अधिकारियों को यू-सेट परीक्षा तिथि घोषित करने के निर्देश

प्रदेश में राज्य पात्रता परीक्षा (यू-सेट) शीघ्र आयोजित की जायेगी। यू-सेट के आयोजन के लिये कुमाऊं विश्वविद्यालय के अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं, शीघ्र ही परीक्षा तिथि घोषित कर दी जायेगी। इस परीक्षा को पास करने पर प्रदेशभर के युवाओं की प्रोफेसर बनने की राह और भी आसान हो जायेगी।
सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि प्रदेश में शीघ्र ही राज्य पात्रता परीक्षा (यू-सेट) आयोजित की जायेगी। उन्होंने बताया कि कुमाऊं विश्वविद्यालय को इस परीक्षा का आयोजन करना है, लिहाजा विश्वविद्यालय प्रशासन को परीक्षा तिथि जल्द घोषित करने के निर्देश दे दिये गये हैं। विभागीय मंत्री डा. रावत ने बताया कि यू-सेट के आयोजन के लिये विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से जरूरी दिशा-निर्देश मांगे गये थे, जिस पर यूजीसी की अनुमति मिल चुकी है। उन्होंने बताया कि परीक्षा को पूरी पारदर्शिता के साथ आयोजित करने हेतु विश्वविद्यालय प्रशासन को ठोस कार्ययोजना बनाने को कहा गया है। उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में लम्बे अंतराल के बाद यू-सेट की परीक्षा आयोजित होने जा रही है लिहाजा इस परीक्षा में प्रदेशभर के हजारों छात्र-छात्राएं सम्मिलित होंगी, परीक्षा के सफल आयोजन को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को सभी औचारिकताएं समय पर पूरे करने को कहा गया है। डॉ. रावत ने उम्मीद जताते हुये कहा कि यू-सेट के सफल प्रतिभागियों राज्य के विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने की राह आसान हो जायेगी। उन्होंने कहा कि यू-सेट में वही कामन विषय शामिल हैं जो मुख्यतः कालेजों में संचालित हैं। जिसमें प्रमुख रूप से हिंदी, इंग्लिश, सोशियल साइंस, हिस्ट्री, ज्योग्राफी, सोशियोलॉजी, फिजिकल एजूकेशन, बायोलॉजी, फिजिक्स, कैमिस्ट्री, इकोनॉमिक्स, कॉमर्स आदि विषय शामिल है।

’क्या है सेट’
स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट (सेट) सहायक प्राध्यापक की नौकरी के लिए अनिवार्य है। इस परीक्षा को पास करने के बाद सीधे तौर पर सहायक प्राध्यापक पद के लिए आवेदन किया जा सकता है। यदि यह नहीं हो तो पीएचडी व नेट होना जरूरी है।

नवाचार के तहत की होगी शोध एवं विकास प्रकोष्ठ की स्थापना

धामी सरकार ने नये शैक्षिक सत्र से उच्च शिक्षा विभाग में तीन नई योजनाएं शुरू करने का निर्णय लिया है। जिसके लिये वित्तीय वर्ष 2023-24 में बजट का प्रावधान कर दिया गया है। नई योजनाओं के तहत राजकीय महाविद्यालयों में शोध एवं नवाचार को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से अनुसंधान एव ंविकास प्रकोष्ठ की स्थापना, छात्र-छात्राओं को उद्यमिता एवं कौशल विकास का प्रशिक्षण तथा स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर मेधावी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जायेगी।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुये उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। जिनकी झलक वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में देखने को मिल रही है। राज्य सरकार ने नवीन वित्तीय वर्ष हेतु बजट में उच्च शिक्षा विभाग के लिये कुल रू0 817 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि शोध, उद्यमिता, कौशल विकास तथा नवाचार उच्च शिक्षा के महत्वपूर्ण घटक हैं जिन्हें इस बजट में सम्मिलित करते हुये राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इसी क्रम में नये शैक्षणिक सत्र से उच्च शिक्षा विभाग तीन नई योजनाएं शुरू करने जा रहा है। जिसके अंतर्गत राज्य के शासकीय महाविद्यालयों में शोध एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिये राज्य अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ की स्थापना हेतु बजट में रू0 2 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है। जबकि महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं में उद्यमिता, कौशल विकास तथा नवाचार को बढ़ावा देने के लिये 7 करोड़ 11 लाख 95 हजार का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर अध्ययनरत छात्र-छात्राओं में प्रतिस्पर्धा तथा गुणवत्ता संवर्धन हेतु प्रत्येक संकाय के तीन श्रेष्ठ छात्र-छात्राओं को न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर छात्रवृत्ति देने का भी निर्णय लिया गया है, जिस हेतु वर्तमान बजट में रू 10 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है।
विभागीय मंत्री ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के उद्देश्य से पूर्व में ही देश के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ समझौता पत्र हस्ताक्षरित किये हैं, जिनमें भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद भी शामिल है जो कि राज्य में अपना एक केन्द्र स्थापित कर उद्यमिता, कौशल विकास व स्टार्टअप संस्कृति को विकसित करने की दिशा में कार्य करेगा।

400 ग्राम प्रधानों को संबोधित किया, सरकारी योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने की बात कही

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज एक दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम के तहत श्रीनगर गढ़वाल पहुंचे। मुख्यमंत्री ने बिरला कैम्पस श्रीनगर में आयोजित ग्राम प्रधान/जनप्रतिनिधियों हेतु जनसंवाद कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग कर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के सतत विकास के लिए सुझाव कार्यक्रम किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधानों का कार्य महत्वपूर्ण होता है। वह समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति से जुड़ा होता है, वह उनके हितों में लगातार कार्य करते हैं। सभी प्रधानगण, जनप्रतिनिधि मनोयोग के साथ कार्य करें। कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। कहा कि सभी ने कोरोना काल में बेहतर कार्य किया है, उन्हें सरकार कोरोना वरियर्स के रूप में सम्मानित कर रही है। कहा कि पंचायती राज व्यवस्था और सुदृढ़ हो इसके लिए व्यवस्था बना रहे हैं। समस्त ग्राम सभाओं में ओपन जिम हेतु शासनादेश जारी कर धन आवंटित किया गया है। जिसके तहत हर ब्लॉक के एक-एक गांव को पायलट प्रॉजेक्ट के रूप में विकसित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न विकासखंडों से आए करीब 400 प्रधानों को संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा। राज्य जब 25वां स्थापना दिवस मना रहा होगा, तब चिर युवा उत्तराखंड सभी क्षेत्रों में देश का अग्रणीय एवं आदर्श राज्य होगा। उन्होंने कहा हमारी सरकार ने प्रत्येक क्षेत्र में विकास का लक्ष्य रखा है। जिसके अंतर्गत प्रत्येक विभाग को आने वाले 10 सालों के लिए रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, लोगों की राय एवं संवाद, विकास में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पलायन, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे तमाम मुद्दों पर आने वाले सालों में किस तरह सरकार और जनता के बीच समन्वय बनाकर कार्य किया जाए, इसके लिए सरकार ने बोधिसत्व विचार श्रृंखला कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसके माध्यम से सरकार विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर चुके अनुभवी लोगों से सुझाव ले रही है। उन्होंने कहा कि इसके आधार पर विकास की रूपरेखा तैयार की जा रही है। सीएम धामी ने कहा 25 साल में उत्तराखंड देश का श्रेष्ठ राज्य बने इसके लिए विकल्पों रहित संकल्प के मंत्र के साथ सरकार लगातार कार्य कर रही है। सरकार प्रत्येक व्यक्ति से आए सुझाव पर कार्य करेगी। सरकार ने लगभग 500 फैसले लिए है, जिनका वित्तीय प्रबंधन कर आकलन किया जा रहा है। सरकार जो घोषणा करेगी, उनका शासनादेश भी जारी करेगी, साथ ही हर घोषणा से पहले उनका वित्तीय आकलन भी किया जाता है उन्होंने कहा कि हम राजनीति में लोकनीति पर कार्य करेंगे। सरकार सबका साथ सबका विकास और सबका प्रयास के उद्देश्य को लेकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन के तहत केदारपुरी का पुनर्निर्माण कार्य, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण तथा ऑल वेदर सड़क मार्ग निर्माण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा सरकार ने लंबे समय से चली आ रही मांगों को देखते हुए पीआरडी जवानों, उपनल कर्मियों, ग्राम प्रधानों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय बढ़ाने का कार्य किया है। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को मिलने वाली पेंशन को भी सरकार ने बढ़ाने का कार्य किया है। खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए राज्य में नई खेल नीति लाई गई है. साथ ही कहा कि हमारी सरकार युवाओं को रोजगार देने पर कार्य कर रही है। सरकार हर क्षेत्र में कार्य कर रही है मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि विभिन्न विभागों में रिक्त चल रहे 24,000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चालू है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से चली आ रही पुलिस भर्ती की मांग को भी सरकार ने पूरा करने का कार्य किया है। साथ ही सरकार स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए भी लगातार कार्य कर ही है हमारा उद्देश्य है कि युवा रोजगार देने वाला बने। आपदा के दौरान सरकार एवं प्रशासन ने पूरी निष्ठा से कार्य किया। जिसके फलस्वरूप बड़े पैमाने पर होने वाले जानमाल के नुकसान से राज्य को बचाया।
उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना काल में सरकार ने जितने भी काम किये उसको धरातल पर बनाये रखने का काम भी किया है। कहा कि कोरोना काल में प्रधानों का कार्य सराहनीय रहा है। कहा कि आजादी के बाद पंचायती राज व्यवस्था के सुदृढ़ रखा तो हमारी सरकार द्वारा रखा गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि श्रीनगर विधानसभा के अंतर्गत 211 ग्राम सभाओं में अभिनव प्रयास कर हर ग्राम सभा में 1-1 पुस्कालय खोले जाएंगे तथा फर्नीचर व पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ उन्होंने कहा कि श्रीनगर विधानसभा के समस्त स्कूलों को चटाई मुक्त किया गया है।
इस अवसर पर विधायक देवप्रयाग विनोद कंडारी, जिला अध्यक्ष भाजपा संपत सिंह रावत, जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे, मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत कुमार आर्य, अपर जिलाधिकारी इला गिरी, अपर पुलिस अधीक्षक मनीषा जोशी, उपजिलाधिकारी आकाश जोशी, अजयवीर सिंह, मुक्ता मिश्र, सीओ श्रीनगर श्याम दत्त नौटियाल, ईओ नगर पालिका प्रदीप बिष्ट, एडीपीआरओ नितिन नौटियाल, प्रधान संघ अध्यक्ष कमल रावत, प्रधान जयवीर रावत, मनीष बहुगुणा, शांति देवी सहित अन्य उपस्थित थे।

विश्वविद्यालय परिसर में सीटें बढ़ाने की मांग को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री से मिले

एबीवीपी ने पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय परिसर श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में विज्ञान, कामर्स और कला संकाय में 20 प्रतिशत सीटें बढ़ाने की मांग उच्चशिक्षा मंत्री धन सिंह रावत से की है। साथ ही उनका कॉलेज में व्याप्त अन्य समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कराया।
कल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के लिए भूमि दान करने वाले स्व. पंडित ललित मोहन शर्मा की प्रतिमा अनावरण में आए उच्च शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत को एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कालेज संबंधी समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा। बताया कि श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विवि का परिसर खुलने के बाद भी कॉलेज में तीनों संकाय में सीटें नहीं बढ़ी है। 12वीं पास छात्र कॉलेज में प्रवेश से वंचित नहीं हो इसके लिए तीनों संकाय में 20 प्रतिशत सीट बढ़ाई जाए। साथ ही कालेज परिसर में शौचालय और बीएसी बिल्डिंग निर्माण, खेल मैदान में छात्राओं के लिए चेंजिंग रूम और प्रदेश में छात्र संघ चुनाव बहाल करने की मांग की। उच्च शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इस मौके पर एबीवीपी जिला प्रमुख विवेक शर्मा, नगर मंत्री अनिरूद्ध शर्मा, दीपक कुमार, शुभम शर्मा आदि मौजूद रहे।

विभिन्न विषयों को लेकर केंद्रीय मंत्री निशंक से मिले उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत

देहरादून। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं उसके कार्यान्वयन, बालिकाओं के लिए शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और अन्य कई योजनाओं सहित विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।

केंद्रीय मंत्री ने धन सिंह रावत से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) पर चर्चा के साथ साथ उत्तराखंड में साइंस कॉलेज खोलने पर भी बात की। इसके अलावा उन्होंने महिला सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं पर चर्चा करते हुए राज्य सरकार से बालिकाओं के लिए उच्च शिक्षा में सुविधा प्रदान करने के लिए प्रस्ताव भी माँगा है।

इस प्रस्ताव में राज्य सरकार हिमालयी, पिछड़े, दूरस्थ और बीहड़ के क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए अपनी तीन-चार प्राथमिकताएं दे सकती हैं जहाँ पर केंद्र सरकार बालिकाओं के लिए उच्च शिक्षा की सुविधाओं को प्रोजेक्ट के रूप शुरू करेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसे प्रोजेक्ट भविष्घ्य में महिला सशक्घ्तिकरण की दिशा में बेहतर समाधान प्रदान कर सकते हैं।

इसके अलावा महिलाओं के लिए दूरस्थ क्षेत्रों में छात्रावास एवं पुस्तकालय की सुविधा उपलब्ध करवाने पर भी बातचीत हुई। केंद्रीय मंत्री ने धन सिंह रावत से पौड़ी, टिहरी और श्रीनगर के तीनों कैम्घ्पसों को विशेषज्ञता के आधार पर अलग-अलग करने पर भी विचार विमर्श किया। इन तीनों में से एक को शोध, एक को जनरल और एक को महिला सशक्तिकरण के लिए केंद्रित किया जाएगा।

डॉ निशंक ने इस पर भी चर्चा की कि किस प्रकार केंद्र सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े राज्यों के सरकारी स्कूलों को पोषित कर सकती है।

उन्होंने देहरादून, उधम सिंह नगर और हरिद्वार में पीपीपी मोड में आईआईआईटी बनाने के साथ साथ एनआईटी श्रीनगर के कार्य में आ रही रुकावट पर भी चर्चा की और कहा कि इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने इसके कार्य में हो रही देरी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, अगर उत्तरदायी संस्था ठीक से कार्य नहीं कर रही है तो किसी और संस्थान से इसके कार्य को पूरा करवाया जाए।

डॉ निशंक ने उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री से कोटद्वार, गोपेश्वर, अल्मोड़ा के कॉलेजों को स्वायत्ता देने के लिए उनकी सूची बनाने कर उसकी सूचना यूजीसी को भी उपलबध करवाने को कहा और यह भी सुझाव मांगे कि निकट भविष्य में स्वायत्तता की दृष्टि से क्या किया जा सकता है।

डॉ निशंक ने राज्य में आईसर और आईआईआईटी की स्थापना पर भी राज्य के शिक्षा मंत्री से सुझाव मांगे हैं और उन्हें आश्वस्त किया है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय इसके लिए जल्द से जल्द शेष अनुदान जारी करेगा।