मुख्यमंत्री ने सड़कों के निर्माण कार्य को दी 5 करोड़ रूपए की स्वीकृति

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की घोषणा के अन्तर्गत पूर्व विधायक स्व. राजेंद्र शाह की आदमकद प्रतिमा के लिए 11.96 लाख की स्वीकृति दी गई है। इस धनराशि को एकमुश्त जारी करने की भी मुख्यमंत्री ने सहमति दी है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोक निर्माण, शिक्षा, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, पर्यटन और धर्म संस्कृति समेत कुछ अन्य विभागों से संबंधित विकास कार्यों की स्वीकृति दी है। लोक निर्माण के तहत विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण के लिए करीब 5 करोड़ की स्वीकृति जारी की है।

राज्य योजना के तहत जनपद उत्तरकाशी के विधानसभा क्षेत्र यमुनोत्री के विकासखंड चिन्यालीसौड़ के अंतर्गत मरगांव-जसपुर-चमियारी से उलण मोटर मार्ग के नवनिर्माण के लिए 3.30 करोड़ की स्वीकृति दी है। चालू वित्त वर्ष में इस मोटर मार्ग के लिए 10 हजार की स्वीकृति प्रदान की है। इससे इस मोटर मार्ग का निर्माण सुनिश्चित हो गया है। इस विधानसभा क्षेत्र में इस योजना समेत कुल 41.14 करोड़ की स्वीकृतियां जारी कर दी हैं।

हरिद्वार के खानपुर में दो खड़जा मार्ग के निर्माण कार्य के लिए 55.19 लाख की स्वीकृति जारी की गई है। ऊधमसिंहनगर के रुद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के बुक्सौरा में आनंद सिंह के घर से फाल सिंह के घर तक मार्ग निर्माण के लिए 21.68 लाख की मंजूरी दी है। रुद्रपुर में ही एनएच-74 से प्रेमनगर अलखदेवी मार्ग के चैड़ीकरण का कार्य भी मंजूर कर दिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने 5.29 लाख की स्वीकृति दी है। गदरपुर दिनेशपुर मदकोटा मोटर मार्ग के 04 किलोमीटर से श्यामनगर तक मार्ग का सुदृढ़ीकरण और निर्माण कार्य के लिए 1.73 करोड़ की स्वीकृति दी है।
पर्यटन विभाग के तहत नैनीताल जिले में भीमताल में करकोटक की चोटी का पर्यटन की दृष्टि से विकास और सौंदर्यीकरण के लिए मुख्यमंत्री ने 94.92 लाख की मंजूरी दी है। इसके लिए चालू वित्तीय वर्ष में 50 लाख की धनराशि अवमुक्त करने के भी आदेश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कुल 951 अनाच्छित बस्तियों में रह रहे बच्चों को केंद्र सरकार से अनुमन्य दरों पर परिवहन सुविधा मुहैया कराने की भी मुख्यमंत्री ने स्वीकृति दी है। केंद्र सरकार से इसके लिए कुल 2743 बच्चों को 6 हजार रुपए प्रति बच्चा प्रति वर्ष की दर से कुल 164.58 लाख रुपए अनुमोदित किया गया है।

टिहरी जिले के राजकीय इंटर कालेज ठेला, नैलचामी मे 4 कक्षा कक्षों के निर्माण को भी मुख्यमंत्री ने सहमति दी है। कार्यदायी संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग ने इसके लिए 45 लाख का इस्टीमेट भेजा था। इसमें से 40 फीसदी राशि 18 लाख जारी करने पर स्वीकृति दी गई है। टिहरी के ही थौलधार विकासखंड के राजकीय इंटर कालेज बगियाल में दो कक्ष-कक्षों केनिर्माण के लिए 42.28 लाख की मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में ही क्यारी स्थित राजकीय इंटर कालेज में दो कक्षा कक्षों की मंजूरी के लिए भी 42.28 लाख की सहमति दी है।

डोईवाला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राजकीय इंटर कालेज इठारना का जीर्ण शीर्ण भवन ध्वस्त कर नया भवन बनाया जाएगा। इसके लिए 4.53 करोड की मुख्यमंत्री ने सहमति दी है। पहली किश्त के रूप में 40 फीसदी यानि 1.81 करोड़ की राशि जारी करने की स्वीकृति दी है। देहरादून के राजकीय प्राथमिक विद्यालय डोभालवाला की मरम्मत कार्य के लिए 8.99 लाख की स्वीकृति दी है। पहली किश्त 3.60 लाख अवमुक्त करने की सहमति दी है।

युवा कल्याण व पीआरडी विभाग के तहत विधानसभा क्षेत्र ज्वालापुर के ग्राम नौकराग्रांट बुग्गावाला में मिनी स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा।इसके लिए मुख्यमंत्री ने 96.85 लाख के सापेक्ष 40 फीसदी धनराशि यानि 38.74 लाख की वित्तीय स्वीकृति दी है।

मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग के तहत तहसील लक्सर मे अंबेडकर वृद्ध आश्रम विष्णु विहार कालोनी गोरधनपुर रोड के लिए घोषणा मद से 10 लाख की अनुदान सहायता स्वीकृत की है। अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास योजना के तहत 61 निर्माण कार्यों के लिए 3.38 करोड़ अवमुक्त किए जाने पर सहमति दी है। समाज कल्याण विभाग में व्यवसायिक तथा विशेष सेवाओं के लिए भुगतान में विभागीय आनलाइन पेंशन पोर्टल की सुरक्षा आडिट के भुगतान के लिए 66 हजार की राशि मंजूर की गई है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के तहत 31 निर्माण कार्य के ले 1.47 करोड़ की मंजूरी दी गई है। इसमें ऊधमसिंह नगर में 12, नैनीताल में 18 और देहरादून में एक निर्माण कार्य होना है।

पेयजल और स्वच्छता विभाग के तहत अल्मोड़ा के सोमेश्वर विधानसभा क्षेत्र में सुनौली अनुसूचित बस्ती दाड़िमखोला, थापला व बसौली में 3 हैंडपंप लगाए जाने हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री ने 9.41 लाख की स्वीकृति के साथ ही इस राशि को जारी करने निर्देश दिए हैं।

आबकारी विभाग में ट्रैक और ट्रैस प्रणाली लागू की जाएगी। इस प्रणाली को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री ने 4.63 करोड़ के बजट प्राविधान किए जाने के संबंध में विभागीय प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आपदा प्रबंधन विभाग के तहत चिन्यालीसौड़ के आपदा प्रभावित कान्सी के प्रभावित परिवारों को अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर विस्थापित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। आपदा प्रबंधन विभाग के तहत पिथौरागढ़, देहरादून, हरिद्वार को क्रमशः 1 करोड़, 3 करोड़ और 5 करोड़ कुल 9 करोड़ की राशि अवमुक्त करने की मुख्यमंत्री ने स्वीकृति दी है। लेकिन राज्य कार्यकारी समिति की आगामी बैठक में इसकी कार्यात्तर स्वीकृति ली जाएगी।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने विश्व बैंक सहायतित परियोजना उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट दृएएफ के अंतर्गत हो रहे कार्यों के लिए 50 करोड़ की स्वीकृति दी है। इस प्रोजेक्ट के तहत करीब 50 पुलों का निर्माण, 5 नदी किनारे सुरक्षित निर्माण कार्य, यूएसडीएमए भवन निर्माण कार्य, 7 ढलान स्थिरीकरण कार्य तथा एसडीआरएफ मुख्यालय निर्माण कार्य चल रहा है। साथ ही प्रोजेक्ट के अधीन आकस्मिक आपातकालीन व्यवस्थाओं के घटक के तहत 140 एंबुलेंस, 1000 फालर बेड्स, 4 सीटी स्कैन मशीन व लैब सुदृढीकरण कार्य होना है।

सिलेबस में 30 फीसदी कटौती के साथ परीक्षा देंगे छात्रः मीनाक्षी सुंदरम

कोरोना महामारी के बीच छात्रों के लिए राहत देने वाली खबर है। संक्रमण के चलते विद्यालयों के बंद रहने की वजह से उत्तराखंड सरकार ने सिलेबस में 30 फीसदी कटौती करने का निश्चय कर दिया है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने इसके आदेश जारी कर दिए है। इस आदेश के अनुसार राज्य में एनसीईआरटी के स्तर से सिलेबस इस वर्ष 70 फीसदी ही रहेगा।

इस क्रम में वर्ष 2020-21 शैक्षिक सत्र में गृह और बोर्ड परीक्षाएं करवाई जाएंगी। यह फैसला शिक्षा विभाग की ओर से संचालित सरकारी, अशासकीय सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त स्कूलों पर लागू होगा। शिक्षा सचिव ने बताया कि पहली से आठवीं तक एनसीईआरटी से तय सिलेबस लागू किया जाएगा। नौवीं से 12वीं तक का सिलेबस विद्यालयी शिक्षा परिषद की ओर से तय होगा।

उत्तराखंड में पहली से 12वीं तक एनसीईआरटी किताबें लागू हैं। लेकिन राज्यस्तर से भी कुछ किताब पढ़ाई जातीं हैं। इन किताबों में भी तीस फीसदी की कटौती होनी है। सचिव ने कहा, परीक्षा को देखते हुए जरूर सिलेबस में कटौती हो गई है।

शिक्षामंत्री ने निर्देश देकर स्कूलों को बंद ही रखने को कहा

21 सिंतबर से उत्तराखंड में स्कूल न खोलने का राज्य सरकार ने निर्णय लिया है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने इस मामले में निर्देश दिए हैं। बता दें कि 21 सिंतबर से 50 प्रतिशत स्टाफ स्कूल आने और कंटेनमेंट जोन से बाहर के स्कूलों में कक्षा नौ से 12 तक के बच्चों को स्कूल आने की इजाजत दी गई थीं। मगर, इस संबंध में अभिभावकों की लिखित अनुमति अनिवार्य रखी गई थी। मगर, राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण को भांपते हुए प्रदेश में स्कूल बंद ही रखने का ऐलान किया है।

विदित है कि प्रदेश में पाॅजीटिव मरीजों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। वर्तमान में 33 हजार के पार इसके मरीज हो गए है। वहीं, एक्टिव केस 10374 के करीब है।

कक्षा नौवी, दसवीं, बारहवीं की विज्ञान और अंग्रेेजी की पढ़ाई कराएगा दूरदर्शन

बृहस्पतिवार को डीडी उत्तराखंड और शिक्षा विभाग के बीच करार हुआ। ज्ञानदीप कार्यक्रम के तहत रोजाना आधा-आधा घंटे की कक्षा नौवी, दसवीं और बारहवीं के छात्रों को तीन एपिसोड के जरिए पढ़ाई कराई जाएगी। विज्ञान और अंग्रेजी विषय की पढ़ाई वरिष्ठ शिक्षक वीडियों के जरिए छात्रों को उपलब्ध कराएंगे। शुक्रवार से पढ़ाई शुरू हो जाएगी।

एमओयू पर समग्र शिक्षा अभियान के एपीडी डॉ. मुकुल कुमार सती और दूरदर्शन से कार्यक्रम अधिकारी नरेंद्र रावत ने हस्ताक्षर किए। डॉ. सती ने बताया कि कोरोना लॉकडाउन की वजह से सभी शैक्षिक संस्थान फिलहाल बंद है। छात्रों की पढाई प्रभावित न हो, इसलिए दो माध्यमों से पढाई कराई जा रही है। ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पहाड़घ् के दूरदराज क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा न होने की वजह से वहां दूरदर्शन काफी उपयोगी साबित होगा। इस प्रकार को प्रदेश का हर छात्र देख सकता है।

डीडी के कार्यक्रम प्रमुख डॉ. सुभाष चंद्र थलेडी ने बताया कि छात्र हर रोज के लेक्चर को डीडी उत्तराखंड के आधिकारिक यूट्यूब चौनल पर भी भी देख सकते हैं। इन सभी एपिसोड को रोजाना यूट्यूब पर अपलोड किया जाएगा।

राहतः सरकार ने कहा-किसी भी गेस्ट टीचर नही निकाला जायेगा

उत्तराखंड में प्रमोशन में आरक्षण समाप्त होने के बाद शिक्षा विभाग में दो हजार से अधिक शिक्षकों के प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया। अधिकतर प्रमोशन सहायक अध्यापक से लेक्चरर के पदों पर होने हैं। जबकि सरकार की ओर से हाल ही में इन पदों पर गेस्ट टीचरों की तैनाती की गई है। ऐसे में नियमित लेक्चरर मिलने के बाद गेस्ट टीचरों को उन पदों से हटाने को लेकर गेस्ट टीचरों में भय बन रहा है। लेकिन राहत देने वाली बात है कि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी गेस्ट टीचर को विभाग से बाहर न किया जाए। प्रमोशन से जो पद खाली होंगे उन पदों पर गेस्ट टीचरों को तैनाती दी जाए।
शिक्षा विभाग में शिक्षकों के चार हजार से अधिक पद खाली हैं। लोक सेवा आयोग से लेक्चरर और उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से सहायक अध्यापक समय पर न मिलने से शिक्षकों की कमी बनी थी। सरकार की ओर से शिक्षकों के खाली पदों पर खासी कवायद के बाद गेस्ट टीचरों की तैनाती की गई है। जिन पदों पर गेस्ट टीचरों की तैनाती की गई है वे अधिकतर लेक्चरर के पद हैं। लेकिन अब प्रमोशन में आरक्षण समाप्त होने के बाद सहायक अध्यापक से लेक्चरर के 1949 पदों पर प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया। विभाग को नियमित तैनाती के 1949 लेक्चरर मिलने से उन स्कूलों से गेस्ट टीचरों को हटना होगा, जिन स्कूलों में इनकी तैनाती की गई है।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने बताया कि शिक्षा विभाग में शिक्षकों के प्रमोशन से जितने पद खाली होंगे उन पदों पर गेस्ट टीचरों की तैनाती की जाएगी। विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि किसी गेस्ट टीचर को बाहर न किया जाए। प्रदेश के दुर्गम और अति दुर्गम स्कूलों में गेस्ट टीचरों को तैनाती दी गई है।

खुशखबरीः सरकार ने अशासकीय स्कूलों में भर्ती प्रक्रिया शुरु की

प्रदेश के अशासकीय स्कूलों में लटकी शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की भर्ती के प्रस्ताव पर शिक्षा मंत्री के अनुमोदन के बाद भर्ती का रास्ता साफ हो गया। शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया को लोक सभा और इसके बाद पंचायत चुनाव की आचार संहिता के चलते पूरा नहीं किया जा सका था।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के मुताबिक भर्ती की अधूरी प्रक्रिया को अब पूरा किया जाएगा। प्रदेश के अशासकीय स्कूलों में शिक्षकों, प्रिंसिपलों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की इसी वर्ष जनवरी और फरवरी में भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई थी।
विभिन्न जनपदों की ओर से इसके लिए नियुक्ति विज्ञप्ति निकालकर अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे गए थे। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक तीन महीने के भीतर भर्ती की प्रक्रिया पूरी होनी थी, लेकिन फरवरी 2019 में लोक सभा चुनाव और इसके बाद पंचायत चुनाव की आचार संहिता के चलते भर्ती प्रक्रिया को पूरा नहीं किया जा सका। शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों एवं कर्मचारियों के विभिन्न पदों पर लटकी भर्ती को पूरा करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन से अनुमोदन मांगा गया था। शासन की ओर से प्रस्ताव को अनुमोदन के लिए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे को भेजा गया था।
शिक्षा मंत्री के मुताबिक शुक्रवार को इस पर अनुमोदन दे दिया गया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि भर्ती केवल उन पदों पर होगी, जिन पदों पर इसकी प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन इसे पूरा नहीं किया जा सका था। वहीं, राज्य युवा कल्याण परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रविंद्र जुगरान के नेतृत्व में अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री से मिलकर शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की भर्ती चयन प्रक्रिया पूरी करने की मांग की।