बजट के खास प्रावधानों पर एक नजर…

बजट केवल एक वार्षिक वित्तीय दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह हमारे प्रदेश की आर्थिक दिशा, नीतियों और सामाजिक कल्याण पहलों को आकार देने का एक शक्तिशाली साधन है।

बजट 2025-26 का आकार लगभग ₹1,01,175.33 करोड़ है। यह 2024-25 के अनुमान ₹89,230.07 करोड़ से लगभग 13 प्रतिशत अधिक है। पहली बार ₹1 लाख करोड़ से अधिक का बजट प्रस्तुत करने का सौभाग्य हमारी सरकार को प्राप्त हुआ है। राज्य गठन के उपरान्त 2001-02 में ₹4,506 करोड़ का बजट पेश किया गया था। इस प्रकार 24 वर्षों में लगभग 24 गुना बजट हमने आज प्रस्तुत किया है।

लगभग 16.68 प्रतिशत की वृद्धि के साथ इस बजट में ₹16,961.32 करोड़ का प्रावधान जेंडर बजट में किया गया है।

इकॉलोजी, इकोनामी, इनोवेशन, टेक्नालॉजी, सस्टेनेबल व इन्क्लूजिव डेवलवपमेंट तथा एकाउन्टेबिलिटी के व्यापक फ्रेमवर्क को ध्यान में रखते हुए हम कार्य कर रहे हैं।
सरलता, समाधान और निस्तारीकरण द्वारा विकास के अवरोध दूर कर रहे हैं।
हम ध्येय पथ पर बढ़ रहे हैं।

इस बजट में हम नई अनेक नई योजनाएं लेकर आये हैंः-

वेंचर फंड की स्थापना
रिवर फ्रन्ट डेवलपमेंट परियोजना
प्रवासी उत्तराखण्ड परिषद
यू.आई.आई.डी.बी. को परामर्शी सेवाओं एवं सर्विस सेक्टर सब्सिडी
रेणुका जी बांध परियोजना मे राज्य की अंशपूंजी
स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत इलेक्ट्रिक बसों के संचालन
खेल विश्वविद्यालय की स्थापना
होमगार्ड कल्याण कोष
मादक पदार्थों से सम्बन्धित अभियोग में कार्यवाही के लिए पुलिस कर्मियों आदि के उत्साहवर्धन हेतु रिवाल्विंग फंड की स्थापना,
सैनिक विश्राम गृहों की साज सज्जा
यह बजट N, A, M, O (नमो) यानि नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड, महान विरासत व ओजस्वी मानव संसाधन की थीम पर आधारित है।

नमो का प्रथम बिन्दु N अर्थात नवाचार के प्रतीक अनेक बिन्दु जैसे परिवार पहचान पत्र, पेपरलेस रजिस्ट्रेशन, बायोमैट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण, फायर हाइड्रेन्ट मशीन, स्मार्ट मीटर, साईंस सॅन्टर, स्मार्ट क्लास के लिए बजट में प्रावधान किया गया है।

नमो के दूसरे बिन्दु Aअर्थात आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के लिए बजट में “सप्तऋषि“ की अवधारणा दी गयी हैः कृषि, उद्योग, ऊर्जा, अवसरंचना, संयोजकता, पर्यटन तथा आयुष। ये ’सप्तऋषि आधुनिक उत्तराखण्ड के हमारे ग्रोथ इंजन हैं।

नमो के तीसरे बिन्दु M अर्थात महान विरासत के संरक्षण के लिए अनेक पहल हमारी सरकार ने की हैः-

शीतकालीन यात्रा, आदि कैलाश, ओम पर्वत आदि पवित्र स्थानों के लिए सड़क संयोजकता को सुगम बनाना, गोविंद घाट से घांघरिया मार्ग का नाम साहिबजादे जोरावर सिंह, बिडौरा छेवी पातशाही गेट से धूमखेड़ा मार्ग का नाम साहिबजादे फतेह सिंह मार्ग किए जाने की स्वीकृति आदि।

हरिद्वार और ऋषिकेश के पुनर्विकास, शारदा रिवर फ्रंट और इसके निकटवर्ती क्षेत्रों का विकास, कांवड़ मेले के आयोजन, अर्द्धकुम्भ मेले की प्रारम्भिक तैयारी, ऋषिकेश में हिमालयन संग्रहालय की स्थापना हेतु विभिन्न मेलों के आयोजन, संस्कृत पाठशालाओं व विश्वविद्यालय को अनुदान आदि हेतु बजट प्रावधान किये गये हैं।

संस्कृति के पावन मूल्यों की रक्षा,
प्रदेश का भविष्य उज्जवल करना
तथा विकास भी और विरासत भी
के सिद्धांत पर अडिग रहना
यह हमारी कार्यनीति है।
इसका परिलक्षण इस बजट में होता है।

नमो के चौथे बिन्दु O अर्थात ओजस्वी मानव संसाधन के लिए हमारी पहल –

उत्तराखण्ड वेंचर फंड की स्थापना, उद्यमिता को प्रोत्साहन, कृषकों को प्रोत्साहन, खेल सुविधाओं का विकास, खिलाड़ियों को प्रोत्साहन, देवभूमि उद्यमिता योजना, छात्रवृत्तियां, शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम, प्रशिक्षण तथा साइंटिफिक टेम्परामेंट को प्रोत्साहन आदि।

केवल सरकार के प्रयास से नहीं, जागृत जनता और ओजस्वी जनता से बनेगा विकसित उत्तराखण्ड ।
इस बजट में समावेशी व समग्र विकास के दृष्टिकोण से ज्ञान (GYAN) अर्थात गरीब, युवा, अन्नदाता एवं नारी कल्याण को केन्द्र में रखा गया है।

गरीब कल्याण हेतु बजटीय प्रावधानः-

सामाजिक सुरक्षा के अन्तर्गत विभिन्न पेंशन योजनाओं हेतु लगभग ₹1,811.86 करोड़
विभिन्न योजनाओं में सब्सिडी हेतु लगभग ₹918.92 करोड़
अन्नपूर्ति योजना ₹600.00 करोड़
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) हेतु लगभग ₹207.18 करोड़
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) हेतु लगभग ₹54.12 करोड़
EWS आवासों हेतु अनुदान ₹25.00 करोड़
परिवहन निगम की बसों में निर्धारित श्रेणी के यात्रियों हेतु निःशुल्क यात्रा की सुविधा हेतु ₹40.00 करोड़
राज्य खाद्यान योजना हेतु ₹10.00 करोड़
सस्ती दरों पर नमक उपलब्ध कराने हेतु लगभग ₹34.36 करोड़
निर्धन परिवारों हेतु रसोई गैस पर अनुदान हेतु ₹55.00 करोड़

“युवा शक्ति“ हेतु महत्वपूर्ण वित्तीय प्रावधानः-

टाटा टैक्नोलॉजी मॉडल के अनुसार आईटीआई का उन्नयन हेतु कुल ₹63.00 करोड़
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत प्रतिपूर्ति हेतु लगभग ₹178. 83 करोड़
9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क पाठ्य पुस्तक हेतु लगभग ₹59.41 करोड़
कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों हेतु निःशुल्क जूता एवं बैग की व्यवस्था हेतु ₹23.00 करोड़
विद्यालयी शिक्षा छात्रवृत्ति हेतु ₹15.00 करोड़
उच्च शिक्षा छात्रवृति हेतु ₹15.00 करोड़
उदीयमान खिलाडियों को छात्रवृत्ति हेतु ₹10.00 करोड़
बालिका शिक्षा प्रोत्साहन (साईकिल) योजना हेतु ₹15.00 करोड़
साइन्स सिटी एवं विज्ञान केन्द्रों हेतु लगभग ₹26.64 करोड़
विज्ञान केन्द्र चम्पावत हेतु ₹10.00 करोड़
खेल महाकुम्भ के आयोजन हेतु ₹15.00 करोड़
युवा महोत्सव के आयोजन हेतु रू0 5.00 करोड़
मुख्यमंत्री युवा मंगल दल स्वावलम्बन योजना हेतु रू0 5.00 करोड़
अन्नदाता हेतु प्रमुख बजटीय प्रावधानः-
दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजनान्तर्गत समग्र रूप से ₹85.00 करोड़
किसान पेंशन योजनान्तर्गत समग्र रूप से लगभग ₹4218 करोड़
हाउस ऑफ हिमालयाज के अन्तर्गत ₹15.00 करोड़
मिशन एप्पल योजना अन्तर्गत ₹35.00 करोड़
साईलेज आदि हेतु समग्र रूप से ₹40.00 करोड
दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना हेतु समग्र रूप से ₹30.00 करोड़
मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजनान्तर्गत ₹25.00 करोड़
मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना हेतु समग्र रूप से ₹12.43 करोड़
मिलेट मिशन योजना के प्रोत्साहन हेतु ₹4.00 करोड़
स्थानीय फसलों को प्रोत्साहन कार्यक्रम हेतु लगभग ₹5.75 करोड़
नेशनल मिशन फॉर नेचुरल फार्मिंग योजना हेतु समग्र रूप से लगभग ₹3.22 करोड़

नारी कल्याण को समर्पित प्रमुख बजटीय प्रावधान-
नन्दा गौरा योजनान्तर्गत लगभग ₹157.84 करोड़
मुख्यमंत्री बाल पोषण योजनान्तर्गत लगभग ₹29.91 करोड़
मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजनान्तर्गत लगभग ₹22.82 करोड़
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजनान्तर्गत लगभग ₹18.88 करोड़
मुख्यमंत्री महिला पोषण योजनान्तर्गत लगभग ₹13.96 करोड़
मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजनान्तर्गत ₹14.00 करोड़
मुख्यमंत्री बाल एवं महिला बहुमुखी विकास निधि हेतु ₹8.00 करोड़
निराश्रित विधवाओं की पुत्रियों के विवाह हेतु ₹5.00 करोड़
मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजनान्तर्गत लगभग ₹3.76 करोड़
मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना हेतु ₹5.00 करोड़
महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनांतर्गत ₹5.00 करोड़
ईजा-बोई शगुन योजना हेतु लगभग ₹14.13 करोड़

अक्सर बढ़ते हुए ऋण बोझ के कारण सरकार निशाने पर रहती थी। हमने वित्तीय प्रबन्धन पर जोर दिया और यह सुनिश्चित किया कि राज्य के स्वंय के संसाधनों से आय बढे तथा केन्द्र पोषित योजनाओं तथा बाड्य सहायतित योजनाओं में निर्वाध रूप से भारत सरकार से धनराशि प्राप्त की जा सके। इस हेतु लगातार समीक्षाए की जा रही हैं। समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रेषित किये जा रहे हैं तथा सार्वजनिक व्यय में वृद्धि हो रही है।

हम उत्तराखण्ड के सुनहरे भविष्य के लिए जहा एक ओर निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रयत्नशील हैं वहीं इस बात का भी ध्यान रख रहे हैं कि राज्य अनावश्यक ऋण के बोझ से न दबे।
पूंजीगत परिसम्पत्तियों के सृजन में अभिवृद्वि राज्य की शीर्ष प्राथमिकता है। पहली बार हमारी सरकार की कार्यकाल में ₹10 हजार करोड से अधिक का पूंजीगत परिव्यय हुआ है। पूंजीगत परिव्यय में 34 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए वर्ष 2023-24 में ₹10982 करोड़ के रिकार्ड को प्राप्त किया था।
इस वर्ष अभी तक ₹7 हजार करोड़ से अधिक का पूंजीगत परिव्यय हो गया है।

वर्ष 2025-26 के लिए बजट में लगभग 7 प्रतिशत वृद्धि करते हुए ₹4,763.13 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

आधारभूत अवसंचना को समर्पित अनेक महत्वपूर्ण प्रावधान इस बजट में हैं-
जमरानी बांध परियोजना हेतु ₹625.00 करोड़
सौंग परियोजना हेतु ₹75.00 करोड़
लखवाड़ परियोजना हेतु ₹285.00 करोड़
राज्यों के लिए विशेष पूंजीगत सहायता (SASCI ₹1,500.00 करोड़
जल जीवन मिशन हेतु समग्र रूप से ₹1,843.44 करोड़
नगरीय पेयजल / जलोत्सारण योजना का निर्माण हेतु ₹100.00 करोड़
अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास योजनार्न्न्तगत ₹60.00 करोड़
अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में विकास सम्बन्धी निर्माण कार्य हेतु ₹8.00 करोड़
लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत पूंजीगत मद में लगभग ₹1,268.70 करोड़ तथा अनुरक्षण के लिए लगभग ₹900 करोड़
ग्राम्य विकास के अन्तर्गत पीएमजीएसवाई हेतु ₹1,065.00 करोड़

अन्य प्रमुख योजनाओं में बजटीय प्रावधानः-
यूनीफार्म सिविल कोड(UCC) हेतु ₹30.00 करोड़
परिवार पहचान पत्र योजना हेतु लगभग ₹10.28 करोड़
राज्य आन्दोलनकारियों को पेंशन हेतु ₹48.00 करोड़
गौ सदनों एवं निराश्रित पशुओं हेतु ₹70.00 करोड़
गैरसैंण में अवस्थापना कार्य हेतु ₹20.00 करोड तथा गैरसैंण विकास परिषद को अनुदान हेतु ₹5.00 करोड़
अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना हेतु ₹550.00 करोड़
राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम व राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन हेतु समग्र रूप से लगभग ₹989.74 करोड़
ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना अन्तर्गत ₹150.00 करोड़
स्प्रिंग एण्ड रिवर रेजुविनेशन प्राधिकरण (सारा) के अन्तर्गत कुल ₹127. 00 करोड़
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना हेतु ₹60.00 करोड़
मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना हेतु ₹10.00 करोड़

सतत और समावेशी विकास करना हमारी प्राथमिकता है। आदरणीय प्रधानमंत्री ने यह कहा है कि यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। उनके प्रेरणादायी शब्द हमें निरन्तर और बेहतर करने की प्रेरणा देते हैं।

हमने यह निश्चय किया है कि हम देवभूमि उत्तराखण्ड को एक प्रगतिशील, उन्नत एवं हर क्षेत्र में आदर्श राज्य बनायेंगें। गत 24 वर्षों में राज्य ने कई उपलब्धिया प्राप्त की है. किन्तु अभी हमें बहुत आगे जाना है तथा इस प्रदेश को अग्रणी प्रदेश बनाना है। मुझे विश्वास है कि आप सभी के सहयोग एवं विकल्प रहित संकल्प से हम इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होंगें।

हम राजनीति नहीं अपितु राष्ट्रनीति को सर्वोपरि मानते हैं। इसीलिए राजनीतिक रूप से लाभ-हानि की चिंता किये बगैर हम प्रदेश के विकास को गति देने के लिए अथक कार्य कर रहे हैं। बड़े स्केल व अधिक स्पीड पर काम कर रहें हैं। जनता की आशाओं और आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य कर रहे हैं। जनता के आदेश को शिरोधार्य कर रहें हैं।

विकसित उत्तराखण्ड तथा इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिए हमारे प्रयासों को इस बजट से गति मिलेगी।

निर्मल पावन भावना है
देवभूमि की समृद्धि की कामना है।

उत्तराखंड में अब पर्यावरण मित्रों को मिलेगा दो लाख रूपये तक का बीमा

वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने मुख्यमंत्री घोषणा के अंतर्गत प्रदेश के नगर निकायों में पर्यावरण मित्रों का दर्जा प्राप्त कार्मिकों को दो लाख रुपए की बीमा धनराशि स्वीकृत करने के प्रस्ताव पर अपना अनुमोदन दिया है।

वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि धामी सरकार सिर्फ घोषणाएं ही नहीं करती, बल्कि अपने ही कार्यकाल में उन्हें धरातल पर भी उतारती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश के नगर निकायों में कार्यरत पर्यावरण मित्रों को पूर्व में मानदेय में बढ़ोतरी कर सौगात दी थी, जिसमें सभी श्रेणियां के सफाई कर्मियों के मानदेय में एकरूपता लाते हुए 500 रुपये प्रतिदिन किया था।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि पर्यावरण मित्रों के लिए एक बार फिर धामी सरकार सौगात लेकर आई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अंतर्गत अब प्रदेश में नगर निकायों में पर्यावरण मित्रों का दर्जा प्राप्त सफाई कर्मचारियों के लिए दो लाख रुपए की धनराशि बीमा के रूप में व्यवस्थित की है। उन्होंने बताया कि इस बीमा राशि का उपयोग स्वीकृत मद में ही किया जाएगा।

जीएसटी विभाग की योजना से जागरुक हो रहे उपभोक्ता

क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बिल लाओ इनाम पाओ योजना के तहत जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर माह के लक्की ड्रा के लाभार्थियों को पुरस्कार वितरित किये। इस दौरान डॉ अग्रवाल ने मोबाइल फ़ोन, स्मार्ट वाच और हेड फ़ोन वितरित किये।
शुक्रवार को जीएसटी भवन ऋषिकेश में आयोजित कार्यक्रम में डॉ अग्रवाल ने बताया कि योजना के अन्तर्गत दिनांक 01 सितम्बर, 2022 से अब तक 48,658 उपभोक्ता पंजीकृत हुये हैं, जिनके द्वारा 246,178 बिल अपलोड किये गये हैं तथा जिनका कुल मूल्य रु0 93,45 करोड़ है। बताया कि दिनांक 01 अप्रैल, 2023 से दिनांक 31 अक्टूबर, 2023 अब तक 18,437 उपभोक्ता पंजीकृत हुये हैं। जिनके द्वारा 159,263 बिल अपलोड किये गये हैं तथा जिनका कुल मूल्य रु0 52.12 करोड़ है। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि योजना को लेकर जनता में असीम उत्साह है एवं उनके द्वारा अधिकाधिक बिलों को अपलोड किया गया है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत पुरस्कार विजेताओं तथा पुरस्कार वितरण में पूर्ण पारदर्शिता रहे इसीलिए इस सम्पूर्ण प्रक्रिया में कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं रखा गया है। सम्पूर्ण कार्यवाही इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पूर्ण की जाती है। डॉ अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा पूर्व में दिनांक 01 सितम्बर, 2022 से दिनांक 31 मार्च, 2023 तक लागू बिल लाओ ईनाम पाओ योजना को दिनांक 30 नवम्बर, 2023 विस्तारित किया गया है। बताया कि योजना को दिनांक 01 अप्रैल, 2023 से, ऑनलाइन खरीद पर प्राप्त बिलों को छोड़कर, जीएसटी के अंतर्गत समस्त कराधेय वस्तुओं तथा सेवाओं के विरुद्ध जारी बिलों पर लागू किया गया है। इसके अंतर्गत दिनांक 30 नवम्बर, 2023 तक बीलिप एप पर बिल अपलोड करने वाले ग्राहकों को मासिक पुरस्कारों के अंतर्गत 1500 पुरस्कार दिए जायेंगे तथा दिनांक 01 सितम्बर, 2022 से दिनांक 30 नवम्बर, 2023 तक अपलोड किये गए बिलों पर ग्राहकों को दिनांक 30 नवम्बर, 2023 के पश्चात मेगा पुरस्कार भी दिए जायेंगे।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि इसके अतिरिक्त अपलोड किये गए प्रत्येक बिल पर customer reward प्रोग्राम लागू करते हुए प्रत्येक अपलोडेड बिल पर पॉइंट्स दिए जाने की व्यवस्था है, जो पुरस्कार/ कैश बैक/ डिस्काउंट कूपन के रूप में दिए जायेंगे। इस योजना में जीएसटी के अंतर्गत पंजीकृत ऐसे व्यापारियों को भी पुरस्कृत किया जायेगा, जिनके प्रतिष्ठान से सर्वाधिक बिल अपलोड किये जायेंगे तथा उनके द्वारा ग्राहकों से सर्वाधिक संख्या में एप डाउनलोड करवाना सुनिश्चित करते हुए योजना के वृहद प्रचार प्रसार में योगदान दिया जाएगा । इस प्रकार योजना की परिधि को अत्यधिक विस्तृत करते हुए इसे अधिक आकर्षक बनाया गया है।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि गत वर्ष 2022-23 (माह अक्टूबर तक) रु0 4328 करोड़ राजस्व की तुलना में संगत वर्ष 2023-24 (माह अक्टूबर तक) में रु0 4776 करोड़ राजस्व प्राप्त किया गया है, जो कि लगभग 09% अधिक है। वर्ष 2023-24 के लिए राज्य कर विभाग हेतु बजटीय राजस्व लक्ष्य रु0 8814 करोड़ रखा गया है l इस क्रम में माह अक्टूबर, 2023 तक निर्धारित राजस्व लक्ष्य रु0 4861 करोड़ के सापेक्ष रु0 4776 करोड़ की प्राप्ति कर ली गयी है, जो कि निर्धारित राजस्व लक्ष्य का लगभग 98% है।

सीएम धामी ने मॉर्निंग वॉक के दौरान गुजराती लोगों से की मुलाकात

दो दिवसीय अहमदाबाद दौरे पर आज प्रातः काल मॉर्निंग वॉक पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साबरमती रिवर फ्रंट क्षेत्र का भ्रमण किया। सुनियोजित रूप से विकसित किया गया यह रिवर फ्रंट गुजरात के विभिन्न पर्यटन स्थलों में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। देश-विदेश से इस रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट को लगभग 20 से अधिक पुरस्कार मिले हैं।

इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थानीय लोगों से बातचीत कर गुजरात के विकास पर उनके विचार एवं अनुभव को सुना और उन्हें देवभूमि उत्तराखंड आने के लिए आमंत्रित भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि साबरमती रिवर फ्रंट को बहुआयामी रूप से विकसित कर पर्यटन केंद्र बनाने का अभूतपूर्व कार्य गुजरात प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में हुआ है। यह फ्रंट इकोलॉजी और इकॉनमी के अद्भुत समन्वय का प्रतीक है।

वित्त मंत्री ने मां गंगा से की मुख्यमंत्री की दीघार्यु की कामना, जानिए…

क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने तीर्थ नगरी में खुली शराब की डिपार्टमेंटल स्टोर को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा सख्त कदम उठाए जाने पर उनका आभार प्रकट किया है। डॉ अग्रवाल ने मॉ गंगा से मुख्यमंत्री श्री धामी जी की दीर्घायु व यशस्वी होने की कामना भी की।

बता दें कि डॉ अग्रवाल ने शराब के डिपार्टमेंटल स्टोर को लेकर शनिवार को विधानसभा में बागेश्वर विधायक के शपथ ग्रहण के दौरान एक बार पुनः मुलाकात की थी। बताया था कि डिपार्टमेंटल स्टोर खुलने से तीर्थनगरी की अध्यात्म वाली पहचान को नुकसान पहुंच रहा है। बताया था कि इन दुकानों के खुलने मात्र से अधिकांश जनमानस और भी ज्यादा शराब की ओर आकर्षित हो रहा है।

डॉ अग्रवाल ने बताया था कि डिपार्टमेंटल स्टोर के समीप विद्यालय, अस्पताल और सरकारी व अन्य सामाजिक भवन है, इन पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। इसके अलावा पर्यटक, तीर्थयात्री भी गलत संदेश लेकर यहां से जाएंगे।

डॉ अग्रवाल ने बताया था कि ऋषिकेश की महिलाएं व आध्यात्मिक धर्म गुरुओं ने भी इसके विरोध में आवाज़ तेज़ की हुई है। उन्होंने बताया था कि ऋषिकेश एक शांतप्रिय स्थल है। ऐसे में यहां शराब की डिपार्टमेंटल स्टोर का खुलना इसके अस्तित्व को कमजोर करने जैसा है।

डॉ अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से दुकानों को बंद करने का आग्रह किया था। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सकारात्मक कदम उठाते हुए इनके बंद की दिशा में कदम उठाया है। जिस पर डॉ अग्रवाल ने आभार प्रकट किया है।

विजेताओं के पुरस्कार पाकर खिले चेहरे, सरकार की पहल को बताया सराहनीय

वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बिल लाओ, इनाम पाओ योजना के प्रथम व द्वितीय लकी ड्रा के विजेताओं को मोबाइल फोन, स्मार्ट वाच, एयर बड्स वितरित किये। इस दौरान सबसे ज्यादा बिल अपलोड करने वालों को भी सराहा गया। इस मौके पर विजेताओं ने सरकार की जीएसटी बिल जागरूकता को लेकर की जा रही इस योजना की प्रशंसा की।
रिंग रोड स्थित राज्य कर मुख्यालय में बिल लाओ इनाम पाओ योजना के पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस दौरान करीब 100 लोगों को मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने पुरस्कार देकर शुभकामनाएं दी और आगे भी इसी तरह सामान खरीदने के बाद बिल लेने को कहा। उन्होंने कहा कि जीएसटी की चोरी ना करने वाले व्यापारियों और राज्य कर विभाग के अधिकारियों को भी जल्द सम्मानित करेंगे।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि अब तक 18,655 उपभोक्ता पंजीकृत हुये हैं, जिनके द्वारा 28,893 बिल अपलोड किये गये हैं। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं के भीतर इस योजना को लेकर जागरूकता बढ़ी है, उन्होंने कहा कि विजेताओं को पुरस्कार देने के बाद इसमें और बढ़ोतरी होगी।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि पंजीकृत उपभोक्ताओं में सर्वाधिक बिल अपलोड करने वालों में हरी राम टम्टा 91 बिल, साहिल शाह 83 बिल, हर्षित पाण्डे 82 बिल, राजन सिंह के 77 बिल शामिल हैं। उन्होंने बताया कि विक्रेता व्यापारियों में से रिलायंस रिटेल लि0 के 1664 बिल, अशोक अनिल इन्टरप्राइसेस के 1166 बिल, एयर प्लाजा रिटेल होलडिंग प्रा.लि. के 916 बिल अपलोड किये गये हैं।
इस अवसर पर डॉ. अहमद इकबाल, आयुक्त राज्य कर, आईएस बृजवाल, अपर आयुक्त (विशेष वेतनमान) राज्य कर, अनिल सिंह, अपर आयुक्त राज्य कर, अमित गुप्ता, अपर आयुक्त राज्य कर, राकेश वर्मा, संयुक्त आयुक्त राज्य कर, डॉ0 सुनीता पाण्डेय, संयुक्त आयुक्त राज्य कर, प्रवीण गुप्ता, संयुक्त आयुक्त राज्य कर, अनुराग मिश्रा, संयुक्त आयुक्त राज्य कर, एसएस तिरुवा, उपायुक्त राज्य कर सहित अन्य विभागीय अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे।

’राजस्व में हुई वृद्धि’
वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि गत वर्ष 2021-22 (माह जनवरी तक) रुपए 4625 करोड़ राजस्व की तुलना में संगत वर्ष 2022-23 (माह जनवरी तक) में रुपए 6236 करोड़ राजस्व प्राप्त किया गया है, जो कि लगभग 35 प्रतिशत अधिक है। माह जनवरी, 2022 में प्राप्त राजस्व रुपए 526 करोड़ की तुलना में माह जनवरी, 2023 में प्राप्त राजस्व रुपए 640 करोड़ है, जो कि लगभग 22 प्रतिशत अधिक है।

’पुरस्कार के लिए इन नंबरों पर करें संपर्क’
वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि विजेताओं को पुरस्कार प्राप्ति के सम्बन्ध में कोई भी सहायता तथा जानकारी हेतु विभाग द्वारा हेल्पलाइन नंबर 1800-120-122-277, 7618111270 तथा 7618111271 जारी किया गया है, जिस पर पुरस्कार प्राप्ति के सम्बन्ध में किसी भी समस्या के निराकरण के प्रयोजन से संपर्क किया जा सकता है।

वित्त मंत्री बोले-आम जन मानस के हित को देखते हुए बनाना है अगला बजट

शीतकालीन विधानसभा सत्र में वर्ष 2022-23 का प्रथम अनुपूरक और जनहितकारी बजट बनाने को लेकर कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बजट निदेशालय के अधिकारियों से मुलाकात कर बधाई दी।
गुरुवार को विधानसभा स्थित कार्यालय में अग्रवाल ने बजट अधिकारियों की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि अनुपूरक बजट जनहितकारी हैं, इसे सभी वर्ग को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। इसका लाभ राज्य की जनता को सीधा मिलेगा। कहा कि बजट को बनाने में बजट निदेशालय के अधिकारियों की अहम भूमिका हैं।
अग्रवाल ने कहा कि बजट को कम समय के भीतर बेहतर बनाया गया, इसके लिए अधिकारियों की कार्यशैली प्रशंसनीय है। उन्होंने अधिकारियों की मेहनत की सराहना करते हुए हौसला अफजाई भी की। उन्होंने कहा कि सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण हमारा ध्येय था, ध्येय है और सदैव रहेगा। उन्होंने कहा कि बजट में सुदृढ़ वित्तीय अनुशासन और राजकोषीय प्रबंधन को पहली प्राथमिकता का आधार बनाया गया है, जो कि प्रशंसनीय है। कहा कि यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमन्ते तत्र देवता, सर्वे भवन्तु सुखिनः के लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए सामाजिक न्याय के लिये सबका साथ सबका विकास किया गया है।
अग्रवाल ने कहा कि अधिकारियों के द्वारा ही बजट को नए विचारों का, नए संकल्पों का, सुराज के सपनों को पूरा करने का, विकास का और सेवा सुशासन, और गरीब कल्याण का जीवंत दस्तावेज बनाया जा सका। मौके पर अग्रवाल ने आगामी बजट को ओर भी बेहतर बनाने के लिए पूर्व से ही तैयारी करने को कहा।
इस मौके पर सचिव वित्त दिलीप जावलकर सहित बजट निदेशालय के अधिकारी मौजूद रहे।