राज्य आपदा मोचन निधि की मुख्य सचिव ने ली बैठक, दिए निर्देश

मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में आज राज्य आपदा मोचन निधि की राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक के दौरान विभिन्न प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति द्वारा राज्य में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित व्यक्तियों को अहेतुक सहायता, गृह अनुदान एवं अनुग्रह अनुदान आदि के लिए कुम्भ को देखते हुए हरिद्वार को 15 करोड़ एवं अन्य जनपदों को 5-5 करोड़ रूपए की धनराशि प्रदान किए जाने पर सहमति प्रदान की गयी।

मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने आगामी मानसून सत्र में आपदा एवं बचाव कार्यों हेतु गढ़वाल एवं कुमाऊं मण्डल में 15 मई से 30 सितम्बर तक हैलीकाप्टर सेवा सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 15 मई से 30 सितम्बर तक बाउजर सहित हैलीकाप्टर गढ़वाल क्षेत्र हेतु गौचर एवं कुमाऊं क्षेत्र हेतु पिथौरागढ़ में ही रखा जाए ताकि आकस्मिक स्थिति में शीघ्र से शीघ्र हैली सेवा उपलब्ध करायी जा सके।

समिति द्वारा राज्य में प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त विभागीय एवं सार्वजनिक सम्पत्तियों की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण इत्यादि कार्यों हेतु राज्य आपदा मोचन निधि से लोक निर्माण विभाग को 30.00 करोड़ रूपए एवं उत्तराखण्ड जल संस्थान को 20.00 करोड़ रूपए प्रदान किए जाने के प्रस्ताव को सहमति प्रदान की गयी।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव अमित नेगी, कमिश्नर कुमाऊं अरविन्द सिंह ह्यांकि, सचिव डॉ पंकज कुमार पाण्डेय, एस.ए. मुरूगेशन आदि अधिकारी मौजूद रहे।

केंद्र की गाईडलाईन के अक्षरशः पालन के साथ संतों और श्रद्धालुओं की हर सुविधा का ख्याल


मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वर्चुअल प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि दिव्य, सुंदर, स्वच्छ और सुरक्षित कुम्भ का आयोजन कराने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से संकल्पबद्ध है। भारत सरकार की गाईडलाईन का पूरा पालन किया जाएगा, साथ ही इस बात की भी पूरी कोशिश की जा रही है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को गैरजरूरी रोकटोक का सामना न करना पड़ा। साधु संतों और श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। सुरक्षा व्यवस्था भी पूरी तरह से चाकचैबंद की गई है। बसों की संख्या भी बढ़ाई गई है। राज्य सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं से संत महात्मा और श्रद्धालु उत्साहित हैं। पिछले स्नान में पहली बार हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की गई।

केंद्र से मिला पूरा सहयोग, सैंकडों करोड़ के अवस्थापनात्मक और विकास कार्य हुए

कुम्भ मेले के तहत कराए गए विभिन्न कार्यों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि विभिन्न विकास कार्यों के साथ ही भारत सरकार द्वारा कुम्भ मेला के लिए 700 करोड़ रूपए की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। नमामि गंगे द्वारा सफाई व्यवस्था (शौचालय तथा डस्टबिन) के दृष्टिगत रू 58 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई गयी, जिसके अन्तर्गत 11800 अस्थाई शौचालय एवं 6674 अस्थाई मूत्रालयों की स्थापना की गयी है। नमामि गंगे द्वारा सुन्दर कुम्भ मेला की दृष्टि से 01 करोड़ की धनराशि पेन्ट माई सिटी कैम्पेन के अन्तर्गत उपलब्ध कराई गयी। नमामि गंगे द्वारा 78 चेजिंग रूम हेतु रू0 50 लाख की धनराशि उपलब्ध कराई गयी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थाई रूप से 09 स्नान घाटों एवं आस्था पथ हरिद्वार व मुनिकीरेती लागत रु0 4964.65 लाख का निर्माण कराया गया, घाटों की कुल लम्बाई है 1133 मी0 एवं आस्था पथ की लम्बाई 2405 मी0 है। आस्थापथ ऋषिकेश का पुनरोद्धार एवं बाढ़ सुरक्षा कार्य-लागत रू० 1157.65 लाख का कार्य कराया गया है, जिसकी कुल लम्बाई 2.08 कि०मी० है। स्थाई रूप से कुल 157.65 कि0मी0 सड़कों लागत रू0 12751.26 लाख का निर्माण कराया जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थाई रूप से 08 स्थाई सेतुओं लागत रू0 6398.50 लाख का निर्माण कराया गया है, जिनकी कुल लम्बाई 541 मीटर है। पेयजल व्यवस्था के लिए 04 आई वैल, 01 आर०बी०एफ० तथा 04 ट्यूबवैल कुल लागत रू0 1216 लाख का निर्माण कराया गया, जिससे कुल 19.18 एम. एल.डी. अतिरिक्त पेयजल प्राप्त होगा। 8.5 किमी नई सीवर लाईन लागत रू0 487 लाख की बिछाई गयी, जिससे 2312 परिवार लाभान्वित हुये। 25 कि0मी0 भूमिगत केबल परियोजना लागत रू0 301 करोड़ का कार्य कराया गया जिससे 22500 उपभोगक्ता लाभान्वित हुयें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सौन्दर्यीकरण के दृष्टि से 15 चैराहों लागत रू0 600 लाख तथा 123 पार्को लागत रू0 1100 लाख का सौन्दर्यीकरण कार्य कराया गया। सफाई व्यवस्था के दृष्टिगत लगभग 9000 स्वच्छकों की तैनाती मेलावधि में की जा रही है। हर की पैडी का जीर्णोद्धार एवं रोडी बेलवाला का स्थल विकास लागत रू0 34 करोड का कार्य कराया गया। मीडिया कर्मियों के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त मीडिया सैन्टर लागत रु0 257.51 लाख की स्थापना की गयी है।

कुम्भ में स्वास्थ्य सुविधाओं और क्राउड मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ मेले में स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। 150 बैड अस्पताल लागत रु 222.02 लाख की स्थापना की गयी है। उ0प्र0 से डाक्टर, नर्स एवं अन्य मेडिकल स्टाफ की व्यवस्था की गयी है। 463 बैड क्षमता के 39 अस्थाई चिकित्सालयों हेतु उपकरण, दवाईयां, मक्खी – मच्छर नियंत्रण एवं अस्थाई कार्मिकों, श्रमिकों की व्यवस्था हेतु लगभग रु0 7015.83 लाख की व्यवस्था की गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्राउड मैनेजमेंट पर भी खासतौर पर फोकस किया गया है। भीड़ नियंत्रण एवं सुरक्षा हेतु पुलिस सर्विलांस सिस्टम लागत 17.34 करोड़ की स्थापना की गयी है। कुम्भ मेला अवधि हेतु लगभग लागत रु० 118.39 लाख से अस्थाई नेत्र कुम्भ की स्थापना की गयी है।

अधिकारियों को 75 दिन का वर्कप्लान बनाने के निर्देश

जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं, अधिकारियों की जवाबदेही तय।

अधिकाधिक लोगों को लाभान्वित करने के लिए हर विभाग तय करे लक्ष्य।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि 15 अगस्त, 2022 को भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में अमृत महोत्सव का अयोजन किया जा रहा है। इसी के तहत राज्य में लोकहितकारी योजनाओं के क्रियान्वयन करने के लिए अधिकारियों को 75 दिन का वर्क प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। जनकल्याणकारी योजनाओं को सरल, सुगम व पारदर्शी बनाये जाने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों की जबावदेही तय की जायेगी। योजनाओं से जनता को अधिक से अधिक लाभान्वित किये जाने का प्रयास किया जायेगा। अधिकारियों को साफ कर दिया गया है कि विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम समय में सरलता से पहुँचाना है।

शासन स्तर से मुख्य सचिव द्वारा शासन के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, सचिव ( प्रभारी) एवं अपर सचिव स्तर तक के अधिकारियों को उनके दायित्वों के अनुरूप (जनहित से जुड़े प्रकरणों के सम्बन्ध में ) 75 दिन की कार्ययोजना बनाते हुए योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करायेंगे तथा सम्बन्धितों की जबावदेही तय की जायेगी।

समस्त विभागाध्यक्ष अपने अधीनस्थ सक्षम अधिकारियों को योजना के क्रियान्वयन हेतु सम्बन्धित विभाग में जनहित से जुड़ी योजनाओं से सम्बन्धित 75 दिन की कार्ययोजना तैयार करते हुए इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे विभागाध्यक्ष अपने-अपने विभाग से जुड़ी जनकल्याणकारी योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु जबावदेह होगा।

मण्डलायुक्त, अपने-अपने मण्डल के अन्तर्गत जिलाधिकारियों को उनके मूल दायित्वों के अनुरूप कार्ययोजना का निरूपण करने हेतु 75 दिन की कार्ययोजना तैयार करते हुए इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करायेंगे तथा सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारियों की जबावदेही तय होगी।

राज्य में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाये जाने एवं आम जनता की सुरक्षा हेतु पुलिस महानिदेशक द्वारा अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, अपर पुलिस महानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को उनके दायित्वों के अनुरूप कार्ययोजना तैयार करते हुए योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करायेंगे तथा इस हेतु पुलिस महानिदेशक की जबावदेही होगी।

समस्त अधिकारियों का वर्क प्लान 75 घण्टे के भीतर मुख्यमंत्री सचिवालय प्रेषित किया जायेगा। प्रत्येक 30 दिनों के बाद मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक व अन्य विभागाध्यक्ष अपने अधीनस्थ अधिकारियों के वर्क प्लान क्रियान्वयन का अनुश्रवण करेंगे।

कार्ययोजना में सम्बन्धित विभाग की कम से कम 05 महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी योजनाओं को सम्मिलित किया जाना अनिवार्य होगा तथा इन योजनाओं के क्रियान्वयन को सरल, सुगम व पारदर्शी बनाये जाने हेतु विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है।

वनाग्नि प्रबंधन के लिए व्यवस्थाएं की गईं

प्रदेश में वनाग्नि प्रबंधन के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि वन विभाग द्वारा जनपद स्तरीय फायर प्लान तैयार कर लिया गया है। उसी के अनुरूप फायर लाईनो का अनुश्रवण, फायर क्रू स्टेशनों की स्थापना आदि काम किए गए हैं। लगभग 2000 फोरेस्ट फायर किट का क्रय, और फोरेस्ट फायर कंट्रोल रूम की स्थापना के लिए 180 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि विभिन्न वन प्रभागों को अवमुक्त कराई गई है। वनाग्नि सुरक्षा कार्य के लिए उपलब्धतानुसार फायर क्रू स्टेशनों पर 4 से 6 फायर वाचर रखे जाएंगे। जंगल से पिरूल संग्रहण के लिए सभी डीएफओ को निर्देशित किया गया है।

हरिद्वार में अपर मेला अधिकारी पर संतों ने किया हमला

हरिद्वार से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां अपर मेला अधिकारी पर संतों ने हमला कर दिया। साथ ही पुलिसकर्मी को भी जख्मी कर दिया। घटना कनखल में बैरागी कैंप की है।

अखाड़े की जगहों पर विद्युत व्यवस्था ना होने से संत नाराज बताए जा रहे थे। अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह संतो से वार्ता के लिए बैरागी कैंप पहुंचे। उसी दौरान कुछ संतो ने उन पर हमला कर दिया। बीच-बचाव कराने आए उनके गनर को भी बुरी तरह पीटा गया। अपर मेलाधिकारी और उनका गनर घायल हुए हैं। अपर जिलाधिकारी से मारपीट की सूचना पर मेला अधिष्ठान में हड़कंप मच गया। मेला पुलिस व अधिष्ठान के अधिकारी बैरागी कैंप पहुंच गए हैं और हरवीर सिंह से जानकारी ले रहे हैं। घटना को लेकर अधिकारियों में नाराजगी बनी हुई है।

बताया जा रहा है कि घटना श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा में हुई है। मारपीट में अपर मेला अधिकारी का गनर बेहोश हो गया। जिसे अस्पताल ले गए हैं। अखाड़े में अधिकारियों के पहुंचने का क्रम जारी है। कुंभ मेला आइजी संजय गुंज्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, उप मेलाधिकारी मनीष कुमार सिंह, प्रत्यूष सिंह, सीओ सिटी अभय सिंह आदि अखाड़े पहुंचे। वहीं, अखाड़े के संत की अधिकारियों को वार्ता चल रही है। अधिकारियों ने संतों के अलावा बाकी व्यक्तियों को अंदर नहीं जाने दिया। परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल और पैरामिलिट्री फोर्स भी तैनात है।

भूमिगत केबलिंग परियोजना का कुंभ क्षेत्र में हुआ लोकार्पण

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एवं केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री आरके सिंह ने वर्चुअल माध्यम से हरिद्वार के कुम्भ क्षेत्र में भूमिगत केबलिंग परियोजना का लोकार्पण किया।

उन्होंने कहा कि इसी तारतम्य में भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय की आईपीडीएस योजना के अंतर्गत हरिद्वार के कुंभ क्षेत्र में आज भूमिगत केबलिंग परियोजना का लोकार्पण किया गया है। इसके लिए उन्होंने केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री आरके सिंह का आभार जताया।

मुख्यमंत्री एकीकृत विद्युत विकास योजना के अंतर्गत हरिद्वार की विद्युत लाइनों को केबल के माध्यम से भूमिगत किए जाने के लिए भारत सरकार ने 388.49 करोड़ की धनराशि स्वीकृत करने पर केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने उत्तराखंड पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड एवं भूमिगत केबलिंग का कार्य सफलतापूर्वक एवं समय पर पूर्ण कराने पर सराहना भी की। कहा कि इस परियोजना का क्रियान्वयन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी विजन के अनुरूप किया गया है और इस प्रक्रिया में स्थानीय व्यक्तियों के हितों को सर्वोपरि रखा गया है। इस भूमिगत केबलिंग परियोजना के लोकार्पण से कुंभ क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति में कोई भी व्यवधान उत्पन्न नहीं होगा और हरिद्वार के उपभोक्ताओं को 24 घंटे निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति हो सकेगी। इससे बारिश और आंधी-तूफान से जर्जर तारों के टूटने और इससे होने वाली संभावित दुर्घटनाएं भी टल जाएंगी। विद्युत लाइनों के अंडरग्राउंड होने से जहां रखरखाव के खर्च में कमी आएगी वहीं आवासीय व वाणिज्यिक क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण के लिए खुला स्थान उपलब्ध हो सकेगा। इसके साथ ही सड़कों का चैड़ीकरण भी आसानी से हो सकेगा, जिससे वाहनों का दबाव भी कम होगा।

केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री आर.के. सिंह ने कहा कि आज हरिद्वार के कुम्भ क्षेत्र में भूमिगत केबलिंग परियोजना का लोकार्पण किया गया है यह कुंभ क्षेत्र के लिए ही नहीं बल्कि सभी नागरिकों के लिए खुशी का दिन है। हरिद्वार लोंगों की आस्था की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है। हरिद्वार के विकास में हमें भी योगदान देने का मौका मिला, यह हमारा शौभाग्य है। उन्होंने कहा कि अंडरग्राउण्ड केबलिंग से बिजली की गुणवत्ता में बहुत सुधार आता है। अन्डरग्राउण्ड केबलिंग से विद्युत हानि में भी काफी कमी आयेगी। उन्होंने इस प्रोजक्ट को जल्द पूर्ण करवाने के लिए सचिव ऊर्जा राधिका झा एवं यूपीसीएल के अधिकारियों को बधाई दी। आर.के. सिंह ने कहा हरिद्वार में अंडरग्राउण्ड केबलिंग को और विस्तार देने के प्रयास किये जायेंगे। अंडरग्राउण्ड केबलिंग की व्यवस्था से जुड़ने वाला बनारस के बाद हरिद्वार दूसरा राज्य है।

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने भारत सरकार द्वारा बनारस के बाद हरिद्वार शहर को भूमिगत कैबलिंग के लिए चयनित करने के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हरिद्वार में कुम्भ मेले के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण पर्वों में भी भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। भूमिगत केबल होने से यहां की आम जनता के साथ ही श्रद्धालुओं को भी काफी सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि भूमिगत कैबलिंग से बिजली चोरी में भी कमी आयेगी। मुख्य सचिव ने हरिद्वार शहर में भूमिगत केबल के कार्य को समय से पूर्व पूर्ण किए जाने को एक उपलब्धि बताते हुए केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री से उत्तराखण्ड के अन्य पर्यटक स्थलों में भी भूमिगत केबल किए जाने का अनुरोध किया।

कुम्भ मेले से जुड़े अधिकारियों की बैठक में मुख्यमंत्री ने दिये कार्यों को समय से पूरा कराने के निर्देश

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को कुम्भ मेले के विभिन्न निर्माण कार्यों के लोकार्पण के पश्चात मेला नियंत्रण भवन में मेले से जुड़े उच्चाधिकारियों के साथ ही विभागीय नोडल अधिकारियों की बैठक ली।

मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले के कार्यों में तेजी लाये जाने के लिये पूर्व में दिये गये निर्देशों के क्रम में की गई व्यवस्थाओं के प्रति संतोष व्यक्त किया। उन्होंने निर्देश दिये कि आगामी कुम्भ मेले के शाही स्नान पर्वों को सकुशल सम्पन्न कराने में सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझें। उन्होंने इसके लिए आपसी समन्वय एवं समयबद्धता के साथ व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि जो कार्य अंतिम चरण में हैं उन्हें शीघ्र पूर्ण कराया जाये। मुख्यमंत्री ने शहर के आंतरिक मार्गों के निर्माण में भी और तेजी लाने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने डामकोठी के निर्माण कार्य में भी और तेजी लाये जाने के साथ ही कुम्भ क्षेत्र की सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों द्वारा जिस तत्परता एवं जिम्मेदारी के साथ महाशिवरात्रि के शाही स्नान को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए जैसी व्यवस्थाएं की थी, ऐसे ही प्रयास आगामी स्नान पर्वो में भी होने चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है। अतिथि देवों भवः हमारी परम्परा रही है। इसी परम्परा का हमें निर्वहन करना हैं।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने मेला नियंत्रण भवन स्थित कमांड एंड कंट्रोल रूम का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि इस कंट्रोल रूम की व्यवस्थाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जाए। इससे भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंध आदि में भी मदद मिल सकेगी।

मेला नियंत्रण भवन में ही मुख्यमंत्री से किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने अखाड़े के अन्य संतों के साथ भेंट की, तथा अपनी विभिन्न समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।

बैठक में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वामी यतीश्वरानंद, ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर, रानीपुर विधायक आदेश चैहान, सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगोली, गढ़वाल मंडलायुक्त रविनाथ रमन, डीआईजी नीरू गर्ग, मेलाधिकारी दीपक रावत, जिलाधिकारी सी रविशंकर, आईजी कुम्भ संजय गुंज्याल, एसएसपी हरिद्वार सैंथिल अबुदई कृष्ण राज एस, एसएसपी कुम्भ जन्मेजय खंडूडी, अपर मेलाधिकारी डॉ0 ललित नारायण मिश्र, उप मेलाधिकारी अंशुल सिंह, दयानंद सरस्वती सहित बिजली, लोक निर्माण, सिंचाई, पेयजल, जल संस्थान से सम्बंधित अधिकारीगण मौजूद थे।

हरिद्वार में मुख्यमंत्री ने किया लगभग 120 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण

हरिद्वार महाकुंभ 2021 के तहत आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने करीब 120 करोड़ की लागत की विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा की कुंभ पूरे विश्व की धरोहर है और यह 12 साल में एक बार आता है। ऐसे में कुंभ को लेकर लोगों में उत्साह तो जरूर था लेकिन कोविड-19 को लेकर असमंजस की स्थितियां बनी हुई थी। इससे यहां का व्यापारी वर्ग से लेकर आम जन में चिंताएं थी। इसी चिंता को देखते हुए हमारी सरकार ने कुंभ में आने जाने की अनावश्यक रोक टोक को खत्म कर किया है। लेकिन भारत सरकार द्वारा जारी कोविड-19 की गाइडलाइन को हर हाल में पूरा करना होगा।

उन्होंने कहा कि कुंभ पर हमारा पूरा फोकस है। इसे भव्य और दिव्य बनाने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। यहां किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आएगी। अखाड़ा परिषदों से लेकर श्रद्धालुओं को कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुपालन के बारे में बताया गया है। कुम्भ मेले में आवागमन को बेहतर करने के लिए यहां यात्री वाहनों की संख्या में 4 गुना तक का इजाफा किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बने विकास प्राधिकरण के अस्तित्व को हमारी सरकार ने खत्म कर दिया है। हमारी सरकार ने कोविड-19 के दौरान काम करने वालों पर लगे मुकदमों को वापस ले लिया है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहाड़ में रेल का सपना पूरा कर दिया है। पहले लोग सड़क की मांग करते थे आज ट्रेन की बात हो रही है। उनके नेतृत्व में ही यह बदलाव संभव हो पाया है आने वाले दिनों में यहां रोजगार की भी कोई कमी नहीं होगी। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश का नेतृत्व कर रहे हैं लेकिन पूरे विश्व में उनकी नेतृत्व क्षमता का लोहा माना जाता है पूरे विश्व में उनके नेतृत्व की तारीफ की जाती है।

इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा मदन कौशिक, राज्यमंत्री स्वामी यतीस्वरानंद, विधायक आदेश चैहान, सुरेश राठोर, आयुक्त गढ़वाल मंडल रविनाथ रमन आदि मौजूद रहे।

मां गंगा की पूजा अर्चना कर सीएम तीरथ ने जग कल्याण की कामना

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को हरकी पैड़ी पहुंचकर मां गंगा की पूजा-अर्चना की।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत आज हरकी पैड़ी पहुंचे। यहां पर उनका विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चन्द्र अग्रवाल, राज्यमंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, रानीपुर विधायक आदेश चैहान, ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर, भाजपा जिलाध्यक्ष जयपाल सिंह चैहान, जिला महामंत्री विकास तिवारी, मेला अधिष्ठान के अधिकारियों और श्री गंगा सभा के सभापति कृष्ण कुमार शर्मा, अध्यक्ष प्रदीप झा, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, स्वागत मंत्री सिद्धार्थ चक्रपाणी, उज्ज्वल पंडित सहित अन्य लोगों ने स्वागत किया।

इसके बाद श्रीगंगा सभा के आचार्य अमित शास्त्री ने मंत्रोउच्चारण के साथ मुख्यमंत्री श्री रावत से मां गंगा की पूजा-अर्चना ओर आरती कराई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मां गंगा से कुम्भ की सफलता और सभी के कल्याण की कामना की। इसके बाद श्रीगंगा सभा कार्यालय में पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को गंगाजलि, प्रसाद भेंट किया।

सीएम तीरथ सिंह रावत ने शाही स्नान पर पहुंचे श्रद्धालुओं का पुष्पवर्षा कर किया स्वागत, लिया संतो का आर्शीवाद

महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आज हरिद्वार में हर की पैड़ी पहुंचकर मां गंगा से प्रदेशवासियों की खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना की।

इस अवसर पर शाही स्नान के लिए मां गंगा के तट पर आए साधु-संतों और श्रद्धालुओं का मुख्यमंत्री ने स्वागत किया। इस अवसर पर श्री गंगा सभा के पदाधिकारियों ने भी मुख्यमंत्री का गंगाजली, प्रसाद और चुनरी भेंट कर स्वागत किया।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सभी साधु-संतों का आभार माना। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर मां गंगा में शाही स्नान करने के लिए श्रद्धालु रात से ही जुटने लगे थे। जनता की सुविधा के लिए हमारी सरकार ने सभी इंतजाम कर रखे हैं। कई श्रद्धालुओं ने अलसुबह स्नान किया और वे सुरक्षित अपने घरों को लौटे। इसके पश्चात अखाड़े के साधु-संतों का स्नान शुरू हुआ और सभी ने शांतिपूर्ण तरीके से स्नान किया। सभी अखाड़े के साधु संतों का स्नान होने के पश्चात फिर जनता ने स्नान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ में जनता के लिए कोई भी रोक-टोक नहीं है, किसी से भी सख्ती नहीं की जाएगी। उन्होंने जनता से निवेदन किया कि कोविड-19 से बचाव की गाइडलाइन का पालन करने के साथ ही मास्क पहनने व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कुंभ का प्रथम शाही स्नान है। इसे विशेष बनाने के लिए सभी साधु-संतों का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि सभी साधु-संत काफी खुश नजर आ रहे हैं साथ ही प्रशासन भी जनता की समस्याएं दूर करने के लिए मुस्तैदी से लगा है। उन्होंने कहा कि दिव्य, भव्य और सुरक्षित कुंभ के आयोजन के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।

महाशिवरात्रि पर शाही स्नान से पूर्व श्रद्धालुओं पर होगी पुष्प वर्षाः तीरथ सिंह रावत

हरिद्वार कुम्भ मेले में महाशिवरात्रि के अवसर पर पहले शाही स्नान में श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी। शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने यह निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जरूरी सावधानियों का पालन करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो। आगंतुक श्रद्धालु गंगा जी में सुविधापूर्वक पवित्र स्नान कर सकें। संतों का सम्मान सबसे ऊपर है। कुम्भ की दिव्यता और भव्यता सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को मिलकर प्रदेश को विकास की ओर ले जाना है। इसमें जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। अधिकारी अपनी पूरी क्षमता के साथ काम करें। उत्तराखण्ड का विकास हम सभी का दायित्व है। सभी लोग अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा से करें।

बैठक में प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक बंशीधर भगत, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव आनंदवर्द्धन, आरके सुधांशु, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, राधिका झा, दिलीप जावलकर, सौजन्या आदि उपस्थित थे।

महाकुम्भ में संतों के दर्शन मात्र से जीवन होता है सफलः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हरिद्वार में पंचायती अखाड़ा निरंजनी की पेशवाई में शामिल साधु-संतों से आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ में संतों के दर्शन मात्र से ही जीवन सफल हो जाता है। संतों के आशीर्वाद से सरकार दिव्य व भव्य और सुरक्षित कुम्भ के आयोजन में पूरी तरह सफल होगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने हरिद्वार भ्रमण के दौरान सर्वप्रथम पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की छावनी एसएमजेएन पीजी कॉलेज में पहुंचे। जहां महाकुम्भ की पहली पेशवाई अखाड़े की ओर से निकलनी थी। मुख्यमंत्री ने यहां पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, अखाड़े के सचिव व मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी, अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद आदि संतों के साथ पूजन कर पेशवाई को रवाना किया।

इसके बाद मुख्यमंत्री पंचदशनाम जूना भैरव अखाड़ा मायादेवी मंदिर में दर्शन पूजन करने पहुंचे। वहां उन्होंने पूजा अर्चना कर मां से दिव्य व भव्य कुंभ के आयोजन का आशीर्वाद मांगा। उन्होंने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री महंत हरि गिरि आदि से आशीर्वाद लिया। परिसर में ही स्थापित दत्रात्रेय चरण पादुका के साथ ही श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा चरण पादुका का पंच अग्नि अखाड़ा में पूजा की।

यहां से मुख्यमंत्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा कनखल पहुंचे। वहां उन्होंने अखाड़े के महंत रविन्द्रपुरी आदि के साथ धर्मध्वजा का पूजन किया। संतों से आशीर्वाद लेने और कुम्भ की व्यवस्थाओं पर चर्चा के बाद मुख्यमंत्री कनखल स्थित जगदगुरु आश्रम पहुंचे। यहां उन्होंने जगदगुरू शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम से आशीर्वाद प्राप्त किया। वह कनखल के ही शंभू पंचायती अटल अखाड़ा पहुंचे। उन्होंने मंदिर में दर्शन के बाद परिसर में स्थापित धर्मध्वजा का भी पूजन किया।

इसके बाद मुख्यमंत्री बैरागी कैंप कनखल के अखिल भारतीय पंच निर्मोही अनि अखाडे़ पहुंचे। वहां हनुमान मंदिर में पूजा कर अखाड़े के अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास महाराज आदि से आशीर्वाद लिया।

इससे पूर्व गुरूकुल कांगड़ी में बने हैलीपैड पहुंचने पर मुख्यमंत्री का मेलाधिकारी दीपक रावत, आईजी कुंभ संजय गुंज्याल, जिलाधिकारी सी. रविशंकर, वरिष्ष्ठ पुलिस अधीक्षक कुंभ जन्मेजय खंडूड़ी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार सेंथिल अबूदई कृष्ण राज एस, दायित्वधारी डा0 विनोद आर्यां, भाजपा जिलाध्यक्ष डा0 जयपाल सिंह चैहान, जिला महामंत्री विकास तिवारी, नरेश शर्मा, विमल कुमार, उज्जवल पंडित, लव शर्मा आदि ने स्वागत किया।