज्य योजनान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र टिहरी के अन्तर्गत 5 निर्माण कार्यों हेतु 223.07 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। इसके साथ ही राज्य योजनान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र डीडीहाट के अन्तर्गत छड़नदेव-गैडाली-चनौली मोटर मार्ग के पुनर्निर्माण एवं सुधारीकरण कार्य हेतु 180.55 लाख, विधानसभा क्षेत्र डीडीहाट के अन्तर्गत विभिन्न 2 निर्माण कार्यों हेतु 140.26 लाख की वित्तीय स्वीकृति, राज्य योजनान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र गदरपुर के अन्तर्गत विभिन्न 2 कार्यों हेतु 1002 लाख, विधानसभा क्षेत्र नैनीताल के अन्तर्गत काण्डा-डौन-परेवा अमगढ़ी मोटर मार्ग का सुधारीकरण कार्य हेतु 139.13 लाख, विधानसभा क्षेत्र बागेश्वर के अन्तर्गत विभिन्न 10 निर्माण कार्यों हेतु 600.82 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने स्पेशन कम्पोनेंट प्लान के अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र बागेश्वर में कठपुलियाछिना से भोलनानाघर तक मोटर मार्ग के निर्माण हेतु 19.62 लाख, राज्य योजनान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र मसूरी के अन्तर्गत मालदेवता-सेरकी सिल्ला मोटर मार्ग का सुधारीकरण हेतु 193.70 लाख, विधानसभा क्षेत्र भीमताल के अन्तर्गत ग्राम देवलीधार से सुरंग तक मोटर मार्ग का नव निर्माण हेतु 45 लाख, विधानसभा क्षेत्र यमुनोत्री के अन्तर्गत फूलचट्टी-जानकीचट्टी मोटर मार्ग के अन्तिम छोर से प्रारम्भ कर जानकीचट्टी यमुनोत्री पैदल मार्ग को क्रॉस करते हुये लो0नि0वि0 निरीक्षण भवन तक मार्ग का निर्माण कार्य हेतु 36.17 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने सीआरआईएफ (केन्द्रीय सड़क अवसंरचना निधि) के अन्तर्गत नैनीताल में गदरपुर-दिनेशपुर-मदकोटा-हल्द्वानी मोटर मार्ग के कि०मी० 24 से कि0मी0 41 तक सड़क सुरक्षा कार्य हेतु 71.47 लाख की वित्तीय स्वीकृति, सीआरआईएफ के अन्तर्गत टिहरी-हिण्डोलाखाल-देवप्रयाग-व्यासघाट बिलखेत के सुधारीकरण आदि हेतु 64.02 लाख, जनपद नैनीताल के घुघुतियाधार बेतालघाट-खैरना सुयालबाड़ी-ओड़ाखान-पसियापानी-मुक्तेश्वर मोटर मार्ग में सुरक्षात्मक कार्य हेतु 166.91 लाख, जनपद नैनीताल में रामनगर-कालाढूंगी सितारगंज-बिजटी मोटर मार्ग में रोड सेफ्टी कार्य हेतु 77.54 लाख, विधानसभा क्षेत्र देवप्रयाग में लक्षमोली हिसरियाखाल-जामणीखाल मोटर मार्ग के सुधारीकरण हेतु 86.68 लाख, जनपद पौड़ी में स्व० जगमोहन सिंह नेगी मोटर मार्ग में दिशा सूचक-साईनेज के कार्य हेतु 114.55 लाख, विधानसभा क्षेत्र यमुनोत्री में कैश बैरियर एवं साइनेज के कार्य हेतु 71.42 लाख, जनपद टिहरी गढ़वाल में उत्तरकाशी लम्बगांव-घनसाली-तिलवाड़ा मोटर मार्ग में सुरक्षात्मक कार्य हेतु 409.89 लाख, जनपद अल्मोड़ा में विभिन्न मोटर मार्गों में साईनेज/सुरक्षात्मक कार्य हेतु 142.29 लाख, विधानसभा क्षेत्र मसूरी में लम्बीधार किमाड़ी देहरादून मोटर मार्ग में सुधारीकरण/साईनेज का कार्य हेतु 268.77 लाख, विधानसभा क्षेत्र लैंसडाउन में धुमाकोट पीपली मोटर मार्ग में डिफैक्ट कटिंग, मरम्मत व स्क्वर निर्माण हेतु 197.89 लाख, उत्तरकाशी-लम्बगांव-घनसाली-तिलवाड़ा (चारधाम यात्रा) मोटर मार्ग में सुरक्षात्मक कार्य हेतु 149.02 लाख, जनपद देहरादून में सहिया-क्वानु मोटर मार्ग में रोड सेफ्टी कार्य हेतु 650 लाख, पौड़ी-देवप्रयाग-गजा-जाजल मोटर मार्ग में रोड सेफ्टी कार्य हेतु 650 लाख, वड्डा-चमना (अनु०ग्राम) बुरांसी मोटर मार्ग में डामरीकरण एवं पक्कीकरण हेतु 740 लाख, जनपद टिहरी में बडवाला जुड्डो मोटर मार्ग में रोड सेफ्टी कार्य हेतु 40.56 लाख, विधानसभा क्षेत्र देवप्रयाग में बागवान-जामणीखाल मोटर मार्ग में रोड सेफ्टी कार्य हेतु 73.93 लाख, जनपद देहरादून में अन्ना हजारे चौक में रोड सेफ्टी कार्य हेतु 80.63 लाख, देहरादून में चांदनी चौक में रोड सेफ्टी कार्य हेतु 135.09 लाख, जनपद देहरादून में माजरा-बुड्डी में शेखोवाला-धर्मावाला मोटर मार्ग में रोड सेफ्टी कार्य हेतु 197 लाख, जनपद बागेश्वर में राज्य मार्ग-11 में सेफ्टी कार्य हेतु 104.65 लाख, जनपद अल्मोड़ा में अल्मोड़ा-बैजनाथ-ग्वालदम-कर्णप्रयाग मोटर मार्ग में रोड सेफ्टी कार्य हेतु 591.42 लाख, विधानसभा क्षेत्र द्वाराहाट में जालीखान-उत्तमछानी-नौबाडा मोटर मार्ग में रोड सेफ्टी कार्य हेतु 25.98 लाख, जनपद चमोली में नन्दप्रयाग-घाट मोटर मार्ग में साईनेज/रोड सेफ्टी कार्य हेतु 234.81 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।

सीएम ने किसानों से कहा-हर वर्ग की चिंता कर रही सरकार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में विधायक हरभजन सिंह चीमा के नेतृत्व में बाजपुर के किसानों के प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट की। उन्होंने किसानों के हित में किये जा रहे प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए सरकार नो पेंडेंसी के आधार पर कार्य कर रही है। किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं। सरकार जनता के साथ साझीदार के रूप में कार्य कर रही है। जन सुविधा के लिए कार्यों के सरलीकरण, समाधान और निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अधिकारियों को प्रत्येक कार्य दिवस में 10 से 12 बजे तक जन समस्याओं को सुनकर उनका समाधान करने के निर्देश दिये गये हैं। सभी जनपदों में तहसील दिवसों का आयोजन किया जा रहा है। जितनी भी घोषणाएं की जा रही हैं, सभी पूरी की जायेंगी। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।

सीएस ने कहा-धान खरीद में किसानों के साथ धोखाधड़ी ना हो

मुख्य सचिव डॉ0 एस.एस. संधु की अध्यक्षता में उनके सचिवालय सभागार में 2021-22 के खरीफ सीजन में धान की खरीद के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
मुख्य सचिव ने विभागीय अधिकारियों खाद्य विभाग, सहकारिता तथा संबंधित पक्षों से धान की खरीद में आने वाली विभिन्न प्रकार की समस्याओं, बाधाओं और व्यावहारिक कठिनाइयों के संबंध में संबंधित स्टेक होल्डर (पक्षों) का पक्ष सुनने के पश्चात् विभागीय अधिकारियों तथा जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार को धान की व्यवस्थित, पारदर्शी और शीघ्रता से खरीद के संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने विभागीय अधिकारियों और क्रय केन्द्रो का संचालन करने वाले प्रबन्धकों के सख्त निर्देश दिये कि धान की खरीद में किसानों के साथ किसी भी तरह की धोखाधड़ी अथवा किसानों का किसी भी प्रकार का शोषण बर्दाशत नहीं किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिये कि किसानों से धान की व्यवस्थित और पारदर्शी खरीददारी में जो भी प्रबन्धन स्तर की, प्रशासनिक स्तर की तथा तकनीकी स्तर की कठिनाईया हैं, उनको तत्काल दूर करें। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाशत नहीं की जाएगी।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि जिन स्थानों पर और धान क्रय केन्द्र खोलने की डिमांड है वहां शीघ्रता से खोले जाए। जहां पर बोरे अथवा धान क्रय से सम्बन्धित सामग्री इत्यादि की कोई जरूरत हो उनको तत्काल पूरा करें। विभागीय अधिकारियों ने जब मुख्य सचिव को अवगत कराया कि किसानों के प्रत्येक वर्ष क्रय प्रक्रिया हेतु खाते खोले और क्रय प्रक्रिया पूरी होने के तत्काल बाद बंद हो जाते है तो इस पर मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि जिन किसानों से खरीददारी की जाती हैं उन सभी का एक ही बार जीरो बैलेंस पर खाता खुलवायें तथा उसको बार-बार बंद ना करें बल्कि चलता रहने दें क्योंकि इससे अनावश्यक रूप से प्रक्रिया में देरी हो जाती है। साथ ही किसान खाता खोलने, बंद करवाने में अनावश्यक परेशान होते हैं। उन्होंने सभी क्रय केन्द्रों पर 50 से 100 मॉस्चर (नमी) मीटर रिजर्व के रूप में रखने के निर्देश दिये। कहा कि जब तक क्रय केन्द्रों पर किसानों का धान आ रहा है तब तक उसको खरीदते रहें।
मुख्य सचिव ने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये कि विभागीय स्तर पर विभिन्न कार्यों में जो औपचारिकता और कार्य पहले किये जा सकते हैं उनको पहले से ही पूरा कर लें, बिना किसी वाजिब कारण के हर एक कार्य को अन्तिम मूवमेंट के लिए पेंडिंग ना रखें, इसको गंभीरता से लिया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिये कि सारी प्रक्रिया समय से पूरी हो, इसके लिए वार्षिक कैलेण्डर बना लें और उसका अनुपालन करें। उन्होंने भुगतान की पहले की पेंडेंसी को तत्काल निपटाने तथा आगे से भुगतान से संबंधित प्रक्रिया को सरलीकृत करने तथा पोर्टल से सम्बन्धित जो भी तकनीकी समस्या है उसको भी तत्काल ठीक करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि प्रत्येक क्रय केन्द्रों और मंडी के मुख्य द्वार पर अनिवार्य रूप से विजिबल आकर्षक साइन बोर्ड लगा होना चाहिए जिस पर स्पष्ट शब्दों में लिखा हो कि किसानों को यदि धान क्रय से संबंधी किसी भी तरह की शिकायत हो तो वे इन नंबरों पर शिकायत कर सकते हैं। साथ ही सम्बन्धित जिलाधिकारी ये सुनिश्चित करेंगे कि शिकायत करने वाले नम्बर न केवल सक्रिय हो बल्कि शिकायतकर्ता की समस्या का तत्काल उचित निराकरण भी हो। जिलाधिकारी उस पर खुद कॉल करते रहें। साथ ही यदि कोई किसान जिलाधिकारी अथवा संबंधित उप जिलाधिकारी के पास धान क्रय की उचित निस्तारण के संबंध में कोई शिकायत करता है तो उस पर अनिवार्य रूप से त्वरित व उचित कार्यवाही करनी ही होगी। इसके अतिरिक्त जहां तक संभव हो मण्डी अथवा क्रय केन्द्रों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने तथा उसकी नियमित मॉनिटरिंग करने को भी कहा।
मुख्य सचिव ने जनपद ऊधमसिंहनगर के लिये धान क्रय के संबंध में निर्देश दिये कि ऊधमसिंह नगर में दिनांक 1 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक केवल उत्तराखण्ड के ही किसानों के धान की खरीद की जाएगी। उसके पश्चात् सम्बन्धित जिलाधिकारी अपने स्तर से इस तिथि को आगे बढ़ा सकते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य जनपदों के जिलाधिकारी अपने स्तर से अपने विवेक से ये सुनिश्चित करने को स्वतंत्र होंगे कि केवल उत्तराखण्ड के ही किसानों से कब तक खरीद करनी है तथा किस तिथि के बाद उत्तराखण्ड अथवा अन्य राज्यों के किसानों दोनों से खरीद की जा सकती है। उन्होंने कहा कि ये आवश्यक ध्यान रखा जाए कि उत्तराखण्ड के किसानों को खरीद में वरियता मिले। साथ ही उन्होंने संबंधित जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि वे समय-समय पर विभिन्न क्रय केन्दों का औचक निरीक्षण करके स्वयं व्यवस्थाएं देखें तथा अधीनस्थ अपर जिलाधिकारियों-उपजिलाधिकारियों सभी से एन्फोर्समेंट की कार्यवाही संपादित करवाते हुए सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी तरह से किसानों के उपज को मॉस्चर (नमी) अथवा खराब बताकर अथवा घटतौली या बिचौलियों की भूमिका से या अन्य किसी भी तरह से किसानों के साथ धोखाधड़ी नहीं होनी चाहिए। इसके लिए जिलाधिकारी अपने स्तर पर विक्रय हेतु टोकन अथवा पर्ची सिस्टम जो भी उचित लगता हो प्रकिया अपना सकते हैं।
इस दौरान बैठक में सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, मीनाक्षी सुन्दरम, एच.एस. बोनाल, अपर सचिव प्रताप शाह, आर.एफ.सी (संभागीय खाद्य नियंत्रक) गढ़वाल बी.एस. राणा, वित्त नियंत्रक डॉ. एम.एस. बिसेन सहित सम्बन्धित विभागीय अधिकारी तथा सम्बन्धित पक्षों के सदस्य उपस्थित थे। साथ ही जनपद ऊधमसिंहनगर तथा हरिद्वार के जिलाधिकारी वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े थे।

पाकिस्तानी नागरिक की जमानत याचिका खारिज

भारत की जासूसी करने वाले पाकिस्तानी नागरिक की जमानत याचिका उत्तराखंड हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। जासूसी के आरोपी पाकिस्तानी नागरिक आबिद अली उर्फ असद अली उर्फ अजीत सिंह निवासी लाहौर, पाकिस्तान की सजा को कोर्ट ने बरकरार रखा है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि उसकी जमानत के बांड को निरस्त करे और उसे हिरासत में लें। वर्तमान में वह रुड़की में रह रहा है।
बुधवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि उसके खिलाफ जासूसी के आरोप में तमाम सबूत हैं। उसने पासपोर्ट एक्ट का भी दुरुपयोग किया है। मामले में पूर्व में हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया

क्या था मामला
दरअसल 25 जनवरी 2010 को महाकुंभ के दौरान हरिद्वार पुलिस ने आबिद अली को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट, विदेशी नागरिक एक्ट और पासपोर्ट एक्ट में रुड़की से गिरफ्तार किया था। उसके पास से मेरठ, देहरादून, रुड़की सहित अनेक स्थानों पर स्थित सैन्य संस्थानों के नक्शे, अनेक संदिग्ध और गोपनीय दस्तावेज, पेन ड्राइव आदि सामग्री बरामद हुई थी। रुड़की में उसके निवास स्थान पर पुलिस के छापे में बिजली की फिटिंग के बोर्ड और पंखे में छिपाकर रखे गए एक दर्जन सिमकार्ड भी मिले थे।इस मामले में एफआईआर दर्ज होने और मुकदमे के बाद दिसंबर 2012 में निचली अदालत ने उसे दोषी मानते हुए सात साल की सजा सुनाई थी। सजा के विरुद्ध अभियुक्त की ओर से अपील दायर की गई थी जिस पर सुनवाई के बाद जुलाई 2013 में अपर जिला जज (द्वितीय) हरिद्वार ने उसे बरी करने के आदेश पारित किए। इस पर जेल अधीक्षक ने कोर्ट तथा एसएसपी को सूचित किया कि अभियुक्त के विदेशी नागरिक होने के चलते उसकी रिहाई से पूर्व उसका व्यक्तिगत जमानत बांड व अन्य औपचारिकताएं पूरी करनी आवश्यक हैं।

वैज्ञानिकों की चेतावनी, लगातार आ रहे भूकंप को नही किया जाना चाहिए नजर अंदाज

उत्तराखंड में मानसून का दौर अभी जारी है। प्रदेश के कई क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में जनजीवन अस्त व्यस्त हो रहा है। तो कई मार्ग अवरुद्ध होने और भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही है। वहीं, उत्तराखंड में भूकंप को लेकर भी सूचनाएं प्राप्त हो रही है। इसी क्रम में उत्तराखंड में आज फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि भूकंप की तीव्रता कम थी। भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई पर था। ये झटके दोपहर 3 बजकर 31 मिनट पर महसूस हुए। फिलहाल भूकंप से जानमाल के नुकसान की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने अपने घरों से बाहर निकल आए। वहीं लगातार आ रहे इन हल्के झटकों को वैज्ञानिक बड़े खतरे की चेतावनी भी मान रहे है।
आज भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 2.5 मापी गई है। इससे पहले सोमवार को पिथौरागढ़ में भारत-नेपाल सीमा पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। वहीं, रविवार को रुद्रप्रयाग जिले में भी भूकंप का हल्का झटका महसूस किया गया। रविवार दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर पर रुद्रप्रयाग में भूकंप महसूस किया गया था। जिसकी तीव्रता 3.3 रिक्टर बताई गई। इसके साथ ही बीते दिनों बागेश्वर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
वैज्ञानिकों की माने तो उत्तराखंड में आ रहे भूकंप के ये हल्के झटके बड़े खतरे का संकेत हैं। उत्तराखंड में भूकंप को लेकर किए गए शोध से इस बात का खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि हिमालय में 200 साल की ऊर्जा एकत्रित हो चुकी है जो कभी भी भूकंप के रूप में बाहर आ सकती है। ऐसे में आशंका है कि उत्तराखंड में इस सदी का सबसे भयानक भूकंप आ सकता है।

7 अक्टूबर को देहरादून में बने नये टर्मिनल का लोकार्पण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय से वर्चुअल माध्यम से नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया के साथ उत्तराखण्ड में हवाई सेवाओं को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण बैठक की।
नागर विमानन मंत्री, भारत सरकार ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि 7 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ जौलीग्रांट, देहरादून में बने नये टर्मिनल का लोकार्पण किया जायेगा। हेली समिट के दौरान देहरादून-पंतनगर-पिथौरागढ़-पंतनगर-देहरादून हवाई सेवा का फ्लैग ऑफ भी किया जायेगा। यह सेवा पवनहंस द्वारा दी जायेगी। देहरादून-पिथौरागढ़ हेली सेवा को जल्द स्वीकृति दी जायेगी।
केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि उत्तराखण्ड में उड़ान के तहत देहरादून-श्रीनगर-देहरादून, देहरादून-गौचर-देहरादून, हल्द्वानी-हरिद्वार-हल्द्वानी, पंतनगर-पिथौरागढ़-पंतनगर, चिन्यालीसौड़-सहस्त्रधारा-चिन्यालीयौड़, गौचर-सहस्त्रधारा-गौचर, हल्द्वानी-धारचूला-हल्द्वानी तथा गौचर-सहस्त्रधारा-गौचर हेली सेवाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के लिए जो 13 हेलीपोर्ट चिन्हित किये गये हैं, उनमें से 11 की डीपीआर तैयार हो चुकी है। मसूरी हेलीपोर्ट की डीपीआर भी जल्द तैयार हो जायेगी। जौलीग्रांट एयरपोर्ट से शहरों की कनेक्टिविटी और बढ़ाई जायेगी। पंतनगर ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की कार्यवाही में और तेजी लाई जायेगी। उन्होंने सुझाव दिया कि उत्तराखण्ड में वैट के चार्जेज एटीएफ पर अधिक हैं, इस चार्ज को कम किया जाय तो राज्य में एयर कनेक्टिविटी और तेजी से बढ़ेगी और राजस्व में भी वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड को एयर कनेक्टिविटी के क्षेत्र में दी गई इन सौगातों के लिए केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया का आभार व्यक्त किया। उन्होंने देहरादून-पिथौरागढ़ हेली सेवा की स्वीकृति पर कहा कि इस सेवा के शुरू होने से सीमान्त क्षेत्र पिथौरागढ़ के विकास के लिए यह मील का पत्थर साबित होगा। इस हेली सेवा की मांग मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार से पहले भी कर चुके थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तेजी से नागर विमानन मंत्री द्वारा निर्णय लेकर कार्यरूप में परिणीत किया इससे मैं अभिभूत हूं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य में कनेक्टिविटी के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में चिन्हित 13 हेलीपोर्ट में से 8 पर टेंडर प्रक्रिया गतिमान है, जो 20 अक्टूबर तक पूर्ण हो जायेंगे। ये सभी कार्य इस वित्तीय वर्ष में पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे हैं। 11 जुलाई 2021 को मुख्यमंत्री ने नागर विमानन मंत्री से भेंट के दौरान पवनहंस की हेलीकॉप्टर सेवा यात्रियों को मंहगी पड़ने का मुद्दा उठाया गया। केन्द्रीय मंत्री द्वारा इसका शीघ्र समाधान करने एवं देहरादून से श्रीनगर 42 प्रतिशत एवं देहरादून से गौचर 50 प्रतिशत किराया कम करने पर मुख्यमंत्री ने उनका आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर सचिव नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर, अपर सचिव स्वाति एस. भदौरिया भी मौजूद थे।

सरकार अपनी अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र के योगदान को सुधारने पर ध्यान केंद्रित कर रही

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सुभाष रोड स्थित होटल पेसिफिक में उद्योग विभाग द्वारा आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर वाणिज्य उत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया एवं स्टॉलों का निरीक्षण किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, ऐसे समय में वाणिज्य सप्ताह का आयोजन किया जाना सराहनीय है। वाणिज्य उत्सव का मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करना एवं विशेष रूप से भारत से निर्यात को बढ़ावा देना है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों व ट्रांसपोर्ट की अनेक बाधाओं के बावजूद उत्तराखंड राज्य साल दर साल निर्यात के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यही कारण है कि केंद्र सरकार की ओर से जारी एक्सपोर्ट प्रीपेयर्डनेस इंडेक्स में उत्तराखंड राज्य को हिमालयी राज्यों की श्रेणी में प्रथम स्थान मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच सालों में ही उत्तराखंड ने निर्यात के मामले में करीब दोगुना से अधिक की बढ़त हासिल की है। वर्ष 2017-18 में उत्तराखंड से 10,836 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ, वहीं 2020-21 में यह बढ़कर 15,914 करोड़ रुपये पहुंच गया है। राज्य में आटोमोबाइल व फार्मा इकाइयां सबसे बड़े निर्यातक क्षेत्र के रूप में उभरे हैं। इसके अलावा उत्तराखंड से पुष्प उत्पादन, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, जैविक उत्पाद, सगंध-औषधीय पौधे, जैव प्रौद्योगिकी, हस्तशिल्प की वस्तुओं का निर्यात विदेशों में होता है। राज्य में निर्यात क्षमता और राज्य से निर्यात योग्य उत्पादों एवं सेवाओं को बढ़ावा देने और प्रदर्शित करने के लिए भारत को एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति के रूप में प्रतिस्थापित करने के लिए वाणिज्य उत्सव का आयोजन मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड उत्तर भारत में अपनी प्रगतिशील नीतिगत ढांचे, गुणवत्तापूर्ण जनशक्ति की उपलब्धता तथा अच्छी कानून व्यवस्था के कारण एक पसंदीदा निवेश गन्तव्य बन गया है। मैनुफैक्चरिंग सेक्टर का राज्य के जीएसडीपी में 36 प्रतिशत से अधिक का योगदान है। सरकार अपनी अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र के योगदान को सुधारने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है और पर्यटन क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिया गया है। उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए विभाग डीपीआईआईटी द्वारा आयोजित बिजनेस रिफॉर्म एक्शन पॉइंट रैंकिंग में उत्तराखंड शीर्ष राज्यों में से एक है। राज्य की निवेश संवर्धन एजेंसी को इन्वेस्ट इंडिया द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता घोषित किया गया है। हरिद्वार में इनलैंड कनटेनर डिपो (आईसीडी) की स्थापना के लिए प्रयास किये जा रहे है। राज्य ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख क्षेत्रों कृषि, स्वास्थ्य और आयुष, फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल एवं एलाइड, पर्यटन और आतिथ्य, हथकरघा और हस्तशिल्प, शैक्षिक सेवाओं जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भी पहचान की है। हमारा लक्ष्य 30,000 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं के निर्यात के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में अनेक योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। युवाओं के स्किल डेवलपमेंट हेतु विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिससे युवाओं को एक नया मंच और साथ ही उद्योगों को ऊर्जावान युवा मिल सके। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भर भारत बनने की राह पर चल रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार मजबूत इच्छाशक्ति से काम कर रही है। देवभूमि उत्तराखंड का संदेश पूरे विश्व में जाता है। राज्य में और अधिक उद्योग स्थापित हों इसके लिये हमारे उद्यमी ही हमारे ब्राण्ड एम्बेसडर रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सरलीकरण, समाधान व निस्तारण के मंत्र को लेकर काम कर रही है। हम उद्योगों से जुड़े लोगों की समस्याओं का सरलीकरण कर समाधान करेंगे और साथ ही उनकी समस्याओं का निस्तारण भी होगा। उत्तराखंड में जितने भी उद्योग स्थापित हुए है, उनकी समस्याओं को दूर कर उन्हें विकास और ग्रोथ के हर अवसर दिए जाएँगे। साथ ही उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार हर संभव मदद करने को तैयार है।
उद्योग मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आज उत्तराखंड दुनिया के तमाम उद्योगपतियों के लिए एक इंडस्ट्रियल डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है। हमारी सरकार का देश के तमाम उद्योगपतियों के साथ संवाद जारी है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत छोटे उद्योगों को लगाए जाने का कार्य राज्य में तेजी से हुआ है साथ ही उद्योगों से संबंधित आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार द्वारा हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर सचिव उद्योग राधिका झा, वाणिज्य मंत्रालय भारत सरकार के उप सचिव आनन्द भाष्कर, डीजी एसईपीसी डॉ. अभय सिन्हा, निदेशक उद्योग सुधीर चन्द्र नौटियाल, एक्सपोर्ट कमिश्नर रोहित मीणा एवं उद्योग संघ के पदाधिकारी मौजूद थे।

टोक्यो पैरालंपिक कांस्य पदक विजेता मनोज सरकार का सीएम ने किया सम्मान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में टोक्यो पैरालंपिक कांस्य पदक विजेता एवं अर्जुन अवार्ड प्राप्तकर्ता मनोज सरकार को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि टोक्यो पैरालंपिक में बैडमिंटन में कांस्य पदक जीतकर मनोज सरकार ने उत्तराखंड का मान सम्मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि किसी कार्य के प्रति मन में जज्बा हो तो, वह कार्य अवश्य पूर्ण होता है। सीमित संसाधनों के बावजूद भी मनोज सरकार ने एक बड़ा मुकाम हासिल किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि खिलाड़ियों को अधिक से अधिक सुविधाएं मिल सके, इसके लिए राज्य में खेल नीति में संशोधन किया जा रहा है। इस अवसर पर टोक्यो पैरालंपिक कांस्य पदक विजेता मनोज सरकार की पत्नी रेवा सरकार भी मौजूद थीं।

बांध परियोजनाओं की समीक्षा, सीएस बोले-विस्थापन कार्यों को तेजी से निपटाये अधिकारी

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु ने सोमवार को सचिवालय में जमरानी बाँध पेयजल बहुद्देश्यीय परियोजना एवं सौंग बाँध पेयजल बहुद्देश्यीय परियोजना की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने दोनों परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने दोनों परियोजनाओं के पूर्ण किए जाने हेतु प्रत्येक कार्य के लिए टाईमलाईन निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के सभी कार्यों एवं समस्याओं के निस्तारण को प्राथमिकता पर लेते हुए परियोजनाओं का कार्य तेजी से आगे बढ़ाया जाए।
मुख्य सचिव ने जमरानी बाँध एवं सौंग बाँध पेयजल बहुद्देश्यीय परियोजना के विस्थापन एवं पुनर्वास कार्यों हेतु तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सौंग बाँध हेतु फॉरेस्ट क्लीयरेंस, एनवायरमेंट क्लीयरेंस एवं वन्यजीव क्लीयरेंस आदि के लिए लगातार प्रयास किए जाएं, साथ ही, जमरानी बाँध हेतु फॉरेस्ट स्टेज-2 क्लीयरेंस एवं नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथॉरिटी से क्लीयरेंस के कार्य में भी तेजी लाई जाए।
बैठक में बताया गया कि जमरानी बाँध के फेज-1 का कार्य, जिसमें गोला बैराज का निर्माण एवं 40 किमी लम्बी नहरों का निर्माण शामिल है, वर्ष 1981 में पूर्ण हो गया था। फेज-2 में 150.6 मी हाई रोलर कॉम्पैक्टेड कॉन्क्रीट डैम प्रस्तावित है, जिससे 117 एमएलडी पेयजल के साथ ही 14 मेगावॉट विद्युत उत्पादित होगी। परियोजना हेतु सेंट्रल वाटर कमिशन, सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी एवं जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय सहित फॉरेस्ट स्टेज-1 की स्वीकृति और पर्यावरणीय स्वीकृतियां ले ली गयी हैं। फॉरेस्ट स्टेज-2 क्लीयरेंस एवं नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथॉरिटी से क्लीयरेंस शीघ्र ही प्राप्त की ली जाएगी।
बताया गया कि सौंग बाँध पेयजल बहुद्देश्यीय परियोजना के द्वारा देहरादून शहर और आसपास के क्षेत्र की 10 लाख की आबादी को गुरुत्व आधारित 150 एमएलडी पेयजल आपूर्ति की जा सकेगी। इस परियोजना से 3.5 किमी लंबी झील बनाएगी, जो पर्यटन की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण होगी। परियोजना हेतु हाईड्रोलॉजी क्लीयरेंस, भूवैज्ञानिक रिपोर्ट, जल परिवहन प्रणाली डिजाइन, फाउंडेशन इंजीनियरिंग और भूकंपीय पहलू सहित अन्य रिपोर्ट्स प्राप्त कर ली गयी हैं। परियोजना हेतु फॉरेस्ट क्लीयरेंस, एनवायरमेंट क्लीयरेंस एवं वन्यजीव क्लीयरेंस प्राप्त की जानी शेष हैं, जो शीघ्र प्राप्त कर ली जाएंगी।
इस अवसर पर सचिव हरि चन्द्र सेमवाल सहित मुख्य अभियंता सिंचाई मुकेश मोहन सही अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।