भारत दर्शन योजना में इस वर्ष छात्रों की संख्या का लक्ष्य 1000, अगले वर्ष के लिए दिया 5000 का लक्ष्य

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में शिक्षा विभाग की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने विभाग के क्रियाकलापों पर अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत परीक्षा पैटर्न एवं अन्य प्राविधानों को समाहित करने के लिए व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

मुख्य सचिव ने माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत भारत दर्शन योजना को विस्तारित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष कम से कम 1 हजार बच्चों को भारत दर्शन यात्रा करायी जाए, जिसे अगले वर्ष बढ़ाकर 5000 करने का लक्ष्य रखा जाए। यह बच्चों के अन्वेषण एवं कौशल के लिए एक महत्त्वपूर्ण योजना है। उन्होंने भारत दर्शन यात्रा के दिवसों को बढ़ाकर 7 दिन किए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि भारत के प्रतिष्ठित विज्ञान एवं तकनीकी संस्थानों के साथ ही सैन्य प्रतिष्ठानों के भ्रमण कार्य आयोजित कराए जाएं।

क्लस्टर स्कूल भवनों के लिए डीपीआर एक माह में तैयार करने के दिए निर्देश
मुख्य सचिव ने प्रस्तावित 559 क्लस्टर विद्यालयों के निर्माण में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने अगले एक माह में सभी चिन्हित क्लस्टर विद्यालय भवनों की डीपीआर तैयार कर प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक के दौरान ही फोन के माध्यम से शिक्षा विभाग द्वारा चयनित कार्यदायी संस्थाओं के विभागाध्यक्षों को एक माह में डीपीआर तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्मार्ट क्लासेज एवं कम्प्यूटर लैब निर्माण कार्यों की डीपीआर भी एक माह में तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण कार्यों में तेजी लाए जाने के लिए विभागीय निदेशकों को जिलाधिकारियों एवं कार्यदायी संस्थाओं से समन्वय के लिए जनपदों का दौरा किये जाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने जनपदों के भ्रमण कार्यक्रमों के दौरान क्लस्टर स्कूलों में वाहन भाड़ा के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समितियों की बैठकें शीघ्र आयोजित कर ऐसे मामलों के निस्तारित किए जाने के भी निर्देश दिए।

प्रत्येक कार्य के लिए की जाए टाइम लाइन निर्धारितः मुख्य सचिव
मुख्य सचिव ने विद्यालयों के लिए सभी प्रस्तावित हॉस्टल फैसिलिटी की डीपीआर भी एक माह में तैयार किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्मार्ट क्लासेज हेतु कम्प्यूटर लैब के लिए एक समर्पित हैड खोले जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में देरी न हो इसके लिए प्रत्येक कार्य की समयसीमा निर्धारित की जाए, साथ ही सचिव, अपर सचिव एवं महानिदेशक स्तर पर लगातार कार्यों की समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के भीतर आवासीय विद्यालयों को बढ़ाए जाने पर भी फोकस किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि आवासीय विद्यालयों में एक वाहन उपलब्ध कराया जाए, ताकि मेडिकल इमरजेंसी एवं अन्य आपातकालीन परिस्थितियों में होने वाली समस्याओं से बचा जा सके।

इस अवसर पर सचिव रविनाथ रमन एवं अपर सचिव रंजना राजगुरू सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों के लिए अगले 10 सालों के स्पष्ट प्लान पर किया जाएगा कार्यः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि स्कूलों में बच्चों को पाठ्यचर्या में श्रीमद् भगवत गीता का अध्ययन भी कराया जाए। शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार का अगले 10 सालों के स्पष्ट प्लान पर कार्य किया जाए। शिक्षा विभाग द्वारा दिसम्बर 2026 तक शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों का रजतोत्सव कैलेंडर बनाया जाए। बरसात शुरू होने से पहले राज्य के सभी स्कूलों का निरीक्षण किया जाए और स्कूल के रास्तों और पुलों की स्थिति के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं को भी देखा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कलस्टर विद्यालयों में आवासीय हॉस्टल की सुविधा के लिए अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस का अध्ययन कर प्रस्ताव बनाया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि बच्चों को आवासीय हॉस्टल में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हों। पहले चरण में प्रत्येक जनपद में एक-एक आवासीय हॉस्टल बनाया जाए। 559 कलस्टर विद्यालयों के 15 किमी के अंतर्गत छात्र-छात्राओं की परिवहन व्यवस्था के लिए जल्द प्रस्ताव बनाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि हर साल बच्चों को पाठ्य-पुस्तकें समय पर मिले। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में ट्रांसफर की प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता रहे, इसके लिए सभी पहलुओं का गहनता से अध्ययन कर प्रस्ताव बनाया जाए। जनपद, मण्डल और राज्य स्तरीय कैडर में सभी पहलुओं का ध्यान रखा जाए। स्कूलों में एनसीसी और एन.एस.एस को बढ़ावा दिया जाए, जिन स्कूलों में अभी इनकी सुविधा नहीं हैं, चरणबद्ध तरीके से स्कूलों का चयन किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए राज्य के औद्योगिक प्रतिष्ठानों से सी.एस.आर फण्ड के तहत सहयोग के लिए अनुरोध भी किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जीर्ण-शीर्ण विद्यालयों में मरम्मत के कार्यों में तेजी लाई जाए। स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए। बच्चों की सुरक्षा से संबंधित किसी भी मामले में लापरवाही करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी। राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों में छात्रों की क्षमता के अनुसार पूर्ण उपलब्धता हो, इसके लिए प्रतीक्षा सूची भी बनाई जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए आवश्यक संसाधनों में कोई कमी नहीं होने दी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का राज्य में प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में और तेजी से कार्य किये जाएं। बच्चों को नैतिक शिक्षा, पर्यावरणीय शिक्षा, राज्य की सांस्कृतिक विरासत, महानुभावों का उल्लेख, क्षेत्रीय आवश्यकताओं के हिसाब से कौशल विकास, स्वास्थ्य शिक्षा, लोककथा, लोक साहित्य, संगीत और कला को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।

बैठक में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सचिव शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव रंजना, महानिदेशक माध्यमिक शिक्षा झरना कमठान, अपर सचिव बेसिक शिक्षा एम.एम. सेमवाल, माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती, बेसिक शिक्षा निदेशक अजय नौडियाल अरौर शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

शिक्षा विभाग ने टोलफ्री नम्बर जारी कर तैनात किये नोडल अधिकारी


विद्यालयी शिक्षा विभाग ने बरसाती सीजन को देखते हुये समस्याओं के निवारण के लिये कंट्रोल रूम की स्थापना की है। इसके साथ ही विभाग ने टोलफ्री नम्बर भी जारी किया है। जिस पर छात्र-छात्राएं, अभिभावक व शिक्षक अपनी शिकायत दर्ज कर सकेंगे। जन समस्याओं के निराकरण के लिये विभाग ने नोडल अधिकारियों की तैनाती भी सुनिश्ति कर दी है ताकि शिकायतों व समस्याओं का समय पर समाधान हो सके।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने मानसून सीजन को देखते हुये कांट्रोल रूम की स्थापना की है, ताकि बरसात के दौरान समाने आने वाली विभिन्न समस्या से तत्काल निपटा जा सके। इसके अलावा विभाग ने शिकायतों व समस्याओं के निराकरण के लिये टोलफ्री नम्बर 18001804132 भी जारी किया है। जिस पर छात्र-छात्राएं, अभिभावक व शिक्षक अपनी समस्याएं दर्ज करा सकेंगे। टोलफ्री नम्बर पर दर्ज शिकायतों व समस्याओं के तत्काल निवारण के लिये विभाग ने नोडल अधिकारी, सह नोडल अधिकारी व 10 कम्प्यूटर ऑपरेटर की तैनाती की है। जिसमें अजीत भण्डारी, प्रद्युमन रावत, पल्लवी नैन, अंजुम फातिमा, एम.एम. जोशी को नोडल जबकि हरीश नेगी, नूतन, विजयलक्ष्मी, पूनम व मुकेश कुमेड़ी सह नोडल होंगे। ये सभी कार्मिक 8 जुलाई से 10 अगस्त 2024 तक कंट्रोल रूम में बैठकर टोलफ्री नम्बर पर दर्ज समस्याओं व शिकायतों का गंभीरता से संज्ञान लेकर विभागीय स्तर पर निवारण करेंगे। इस संबंध में विभागीय मंत्री डा. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को दो टूक निर्देश दिये हैं। उन्होंने अधिकारियों को टोलफ्री नम्बर पर आने वाली प्रत्येक कॉल को रिसीव करने तथा प्रत्येक समस्या का समय पर समाधान करने को कहा। इसके साथ ही कांट्रोल रूम के सफल संचालन को प्रत्येक दो सप्ताह में समीक्षा करने के निर्देश भी विभागीय अधिकारियां को दिये हैं।

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मानसूनी सीजन में राजकीय विद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियों में व्यवधान उत्पन्न न हो इसके लिये शिक्षा विभाग में पहली बार कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। विभाग ने टोलफ्री नम्बर 18001804132 भी जारी किया है। जिस पर विद्यालयों से सम्बंधित शिकायत व समस्याएं दर्ज की जा सकेंगी। किसी भी समस्या का समय से समाधान करने के लिये कार्मिकों की तैनाती भी सुनिश्चित की गई है।
– डॉ. धन सिंह रावत, विद्यालयी शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकार।

राज्य में काउंसलिंग से होंगे शिक्षकों के तबादले, विभागीय मंत्री धन सिंह ने दी मंजूरी

माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत शिक्षकों के तबादले काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से किये जायेंगे। इस संबंध में विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने विभागीय प्रस्ताव को स्वीकृत प्रदान कर दी है। तबादलों में काउंसलिंग प्रक्रिया की मंजूरी मिलते ही विभाग शिक्षकों के वार्षिक स्थानांतरण की तैयारी में जुट गया है।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत शिक्षकों के स्थानांतरण काउंसलिंग के माध्यम से किये जायेंगे। इस संबंध में विभागीय प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। जिसका शासनादेश जारी होते ही शिक्षकों के वार्षिक स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को स्थानांतरण प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश देते हुये तबादला कार्यक्रम के अनुसार आगामी 10 जुलाई से पहले काउंसलिंग प्रक्रिया को पूर्ण करने को कहा।

विभागीय मंत्री ने बताया कि लम्बे समय से शिक्षकों की काउंसलिंग के माध्यम से वार्षिक स्थानांतरण की मांग रही है, जिसे राज्य सरकार द्वारा पूरा कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सुगम क्षेत्र से दुर्गम क्षेत्र तथा दुर्गम से सुगम क्षेत्र में अनिवार्य स्थानांतरण की सीमा में आने वाले शिक्षकों को आवेदन पत्र में दिये गये विकल्पों में पद रिक्त न होने की दशा में विकल्प से इतर विद्यालयों में स्थानांतरण कर दिया जाता था, जिससे शिक्षकों में भारी नाराजगी देखने को मिलती थी। डा. रावत ने कहा कि अब काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से पूरी पारदर्शिता के साथ शिक्षकों के स्थानांतरण किये जायेंगे, साथ ही इस व्यवस्था के तहत पात्र शिक्षकों को इच्छित विद्यालय भी आवंटित हो सकेंगे। जिससे अध्यापक पूर्ण मनोयोग से अध्यापन कार्य कर सकेंगे। जिसके फलस्वरूप विद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियों में व्यापक सुधार आयेगा जिसका लाभ प्रदेशभर के छात्र-छात्राओं को मिलेगा।

तबादलों में काउंसलिंग की मंजूरी मिलते ही विभागीय अधिकारियों ने शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर तैयारी शुरु कर दी है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक महावीर बिष्ट ने बताया कि काउंसलिंग के माध्यम से शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शीघ्र ही शिक्षकों की काउंसलिंग के लिये तिथि घोषित की जायेगी। उन्होंने कहा कि विभाग की कोशिश रहेगी कि आगामी 10 जुलाई से पहले शिक्षकों के तबादले कर दिये जाय।

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अधिकारियों को दिये आयुष्मान भव के विशेष अभियान चलाने के निर्देश

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तत्वाधान में प्रदेशभर में चलाया जा रहा आयुष्मान भव अभियान अब सभी शिक्षण संस्थानों में भी विशेष रूप से चलाया जायेगा। इसके लिये सभी सम्बंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। जनपद स्तर एवं विकासखण्ड स्तर पर तैनात अधिकारी अभियान नोडल अधिकारी रहेंगे। यह अभियान आगामी 23 सितम्बर से 30 सितम्बर तक सप्ताहभर चलाया जायेगा। जिनका शुभारम्भ देहरादून से प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा किया जायेगा।

शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉॅ. धन सिंह रावत ने आज राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण देहरादून के सभागार में प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के शत-प्रतिशत आयुष्मान कार्ड, आभा आईडी बनाने के साथ ही स्वैच्छिक रक्तदान व नशामुक्ति को लेकर जनजागरूता कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। डॉ. रावत ने बताया कि आयुष्मान भव अभियान के तहत प्रदेश के समस्त शिक्षण संस्थानों उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, जनजातीय आवसीय विद्यालयों व मदरसों में 23 सितम्बर से 30 सितम्बर तक विशेष अभियान चलाये जायेंगे। जिसमें शत-प्रतिशत छात्र-छात्राओं के आयुष्मान कार्ड, आभा आईडी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जिन शिक्षण संस्थानों में शत-प्रतिशत आयुष्मान कार्ड एवं आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउण्ट (आभा आईडी) बनाई जायेगी उनको आयुष्मान विद्यालय का दर्जा दिया जायेगा। इसके लिये संबंधित विद्यालयों के शिक्षकों का सहयोग लिया जायेगा। इसके अतिरिक्त समस्त शिक्षण संस्थानों में एक सप्ताह तक प्रतिदिन प्रार्थना सभा के दौरान छात्र-छात्राओं को नशा मुक्त अभियान, स्वैच्छिक रक्तदान, नेत्रदान एवं अंगदान तथा टीबी मुक्त अभियान के प्रति जागरूक किया जायेगा।

बैठक में राज्य स्वास्थ्य प्रधिकरण के सीईओ आनंद श्रीवास्तव, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, निदेशक यूसर्क प्रो. अनीता रावत, निदेशक विद्यालयी शिक्षा सीमा जौनसारी, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. ए.एस. उनियाल, यूसैक के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. उपाध्याय, सहित तकनीकी शिक्षा, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक विभाग, जनजाति कल्याण विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

यूकॉस्ट, यूसर्क एवं यूसेक शिक्षण संस्थानों को देंगे सहयोग
प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में विज्ञान प्रयोगशाल व वर्चुअल लैब की स्थापना के साथ ही विज्ञान शिक्षकों के विशेष प्रशिक्षण एवं छात्र-छात्राओं को विज्ञान प्रदर्शनी हेतु विज्ञान एवं तकनीकी से जुडे तीनों संस्थान उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट), उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) एवं उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) सहयोग करेंगे। यही नहीं विज्ञान विषयों से जुड़े विभिन्न शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राएं अपने शैक्षणिक भ्रमण के दौरान यूकॉस्ट के अंतर्गत झाझरा देहरादून में स्थित विज्ञान धाम जाकर विज्ञान एवं तकनीकी की बारीकियां समझेंगे। इस संबंध में संबंधित संस्थानों के शीर्ष अधिकारियों व शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारियों के बीच आपसी सहमती बनी है।

जनजातीय क्षेत्र के बच्चों में होगी सिकल सेल की जांच
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण देहरादून के सभागार में आयोजित बैठक में स्वास्थ्य विभाग एवं जनजाति कल्याण विभाग द्वारा संयुक्त रूप से प्रदेशभर के जनजाति क्षेत्रों के शिक्षण संस्थानों में सिकल सेल उन्मूलन अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। इस अभियान के अंतर्गत जनजाति क्षेत्र के बच्चों को सिकल सेल के प्रति जागरूक करने के साथ ही स्कूल एवं महाविद्यालय स्तर पर मेडिकल कैम्प लगाकर स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जायेगा। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही अल्पसंख्यक एवं जनजाति कल्याण विभाग शामिल रहेंगे।

नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर मुख्य सचिव ने की बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित हुई। मुख्य सचिव ने नई शिक्षा नीति लागू किए जाने हेतु सभी प्रकार की तैयारियां सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये।

मुख्य सचिव ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप प्रशिक्षण कार्यक्रम का कैलेंडर तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि सुधार एवं सुझावों के लिए लगातार हितधारकों से तालमेल बनाकर सुझाव लिए जाएं। इसके लिए मैकेनिज्म तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों को प्रारंभिक अवस्था में पहचान किए जाने की दिशा में भी कार्य किया जाए। उन्होंने इसके लिए व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने आंगनवाड़ी में बालवाटिकाओं हेतु पाठ्यक्रम लगातार अपडेट किए जाने के भी निर्देश दिए।

बैठक के दौरान बताया गया कि आधारभूत पठन कौशल एवं गणितीय ज्ञान के मूल्यांकन हेतु ‘प्रगति‘ ऐप तैयार कर लिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में कक्षा एक में प्रवेश लेने वाले छात्रों हेतु स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम ‘‘आरोही‘‘ तैयार कर प्रदेश के समस्त राजकीय विद्यालयों में प्रारम्भ कर ली गई है। ‘बालवाटिका‘ शिक्षक हस्तपुस्तिका एवं ‘बालवाटिका‘ अभ्यास पुस्तिका ( स्वास्थ, संवाद, एवं सृजन) तैयार कर विद्यालय स्तर पर वितरित की जा चुकी हैं। प्रथम चरण में एक ही विद्यालय परिसर में स्थित 4457 आंगनवाडी केन्द्रों में बाल वाटिका प्रारम्भ की जा चुकी है।

इस अवसर पर सचिव रविनाथ रमन, हरिचंद्र सेमवाल, अपर सचिव योगेन्द्र यादव एवं महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

राज्य मंत्रिमंडल ने कई फैसलों पर लगाई मुहर

प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा के स्तर में सुधार दिखाई देगा। मंत्रिमंडल ने 603 राजकीय प्राथमिक और 76 राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों को उत्कृष्ट विद्यालय (सेंटर आफ एक्सीलेंस) बनाने का निर्णय लिया है। इन विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, फर्नीचर जैसी समस्त सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
प्रदेश सरकार अब शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दे रही है। सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्रसंख्या घटने और अभिभावकों की घटती रुचि को देखते हुए सरकार को अब गुणात्मक सुधार के लिए कदम उठाने पड़ रहे हैं। इसे देखते हुए प्रदेश के ऐसे राजकीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को उत्कृष्ट बनाने का निर्णय लिया गया है, जहां छात्रसंख्या अच्छी है।
विद्यालयों के प्रति स्थानीय समुदाय की अच्छी धारणा को देखते हुए सरकार ने 679 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को शिक्षा की उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया। इन विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को कक्षाकक्षों में बैठने से लेकर अन्य सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी।
विद्यालय भवनों में नए कक्षाकक्षों का निर्माण किया जा सकेगा। पांच किमी की परिधि में राज्य के इन 679 विद्यालयों को कई भौतिक संसाधनों व सुविधाओं का तोहफा मिल सकेगा।

लोक सेवा आयोग में 30 अस्थायी पद होंगे सृजित
लोक सेवा आयोग के बढ़ते कार्य को देखते हुए सरकार ने यहां 30 नए अस्थायी पद सृजित करने का निर्णय लिया है। इन पदों पर संविदा के आधार पर कार्मिकों की नियुक्ति की जाएगी। ये पद एक वर्ष के लिए सृजित किए जा रहे हैं।

कैंपस बने कालेजों में यथावत रहेगी व्यवस्था
मंत्रिमंडल ने अन्य निर्णय में तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित छह राजकीय इंजीनियरिंग कालेज अब वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कैंपस होंगे। इनमें प्रौद्योगिकी संस्थान गोपेश्वर, महिला प्रौद्योगिकी संस्थान देहरादून, डा एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी संस्थान टनकपुर, नन्हीं परी सीमांत प्रौद्योगिकी संस्थान पिथौरागढ़, टीएचडीसी-आइएचटी नई टिहरी और बौन इंजीनियरिंग कालेज उत्तरकाशी सम्मिलित हैं।
मंत्रिमंडल ने इन कालेजों को जैसे हैं, जहां है के आधार पर कुछ शर्तों के साथ यह स्वीकृति दी है। इन सभी स्ववित्तपोषित संस्थानों को राज्य सरकार से वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी। साथ में सभी संस्थानों में निदेशक मंडल (बीओजी) यथावत कार्य करता रहेगा।

उपनल कार्मिकों को मासिक आधार पर मिलेगी प्रोत्साहन
राशि मंत्रिमंडल ने उपनल कर्मचारियों को अब मासिक आधार पर प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है। प्रदेश में अभी तक उपनल कर्मियों को त्रैमासिक आधार पर प्रोत्साहन भत्ता दिया जाता है। इसके तहत 10 साल की सेवा पूरी कर चुके कार्मिकों को 17,400 रुपये और 10 साल से कम सेवा वालों को 14,400 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
इस संबंध में पूर्व में भी निर्णय लिया गया था लेकिन तब वित्त विभाग ने इस पर आपत्ति लगा दी थी। इसके बाद से ही उपनल कर्मी प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि देने की मांग कर रहे थे। ऐसे में अब मंत्रिमंडल ने इन्हें प्रतिमाह 5800 रुपये और 4800 रुपये प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है।
भवन मानचित्र पर आवास विभाग ने दिया प्रस्तुतिकरण मंत्रिमंडल की बैठक में पर्वतीय क्षेत्रों में राजमार्गों के किनारे बनने वाले भवनों के मानचित्र स्वीकृत करने के संबंध में आवास विभाग ने विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। सूत्रों की मानें तो इसमें जोशीमठ की घटना का हवाला देते हुए पर्यटन व औद्योगिक दृष्टि से विकसित हो रहे पर्वतीय क्षेत्रों में जिला विकास प्राधिकरणों को सक्रिय करने की बात कही गई।
कहा गया कि इन क्षेत्रों में सुनियोजित तरीके से विकास को गति देने के लिए भवन मानचित्र अनिवार्य किए जाएं। इसी में यातायात की दृष्टि से सड़कों के किनारे भवन निर्माण में भी मानचित्र बनाने की बात कही गई। इसके लिए 200 मीटर का दायरा प्रस्तावित किया गया, जिस पर मंत्रिमंडल में आमराय नहीं बन पाई।

मंत्रिमंडल ने लिए ये निर्णय
देहरादून के तरला नागल में तिब्बती शरणार्थियों की आवासीय योजना में 65 लाख की कंपाउंडिंग फीस में छूट।
सिंचाई विभाग के संरचनात्मक ढांचे में बदलाव को मंजूरी। शोध अधिकारी के 24 और सहायक शोध अधिकारी के 12 पदों को दी गई स्वीकृति।
हाईकोर्ट के निर्देशानुसार सिरौलीकलां को नगर पंचायत के रूप में गठित करने की अधिसूचना ली वापस।
गैरसैंण में आयोजित विधानसभा सत्र के सत्रावसान को दिया गया अनुमोदन

जब बच्चों को अगुंली पकड़कर अक्षरज्ञान कराने लगे सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालय बनियावाला, देहरादून में शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित ‘‘प्रवेशोत्सव’’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेशभर में आज से प्रवेशोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन एक माह तक चलेगा। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालय बनियावाला में बालिकाओं का प्रवेशोत्सव विद्यारम्भ संस्कार के साथ शुरू किया गया गया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालय बनियावाला के उच्चीकृत भवन का शिलान्यास भी किया। उन्होंने विद्यालय से 8वीं पास करने वाली बालिकाओं को मैट्रिकुलेशन सेरेमनी से अलंकृत भी किया। इस अवसर पर प्राथमिक विद्यालयों के 21 हजार से अधिक अध्यापकों को टेबलेट के लिए उनके स्कूलों में डीबीटी के माध्यम से 21 करोड़ 76 लाख रूपये की धनराशि हस्तांतरित की गई। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर कुछ अध्यापकों को टेबलेट भी प्रदान किये। इनका उपयोग शिक्षा शिक्षण अधिगम के लिए करेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर घोषणा की कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावास बनियावाला में उपलब्ध भूमि की चाहरदीवारी एवं उपलब्ध भूमि के अनुरूप खेल का मैदान बनाया जायेगा। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावासों एवं कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका छात्रावासों में मानदेय पर कार्यरत अल्पकालिक शिक्षकों तथा अन्य कार्मिकों के मानदेय में तर्कसंगत वृद्धि की जायेगी। राजकीय विद्यालयों में पीएम पोषण योजना के अन्तर्गत मानदेय पर रखे गये भोजनमाता एवं अनुसेवकों के लिए कल्याण कोष की स्थापना की जायेगी। इस कल्याण कोष का उपयोग संबंधित भोजनमाता एवं अनुसेवकों के द्वारा एक निश्चित योगदान अवधि पूर्ण करने के बाद विद्यालय से मुक्त होने पर उन्हें एकमुश्त तर्कसंगत धनराशि दिए जाने के लिए किया जायेगा। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावास बनियावाला के लिए डाइनिंग हॉल एवं 2 अतिरिक्त कक्षों का निर्माण किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने स्कूलों में प्रवेशोत्सव करने पर सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज से नया शैक्षणिक सत्र प्रारंभ हो रहा है, वहीं दूसरी और विद्यार्थियों के लिए करीब साढ़े तीन करोड़ से उच्चीकृत एक नए नेताजी सुभाष चन्द्र बोस छात्रावास का भी शिलान्यास किया जा रहा है। इस समय राज्य में टनकपुर, चम्पावत, श्रीनगर, पौड़ी गढ़वाल, उधमसिंह नगर, पीठसेन में कुल 11 ऐसे आवासीय छात्रावास स्वीकृत हुए हैं, जिनके माध्यम से हमारे विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिल रही है, इसके अलावा इस वित्तीय वर्ष में 2 नये आवासीय छात्रावास टनकपुर एवं श्रीनगर में स्वीकृत किये गये हैं साथ ही 3 छात्रावास गदरपुर, पीठसेन एवं बनियावाला को भी उच्चीकृत किया गया है। इन छात्रावासां के माध्यम से बालकों तथा बालिकाओं दोनों को निःशुल्क भोजन, आवास, गणवेश, शिक्षण सामग्री आदि उपलब्ध कराई जा रही है। राजकीय प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को डिजिटल सुदृढ़ीकरण के उद्देश्य से टीचर रिर्साेस पैकेज के तहत टैबलेट क्रय के लिए दस हजार रूपये की धनराशि प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समय के साथ शिक्षा में इनोवेशन बहुत जरूरी है। ज्ञान और शिक्षा सिर्फ किताबी नहीं हो सकते हैं। शिक्षा का मकसद व्यक्ति के हर आयाम का सन्तुलित विकास करना है। सन्तुलित विकास इनोवेशन के बिना सम्भव नहीं है। उन्होंने कहा कि शिक्षा हमें उच्च विचार, उच्च आचार, उच्च संस्कार और उच्च व्यवहार के साथ ही समाज की समस्याओं का उच्च समाधान भी उपलब्ध कराती है। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने बेटी पढ़ाओ, बेटी बढाओ का जो नारा दिया है उस नारे को हमें सार्थक करके दिखाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे नौनिहाल इस देश का भी भविष्य हैं, बच्चे ही वो मजबूत नींव है, जिस पर नए भारत की तकदीर और नए भारत का भविष्य टिका हुआ है। राज्य सरकार विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा के द्वारा ही कोई समाज समृद्धशाली और शक्तिशाली बन सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति से स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा को नए आयाम प्राप्त होंगे, इससे सभी वर्ग के लोगों को समानता के आधार पर शिक्षा प्राप्त करने के अवसर भी मिलेंगे। नई शिक्षा नीति के माध्यम से रोजगार परक शिक्षा मिलेगी, साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अलग से तैयारी नहीं करनी पड़ेगी। इससे शोध एवं अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा तथा देश को विकसित राष्ट्र बनाने में नई शिक्षा नीति कारगर साबित होगी। उत्तराखंड देश का प्रथम राज्य है जिसने स्कूली शिक्षा में नई शिक्षा नीति को लागू किया है।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में प्रवेशोत्सव कार्यक्रम एक माह तक चलेगा। स्कूलों में प्रवेशोत्सव कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधिगण भी भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या को शून्य प्रतिशत करने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में जल्द ही विद्या समीक्षा केन्द्र का शुभारंभ किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के अलावा अशासकीय विद्यालयों के बच्चों को भी मुफ्त में किताबें देने का निर्णय सरकार ने लिया है, जल्द ही सभी को किताबें मिल जायेंगी। अब प्रत्येक स्कूलों में बुक बैंक बना रहे हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जितने भी अल्पसंख्यक स्कूल हैं, उन सभी स्कूलों को सर्वे किया जा रहा है, जिन मानकों के हिसाब से स्कूलों को अल्पसंख्यक का दर्जा मिला है, उनका कितना पालन हो रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में स्थानान्तरण की पॉलिसी को मजबूत बनाया जा रहा है। राज्य में माह में बच्चों को स्कूलों में एक दिन बस्ता फ्री दिवस करने जा रहे हैं, उस दिन व्यायाम, योगा एवं अन्य गतिविधियां कराई जायेंगी। जल्द ही शिक्षा के पांचों बोर्ड की बैठक की जाएगी, इस बैठक में बच्चों के बस्ते के वजन को कम करने के लिए निर्णय लिया जायेगा।
इस अवसर पर विधायक सहदेव सिंह पुण्डीर, दलीप सिंह रावत, मोहन सिंह मेहरा, सचिव शिक्षा रविनाथ रमन, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

शिक्षक संगठनों के साथ बैठक में बनी सहमति, होगी पदोन्नति

शिक्षा विभाग के अंतर्गत पात्र एल.टी. शिक्षकों को प्रवक्ता एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर शीघ्र पदोन्नत किया जायेगा, इसके लिये अधिकारियों को विभागीय प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दे दिये गये हैं। प्रवक्ता एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर पदोन्नति को लेकर विभिन्न शिक्षक संगठनों एवं न्यायालय में वाद से संबंधित पक्षों ने भी अपनी सहमति प्रदान कर दी है, जबकि वरष्ठिता संबंधी मामलों पर बाद में निर्णय लिया जायेगा। बैठक में विभिन्न शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने अपने-अपने पक्ष रखे, जिस पर विभागीय मंत्री ने छात्रहित एवं शिक्षकहित को ध्यान में रख कर कार्रवाही करने की बात कही।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज विधानसभा स्थित सभाकक्ष में विभिन्न शिक्षक संगठनों एवं न्यायालय में वाद से संबंधित पक्षों के बीच मैराथन बैठक चली। जिसमें शिक्षा विभाग के अंतर्गत शिक्षकों के विभिन्न पदों पर पदोन्नति को लेकर मैराथन चर्चा की गई। विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि एल.टी. (सहायक अध्यापक) से प्रवक्ता एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जायेगी, जिसके लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि प्रवक्ता एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर पदोन्नति को लेकर विभिन्न शिक्षक संगठनों एवं न्यायालय में वाद दायर करने वाले पक्षों यथा तदर्थ विनियमति, सीधी भर्ती एवं प्रवक्ता (सीधी भर्ती) ने लिखित रूप से अपनी सहमति प्रदान कर दी है। बैठक में मौजूद सभी पक्षों की आपसी सहमति मिलने से अब प्रवक्ता एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर प्रोन्नति के रास्ते खुल गये हैं। विभागीय मंत्री डॉ. रावत ने कहा भविष्य में सभी शिक्षक संगठनों एवं न्यायालय में वाद दायर करने वाले पक्षों के बीच आपसी सहमति बना कर प्रवक्ता से प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाध्यापक से प्रधानाचार्य के पदों पर पदोन्नति के प्रकरणों को भी हल कर लिया जायेगा।

बैठक में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र कुमार, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, संयुक्त सचिव जे.एल. शर्मा, अपर निदेशक महावीर बिष्ट, आर.के. उनियाल, डा. मुकुल कुमार सती, राजकीय शिक्षक संघ के महासचिव सोहन सिंह माजिला, राजकीय शिक्षक संघ कुमाऊं के अध्यक्ष विजय गोस्वामी, तदर्थ विनियमित शिक्षक समिति के संयोजक विरेन्द्र दत्त विजल्वाण, राजेन्द्र कुलाश्री, माधो सिंह बिष्ट, प्रेमलता बौड़ाई, अंकित जोशी, जगमोहन सोनी, मुकेश बहुगुणा, धन सिंह चौहान सहित विभिन्न शिक्षक संगठन के पदाधिकारी एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

कैबिनेट में लाया जायेगा परिषदीय परीक्षा अंक सुधार का प्रस्ताव

सूबे में समग्र शिक्षा के अंतर्गत राज्य एवं जिला स्तरीय कार्यालयों में रिक्त बीआरपी-सीआरपी के 955 पदों को आउट सोर्स के माध्यम से भरा जायेगा, जिसके लिये नियमानुसार आउटसोर्स एजेंसी का चयन करने का निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। विद्यालयी शिक्षा परिषद की बोर्ड की परीक्षाओं में अनुत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को एक विषय में अंक सुधार का मौका दिये जाने संबंधी प्रस्ताव आगामी कैबिनेट में लाया जायेगा।
विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज सचिवालय स्थित मुख्य सचिव सभागार में विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक हुई, जिसमें मुख्य सचिव एवं वित्त सचिव सहित विभागीय अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। कैबिनेट मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि समग्र शिक्षा के अंतर्गत राज्य एवं जिला स्तरीय कार्यालयों में रिक्त चल रहे बीआरपी-सीआरपी के करीब 955 पदों को शीघ्र ही आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से भरा जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर नियमानुसार आउटसोर्स एजेंसी के चयन एवं बीआरपी-सीआरपी के रिक्त पदों को भरने हेतु शैक्षिक अर्हताएं तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं।
विभागीय मंत्री ने बताया कि गत वर्षों में विद्यालयी शिक्षा परिषद की बोर्ड की परीक्षाओं में काफी छात्र-छात्राएं एक विषय में कम अंक आने के कारण उत्तीर्ण नहीं हो पाये जबकि अन्य विषयों में उनके द्वारा अच्छे अंक प्राप्त किये गये। जिसे देखते हुये राज्य सरकार ने 10वीं एवं 12वीं की परिषदीय परीक्षाओं में एक विषय में अनुत्तीर्ण छात्रों के लिये अंक सुधार की व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। जिसका प्रस्ताव आगामी कैबिनेट बैठक में लाया जायेगा। बैठक में विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत अध्ययनरत मेधावी छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना से अच्छादित करने का निर्णय लिया गया, जिस हेतु विभागीय अधिकारियों को आगामी कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के निर्देश दिये गये।
शिक्षा मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि राज्य में 31 मार्च से पहले विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना कर दी जायेगी इसके लिये कार्यदायी संस्था टीसीआईएल के अधिकारियों को नियत समय में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दे दिये गये है। डॉ0 रावत ने बताया कि राज्य के जिन विद्यालयों में छात्र संख्या 250 से अधिक है उनमें हाईब्रिड मोड में वर्चुअल एवं आईसीटी लैब की स्थापना की जायेगी जबकि शेष विद्यालयों में आईसीटी लैब ही स्थापित की जायेगी। शासन स्तर पर लम्बित एससीईआरटी के अंतर्गत शिक्षक-शिक्षा संवर्ग के ढांचे पर शीघ्र निर्णय लेने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधू, वित्त सचिव दिलीप जावलकर, सचिव राज्यपाल एवं विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी, अपर निदेशक एवं प्रभारी निदेशक बेसिक शिक्षा आर.के. उनियाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।