सहारनपुर के युवक को गंगा में डूबने से बचाया

तीर्थनगरी ऋषिकेश के त्रिवेणीघाट में स्नान करते समय अचानक पैर फिसलने से एक युवक का पानी के तेज बहाव में आकर बहने लगा। घाट पर मौजूद लोगों का शोर सुनकर मौके पर पहुंचे आपदा राहत और जल पुलिस के जवानों ने रेक्स्यू कर पानी में काफी दूर तक बह चुके युवक को बचा लिया।

त्रिवेणीघाट चौकी प्रभारी जगत सिंह के मुताबिक रविवार दोपहर 12.45 मोहित कुमार (23) पुत्र प्रताप सिंह निवासी शेखपुरा, जिला सहारनपुर यूपी त्रिवेणाीघाट पर पहुंचा। इस दौरान उसने कपड़े उतारे और स्नान करने लगा। अचानक उसका पैर फिसलकर तेज बहाव में चपेट आकर बहने लगा। पुलिस की टीम ने रेक्स्यू कर बचा लिया। टीम में रवि बालिया, कांस्टेबल पंकज जखमोला, हरीश गुसाईं, जयदीप सिंह, सुभाष सिंह, गोताखोर विनोद सेमवाल शामिल रहे।

नहाते समय गंगा में डूबा व्यक्ति लापता

शीशमझाड़ी स्थित स्वामी नारायण आश्रम घाट पर आश्रम का सेवादार स्नान करते समय गंगा के तेज बहाव में आकर बह गए। सूचना पर एसडीआरएफ की टीम ने गंगा में लापता व्यक्ति की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया। लेकिन कहीं पता नहीं चल पाया।
एसडीआरएफ उपनिरीक्षक कविंद्र सजवाण ने बताया कि मंगलवार सुबह 7 बजे स्वामीनारायण आश्रम घाट पर स्नान करते समय एक व्यक्ति डूब गया। इसकी सूचना मिलने पर एसडीआरएफ की टीम ने गंगा में सर्च ऑपरेशन चलाया। लेकिन पता नहीं पाया। बताया कि गंगा में लापता व्यक्ति की पहचान प्रवीण भाई 59 पुत्र माधा भाई निवासी सूरत गुजरात के रूप में हुई है। यहां पर वे स्वामी नारायणा आश्रम में सेवादार के रूप में कार्य करते थे। मामले की जानकारी पुलिस ने परिजनों को दे दी है। बुधवार को फिर से उनकी तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया जायेगा।

हृषिकेश भगवान भरत महाराज की डोली यात्रा में उमड़े श्रद्धालु

वसंत पंचमी पर शनिवार को प्राचीन श्री भरत मंदिर से हृषिकेश भगवान भरत महाराज की डोली यात्रा धूमधाम से निकाली गई। श्रद्धालुओं ने यात्रा मार्ग पर रंगोली सजाकर और पुष्प वर्षा कर डोली का स्वागत किया।
शनिवार को झंडा चौक स्थित श्री भरत मंदिर में पूजा अर्चना के बाद पारंपरिक वाद्य यंत्रों के बीच भगवान भरत की डोली निकाली गई। महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज ने डोली की पूजा अर्चना की। मंदिर परिसर से निकली डोली की अगवानी हर्षवर्धन शर्मा, महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज व वरुण शर्मा ने की। पुराने बद्रीनाथ मार्ग मायाकुंड से होकर डोली त्रिवेणी घाट पहुंची। यहां डोली को गंगा स्नान कराया गया। इसके बाद डोली मंदिर परिसर में पहुंची।
डोली यात्रा में महामंडलेश्वर ललित आनंद महाराज, महामंडलेश्वर दयाराम दास, महेंद्र जगदीश प्रपन्नाचार्य, महंत मनोज द्विवेदी, महंत विनय सारस्वत, महंत रवि प्रपन्नाचार्य, पूर्व पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा, डीडी तिवारी, जयेंद्र रमोला, शूरवीर सिंह सजवाण, सीएस शर्मा, संजीव चौहान, रामकृपाल गौतम, राम चौबे, सुधीर कुकरेती, बचन पोखरियाल, मधुसूदन शर्मा, राहुल शर्मा, कनक धनाई, मेजर गोविंद सिंह रावत, यमुना प्रसाद त्रिपाठी, नवीन मेंदोला, धनंजय रांगड, सुरेंद्र भट्ट, शिव प्रसाद बहुगुणा, जितेंद्र बिष्ट आदि शामिल रहे।

बसंत पंचमी पर डोली निकालने की है परंपरा
पौराणिक मान्यता है कि वसंत पंचमी के दिन ही आद्य गुरु शंकराचार्य ने मायाकुंड गंगा में रखी गई भगवान भरत की मूर्ति को श्री भरत मंदिर में पुनर्स्थापित किया था। तभी से वसंत पंचमी पर उनकी डोली यात्रा निकालने की परंपरा रही है।

चार निर्धन कन्याओं की शादी करवाई
श्री भरत मंदिर परिवार ने वसंत पंचमी पर चार निर्धन कन्याओं की शादी का आयोजन किया। इसमें कन्यादान की पूरी परम्परा का निर्वहन किया गया। बेटियों की विदाई की सारी रस्में निभाई गईं।

त्रिवेणी घाट पर दीप दान कर शहीदों को श्रद्धांजली अर्पित की

उत्तराखण्ड स्थापना की पूर्व संध्या पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला के नेतृत्व में उत्तराखण्ड के शहीदों की स्मृति में त्रिवेणी घाट पर दीप दान कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। जिसमें आंदोलनकारियों व आमजन ने दीप दान में बढ़चढ़कर सहयोग किया।
श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए एआईसीसी के सदस्य जयेन्द्र रमोला ने कहा कि हम शहीदों के बलिदान को कभी भुला नहीं सकते। हमको उनके बलिदान से ही उत्तराखण्ड राज्य की प्राप्ति हुई। हम आज दीप दान कर उनको शत् शत् प्रणाम करते हैं। रमोला ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था ‘उठो, जागो और तब तक रुको नहीं, जब तक लक्ष्य हासिल न हो जाए’। इसे हमें सार्थक करने की पूरी कोशिश करनी होगी। इसी तरह सभी लोग संकल्प लें कि हर व्यक्ति उत्तराखंड प्रदेश और भारत वर्ष के समग्र विकास और समृद्धि के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देगा। यही शहीद राज्य आंदोलनकारियों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। सभी को मिलकर उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है।
दीप दान कार्यक्रम में राजकुमार अग्रवाल, मदन मोहन शर्मा, वेद प्रकाश शर्मा, अरविंद जैन, प्रदीप जैन, सतीश रावत, राजेन्द्र तिवारी, लल्लन राजभर, विक्रम भण्डारी, गम्भीर मेवाड़, धर्मेंद्र गुलियाल, पार्षद शकुंतला शर्मा, यश अरोड़ा, दीपक भारद्वाज, गौरव राणा, परितोष हालदार, प्रिंस सक्सेना, मधु जोशी, शेलेंद्र गुप्ता, राम बदन साहनी, राम नारायण राजभर, इमरान हाशमी, विवेक तिवारी, बुरहान अली, जितेंद्र त्यागी, रोशनी शर्मा, सीमा, सोमवती, अंजू गैरोला, मुनि जानी, वेद प्रकाश शर्मा, संदीप शर्मा, तन्नु रस्तोगी, रेखा चौबे, परमेश्वरी जोशी, कुसुम जोशी, सुनीता ममंगाई, विद्या तिवारी, अरविंद भट्ट, जयपाल सिंह, कमलेश शर्मा, शुकंतला धीमान, सरोजनी थपलियाल, सतीश शर्मा, नवदीप हुडा, परमेश्वर राजभर, अरविन्द भट्ट, जयपाल बिटू, करम चन्द आदि बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

सेवा के 20 वर्ष पूरे होने पर पीएम के नाम पाती

राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और महापौर अनिता ममगाईं सहित बूथ अध्यक्ष एवं शक्ति केंद्रों के संयोजक ने गंगा किनारे बैठकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संवैधानिक पदों पर आसीन होने के 20 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री के नाम पत्र लिखे। जिसमें सभी बूथ अध्यक्षों एवं शक्ति केंद्र संयोजको सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने अपनी भावनाएं अपने पत्र के माध्यम से प्रकट की।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने राजनीतिक संविधानिक जीवन के 20 वर्ष पूरे करने पर ऋषिकेश में आयोजित कार्यक्रम में पहुंच कर देवभूमि के प्रति आकर्षण एवं लगाव को दर्शाया है। उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि उनके द्वारा निरंतर राष्ट्र को आगे बढ़ाने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं वह अद्भुत है।
बलूनी ने कहा है कि बूथ स्तर के कार्यकर्ता संपूर्ण देश में प्रधानमंत्री के समर्थन में उत्साहपूर्वक आज पोस्टकार्ड एवं पत्र के माध्यम से अपनी भावनाएं प्रकट कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता चाहता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व लंबे समय तक इस देश को मिलता रहे, जिससे यह देश विश्व गुरु के पद पर आसीन हो।
इस अवसर पर विधायक देशराज कर्णवाल, राष्ट्रीय मीडिया टीम के सदस्य सतीश लखेड़ा, राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव जेटली, प्रदेश प्रवक्ता भाजपा बिपिन कैंथोला, मंडल अध्यक्ष गणेश रावत, रजनी बिष्ट आदि सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

त्रिवेणीघाट में गंगा आरती कर अविभूत हुई महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी

भाजपा महिला मोर्चा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक रविवार को देहरादून में प्रारंभ हुई। वहीं महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं विभिन्न प्रदेशों से पहुँचे प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने त्रिवेणी घाट पर सायंकालीन गंगा आरती में प्रतिभाग किया एवं देश के विकास व सुख समृद्धि के लिए माँ गंगा से प्रार्थना की। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को गंगाजली भेंट की साथ ही अन्य महिला पदाधिकारियों को रुद्राक्ष की माला एवं पट्टा भेंट कर स्वागत किया।
त्रिवेणी घाट पर 200 से अधिक महिला मोर्चा के पदाधिकारियों के पहुंचने पर ऋषिकेश की महिला कार्यकर्ताओं द्वारा उत्तराखंड के पारंपरिक वेशभूषा में विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ स्वागत किया गया। साथ ही पुष्प वर्षा कर सभी अतिथियों का अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा महिला मोर्चा की कार्य समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष वानती श्रीनिवासन सहित अन्य पदाधिकारियों, महिला सांसदो का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस मौक़े पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा महिलाओं का सम्मान करने वाला संगठन है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण एवं उत्थान के लिए कई विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है जिनका लाभ देश भर की महिलाओं को प्राप्त हो रहा है। अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के निर्माण में महिलाओं की भूमिका अग्रणी रही है एवं देव भूमि उत्तराखंड में महिलाओं का सम्मान सर्वाेपरि माना गया है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि संगठन को मजबूत करने में महिलाओं का विशेष योगदान है।
इस अवसर पर प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम, महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वानती श्रीनिवासन, महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत, उत्तराखंड महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण, नगर निगम मेयर अनीता मंमगाई, प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी, रेखा गुप्ता, प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराधा वालिया, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, वीरभद्र मंडल अध्यक्ष अरविंद चौधरी, ज़िला महामंत्री सुदेश कंडवाल, पार्षद शिव कुमार गौतम, सुंदरी कंडवाल, रजनी बिष्ट, उषा जोशी, रीना शर्मा, कविता साह, अनीता तिवारी, सुमित पवार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रशासन की टीम ने किया परमार्थ निकेतन का निरीक्षण, हुआ चौकाने वाला खुलासा

51 वर्षों से बिना लीज अनुबंध के परमार्थ निकेतन चल रहा है। इसका खुलासा शनिवार को हुई पैमाइश के बाद हुआ है। हाईकोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी पौड़ी धीरज गर्ब्याल ने प्रशासन की एक टीम को पैमाइश करने के लिए परमार्थ निकेतन भेजा। इस दौरान राजस्व, सिंचाई और वन विभाग के अधिकारियों ने परमार्थ निकेतन स्थित गंगा घाट की पैमाइश की। इस दौरान सामने 51 वर्ष पहले ही परमार्थ निकेतन की वन विभाग से हुई लीज डीड की अवधि समाप्ति वाली बात निकलकर आई।

हाईकोर्ट ने पौड़ी डीएम को सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के मामले में 16 दिसंबर को रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने यह आदेश एक याचिका के बाद दिया है। याचिका में यह आरोप है कि परमार्थ निकेतन ने सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण किया है। पैमाइश के दौरान खुलासा हुआ कि वन विभाग ने परमार्थ निकेतन को 2.3912 एकड़ भूमि लीज पर दी थी। लीज की अवधि वर्ष 1968 में ही समाप्त हो चुकी है। इस तथ्य की पुष्टि राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक पीके पात्रो ने की है। उन्होंने बताया कि परमार्थ निकेतन का वन विभाग के साथ केवल 15 वर्षों का अनुबंध हुआ था, लेकिन लीज अनुबंध खत्म होने के बाद अफसरों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। पैमाइश करने वाली टीम में एसडीएम श्याम सिंह राणा, सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता सुबोध मैठाणी, रेंज अधिकारी धीर सिंह, पटवारी कपिल बमराड़ा शामिल थे।

परमार्थ निकेतन का भूमि संबंधी विवाद वीरपुर खुर्द में भी जोर पकड़ रहा है। दरअसल यहां परमार्थ की ओर से संचालित गुरुकुल भी वन विभाग की भूमि पर संचालित है। आरोप है कि निकेतन ने यहां 27 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। इस संदर्भ में पशुपालन विभाग ने भी कोर्ट में काउंटर दाखिल कर स्पष्ट किया है कि उक्त भूमि वन विभाग की है। इस मामले में डीएफओ देहरादून राजीव धीमान का कहना है कि परमार्थ निकेतन की ओर से वीरपुर खुर्द में संचालित गुरुकुल का लीज अनुबंध 1978 में समाप्त हो चुका है। फिलहाल यहां हुए अवैध कब्जे को खाली करवाने के मामले में अफसर अभी चुप्पी साधे हुए हैं। परमार्थ निकेतन के प्रभाव को देखते हुए अफसरों में भी कार्रवाई को लेकर संशय बना हुआ है।

उधर, टाईगर रिजर्व के निदेशक पीके पात्रों ने अनुसार केवल 15 वर्षों के लिए परमार्थ को लीज पर भूमि दी गई थी। वर्ष 1968 में परमार्थ निकेतन के साथ वन विभाग का लीज अनुबंध समाप्त हो गया था। वर्ष 2003 तक परमार्थ निकेतन टाईगर रिजर्व को कर शुल्क जमा करता रहा। लीज के नवीनीकरण के लिए आश्रम की ओर से कई बार कहा गया। वर्ष 1980 में वन अधिनियम के तहत लीज पर देने का प्रावधान खत्म कर दिया गया है। इस कारण लीज के नवीनीकरण का मामला रुक गया।