राहत-बचाव कार्यों में नहीं छोड़ी जाएगी कोई कसर, मुख्यमंत्री ने दिए युद्धस्तर पर कार्रवाई के निर्देश

देहरादून सहित प्रदेशभर में लगातार हो रही अतिवृष्टि के कारण उत्पन्न स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार देर रात्रि को राज्य आपदा परिचालन केंद्र (SEOC) पहुँचे। इस दौरान उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग, SDRF, जिला प्रशासन और अन्य संबंधित एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा कंट्रोल रूम में राजधानी देहरादून तथा प्रदेश के अन्य जनपदों में मंगलवार रात अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी ली तथा युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि के कारण जो लोग भी प्रभावित हुए हैं, उन्हें तत्काल हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाए। जो लोग लापता हुए हैं, उनकी तलाश के लिए युद्धस्तर पर कार्य किए जाएं। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में सरकार सभी प्रभावित परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए की राहत और बचाव कार्यों में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं होनी चाहिए। अधिकारी प्रभावित क्षेत्र का दौरा करें और लोगों की समस्याओं का समाधान करें। उन्होंने आने वाले दिनों में भी मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट को देखते हुए सभी जनपदों में विशेष सतर्कता बरते जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्रदेश में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति पर नजर रखने तथा जनपदों व विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए राहत एवं बचाव कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल सहायता पहुंचाई जाए तथा सभी आवश्यक संसाधनों को सक्रिय किया जाए ताकि किसी भी प्रकार की जनहानि को रोका जा सके। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि बचाव कार्यों में तेजी लाते हुए प्रभावित नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। मुख्यमंत्री ने मौसम पूर्वानुमान को और अधिक सुदृढ़ करने के निर्देश दिए है | उन्होंने आपदा बचाव में साहसिक कार्य करने वाले नागरिकों को भी किया जाए सम्मानित करने की बात कही | सीएम ने पेयजल विभाग को प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल की जल्द से जल्द आपूर्ति के साथ ही पेयजल की गुणवत्ता की निरंतर जांच करने के निर्देश दिए है | मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को विशेष हिदायत देते हुए कहा कि विभाग को आपदा के बाद फैलने वाली संभावित बीमारियों के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है | इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारियां पूरी कर ले |

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि शासन और प्रशासन पूर्ण रूप से अलर्ट मोड में है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जाए तथा राहत शिविरों में आवश्यक व्यवस्थाएं जैसे भोजन, पेयजल, चिकित्सा सुविधा और बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में फील्ड पर कार्य कर रही टीमें, विशेषकर SDRF, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के कर्मचारियों की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि सभी टीमें समन्वित रूप से कार्य करें और जनता को हर संभव सहायता प्रदान करें।

मुख्यमंत्री ने आमजन से भी अपील की कि वे प्रशासन द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर नागरिक के साथ है और संकट की इस घड़ी में हरसंभव मदद प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज दूरभाष पर मुख्यमंत्री से उत्तराखंड में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने प्रदेश को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि केंद्र सरकार आपदा की इस घड़ी में राज्य के साथ मजबूती से खड़ी है।
बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित जनपदों के जिलाधिकारियों से राहत कार्यों की अद्यतन जानकारी ली |

बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव, सचिव आपदा प्रबंधन NDRF, SDRF के अधिकारी सहित वर्चुअल माध्यम से सभी जनपदों के जिलाधिकारी व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

भारी बारिश के बीच ट्रैक्टर से लक्सर पहुंचे सीएम, आपदा प्रभावितों से मिले

राज्य में जारी भारी बारिश और प्राकृतिक आपदा के चलते उत्पन्न संकट की स्थिति के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज सबसे पहले हरिद्वार जिले के लक्सर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुँचे। कठिन परिस्थितियों को दरकिनार करते हुए मुख्यमंत्री ने ट्रैक्टर के माध्यम से ग्रामीण और जलमग्न क्षेत्रों तक पहुँच कर स्थलीय निरीक्षण किया और प्रभावित परिवारों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याएं जानीं।

मुख्यमंत्री धामी ने मौके पर उपस्थित जिला प्रशासन एवं आपदा प्रबंधन अधिकारियों को तत्काल राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों की सुरक्षा, आवास, भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं की सुनिश्चित व्यवस्था की जाए और राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य सरकार इस संकट की घड़ी में हर प्रभावित नागरिक के साथ खड़ी है। हम हर संभव सहायता उपलब्ध कराएँगे और बचाव कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। आपदा से प्रभावित प्रत्येक परिवार को सरकार की ओर से यथासंभव सहायता प्रदान की जाएगी।“

मुख्यमंत्री द्वारा किए गए स्थलीय निरीक्षण के दौरान उन्होंने लक्सर हरिद्वार के गावों में जाकर जलभराव, क्षतिग्रस्त सड़कें, टूटे हुए पुल एवं जल से घिरे घरों का जायज़ा लिया। इस दौरान उन्होंने आपदा प्रभावित परिवारों से बातचीत करते हुए उनकी ज़रूरतों की जानकारी ली और आश्वस्त किया कि राहत कार्यों में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत शिविरों की पर्याप्त व्यवस्था और उनमें समुचित भोजन, पानी, दवाइयाँ एवं साफ-सफाई की व्यवस्था हो। जिन परिवारों को स्थानांतरित करने की आवश्यकता है, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाए। किसानों को हुई फसल क्षति का त्वरित आंकलन कर मुआवजा प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए। आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य शिविर लगाकर चिकित्सा सुविधाएं दी जाएं।

मुख्यमंत्री धामी के इस दौरे से स्थानीय जनता में एक सकारात्मक संदेश गया है और लोगों ने संकट की इस घड़ी में सरकार द्वारा दिखाई जा रही तत्परता और संवेदनशीलता की सराहना की। इस अवसर पर विधायक प्रदीप बत्रा, जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार, अन्य जिला प्रशासन के अधिकारी व स्थानीय लोग मौजूद रहे।

आपदा प्रभावितों को खाद्यान्न, पेयजल और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को देहरादून के रायपुर व थानो क्षेत्र के विभिन्न आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण के बाद सचिवालय में आपदा प्रबन्धन कन्ट्रोल रूम में आपदा से उत्पन्न स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबन्धन के साथ ही आपदा से जुड़े अन्य उच्चाधिकारियों के साथ भी स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने पौड़ी, टिहरी एवं अल्मोड़ा आदि जनपदों के जिलाधिकारियों से दूरभाष पर वार्ता कर अतिवृष्टि से जनपदों में हुए नुकसान की जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को लापता लोगों को ढूढ़ने, रास्तों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के साथ ही प्रभावितों को खाद्यान्न पेयजल तथा चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री के निर्देश पर वाडिया इंस्ट्यिट एवं हेस्को द्वारा भी अपनी टीम के साथ किया आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण किया। टीम द्वारा प्रतिवर्ष आपदा से होने वाले नुकसान को रोकने के सम्बन्ध में भी अपने सुझाव मुख्यमंत्री को देगी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि खाद्यान्न, दवाइयां, ईंधन आदि आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई को एक बार फिर से चेक कर लिया जाए। संचार नेटवर्क में कोई समस्या न आए इसके लिये मोबाईल ऑपरेटर कम्पनियों से लगातार समन्वय रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने ऐसा सिस्टम बनाने को कहा कि राज्य मुख्यालय से प्रसारित सूचना सीमांत क्षेत्रों तक अविलंब पहुंच जाए। सभी विभागीय सचिव और विभागाध्यक्ष आपदा की दृष्टि से अपने-अपने विभागों की नियमित रूप से मॉनिटरिंग करे। आपदा की स्थिति में प्रभावितों के रहने के लिये चिन्हित भवनों और स्थानों का फिर से सुरक्षा की दृष्टि से परीक्षण किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो मार्ग अवरुद्ध हुए हैं, लोगों को आवागमन के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की जाए। जिन इन क्षेत्रों में पेयजल एवं विद्युत की आपूर्ति बाधित हुई है उन क्षेत्रों में विद्युत एवं पेयजल की जल्द सुचारू व्यवस्थाएं की जाय। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आवागमन को सुचारू करने के लिए शीघ्र वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। इसके लिये नदियों व बरसाती नालों के चौनलाइजेशन पर भी ध्यान दिया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन एवं एसडीआरएफ की टीमें निरंतर राहत एवं बचाव कार्यों के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं कर रही हैं। राज्य सरकार सेना से भी संपर्क में हैं। अगर हेलीकॉप्टर की अवश्यकता पड़ी तो सेना से भी मदद ली जाएगी। स्टेट के हेलीकॉप्टर को भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए अलर्ट मोड पर रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा में घायल हुए लोगों को मैक्स अस्पताल में भर्ती किया गया है। उन्होंने स्वयं मैक्स अस्पताल जाकर घायलों का हाल चाल जाना तथा उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। उन्होंने बताया कि इस आपदा में अब तक चार लोगों की मृत्यु हुई है। 13 लोग घायल हुए हैं तथा 12 लोग लापता है। 5 गौशाला क्षतिग्रस्त हुई हैं तथा 78 पशु हानि हुई है।
बताया गया कि पर्याप्त संख्या में एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं। रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा रही हैं। भूस्खलन से रास्ते बंद होने पर तुरंत खोलने के लिए विभिन्न स्थानों पर जेसीबी आदि लगाई गयी हैं।
इस अवसर पर सचिव आपदा प्रबन्धन रणजीत सिन्हा, अपर सचिव रिद्धिम अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने अतिवृष्टि से प्रभावित टपकेश्वर मन्दिर क्षेत्र का भी स्थलीय निरीक्षण किया तथा स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को भविष्य में आपदा से होने वाले नुकसान को कम करने की कार्ययोजना पर ध्यान देने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने टपकेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की भी कामना की।

प्रभारी मंत्री अपने जिलों में राहत कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर प्रभावितों की मदद करे-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जनपदों के प्रभारी मंत्रीगणों से अपेक्षा की है कि प्रदेश में घटित प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत इत्यादि प्रदान किये जाने के उद्देश्य से अपने-अपने जनपदों का अविलम्ब भ्रमण करते हुए आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण, बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा, राहत सामग्री/धनराशि का वितरण एवं प्रभावित परिवारों की कुशल क्षेम तथा क्षतिग्रस्त कार्यों का पुनर्निर्माण इत्यादि की कार्यवाही त्वरित गति से सम्पन्न कराने की व्यवस्था की जाय। उन्होंने कहा कि जनपद के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की जाय ताकि आपदा से प्रभावित जनमानस को यथासमय आसानी से राहत इत्यादि प्राप्त हो सके तथा क्षतिग्रस्त कार्यों को समय से पूर्ण कराया जा सके।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि वर्तमान समय में उत्तराखण्ड राज्य के लगभग समस्त जनपद अतिवृष्टि के कारण आपदा से अत्यधिक प्रभावित हुए हैं। इस आपदा से जनपदों में भूस्खलन, बाढ़ इत्यादि के कारण अत्यधिक नुकसान एवं जनहानि भी हुई है। उक्त आपदा की स्थिति से निपटने के लिये सरकार निरन्तर राहत एवं बचाव कार्यों के लिये पूर्णरूपेण प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्ध में सभी से व्यक्तिगत ध्यान देने के साथ ही आवश्यक सहयोग की भी अपेक्षा की है।

बिगड़े मौसम का पल-पल जायजा लेते रहे सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही वर्षा का लगातार जायजा ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने फोन के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों से जनपदों में बारिश की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिले में बारिश की स्थिति एवं आवागमन की स्थिति की प्रत्येक घंटे की रिपोर्ट दी जाए। प्रशासनिक अमले पहले ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर अलर्ट मोड पर हैं।
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं से भी सावधानी बरतने की अपील की है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर आज प्रदेश के 1 से 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूल बंद रखे गए हैं। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति में रिस्पांस टाइम कम से कम हो। यात्रियों को असुविधा न हो।

बचाव और राहत कार्यों को सीएम ने युद्ध स्तर पर करने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद पिथौरागढ़ के तहसील धारचूला के ग्राम जुम्मा में भारी वर्षा से हुए नुकसान के बारे में कुमाऊं कमिश्नर सुशील कुमार एवं अपर जिलाधिकारी पिथौरागढ़ फिंचाराम से वर्चुअल माध्यम से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्र में मौजूद जिलाधिकारी आशीष चौहान से फोन पर राहत व बचाव कार्यों की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने कुमाऊं कमिश्नर एवं जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्र से लोगों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर लाया जाय। प्रभावितों को रहने के साथ ही खाद्य सामग्री, दवाइयों एवं बच्चों को दूध की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। यह सुनिश्चित किया जाय की प्रभावित क्षेत्र में कोई न फंसे।
मुख्यमंत्री ने कुमाऊं कमिश्नर को निर्देश दिए की प्रभावित क्षेत्र में यातायात व्यवस्था को जल्द शुरू करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जाय। लोक निर्माण विभाग की टीम से जल्द रास्ते का मलवा हटाया जाय। एनएच के जो भी रूट बाधित हो रहे हैं, उनको शीघ्र खुलवाने के लिए जेसीबी एवं अन्य करण की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए।
मुख्यमंत्री ने कुमाऊं कमिश्नर एवं जिलाधिकारी पिथौरागढ़ से बारिश से हुए नुकसान की जानकारी ली । प्राप्त जानकारी के अनुसार 3 लोगों के मृत्यु एवं 4 लोगों के लापता होने की सूचना है। प्रशासन एवं एसएसबी की टीम घटना स्थल पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटी है। जिलाधिकारी पिथौरागढ़ आशीष चौहान प्रभावित क्षेत्र में हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी फोन से जिलाधिकारी से लगातार अपडेट ले रहे हैं। मौसम साफ होते ही मुख्यमंत्री प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगे।
इस अवसर पर केबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक चंद्रा पंत, खजान दास, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आपदा प्रबंधन रिद्धिम अग्रवाल, अपर सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. आनन्द श्रीवास्तव, पिथौरागढ़ से वर्चुअल माध्यम से एडीएम फिंचाराम चौहान मौजूद थे।